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एशिया कप 2023: टीम चयन का कुरुक्षेत्र – चयनकर्ताओं की दुविधा का विस्तृत विश्लेषण

एशिया कप 2023: टीम चयन का कुरुक्षेत्र – चयनकर्ताओं की दुविधा का विस्तृत विश्लेषण

चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
एशिया कप 2023, जो क्रिकेट की दुनिया में एक बहुप्रतीक्षित टूर्नामेंट है, भारतीय क्रिकेट टीम के चयन को लेकर एक गहन मंथन का गवाह बन रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के चयनकर्ताओं के सामने हर एक स्थान के लिए कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौजूद हैं, जो टीम चयन को एक जटिल पहेली बना रहा है। चाहे वह शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की बात हो, मध्य क्रम की मजबूती की, या फिर खतरनाक गेंदबाजी विभाग की, हर जगह जोरदार प्रतिस्पर्धा है। यह स्थिति न केवल चयनकर्ताओं के लिए एक ‘मीठी समस्या’ है, बल्कि भारतीय टीम की गहराई को भी दर्शाती है। यह विश्लेषण UPSC उम्मीदवारों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह खेल प्रबंधन, निर्णय लेने की प्रक्रिया, दबाव में प्रदर्शन, और राष्ट्रीय गौरव से जुड़े मुद्दों को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।

एशिया कप, क्रिकेट के मानचित्र पर एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है, जो एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों को एक मंच पर लाता है। 2023 संस्करण, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, क्योंकि यह आगामी एकदिवसीय विश्व कप की तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हाल के वर्षों में, भारतीय टीम ने बेंच स्ट्रेंथ (खिलाड़ियों की गहराई) में जबरदस्त सुधार किया है। इसका सीधा परिणाम यह है कि टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं के पास अब विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। यह विस्तार जहाँ टीम की समग्र शक्ति को बढ़ाता है, वहीं व्यक्तिगत खिलाड़ियों के चयन में चयनकर्ताओं के सामने एक गंभीर चुनौती भी पेश करता है।

चयनकर्ताओं के सामने सबसे बड़ी दुविधा: एक गहरा विश्लेषण (The Biggest Dilemma for Selectors: An In-depth Analysis)

ऐसा अक्सर नहीं होता कि किसी टीम के पास हर स्थान के लिए ‘बहुत अधिक’ अच्छे विकल्प हों। भारतीय टीम के मामले में, यह एक सुखद लेकिन जटिल परिस्थिति है। चयन समिति के अध्यक्ष और उनके साथी सदस्यों को न केवल वर्तमान फॉर्म, बल्कि खिलाड़ियों का अनुभव, उनकी मैच-विनिंग क्षमता, टीम संतुलन, और विरोधी टीम की ताकत व कमजोरियों पर भी विचार करना होता है।

शीर्ष क्रम: ओपनिंग की जंग (Top Order: The Opening Battle)

भारतीय क्रिकेट का एक मजबूत शीर्ष क्रम हमेशा से ही टीम की सफलता की कुंजी रहा है। 2023 एशिया कप के लिए, ओपनिंग स्लॉट पर भी कड़ा मुकाबला है।

  • रोहित शर्मा (Rohit Sharma): कप्तान और निर्विवाद ओपनर। उनका अनुभव और बड़े स्कोर बनाने की क्षमता सर्वविदित है।
  • शुभमन गिल (Shubman Gill): पिछले कुछ समय से शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में अपनी उपयोगिता साबित की है। उनकी तकनीक और रन बनाने की शैली उन्हें एक अमूल्य संपत्ति बनाती है।
  • ईशान किशन (Ishan Kishan): एक विस्फोटक बल्लेबाज जो बाएं हाथ का विकल्प प्रदान करते हैं। उनका आक्रामक अंदाज और तेजी से रन बनाने की क्षमता उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है, खासकर अगर टीम को तेज शुरुआत की आवश्यकता हो।
  • ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad): घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले गायकवाड़ भी टीम में जगह बनाने के प्रबल दावेदार हैं।

चयनकर्ताओं की चुनौती:
चयनकर्ताओं को यह तय करना है कि वे किसके साथ शुरुआत करें। क्या वे रोहित के साथ युवा और फॉर्म में चल रहे गिल को उतारेंगे? या फिर ईशान किशन को मौका देकर टीम में विविधता लाएंगे? गिल और रोहित की जोड़ी ने वनडे में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन ईशान किशन की विस्फोटक शुरुआत का अपना अलग महत्व है। यह निर्णय न केवल ओपनिंग जोड़ी को प्रभावित करेगा, बल्कि मध्य क्रम में भी एक स्लॉट की उपलब्धता को प्रभावित कर सकता है।

“सही ओपनिंग जोड़ी वह होती है जो न केवल रन बनाती है, बल्कि खेल की गति को भी निर्धारित करती है।”
एक वरिष्ठ क्रिकेट विश्लेषक

मध्य क्रम: स्थिरता और आक्रामकता का संगम (Middle Order: A Confluence of Stability and Aggression)

वनडे क्रिकेट में मध्य क्रम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह वह चरण होता है जहाँ टीम या तो पकड़ मजबूत करती है या फिर दबाव में आ जाती है।

  • विराट कोहली (Virat Kohli): भारतीय क्रिकेट का स्तंभ। उनका अनुभव, निरंतरता और बड़े मैचों में प्रदर्शन करने की क्षमता उन्हें टीम का एक अनिवार्य हिस्सा बनाती है।
  • श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer): हालांकि हाल ही में चोट से लौटे हैं, अय्यर ने अपने वनडे करियर में मध्य क्रम में अच्छी पारियाँ खेली हैं। उनकी 360-डिग्री खेलने की क्षमता उन्हें एक महत्वपूर्ण विकल्प बनाती है।
  • सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav): टी20 के निर्विवाद किंग, सूर्यकुमार यादव ने वनडे में भी अपनी छाप छोड़ी है। उनकी 360-डिग्री स्ट्रोकप्ले और दबाव में छक्के मारने की क्षमता उन्हें चयन का एक मजबूत दावेदार बनाती है।
  • केएल राहुल (KL Rahul): विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में केएल राहुल की वापसी भारतीय टीम के लिए एक बड़ी राहत है। वह मध्य क्रम में स्थिरता ला सकते हैं और अपनी कीपिंग से अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करते हैं।
  • तिलक वर्मा (Tilak Varma): हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे पर टी20 में अपनी छाप छोड़ने वाले तिलक वर्मा को यदि एशिया कप के लिए चुना जाता है, तो वह टीम में एक युवा और बाएं हाथ का विकल्प प्रदान करेंगे।

चयनकर्ताओं की चुनौती:
यहां मुख्य दुविधा यह है कि चार या पांच मुख्य बल्लेबाजों में किसे चुना जाए। अय्यर की फॉर्म और फिटनेस, सूर्यकुमार की आक्रामकता, और केएल राहुल की विकेटकीपिंग के साथ बल्लेबाजी का संतुलन, चयनकर्ताओं के लिए एक बड़ी पहेली है। यदि गिल ओपनिंग नहीं करते हैं, तो मध्य क्रम में एक स्लॉट खुल सकता है। यह भी देखना होगा कि क्या चयनकर्ता सूर्यकुमार को वनडे में उसी तरह का मौका देते हैं जैसा टी20 में मिला है।

ऑलराउंडर: टीम संतुलन की धुरी (All-rounders: The Axis of Team Balance)

वनडे क्रिकेट में ऑलराउंडरों का महत्व किसी से छिपा नहीं है। वे बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान देकर टीम को गहराई प्रदान करते हैं।

  • हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya): टीम इंडिया के प्रमुख ऑलराउंडर। उनकी तेज गेंदबाजी, विस्फोटक बल्लेबाजी और फील्डिंग में प्रभावशीलता उन्हें टीम का एक अभिन्न अंग बनाती है।
  • रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja): एक विश्व स्तरीय स्पिन-गेंदबाज, निपुण बल्लेबाज और बेहतरीन फील्डर। जडेजा टीम को एक अतिरिक्त गेंदबाजी विकल्प और बल्लेबाजी में गहराई प्रदान करते हैं।
  • अक्षर पटेल (Axar Patel): एक किफायती स्पिनर और उपयोगी निचले क्रम के बल्लेबाज। अक्षर पटेल ने हाल के दिनों में ऑलराउंडर के तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
  • शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur): एक ऐसे गेंदबाज जो बल्लेबाजी करने की क्षमता भी रखते हैं। ‘सैमसन’ के नाम से मशहूर शार्दुल विकेट लेने की क्षमता रखते हैं और निचले क्रम में उपयोगी रन जोड़ सकते हैं।

चयनकर्ताओं की चुनौती:
हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा की जोड़ी लगभग तय है। सवाल यह उठता है कि क्या टीम एक तीसरे ऑलराउंडर को चुनेगी, जैसे अक्षर पटेल या शार्दुल ठाकुर? यदि टीम में तीन विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ दो ऑलराउंडर (हार्दिक और जडेजा) खेले, तो बल्लेबाजी क्रम की गहराई बढ़ जाती है। अक्षर पटेल की किफायती गेंदबाजी और बल्लेबाजी उन्हें एक मजबूत विकल्प बनाती है, जबकि शार्दुल अपनी विकेट लेने की क्षमता के कारण टीम में संतुलन ला सकते हैं।

गेंदबाजी विभाग: आक्रमण की धार (Bowling Department: The Edge of Attack)

एक मजबूत गेंदबाजी आक्रमण किसी भी टीम की सफलता की कुंजी होता है। एशिया कप में, चयनकर्ताओं को तेज गेंदबाजों और स्पिनरों के बीच सही संतुलन बनाना होगा।

  • जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah): विश्व के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक। चोट से वापसी के बाद, बुमराह भारतीय आक्रमण का नेतृत्व करेंगे।
  • मोहम्मद शमी (Mohammed Shami): अनुभवी और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले शमी, नई गेंद और पुरानी गेंद दोनों से प्रभावी हैं।
  • मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj): हाल के वर्षों में भारत के सबसे भरोसेमंद तेज गेंदबाज। सिराज अपनी गति, स्विंग और डेथ ओवरों में गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं।
  • कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav): एक कलाई के स्पिनर जो विकेट लेने में सक्षम हैं। उनकी चाइनामैन गेंदबाजी विपक्षी बल्लेबाजों के लिए हमेशा एक चुनौती रही है।
  • युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal): एक अन्य कलाई के स्पिनर जो अपनी लेग-ब्रेक और गुगली से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं।
  • मुकेश कुमार (Mukesh Kumar): हाल ही में पदार्पण करने वाले मुकेश कुमार, अपनी यॉर्कर और लाइन-लेंथ के लिए जाने जाते हैं।
  • प्रसिद्ध कृष्णा (Prasidh Krishna): अपनी ऊंचाई और गति के साथ, कृष्णा को भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है।

चयनकर्ताओं की चुनौती:
बुमराह के साथ किसे जोड़ा जाए? शमी और सिराज में से किसे प्रमुखता दी जाए? या फिर दोनों को जगह मिले? कुलदीप और चहल में से कौन? या दोनों? यदि टीम तीन तेज गेंदबाजों के साथ जाती है, तो यह तय करना होगा कि तीसरा तेज गेंदबाज कौन होगा – शमी, सिराज, या कृष्णा/मुकेश? स्पिन विभाग में, कुलदीप की वर्तमान फॉर्म उन्हें प्राथमिकता दिला सकती है, लेकिन चहल का अनुभव भी महत्वपूर्ण है।

“भारतीय टीम की बेंच स्ट्रेंथ इतनी मजबूत है कि हम एक दूसरी विश्व स्तरीय टीम बना सकते हैं।”
एक पूर्व भारतीय कप्तान

भारत की टीम को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing India’s Team Selection)

टीम चयन सिर्फ वर्तमान फॉर्म का खेल नहीं है, बल्कि इसमें कई अन्य कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

  1. टीम संयोजन (Team Combination): चयनकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनी गई टीम में बल्लेबाजी और गेंदबाजी का सही संतुलन हो। कितने बल्लेबाज, कितने ऑलराउंडर, कितने तेज गेंदबाज और कितने स्पिनर – यह एक जटिल समीकरण है।
  2. विरोधी टीम (Opposition): एशिया कप में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसी मजबूत टीमें होंगी। इन टीमों की ताकतों और कमजोरियों को ध्यान में रखकर टीम का चयन करना होगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी टीम के पास मजबूत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, तो दाएं हाथ के ऑफ-स्पिनर (जैसे अश्विन, यदि चुने जाते हैं) या एक कलाई का स्पिनर (जैसे चहल) को टीम में जगह मिल सकती है।
  3. पिच की परिस्थितियाँ (Pitch Conditions): टूर्नामेंट के स्थान (श्रीलंका या पाकिस्तान) की पिचों को ध्यान में रखना होगा। यदि पिचें सूखी और स्पिन-अनुकूल हैं, तो अधिक स्पिनरों को मौका दिया जा सकता है। यदि पिचें तेज गेंदबाजों के लिए मददगार हैं, तो अधिक गति वाले गेंदबाजों को चुना जाएगा।
  4. खिलाड़ियों का फिटनेस स्तर (Players’ Fitness Levels): हाल ही में चोटों से लौटे खिलाड़ियों की फिटनेस एक प्रमुख चिंता का विषय हो सकती है। चयनकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि खिलाड़ी मैदान पर उतरने के लिए पूरी तरह से फिट हों।
  5. दबाव में प्रदर्शन (Performance Under Pressure): बड़े टूर्नामेंटों में, उन खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाती है जो दबाव में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
  6. भविष्य की ओर देखना (Looking Towards the Future): हालांकि एशिया कप एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है, यह विश्व कप की तैयारी का एक मंच भी है। चयनकर्ता भविष्य को ध्यान में रखते हुए कुछ युवा खिलाड़ियों को मौका दे सकते हैं।

UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्व (Importance from UPSC Exam Perspective)

यह स्थिति UPSC उम्मीदवारों के लिए कई दृष्टिकोणों से प्रासंगिक है:

  • शासन और प्रबंधन (Governance and Management): किसी बड़े संगठन (जैसे BCCI) के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया, संसाधनों का आवंटन, और मानव संसाधनों का प्रबंधन कैसे किया जाता है, यह इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • रणनीतिक योजना (Strategic Planning): खेल में, टीम चयन एक प्रकार की सामरिक योजना है। चयनकर्ताओं को वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की प्रतियोगिताओं को भी ध्यान में रखना होता है।
  • दबाव में निर्णय लेना (Decision Making Under Pressure): चयनकर्ता सार्वजनिक जांच और अपेक्षाओं के दबाव में निर्णय लेते हैं। यह दिखाता है कि कैसे सार्वजनिक पद धारकों को कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं।
  • संसाधन अनुकूलन (Resource Optimization): सीमित स्थानों (23-25 खिलाड़ियों का दल) में सर्वोत्तम प्रतिभा का चयन करना, संसाधनों के प्रभावी उपयोग का एक उदाहरण है।
  • सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व (Socio-Cultural Significance): क्रिकेट भारत में एक जुनून है। टीम का प्रदर्शन राष्ट्रीय गौरव और मनोबल से जुड़ा होता है।
  • आर्थिक पहलू (Economic Aspect): खेल प्रबंधन में आर्थिक व्यवहार्यता, प्रायोजन, और राजस्व सृजन जैसे पहलू भी जुड़े होते हैं।

संभावित टीम संयोजन (Potential Team Combinations)

चयनकर्ताओं के सामने कई संभावित लाइन-अप हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

संयोजन 1: संतुलित आक्रमण (Balanced Attack)

  • ओपनर: रोहित शर्मा, शुभमन गिल
  • मध्य क्रम: विराट कोहली, श्रेयस अय्यर/सूर्यकुमार यादव, केएल राहुल (विकेटकीपर)
  • ऑलराउंडर: हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा
  • गेंदबाज: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव

यह संयोजन एक मजबूत बल्लेबाजी क्रम और एक सुसंगत गेंदबाजी आक्रमण प्रदान करता है।

संयोजन 2: आक्रामक बल्लेबाजी (Aggressive Batting)

  • ओपनर: रोहित शर्मा, ईशान किशन
  • मध्य क्रम: शुभमन गिल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव
  • ऑलराउंडर: हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा
  • गेंदबाज: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल

यह संयोजन ऊपरी क्रम में अधिक आक्रामकता और कुछ आक्रामक मिडिल ऑर्डर विकल्प प्रदान करता है।

संयोजन 3: पांच गेंदबाजों के साथ (With Five Bowlers)

  • ओपनर: रोहित शर्मा, शुभमन गिल
  • मध्य क्रम: विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर/सूर्यकुमार यादव
  • ऑलराउंडर: हार्दिक पांड्या
  • गेंदबाज: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा (सातवां गेंदबाज)

यह संयोजन छह विशेषज्ञ गेंदबाजों और एक ऑलराउंडर के साथ आता है, जो गेंदबाजी को अधिक गहराई देता है।

निष्कर्ष: एक स्वागत योग्य दुविधा (Conclusion: A Welcome Dilemma)

भारतीय क्रिकेट के लिए, चयनकर्ताओं के सामने ऐसी ‘समस्या’ होना एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि हमारे पास प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का एक विशाल पूल है। एशिया कप 2023 के लिए टीम का चयन न केवल एक खेल आयोजन का हिस्सा है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य की दिशा को भी तय करेगा। यह चयनकर्ताओं के कौशल, दूरदर्शिता और दबाव में सही निर्णय लेने की क्षमता की परीक्षा होगी। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह परिदृश्य राष्ट्रीय खेल के माध्यम से नेतृत्व, निर्णय लेने और संसाधन प्रबंधन के सिद्धांतों को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। अंतिम टीम का चयन जो भी हो, यह निश्चित है कि भारतीय टीम इस बहुप्रतीक्षित टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार होगी।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. एशिया कप 2023 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
I. यह टूर्नामेंट मुख्य रूप से एकदिवसीय प्रारूप में खेला जाएगा।
II. भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और एक क्वालीफायर टीम इसमें भाग लेंगी।
III. भारत ने पिछले साल एशिया कप जीता था।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
a) केवल I
b) I और II
c) केवल III
d) I, II और III
उत्तर: b) I और II
व्याख्या: एशिया कप 2023 एकदिवसीय प्रारूप में खेला जाएगा। इसमें 6 टीमें भाग लेंगी। 2022 का एशिया कप टी20 प्रारूप में खेला गया था जिसे श्रीलंका ने जीता था, भारत ने नहीं।

2. भारतीय क्रिकेट टीम के मध्य क्रम के बल्लेबाजों में से किसे हाल के वर्षों में ‘360-डिग्री’ खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है?
a) केएल राहुल
b) श्रेयस अय्यर
c) सूर्यकुमार यादव
d) विराट कोहली
उत्तर: c) सूर्यकुमार यादव
व्याख्या: सूर्यकुमार यादव को उनकी अविश्वसनीय स्ट्रोकप्ले और मैदान के चारों ओर शॉट लगाने की क्षमता के कारण “360-डिग्री” खिलाड़ी कहा जाता है।

3. निम्नलिखित में से कौन सा खिलाड़ी वर्तमान में भारतीय टीम के लिए प्रमुख ऑलराउंडर के रूप में माना जाता है, जो तेज गेंदबाजी और आक्रामक बल्लेबाजी दोनों में सक्षम है?
a) रवींद्र जडेजा
b) अक्षर पटेल
c) हार्दिक पांड्या
d) शार्दुल ठाकुर
उत्तर: c) हार्दिक पांड्या
व्याख्या: हार्दिक पांड्या को भारतीय टीम का मुख्य तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर माना जाता है, जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और तेज गेंदबाजी से टीम को संतुलन प्रदान करते हैं।

4. चयनकर्ताओं द्वारा टीम का चयन करते समय निम्नलिखित में से किस कारक पर विचार नहीं किया जाता है?
a) खिलाड़ियों का वर्तमान फॉर्म
b) खिलाड़ियों का पूर्व रिकॉर्ड
c) खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद
d) पिच की परिस्थितियाँ
उत्तर: c) खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद
व्याख्या: चयनकर्ताओं को टीम हित और रणनीतिक आवश्यकताओं को सर्वोपरि रखना होता है, न कि व्यक्तिगत पसंद को।

5. भारतीय टीम के लिए ‘डेथ ओवरों’ में गेंदबाजी के लिए जाने जाने वाले प्रमुख तेज गेंदबाज कौन हैं?
a) जसप्रीत बुमराह
b) मोहम्मद शमी
c) मोहम्मद सिराज
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज, तीनों ही डेथ ओवरों में प्रभावी गेंदबाजी करने की क्षमता रखते हैं।

6. वनडे क्रिकेट में टीम संतुलन के लिए ‘सातवां गेंदबाजी विकल्प’ प्रदान करने में कौन सा खिलाड़ी सक्षम है?
a) शुभमन गिल
b) विराट कोहली
c) रवींद्र जडेजा
d) केएल राहुल
उत्तर: c) रवींद्र जडेजा
व्याख्या: रवींद्र जडेजा एक कुशल स्पिनर हैं और निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी भी करते हैं, जिससे वे टीम को एक अतिरिक्त गेंदबाजी विकल्प प्रदान करते हैं।

7. भारतीय क्रिकेट में ‘बेंच स्ट्रेंथ’ (खिलाड़ियों की गहराई) का मजबूत होना क्यों महत्वपूर्ण है?
a) केवल कुछ प्रमुख खिलाड़ियों को आराम देने के लिए
b) टीम की समग्र गुणवत्ता और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए
c) अंतरराष्ट्रीय मंच पर युवा प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: मजबूत बेंच स्ट्रेंथ टीम की गुणवत्ता, लचीलेपन और भविष्य के लिए प्रतिभा विकास में सहायक होती है।

8. एक कलाई का स्पिनर जो अपनी चाइनामैन गेंदबाजी के लिए जाना जाता है और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विकेट लेने वाला विकल्प है:
a) युजवेंद्र चहल
b) कुलदीप यादव
c) अक्षर पटेल
d) रविचंद्रन अश्विन
उत्तर: b) कुलदीप यादव
व्याख्या: कुलदीप यादव एक कलाई के स्पिनर हैं जो अपनी चाइनामैन गेंदों के लिए जाने जाते हैं और टीम के लिए महत्वपूर्ण विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

9. ‘मीठी समस्या’ (Sweet Problem) शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है?
a) खिलाड़ियों के बीच सामंजस्य की कमी
b) अधिक संख्या में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का होना
c) टीम के चयन में वित्तीय बाधाएं
d) कप्तान की अनुपस्थिति
उत्तर: b) अधिक संख्या में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का होना
व्याख्या: यह शब्द तब प्रयोग किया जाता है जब चयनकर्ताओं के पास किसी पद के लिए कई अच्छे विकल्प होते हैं, जिससे चयन करना मुश्किल हो जाता है।

10. यदि एशिया कप 2023 श्रीलंका में खेला जाता है, तो चयनकर्ता किस प्रकार की पिच की स्थितियों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं?
a) हरी भरी और तेज गेंदबाजों के अनुकूल पिचें
b) सूखी और स्पिनरों के लिए मददगार पिचें
c) तटस्थ पिचें जो बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को मदद करती हैं
d) ओस से प्रभावित पिचें
उत्तर: b) सूखी और स्पिनरों के लिए मददगार पिचें
व्याख्या: श्रीलंका की पिचें अक्सर सूखी होती हैं और स्पिनरों को अधिक मदद करती हैं, इसलिए चयनकर्ता स्पिनरों के चयन पर अधिक ध्यान दे सकते हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं के सामने वर्तमान में मौजूद ‘खिलाड़ियों की अधिकता’ (Overabundance of Talent) की समस्या का विश्लेषण करें। चर्चा करें कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए कैसे एक ‘स्वागत योग्य दुविधा’ (Welcome Dilemma) है और चयन प्रक्रिया में किन प्रमुख कारकों पर विचार किया जाना चाहिए। (250 शब्द)

2. वनडे क्रिकेट में टीम संतुलन बनाए रखने में ऑलराउंडरों की भूमिका का वर्णन करें। भारतीय टीम के संदर्भ में, हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ियों के चयन के महत्व और उनके संभावित योगदान पर प्रकाश डालें। (200 शब्द)

3. खेल प्रबंधन और निर्णय लेने की प्रक्रिया के दृष्टिकोण से, एशिया कप 2023 के लिए भारतीय टीम के चयन को एक केस स्टडी के रूप में देखें। विश्लेषण करें कि यह स्थिति UPSC सिविल सेवा परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र (विशेषकर शासन, प्रबंधन और सामाजिक न्याय) के लिए प्रासंगिक ज्ञान और अंतर्दृष्टि कैसे प्रदान करती है। (250 शब्द)

4. भारत के शीर्ष क्रम (ओपनिंग जोड़ी) और मध्य क्रम के बल्लेबाजों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, चयनकर्ताओं को टीम की समग्र रणनीति और मैच की परिस्थितियों के आधार पर कौन से प्रमुख निर्णय लेने होंगे? संभावित लाइन-अप पर चर्चा करें। (200 शब्द)

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