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उन्नत विज्ञान प्रश्न: अल्जाइमर और कैंसर ड्रग्स के संदर्भ में ज्ञान का परीक्षण

उन्नत विज्ञान प्रश्न: अल्जाइमर और कैंसर ड्रग्स के संदर्भ में ज्ञान का परीक्षण

परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की व्यापक समझ आवश्यक है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) का अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है। यह प्रश्नोत्तरी आपको परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को मजबूत करने और विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं की अपनी पकड़ को परखने में मदद करेगी, ठीक उसी तरह जैसे हालिया शोध अल्जाइमर रोग के उपचार में अप्रत्याशित प्रगति का संकेत देते हैं।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. कैंसर दवाओं का अल्जाइमर क्षति को उलटने में संभावित उपयोग किस प्रकार की वैज्ञानिक प्रगति को दर्शाता है?

    • (a) जेनेटिक इंजीनियरिंग में प्रगति
    • (b) रिजेनरेटिव मेडिसिन में प्रगति
    • (c) फार्माकोलॉजी और न्यूरोसाइंस का अंतःविषय अनुप्रयोग
    • (d) कृत्रिम बुद्धिमत्ता का चिकित्सा निदान में उपयोग

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फार्माकोलॉजी दवाओं के अध्ययन और उपयोग से संबंधित है, जबकि न्यूरोसाइंस मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के अध्ययन से संबंधित है। जब एक क्षेत्र (जैसे कैंसर ड्रग्स) का दूसरे (जैसे अल्जाइमर) में अप्रत्याशित अनुप्रयोग मिलता है, तो यह अंतःविषय अनुप्रयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

    व्याख्या (Explanation): अल्जाइमर रोग, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है, के उपचार के लिए कैंसर दवाओं की क्षमता खोजना फार्माकोलॉजी (दवाओं के तंत्र) और न्यूरोसाइंस (मस्तिष्क के विकारों) के बीच एक महत्वपूर्ण अंतःविषय संबंध को उजागर करता है। इसका मतलब है कि एक बीमारी के लिए विकसित दवाओं का दूसरी बीमारी में भी प्रभावी हो सकता है, जो इन दो क्षेत्रों के ज्ञान के विलय को दर्शाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग, रिजेनरेटिव मेडिसिन और AI महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इस विशेष मामले में सीधे तौर पर केंद्रीय नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क में आमतौर पर कौन से प्रोटीन जमा हो जाते हैं, जो तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं?

    • (a) इंसुलिन और ग्लूकागन
    • (b) एमिलॉइड-बीटा और टाऊ
    • (c) हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन
    • (d) कोलेजन और इलास्टिन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अल्जाइमर रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है जो मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन एकत्रीकरण से जुड़ा है। एमिलॉइड-बीटा प्लेक और टाऊ टेंगल्स इस बीमारी के हॉलमार्क पैथोलॉजी हैं।

    व्याख्या (Explanation): अल्जाइमर रोग में, एमिलॉइड-बीटा प्रोटीन मस्तिष्क में छोटे-छोटे जमाव (प्लेक) बनाते हैं, और टाऊ प्रोटीन क्षतिग्रस्त और विकृत तंत्रिका कोशिकाओं (टेंगल्स) के अंदर जमा हो जाते हैं। ये जमाव तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) के बीच संचार को बाधित करते हैं और अंततः उन्हें मार देते हैं, जिससे स्मृति हानि और संज्ञानात्मक गिरावट होती है। इंसुलिन/ग्लूकागन हार्मोन हैं, हीमोग्लोबिन/मायोग्लोबिन ऑक्सीजन परिवहन प्रोटीन हैं, और कोलेजन/इलास्टिन संयोजी ऊतक प्रोटीन हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने वाली दवाओं का उपयोग अल्जाइमर में कैसे फायदेमंद हो सकता है?

    • (a) वे मस्तिष्क की सूजन को कम कर सकते हैं।
    • (b) वे एमिलॉइड-बीटा की निकासी को बढ़ा सकते हैं।
    • (c) वे न्यूरोट्रांसमीटर उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं।
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कुछ कैंसर दवाओं के काम करने के विभिन्न तरीके हो सकते हैं, और ये तंत्र अल्जाइमर रोग के पैथोफिजियोलॉजी से संबंधित हो सकते हैं, जैसे कि सूजन को कम करना, असामान्य प्रोटीन को हटाना, या तंत्रिका कार्य को बढ़ावा देना।

    व्याख्या (Explanation): कुछ कैंसर दवाएं, विशेष रूप से जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को विनियमित करती हैं या सेलुलर प्रक्रियाओं को संशोधित करती हैं, अल्जाइमर रोग के उपचार में सहायक हो सकती हैं। वे मस्तिष्क में सूजन (जो अल्जाइमर का एक घटक है) को कम कर सकती हैं, एमिलॉइड-बीटा को साफ करने में मदद कर सकती हैं, या सिनैप्टिक फ़ंक्शन में सुधार करके न्यूरोट्रांसमीटर उत्पादन या गतिविधि को बढ़ा सकती हैं। इसलिए, ये सभी संभावित तंत्र हैं जिनके माध्यम से ये दवाएं अल्जाइमर में प्रभावी हो सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  4. अल्जाइमर रोग के संबंध में ‘न्यूरोइंफ्लेमेशन’ (Neuroinflammation) का क्या अर्थ है?

    • (a) मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं का अत्यधिक विकास
    • (b) मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच सिग्नलिंग की गति में वृद्धि
    • (c) मस्तिष्क में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं से जुड़ी सूजन
    • (d) मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं का संकुचन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूरोइंफ्लेमेशन मस्तिष्क के तंत्रिका ऊतक में सूजन की प्रतिक्रिया है, जो अक्सर प्रतिरक्षा कोशिकाओं (जैसे माइक्रोग्लिया) की सक्रियता से जुड़ी होती है।

    व्याख्या (Explanation): न्यूरोइंफ्लेमेशन मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन की स्थिति को संदर्भित करता है। अल्जाइमर रोग में, एमिलॉइड-बीटा जैसे हानिकारक प्रोटीन के जमाव के जवाब में मस्तिष्क में स्थित प्रतिरक्षा कोशिकाएं (माइक्रोग्लिया और एस्ट्रोसाइट्स) सक्रिय हो जाती हैं। यह सक्रियता सूजनकारी अणुओं (साइटोकिन्स) की रिहाई का कारण बनती है, जो तंत्रिका कोशिकाओं को और नुकसान पहुंचा सकते हैं और रोग की प्रगति को तेज कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. यदि कोई कैंसर दवा किसी एंजाइम को रोकती है जो कैंसर कोशिका के विकास को नियंत्रित करता है, तो वही एंजाइम अल्जाइमर में क्या भूमिका निभा सकता है?

    • (a) यह एमिलॉइड-बीटा की रिहाई को बढ़ा सकता है।
    • (b) यह टाऊ प्रोटीन के विघटन को बढ़ावा दे सकता है।
    • (c) यह तंत्रिका कोशिकाओं के बीच सिनैप्स को मजबूत कर सकता है।
    • (d) यह मस्तिष्क में ऊर्जा उत्पादन को कम कर सकता है।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कई आणविक मार्ग जो कैंसर कोशिकाओं के विकास में शामिल होते हैं, सामान्य सेलुलर कार्यों में भी भूमिका निभाते हैं। इन मार्गों में हस्तक्षेप से अप्रत्याशित प्रभाव हो सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): यह एक काल्पनिक परिदृश्य है, लेकिन एक संभावना यह है कि जिस एंजाइम को कैंसर दवा द्वारा रोका जाता है, वह अल्जाइमर में एमिलॉइड-बीटा उत्पादन या एकत्रीकरण के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि यह एंजाइम एमिलॉइड-बीटा की रिहाई या प्रसंस्करण में भूमिका निभाता है, तो इसे रोकना एमिलॉइड-बीटा के स्तर को कम कर सकता है, जो अल्जाइमर के रोगजनन में एक प्रमुख कारक है। अन्य विकल्प कम संभावित हैं जब तक कि एंजाइम की भूमिका विशेष रूप से इन कार्यों से जुड़ी न हो।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  6. सूक्ष्मजीवविज्ञानी (Microbiology) के संदर्भ में, एंटीबायोटिक्स का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) वायरस को मारना
    • (b) फंगस के विकास को रोकना
    • (c) बैक्टीरिया को मारना या उनके विकास को रोकना
    • (d) परजीवी को समाप्त करना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एंटीबायोटिक्स दवाओं का एक वर्ग है जो विशेष रूप से जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। वे बैक्टीरिया पर कार्य करते हैं, लेकिन वायरस, फंगस या परजीवियों पर नहीं।

    व्याख्या (Explanation): एंटीबायोटिक्स मुख्य रूप से बैक्टीरिया की कोशिका दीवारों के निर्माण, प्रोटीन संश्लेषण या डीएनए प्रतिकृति जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करके कार्य करते हैं। वे या तो बैक्टीरिया को सीधे मार सकते हैं (बैक्टीरिसाइडल) या उनके विकास और प्रजनन को रोक सकते हैं (बैक्टीरियोस्टेटिक)। वे वायरस के खिलाफ अप्रभावी होते हैं क्योंकि वायरस अपने प्रजनन चक्रों के लिए मेजबान कोशिकाओं पर निर्भर करते हैं और उनकी कोई कोशिका दीवार या स्वयं की उपापचयी प्रक्रिया नहीं होती है। वे फंगस या परजीवी के लिए भी प्रभावी नहीं होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. पौधों में प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के दौरान, सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग किसमें परिवर्तित किया जाता है?

    • (a) तापीय ऊर्जा
    • (b) यांत्रिक ऊर्जा
    • (c) रासायनिक ऊर्जा (ग्लूकोज के रूप में)
    • (d) विद्युत ऊर्जा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, जिसे वे बाद में अपने चयापचय के लिए उपयोग करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में, पौधे क्लोरोफिल नामक वर्णक का उपयोग करके सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं। इस ऊर्जा का उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) को ग्लूकोज (C6H12O6) नामक शर्करा में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है, जो एक प्रकार की रासायनिक ऊर्जा है। इस प्रक्रिया का समग्र समीकरण है: 6CO2 + 6H2O + Light Energy → C6H12O6 + 6O2। यह रासायनिक ऊर्जा पौधों के लिए भोजन के रूप में कार्य करती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. मानव शरीर में, लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells) मुख्य रूप से ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। यह ऑक्सीजन किस अणु से बंधकर स्थानांतरित होती है?

    • (a) एल्ब्यूमिन
    • (b) हीमोग्लोबिन
    • (c) कोलेजन
    • (d) केराटिन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है और यह फेफड़ों से शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन के परिवहन के लिए जिम्मेदार है।

    व्याख्या (Explanation): हीमोग्लोबिन एक जटिल प्रोटीन है जिसमें एक ‘हीम’ समूह होता है, जो लोहे (Fe) का एक परमाणु रखता है। यह लोहा ऑक्सीजन के अणुओं के साथ आसानी से बंध जाता है। जब रक्त फेफड़ों से गुजरता है, तो ऑक्सीजन हीमोग्लोबिन से बंध जाती है, जिससे ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनता है। यह ऑक्सीजन से भरपूर रक्त फिर पूरे शरीर में पहुँचाया जाता है, जहाँ ऊतकों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होने पर हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन छोड़ देता है। एल्ब्यूमिन रक्त में एक सामान्य प्रोटीन है जो कई कार्य करता है, लेकिन मुख्य रूप से ऑन्कोटिक दबाव को बनाए रखता है। कोलेजन और केराटिन संरचनात्मक प्रोटीन हैं जो क्रमशः संयोजी ऊतक और बाल/त्वचा में पाए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. तापमान मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले थर्मामीटर में पारे (Mercury) का उपयोग क्यों किया जाता है?

    • (a) यह विद्युत का अच्छा सुचालक है।
    • (b) यह सभी तापमानों पर ठोस रहता है।
    • (c) यह ऊष्मा के साथ समान रूप से फैलता और सिकुड़ता है।
    • (d) यह आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): थर्मामीटर तापमान में बदलाव के जवाब में किसी पदार्थ के विस्तार या संकुचन के सिद्धांत पर काम करते हैं। पारे में ऐसे गुण होते हैं जो इसे इस उद्देश्य के लिए आदर्श बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): पारे को थर्मामीटर में उपयोग के लिए पसंदीदा तरल माना जाता है क्योंकि यह कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में होता है, यह एक विस्तृत तापमान सीमा पर तरल रहता है, यह अपारदर्शी और चमकीला होता है, जिससे इसे पढ़ना आसान हो जाता है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह ऊष्मा के कारण बहुत ही समान और अनुमानित तरीके से फैलता और सिकुड़ता है। यह रैखिक विस्तार इसे सटीक तापमान रीडिंग प्रदान करने की अनुमति देता है। जबकि पारा विद्युत का सुचालक है, यह थर्मामीटर के प्राथमिक कार्य के लिए प्रासंगिक नहीं है। यह हमेशा ठोस नहीं रहता है (गलनांक -38.83 °C) और इसका वाष्पीकरण तापमान अपेक्षाकृत अधिक होता है (180 °C पर)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. निम्नलिखित में से कौन सा प्रकाश का गुण है जो इसे इंद्रधनुष (Rainbow) बनाने में सक्षम बनाता है?

    • (a) परावर्तन (Reflection)
    • (b) अपवर्तन (Refraction)
    • (c) विवर्तन (Diffraction)
    • (d) ध्रुवीकरण (Polarization)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन वह घटना है जिसमें प्रकाश की किरणें एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाते समय अपनी दिशा बदलती हैं। यह विभिन्न तरंग दैर्ध्य (रंगों) के लिए अलग-अलग कोणों पर होता है, जिसे परिक्षेपण (Dispersion) कहा जाता है।

    व्याख्या (Explanation): इंद्रधनुष तब बनता है जब सूर्य का प्रकाश वर्षा की बूंदों से होकर गुजरता है। प्रकाश बूंदों में प्रवेश करते समय अपवर्तित होता है, और फिर बूंद की पिछली सतह से परावर्तित होता है। अंत में, यह बूंद से बाहर निकलते समय फिर से अपवर्तित होता है। चूँकि पानी के अणु सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों (बैंगनी से लाल तक) में विक्षेपित करते हैं, और प्रत्येक रंग थोड़ा अलग कोण पर अपवर्तित होता है, हम रंगों का एक स्पेक्ट्रम देखते हैं। अपवर्तन, विशेष रूप से परिक्षेपण, इंद्रधनुष के निर्माण का मुख्य कारण है। परावर्तन प्रकाश को दिशा देता है, लेकिन रंगों का पृथक्करण नहीं करता। विवर्तन और ध्रुवीकरण अन्य प्रकाशिक घटनाएं हैं जो इंद्रधनुष के निर्माण में प्राथमिक भूमिका नहीं निभाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. धातुओं के संदर्भ में, “आघातवर्धनीयता” (Malleability) का क्या अर्थ है?

    • (a) धातुओं को पतली तारों में खींचने की क्षमता
    • (b) धातुओं को बिना टूटे हथौड़े से पीटकर पतली चादरों में बदलने की क्षमता
    • (c) धातुओं की ऊष्मा और बिजली का संचालन करने की क्षमता
    • (d) धातुओं की चमक

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आघातवर्धनीयता धातुओं के भौतिक गुणों में से एक है, जो उन्हें यांत्रिक विरूपण के प्रतिरोध को दर्शाता है।

    व्याख्या (Explanation): आघातवर्धनीयता एक सामग्री की उस गुण को कहते हैं जिसके द्वारा उसे हथौड़े से पीटने या रोलिंग जैसी प्रक्रिया द्वारा स्थायी विरूपण (deformation) के बिना पतली चादरों या पन्नी में बदला जा सकता है। सोना सबसे आघातवर्धनीय धातुओं में से एक है। धातुओं को पतली तारों में खींचने की क्षमता को तन्यता (Ductility) कहा जाता है। विद्युत और ऊष्मा का संचालन धातुओं का एक सामान्य गुण है, लेकिन यह आघातवर्धनीयता से भिन्न है। चमक (Lustre) धातु की सतह की परावर्तन क्षमता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. विद्युत परिपथों में, जो पदार्थ विद्युत प्रवाह को आसानी से प्रवाहित होने देते हैं, उन्हें क्या कहा जाता है?

    • (a) कुचालक (Insulators)
    • (b) अर्धचालक (Semiconductors)
    • (c) सुचालक (Conductors)
    • (d) परावैद्युत (Dielectrics)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता किसी पदार्थ की विद्युत धारा को अपने से होकर गुजरने देने की क्षमता है।

    व्याख्या (Explanation): सुचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन या आयन होते हैं जो विद्युत आवेश के प्रवाह की अनुमति देते हैं। धातुओं जैसे तांबा, एल्यूमीनियम और चांदी उत्कृष्ट सुचालक हैं। कुचालक (जैसे प्लास्टिक, रबर, कांच) विद्युत प्रवाह का प्रतिरोध करते हैं। अर्धचालक (जैसे सिलिकॉन, जर्मेनियम) की चालकता सुचालक और कुचालक के बीच होती है और इन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। परावैद्युत कुचालक होते हैं जो विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में ध्रुवीकृत हो सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. मानव पाचन तंत्र में, एंजाइम एमाइलेज (Amylase) मुख्य रूप से किस पोषक तत्व को पचाना शुरू करता है?

    • (a) प्रोटीन
    • (b) वसा (Lipids)
    • (c) कार्बोहाइड्रेट (स्टार्च)
    • (d) न्यूक्लिक एसिड

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पाचन में एंजाइमों की भूमिका विशिष्ट रासायनिक बंधनों को तोड़कर बड़े अणुओं को छोटे अणुओं में परिवर्तित करना है जिन्हें अवशोषित किया जा सके।

    व्याख्या (Explanation): एमाइलेज एक एंजाइम है जो कार्बोहाइड्रेट, विशेष रूप से स्टार्च को छोटी शर्करा इकाइयों (जैसे माल्टोज) में तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करता है। मानव शरीर में, एमाइलेज लार (लार ग्रंथि से) और अग्न्याशय (अग्नाशय से) द्वारा स्रावित होता है। यह मुंह में स्टार्च के पाचन से शुरू होता है और छोटी आंत में जारी रहता है। प्रोटीन का पाचन पेप्सिन और प्रोटीज जैसे एंजाइमों द्वारा शुरू होता है, और वसा का पाचन लाइपेज द्वारा होता है। न्यूक्लिक एसिड का पाचन न्यूक्लियेज द्वारा किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. मानव कंकाल प्रणाली में, सबसे लंबी और सबसे मजबूत हड्डी कौन सी है?

    • (a) फीमर (Femur)
    • (b) टिबिया (Tibia)
    • (c) ह्यूमरस (Humerus)
    • (d) रेडियस (Radius)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव शरीर की प्रत्येक हड्डी का एक विशिष्ट आकार, स्थान और कार्य होता है। फीमर, या जांघ की हड्डी, शरीर में वजन उठाने और गतिशीलता के लिए महत्वपूर्ण है।

    व्याख्या (Explanation): फीमर, जो जांघ में स्थित होती है, मानव शरीर की सबसे लंबी, सबसे भारी और सबसे मजबूत हड्डी है। यह श्रोणि (pelvis) को घुटने से जोड़ती है और खड़े होने, चलने और दौड़ने जैसी गतिविधियों के लिए आवश्यक है। टिबिया (पिंडली की हड्डी) फीमर के नीचे स्थित है और दूसरी सबसे लंबी हड्डी है, लेकिन फीमर जितनी मजबूत नहीं है। ह्यूमरस ऊपरी बांह की हड्डी है, और रेडियस कलाई की ओर अग्रभाग (forearm) में स्थित दो हड्डियों में से एक है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  15. रक्त में ऑक्सीजन की कमी से संबंधित स्थिति क्या कहलाती है?

    • (a) एनीमिया (Anemia)
    • (b) हाइपोक्सिया (Hypoxia)
    • (c) पीलिया (Jaundice)
    • (d) एडिमा (Edema)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हाइपोक्सिया एक चिकित्सा शब्द है जो शरीर के ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी को दर्शाता है।

    व्याख्या (Explanation): हाइपोक्सिया वह स्थिति है जब शरीर के ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। यह रक्त में ऑक्सीजन की अपर्याप्त मात्रा (कम ऑक्सीजन सांद्रता) के कारण हो सकता है, या रक्त द्वारा ऑक्सीजन को ऊतकों तक प्रभावी ढंग से नहीं पहुँचाया जा सकता है। एनीमिया लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी है, जो ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को कम कर सकती है, लेकिन यह सीधे ऑक्सीजन की कमी की स्थिति का नाम नहीं है, बल्कि इसका एक कारण है। पीलिया त्वचा और आंखों के पीले होने से जुड़ा है, जो बिलीरुबिन के उच्च स्तर के कारण होता है। एडिमा ऊतकों में तरल पदार्थ का असामान्य जमाव है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. जल का क्वथनांक (Boiling Point) क्या है?

    • (a) 0°C
    • (b) 100°C
    • (c) -100°C
    • (d) 0°F

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी तरल का क्वथनांक वह तापमान होता है जिस पर वह तरल से गैस (वाष्प) में परिवर्तित होने लगता है। यह मानक वायुमंडलीय दाब पर परिभाषित किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): मानक वायुमंडलीय दाब (1 atm) पर, शुद्ध जल 100 डिग्री सेल्सियस (या 212 डिग्री फारेनहाइट) पर उबलता है। 0°C जल का हिमांक (freezing point) है। -100°C एक अत्यंत कम तापमान है। 0°F फारेनहाइट पैमाने पर एक मान है जो सेल्सियस पैमाने पर -17.78°C के बराबर होता है, और यह पानी के जमने से बहुत नीचे है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. ध्वनि की गति (Speed of Sound) किस माध्यम में सबसे तेज होती है?

    • (a) निर्वात (Vacuum)
    • (b) हवा (Air)
    • (c) जल (Water)
    • (d) ठोस (Solid)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ध्वनि तरंगें कणों के कंपन द्वारा माध्यम में फैलती हैं। माध्यम में कणों की सघनता और उनके बीच के बल ध्वनि की गति को प्रभावित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): ध्वनि को फैलने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है; यह निर्वात में यात्रा नहीं कर सकती। ध्वनि की गति माध्यम के घनत्व और लोच (elasticity) पर निर्भर करती है। आमतौर पर, ठोस पदार्थों में कणों के बीच की दूरी कम होती है और वे बहुत कसकर बंधे होते हैं, जिससे ध्वनि बहुत तेजी से फैल सकती है। तरल पदार्थों में, कण ठोस की तुलना में अधिक दूरी पर होते हैं, और गैसों में, वे और भी दूर होते हैं। इसलिए, ध्वनि की गति आमतौर पर ठोस > तरल > गैस के क्रम में घटती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  18. डीएनए (DNA) का पूरा नाम क्या है?

    • (a) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid)
    • (b) डायन्युक्लिक एसिड (Dynonucleic Acid)
    • (c) डबल न्यूक्लिक एसिड (Double Nucleic Acid)
    • (d) डीऑक्सीरिएक्टिव न्यूक्लिक एसिड (Deoxyreactive Nucleic Acid)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डीएनए (DNA) आनुवंशिक जानकारी का वाहक है और सभी जीवित जीवों की आनुवंशिक सामग्री है।

    व्याख्या (Explanation): डीएनए का पूरा नाम डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड है। यह एक जटिल अणु है जिसमें दो पॉली न्यूक्लियोटाइड स्ट्रैंड होते हैं जो एक डबल हेलिक्स संरचना में एक साथ मुड़े होते हैं। डीऑक्सीराइबोस एक प्रकार की चीनी है जो इस न्यूक्लिक एसिड का हिस्सा बनती है, और राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) में राइबोज चीनी होती है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  19. पृथ्वी की सतह के सबसे निकट की वायुमंडलीय परत कौन सी है?

    • (a) समताप मंडल (Stratosphere)
    • (b) आयनमंडल (Ionosphere)
    • (c) क्षोभ मंडल (Troposphere)
    • (d) बहिर्मंडल (Exosphere)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी का वायुमंडल विभिन्न परतों में विभाजित है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट विशेषताएं हैं।

    व्याख्या (Explanation): क्षोभ मंडल (Troposphere) वह निचली परत है जहाँ हम रहते हैं और जहाँ अधिकांश मौसम की घटनाएं होती हैं। यह पृथ्वी की सतह से लगभग 10-15 किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है। समताप मंडल क्षोभ मंडल के ऊपर स्थित है और इसमें ओजोन परत होती है। आयनमंडल एक निचली आयनित परत है जो रेडियो तरंगों के परावर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बहिर्मंडल सबसे बाहरी परत है जहाँ वायुमंडल धीरे-धीरे अंतरिक्ष में विलीन हो जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. वनस्पति जगत में, “श्वसन” (Respiration) की प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    • (a) प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना
    • (b) प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करना
    • (c) पौधों की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करना
    • (d) मिट्टी से पोषक तत्वों को अवशोषित करना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): श्वसन सभी जीवित जीवों द्वारा की जाने वाली एक मौलिक उपापचयी प्रक्रिया है, जिसमें पौधे भी शामिल हैं।

    व्याख्या (Explanation): पौधों में श्वसन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा वे अपने द्वारा बनाए गए शर्करा (जैसे ग्लूकोज) को तोड़ते हैं ताकि कोशिका कार्यों के लिए आवश्यक ऊर्जा (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट – ATP) उत्पन्न की जा सके। यह प्रक्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है (हालांकि अवायवीय श्वसन भी संभव है)। प्रकाश संश्लेषण ऊर्जा को अवशोषित करने और रासायनिक ऊर्जा (ग्लूकोज) बनाने के लिए होता है, जबकि श्वसन उस रासायनिक ऊर्जा को उपयोग योग्य ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. लोहे (Iron) को जंग लगने से बचाने के लिए किस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जिसमें उस पर जस्ता (Zinc) की एक परत चढ़ाई जाती है?

    • (a) इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Electroplating)
    • (b) गैल्वनाइजेशन (Galvanization)
    • (c) एनोडाइजिंग (Anodizing)
    • (d) एलॉयिंग (Alloying)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गैल्वनाइजेशन एक संक्षारण-रोधी (anti-corrosion) प्रक्रिया है जिसमें लोहे या इस्पात पर जस्ता की एक सुरक्षात्मक परत चढ़ाई जाती है।

    व्याख्या (Explanation): गैल्वनाइजेशन में, लोहे या इस्पात को पिघले हुए जस्ता में डुबोया जाता है, जिससे धातु की सतह पर जस्ता की एक परत बन जाती है। जस्ता न केवल एक भौतिक अवरोध प्रदान करता है, बल्कि “बलिदानिक सुरक्षा” (sacrificial protection) भी प्रदान करता है। जस्ता लोहे की तुलना में अधिक सक्रिय धातु है, इसलिए यह पहले संक्षारित होता है, लोहे को सुरक्षित रखता है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग में विद्युत का उपयोग करके किसी अन्य धातु की परत चढ़ाई जाती है। एनोडाइजिंग एल्यूमीनियम जैसी धातुओं की सतह पर ऑक्साइड की एक सुरक्षात्मक परत बनाने की प्रक्रिया है। एलॉयिंग दो या दो से अधिक धातुओं को मिलाकर मिश्र धातु बनाना है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. मानव आँख में, वह भाग जो प्रकाश को रेटिना पर केंद्रित करता है, क्या कहलाता है?

    • (a) कॉर्निया (Cornea)
    • (b) पुतली (Pupil)
    • (c) लेंस (Lens)
    • (d) आइरिस (Iris)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आँख एक जटिल अंग है जो प्रकाश को ग्रहण करके और उसे संसाधित करके दृष्टि की अनुमति देता है। प्रकाश का केंद्रीकरण महत्वपूर्ण है ताकि स्पष्ट छवियां बन सकें।

    व्याख्या (Explanation): मानव आँख में, कॉर्निया प्रकाश को अपवर्तित करने का प्रारंभिक कार्य करता है। फिर, लेंस इस अपवर्तन को परिष्कृत करता है, जिससे प्रकाश वास्तव में रेटिना पर केंद्रित होता है, जो आँख का प्रकाश-संवेदनशील ऊतक है। पुतली वह छिद्र है जो आइरिस द्वारा नियंत्रित होता है, और यह आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है। आइरिस आँख का रंगीन भाग है जो पुतली के आकार को समायोजित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. एक बायोगैस संयंत्र (Biogas Plant) में, मीथेन (Methane) का उत्पादन मुख्य रूप से किस प्रक्रिया द्वारा होता है?

    • (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
    • (b) किण्वन (Fermentation)
    • (c) दहन (Combustion)
    • (d) हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बायोगैस उत्पादन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें अवायवीय सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं।

    व्याख्या (Explanation): बायोगैस उत्पादन एक अवायवीय प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव, मुख्य रूप से बैक्टीरिया, कार्बनिक पदार्थों (जैसे पशु अपशिष्ट, पौधों के अवशेष) को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में तोड़ते हैं। इस प्रक्रिया को अवायवीय पाचन (anaerobic digestion) कहा जाता है, जो किण्वन का एक रूप है। इस प्रक्रिया के मुख्य उत्पाद मीथेन (CH4) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) हैं। ऑक्सीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ऑक्सीजन का जुड़ना या इलेक्ट्रॉनों का खोना शामिल है। दहन ऑक्सीजन की उपस्थिति में ईंधन को जलाना है। हाइड्रोजनीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें हाइड्रोजन जोड़ा जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत (Renewable Source of Energy) का एक उदाहरण क्या है, जो प्रदूषण कम करने में मदद करता है?

    • (a) कोयला
    • (b) प्राकृतिक गैस
    • (c) सौर ऊर्जा
    • (d) परमाणु ऊर्जा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत वे होते हैं जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं से पुनः उत्पन्न होते हैं और जिन्हें मानव द्वारा उपयोग किए जाने पर जल्दी से समाप्त नहीं किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होती है और एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। इसके उपयोग से बिजली या गर्मी उत्पन्न करने पर ग्रीनहाउस गैसों या वायु प्रदूषकों का उत्सर्जन नहीं होता है, जो इसे प्रदूषण कम करने में मदद करता है। कोयला और प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधन हैं जो सीमित हैं और उनके जलने से वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन होता है। परमाणु ऊर्जा भी एक गैर-नवीकरणीय स्रोत है और इसमें रेडियोधर्मी अपशिष्ट प्रबंधन की चिंताएं होती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. विटामिन सी (Vitamin C) की कमी से मानव शरीर में कौन सा रोग होता है?

    • (a) रिकेट्स (Rickets)
    • (b) बेरीबेरी (Beriberi)
    • (c) स्कर्वी (Scurvy)
    • (d) रतौंधी (Night Blindness)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विटामिन शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक कार्बनिक यौगिक हैं। उनकी कमी से विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, संयोजी ऊतक (जैसे मसूड़ों, त्वचा) के निर्माण और रखरखाव, घाव भरने और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से स्कर्वी रोग होता है, जिसके लक्षण मसूड़ों से खून आना, थकान और त्वचा पर चोट लगना हैं। रिकेट्स विटामिन डी की कमी से होता है। बेरीबेरी विटामिन बी1 (थियामिन) की कमी से होता है। रतौंधी विटामिन ए की कमी से होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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