कालचक्र का आवाहन: दैनिक इतिहास ज्ञान परीक्षा!
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासु साथियों! आज फिर एक बार अतीत की गहराइयों में उतरने और अपने ज्ञान के क्षितिज को फैलाने का समय आ गया है। यह 25 प्रश्नों की विशेष प्रश्नोत्तरी आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग तक के महत्वपूर्ण पड़ावों से रूबरू कराएगी। क्या आप परीक्षा के लिए तैयार हैं? आइए, कालचक्र का आवाहन करें और अपनी तैयारी को परखें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से स्टेडियम के प्रमाण मिले हैं?
- लोथल
- धोलावीरा
- कालीबंगन
- बनावली
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: धोलावीरा, जो गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है, एकमात्र हड़प्पा स्थल है जहाँ से एक विशाल स्टेडियम के प्रमाण मिले हैं। यह संरचना विशाल सार्वजनिक सभाओं और समारोहों के लिए उपयोग की जाती होगी।
- संदर्भ और विस्तार: धोलावीरा अपने उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली, विशाल शिलालेख (जिसे ‘सिंधु लिपि’ का सबसे लंबा शिलालेख माना जाता है) और अनूठी नगर नियोजन के लिए जाना जाता है। यह शहर तीन भागों में विभाजित था: गढ़ (Citadel), मध्य शहर (Middle Town) और निचला शहर (Lower Town)।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, जहाँ गोदी (dockyard) के प्रमाण मिले हैं। कालीबंगन में हल चलाने के प्रमाण और यज्ञवेदियाँ मिली हैं। बनावली से मिट्टी का हल और जौ के साक्ष्य मिले हैं।
प्रश्न 2: किस गुप्त सम्राट को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त (लगभग 335-380 ईस्वी) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने अपनी पुस्तक ‘Early History of India’ में दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान विजेता और कुशल प्रशासक था। उसने अपने शासनकाल में दिग्विजय की नीति अपनाई और उत्तर भारत के लगभग सभी राजाओं को पराजित किया। उसकी विजयों का उल्लेख प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में मिलता है, जिसकी रचना उसके दरबारी कवि हरिषेण ने की थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त कर उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया और ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 3: किस मध्यकालीन भारतीय शासक ने ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ईस्वी) दिल्ली सल्तनत का वह शासक था जिसने बाजार नियंत्रण के लिए एक विस्तृत और कठोर प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिकों के लिए घोड़ों के निशान (dagh) और सैनिकों का हुलिया (chehra) लिखने की प्रथा शुरू की थी, ताकि सेना में अनुशासन बना रहे। बाजार में वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उसने ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक एक नया विभाग स्थापित किया था और ‘शहना-ए- मंडी’ नामक अधिकारी नियुक्त किए थे। इसका मुख्य उद्देश्य सेना के लिए सस्ते दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने दिल्ली सल्तनत की नींव रखी और ‘तुर्क-ए-चहलगानी’ (चालीसा दल) का गठन किया। बलबन ने ‘राजत्व सिद्धांत’ प्रस्तुत किया और चालीसा दल को समाप्त किया। गयासुद्दीन तुगलक तुगलक वंश का संस्थापक था जिसने नहरें बनवाईं और डाक व्यवस्था में सुधार किया।
प्रश्न 4: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन था?
- जियाउद्दीन बरनी
- अमीर खुसरो
- इब्न बतूता
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ 1266 ईस्वी से 1359 ईस्वी तक के बलबन से लेकर फिरोजशाह तुगलक तक के दिल्ली सल्तनत के इतिहास का वर्णन करता है। बरनी ने ‘फतवा-ए-जहांदारी’ नामक एक और महत्वपूर्ण पुस्तक भी लिखी, जिसमें उसने राज्य-शासन की राजनीति पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो एक महान कवि और विद्वान थे, जिन्होंने ‘तुगलकनामा’ और ‘खजाइन-उल-फुतूह’ जैसी रचनाएँ कीं। इब्न बतूता मोरक्को का यात्री था जो मुहम्मद बिन तुगलक के समय भारत आया था और उसने ‘रेहला’ लिखी। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ की रचना की थी, जिसमें ऐबक से लेकर नसीरुद्दीन महमूद तक का इतिहास है।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1320 ईस्वी
- 1336 ईस्वी
- 1347 ईस्वी
- 1405 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था और अपने चरम पर दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली राज्य था। विजयनगर साम्राज्य की प्रशासनिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उपलब्धियां उल्लेखनीय थीं। प्रसिद्ध यात्री डोमिंगो पेस और निकोलो कोंटी ने इस साम्राज्य का वर्णन किया है। कृष्णदेव राय इस वंश के सबसे महान शासक थे।
- गलत विकल्प: 1320 ईस्वी में गयासुद्दीन तुगलक द्वारा तुगलक वंश की स्थापना हुई थी। 1347 ईस्वी में हसन गंगू ने बहमनी सल्तनत की स्थापना की थी। 1405 ईस्वी में कोई महत्वपूर्ण साम्राज्यवादी घटना नहीं घटी थी।
प्रश्न 6: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वरीय धर्म) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक ऐसा धर्म था जो एकेश्वरवाद पर आधारित था और विभिन्न धर्मों के अच्छे तत्वों को सम्मिलित करने का प्रयास था। इसका उद्देश्य राजनीतिक एकता और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना था। हालाँकि, इसे कुछ ही लोगों ने अपनाया और यह ज्यादा सफल नहीं हो सका। यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और नए विचारों के प्रति खुलेपन का प्रतीक था।
- गलत विकल्प: हुमायूँ ने चौसा और बिलग्राम के युद्धों में शेर शाह सूरी से हारने के बाद निर्वासन का जीवन बिताया। जहाँगीर ने ‘जंजीर-ए-अदल’ (न्याय की जंजीर) स्थापित की थी। शाहजहाँ वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसने ताज महल का निर्माण करवाया।
प्रश्न 7: बक्सर का युद्ध कब हुआ था?
- 1757 ईस्वी
- 1764 ईस्वी
- 1775 ईस्वी
- 1782 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 ईस्वी को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अंग्रेजों की सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो ने किया था, जबकि भारतीय पक्ष में बंगाल के पूर्व नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेनाएँ थीं। इस युद्ध में अंग्रेजों की निर्णायक जीत हुई, जिसके परिणामस्वरूप 1765 ईस्वी में इलाहाबाद की संधि हुई। इस संधि ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्राप्त हो गए, जिससे कंपनी एक राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित हुई।
- गलत विकल्प: 1757 ईस्वी में प्लासी का युद्ध हुआ था, जिसमें अंग्रेजों ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हराया था। 1775 ईस्वी में प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध की शुरुआत हुई थी। 1782 ईस्वी में सालबाई की संधि हुई, जिसने प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध समाप्त किया।
प्रश्न 8: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किसने किया था?
- तिलका मांझी
- बिरसा मुंडा
- सिद्धू और कान्हू
- रंपा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: संथाल विद्रोह (1855-56) का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो भाइयों ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह बिहार (वर्तमान झारखंड) में ब्रिटिश सरकार की नीतियों, जमींदारों और साहूकारों के उत्पीड़न के खिलाफ एक प्रमुख आदिवासी आंदोलन था। संथालों ने ‘भोगनाडीह’ नामक स्थान पर एक सभा आयोजित कर विद्रोह की घोषणा की थी। इस विद्रोह को ब्रिटिश सेना ने क्रूरता से दबा दिया था, लेकिन इसने ब्रिटिश सरकार को आदिवासी क्षेत्रों के लिए कुछ कानून बनाने के लिए मजबूर किया, जैसे संथाल परगना टेनेंसी एक्ट (1855)।
- गलत विकल्प: तिलका मांझी ने 1784-85 में भागलपुर के पास ब्रिटिशों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। बिरसा मुंडा ने 1899-1900 में ‘उलगुलान’ (महाक्रांति) का नेतृत्व किया था, जो छोटानागपुर क्षेत्र में था। ‘रंपा’ विद्रोह पूर्वी गोदावरी (आंध्र प्रदेश) में हुआ था, जिसका नेतृत्व अल्लूरी सीताराम राजू ने किया था।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह के दौरान भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे।
- संदर्भ और विस्तार: कैनिंग ने इस विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्रोह के बाद, 1858 में भारत सरकार अधिनियम पारित किया गया, जिसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया और भारत का शासन सीधे ब्रिटिश ताज (Crown) के अधीन कर दिया गया। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं और उनके कार्यकाल को विद्रोह के कारणों में से एक माना जाता है। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट पारित किया था। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन (1905) किया था।
प्रश्न 10: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ किसकी रचना है?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ स्वामी दयानंद सरस्वती की एक महत्वपूर्ण रचना है, जो हिंदी में लिखी गई है।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883) एक महान समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक थे। उन्होंने वेदों को पुनः स्थापित करने और ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया। ‘सत्यार्थ प्रकाश’ में उन्होंने विभिन्न धर्मों और दर्शनों की आलोचना की है और हिंदू धर्म के सिद्धांतों को स्पष्ट किया है। यह उनके विचारों का सार है और इसे हिंदू धर्म के पुनर्जागरण में एक महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और शिकागो धर्म संसद में अपने भाषण के लिए प्रसिद्ध हैं। राजा राम मोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे और उन्होंने सती प्रथा के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह अधिनियम (1856) के लिए प्रयास किया और बांग्ला शिक्षा को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 11: साइमन कमीशन का गठन कब किया गया था?
- 1919
- 1927
- 1930
- 1935
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: साइमन कमीशन का गठन 1927 ईस्वी में ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस कमीशन का उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों की समीक्षा करना था। इसमें सात सदस्य थे, लेकिन सभी सदस्य अंग्रेज थे, किसी भी भारतीय को शामिल नहीं किया गया था। इसके कारण भारत में इसका व्यापक विरोध हुआ। साइमन कमीशन जब 1928 में भारत आया, तो इसका स्वागत ‘साइमन वापस जाओ’ के नारों से किया गया। इस कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर ही भारत सरकार अधिनियम 1935 लाया गया।
- गलत विकल्प: 1919 में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार लागू हुए थे। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ हुआ था। 1935 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ था।
प्रश्न 12: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना 1939 ईस्वी में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन (1939) में अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद, सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के भीतर ही अपने राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाने के लिए इस संगठन की स्थापना की। फॉरवर्ड ब्लॉक का उद्देश्य भारत को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाना और फासीवाद विरोधी शक्तियों के साथ मिलकर साम्राज्यवाद का विरोध करना था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और उन्होंने अहिंसक आंदोलन चलाए। जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के लौह पुरुष थे और उन्होंने रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 13: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- फैजपुर अधिवेशन (1936)
- रामगढ़ अधिवेशन (1940)
- मुंबई अधिवेशन (1942)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को मुंबई (तत्कालीन बंबई) में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया और देशव्यापी अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया। इस आंदोलन का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना था। इस आंदोलन को ब्रिटिश सरकार ने कड़ी कार्रवाई करके दबा दिया, जिसमें गांधीजी सहित कई प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन (1929) में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था। फैजपुर अधिवेशन (1936) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एकमात्र अधिवेशन था जो किसी गांव में आयोजित हुआ था। रामगढ़ अधिवेशन (1940) में व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रस्ताव पारित हुआ था।
प्रश्न 14: ‘गीत गोविंद’ का रचयिता कौन था?
- कवि कालिदास
- कवि बाणभट्ट
- कवि जयदेव
- कवि भवभूति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता 12वीं शताब्दी के प्रसिद्ध संस्कृत कवि जयदेव थे।
- संदर्भ और विस्तार: जयदेव बंगाल के सेन राजवंश के शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। ‘गीत गोविंद’ भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम प्रसंग का काव्यात्मक वर्णन है। इसकी रचना ओड्र (उड़ीसा) और तत्कालीन बंगाल क्षेत्र में हुई मानी जाती है। यह भारतीय साहित्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रचना है, जो भक्ति साहित्य और कला पर गहरा प्रभाव डालती है।
- गलत विकल्प: कालिदास प्राचीन भारत के महान कवि और नाटककार थे, जिनकी प्रमुख रचनाएँ ‘अभिज्ञानशाकुंतलम’, ‘मेघदूत’ आदि हैं। बाणभट्ट सम्राट हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे और उन्होंने ‘हर्षचरित’ तथा ‘कादंबरी’ की रचना की। भवभूति प्राचीन भारत के एक और प्रमुख संस्कृत नाटककार और कवि थे।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से किस अभिलेख से अशोक के कलिंग युद्ध का विवरण मिलता है?
- तीसरा शिलालेख
- सातवां शिलालेख
- तेरहवां शिलालेख
- रॉक एडिक्ट XII
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) का विवरण उसके तेरहवें प्रमुख शिलालेख (13th Major Rock Edict) में मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने कलिंग युद्ध की भयावहता और उसमें हुई जनहानि का वर्णन किया है। युद्ध के बाद हुए पश्चाताप और मानवीय संहार से द्रवित होकर अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया और ‘धर्म’ के प्रचार का निर्णय लिया। यह शिलालेख अशोक के हृदय परिवर्तन और उसकी ‘धम्म’ नीति के सूत्रपात का सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण है।
- गलत विकल्प: तीसरा शिलालेख दान और कछुए की उपाधियों का उल्लेख करता है। सातवां शिलालेख धर्म महामात्रों के कर्तव्य बताता है। रॉक एडिक्ट XII अशोक की धार्मिक सहिष्णुता के बारे में बताता है।
प्रश्न 16: ‘रेहला’ (Rehla) नामक पुस्तक का लेखक कौन था?
- अल-बरुनी
- इब्न बतूता
- अल-मसूदी
- सुलेमान
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘रेहला’ (अरबी में यात्रा विवरण) का लेखक मोरक्को का प्रसिद्ध यात्री इब्न बतूता था।
- संदर्भ और विस्तार: इब्न बतूता 14वीं शताब्दी में (1333-1347 ईस्वी) मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दिल्ली आया था। उसने अपनी यात्राओं का विस्तृत वर्णन ‘रेहला’ में किया है, जिसमें उस समय के भारत की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का सजीव चित्रण मिलता है। उसने दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा उसे काजी (न्यायाधीश) और दूत के रूप में नियुक्त किए जाने का भी वर्णन किया है।
- गलत विकल्प: अल-बरुनी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था और उसने ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी थी। अल-मसूदी एक अरब इतिहासकार और भूगोलवेत्ता था जिसने 10वीं शताब्दी में भारत की यात्रा की थी। सुलेमान एक अन्य अरब यात्री था जिसने 9वीं शताब्दी में भारत के बारे में लिखा था।
प्रश्न 17: किस वायसराय ने ‘भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम’ 1904 पारित किया था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम 1904 लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन (1899-1905) एक ऐसे वायसराय थे जिन्होंने भारत में शिक्षा प्रणाली में सुधार के उद्देश्य से यह अधिनियम लागू किया था। इस अधिनियम का उद्देश्य विश्वविद्यालयों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करना और उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाना था, लेकिन आलोचकों का मानना था कि इसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाना था। इसी कार्यकाल में उन्होंने कलकत्ता निगम अधिनियम (1899) और प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम (1904) भी पारित किए थे।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में वुड डिस्पैच (1854) आया था। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (1878) लागू किया था। लॉर्ड मिंटो (द्वितीय) ने मार्ले-मिंटो सुधार (1909) लाए थे, जिसने सांप्रदायिक निर्वाचन की शुरुआत की।
प्रश्न 18: ‘वन रूल, वन लॉ, वन एंपायर’ (One rule, one law, one empire) की नीति किस वायसराय से जुड़ी है?
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डफरिन
- लॉर्ड लैंसडाउन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘वन रूल, वन लॉ, वन एंपायर’ की नीति लॉर्ड कर्जन से जुड़ी हुई है।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा लॉर्ड कर्जन की प्रशासनिक नीतियों को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य पूरे ब्रिटिश साम्राज्य में एक समान शासन और नियंत्रण स्थापित करना था। कर्जन के कार्यकाल में प्रशासनिक सुधारों पर विशेष बल दिया गया, जिसमें पुलिस सुधार, सिंचाई आयोग, विश्वविद्यालय सुधार और बंगाल का विभाजन शामिल थे। उसका मानना था कि ब्रिटिश शासन भारत के लिए आवश्यक है और उसे मजबूत करने की आवश्यकता है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड रिपन को स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है। लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। लॉर्ड लैंसडाउन ने कारखाना अधिनियम (1891) लागू किया था।
प्रश्न 19: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- अमृतसर अधिवेशन (1919)
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कराची अधिवेशन (1931)
- लखनऊ अधिवेशन (1916)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यहीं पर यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह अधिवेशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने स्वतंत्रता के लक्ष्य को स्पष्ट कर दिया।
- गलत विकल्प: अमृतसर अधिवेशन (1919) में रॉलेट एक्ट का विरोध हुआ और जलियांवाला बाग हत्याकांड की निंदा की गई। कराची अधिवेशन (1931) में गांधी-इरविन समझौते का समर्थन किया गया और मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित हुआ। लखनऊ अधिवेशन (1916) में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच ‘लखनऊ समझौता’ हुआ था, जिसे ‘पैक्ट’ भी कहा जाता है।
प्रश्न 20: ‘सौदागर की मृत्यु’ (The Death of a Salesman) नामक प्रसिद्ध नाटक के लेखक कौन हैं?
- आर्थर मिलर
- यूजीन ओ’नील
- टेनेसी विलियम्स
- सैम शेफर्ड
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘डेथ ऑफ ए सेल्समैन’ (Death of a Salesman) नामक प्रसिद्ध अमेरिकी नाटक के लेखक आर्थर मिलर (Arthur Miller) हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक 1949 में प्रकाशित हुआ था और इसे 20वीं शताब्दी के महानतम नाटकों में से एक माना जाता है। यह विल लोहमैन (Willy Loman) नामक एक मध्यम आयु वर्ग के सेल्समैन के जीवन और उसके अमेरिकन ड्रीम (American Dream) के खोखलेपन को दर्शाता है। इस नाटक ने पुलित्जर पुरस्कार जीता था।
- गलत विकल्प: यूजीन ओ’नील एक अन्य प्रमुख अमेरिकी नाटककार थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। टेनेसी विलियम्स ‘ए स्ट्रीटकार नेमड डिजायर’ (A Streetcar Named Desire) के लिए जाने जाते हैं। सैम शेफर्ड एक समकालीन अमेरिकी नाटककार और अभिनेता थे।
प्रश्न 21: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन बारब्रोसा’ (Operation Barbarossa) क्या था?
- जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर हमला
- मित्र राष्ट्रों द्वारा नॉरमैंडी पर आक्रमण
- जर्मनी का सोवियत संघ पर आक्रमण
- इटली का ग्रीस पर आक्रमण
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘ऑपरेशन बारब्रोसा’ जर्मनी का सोवियत संघ पर आक्रमण था, जो 22 जून 1941 को शुरू हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह द्वितीय विश्व युद्ध का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। हिटलर ने सोवियत संघ के साथ अनाक्रमण संधि (Molotov-Ribbentrop Pact) को तोड़ते हुए इस आक्रमण को अंजाम दिया। यह इतिहास का सबसे बड़ा जमीनी आक्रमण था। प्रारंभ में जर्मन सेना को सफलता मिली, लेकिन भयंकर सर्दियों और सोवियत प्रतिरोध के कारण वे मास्को पर कब्जा करने में असफल रहे। इस आक्रमण ने पूर्वी मोर्चे को खोल दिया और युद्ध का रुख बदल दिया।
- गलत विकल्प: पर्ल हार्बर पर हमला (7 दिसंबर 1941) जापान द्वारा किया गया था। नॉरमैंडी पर आक्रमण (D-Day, 6 जून 1944) मित्र राष्ट्रों द्वारा फ्रांस में किया गया था। इटली का ग्रीस पर आक्रमण 1940 में हुआ था।
प्रश्न 22: ‘वाटरलू का युद्ध’ किस वर्ष हुआ था?
- 1805
- 1815
- 1830
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: वाटरलू का युद्ध 18 जून 1815 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध नेपोलियन बोनापार्ट और उसके फ्रांसीसी सैनिकों और ड्यूक ऑफ वेलिंगटन के नेतृत्व वाली सातवीं गठबंधन सेना के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में नेपोलियन की निर्णायक हार हुई, जिसने उसके शासन का अंत कर दिया और उसे सेंट हेलेना द्वीप पर निर्वासित कर दिया गया। यह युद्ध यूरोप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने महाद्वीप की राजनीतिक शक्तियों को पुनर्व्यवस्थित किया।
- गलत विकल्प: 1805 में ऑस्टरलिट्ज़ का युद्ध हुआ था, जिसमें नेपोलियन विजयी रहा था। 1830 में फ्रांस में जुलाई क्रांति हुई थी। 1848 में पूरे यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।
प्रश्न 23: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ की शुरुआत किस वर्ष हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1799
- 1815
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत 1789 ईस्वी में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: 14 जुलाई 1789 को बास्तील के पतन को क्रांति की शुरुआत माना जाता है। फ्रांसीसी क्रांति का नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था। इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की। इसने पूरे यूरोप और दुनिया भर में राजनीतिक विचारों को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा हुई थी। 1799 में नेपोलियन बोनापार्ट ने सत्ता संभाली, जिससे क्रांति का अंत हुआ। 1815 में वाटरलू के युद्ध के बाद नेपोलियन का पतन हुआ।
प्रश्न 24: ‘कंबोडियाई नरसंहार’ (Cambodian Genocide) के लिए कौन सा राजनीतिक समूह जिम्मेदार था?
- खमेर गणराज्य
- पॉटे की रेड खमेर
- वियत कांग
- खमेर नेशनल यूनियन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कंबोडियाई नरसंहार (1975-1979) के लिए पॉल पॉट के नेतृत्व वाली ‘रेड खमेर’ (Khmer Rouge) राजनीतिक समूह जिम्मेदार थी।
- संदर्भ और विस्तार: रेड खमेर ने कंबोडिया में एक क्रूर कम्युनिस्ट शासन स्थापित किया था, जिसका उद्देश्य एक कृषि-आधारित समाजवादी राज्य बनाना था। इस शासन ने बुद्धिजीवियों, पेशेवरों और अल्पसंख्यकों सहित अनुमानित 1.5 से 2 मिलियन लोगों की हत्या कर दी, जो उस समय की कंबोडियाई आबादी का लगभग एक चौथाई था। उन्होंने जबरन श्रम, भुखमरी, बीमारी और यातना का इस्तेमाल किया।
- गलत विकल्प: खमेर गणराज्य 1970-1975 के बीचLon Nol के नेतृत्व में था। वियत कांग उत्तरी वियतनाम के कम्युनिस्ट लड़ाके थे जो वियतनाम युद्ध में शामिल थे। खमेर नेशनल यूनियन का संबंध उस दौर के राजनीतिक परिदृश्य से है लेकिन नरसंहार के लिए रेड खमेर जिम्मेदार थी।
प्रश्न 25: ‘इंपीरियल कैडेट कोर’ (Imperial Cadet Corps) की स्थापना किसने की थी?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डफरिन
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: इंपीरियल कैडेट कोर की स्थापना 1901 में लॉर्ड कर्जन द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस कोर की स्थापना भारतीय युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य की सैन्य सेवा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से की गई थी। यह ब्रिटिश सरकार के औपनिवेशिक विस्तारवादी नीतियों का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य भारतीय अभिजात वर्ग को अपनी शासन प्रणाली में एकीकृत करना और उनकी निष्ठा सुनिश्चित करना था। इस कोर का मुख्यालय देहरादून में स्थापित किया गया था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में कांग्रेस की स्थापना हुई। लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916) ने दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया और राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे।