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ऐतिहासिक जंग: अपनी तैयारी को धार दें

ऐतिहासिक जंग: अपनी तैयारी को धार दें

कालचक्र की यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हो जाइए! इतिहास के पन्नों में छिपे रहस्यों और महत्वपूर्ण घटनाओं की पड़ताल आज एक बार फिर आपकी तैयारी की कसौटी पर कसी जाएगी। अपनी सूझबूझ और ज्ञान का परिचय देने का यह सर्वोत्तम अवसर है। आइए, आज के इस महा-क्विज के साथ अपने आत्मविश्वास को और मज़बूत करें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक उत्कृष्ट कांस्य नर्तकी की प्रतिमा प्राप्त हुई है?

  1. लोथल
  2. हड़प्पा
  3. मोहनजोदड़ो
  4. कालीबंगा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। यहीं से 4.5 इंच की एक पतली, सजीव और आत्मविश्वास से भरी नर्तकी की कांस्य प्रतिमा मिली है। यह प्रतिमा हड़प्पा काल की धातु-शिल्प की उत्कृष्ट कला का प्रतीक है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 4,500 वर्ष पुरानी मानी जाती है और आज राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली में प्रदर्शित है। इसका निर्माण ‘लॉस्ट-वैक्स’ (मोम पिघलाकर) तकनीक से किया गया था।
  • गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ से जहाज निर्माण के प्रमाण मिले। हड़प्पा से तांबे की इक्का गाड़ी (chariot) मिली थी। कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण और लकड़ी के हल मिले थे।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?

  1. कण्व वंश – पुष्यमित्र
  2. सातवाहन वंश – गौतमीपुत्र सातकर्णि
  3. वाकाटक वंश – रुद्रसेन द्वितीय
  4. गुप्त वंश – चंद्रगुप्त प्रथम

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कण्व वंश के संस्थापक पुष्यमित्र नहीं, बल्कि वासुदेव कण्व थे। पुष्यमित्र शुंग वंश के संस्थापक थे, जिन्होंने कण्व वंश से पहले शासन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: सातवाहन वंश के सबसे प्रतापी राजा गौतमीपुत्र सातकर्णि थे, जिन्होंने शक राजाओं को पराजित किया था। वाकाटक वंश के रुद्रसेन द्वितीय ने गुप्त राजकुमारी प्रभावती गुप्त से विवाह किया था। चंद्रगुप्त प्रथम को गुप्त साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: सभी अन्य युग्म सही सुमेलित हैं।

प्रश्न 3: ‘सूफीवाद’ के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. सूफीवाद इस्लाम का एक रहस्यवादी आंदोलन है।
  2. सूफी संत दरगाहों में निवास करते थे।
  3. सूफीवाद में ईश्वर से प्रेम और मिलन पर बल दिया जाता है।
  4. सूफीवाद कुरान की शाब्दिक व्याख्या पर ज़ोर देता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सूफीवाद इस्लाम के भीतर एक रहस्यवादी परंपरा है जो आध्यात्मिक अनुभव, ईश्वरीय प्रेम और मिलन पर केंद्रित है। सूफी संत अक्सर खानकाह (धार्मिक मठ) या दरगाहों (सूफी संतों की कब्र) में रहते थे और अपने शिष्यों को उपदेश देते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: सूफीवाद का मुख्य ज़ोर ईश्वरीय प्रेम, आंतरिक शुद्धि और सांसारिक मोह-माया से अनासक्ति पर होता है। यह कुरान की गूढ़ और आध्यात्मिक व्याख्या पर बल देता है, न कि केवल शाब्दिक व्याख्या पर।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) गलत है क्योंकि सूफीवाद कुरान की शाब्दिक व्याख्या के बजाय आंतरिक, आध्यात्मिक और रहस्यवादी व्याख्या पर जोर देता है।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘आंध्र कविता पित्रमह’ की उपाधि धारण की थी?

  1. कृष्णदेवराय
  2. देवराय द्वितीय
  3. बुक्का प्रथम
  4. वीर नरसिंह

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ई.) को ‘आंध्र कविता पित्रमह’ (आंध्र साहित्य के पितामह) की उपाधि से अलंकृत किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय स्वयं एक महान विद्वान और तेलुगु साहित्य के संरक्षक थे। उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक एक महत्वपूर्ण तेलुगु काव्य की रचना की, जो तेलुगु साहित्य का रत्न माना जाता है। उनके दरबार में अष्टदिग्गज नामक आठ महान तेलुगु कवि थे।
  • गलत विकल्प: देवराय द्वितीय, बुक्का प्रथम और वीर नरसिंह भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन यह उपाधि कृष्णदेवराय से संबंधित है।

प्रश्न 5: 1905 में बंगाल के विभाजन का मुख्य कारण क्या था?

  1. भारतीय राष्ट्रवाद को कमजोर करना
  2. पूर्वी और पश्चिमी बंगाल के बीच आर्थिक असमानता
  3. सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना
  4. ब्रिटिश प्रशासनिक सुविधा

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लॉर्ड कर्जन के शासनकाल में 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। आधिकारिक तौर पर इसे प्रशासनिक सुविधा का कारण बताया गया था, लेकिन इसका वास्तविक उद्देश्य बंगाल में बढ़ते भारतीय राष्ट्रवाद को तोड़ना और ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को लागू करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: विभाजन ने बंगाल को दो भागों में बाँट दिया: पूर्वी बंगाल (मुस्लिम बहुल) और पश्चिम बंगाल (हिंदू बहुल)। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन और बहिष्कार आंदोलन जैसी जन आंदोलन शुरू हुए।
  • गलत विकल्प: आर्थिक असमानता और प्रशासनिक सुविधा गौण कारण थे, जबकि राष्ट्रवाद को कुचलना मुख्य उद्देश्य था। सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखना विभाजन का परिणाम नहीं, बल्कि औपनिवेशिक नीति का एक पहलू था।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस विदेशी यात्री ने भारत का विस्तृत वर्णन किया है और अपने यात्रा वृत्तांत को ‘इब्न बतूता की रेहला’ नाम दिया है?

  1. अल-बरुनी
  2. मार्को पोलो
  3. इब्न बतूता
  4. निकोलस मनुची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोरक्को का प्रसिद्ध यात्री इब्न बतूता 14वीं शताब्दी में भारत आया था और उसने तत्कालीन भारतीय समाज, संस्कृति और शासकों का विस्तृत विवरण अपनी पुस्तक ‘किताब-उल-रेहला’ (यात्राओं की पुस्तक) में दिया है।
  • संदर्भ और विस्तार: इब्न बतूता को मोहम्मद बिन तुगलक ने दिल्ली का काजी (न्यायाधीश) भी नियुक्त किया था। उसके वृत्तांत से दिल्ली सल्तनत काल की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की बहुमूल्य जानकारी मिलती है।
  • गलत विकल्प: अल-बरुनी महमूद गजनवी के साथ आया था और उसने ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी। मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में भारत आया था। निकोलस मनुची 17वीं शताब्दी में आया था और उसने ‘स्टोरियो डो मोगोर’ लिखी।

प्रश्न 7: ‘बक्सर का युद्ध’ कब लड़ा गया था?

  1. 1764 ई.
  2. 1757 ई.
  3. 1761 ई.
  4. 1765 ई.

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 ई. को लड़ा गया था। यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और बंगाल के नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की निर्णायक जीत हुई, जिसने भारत में कंपनी के शासन की नींव को और मजबूत किया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप 1765 ई. में इलाहाबाद की संधि हुई, जिसने कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्रदान किए।
  • गलत विकल्प: 1757 ई. में प्लासी का युद्ध हुआ था। 1761 ई. में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था। 1765 ई. में इलाहाबाद की संधि हुई थी।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने गुप्त शासक समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ई.) को उसकी विजयों और साम्राज्य विस्तार के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा है।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान योद्धा और विजेता था। प्रयाग प्रशस्ति (जिसे हरिषेण ने लिखा) में उसकी उत्तर भारत और दक्षिण भारत की विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उसने अश्वमेध यज्ञ भी किया था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त साम्राज्य की नींव रखी, चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपनी राजधानी उज्जैन बनाई और विक्रमादित्य की उपाधि धारण की, जबकि कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना करवाई थी।

प्रश्न 9: ‘सन 1857 की क्रांति’ के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा एक कथन सही नहीं है?

  1. इस क्रांति की शुरुआत मेरठ छावनी से हुई।
  2. बहादुर शाह द्वितीय को क्रांति का नेता घोषित किया गया।
  3. इस क्रांति का तात्कालिक कारण चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग था।
  4. क्रांति का दमन करने में सर कॉलिन कैम्पबेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 की क्रांति की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ छावनी से हुई थी। चर्बी वाले कारतूसों के प्रयोग की अफवाहें इसका प्रमुख तात्कालिक कारण बनीं। सर कॉलिन कैम्पबेल ने ब्रिटिश सेना का नेतृत्व किया और क्रांति को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि, बहादुर शाह द्वितीय को क्रांति का नेता घोषित किया गया था, लेकिन वह स्वयं इस आंदोलन के प्रमुख व्यक्ति नहीं थे और उन्हें ब्रिटिशों ने रंगून निर्वासित कर दिया था, जहाँ उनकी मृत्यु हो गई। वह सिर्फ नाममात्र के नेता थे।
  • गलत विकल्प: कथन (b) सही नहीं है क्योंकि बहादुर शाह द्वितीय को नेता घोषित किया गया था, लेकिन वह स्वयं सक्रिय नेता नहीं थे। बाकी सभी कथन सत्य हैं।

प्रश्न 10: ‘अमुक्तमाल्यदा’ का लेखक कौन था?

  1. तिनना
  2. नंदि तिम्मना
  3. पिनवीरु भद्रुडु
  4. कृष्णदेवराय

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अमुक्तमाल्यदा’ विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासक कृष्णदेवराय द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध तेलुगु काव्य है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह काव्य भगवान विष्णु और उनकी प्रेयसी गोदा देवी (आंडाल) के विवाह पर आधारित है। कृष्णदेवराय स्वयं एक महान विद्वान और साहित्य के संरक्षक थे, जिनके दरबार में अष्टदिग्गज कवियों का समूह निवास करता था।
  • गलत विकल्प: तिनना, नंदि तिम्मना और पिनवीरु भद्रुडु कृष्णदेवराय के दरबार के अन्य प्रमुख कवि थे, जिन्होंने क्रमशः ‘महाभारतम्’, ‘मनुचरित्रम्’ और ‘व्यासयोगम्’ जैसी रचनाएं कीं।

प्रश्न 11: मेगस्थनीज की ‘इंडिका’ के अनुसार, मौर्यकाल में ‘एग्रोनोमोई’ (Agromonoi) का कार्य क्या था?

  1. सेना का प्रबंधन
  2. राजस्व एकत्र करना
  3. मार्गों का निरीक्षण और सड़कों का रखरखाव
  4. न्याय व्यवस्था का संचालन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में मौर्यकालीन भारतीय समाज और प्रशासन का वर्णन किया है। उसके अनुसार, ‘एग्रोनोमोई’ नामक अधिकारी मार्ग निरीक्षण, सड़कों के रखरखाव और यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्युकस निकेटर का राजदूत बनकर आया था। उसने पाटलिपुत्र के प्रशासन का भी विस्तृत वर्णन किया है, जिसमें नगर प्रशासन के लिए गठित समितियों का उल्लेख है।
  • गलत विकल्प: सेना का प्रबंधन ‘सैन्य समिति’ (Military committee) द्वारा, राजस्व एकत्र करना ‘कोषाध्यक्ष’ (Treasurer) द्वारा और न्याय व्यवस्था का संचालन ‘न्यायाधीशों’ (Judges) द्वारा किया जाता था।

प्रश्न 12: चोल साम्राज्य के किस शासक ने ‘गंगईकोंडचोलपुरम’ नामक एक नई राजधानी बसाई और ‘गंगईकोंडचोल’ की उपाधि धारण की?

  1. राजराज प्रथम
  2. राजेंद्र प्रथम
  3. कुलोतुंग प्रथम
  4. विजयालय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: राजेंद्र चोल प्रथम (शासनकाल 1014-1044 ई.) को चोल साम्राज्य का सबसे महान शासक माना जाता है। उसने उत्तर भारत तक सैन्य अभियान किया और गंगा नदी के जल को अपने राज्य में लाकर ‘गंगईकोंडचोलपुरम’ नामक नई राजधानी बसाई, साथ ही ‘गंगईकोंडचोल’ (गंगा का विजेता) की उपाधि धारण की।
  • संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र प्रथम ने एक विशाल नौसेना का निर्माण भी किया और दक्षिण-पूर्व एशिया के शैलेंद्र साम्राज्य पर भी विजय प्राप्त की। उसका शासनकाल चोल साम्राज्य का स्वर्ण युग था।
  • गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने तंजौर में वृहदेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था। कुलोतुंग प्रथम ने ‘तिरुक्कैकोविल’ नामक एक प्रसिद्ध शिव मंदिर का निर्माण करवाया था। विजयालय चोल वंश का संस्थापक था।

प्रश्न 13: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में कहाँ हुई थी?

  1. लंदन
  2. दिल्ली
  3. कलकत्ता
  4. मुंबई

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना दादाभाई नौरोजी ने 1866 में लंदन में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का उद्देश्य ब्रिटिश जनता और सरकार के सामने भारतीय राष्ट्रीय हितों को प्रस्तुत करना और भारत में ब्रिटिश शासन की नीतियों की समीक्षा करना था। यह ब्रिटिश सार्वजनिक राय को प्रभावित करने और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्थन जुटाने का एक महत्वपूर्ण मंच बना।
  • गलत विकल्प: दिल्ली, कलकत्ता और मुंबई भारत के प्रमुख शहर थे, लेकिन इस संगठन की स्थापना इंग्लैंड की राजधानी लंदन में हुई थी।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा धर्म ‘शून्य’ (Void) और ‘अनीश्वरवाद’ (Atheism) पर बल देता है?

  1. वैष्णव धर्म
  2. शैव धर्म
  3. बौद्ध धर्म
  4. जैन धर्म

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बौद्ध धर्म, विशेष रूप से महायान शाखा, ‘शून्यता’ (Shunyata) की अवधारणा पर जोर देता है, जिसका अर्थ है कि सभी घटनाएं स्वाभाविक रूप से रिक्त हैं और उनका कोई स्थायी, स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है। यह अनीश्वरवादी (Atheistic) या गैर-ईश्वरवादी (Non-theistic) है, क्योंकि यह सृष्टि या पालनहार के रूप में किसी ईश्वर की अवधारणा को स्वीकार नहीं करता।
  • संदर्भ और विस्तार: बौद्ध धर्म का मुख्य लक्ष्य निर्वाण प्राप्त करना है, जो दुखों से मुक्ति है, और यह मार्ग स्वयं के प्रयासों पर आधारित है, किसी ईश्वर की कृपा पर नहीं।
  • गलत विकल्प: वैष्णव धर्म और शैव धर्म एकेश्वरवादी (Monotheistic) हैं जो क्रमशः विष्णु और शिव को सर्वोच्च देवता मानते हैं। जैन धर्म भी अनीश्वरवादी है लेकिन ‘शून्यता’ की अवधारणा बौद्ध धर्म जितनी केंद्रीय नहीं है; जैन धर्म के केंद्र में ‘अहिंसा’ और ‘त्रिरत्न’ हैं।

प्रश्न 15: ‘सबका मंगल’ (General Welfare) की नीति किस मुगल सम्राट ने चलाई थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहां
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ई.) अपनी ‘सबका मंगल’ या ‘सुलह-ए-कुल’ (Universal Peace) की नीति के लिए जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, अकबर ने सभी धर्मों और समुदायों के प्रति सहिष्णुता की नीति अपनाई। उसने हिंदुओं और अन्य गैर-मुसलमानों पर लगे जजिया कर को समाप्त किया, धार्मिक चर्चाओं को प्रोत्साहित किया और अपने साम्राज्य में शांति व सद्भाव बनाए रखने का प्रयास किया। उसका उद्देश्य सभी प्रजा का कल्याण सुनिश्चित करना था।
  • गलत विकल्प: जहांगीर ने भी सहिष्णुता की कुछ हद तक नीति जारी रखी, लेकिन अकबर ने इसे सबसे प्रभावी ढंग से लागू किया। शाहजहां और औरंगजेब ने अकबर की तुलना में अधिक रूढ़िवादी धार्मिक नीतियाँ अपनाईं।

प्रश्न 16: भारत में ‘द्वितीय नगरीकरण’ (Second Urbanisation) का काल किसे माना जाता है?

  1. सिंधु घाटी सभ्यता
  2. वैदिक काल
  3. महाजनपद काल (लगभग 600 ईसा पूर्व)
  4. मौर्य काल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत में प्रथम नगरीकरण सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान (लगभग 2500-1700 ईसा पूर्व) हुआ था। द्वितीय नगरीकरण का काल महाजनपद काल (लगभग 600 ईसा पूर्व) से शुरू होता है, जब गंगा के मैदानों में बड़ी संख्या में नए नगरों का उदय हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अवधि में मगध, कोशल, वत्स, अंग जैसे प्रमुख महाजनपदों का विकास हुआ और पाटलिपुत्र, वाराणसी, श्रावस्ती, कौशांबी जैसे महत्वपूर्ण नगरों का उदय हुआ। लोहे के बढ़ते उपयोग और कृषि उत्पादन में वृद्धि ने शहरीकरण को बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: सिंधु घाटी सभ्यता प्रथम नगरीकरण का काल है। वैदिक काल में ग्रामीण सभ्यता थी। मौर्य काल द्वितीय नगरीकरण का विस्तार था, लेकिन इसकी शुरुआत महाजनपद काल में हुई।

प्रश्न 17: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहां
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ई. में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म या धार्मिक पंथ की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘दीन-ए-इलाही’ का अर्थ है ‘ईश्वर का धर्म’। यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सर्वधर्म समन्वय की सोच का परिणाम था, जिसमें विभिन्न धर्मों के प्रमुख सिद्धांतों को मिलाकर एक ऐसा मार्ग बनाने का प्रयास किया गया था जो सभी के लिए स्वीकार्य हो। इसमें मुख्यतः पारसी, हिंदू, इस्लाम और ईसाई धर्म के तत्व शामिल थे।
  • गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब ने ‘दीन-ए-इलाही’ का अनुसरण नहीं किया।

प्रश्न 18: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?

  1. लाहौर अधिवेशन (1929)
  2. कलकत्ता अधिवेशन (1933)
  3. रामगढ़ अधिवेशन (1940)
  4. बम्बई अधिवेशन (1942)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को बम्बई (अब मुंबई) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पारित हुआ था। महात्मा गांधी ने इसी अधिवेशन में ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत को तत्काल आजादी दिलाने की मांग के साथ शुरू किया गया था। इसके तुरंत बाद, ब्रिटिश सरकार ने गांधीजी सहित कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, जिससे आंदोलन को एक बड़ा झटका लगा, लेकिन यह अत्यंत व्यापक हो गया।
  • गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था। कलकत्ता अधिवेशन (1933) की अध्यक्षता नलिनी सेनगुप्ता ने की थी। रामगढ़ अधिवेशन (1940) में मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अध्यक्षता की थी।

प्रश्न 19: किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: चंद्रगुप्त द्वितीय (शासनकाल 375-415 ई.) गुप्त वंश का एक अत्यंत प्रतापी शासक था, जिसने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपनी राजधानी उज्जैन को भी बनाया और अपने दरबार में कालिदास जैसे महान कवियों को आश्रय दिया। उसने शकों पर विजय प्राप्त की और अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उसके काल को गुप्त काल का स्वर्ण युग माना जाता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना करवाई थी।

प्रश्न 20: ‘चौरी-चौरा कांड’ किस वर्ष में हुआ था, जिसके कारण असहयोग आंदोलन स्थगित कर दिया गया?

  1. 1920
  2. 1921
  3. 1922
  4. 1923

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: चौरी-चौरा कांड 5 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुआ था। इस घटना में गुस्साई भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस हिंसक घटना से आहत होकर महात्मा गांधी ने तुरंत असहयोग आंदोलन (1920-22) को स्थगित करने का निर्णय लिया, क्योंकि उनका मानना था कि आंदोलन अपने अहिंसक स्वरूप से भटक रहा था।
  • गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था। 1921 में आंदोलन जारी था। 1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 21: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवाने-ए-कोही’ (कृषि विभाग) की स्थापना की?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: दिल्ली सल्तनत के शासक मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ई.) ने कृषि के विकास के लिए ‘दीवाने-ए-कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का उद्देश्य किसानों को सीधे सहायता प्रदान करना, खाली भूमि को खेती के अधीन लाना और खेती के तरीकों में सुधार करना था। मुहम्मद बिन तुगलक ने अपने काल में कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाईं, हालांकि वे अक्सर असफल रहीं।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्काने-ए-चहलगानी) का गठन किया। बलबन ने ‘दीवाने-आरिज’ (सैन्य विभाग) को मजबूत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण व्यवस्था लागू की थी।

प्रश्न 22: ‘सिपाही विद्रोह’ (Mutiny of 1857) का प्रमुख तात्कालिक कारण क्या था?

  1. डलहौजी की हड़प नीति
  2. भारतीयों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास
  3. एनफील्ड राइफल में प्रयुक्त होने वाली चर्बी वाले कारतूस
  4. कंपनी द्वारा भारतीय उद्योगों का विनाश

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह का सबसे प्रमुख और तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफल में इस्तेमाल होने वाले नए कारतूस थे, जिनके बारे में ऐसी अफवाह थी कि उन्हें सूअर और गाय की चर्बी से चिकनाई दी जाती थी। इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों सिपाहियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
  • संदर्भ और विस्तार: मंगल पांडे नामक एक सिपाही ने बैरकपुर में इन कारतूसों के इस्तेमाल का विरोध किया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर हमला कर दिया, जिसके लिए उसे फांसी दी गई। यह घटना विद्रोह की चिंगारी बनी।
  • गलत विकल्प: डलहौजी की हड़प नीति, ईसाईकरण के प्रयास और आर्थिक शोषण जैसे कारण दीर्घकालिक थे, लेकिन चर्बी वाले कारतूसों का मुद्दा तत्काल कारण बना।

प्रश्न 23: इटली के एकीकरण (Unification of Italy) का जनक किसे कहा जाता है?

  1. गैरीबाल्डी
  2. कैवूर
  3. मैजिनी
  4. बिसमार्क

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ग्यूसेप मैजिनी (Giuseppe Mazzini) को ‘इटली के एकीकरण का जनक’ या ‘राष्ट्र निर्माता’ कहा जाता है। उसने ‘यंग इटली’ नामक गुप्त संगठन की स्थापना की और राष्ट्रवादी भावनाओं को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि कैवूर (Cavour) ने राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल से एकीकरण को अंतिम रूप दिया और गैरीबाल्डी (Garibaldi) ने अपने सैन्य अभियानों से इसमें योगदान दिया, लेकिन मैजिनी ने ही एकीकरण की वैचारिक नींव रखी और जनमानस को प्रेरित किया। बिसमार्क जर्मनी के एकीकरण से संबंधित था।
  • गलत विकल्प: कैवूर को ‘इटली के एकीकरण का मस्तिष्क’ और गैरीबाल्डी को ‘इटली के एकीकरण की तलवार’ कहा जाता है, जबकि मैजिनी को ‘जनक’ माना जाता है।

प्रश्न 24: विजयनगर साम्राज्य की मुद्रा क्या थी?

  1. दिनार
  2. जीतल
  3. टंका
  4. रुपया

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की मुख्य मुद्रा ‘वरह’ (Varaha) या ‘गजेन्द्र वरह’ थी, जिसे ‘दिनार’ के नाम से भी जाना जाता था। यह सोने का सिक्का था।
  • संदर्भ और विस्तार: इन सिक्कों पर विभिन्न देवी-देवताओं (जैसे लक्ष्मी, विष्णु) और राजाओं की प्रतिमाएं अंकित होती थीं। इन सिक्कों की शुद्धता और वजन के कारण ये व्यापार के लिए महत्वपूर्ण थे।
  • गलत विकल्प: जीतल और टंका दिल्ली सल्तनत के समय की मुद्राएँ थीं। रुपया शेरशाह सूरी द्वारा शुरू किया गया था।

प्रश्न 25: ‘संथाल विद्रोह’ (1855-56) का नेतृत्व निम्नलिखित में से किन दो भाइयों ने किया था?

  1. बिरसा मुंडा और सिद्दू
  2. सिद्धू और कान्हू
  3. टंट्या भील और रामा नायका
  4. बुक्का और हरिहर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1855-56 का प्रसिद्ध संथाल विद्रोह का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो भाइयों ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह भागलपुर और राजमहल पहाड़ियों के क्षेत्र में संथाल आदिवासियों द्वारा जमींदारों, साहूकारों और ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के खिलाफ किया गया था। इसे भारत के प्रमुख आदिवासी विद्रोहों में से एक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: बिरसा मुंडा 19वीं शताब्दी के अंत में छोटा नागपुर क्षेत्र में उलगुलान विद्रोह से जुड़े थे। टंट्या भील मध्य भारत के एक प्रसिद्ध आदिवासी नेता थे। बुक्का और हरिहर विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे।

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