कल की परीक्षा, आज की तैयारी: इतिहास का महासंग्राम!
ऐतिहासिक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह प्रश्नोत्तरी आपको प्राचीन काल की सभ्यताओं से लेकर स्वतंत्रता संग्राम की लपटों तक, और विश्व के बड़े बदलावों तक ले जाएगा। अपनी तैयारी को धार दें और देखें कि इतिहास के पन्नों में आपका ज्ञान कितना गहरा है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से एक गोदी (डॉकयार्ड) का साक्ष्य मिला है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लोथल, जो वर्तमान गुजरात में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख बंदरगाह शहर था। यहाँ से मिले विशाल ढाँचे को पुरातत्वविदों ने एक गोदी (डॉकयार्ड) के रूप में पहचाना है, जो उस समय के उन्नत समुद्री व्यापार का प्रमाण है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल का डॉकयार्ड संभवतः फारस की खाड़ी से आने-जाने वाले जहाजों के लिए बनाया गया था। इसके अलावा, लोथल से हाथी दांत के तराजू और मुहरें भी मिली हैं, जो इसके व्यापारिक महत्व को दर्शाती हैं।
- अincorrect विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो महत्वपूर्ण शहरी केंद्र थे, लेकिन उनके उत्खनन में डॉकयार्ड के स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिले हैं। कालीबंगन से जुते हुए खेत और पक्की ईंटों की वेदिकाएँ मिली हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘सिक्के पर लक्ष्मी की आकृति’ बनवाई थी?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- समुद्रगुप्त
- कुमारगुप्त प्रथम
- हर्षवर्धन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम (शासनकाल 414-455 ईस्वी) ने अपने सिक्कों पर देवी लक्ष्मी की आकृति अंकित करवाई थी। यह उनकी शाही पहचान और संभवतः धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक था।
- संदर्भ और विस्तार: कुमारगुप्त प्रथम के शासनकाल में कला और साहित्य का अभूतपूर्व विकास हुआ। नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है। लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, को सिक्कों पर अंकित करना उस काल की आर्थिक समृद्धि को भी दर्शाता है।
- अincorrect विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानी शासकों के सिक्कों की शैली को अपनाया था। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है और उनके सिक्कों पर वीणा बजाते हुए या अश्वमेध यज्ञ करते हुए आकृतियाँ मिलती हैं। हर्षवर्धन ने भी अपने सिक्कों पर शिव या सूर्य की आकृतियाँ बनवाईं।
प्रश्न 3: ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक महाकाव्य के लेखक कौन थे?
- कम्बन
- तिक्कण
- श्रीनाथ
- कृष्णदेव राय
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अमुक्तमाल्यदा’ (Amuktamalyada) तेलुगु भाषा के महानतम काव्यों में से एक है, जिसे विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी शासक कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1530 ईस्वी) ने स्वयं लिखा था। यह महाकाव्य देवी गोदा (अंडाल) के जीवन और विष्णु के साथ उनके प्रेम पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय न केवल एक कुशल प्रशासक और योद्धा थे, बल्कि एक महान विद्वान और कवि भी थे। उन्होंने स्वयं कई रचनाएँ कीं और अपने दरबार में विद्वानों को आश्रय दिया। ‘अमुक्तमाल्यदा’ को ‘तैरुमोली’ का तेलुगु अनुवाद भी माना जाता है।
- अincorrect विकल्प: कम्बन ने तमिल में ‘रामयाणम’ (कंब रामायण) की रचना की। तिक्कण ने मराठी में महाभारत का अनुवाद किया। श्रीनाथ एक प्रसिद्ध तेलुगु कवि थे जिन्होंने ‘शृंगार नैषधम्’ जैसी रचनाएँ कीं।
प्रश्न 4: औरंगजेब के शासनकाल में निम्नलिखित में से कौन सा प्रमुख विद्रोह हुआ?
- बुंदेला विद्रोह
- सिखों का विद्रोह
- जाटों का विद्रोह
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: औरंगजेब (शासनकाल 1658-1707 ईस्वी) के लंबे और कट्टर इस्लामी शासनकाल में कई प्रमुख विद्रोह हुए। इनमें बुंदेला विद्रोह (वीर सिंह बुंदेला के नेतृत्व में), सिख विद्रोह (गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह के नेतृत्व में), और जाटों का विद्रोह (गोकुल और राजाराम के नेतृत्व में) शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: इन विद्रोहों के मुख्य कारण औरंगजेब की धार्मिक कट्टरता, गैर-मुस्लिमों पर लगाए गए जजिया कर और मंदिरों को तोड़ने की नीतियां थीं। इन विद्रोहों ने मुगल साम्राज्य की नींव को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- अincorrect विकल्प: चूँकि तीनों विकल्प सही हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
प्रश्न 5: 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री कौन थे?
- विंस्टन चर्चिल
- क्लीमेंट एटली
- नेविल चैंबरलेन
- डेविड लॉयड जॉर्ज
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली थे। वे लेबर पार्टी के नेता थे और उन्होंने भारत को स्वतंत्रता देने का निर्णय लिया था।
- संदर्भ और विस्तार: एटली सरकार ने भारत की स्वतंत्रता की प्रक्रिया को संभाला और लॉर्ड माउंटबेटन को भारत के अंतिम वायसराय के रूप में नियुक्त किया, जिन्होंने भारत विभाजन की योजना पेश की। एटली ने 15 अगस्त, 1947 को भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की।
- अincorrect विकल्प: विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री थे और वे भारत की स्वतंत्रता के विरोधी थे। नेविल चैंबरलेन म्यूनिख समझौते के लिए जाने जाते हैं। डेविड लॉयड जॉर्ज प्रथम विश्व युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री थे।
प्रश्न 6: बौद्ध धर्म की किस संगीति में ‘विनय पिटक’ को संकलित किया गया था?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: बौद्ध धर्म की प्रथम संगीति (राजगृह, 483 ईसा पूर्व) में ही ‘विनय पिटक’ को संकलित किया गया था। यह बुद्ध की मृत्यु के तुरंत बाद आयोजित हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी और यह मगध के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (धर्म) और उनके अनुशासन (विनय) को व्यवस्थित करना था। विनय पिटक में भिक्षुओं और भिक्षुणियों के लिए नियमों का संग्रह है।
- अincorrect विकल्प: द्वितीय संगीति (वैशाली, 383 ईसा पूर्व) में भिक्षुओं के अनुशासन को लेकर मतभेद स्पष्ट हुए। तृतीय संगीति (पाटलिपुत्र, 250 ईसा पूर्व) में अभिधम्म पिटक को संकलित किया गया और इसका संरक्षण सम्राट अशोक ने किया। चतुर्थ संगीति (कुंडलवन, 72 ईस्वी) में हीनयान और महायान शाखाएँ स्पष्ट हुईं।
प्रश्न 7: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?
- बाबर
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (Din-i-Ilahi) की शुरुआत मुगल बादशाह अकबर (शासनकाल 1556-1605 ईस्वी) ने 1582 ईस्वी में की थी। यह एक संश्लेषित धर्म था जिसका उद्देश्य सभी धर्मों के मूल तत्वों को जोड़कर एक सामान्य विश्वास प्रणाली बनाना था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर धार्मिक सहिष्णुता में विश्वास रखते थे और उन्होंने विभिन्न धर्मों के विद्वानों के साथ चर्चा के लिए ‘इबादत खाना’ की स्थापना की थी। दीन-ए-इलाही को ‘तौहीद-ए-इलाही’ (ईश्वर की एकता) के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि, यह धर्म आम जनता में लोकप्रिय नहीं हो सका और अकबर के जीवनकाल के बाद इसका प्रभाव समाप्त हो गया।
- अincorrect विकल्प: बाबर मुगल वंश के संस्थापक थे और उन्होंने तुर्की में कविताएँ लिखीं। हुमायूँ को उनके निर्वासन और सत्ता पुनः प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। जहाँगीर को चित्रकला में रुचि थी और उन्होंने न्याय की जंजीर लगवाई थी।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा हड़प्पा स्थल गुजरात में स्थित नहीं है?
- सुरकोटदा
- धोलावीरा
- रोपड़
- लोथल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: रोपड़ (Ropar) पंजाब प्रांत में सतलुज नदी के किनारे स्थित एक महत्वपूर्ण हड़प्पा कालीन स्थल है। यह गुजरात में स्थित नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: रोपड़ में मानव के साथ कुत्ते दफनाने का प्रमाण मिला है, जो एक अनूठी खोज है। यह स्थल सैंधव सभ्यता के उत्तर-पूर्वी विस्तार को दर्शाता है।
- अincorrect विकल्प: सुरकोटदा, धोलावीरा और लोथल तीनों प्रमुख हड़प्पा कालीन स्थल हैं जो वर्तमान गुजरात राज्य में स्थित हैं। धोलावीरा अपनी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
प्रश्न 9: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना दादाभाई नौरोजी ने कब की थी?
- 1866
- 1875
- 1885
- 1893
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: दादाभाई नौरोजी ने ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ (East India Association) की स्थापना 1875 ईस्वी में लंदन में की थी। इसका उद्देश्य भारतीयों और अंग्रेजों के बीच राजनीतिक और सामाजिक संबंधों को सुधारना तथा ब्रिटिश सरकार को भारतीय मामलों से अवगत कराना था।
- संदर्भ और विस्तार: दादाभाई नौरोजी ‘भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन’ के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने भारत की निर्धनता के कारणों पर अपनी प्रसिद्ध ‘ड्रेन थ्योरी’ (Drain Theory) प्रस्तुत की, जिसके अनुसार भारत का धन अंग्रेजों द्वारा लूटा जा रहा था।
- अincorrect विकल्प: 1866 में उन्होंने ‘लंदन इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की थी। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। 1893 में वे ब्रिटेन में संसद सदस्य चुने गए।
प्रश्न 10: हड़प्पा सभ्यता में हल द्वारा खेती के साक्ष्य कहाँ से मिले हैं?
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- कालीबंगा
- बनावली
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: हड़प्पा सभ्यता में हल द्वारा खेती के स्पष्ट प्रमाण कालीबंगन (वर्तमान राजस्थान) से प्राप्त हुए हैं। यहाँ एक खेत के निशान मिले हैं जिसमें हल चलाने की पंक्तियाँ दिखाई देती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कालीबंगन एक महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल है जहाँ से पक्की ईंटों के दुर्ग, अग्निकुंड और अलंकृत ईंटें भी मिली हैं। हल के प्रमाण से पता चलता है कि वे कृषि में उन्नत तकनीक का प्रयोग करते थे।
- अincorrect विकल्प: मोहनजोदड़ो और हड़प्पा प्रमुख शहरी केंद्र थे जहाँ से सार्वजनिक स्नानागार और अन्नागार मिले हैं। बनावली से भी हल के टेराकोटा मॉडल मिले हैं, लेकिन सीधे खेत के साक्ष्य कालीबंगन से अधिक स्पष्ट हैं।
प्रश्न 11: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1325 ईस्वी
- 1336 ईस्वी
- 1347 ईस्वी
- 1410 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों द्वारा की गई थी। यह साम्राज्य दक्षिण भारत के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
- संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का ने तुंगभद्रा नदी के किनारे इस साम्राज्य की नींव रखी और इसका नाम अपने गुरु विद्यारण्य के नाम पर विजयनगर (विजय का शहर) रखा। यह साम्राज्य लगभग 200 वर्षों तक फला-फूला और कला, साहित्य तथा वास्तुकला का प्रमुख केंद्र बना।
- अincorrect विकल्प: 1325 ईस्वी के आसपास मोहम्मद बिन तुगलक का शासनकाल था। 1347 ईस्वी में बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई थी। 1410 ईस्वी में विजयनगर साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण शासक देवराय प्रथम शासन कर रहा था।
प्रश्न 12: ‘राजतरंगिणी’ के लेखक कल्हण किस शासक के समकालीन थे?
- सम्राट अशोक
- सम्राट हर्षवर्धन
- जयसिंह (कश्मीर का शासक)
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘राजतरंगिणी’ (Rajatarangini), जो कश्मीर का इतिहास लिखने वाली प्रथम प्रामाणिक कृति है, के लेखक कल्हण थे। उन्होंने इस ग्रंथ की रचना 12वीं शताब्दी के मध्य में कश्मीर के शासक जयसिंह (शासनकाल 1128-1150 ईस्वी) के संरक्षण में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: कल्हण ने राजतरंगिणी में कश्मीर के राजाओं का विस्तृत वर्णन किया है, जो ऐतिहासिक घटनाओं के क्रमबद्ध अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें राजाओं की वंशावली, उनके शासनकाल की प्रमुख घटनाएँ और सामाजिक-आर्थिक स्थिति का उल्लेख है।
- अincorrect विकल्प: सम्राट अशोक मौर्य वंश के थे और उनका काल बहुत पहले (तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व) था। हर्षवर्धन गुप्तोत्तर काल (सातवीं शताब्दी ईस्वी) के थे। मोहम्मद बिन तुगलक दिल्ली सल्तनत के सुल्तान थे (चौदहवीं शताब्दी ईस्वी)।
प्रश्न 13: किस चार्टर अधिनियम ने भारत में कंपनी शासन को समाप्त कर दिया और ब्रिटिश ताज के शासन की शुरुआत की?
- 1813 का चार्टर अधिनियम
- 1833 का चार्टर अधिनियम
- 1853 का चार्टर अधिनियम
- 1858 का भारत सरकार अधिनियम
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1858 का भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act, 1858) ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया था। इसने ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया और भारत का शासन सीधे ब्रिटिश क्राउन (ताज) के अधीन कर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद पारित किया गया था। इस अधिनियम के तहत भारत के लिए एक नए पद ‘भारत सचिव’ (Secretary of State for India) का सृजन किया गया और वायसराय को भारत में क्राउन का प्रतिनिधि बनाया गया।
- अincorrect विकल्प: 1813 के अधिनियम ने कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त किया (चीन और चाय को छोड़कर) और भारतीयों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष ₹1 लाख की व्यवस्था की। 1833 के अधिनियम ने कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को पूर्णतः समाप्त कर दिया और बंगाल के गवर्नर-जनरल को भारत का गवर्नर-जनरल बना दिया। 1853 के अधिनियम ने कंपनी के शासन को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया और भारत में पहली बार प्रतियोगिता परीक्षाओं की शुरुआत की।
प्रश्न 14: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- कोलकाता अधिवेशन, 1928
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- लखनऊ अधिवेशन, 1916
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन, जो 1929 में हुआ था, में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस अधिवेशन के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इसी घोषणा के बाद भारत में स्वतंत्रता आंदोलन ने एक नई गति पकड़ी और सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई।
- अincorrect विकल्प: कोलकाता अधिवेशन 1928 में मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट पर विचार किया गया था। कराची अधिवेशन 1931 में मौलिक अधिकारों और आर्थिक कार्यक्रमों पर प्रस्ताव पारित हुए थे, जिसकी अध्यक्षता सरदार पटेल ने की थी। लखनऊ अधिवेशन 1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता (लखनऊ समझौता) हुआ था।
प्रश्न 15: मिस्र की नील नदी घाटी में विकसित सभ्यता कौन सी थी?
- मेसोपोटामियाई सभ्यता
- सिंधु घाटी सभ्यता
- मिस्र सभ्यता
- चीनी सभ्यता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मिस्र की प्राचीन सभ्यता का विकास नील नदी की घाटी में हुआ था। नील नदी ने मिस्र को जीवनदान दिया और वहाँ की सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: मिस्र की सभ्यता पिरामिड, लेखन की चित्रलिपि (Hieroglyphics), ममी और सूर्य देव (रा) की पूजा के लिए जानी जाती है। इस सभ्यता ने गणित, खगोल विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- अincorrect विकल्प: मेसोपोटामियाई सभ्यता दजला (Tigris) और फरात (Euphrates) नदियों के मध्य विकसित हुई। सिंधु घाटी सभ्यता सिंधु नदी के किनारे फली-फूली। चीनी सभ्यता पीली नदी (Yellow River) के किनारे विकसित हुई।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से किस मध्यकालीन शासक ने ‘बाजार नियंत्रण नीति’ लागू की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ईस्वी) ने अपने शासनकाल में कठोर ‘बाजार नियंत्रण नीति’ (Market Control Policy) लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने सेना के लिए आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने, सैनिकों को कम वेतन पर भी संतुष्ट रखने और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए यह नीति अपनाई थी। उसने खाद्यान्न, कपड़ा, पशुओं और गुलामों के बाजार के लिए अलग-अलग बाजार स्थापित किए और उनके मूल्यों को निर्धारित किया। इसके उल्लंघन पर कठोर दंड का प्रावधान था।
- अincorrect विकल्प: इल्तुतमिश ने सिक्कों पर ‘टंका’ और ‘जीतल’ चलाया। बलबन ने ‘नयाब-ए-खुदाई’ (ईश्वर का प्रतिनिधि) की उपाधि धारण की और राजत्व के दैवीय सिद्धांत को लागू किया। फिरोजशाह तुगलक ने जजिया कर को पुनः लागू किया और सिंचाई कर की व्यवस्था की।
प्रश्न 17: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1913, सैन फ्रांसिस्को
- 1907, बर्लिन
- 1915, सिंगापुर
- 1916, लंदन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘गदर पार्टी’ (Ghadar Party) की स्थापना 1913 ईस्वी में सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में हुई थी। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका मुखपत्र ‘गदर’ नामक साप्ताहिक पत्र था, जो उर्दू, पंजाबी और हिंदी में छपता था। पार्टी का उद्देश्य विदेशों में रहने वाले भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ना था।
- अincorrect विकल्प: 1907 में बर्लिन में ‘भारतीय स्वतंत्रता समिति’ (Indian Independence Committee) की स्थापना हुई थी, जिसे बाद में ‘इंडियन इंडिपेंडेंस लीग’ कहा गया। 1915 में सिंगापुर में भारतीय सैनिकों का विद्रोह हुआ था। 1916 में लंदन में ‘होम रूल लीग’ की गतिविधियाँ प्रमुख थीं।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) वर्णित हैं?
- अनुच्छेद 12-35
- अनुच्छेद 36-51
- अनुच्छेद 52-78
- अनुच्छेद 79-124
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का वर्णन किया गया है। ये तत्व भारत सरकार की कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को मजबूत करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: नीति निदेशक तत्व न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात इन्हें न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता, परंतु देश के शासन में ये मूलभूत हैं और विधि बनाने में राज्य इनका प्रयोग करेगा। इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 12-35 मौलिक अधिकारों का वर्णन करते हैं। अनुच्छेद 52-78 संघ की कार्यपालिका से संबंधित हैं। अनुच्छेद 79-124 संसद और उसकी शक्तियों से संबंधित हैं।
प्रश्न 19: ‘रेडक्लिफ रेखा’ भारत और किस देश के बीच सीमा निर्धारित करती है?
- चीन
- पाकिस्तान
- अफगानिस्तान
- म्यांमार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: रेडक्लिफ रेखा (Radcliffe Line) भारत और पाकिस्तान के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारण करती है। इस रेखा का निर्धारण 1947 में भारत के विभाजन के समय सर सिरिल रेडक्लिफ की अध्यक्षता में एक आयोग द्वारा किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: रेडक्लिफ रेखा भारत के पंजाब और बंगाल प्रांतों को विभाजित करती है। यह रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (Line of Control – LoC) से भिन्न है, जो जम्मू और कश्मीर को विभाजित करती है।
- अincorrect विकल्प: भारत और चीन के बीच मैकमोहन रेखा है। भारत और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा (ऐतिहासिक रूप से) है, हालांकि वर्तमान में यह रेखा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच है। भारत और म्यांमार के बीच कोई विशेष नामांकित सीमा रेखा नहीं है।
प्रश्न 20: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- इस काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- इस काल में कला, साहित्य, स्थापत्य कला और विज्ञान का चहुंमुखी विकास हुआ।
- इस काल में साम्राज्य की विशालता और सैन्य शक्ति चरम पर थी।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 240-550 ईस्वी) को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहने के अनेक कारण हैं, जिनमें विज्ञान, कला, साहित्य, स्थापत्य कला और सैन्य शक्ति का चहुंमुखी विकास शामिल है। इसलिए, ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली और शून्य की अवधारणा दी, वराहमिहिर ने खगोल विज्ञान पर काम किया, कालिदास ने महान साहित्य की रचना की, और अजंता गुहाओं में उत्कृष्ट चित्रकला का निर्माण हुआ। चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में नौ रत्न थे। साम्राज्य की सीमाएँ भी काफी विस्तृत थीं।
- अincorrect विकल्प: चूँकि सभी दिए गए बिंदु गुप्त काल की उपलब्धियों को दर्शाते हैं, इसलिए यह विकल्प सही है।
प्रश्न 21: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत में पहली बार जनगणना हुई?
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत में पहली बार जनगणना लॉर्ड कैनिंग के कार्यकाल में 1872 ईस्वी में हुई थी। हालाँकि, यह एक गैर-समकालिक जनगणना थी।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय थे (1856-1862) और उनके कार्यकाल में 1857 का विद्रोह हुआ। इसके पश्चात्, 1881 ईस्वी में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में एक समकालिक (Decennial) और व्यवस्थित जनगणना का कार्य आरंभ हुआ, जो आज तक जारी है।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड लिटन के कार्यकाल में वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (Vernacular Press Act) पारित हुआ था। लॉर्ड रिपन ने 1881 में नियमित जनगणना शुरू करवाई थी। लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ था।
प्रश्न 22: ‘गीत गोविंद’ के लेखक जयदेव किस शासक के दरबारी कवि थे?
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- हर्षवर्धन
- लक्ष्मीधर
- लक्ष्मण सेन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘गीत गोविंद’ (Gita Govinda) के महान संस्कृत कवि जयदेव, बंगाल के सेन वंश के शासक लक्ष्मण सेन (शासनकाल 1179-1206 ईस्वी) के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: ‘गीत गोविंद’ राधा और कृष्ण के प्रेम पर आधारित एक उत्कृष्ट काव्य है, जिसने भारतीय कला और साहित्य पर गहरा प्रभाव डाला है। जयदेव को ‘गीत गोविंद’ की रचना के लिए ख्याति प्राप्त है। लक्ष्मण सेन कला और साहित्य के महान संरक्षक थे, और उनके दरबार में पंचरत्न (जयदेव, हलायुध, उमापतिधर, धोयी, गोवर्धन) निवास करते थे।
- अincorrect विकल्प: चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में कालिदास जैसे विद्वान थे। हर्षवर्धन के दरबार में बाणभट्ट थे। लक्ष्मीधर भी एक प्रमुख विद्वान थे, लेकिन वे लक्ष्मण सेन के संरक्षक नहीं थे।
प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध में धुरी शक्तियों (Axis Powers) में कौन सा देश शामिल नहीं था?
- जर्मनी
- ऑस्ट्रिया-हंगरी
- इटली
- रूस
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में धुरी शक्तियों (Central Powers) में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य (तुर्की) और बुल्गारिया शामिल थे। इटली प्रारंभ में तटस्थ रहा और बाद में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) की ओर से युद्ध में शामिल हुआ। रूस मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में था।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध में दो प्रमुख गुट थे: मित्र राष्ट्र (ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, अमेरिका आदि) और धुरी राष्ट्र (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया)। इसलिए, रूस धुरी शक्तियों में शामिल नहीं था।
- अincorrect विकल्प: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और इटली (हालांकि बाद में पक्ष बदला) युद्ध के प्रमुख खिलाड़ी थे। रूस मित्र राष्ट्रों का एक प्रमुख सदस्य था।
प्रश्न 24: ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का अनुकरण किस ब्रिटिश वायसराय के कार्यकाल में सबसे अधिक स्पष्ट रूप से हुआ?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो (द्वितीय)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘फूट डालो और राज करो’ (Divide and Rule) की नीति का अनुकरण ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड मिंटो (द्वितीय) के कार्यकाल (1905-1910) में सबसे अधिक स्पष्ट रूप से हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन के बाद वायसराय बने लॉर्ड मिंटो (द्वितीय) के शासनकाल में 1909 में मार्ले-मिंटो सुधार (Morley-Minto Reforms) पारित हुए। इस अधिनियम के तहत मुसलमानों के लिए पृथक चुनावी प्रणाली (Separate Electorate) की व्यवस्था की गई, जिसका उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ना और भारतीय राष्ट्रवाद को कमजोर करना था। यह नीति ‘फूट डालो और राज करो’ का एक प्रमुख उदाहरण है।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया था। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट पारित किया। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया, जो फूट डालो और राज करो की नीति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, लेकिन मार्ले-मिंटो सुधारों के तहत पृथक निर्वाचन प्रणाली इसकी सबसे प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति थी।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस शासक को ‘भारत का प्रथम वास्तविक सम्राट’ माना जाता है?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- अशोक
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त मौर्य (शासनकाल लगभग 322-298 ईसा पूर्व) को भारतीय इतिहास का ‘प्रथम वास्तविक सम्राट’ माना जाता है। उन्होंने एक विशाल और संगठित साम्राज्य की स्थापना की, जिसमें मगध से लेकर पश्चिमोत्तर भारत तक का विशाल भूभाग शामिल था।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को समाप्त कर मौर्य साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से एक कुशल प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की। उनके साम्राज्य की सीमाएँ यूनानी शासकों तक फैली हुई थीं, जैसा कि सेल्यूकस निकेटर के साथ उनके युद्ध और संधि से पता चलता है।
- अincorrect विकल्प: अशोक चंद्रगुप्त मौर्य के पौत्र थे और उन्होंने साम्राज्य को और विस्तृत किया, लेकिन चंद्रगुप्त प्रथम वास्तविक संस्थापक माने जाते हैं। समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त विक्रमादित्य गुप्त वंश के महान शासक थे, जिन्होंने भारत को फिर से एकीकृत किया, लेकिन मौर्य साम्राज्य का प्रभाव अधिक व्यापक माना जाता है।
सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
[कोर्स और फ्री नोट्स के लिए यहाँ क्लिक करें]