इतिहास रणभूमि: 25 प्रश्नों से करें अपनी तैयारी को धारदार!
क्या आप इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाने और अपनी परीक्षा की तैयारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं? आज का यह विशेष मॉक टेस्ट आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग की उथल-पुथल तक, इतिहास के हर महत्वपूर्ण पड़ाव पर ले जाएगा। आइए, समय के इस सफर में अपने ज्ञान की परख करें और हर प्रश्न के साथ अपनी समझ को और भी गहरा करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल सबसे पहले खोजा गया था?
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- लोथल
- कालीबंगन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: हड़प्पा शहर को सबसे पहले 1921 में दया राम साहनी द्वारा खोजा गया था, जिससे सिंधु घाटी सभ्यता का नामकरण हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह खोज आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे हुई थी। हड़प्पा के खंडहरों से मिली पुरातात्विक साक्ष्य इस प्राचीन सभ्यता के शहरी नियोजन, वास्तुकला और दैनिक जीवन पर प्रकाश डालते हैं। मोहनजोदड़ो, जिसे ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है, बाद में 1922 में राखलदास बनर्जी द्वारा खोजा गया था।
- गलत विकल्प: लोथल (गुजरात में) एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, और कालीबंगन (राजस्थान में) एक कृषि और अग्नि पूजा का स्थल था, लेकिन ये हड़प्पा के बाद खोजे गए थे।
प्रश्न 2: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: समुद्रगुप्त (लगभग 335-380 ईस्वी) को उनकी सैन्य विजयों और विशाल साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि इतिहासकार ए.एल. श्रीवास्तव ने दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में लगभग सभी भारतीय राज्यों पर विजय प्राप्त की थी और एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया था। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) उनके विजयों और शासन का विस्तृत वर्णन करती है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य के संस्थापक थे, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी एक सफल शासन किया और उनके दरबार में नवरत्न थे, जबकि स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया था।
प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ईस्वी) ने अपने शासनकाल में आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों के तहत एक प्रभावी बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली का उद्देश्य सेना के लिए घोड़ों और सैनिकों के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना था। उन्होंने मूल्य नियंत्रण, इंस्पेक्टर (सराह-ए-परवाना) और अलग-अलग बाजारों की स्थापना की। यह प्रणाली मंगोल आक्रमणों से बचने और जनता को राहत देने में भी सहायक थी।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने व्यवस्था स्थापित की, बलबन ने शाही शक्ति को केंद्रीकृत किया, और मोहम्मद बिन तुगलक अपने विवादास्पद प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं, न कि बाजार नियंत्रण के लिए।
प्रश्न 4: किस मुगल सम्राट के शासनकाल को ‘हिंदी साहित्य का स्वर्ण काल’ कहा जाता है?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अकबर (1556-1605 ईस्वी) के शासनकाल को ‘हिंदी साहित्य का स्वर्ण काल’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने साहित्य, कला और संस्कृति को बहुत प्रोत्साहन दिया।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर के दरबार में कई महान कवि और विद्वान थे, जिन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। तुलसीदास, सूरदास, रहीम, रसखान जैसे कवियों ने इसी काल में रचनाएं कीं। अकबर की स्वयं की भाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा देने की नीति ने भी इसे बल दिया।
- गलत विकल्प: जहांगीर कला के लिए, शाहजहाँ वास्तुकला के लिए, और औरंगजेब एक रूढ़िवादी शासक के रूप में जाने जाते हैं, न कि हिंदी साहित्य के स्वर्ण काल के लिए।
प्रश्न 5: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1905
- 1919
- 1947
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, ए.ओ. ह्यूम ने की थी, और पहला अधिवेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था। इसका उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में एकजुट करना और ब्रिटिश शासन के तहत स्वशासन की मांग करना था। व्योमेश चंद्र बनर्जी इसके प्रथम अध्यक्ष थे।
- गलत विकल्प: 1905 बंग-भंग आंदोलन का वर्ष है, 1919 रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड का वर्ष है, और 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।
प्रश्न 6: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) प्रणाली किसने लागू की थी?
- लॉर्ड कार्नवालिस
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड वेलेजली (1798-1805) ने भारत में ब्रिटिश सर्वोच्चता स्थापित करने के लिए ‘सहायक संधि’ प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को ब्रिटिश सेना को बनाए रखने के लिए धन देना होता था, ब्रिटिश रेजीडेंट को अपने दरबार में रखना होता था, और किसी अन्य यूरोपीय शक्ति के साथ संबंध बनाने से पहले कंपनी की अनुमति लेनी होती थी। इसके बदले में, कंपनी भारतीय शासक को बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करती थी। हैदराबाद पहला राज्य था जिसने 1798 में यह संधि स्वीकार की।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कार्नवालिस को स्थायी बंदोबस्त के लिए जाना जाता है, लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का उन्मूलन किया।
प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- ईसाई धर्म के प्रचार को बढ़ावा
- सती प्रथा का उन्मूलन
- एनफील्ड राइफल में प्रयुक्त कारतूस
- भारतीयों का आर्थिक शोषण
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफल के नए कारतूसों का प्रयोग था, जिनके बारे में कहा जाता था कि उनमें गाय और सूअर की चर्बी का इस्तेमाल हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: इन कारतूसों को मुंह से खोलना पड़ता था, जिससे हिंदू (गाय को पवित्र मानते थे) और मुस्लिम (सूअर को अपवित्र मानते थे) दोनों सिपाहियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। मंगल पांडे ने बैरकपुर में इन कारतूसों का विरोध किया और यहीं से विद्रोह की चिंगारी भड़की। हालांकि, इसके पीछे ब्रिटिश नीतियों का व्यापक असंतोष भी एक प्रमुख कारण था।
- गलत विकल्प: ईसाई धर्म का प्रचार, सती प्रथा का उन्मूलन और आर्थिक शोषण भी कारण थे, लेकिन ये दीर्घकालिक कारण थे, तात्कालिक नहीं।
प्रश्न 8: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा किसने प्रस्तुत की?
- महात्मा गांधी
- जय प्रकाश नारायण
- विनोबा भावे
- एम. एन. रॉय
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: महात्मा गांधी ने ‘सर्वोदय’ की अवधारणा को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया, जिसका अर्थ है ‘सभी का उदय’ या ‘सबका कल्याण’।
- संदर्भ और विस्तार: गांधीजी के सर्वोदय में समाज के सबसे गरीब और कमजोर वर्ग के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया गया था। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा को सर्वोदय से जोड़ा, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान, स्वतंत्रता और समानता मिले। विनोबा भावे ने भूदान आंदोलन के माध्यम से सर्वोदय को व्यावहारिक रूप देने का प्रयास किया।
- गलत विकल्प: जय प्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ की बात की, एम. एन. रॉय ने रेडिकल ह्यूमनिज्म प्रस्तुत किया।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ का लेखक है?
- कालिदास
- विष्णुगुप्त (चाणक्य)
- बाणभट्ट
- पतंजलि
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अर्थशास्त्र’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ के लेखक विष्णुगुप्त हैं, जिन्हें कौटिल्य या चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में प्रधान मंत्री चाणक्य द्वारा लिखा गया था। अर्थशास्त्र मुख्य रूप से शासन, राजनीति, कूटनीति, अर्थशास्त्र और सैन्य रणनीति जैसे विषयों पर एक विस्तृत मार्गदर्शिका है। यह प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे, बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ लिखी, और पतंजलि ने ‘योगसूत्र’ लिखा।
प्रश्न 10: किस बौद्ध संगीति में बौद्ध धर्म दो प्रमुख शाखाओं – हीनयान और महायान – में विभाजित हो गया?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चौथी बौद्ध संगीति, जो ईसा की पहली शताब्दी में कश्मीर में आयोजित हुई थी, में बौद्ध धर्म स्पष्ट रूप से हीनयान और महायान शाखाओं में विभाजित हो गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति का संरक्षण कनिष्क ने किया था और इसके अध्यक्ष वसुमित्र थे। इस संगीति में बौद्ध धर्म के दर्शन में नए विचारों का समावेश हुआ, जिसने महायान शाखा को जन्म दिया। हीनयान परंपरा मूल शिक्षाओं और पाली ग्रंथों का अनुसरण करती है, जबकि महायान ने बुद्ध को एक दिव्य प्राणी के रूप में देखा और बोधिसत्व की अवधारणा को प्रमुखता दी।
- गलत विकल्प: पहली संगीति राजगृह में, दूसरी वैशाली में, और तीसरी पाटलिपुत्र में हुई थी।
प्रश्न 11: भारत में ‘स्वराज’ शब्द का प्रयोग सबसे पहले किसने और कब किया?
- बाल गंगाधर तिलक, 1906
- दादाभाई नौरोजी, 1893
- महात्मा गांधी, 1920
- जवाहरलाल नेहरू, 1929
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दादाभाई नौरोजी ने 1893 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में स्वराज (स्वशासन) की मांग को प्रमुखता से उठाया और सार्वजनिक रूप से इस शब्द का प्रयोग किया।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, बाल गंगाधर तिलक ने 1906 में कोलकाता अधिवेशन में ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ का नारा देकर इसे जन-जन तक पहुंचाया और राष्ट्रीय आंदोलन का केंद्रीय मुद्दा बनाया। दादाभाई नौरोजी ने ‘धन के बहिर्गमन’ सिद्धांत का भी प्रतिपादन किया था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन (1920) के दौरान स्वराज का नारा दिया, लेकिन नौरोजी द्वारा इसका प्रयोग पहले ही किया जा चुका था। नेहरू ने 1929 में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की घोषणा की।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा सुमेलित नहीं है?
- आजीवक संप्रदाय – मखलिपुत्र गोशाल
- भौतिकवाद – अजित केशकंबली
- अनिश्चिततावाद – संजय वेलट्ठिपुत्त
- उच्छेदवाद – पूर्ण कश्यप
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: पूर्ण कश्यप ‘अक्रियावाद’ (कर्म के फल को न मानने वाला) के प्रमुख प्रस्तावक थे, न कि उच्छेदवाद (सब कुछ नष्ट हो जाता है, पुनर्जन्म नहीं होता) के।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रश्न प्राचीन भारतीय दर्शन की विभिन्न विचारधाराओं से संबंधित है। आजीवक संप्रदाय के संस्थापक मखलिपुत्र गोशाल थे। अजित केशकंबली भौतिकवाद के प्रस्तावक थे। संजय वेलट्ठिपुत्त अनिश्चिततावाद (अज्ञेयवाद) के समर्थक थे। यह सभी विचार उस काल में प्रचलित थे जब बौद्ध धर्म और जैन धर्म का उदय हुआ।
- गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प सुमेलित हैं।
प्रश्न 13: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- 1336 ईस्वी
- 1206 ईस्वी
- 1526 ईस्वी
- 1757 ईस्वी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य वर्तमान कर्नाटक राज्य में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित था। विजयनगर अपनी समृद्धि, वास्तुकला, कला और साहित्य के लिए प्रसिद्ध था। कृष्णदेवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे। यह साम्राज्य अपनी कला और संस्कृति के माध्यम से दक्षिण भारत में हिंदू धर्म की परंपराओं का प्रमुख संरक्षक बना रहा।
- गलत विकल्प: 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना हुई, 1526 ईस्वी में मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई, और 1757 ईस्वी में प्लासी का युद्ध हुआ।
प्रश्न 14: ‘इक्ता’ प्रणाली किसने शुरू की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘इक्ता’ प्रणाली को दिल्ली सल्तनत के तीसरे सुल्तान, इल्तुतमिश (1211-1236 ईस्वी) ने शुरू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, राज्य को प्रांतों (इक्ताओं) में विभाजित किया जाता था और प्रत्येक प्रांत का प्रशासन एक सैन्य अधिकारी (इक्तादार) को सौंपा जाता था। इक्तादार राजस्व एकत्र करता था और उसका एक हिस्सा अपने खर्च और सेना के रखरखाव पर खर्च करता था, जबकि शेष राशि सुल्तान को भेजता था। यह प्रणाली साम्राज्य के प्रशासन को सुव्यवस्थित करने और राजस्व संग्रह को प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण थी।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत के संस्थापक थे, बलबन ने ‘सिजदा’ और ‘पैबोस’ जैसी प्रथाएं शुरू कीं, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और सैन्य सुधार किए।
प्रश्न 15: किस आंदोलन को ‘भारत का पहला संगठित जन संघर्ष’ माना जाता है?
- चंपारण सत्याग्रह
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: असहयोग आंदोलन (1920-1922) को अक्सर ‘भारत का पहला संगठित जन संघर्ष’ माना जाता है क्योंकि इसमें समाज के सभी वर्गों, जैसे किसान, मजदूर, छात्र, महिलाएं और शहरी आबादी ने बड़े पैमाने पर भाग लिया था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी के नेतृत्व में, इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के प्रति अहिंसक प्रतिरोध का मार्ग अपनाया, जिसमें उपाधियों का त्याग, सरकारी नौकरियों से इस्तीफा, स्कूल-कॉलेज का बहिष्कार और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार शामिल था। यह आंदोलन राष्ट्रीय चेतना को जगाने में अत्यंत प्रभावी रहा।
- गलत विकल्प: चंपारण सत्याग्रह (1917) गांधीजी का पहला सत्याग्रह था, सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) में दांडी मार्च प्रमुख था, और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) अंतिम बड़ा आंदोलन था।
प्रश्न 16: ‘दीन-ए-इलाही’ धर्म की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धर्म की स्थापना मुगल सम्राट अकबर (1582 ईस्वी) ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक सिंक्रेटिक (समन्वित) धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों (हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी, जैन) के सिद्धांतों का मिश्रण था। इसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच एकता लाना था। हालाँकि, यह धर्म अधिक लोकप्रिय नहीं हो सका और इसके अनुयायी बहुत कम थे। बीरबल ही एकमात्र हिंदू थे जिन्होंने इसे स्वीकार किया था।
- गलत विकल्प: जहांगीर कला और चित्रकला के लिए, शाहजहाँ वास्तुकला के लिए, और औरंगजेब की धार्मिक कट्टरता के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘नवरोज’ (पारसी नव वर्ष) की प्रथा शुरू की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बलबन (1266-1287 ईस्वी) ने फारसी दरबारी प्रथाओं, जिनमें ‘नवरोज’ (वसंत विषुव पर मनाया जाने वाला पारसी नव वर्ष) और ‘सिजदा’ (सुल्तान के सामने झुककर अभिवादन करना) तथा ‘पैबोस’ (सुल्तान के पैर चूमना) शामिल हैं, को दिल्ली सल्तनत में पेश किया।
- संदर्भ और विस्तार: इन प्रथाओं का उद्देश्य सुल्तान की सत्ता और शाही गरिमा को बढ़ाना था। बलबन ने ‘राजा का पद’ (Theory of Kingship) की अवधारणा को भी मजबूत किया, जिसमें सुल्तान को पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि माना गया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने तुर्क-ए-चिहलगानी (चालीसा) की स्थापना की, अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार सुधार किए, और फिरोजशाह तुगलक ने सिंचाई कर जैसे कार्य किए।
प्रश्न 18: भारत में पहली बार जनगणना कब हुई?
- 1872
- 1881
- 1901
- 1911
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारत में पहली बार जनगणना का कार्य 1872 में लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, यह जनगणना अव्यवस्थित थी और पूरे देश में एक साथ नहीं हुई थी। भारत में पहली व्यवस्थित और दशकीय जनगणना 1881 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई थी, और तब से यह हर दस साल में नियमित रूप से आयोजित की जा रही है।
- गलत विकल्प: 1881 में पहली नियमित दशकीय जनगणना हुई। 1901 और 1911 में भी जनगणनाएं हुईं, लेकिन पहली अनियोजित जनगणना 1872 में ही हुई थी।
प्रश्न 19: ‘दांडी मार्च’ (नमक सत्याग्रह) किस आंदोलन का हिस्सा था?
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- चौरी-चौरा आंदोलन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दांडी मार्च, जो 12 मार्च 1930 को शुरू हुआ था, सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने अपने 78 साथियों के साथ साबरमती आश्रम से दांडी (गुजरात में तटीय शहर) तक 240 मील की पैदल यात्रा की। इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून को तोड़ना था। 6 अप्रैल 1930 को, गांधीजी ने समुद्र तट पर नमक उठाकर इस कानून को तोड़ा, जिससे पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन का व्यापक प्रसार हुआ।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन (1920-22), भारत छोड़ो आंदोलन (1942), और चौरी-चौरा आंदोलन (1922, जिसने असहयोग आंदोलन को समाप्त करवाया) विभिन्न कालखंडों और घटनाओं से जुड़े हैं।
प्रश्न 20: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- साम्राज्य का विस्तार
- कला, साहित्य और विज्ञान का विकास
- विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा
- समानता पर आधारित समाज
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहा जाता है, मुख्य रूप से इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित और खगोल विज्ञान जैसे क्षेत्रों में हुए अभूतपूर्व विकास के कारण।
- संदर्भ और विस्तार: इस युग में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलविदों और गणितज्ञों, और वराहमिहिर जैसे विद्वानों ने अपना योगदान दिया। अजंता की गुफाओं की चित्रकला, गुप्तकालीन मूर्तिकला और वास्तुकला भी अपने चरम पर थी। चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल को विशेष रूप से इस युग का चरम माना जाता है।
- गलत विकल्प: साम्राज्य का विस्तार (समुद्रगुप्त द्वारा), विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा (स्कंदगुप्त द्वारा) और समाज के अन्य पहलू भी महत्वपूर्ण थे, लेकिन स्वर्ण युग कहने का मुख्य कारण सांस्कृतिक और बौद्धिक प्रगति है।
प्रश्न 21: किस घटना के कारण ‘प्रथम विश्व युद्ध’ (World War I) शुरू हुआ?
- जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
- जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर हमला
- रूस में बोल्शेविक क्रांति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 28 जून 1914 को साराजेवो (बोस्निया) में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या प्रथम विश्व युद्ध के तात्कालिक कारण के रूप में कार्य करती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या के बाद, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, और गठबंधन प्रणाली (Alliance System) के कारण, यूरोप की प्रमुख शक्तियाँ तेजी से युद्ध में शामिल हो गईं। जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की और बुल्गारिया केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) के रूप में लड़े, जबकि फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) के रूप में लड़े।
- गलत विकल्प: जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का कारण था, जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर हमला संयुक्त राज्य अमेरिका को द्वितीय विश्व युद्ध में लाया, और रूस में बोल्शेविक क्रांति प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुई लेकिन वह युद्ध का कारण नहीं थी।
प्रश्न 22: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता कौन थे?
- कबीर
- तुलसीदास
- जयदेव
- सूरदास
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘गीत गोविंद’ महाकाव्य के रचयिता जयदेव थे, जो पाल शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह संस्कृत में लिखी गई एक प्रसिद्ध काव्य रचना है, जो भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी का वर्णन करती है। गीत गोविंद में भक्ति और श्रृंगार रस का अद्भुत समन्वय मिलता है और यह भारतीय साहित्य और संगीत पर गहरा प्रभाव डालने वाली रचना मानी जाती है।
- गलत विकल्प: कबीर भक्ति आंदोलन के निर्गुण संत कवि थे, तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ लिखी, और सूरदास ने ‘सूरसागर’ की रचना की।
प्रश्न 23: किस वायसराय ने ‘बंग-भंग’ (Partition of Bengal) की घोषणा की?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग्ज
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड कर्जन (1905) ने बंगाल के प्रशासनिक आधार पर विभाजन की घोषणा की, जिसे ‘बंग-भंग’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाजन का मुख्य उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को कमजोर करना बताया गया था, लेकिन भारतीयों ने इसे फूट डालो और राज करो की नीति के तहत देखा। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन और बहिष्कार आंदोलन शुरू हुए, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। बाद में, 1911 में लॉर्ड हार्डिंग्ज के कार्यकाल में बंगाल का पुनः एकीकरण हुआ, लेकिन पूर्वी बंगाल को अलग करके बिहार और उड़ीसा को पश्चिम बंगाल से अलग कर दिया गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड मिंटो ने ‘मोरले-मिंटो सुधार’ (1909) लाए, लॉर्ड हार्डिंग्ज ने राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित की, और लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय शासन किया।
प्रश्न 24: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपनी पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ में वेदों को ज्ञान का सर्वोच्च स्रोत बताया और तत्कालीन समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, मूर्तिपूजा और कर्मकांडों का विरोध किया। उन्होंने पुनः वैदिक आदर्शों की स्थापना पर बल दिया, जो उनके अनुसार शुद्ध और सार्वभौमिक ज्ञान का आधार थे।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रुको मत’ का नारा दिया, राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह व बालिकाओं की शिक्षा के लिए कार्य किया।
प्रश्न 25: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ (French Revolution) किस वर्ष हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति का नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था। इसने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की। बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) को क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस क्रांति का पूरे यूरोप और विश्व पर गहरा प्रभाव पड़ा, और इसने राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और आधुनिक राजनीतिक विचारों को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है, 1815 वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का अंत दर्शाता है, और 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।