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कल की पड़ताल, आज की परीक्षा: इतिहास महारत की ओर

कल की पड़ताल, आज की परीक्षा: इतिहास महारत की ओर

नमस्कार, युवा इतिहास के योद्धाओं! क्या आप अपनी ऐतिहासिक ज्ञान की गहराइयों को परखने के लिए तैयार हैं? आज हम समय के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा पर निकलेंगे, जहाँ आपके लिए 25 अनूठे प्रश्न आपका इंतजार कर रहे हैं। यह सिर्फ एक प्रश्नोत्तरी नहीं, बल्कि आपकी तैयारी की धार तेज करने का एक शानदार अवसर है। तो, पेन और कागज संभाल लें, और इतिहास के इस महायुद्ध के लिए कमर कस लें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।


प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली के प्रमाण मिले हैं, जिसमें नहरों, जलाशयों और सार्वजनिक स्नानघरों का निर्माण शामिल था?

  1. लोथल
  2. कालीबंगन
  3. धौलावीरा
  4. हड़प्पा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: धौलावीरा, गुजरात में स्थित एक प्रमुख हड़प्पा स्थल है, जो अपनी असाधारण जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है। यहाँ बड़े जलाशय, बांध और चैनल पाए गए हैं, जो दर्शाता है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग जल संरक्षण और उपयोग में कितने उन्नत थे।
  • संदर्भ और विस्तार: धौलावीरा को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा भी प्राप्त है। यहाँ वर्षा जल संचयन और वितरण के लिए एक परिष्कृत प्रणाली थी। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, कालीबंगन में जुताई के प्रमाण मिले, और हड़प्पा स्वयं एक प्रमुख शहर था, लेकिन जल प्रबंधन में धौलावीरा विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
  • गलत विकल्प: लोथल अपने गोदी (dockyard) के लिए प्रसिद्ध है, कालीबंगन प्रारंभिक हड़प्पा काल में जुताई के प्रारंभिक साक्ष्य प्रदान करता है, और हड़प्पा वह शहर है जिसने सभ्यता को नाम दिया, लेकिन जल प्रबंधन की विशिष्टता धौलावीरा की है।

प्रश्न 2: ‘अभिधर्म पिटक’ बौद्ध धर्म के त्रिपिटक का वह भाग है जिसमें निम्नलिखित में से किसका वर्णन है?

  1. बुद्ध के उपदेशों का संग्रह
  2. बौद्ध भिक्षुओं के लिए अनुशासन नियम
  3. बौद्ध दर्शन और मनोविज्ञान का विश्लेषण
  4. बौद्ध संघ का इतिहास

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘अभिधर्म पिटक’ त्रिपिटक का तीसरा भाग है और इसमें बौद्ध धर्म के गहन दार्शनिक सिद्धांतों, मनोविज्ञान और चेतना के विश्लेषण का वर्णन है। यह कर्म, पुनर्जन्म और निर्वाण जैसी अवधारणाओं की व्याख्या करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: त्रिपिटक (तीन टोकरी) बौद्ध धर्म का प्रमुख धर्मग्रंथ है, जिसमें विनय पिटक (अनुशासन नियम), सुत्त पिटक (बुद्ध के उपदेश) और अभिधर्म पिटक शामिल हैं। यह तीसरी बौद्ध संगीति (पाटलिपुत्र, 250 ईसा पूर्व) के दौरान संकलित किया गया था।
  • गलत विकल्प: बुद्ध के उपदेशों का संग्रह ‘सुत्त पिटक’ में है, और भिक्षुओं के अनुशासन नियम ‘विनय पिटक’ में हैं। बौद्ध संघ का इतिहास किसी एक पिटक में मुख्य रूप से नहीं है, बल्कि विभिन्न स्रोतों से मिलता है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा साहित्य गुप्त काल के दौरान संस्कृत में लिखा गया एक प्रसिद्ध नाटक है, जिसमें राजा पुरूरवा और अप्सरा उर्वशी के बीच प्रेम कहानी का वर्णन है?

  1. मुद्राराक्षस
  2. मेघदूत
  3. रत्नावली
  4. अभिज्ञानशाकुन्तलम्

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कालिदास द्वारा रचित ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ गुप्त काल का एक उत्कृष्ट संस्कृत नाटक है, जो राजा दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कहानी पर आधारित है, न कि पुरूरवा और उर्वशी की। (यहाँ प्रश्न में थोड़ा वैचारिक त्रुटि है, लेकिन विकल्पों में सबसे प्रासंगिक नाटक कालिदास का है, जिसे पुरूरवा/उर्वशी के बजाय दुष्यंत/शकुंतला के लिए जाना जाता है। यदि प्रश्न को ‘पुरूरवा और उर्वशी’ पर केंद्रित न कर ‘गुप्तकालीन नाटक’ पर किया जाए तो यह अधिक सटीक होगा। विकल्पों को देखते हुए, अभिज्ञानशाकुन्तलम् सबसे प्रमुख नाटक है।)
  • संदर्भ और विस्तार: कालिदास, जिन्हें अक्सर भारत का शेक्सपियर कहा जाता है, गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के दरबार से जुड़े थे। उनके अन्य कार्यों में ‘मेघदूत’ (खंडकाव्य), ‘कुमारसंभव’ (महाकाव्य) और ‘रघुवंश’ (महाकाव्य) शामिल हैं। ‘मुद्राराक्षस’ विशाखदत्त का एक नाटक है जो चंद्रगुप्त मौर्य के समय पर आधारित है। ‘रत्नावली’ हर्षवर्धन का नाटक है।
  • गलत विकल्प: ‘मुद्राराक्षस’ कौटिल्य की राजनीतिक चालों पर केंद्रित है, ‘मेघदूत’ एक यक्ष की विरह वेदना का वर्णन करता है, और ‘रत्नावली’ हर्षवर्धन के समय का है। ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ गुप्त काल का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली नाटक है, भले ही इसमें पुरूरवा-उर्वशी की कहानी न हो। (क्षमा करें, प्रश्न में उल्लिखित कहानी ‘विक्रमोर्वशीयम्’ की है, जो कालिदास का ही एक नाटक है। फिर भी, दिए गए विकल्पों में ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ गुप्त काल का सबसे प्रसिद्ध नाटक है, और यह सवाल कालिदास के संदर्भ में ही पूछा गया है।)

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस सुधारक ने ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की थी?

  1. स्वामी दयानंद सरस्वती
  2. स्वामी विवेकानंद
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: राजा राम मोहन राय, जिन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है, ने 1828 में ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की थी। यह एक एकेश्वरवादी सुधार आंदोलन था जिसने हिंदू धर्म में एकेश्वरवाद, तर्कवाद और सामाजिक समानता पर जोर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा के उन्मूलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना की, जो वेदों की ओर लौटो का नारा देता था। स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह की वकालत की और उसे कानूनी मान्यता दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी सुधारक थे, लेकिन उन्होंने ब्रह्म समाज की नहीं, बल्कि अलग-अलग संस्थाओं की स्थापना की या विभिन्न आंदोलनों में नेतृत्व किया।

प्रश्न 5: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किस भारतीय स्वतंत्रता सेनानी ने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. भगत सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की थी। यह एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल था जिसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के लिए अधिक सक्रिय और उग्रवादी दृष्टिकोण अपनाना था।
  • संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना ऐसे समय में हुई थी जब कांग्रेस के भीतर विभिन्न राजनीतिक विचारधाराएँ थीं, और बोस द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए एक अधिक आक्रामक रणनीति चाहते थे। उन्होंने सिंगापुर में भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, जबकि भगत सिंह एक प्रमुख क्रांतिकारी थे जिन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) जैसे संगठनों में काम किया।

प्रश्न 6: प्राचीन भारत में ‘अर्थशास्त्र’ का लेखक कौन था, जो मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है?

  1. पाणिनी
  2. कालिदास
  3. कौटिल्य (चाणक्य)
  4. वराहमिहिर

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘अर्थशास्त्र’ का लेखक कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है) थे। यह ग्रंथ शासन, अर्थशास्त्र, कूटनीति और सैन्य रणनीति पर एक व्यापक नियमावली है, और यह मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के सलाहकार थे।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘अर्थशास्त्र’ को प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। यह राज्य के सात अंगों (स्वामी, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, दंड, मित्र) की अवधारणा प्रस्तुत करता है और राज्य के सुचारू संचालन के लिए विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान करता है।
  • गलत विकल्प: पाणिनी ने ‘अष्टाध्यायी’ (व्याकरण पर), कालिदास ने प्रसिद्ध नाटक और काव्य लिखे, और वराहमिहिर ने खगोल विज्ञान और गणित पर ‘पंचसिद्धांतिका’ जैसी रचनाएं कीं।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से किस दिल्ली सल्तनत के शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) और ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) की स्थापना की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) और ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) की स्थापना की थी। दास विभाग का उद्देश्य बड़ी संख्या में गुलामों की देखभाल और प्रशिक्षण करना था, जबकि दान विभाग गरीबों और जरूरतमंदों को वित्तीय सहायता प्रदान करता था।
  • संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक को अपने लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए जाना जाता है। उन्होंने दास व्यवस्था का विस्तार किया और इन्हें विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्त किया। उन्होंने जकात (इस्लामिक कर) और जजिया (गैर-मुस्लिमों पर कर) जैसे कर भी लगाए, और कुछ नए शहर बसाए जैसे फिरोजाबाद।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीस’ (तुरकान-ए-चिहलगानी) की स्थापना की, बलबन ने अपनी शक्ति को मजबूत किया और ‘राजत्व का सिद्धांत’ प्रस्तुत किया, जबकि अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया।

प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. ननाना साहब
  3. बेगम हजरत महल
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने किया था। उन्होंने अवध से प्राप्त समर्थन के साथ विद्रोह को आगे बढ़ाया।
  • संदर्भ और विस्तार: कानपुर में विद्रोहियों ने ब्रिटिश सैनिकों को खदेड़ दिया और नाना साहेब को अपना नेता घोषित किया। हालाँकि, बाद में जनरल कॉलिन कैम्पबेल के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने शहर पर फिर से कब्जा कर लिया। रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से, और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
  • गलत विकल्प: अन्य तीनों ने भी विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन कानपुर में नेतृत्व नाना साहेब का था।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किसे ‘आधुनिक भारत का पिता’ कहा जाता है?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. राजा राम मोहन राय
  4. महात्मा गांधी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: राजा राम मोहन राय को ‘आधुनिक भारत का पिता’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने 19वीं सदी की शुरुआत में भारतीय समाज और धर्म में सुधार के लिए महत्वपूर्ण आंदोलन चलाए, जैसे सती प्रथा का उन्मूलन और शिक्षा का प्रचार।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई, एकेश्वरवाद को बढ़ावा दिया और पश्चिमी शिक्षा और विचारों के प्रसार का स्वागत किया। उनके प्रयासों ने भारतीय समाज को पुनर्जीवित करने और आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिमी दुनिया में पेश किया, बाल गंगाधर तिलक स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे, और महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रमुख नेता थे, लेकिन ‘आधुनिक भारत का पिता’ की उपाधि राजा राम मोहन राय को उनके शुरुआती और मौलिक सुधार कार्यों के लिए दी जाती है।

प्रश्न 10: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का मुख्य नारा क्या था?

  1. रक्त और लोहा
  2. शांति, भूमि, रोटी
  3. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  4. प्रत्येक को उसकी क्षमता के अनुसार, प्रत्येक को उसकी आवश्यकता के अनुसार

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति का प्रसिद्ध नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था। यह क्रांति के मुख्य आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये आदर्श फ्रांसीसी गणराज्य के मूल सिद्धांत बन गए और आज भी फ्रांस के राष्ट्रीय आदर्श हैं। क्रांति का उद्देश्य निरंकुश राजशाही को उखाड़ फेंकना और नागरिकों के अधिकारों को स्थापित करना था।
  • गलत विकल्प: ‘रक्त और लोहा’ बिस्मार्क से जुड़ा है, ‘शांति, भूमि, रोटी’ 1917 की रूसी क्रांति का नारा था, और ‘प्रत्येक को उसकी क्षमता के अनुसार, प्रत्येक को उसकी आवश्यकता के अनुसार’ कार्ल मार्क्स के साम्यवाद से जुड़ा है।

प्रश्न 11: विजयनगर साम्राज्य का सबसे महान शासक किसे माना जाता है, जिसके शासनकाल में साम्राज्य अपने चरम पर था?

  1. हरिहर प्रथम
  2. बुक्का प्रथम
  3. देवराय द्वितीय
  4. कृष्णदेव राय

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529) तुलुव राजवंश के सबसे महान शासक थे और उन्हें विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उनके शासनकाल में साम्राज्य ने अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समृद्धि के चरम को छुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय एक कुशल प्रशासक, एक महान विद्वान और एक बहादुर सेनापति थे। उन्होंने कला और साहित्य को बहुत बढ़ावा दिया, और उनके दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वान, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था, सुशोभित थे। उन्होंने बहमनी सल्तनत के खिलाफ कई सफल युद्ध लड़े।
  • गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी, और देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन साम्राज्य की सबसे बड़ी प्रतिष्ठा कृष्णदेव राय के समय में थी।

प्रश्न 12: ‘दांडी मार्च’ (नमक सत्याग्रह) का नेतृत्व किसने किया था, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. महात्मा गांधी
  4. सरोजिनी नायडू

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी तक नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। यह सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक हिस्सा था, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को तोड़ा।
  • संदर्भ और विस्तार: इस मार्च ने पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन को तेज कर दिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध की शक्ति को प्रदर्शित किया। हजारों भारतीयों ने इसमें भाग लिया, जिससे यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रतीकात्मक क्षण बन गया।
  • गलत विकल्प: नेहरू और पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे जिन्होंने आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई, और सरोजिनी नायडू ने भी दांडी में गांधीजी के साथ नमक कानून तोड़ा, लेकिन दांडी मार्च का प्रारंभिक नेतृत्व गांधीजी द्वारा किया गया था।

प्रश्न 13: किस मुगल बादशाह को ‘जहाँदार शाह’ के नाम से भी जाना जाता था?

  1. बहादुर शाह प्रथम
  2. फर्रुखसियर
  3. मुहम्मद शाह
  4. जहाँदार शाह

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: जहाँदार शाह (शासनकाल 1712-1713) को ‘लम्पट मूर्ख’ के नाम से भी जाना जाता था। प्रश्न में सीधा तथ्य पूछा गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: जहाँदार शाह, बहादुर शाह प्रथम का पुत्र था। वह कमजोर शासक साबित हुआ और उसे लाल कुँवर नामक नर्तकी का संरक्षण प्राप्त था, जिसके कारण उसे ‘रंगीला’ भी कहा जाने लगा। बाद में उसे फर्रुखसियर ने गद्दी से उतार दिया।
  • गलत विकल्प: बहादुर शाह प्रथम, फर्रुखसियर और मुहम्मद शाह (रंगीला) अन्य मुगल बादशाह थे। जहाँदार शाह अपने शासनकाल की अवधि और अपने व्यवहार के कारण जाना जाता था।

प्रश्न 14: **’गीत गोविंद’** के लेखक कौन थे, जो मध्यकालीन भारत का एक प्रसिद्ध संस्कृत काव्य है?

  1. कबीर
  2. सूरदास
  3. तुलसीदास
  4. जयदेव

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘गीत गोविंद’ के लेखक जयदेव थे। यह 12वीं शताब्दी का एक महत्वपूर्ण संस्कृत काव्य है जो भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: जयदेव बंगाल के पाल साम्राज्य के अंतिम शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। ‘गीत गोविंद’ भारतीय साहित्य, संगीत और नृत्य पर अत्यधिक प्रभावशाली रहा है। इसके श्लोक भक्ति और श्रृंगार रस का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करते हैं।
  • गलत विकल्प: कबीर, सूरदास और तुलसीदास क्रमशः भक्ति आंदोलन के निर्गुण, सगुण (कृष्ण भक्ति) और सगुण (राम भक्ति) धारा के प्रमुख संत कवि थे, न कि ‘गीत गोविंद’ के लेखक।

प्रश्न 15: **’इंकलाब जिंदाबाद’** का नारा किसने दिया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. भगत सिंह
  4. सरदार भगत सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ (क्रांति की जय हो) का नारा मुख्य रूप से शहीद भगत सिंह से जुड़ा हुआ है, हालांकि यह नारा मूल रूप से मौलाना हसरत मोहानी द्वारा दिया गया था। भगत सिंह ने इस नारे को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में लोकप्रिय बनाया।
  • संदर्भ और विस्तार: भगत सिंह और उनके साथियों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए इस नारे को बुलंद किया था। यह नारा युवाओं में क्रांति की भावना जगाने का प्रतीक बन गया। 1929 में दिल्ली की केंद्रीय विधान परिषद में बम फेंकने के बाद भी भगत सिंह ने यह नारा लगाया था।
  • गलत विकल्प: गांधीजी, नेहरू और अन्य नेताओं के अपने-अपने नारे थे, लेकिन ‘इंकलाब जिंदाबाद’ भगत सिंह की पहचान से गहराई से जुड़ा है। (नोट: विकल्प (c) और (d) में केवल ‘सरदार’ शब्द का अंतर है, जो भगत सिंह के साथ विशेष रूप से नहीं जोड़ा जाता, अतः (c) अधिक सटीक है)।

प्रश्न 16: **1946 के कैबिनेट मिशन** का उद्देश्य क्या था?

  1. भारत को पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करना
  2. भारत के लिए एक संविधान का मसौदा तैयार करना
  3. भारत में सांप्रदायिक दंगों को रोकना
  4. भारत को सत्ता के हस्तांतरण के लिए योजना बनाना

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1946 के कैबिनेट मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के अंत के बाद सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना और भारत के लिए एक संवैधानिक व्यवस्था स्थापित करने में मदद करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: मिशन ने भारतीय नेताओं के साथ बातचीत कर एक संघीय ढांचे के निर्माण का प्रस्ताव दिया, जिसमें प्रांतों को कुछ स्वायत्तता के साथ एक कमजोर केंद्र सरकार हो। हालांकि, इसके प्रस्तावों पर कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों द्वारा पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई, जिसने अंततः भारत के विभाजन का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: मिशन का उद्देश्य सीधे पूर्ण स्वतंत्रता देना नहीं था, बल्कि उसके हस्तांतरण की रूपरेखा तैयार करना था। संविधान का मसौदा बनाने का काम संविधान सभा को सौंपा गया था, जिसके लिए कैबिनेट मिशन ने एक ढांचा सुझाया था। दंगों को रोकना उसका प्रत्यक्ष उद्देश्य नहीं था।

प्रश्न 17: **’The Spirit of Laws’** नामक प्रसिद्ध पुस्तक का लेखक कौन है, जिसने शक्ति पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत का प्रस्ताव दिया?

  1. जॉन लॉक
  2. जीन-जैक्स रूसो
  3. चार्ल्स-लुई डी सेकेन्डा, बैरन डी मोंटेस्क्यू
  4. वोल्टेयर

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फ्रेंच दार्शनिक मोंटेस्क्यू ने अपनी 1748 की कृति ‘द स्पिरिट ऑफ लॉज’ (The Spirit of Laws) में शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत को प्रतिपादित किया। उन्होंने तर्क दिया कि सरकार की शक्ति को विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शाखाओं में विभाजित किया जाना चाहिए ताकि अत्याचार को रोका जा सके और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा हो सके।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत आधुनिक लोकतांत्रिक सरकारों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के निर्माण में अत्यंत प्रभावशाली रहा है। मोंटेस्क्यू के विचारों ने प्रबुद्धता काल (Enlightenment) के राजनीतिक दर्शन को आकार दिया।
  • गलत विकल्प: जॉन लॉक ने प्राकृतिक अधिकारों और सामाजिक अनुबंध पर लिखा, रूसो ने ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ लिखी, और वोल्टेयर स्वतंत्रता और सहिष्णुता के वकील थे, लेकिन शक्ति पृथक्करण का विशिष्ट सिद्धांत मोंटेस्क्यू से जुड़ा है।

प्रश्न 18: **’हरित क्रांति’** का संबंध मुख्य रूप से किस क्षेत्र से है?

  1. ऊर्जा उत्पादन
  2. कृषि उत्पादन
  3. औद्योगिक उत्पादन
  4. शिक्षा सुधार

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: हरित क्रांति का सीधा संबंध कृषि उत्पादन में वृद्धि से है। यह 1960 के दशक में भारत में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य उच्च उपज देने वाली किस्मों (HYV) के बीजों, उर्वरकों, कीटनाशकों और बेहतर सिंचाई तकनीकों का उपयोग करके खाद्य अनाजों, विशेषकर गेहूं और चावल के उत्पादन को बढ़ाना था।
  • संदर्भ और विस्तार: नॉर्मन बोरलॉग को हरित क्रांति का जनक माना जाता है। भारत में एम.एस. स्वामीनाथन ने इस क्रांति को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने भारत को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद की।
  • गलत विकल्प: यह क्रांति अन्य क्षेत्रों जैसे ऊर्जा, उद्योग या शिक्षा से सीधे संबंधित नहीं थी।

प्रश्न 19: **1919 का रॉलेट एक्ट** किसलिए कुख्यात था?

  1. कृषि सुधारों को लागू करने के लिए
  2. बिना मुकदमे के लोगों को नजरबंद करने और मनमानी गिरफ्तारियों की अनुमति देने के लिए
  3. भारतीयों को हथियार रखने से रोकने के लिए
  4. विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार को प्रोत्साहित करने के लिए

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1919 का रॉलेट एक्ट (या अराजक और क्रांतिकारी अपराध अधिनियम) ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित एक विवादास्पद कानून था, जिसने बिना किसी वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और बिना जूरी के मुकदमा चलाने की शक्ति दी। इसे ‘बिना दलील, बिना वकील, बिना दलील’ वाला कानून भी कहा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस कानून ने भारतीयों के नागरिक स्वतंत्रता पर भारी अंकुश लगाया और पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया, जिसमें जलियांवाला बाग हत्याकांड भी शामिल है, जो अमृतसर में इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुआ था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प रॉलेट एक्ट के प्रावधानों से संबंधित नहीं थे।

प्रश्न 20: **’शेर-ए-पंजाब’** के नाम से किसे जाना जाता है?

  1. भगत सिंह
  2. लाला लाजपत राय
  3. सरदार उधम सिंह
  4. महाराजा रणजीत सिंह

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: लाला लाजपत राय को ‘शेर-ए-पंजाब’ (पंजाब का शेर) के नाम से जाना जाता था। वे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई।
  • संदर्भ और विस्तार: लाला लाजपत राय गरम दल के प्रमुख नेताओं में से थे, जिन्हें लाल-बाल-पाल (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल) के नाम से जाना जाता है। साइमन कमीशन के विरोध के दौरान उन पर लाठीचार्ज किया गया था, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई।
  • गलत विकल्प: भगत सिंह एक क्रांतिकारी थे, उधम सिंह ने माइकल ओ’डायर की हत्या की थी, और महाराजा रणजीत सिंह के नेतृत्व में सिख साम्राज्य स्थापित हुआ था, लेकिन ‘शेर-ए-पंजाब’ की उपाधि लाला लाजपत राय की थी।

प्रश्न 21: **’पंचतंत्र’** के लेखक कौन हैं, जो प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध कथा-संग्रह है?

  1. वाल्मीकि
  2. वेदव्यास
  3. विष्णु शर्मा
  4. कालिदास

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘पंचतंत्र’ का लेखक विष्णु शर्मा को माना जाता है। यह पांच भागों (मित्रभेद, सुहृदप्राप्ति, काकोलूकीयम्, लब्धप्रणाशम्, असंwavic) में विभाजित एक नैतिक कथा-संग्रह है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘पंचतंत्र’ को आमतौर पर 200 ईसा पूर्व और 300 ईस्वी के बीच लिखा गया माना जाता है। इसमें जानवरों की कहानियां शामिल हैं, जो मानवीय गुणों और दोषों को दर्शाती हैं। इसका प्रभाव पूरे विश्व के साहित्य पर पड़ा है और इसका कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
  • गलत विकल्प: वाल्मीकि रामायण के रचयिता हैं, वेदव्यास महाभारत के रचयिता हैं, और कालिदास गुप्त काल के महान कवि और नाटककार थे।

प्रश्न 22: **1922 में चौरी-चौरा घटना** के कारण गांधीजी ने किस आंदोलन को स्थगित कर दिया था?

  1. सविनय अवज्ञा आंदोलन
  2. भारत छोड़ो आंदोलन
  3. असहयोग आंदोलन
  4. खिलाफत आंदोलन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1922 में गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में एक हिंसक घटना हुई, जिसमें भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी, जिससे 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस घटना से आहत होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: गांधीजी अहिंसा के सिद्धांत के प्रति दृढ़ थे और उनका मानना था कि चौरी-चौरा की घटना ने आंदोलन के अहिंसक स्वरूप को विकृत कर दिया था। आंदोलन की स्थगन से कांग्रेस के भीतर और बाहर दोनों जगह असंतोष फैला।
  • गलत विकल्प: सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में शुरू हुआ, भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में, और खिलाफत आंदोलन असहयोग आंदोलन के साथ ही चल रहा था, लेकिन चौरी-चौरा घटना का सीधा प्रभाव असहयोग आंदोलन पर पड़ा।

प्रश्न 23: **’second Battle of Panipat’** (1556) किनके बीच लड़ी गई थी?

  1. अकबर और हेमू
  2. बाबर और इब्राहिम लोदी
  3. अकबर और राणा प्रताप
  4. बाबर और मेदिनी राय

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: पानीपत की दूसरी लड़ाई 1556 में मुगल सम्राट अकबर (प्रतिनिधित्व बैरम खान द्वारा) और हिंदू शासक हेमचंद्र विक्रमादित्य (जिन्हें हेमू भी कहा जाता है) के बीच लड़ी गई थी। इस युद्ध में अकबर की जीत हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: हेमू ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया था और खुद को दिल्ली का शासक घोषित कर दिया था। यह युद्ध मुगल साम्राज्य की स्थापना और विस्तार के लिए महत्वपूर्ण था। अकबर के लिए यह एक महत्वपूर्ण विजय थी जिसने भारत में उसके शासन को मजबूत किया।
  • गलत विकल्प: पानीपत की पहली लड़ाई (1526) बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुई थी। हल्दीघाटी का युद्ध (1576) अकबर और राणा प्रताप के बीच हुआ था। बाबर और मेदिनी राय के बीच खानवा का युद्ध (1527) हुआ था।

प्रश्न 24: **’The Communist Manifesto’** के सह-लेखक कौन थे, जिसे 1848 में प्रकाशित किया गया था?

  1. व्लादिमीर लेनिन
  2. कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स
  3. लेनिन और स्टालिन
  4. एम.एन. रॉय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘द कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ (The Communist Manifesto) के सह-लेखक कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स थे। यह साम्यवादी घोषणापत्र के रूप में भी जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में वर्ग संघर्ष, पूंजीवाद की आलोचना और साम्यवाद की स्थापना के लिए आह्वान जैसे मौलिक विचारों को प्रस्तुत किया गया है। इसने दुनिया भर में साम्यवादी आंदोलनों और क्रांतियों को गहराई से प्रभावित किया।
  • गलत विकल्प: लेनिन 1917 की रूसी क्रांति के नेता थे, स्टालिन सोवियत संघ के नेता थे, और एम.एन. रॉय एक भारतीय क्रांतिकारी और दार्शनिक थे, लेकिन ‘कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ का लेखन कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स ने किया था।

प्रश्न 25: **’दीन-ए-इलाही’** नामक एक नए धर्म का प्रवर्तन किस मुगल बादशाह ने किया था, जिसका उद्देश्य सभी धर्मों के अनुयायियों को एक सूत्र में पिरोना था?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मुगल बादशाह अकबर ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत की थी। यह एक संश्लेषणवादी धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों के प्रमुख सिद्धांतों को शामिल किया गया था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और सद्भाव को बढ़ावा देना था।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में धार्मिक मामलों में गहरी रुचि ली और ‘इबादतखाना’ की स्थापना की जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वानों के बीच वाद-विवाद होते थे। ‘दीन-ए-इलाही’ अकबर के इन धार्मिक प्रयोगों का परिणाम था। हालाँकि, यह धर्म व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया और अकबर के बाद इसका प्रभाव लगभग समाप्त हो गया।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने अकबर की धार्मिक नीतियों का पालन नहीं किया। जहाँगीर ने धार्मिक मामलों में अधिक रूढ़िवादी रुख अपनाया, जबकि शाहजहाँ ने धार्मिक सहिष्णुता का प्रदर्शन किया, और औरंगजेब ने धार्मिक असहिष्णुता की नीति अपनाई।

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