ऐतिहासिक रणभूमि: अपने ज्ञान का परीक्षण करें
इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए! आज हम आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युगों तक, भारत और विश्व के इतिहास के महत्वपूर्ण मोड़ों पर ले जाएंगे। क्या आप अपने ज्ञान की गहराई परखने और अपनी तैयारी को नई धार देने के लिए तैयार हैं? आइए, शुरू करें आज का ऐतिहासिक महामुकाबला!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से ‘मोहनजोदड़ो’ का अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है?
- हड़प्पा
- लोथल
- धोलावीरा
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। यह सिंधु घाटी सभ्यता (लगभग 2600-1900 ईसा पूर्व) के सबसे बड़े शहरों में से एक था, जो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। ‘मोहनजोदड़ो’ सिंधी भाषा में ‘मृतकों का टीला’ का अर्थ रखता है।
- संदर्भ और विस्तार: 1922 में राखाल दास बनर्जी द्वारा खोजा गया यह शहर अपनी उन्नत जल निकासी व्यवस्था, विशाल स्नानागार (Great Bath), और कांस्य नर्तकी की प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला सिंधु स्थल था जिसे खोजा गया था; लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था; धोलावीरा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वैदिक काल की रचना में पहली बार पुनर्जन्म के सिद्धांत का उल्लेख मिलता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- बृहदारण्यक उपनिषद
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बृहदारण्यक उपनिषद। यह उपनिषद वैदिक साहित्य का हिस्सा है और इसमें आत्मा की अमरता, कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतों पर गहन चर्चा की गई है।
- संदर्भ और विस्तार: बृहदारण्यक उपनिषद, जो कि शुक्ल यजुर्वेद से संबंधित है, पुनर्जन्म के चक्र (संसार) और इससे मुक्ति (मोक्ष) की अवधारणा को स्पष्ट करता है। याज्ञवल्क्य और जनक के बीच दार्शनिक संवाद इसके प्रमुख अंश हैं।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है, जिसमें मुख्य रूप से देवताओं की स्तुति है; यजुर्वेद में यज्ञों के मंत्र हैं; सामवेद में गाए जाने वाले मंत्र हैं। इनमे पुनर्जन्म का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
प्रश्न 3: मौर्य साम्राज्य का संस्थापक कौन था?
- बिन्दुसार
- अशोक
- चंद्रगुप्त मौर्य
- कुणाल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: चंद्रगुप्त मौर्य। उन्होंने ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी की शुरुआत में, लगभग 322 ईसा पूर्व में, नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य को कौटिल्य (चाणक्य) की मदद से मगध में सत्ता स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया जो उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में मैसूर तक फैला हुआ था।
- गलत विकल्प: बिन्दुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र और उत्तराधिकारी थे; अशोक चंद्रगुप्त मौर्य के पोते और एक महान शासक थे; कुणाल अशोक के पुत्र थे।
प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- साम्राज्य का व्यापक विस्तार
- कला, साहित्य और विज्ञान की अभूतपूर्व प्रगति
- विदेशी आक्रमणों से पूर्ण सुरक्षा
- लगातार आर्थिक समृद्धि
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कला, साहित्य और विज्ञान की अभूतपूर्व प्रगति। गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को भारत में शास्त्रीय संस्कृति के विकास के लिए जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस दौरान कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलविदों और गणितज्ञों, और वराहमिहिर जैसे ज्योतिषियों का उदय हुआ। मूर्तिकला, चित्रकला (अजंता की गुफाओं सहित), और वास्तुकला में भी उत्कृष्ट कार्य हुए।
- गलत विकल्प: जबकि साम्राज्य का विस्तार हुआ और आर्थिक समृद्धि भी थी, स्वर्ण युग की मुख्य पहचान कला, साहित्य और विज्ञान में हुई समग्र प्रगति ही है। विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा पूरी तरह से नहीं थी, हूणों के आक्रमण हुए थे।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दासों का विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक। उन्होंने बड़ी संख्या में गुलामों (बंदगान) को प्रशिक्षित कर प्रशासनिक और सैन्य पदों पर नियुक्त किया और उनके कल्याण के लिए ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक अलग विभाग स्थापित किया।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) को उनकी लोक कल्याणकारी नीतियों, जैसे सार्वजनिक निर्माण, नहरों का निर्माण, और विभिन्न करों को समाप्त करने के लिए भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 सरदारों का समूह) की स्थापना की; बलबन ने ‘राजत्व’ के सिद्धांत पर जोर दिया और ‘चालीसा’ को तोड़ा; अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना पर ध्यान केंद्रित किया।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसने की थी?
- 1336 ईस्वी, हरिहर और बुक्का
- 1565 ईस्वी, कृष्णदेवराय
- 1450 ईस्वी, देव राय द्वितीय
- 1347 ईस्वी, अलाउद्दीन बहमन शाह
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1336 ईस्वी, हरिहर और बुक्का। ये दो भाई थे जिन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर की स्थापना की और इसे अपने साम्राज्य की राजधानी बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था जिसने दिल्ली सल्तनत और बहमनी सल्तनत के विस्तारवाद का सफलतापूर्वक सामना किया। यह कला, साहित्य, वास्तुकला और व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
- गलत विकल्प: 1565 ईस्वी तालीकोटा का युद्ध था; कृष्णदेवराय विजयनगर के महानतम शासकों में से थे; अलाउद्दीन बहमन शाह ने बहमनी सल्तनत की स्थापना की।
प्रश्न 7: ‘सिख धर्म के दस गुरुओं’ में से किस गुरु की हत्या जहांगीर ने करवाई थी?
- गुरु नानक देव
- गुरु अंगद देव
- गुरु अर्जन देव
- गुरु हरगोविंद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुरु अर्जन देव। उन्होंने 1606 ईस्वी में जहांगीर द्वारा लगाए गए भारी जुर्माने को भरने से इनकार कर दिया और लाहौर में यातनाएं सहते हुए शहीद हो गए।
- संदर्भ और विस्तार: गुरु अर्जन देव सिखों के पांचवें गुरु थे। उन्होंने ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ का संकलन किया और स्वर्ण मंदिर (हरिमंदिर साहिब) का निर्माण शुरू करवाया। उनकी शहादत ने सिखों और मुगल साम्राज्य के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया।
- गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे; गुरु अंगद देव दूसरे गुरु थे; गुरु हरगोविंद छठे गुरु थे और उन्होंने सैन्य संगठन पर जोर दिया।
प्रश्न 8: मराठा साम्राज्य के किस पेशवा को ‘नायिका’ या ‘लघु पेशवा’ कहा जाता था?
- बाजीराव प्रथम
- बालाजी बाजीराव (नाना साहेब)
- माधवराव
- बाजीराव द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: माधवराव। पेशवा माधवराव (शासनकाल 1761-1772) एक अत्यंत सक्षम शासक थे जिन्होंने पानीपत के तृतीय युद्ध (1761) में मराठों की हार के बाद साम्राज्य को फिर से मजबूत किया।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने हैदराबाद के निज़ाम और मैसूर के हैदर अली के खिलाफ सैन्य सफलताएं हासिल कीं और मराठा साम्राज्य की प्रतिष्ठा को बहाल किया। उनकी मृत्यु कम उम्र में हो गई थी, जिसके कारण बाद में मराठा संघ में आंतरिक कलह बढ़ गई।
- गलत विकल्प: बाजीराव प्रथम महान योद्धा पेशवा थे; नाना साहेब के काल में मराठा शक्ति अपने चरम पर थी लेकिन पानीपत के युद्ध में हार का सामना करना पड़ा; बाजीराव द्वितीय ब्रिटिश संरक्षण में पेशवा बने और उनकी वजह से ही मराठा शक्ति का पतन हुआ।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह के दौरान, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ अवध से किसने नेतृत्व किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- कुंवर सिंह
- बहादुर शाह जफर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बेगम हजरत महल। अवध (लखनऊ) के नवाब वाजिद अली शाह की पत्नी बेगम हजरत महल ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अवध के विलय के विरोध में 1857 के विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने अपने नाबालिग बेटे बिरजिस क़द्र को अवध का नवाब घोषित किया और विद्रोहियों का नेतृत्व किया। लखनऊ में विद्रोह का दमन कंपनी के लिए एक कठिन कार्य था।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी से नेतृत्व किया; कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से नेतृत्व किया; बहादुर शाह जफर को विद्रोहियों ने सम्राट घोषित किया था, लेकिन उनका नेतृत्व प्रतीकात्मक था।
प्रश्न 10: ‘द डक्कन ऐक्ट’ (Dccan Agriculturists Relief Act) किस वर्ष पारित किया गया था?
- 1858
- 1875
- 1878
- 1883
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1878। यह कानून दक्कन क्षेत्र में किसानों द्वारा साहूकारों के उत्पीड़न के विरोध में हुए दंगों (1875) के जवाब में ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य किसानों को साहूकारों के अत्यधिक शोषण से कुछ राहत प्रदान करना था, विशेष रूप से ऋण और भूमि के हस्तांतरण के संबंध में। इसने कुछ हद तक किसानों के हितों की रक्षा करने का प्रयास किया।
- गलत विकल्प: 1858 का वर्ष भारत सरकार अधिनियम से संबंधित है; 1875 में दक्कन दंगे हुए थे, जिसके कारण यह कानून बना; 1883 में ‘इलBERT बिल’ का विवाद हुआ था।
प्रश्न 11: भारत में ‘स्वदेशी आंदोलन’ का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
- अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देना
- भारतीय उद्योगों को प्रोत्साहन देना और ब्रिटिश माल का बहिष्कार करना
- भारतीयों के लिए राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करना
- ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित करना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारतीय उद्योगों को प्रोत्साहन देना और ब्रिटिश माल का बहिष्कार करना। स्वदेशी आंदोलन (1905-1908), जो बंगाल के विभाजन के विरोध में शुरू हुआ था, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय औद्योगीकरण पर जोर देता था।
- संदर्भ और विस्तार: आंदोलनकारियों ने विदेशी वस्त्रों, शराब और अन्य ब्रिटिश उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया, और भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसका उद्देश्य ब्रिटिश आर्थिक नीतियों का विरोध करना और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था।
- गलत विकल्प: हालांकि स्वदेशी आंदोलन ने राजनीतिक स्वतंत्रता की ओर अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया, इसका तात्कालिक और प्रमुख उद्देश्य आर्थिक आत्मनिर्भरता थी। अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देना इसका उद्देश्य नहीं था।
प्रश्न 12: चौरी-चौरा की घटना, जिसने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का कारण बनी, कब हुई थी?
- 1919
- 1920
- 1922
- 1924
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 4 फरवरी 1922। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चौरी-चौरा नामक स्थान पर उग्र भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी, जो अहिंसा के प्रबल समर्थक थे, इस हिंसक घटना से बहुत आहत हुए और उन्होंने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया। इस निर्णय ने आंदोलन में भाग ले रहे कई नेताओं को निराश किया।
- गलत विकल्प: 1919 में रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था; 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी; 1924 में काकोरी ट्रेन डकैती हुई थी।
प्रश्न 13: भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष कौन थे?
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर। वे संविधान सभा की प्रारूपण समिति (Drafting Committee) के अध्यक्ष थे, जिसने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: डॉ. अम्बेडकर को भारतीय संविधान का ‘जनक’ भी कहा जाता है। उनकी विद्वता, कानूनी ज्ञान और दूरदर्शिता ने संविधान को आकार देने में अमूल्य योगदान दिया।
- गलत विकल्प: डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे; सरदार वल्लभभाई पटेल मौलिक अधिकारों और अल्पसंख्यकों पर सलाहकार समिति के प्रमुख थे; पंडित जवाहरलाल नेहरू उद्देश्य प्रस्ताव (Objectives Resolution) प्रस्तुत करने वाले थे और संघ संविधान समिति के अध्यक्ष थे।
प्रश्न 14: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1875
- 1885
- 1895
- 1905
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1885। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसके संस्थापक सदस्यों में ए.ओ. ह्यूम, दादाभाई नौरोजी और दिनशॉ वाचा जैसे प्रमुख व्यक्ति शामिल थे। कांग्रेस का गठन शुरू में भारतीयों की राजनीतिक और आर्थिक चिंताओं को ब्रिटिश सरकार के सामने एक संगठित तरीके से रखने के उद्देश्य से किया गया था।
- गलत विकल्प: 1875 में ‘भारतीय ब्रह्म समाज’ की स्थापना हुई थी; 1885 वह वर्ष है जब कांग्रेस की स्थापना हुई; 1895 में दादाभाई नौरोजी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन की अध्यक्षता की; 1905 बंगाल विभाजन का वर्ष था।
प्रश्न 15: ‘दांडी मार्च’ (नमक सत्याग्रह) किस आंदोलन का हिस्सा था?
- असहयोग आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- रॉलेट सत्याग्रह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन। दांडी मार्च, जिसे नमक सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है, 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया था और यह सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-1934) का पहला महत्वपूर्ण चरण था।
- संदर्भ और विस्तार: गांधीजी ने साबरमती आश्रम से दांडी तक 240 मील की यात्रा की और समुद्र तट पर नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को तोड़ा। इस आंदोलन का उद्देश्य अहिंसक तरीके से कानूनों का उल्लंघन कर ब्रिटिश राज का विरोध करना था।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन (1920-22) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आंदोलन थे; रॉलेट सत्याग्रह 1919 में हुआ था।
प्रश्न 16: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान, मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) में कौन से प्रमुख देश शामिल थे?
- जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य
- ब्रिटेन, फ्रांस, रूस
- संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, जापान
- इटली, स्पेन, पुर्तगाल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ब्रिटेन, फ्रांस, रूस। प्रथम विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों का नेतृत्व मुख्य रूप से ये तीन शक्तियाँ कर रही थीं। बाद में इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका भी मित्र राष्ट्रों में शामिल हो गए।
- संदर्भ और विस्तार: युद्ध केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) जैसे जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, बुल्गारिया और ओटोमन साम्राज्य के खिलाफ लड़ा गया था।
- गलत विकल्प: (a) केंद्रीय शक्तियों के प्रमुख देश थे; (c) संयुक्त राज्य अमेरिका मित्र राष्ट्रों में था लेकिन जर्मनी केंद्रीय शक्तियों में; जापान मित्र राष्ट्रों में था; (d) इटली मित्र राष्ट्रों में शामिल हुआ, लेकिन स्पेन और पुर्तगाल तटस्थ रहे।
प्रश्न 17: किस फ्रांसीसी दार्शनिक ने ‘सामाजिक अनुबंध’ (The Social Contract) नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी?
- वॉल्टेयर
- जीन-जैक्स रूसो
- डेविड ह्यूम
- इमैनुएल कांट
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: जीन-जैक्स रूसो। उनकी 1762 की कृति ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ ने राजनीतिक दर्शन पर गहरा प्रभाव डाला और क्रांति के विचारों को प्रेरित किया।
- संदर्भ और विस्तार: रूसो ने तर्क दिया कि समाज की स्थापना व्यक्तिगत स्वतंत्रता को संरक्षित करने के लिए एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित होनी चाहिए, जहाँ संप्रभुता लोगों के पास होती है। उनके विचारों ने फ्रांसीसी क्रांति को बहुत प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: वॉल्टेयर स्वतंत्रता और सहिष्णुता के समर्थक थे; डेविड ह्यूम एक अनुभववादी दार्शनिक थे; इमैनुएल कांट के कार्य ज्ञानमीमांसा और नैतिकता में प्रभावशाली थे।
प्रश्न 18: ‘औद्योगिक क्रांति’ की शुरुआत मुख्य रूप से किस देश में हुई?
- फ्रांस
- जर्मनी
- ग्रेट ब्रिटेन
- संयुक्त राज्य अमेरिका
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ग्रेट ब्रिटेन। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन में पहली औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई, जो विशेष रूप से कपड़ा उद्योग, भाप इंजन के आविष्कार और नई उत्पादन तकनीकों से जुड़ी थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को औद्योगिक और शहरी अर्थव्यवस्था में बदल दिया, जिससे उत्पादन में भारी वृद्धि हुई और सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए।
- गलत विकल्प: अन्य देशों में भी औद्योगीकरण हुआ, लेकिन ग्रेट ब्रिटेन इस प्रक्रिया का उद्गम स्थल था।
प्रश्न 19: ‘रूस की क्रांति’ (1917) का नेतृत्व किस राजनीतिक दल ने किया था?
- कैडेट पार्टी
- सामाजिक क्रांतिकारी पार्टी
- बोल्शेविक पार्टी
- मेंशेविक पार्टी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बोल्शेविक पार्टी। व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व वाली बोल्शेविक पार्टी ने 1917 की अक्टूबर क्रांति में सत्ता पर कब्जा किया और सोवियत संघ की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: बोल्शेविकों ने ‘शांति, भूमि और रोटी’ का नारा दिया और ज़ारवादी शासन को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: कैडेट पार्टी उदारवादी थी; सामाजिक क्रांतिकारी पार्टी किसानों का प्रतिनिधित्व करती थी; मेंशेविक पार्टी बोल्शेविकों की तुलना में अधिक उदारवादी मार्क्सवादी गुट थी।
प्रश्न 20: ‘शीत युद्ध’ (Cold War) मुख्य रूप से किन दो महाशक्तियों के बीच लड़ा गया था?
- ब्रिटेन और फ्रांस
- संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ
- जर्मनी और जापान
- चीन और भारत
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद, ये दो प्रमुख शक्तियाँ विभिन्न विचारधाराओं (पूंजीवाद बनाम साम्यवाद) के कारण वैश्विक प्रभुत्व के लिए प्रतिस्पर्धी बन गईं, जिससे दशकों तक तनावपूर्ण संबंध बने रहे जिसे शीत युद्ध कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध सीधे सैन्य टकराव के बजाय प्रॉक्सी युद्धों, हथियारों की दौड़, प्रचार और कूटनीतिक संघर्षों के माध्यम से लड़ा गया था।
- गलत विकल्प: ये सभी देश महत्वपूर्ण थे, लेकिन शीत युद्ध का केंद्रीय संघर्ष अमेरिका और सोवियत संघ के बीच था।
प्रश्न 21: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल अपने ‘महान स्नानागार’ (Great Bath) के लिए जाना जाता है?
- हड़प्पा
- कालीबंगा
- लोथल
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो में पाया गया ‘महान स्नानागार’ सिंधु घाटी सभ्यता की इंजीनियरिंग और वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक आयताकार संरचना थी जो ईंटों से बनी थी और संभवतः धार्मिक या सार्वजनिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग की जाती थी। इसके चारों ओर कमरे और जल निकासी की व्यवस्था थी।
- गलत विकल्प: हड़प्पा एक प्रमुख स्थल था, लेकिन महान स्नानागार के लिए प्रसिद्ध नहीं है; कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं; लोथल एक बंदरगाह शहर था।
प्रश्न 22: सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद किस धर्म को अपनाया?
- हिंदू धर्म
- जैन धर्म
- बौद्ध धर्म
- इस्लाम
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बौद्ध धर्म। ईसा पूर्व 261 में कलिंग (आधुनिक ओडिशा) के विनाशकारी युद्ध के बाद, अशोक ने अपने कर्मों से पश्चाताप किया और बौद्ध धर्म की शांति और करुणा की शिक्षाओं से प्रभावित होकर इसे अपनाया।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रसार करने के लिए अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का पालन किया और लोगों के कल्याण के लिए कई कार्य किए, जिन्हें उन्होंने अपने शिलालेखों में उत्कीर्ण करवाया।
- गलत विकल्प: अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाने के बाद किसी अन्य धर्म को नहीं अपनाया; उन्होंने अन्य धर्मों के प्रति भी सहिष्णुता दिखाई।
प्रश्न 23: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1192
- 1206
- 1210
- 1227
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1206। 1192 में तराइन के दूसरे युद्ध में मुहम्मद गोरी द्वारा पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद, उसके गुलाम और उत्तराधिकारी कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 में दिल्ली सल्तनत की नींव रखी।
- संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की स्थापना की, और दिल्ली भारत की राजधानी बनी। यह मध्यकालीन भारत के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
- गलत विकल्प: 1192 तराइन का दूसरा युद्ध था; 1210 में कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु हुई; 1227 इल्तुतमिश के शासन से संबंधित है।
प्रश्न 24: ‘पुर्तगाली उपनिवेशवाद’ का संस्थापक किसे माना जाता है?
- वास्को डी गामा
- अल्फांसो डी अल्बुकर्क
- पेड्रो अल्वारेस कैब्राल
- फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अल्फांसो डी अल्बुकर्क। उन्हें भारत में पुर्तगाली शक्ति का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अल्बुकर्क 1509 से 1515 तक भारत में पुर्तगाली गवर्नर रहे। उन्होंने 1510 में बीजापुर के आदिल शाह सुल्तान से गोवा पर कब्जा किया, जो भारत में पुर्तगाली शासन का केंद्र बन गया। उन्होंने हिंद महासागर में पुर्तगाली वर्चस्व स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: वास्को डी गामा भारत पहुंचने वाले पहले पुर्तगाली थे (1498); कैब्राल ने ब्राज़ील की खोज की; अल्मेडा पहले पुर्तगाली गवर्नर थे, लेकिन अल्बुकर्क ने पुर्तगाली शक्ति को मजबूत किया।
प्रश्न 25: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) किस वर्ष प्रारंभ हुआ?
- 1930
- 1935
- 1942
- 1947
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1942। महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत की, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का मुख्य नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शुरू हुए इस आंदोलन का उद्देश्य भारत को तुरंत आज़ाद कराना था। ब्रिटिश सरकार ने आंदोलन को बेरहमी से कुचलने का प्रयास किया और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
- गलत विकल्प: 1930 सविनय अवज्ञा आंदोलन से संबंधित है; 1935 भारत सरकार अधिनियम का वर्ष है; 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।