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कारगिल विजय दिवस: वीर सपूतों को PM का ‘साहस का सलाम’, द्रास में श्रद्धांजलि

कारगिल विजय दिवस: वीर सपूतों को PM का ‘साहस का सलाम’, द्रास में श्रद्धांजलि

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** 26 जुलाई 2023 को भारत ने 24वां कारगिल विजय दिवस मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर, देश ने 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना के अदम्य साहस, बलिदान और शौर्य को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर सपूतों के साहस को सलाम किया, वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति कारगिल के द्रास में स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। यह दिवस न केवल एक सैन्य जीत का प्रतीक है, बल्कि उन अनगिनत वीरों की गाथा भी है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

यह अवसर UPSC के उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा, भारतीय रक्षा बल, युद्ध के इतिहास, राष्ट्रीय नायकों के सम्मान और सामरिक महत्व के विषयों को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। आइए, इस महत्वपूर्ण दिन के हर पहलू को गहराई से जानें।

कारगिल विजय दिवस: एक राष्ट्र का कृतज्ञतापूर्ण स्मरण

कारगिल युद्ध (1999): संक्षिप्त पृष्ठभूमि**

  • समय: मई – जुलाई 1999
  • स्थान: कारगिल, लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर (तत्कालीन)
  • प्रतिद्वंद्वी: भारत और पाकिस्तान
  • कारण: पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन बद्र के तहत कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) को पार कर भारतीय सीमा में घुसपैठ।
  • उद्देश्य: पाक सेना का उद्देश्य भारतीय सेना को कारगिल-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से दूर करना और कश्मीर पर नियंत्रण को प्रभावित करना था।

यह युद्ध भारत के लिए एक बड़ी सामरिक और राष्ट्रीय गौरव का क्षण था, क्योंकि भारतीय सेना ने विपरीत परिस्थितियों, दुर्गम चोटियों और कड़े मुकाबले के बावजूद दुश्मन को खदेड़ दिया। इस युद्ध ने भारतीय सेना की युद्ध लड़ने की क्षमता, प्रशिक्षण और दृढ़ संकल्प को विश्व पटल पर साबित किया।

प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के विचार: राष्ट्रीय भावना का प्रतिबिंब

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट:**

“कारगिल विजय दिवस पर, मैं उन सभी वीर जवानों को नमन करता हूँ जिन्होंने माँ भारती की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। उनका अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान हमें हर दिन प्रेरणा देता है। जय हिंद!”

प्रधानमंत्री का यह ट्वीट भारत की राष्ट्रीय भावना और वीर जवानों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि राष्ट्र अपने नायकों के बलिदान को कभी नहीं भूलता और उनसे निरंतर प्रेरणा लेता है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की द्रास में श्रद्धांजलि:**

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कारगिल वॉर मेमोरियल, द्रास पहुंचकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कारगिल के रणबांकुरों के शौर्य और बलिदान को याद करते हुए कहा कि भारतीय सेना की वीरता ने न केवल विजय दिलाई, बल्कि देश के दुश्मनों को एक कड़ा संदेश भी दिया। उनके साथ अन्य केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के नीचे वीरगति प्राप्त सैनिकों को सलामी दी।

यह प्रतीकात्मक उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और सशस्त्र बलों के मनोबल को ऊंचा रखने के महत्व को दर्शाती है। द्रास, युद्ध का एक प्रमुख केंद्र होने के नाते, इन वीर गाथाओं का प्रत्यक्ष गवाह है, और वहां आयोजित होने वाले कार्यक्रम विशेष रूप से मार्मिक होते हैं।

कारगिल युद्ध का सामरिक और रणनीतिक महत्व

कारगिल युद्ध केवल एक सैन्य टकराव नहीं था, बल्कि इसके कई गहरे सामरिक और रणनीतिक निहितार्थ थे, जो आज भी भारतीय रक्षा नीति को प्रभावित करते हैं:

  • नियंत्रण रेखा (LoC) का महत्व: इस युद्ध ने नियंत्रण रेखा (LoC) के महत्व और उसकी सुरक्षा की अवहेलना के गंभीर परिणामों को उजागर किया। इसने सीमा प्रबंधन और निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध: कारगिल की विषम भौगोलिक परिस्थितियों (लगभग 15,000 से 18,000 फीट की ऊंचाई) ने भारतीय सेना को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया। इसने पर्वतीय युद्ध (Mountain Warfare) में विशेष प्रशिक्षण और उपकरणों की आवश्यकता को बढ़ाया।
  • हवाई शक्ति का उपयोग: भारतीय वायु सेना (IAF) ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिग-29, मिग-21, जैगुआर और एमआई-17 हेलीकॉप्टर जैसे विमानों का उपयोग दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी करने और भारतीय सैनिकों को समर्थन देने के लिए किया गया। यह पहली बार था जब IAF ने इतनी ऊंचाई पर युद्ध में हवाई श्रेष्ठता स्थापित की।
  • खुफिया तंत्र की भूमिका: युद्ध की प्रारंभिक सूचनाओं और घुसपैठ को पहचानने में खुफिया एजेंसियों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। इससे भविष्य में खुफिया तंत्र को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया।
  • अंतरराष्ट्रीय कूटनीति: युद्ध के दौरान, भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की घुसपैठ को उजागर करने में महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता हासिल की। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान पर भारतीय क्षेत्रों से पीछे हटने का दबाव डाला।

ऑपरेशन विजय: भारतीय सेना का अदम्य पराक्रम

कारगिल युद्ध में भारतीय सेना का अभियान ‘ऑपरेशन विजय’ नाम से जाना जाता है। इस ऑपरेशन में भारतीय थल सेना और वायु सेना ने मिलकर काम किया।

भारतीय थल सेना की भूमिका:**

  • चुनौती: पाकिस्तानी सेना द्वारा कब्जाई गई ऊंचाइयों को पुनः प्राप्त करना, जो अत्यधिक दुर्गम और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण थीं।
  • प्रमुख अभियान: बटलिक, तोलोलिंग, प्वाइंट 4875 (टाइगर हिल), पोलोमा जैसी महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा करने के लिए भीषण लड़ाई लड़ी गई।
  • बलिदान: लगभग 527 भारतीय सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जबकि 1300 से अधिक घायल हुए।
  • नायक: कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र), लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे (परमवीर चक्र), ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (परमवीर चक्र) जैसे वीर जवानों के अदम्य साहस ने युद्ध के परिणाम तय किए।

भारतीय वायु सेना की भूमिका (ऑपरेशन सफेद सागर):**

  • IAF ने 26 मई 1999 को ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ शुरू किया।
  • इसने दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिससे थल सेना को आगे बढ़ने में मदद मिली।
  • IAF ने पहली बार इतनी अधिक ऊंचाई पर हवाई अभियान संचालित किए, जो एक बड़ी उपलब्धि थी।
  • हवाई हमलों ने दुश्मन के मनोबल को तोड़ा और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर किया।

कारगिल विजय दिवस का महत्व और सीख

कारगिल विजय दिवस हमें न केवल जीत का जश्न मनाने का अवसर देता है, बल्कि कई महत्वपूर्ण सबक भी सिखाता है:

  • राष्ट्र सुरक्षा के प्रति सजगता: यह दिवस हमें याद दिलाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी कीमत पर इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
  • सेना का समर्पण: यह भारतीय सशस्त्र बलों के समर्पण, अनुशासन और बलिदान की भावना का प्रतीक है।
  • सामूहिक राष्ट्रीय इच्छाशक्ति: युद्ध में देश की जीत ने प्रदर्शित किया कि जब राष्ट्र एक साथ खड़ा होता है, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।
  • तकनीकी उन्नयन: युद्ध ने आधुनिक युद्ध तकनीकों, खुफिया जानकारी जुटाने के साधनों और संचार प्रणालियों के महत्व को और अधिक स्पष्ट किया।
  • “ऑपरेशन थियेटर” में युद्ध: कारगिल जैसे युद्धों ने साबित किया कि कैसे नियंत्रण रेखा (LoC) पर छोटे पैमाने पर शुरू हुआ संघर्ष भी बड़े युद्ध में बदल सकता है, और ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहना आवश्यक है।

UPSC के लिए प्रासंगिक विषय और पहलू

कारगिल विजय दिवस और कारगिल युद्ध, UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों और विषयों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं:

  1. सामान्य अध्ययन पेपर I (इतिहास): आधुनिक भारतीय इतिहास, स्वतंत्रता के बाद का भारत, प्रमुख युद्ध और उनकी पृष्ठभूमि।
  2. सामान्य अध्ययन पेपर II (शासन और अंतर्राष्ट्रीय संबंध): भारत की विदेश नीति, पड़ोसी देशों के साथ संबंध (विशेषकर पाकिस्तान), राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, कूटनीति।
  3. सामान्य अध्ययन पेपर III (सुरक्षा और रक्षा): राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ, भारतीय रक्षा बल (थल सेना, वायु सेना, नौसेना), आतंकवाद, सीमा पार घुसपैठ, रक्षा प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण सामरिक बिंदु।
  4. निबंध (Essay): राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय नायकों का सम्मान, युद्ध और शांति, भारत की सैन्य शक्ति, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष जैसे विषयों पर निबंध लिखने के लिए सामग्री।
  5. साक्षात्कार (Interview): राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना के प्रति सम्मान, देश के प्रति समर्पण जैसे विषयों पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

क्या कारगिल युद्ध के बाद भारत की रक्षा नीतियों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव आया?

हाँ, कारगिल युद्ध के बाद भारत की रक्षा नीतियों में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए:

  • रक्षा मंत्रालय का पुनर्गठन: रक्षा मंत्रालय में ‘रक्षा प्रबंधन और योजना’ (Defence Management and Planning) जैसे नए विभागों का गठन किया गया।
  • खुफिया तंत्र में सुधार: राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड (National Security Grid) और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (National Security Council Secretariat) को मजबूत किया गया।
  • सीमा निगरानी: नियंत्रण रेखा (LoC) पर निगरानी बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी (जैसे ड्रोन, सेंसर) का अधिक उपयोग शुरू हुआ।
  • सेना आधुनिकीकरण: पर्वतीय युद्ध के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हथियार, उपकरण और संचार प्रणालियों के अधिग्रहण पर जोर दिया गया।
  • “ट्राई-सर्विस” (Tri-Service) संचालन की क्षमता: तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और संयुक्त अभियानों को बढ़ावा दिया गया।
  • कारगिल रिव्यू कमेटी: कारगिल युद्ध की समीक्षा के लिए कारगिल रिव्यू कमेटी का गठन किया गया, जिसने रक्षा और सुरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई सिफारिशें कीं।

कारगिल युद्ध से प्राप्त प्रमुख ‘सबक’ क्या हैं?

प्रमुख सबक:

  • सतर्कता: सीमा पर किसी भी प्रकार की घुसपैठ या साजिश के प्रति हमेशा सतर्क रहना।
  • खुफिया विफलता का दोहराव नहीं: सुनिश्चित करना कि ऐसी खुफिया विफलताएं दोबारा न हों।
  • राष्ट्र की एकता: कठिन समय में राष्ट्रीय एकता और संकल्प का महत्व।
  • लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति: दुर्गम इलाकों में प्रभावी लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की आवश्यकता।
  • वायु शक्ति का सामरिक उपयोग: उच्च-ऊंचाई वाले युद्धों में वायु सेना की महत्वपूर्ण भूमिका।
  • प्रौद्योगिकी का महत्व: आधुनिक युद्ध में उन्नत प्रौद्योगिकी का निर्णायक प्रभाव।

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

भले ही भारत ने कारगिल युद्ध जीता, लेकिन चुनौतियाँ बनी हुई हैं:

  • पाकिस्तान की दुस्साहस: पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन और आतंकवाद को समर्थन जारी रखना।
  • चीन का बढ़ता प्रभाव: चीन द्वारा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास।
  • तकनीकी अंतराल: कुछ क्षेत्रों में अभी भी पश्चिमी देशों की तुलना में तकनीकी अंतराल मौजूद है।
  • सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण: सेना को आधुनिकीकरण की तीव्र गति से आगे बढ़ाना, विशेषकर AI, साइबर वारफेयर और ड्रोन तकनीक जैसे उभरते क्षेत्रों में।
  • “हाई-इंटेंसिटी” संघर्ष की तैयारी: भविष्य में “ऑपरेशन थियेटर” में केवल घुसपैठ नहीं, बल्कि पूर्ण पैमाने पर “हाई-इंटेंसिटी” युद्ध के लिए तैयार रहना।

भविष्य की राह में, भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत करना होगा, कूटनीतिक रूप से अपनी स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना होगा, और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना होगा। कारगिल विजय दिवस हमें इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा और दृढ़ संकल्प प्रदान करता है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. प्रश्न: कारगिल विजय दिवस किस वर्ष के कारगिल युद्ध की स्मृति में मनाया जाता है?
* (a) 1971
* (b) 1999
* (c) 2001
* (d) 2005
* उत्तर: (b) 1999
* व्याख्या: कारगिल विजय दिवस 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर विजय का स्मरणोत्सव है।

2. प्रश्न: कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित अभियान का नाम क्या था?
* (a) ऑपरेशन ब्लू स्टार
* (b) ऑपरेशन मेघदूत
* (c) ऑपरेशन सफेद सागर
* (d) ऑपरेशन विजय
* उत्तर: (c) ऑपरेशन सफेद सागर
* व्याख्या: कारगिल युद्ध में भारतीय वायु सेना के हवाई अभियान को ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ नाम दिया गया था, जबकि थल सेना के अभियान को ‘ऑपरेशन विजय’।

3. प्रश्न: कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के किस जवान को मरणोपरांत ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था?
* (a) मेजर सोमनाथ शर्मा
* (b) कैप्टन विक्रम बत्रा
* (c) लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल
* (d) फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों
* उत्तर: (b) कैप्टन विक्रम बत्रा
* व्याख्या: कैप्टन विक्रम बत्रा को ‘शेरशाह’ के नाम से जाना जाता था और उन्हें कारगिल युद्ध में उनके असाधारण पराक्रम के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

4. प्रश्न: कारगिल युद्ध का प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र कौन सा था?
* (a) सियाचिन
* (b) द्रास
* (c) कारगिल-द्रास सेक्टर
* (d) तवांग
* उत्तर: (c) कारगिल-द्रास सेक्टर
* व्याख्या: कारगिल युद्ध मुख्य रूप से कारगिल और द्रास सेक्टरों में लड़ा गया था, जो जम्मू और कश्मीर (तत्कालीन) के लद्दाख क्षेत्र में स्थित थे।

5. प्रश्न: कारगिल युद्ध के समय भारत के प्रधानमंत्री कौन थे?
* (a) अटल बिहारी वाजपेयी
* (b) इंद्र कुमार गुजराल
* (c) एच. डी. देवेगौड़ा
* (d) पी. वी. नरसिम्हा राव
* उत्तर: (a) अटल बिहारी वाजपेयी
* व्याख्या: कारगिल युद्ध 1999 में हुआ था, जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे।

6. प्रश्न: ‘ऑपरेशन विजय’ का मुख्य उद्देश्य क्या था?
* (a) जम्मू और कश्मीर से अलगाववादी समूहों का सफाया करना
* (b) नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से की गई घुसपैठ को समाप्त करना और खाली कराई गई चोटियों को पुनः प्राप्त करना
* (c) पश्चिमी रेगिस्तानी सीमा पर गश्त बढ़ाना
* (d) भारतीय नौसेना की शक्ति का प्रदर्शन करना
* उत्तर: (b) नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से की गई घुसपैठ को समाप्त करना और खाली कराई गई चोटियों को पुनः प्राप्त करना
* व्याख्या: ऑपरेशन विजय का मुख्य लक्ष्य भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ना और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाइयों को पुनः प्राप्त करना था।

7. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सी चोटी कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के लिए एक प्रमुख लक्ष्य थी और जिस पर कैप्टन विक्रम बत्रा ने विजय प्राप्त की थी?
* (a) तोलोलिंग
* (b) टाइगर हिल (Pt. 4875)
* (c) बटलिक
* (d) जुबार हिल्स
* उत्तर: (b) टाइगर हिल (Pt. 4875)
* व्याख्या: टाइगर हिल, जिसे पॉइंट 4875 के नाम से भी जाना जाता है, कारगिल युद्ध की सबसे प्रतिष्ठित लड़ाइयों में से एक थी, और कैप्टन विक्रम बत्रा ने इस चोटी पर कब्जे के दौरान वीरगति प्राप्त की थी।

8. प्रश्न: कारगिल युद्ध के बाद भारत सरकार द्वारा गठित ‘कारगिल रिव्यू कमेटी’ का प्रमुख कार्य क्या था?
* (a) युद्ध के कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना
* (b) युद्ध के कारणों और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणालियों में कमियों की समीक्षा करना
* (c) पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता शुरू करना
* (d) कारगिल क्षेत्र में विकास परियोजनाओं की योजना बनाना
* उत्तर: (b) युद्ध के कारणों और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणालियों में कमियों की समीक्षा करना
* व्याख्या: कारगिल रिव्यू कमेटी का गठन कारगिल युद्ध से सबक सीखने और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा तथा रक्षा प्रणालियों में सुधार के लिए सिफारिशें करने हेतु किया गया था।

9. प्रश्न: कारगिल युद्ध के संदर्भ में, ‘ऑपरेशन बद्र’ किसका कोडनेम था?
* (a) भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पार करने का अभियान
* (b) पाकिस्तानी सेना द्वारा घुसपैठ और सामरिक चोटियों पर कब्जा करने की योजना
* (c) भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई हमले का अभियान
* (d) कारगिल क्षेत्र में राहत और बचाव अभियान
* उत्तर: (b) पाकिस्तानी सेना द्वारा घुसपैठ और सामरिक चोटियों पर कब्जा करने की योजना
* व्याख्या: ‘ऑपरेशन बद्र’ वह कोडनेम था जिसका उपयोग पाकिस्तान ने कारगिल क्षेत्र में अपनी घुसपैठ और सैन्य अभियानों के लिए किया था।

10. प्रश्न: कारगिल विजय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
* (a) भारत-पाक संबंधों में सुधार करना
* (b) अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना
* (c) भारतीय सेना के शौर्य, बलिदान और विजय का स्मरण करना
* (d) सामरिक स्थानों का निरीक्षण करना
* उत्तर: (c) भारतीय सेना के शौर्य, बलिदान और विजय का स्मरण करना
* व्याख्या: कारगिल विजय दिवस भारत के वीर जवानों के बलिदान को याद करने, उनके शौर्य को सलाम करने और 1999 की विजय का उत्सव मनाने का एक राष्ट्रीय अवसर है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. प्रश्न: कारगिल युद्ध (1999) ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों और रक्षा प्रबंधन को कैसे प्रभावित किया? युद्ध के बाद किए गए प्रमुख सुधारों और भविष्य की चुनौतियों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।
*(Hint: Cover pre-war intelligence failures, post-war committee recommendations like Kargil Review Committee, improvements in border surveillance, intelligence sharing, tri-service coordination, modernization, and ongoing challenges like China’s assertiveness and Pakistan’s proxy war strategy.)*

2. प्रश्न: कारगिल युद्ध में भारतीय वायु सेना की भूमिका ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ पर एक विस्तृत लेख लिखिए। इस युद्ध में उच्च-ऊंचाई वाले हवाई अभियानों के सामरिक महत्व और सीख पर प्रकाश डालिए।
*(Hint: Discuss IAF’s initial challenges, types of aircraft used, specific missions like close air support and interdiction, impact on ground troops, successes in high-altitude combat, and lessons learned regarding airpower in mountainous terrain.)*

3. प्रश्न: कारगिल विजय दिवस केवल एक सैन्य जीत का उत्सव नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति निरंतर सतर्कता और सेना के प्रति अटूट सम्मान का प्रतीक है। इस कथन के आलोक में, कारगिल युद्ध से प्राप्त प्रमुख सबक और वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारतीय सेना की भूमिका का विश्लेषण करें।
*(Hint: Discuss the spirit of sacrifice, strategic implications of the victory, lessons on intelligence, technology, preparedness, and the evolving role of the Indian military in safeguarding national interests against dual threats from China and Pakistan.)*

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