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इतिहास रणभूमि: दैनिक ज्ञान प्रहार!

इतिहास रणभूमि: दैनिक ज्ञान प्रहार!

युद्ध के मैदान में उतरने से पहले, अतीत के ज्ञान से अपने अस्त्रों को पैना करें! हर दिन, हम आपको इतिहास के विभिन्न कोनों से चुनकर लाए गए 25 तीखे सवालों से रूबरू कराते हैं। क्या आप अपने ज्ञान की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, इस ऐतिहासिक यात्रा पर चलें और अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से एक विशाल अन्नागार (granary) के साक्ष्य मिले हैं, जिसे संभवतः शहर के केंद्रीय भंडार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था?

  1. लोथल
  2. मोहनजोदड़ो
  3. कालीबंगन
  4. धौलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो (जो ‘मृतकों का टीला’ भी कहलाता है) हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है। यहाँ से एक विशाल अन्नागार के अवशेष मिले हैं, जिसमें कई बड़े कमरे और हवादार गलियारे थे, जो अनाज के भंडारण के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली का संकेत देते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अन्नागार का आकार 45 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा था। इसका स्थान यह दर्शाता है कि यह संभवतः शहर के लिए एक सार्वजनिक या केंद्रीय भंडार के रूप में कार्य करता था, जो आपातकालीन स्थितियों या वितरण के लिए अनाज का प्रबंधन करता था।
  • गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ से गोदी (dockyard) के साक्ष्य मिले हैं। कालीबंगन से हल जोते हुए खेत के प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं। धौलावीरा अपनी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 2: किस वैदिक काल के ग्रंथ में ‘वर्ण’ व्यवस्था का पहला व्यवस्थित उल्लेख मिलता है, जहाँ ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र का उल्लेख किया गया है?

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ऋग्वेद। ऋग्वेद के दसवें मंडल के पुरुष सूक्त में ‘वर्ण’ व्यवस्था का पहला व्यवस्थित उल्लेख मिलता है। इसमें कहा गया है कि ब्रह्मांड पुरुष से उत्पन्न हुए हैं, जिसमें मुख से ब्राह्मण, भुजाओं से क्षत्रिय, उरु (जांघों) से वैश्य और पैरों से शूद्र उत्पन्न हुए।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सूक्त उस समय के सामाजिक विभाजन को दर्शाता है, हालांकि यह व्यवस्था तब कर्म (कार्य) पर आधारित होने की अधिक संभावना थी, न कि जन्म पर। बाद के समय में यह व्यवस्था कठोर और जन्म आधारित हो गई।
  • गलत विकल्प: यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में भी सामाजिक व्यवस्थाओं का उल्लेख है, लेकिन ऋग्वेद के पुरुष सूक्त में वर्ण व्यवस्था का यह प्रारंभिक और स्पष्ट उल्लेख पहली बार मिलता है।

प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘अशोक’ के शिलालेखों को पढ़ने में पहली सफलता किस विद्वान को मिली?

  1. विलियम जोंस
  2. जेम्स प्रिंसेप
  3. अलेक्जेंडर कनिंघम
  4. एच. डी. सँकलिआ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: जेम्स प्रिंसेप। 1837 में, ब्रिटिश पुरातत्वविद् और प्रशासक जेम्स प्रिंसेप ने ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपियों में लिखे गए अशोक के शिलालेखों को सफलतापूर्वक पढ़ने में सफलता प्राप्त की, जिससे प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन में क्रांति आ गई।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रिंसेप ने उन शिलालेखों पर अंकित नामों (जैसे ‘प्रियदर्शी’) का संबंध प्राचीन भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण शासक, सम्राट अशोक से जोड़ा। इससे मौर्य साम्राज्य के बारे में हमारी समझ का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • गलत विकल्प: विलियम जोंस ने संस्कृत और प्राचीन भारतीय ग्रंथों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन अशोक के शिलालेखों को पढ़ने का श्रेय उन्हें नहीं जाता। अलेक्जेंडर कनिंघम को भारतीय पुरातत्व का जनक माना जाता है और उन्होंने भी अशोक के शिलालेखों पर काम किया, लेकिन पहला श्रेय प्रिंसेप को जाता है।

प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है? निम्नलिखित में से कौन सा इसका प्रमुख कारण नहीं है?

  1. कला, साहित्य और विज्ञान में अभूतपूर्व प्रगति
  2. राजकीय प्रशासन में स्थायित्व और सुव्यवस्था
  3. बौद्ध धर्म का व्यापक प्रसार और विकास
  4. मंदिर निर्माण कला का उत्कर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बौद्ध धर्म का व्यापक प्रसार और विकास। गुप्त काल को स्वर्ण युग इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य (कालिदास जैसे कवियों का उदय), विज्ञान (आर्यभट्ट और वराहमिहिर जैसे विद्वान), खगोल विज्ञान, गणित और चिकित्सा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। साथ ही, राजकीय प्रशासन में स्थायित्व और शांति रही, और मंदिर निर्माण कला (जैसे अजंता की गुफाएं, देवगढ़ का दशावतार मंदिर) का भी चरम विकास हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि बौद्ध धर्म गुप्त काल में भी अस्तित्व में था, लेकिन यह वह समय था जब हिंदू धर्म (विशेषकर वैष्णव और शैव संप्रदाय) का पुनरुत्थान हुआ और राज्य संरक्षण प्राप्त हुआ। बौद्ध धर्म का ‘व्यापक प्रसार और विकास’ गुप्त काल की पहचान नहीं है, जबकि अन्य सभी विकल्प इस युग की प्रमुख उपलब्धियाँ हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सभी गुप्त काल को स्वर्ण युग कहने के प्रमुख कारण हैं, इसलिए ये गलत विकल्प हैं।

प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ और ‘दाम नियंत्रण’ के लिए जाना जाता है?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी। अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316) ने अपने साम्राज्य में मूल्य स्थिरता बनाए रखने और सेना के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु एक कठोर बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उसने खाद्यान्न, कपड़े, पशुधन आदि के लिए निश्चित दरें तय की थीं और इन दरों का उल्लंघन करने वालों के लिए गंभीर दंड का प्रावधान था। उसने ‘शहना-ए- मंडी’ (बाजार अधीक्षक) और ‘बरीद’ (जासूस) नियुक्त किए थे ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश एक कुशल प्रशासक था लेकिन बाजार नियंत्रण के लिए नहीं जाना जाता। बलबन अपनी ‘रक्त और लोह’ की नीति के लिए जाना जाता है। मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी असफल प्रयोगों, जैसे सांकेतिक मुद्रा, के लिए ख्याति पाई।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसे ‘आंध्र भोज’ के नाम से भी जाना जाता है?

  1. हरिहर प्रथम
  2. बुक्क प्रथम
  3. कृष्ण देव राय
  4. देव राय द्वितीय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्ण देव राय। कृष्ण देव राय (शासनकाल 1509-1529) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे। वे न केवल एक कुशल योद्धा थे, बल्कि एक विद्वान, कवि और कला के संरक्षक भी थे।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्हें ‘आंध्र भोज’ के रूप में जाना जाता था क्योंकि उन्होंने तेलुगु साहित्य को अत्यधिक बढ़ावा दिया और स्वयं भी ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक एक प्रसिद्ध काव्य की रचना की। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है।
  • गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्क प्रथम ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी। देव राय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्ण देव राय की प्रसिद्धि और सांस्कृतिक योगदान अद्वितीय था।

प्रश्न 7: 1793 का ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) किस वायसराय के कार्यकाल में लागू किया गया था?

  1. लॉर्ड वेलेजली
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड कॉर्नवालिस
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड कॉर्नवालिस। 1793 में, लॉर्ड कॉर्नवालिस ने बंगाल, बिहार और उड़ीसा में ‘स्थायी बंदोबस्त’ लागू किया, जिसने भूमि राजस्व प्रणाली में एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उनसे कहा गया कि वे कंपनी के लिए एक निश्चित राशि (राजस्व) का भुगतान करें। राजस्व की यह राशि स्थायी कर दी गई, जो समय के साथ नहीं बदली। इसका उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन को एक स्थिर और अनुमानित राजस्व स्रोत प्रदान करना था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए कुख्यात हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधार किए।

प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड रिपन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड कैनिंग। 1857 के विद्रोह की शुरुआत के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। वे 1856 से 1862 तक इस पद पर रहे।
  • संदर्भ और विस्तार: कैनिंग उस समय ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में इस बड़े विद्रोह का सामना करने वाले मुख्य व्यक्ति थे। विद्रोह के बाद, 1858 में भारत सरकार अधिनियम द्वारा गवर्नर-जनरल के पद को वायसराय और भारत के राज्य सचिव के पद में बदल दिया गया, और लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी अपने ‘व्यपगत के सिद्धांत’ के कारण विद्रोह के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार माने जाते हैं, लेकिन वे विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल नहीं थे। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड रिपन बाद के वायसराय थे।

प्रश्न 9: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किस समाज सुधारक ने दिया था?

  1. राजा राम मोहन राय
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. स्वामी विवेकानंद
  4. महात्मा ज्योतिबा फुले

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: स्वामी दयानंद सरस्वती। आर्य समाज के संस्थापक, स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883) ने तत्कालीन समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, मूर्ति पूजा और पाखंड का विरोध करते हुए ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: उनका मानना था कि वेद ही भारतीय संस्कृति और ज्ञान का मूल स्रोत हैं और उनमें ही सभी समस्याओं का समाधान निहित है। उन्होंने वेदों के सार्वभौमिक सत्य को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया।
  • गलत विकल्प: राजा राम मोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे और उन्होंने एकेश्वरवाद पर बल दिया। स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और पश्चिमी देशों में भारतीय दर्शन का प्रचार किया। महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज में निम्न जातियों और महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया।

प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

  1. 1885
  2. 1890
  3. 1905
  4. 1919

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1885। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को ए.ओ. ह्यूम द्वारा की गई थी। इसका पहला अधिवेशन मुंबई (तब बॉम्बे) में डब्ल्यू. सी. बनर्जी की अध्यक्षता में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को एक मंच पर लाकर ब्रिटिश सरकार के प्रति अपनी मांगों को रखना था। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प कांग्रेस की स्थापना से जुड़े वर्षों से संबंधित नहीं हैं; 1905 बंगाल विभाजन से, और 1919 जलियांवाला बाग हत्याकांड और रॉलेट एक्ट से संबंधित है।

प्रश्न 11: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन हैं?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. ईश्वर चंद्र विद्यासागर
  3. स्वामी दयानंद सरस्वती
  4. सर सैयद अहमद खान

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: स्वामी दयानंद सरस्वती। ‘सत्यार्थ प्रकाश’ (सत्य का प्रकाश) स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखा गया एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में उन्होंने हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों की व्याख्या की है, तत्कालीन समाज में व्याप्त बुराइयों की आलोचना की है, और सार्वभौमिक सत्य के रूप में वेदों की श्रेष्ठता को प्रतिपादित किया है। यह आर्य समाज के प्रमुख आधार ग्रंथों में से एक है।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘ज्ञान योग’, ‘कर्म योग’ जैसी पुस्तकें लिखीं। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने शिक्षा और समाज सुधार में महत्वपूर्ण कार्य किया। सर सैयद अहमद खान ने अलीगढ़ आंदोलन का नेतृत्व किया और ‘तहज़ीब-उल-अखलाक’ पत्रिका निकाली।

प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के उग्रवादी चरण (1905-1919) के प्रमुख नेता निम्नलिखित में से कौन थे?

  1. गोपाल कृष्ण गोखले
  2. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  3. लाला लाजपत राय
  4. फीरोजशाह मेहता

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लाला लाजपत राय। 1905 के बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक नया, अधिक उग्रवादी या गरम दल उभरा, जिसके प्रमुख नेताओं में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल (जिन्हें ‘लाल-बाल-पाल’ की त्रयी कहा जाता है) शामिल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: उग्रवादी नेता ब्रिटिश शासन के प्रति अधिक मुखर थे और स्वराज (स्वशासन) की मांग करते थे, जबकि नरमपंथी नेता याचना और प्रार्थना के माध्यम से सुधारों की वकालत करते थे। लाला लाजपत राय पंजाब केसरी के नाम से भी जाने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: गोपाल कृष्ण गोखले, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी और फीरोजशाह मेहता कांग्रेस के नरमपंथी नेताओं में गिने जाते थे।

प्रश्न 13: ‘गांधी-इरविन समझौता’ किस वर्ष हुआ था?

  1. 1920
  2. 1925
  3. 1930
  4. 1931

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1931। गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। इस समझौते पर महात्मा गांधी और भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन के निलंबन और गोलमेज सम्मेलन (Round Table Conference) में कांग्रेस की भागीदारी के बदले में ब्रिटिश सरकार द्वारा कुछ रियायतें देने पर आधारित था। इसने आंदोलन को अस्थायी रूप से रोक दिया।
  • गलत विकल्प: 1920 असहयोग आंदोलन की शुरुआत का वर्ष है। 1925 में स्वराज पार्टी की गतिविधियाँ जारी थीं। 1930 सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत का वर्ष है।

प्रश्न 14: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) के दौरान महात्मा गांधी ने कौन सा प्रसिद्ध नारा दिया था?

  1. पूर्ण स्वराज
  2. दिस इज द आवर
  3. करो या मरो
  4. सरफरोशी की तमन्ना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: करो या मरो। 8 अगस्त 1942 को मुंबई में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित होने के साथ ही महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नारे का अर्थ था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए या तो हमें अपनी जान की बाजी लगानी होगी या फिर स्वतंत्रता प्राप्त करनी होगी। यह अहिंसक प्रतिरोध के साथ-साथ अंतिम संघर्ष की भावना को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा 1929 में लाहौर अधिवेशन में दिया गया था। ‘सरफरोशी की तमन्ना’ राम प्रसाद बिस्मिल से जुड़ा नारा है। ‘दिस इज द आवर’ (यह हमारा समय है) का प्रयोग अक्सर आंदोलनों में किया जाता है, लेकिन गांधीजी का विशिष्ट नारा ‘करो या मरो’ था।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख बंदरगाह शहर था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. चन्हूदड़ो
  4. लोथल

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लोथल। लोथल, जो वर्तमान गुजरात में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल से एक विशाल गोदी (dockyard) के अवशेष मिले हैं, जो समुद्री व्यापार का प्रमाण देते हैं। यह मेसोपोटामिया जैसी सभ्यताओं के साथ व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र रहा होगा। लोथल से एक फारस की खाड़ी की मुहर भी मिली है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो बड़े शहर थे, लेकिन वे सीधे तौर पर प्रमुख बंदरगाह नहीं माने जाते। चन्हूदड़ो मुख्य रूप से मनके (bead) बनाने और मुहरों के निर्माण के लिए जाना जाता था।

प्रश्न 16: किस बौद्ध संगीति में बौद्ध धर्म दो प्रमुख संप्रदायों – हीनयान और महायान – में विभाजित हो गया?

  1. पहली बौद्ध संगीति
  2. दूसरी बौद्ध संगीति
  3. तीसरी बौद्ध संगीति
  4. चौथी बौद्ध संगीति

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: चौथी बौद्ध संगीति। चौथी बौद्ध संगीति ईस्वी सन् की पहली शताब्दी में कनिष्क के संरक्षण में कश्मीर के कुंडलवन में आयोजित की गई थी। यहीं पर बौद्ध धर्म औपचारिक रूप से हीनयान और महायान में विभाजित हो गया।
  • संदर्भ और विस्तार: महायान शाखा ने बुद्ध को एक देवता के रूप में पूजना शुरू किया और सभी के लिए निर्वाण का मार्ग प्रशस्त करने पर बल दिया, जबकि हीनयान ने बुद्ध की मूल शिक्षाओं और व्यक्तिगत मुक्ति पर जोर दिया।
  • गलत विकल्प: पहली संगीति राजगृह में अजातशत्रु के संरक्षण में, दूसरी वैशाली में कालाशोक के संरक्षण में, और तीसरी पाटलिपुत्र में अशोक के संरक्षण में हुई थी। इन संगीतियों में बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को संकलित किया गया था, लेकिन विभाजन चौथी संगीति में हुआ।

प्रश्न 17: ‘सती प्रथा’ का अंत किस गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुआ?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  3. लॉर्ड हार्डिंग
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड विलियम बेंटिंक। लॉर्ड विलियम बेंटिंक, भारत के तत्कालीन गवर्नर-जनरल (1828-1835), ने राजा राम मोहन राय जैसे समाज सुधारकों के प्रयासों से प्रेरित होकर 1829 में बंगाल सती रेगुलेशन (Regulation XVII of 1829) पारित किया, जिसने सती प्रथा को गैरकानूनी और दंडनीय घोषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण सुधार था जिसने महिलाओं की स्थिति में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड हार्डिंग के कार्यकाल में 1843 में दास प्रथा को समाप्त किया गया। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे।

प्रश्न 18: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?

  1. लंदन
  2. पेरिस
  3. सैन फ्रांसिस्को
  4. बर्लिन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सैन फ्रांसिस्को। ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में लाला हरदयाल और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के लिए भारत में भारतीय क्रांतिकारियों को संगठित करना और प्रेरित करना था। इसके सदस्यों में मुख्य रूप से पंजाब के आप्रवासी भारतीय शामिल थे।
  • गलत विकल्प: लंदन में भारतीय राष्ट्रवाद की प्रारंभिक बैठकों का आयोजन होता था (जैसे इंडिया हाउस), पेरिस में भी कुछ राष्ट्रवादी गतिविधियाँ हुईं, और बर्लिन में गदर पार्टी की एक शाखा भी स्थापित हुई थी, लेकिन पार्टी का मुख्य गठन और मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में था।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से किस वायसराय ने ‘इलBERT बिल’ (Ilbert Bill) पारित किया था, जिससे भारतीयों में काफी असंतोष फैला?

  1. लॉर्ड रिपन
  2. लॉर्ड लिटन
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड डलहौजी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड रिपन। लॉर्ड रिपन (कार्यकाल 1880-1884) ने 1883 में इलBERT बिल पेश किया। इस बिल का उद्देश्य भारतीय न्यायाधीशों को भी उन मामलों की सुनवाई का अधिकार देना था जिनमें यूरोपीय अभियुक्त हों।
  • संदर्भ और विस्तार: इस बिल का ब्रिटिश समुदाय द्वारा भारी विरोध किया गया, जिसके परिणामस्वरूप इसे संशोधित करना पड़ा, जिससे यह अपने मूल उद्देश्य से भटक गया। इस विरोध ने भारतीयों को यह एहसास दिलाया कि ब्रिटिश शासन में नस्लीय भेदभाव मौजूद है, और इसी के परिणामस्वरूप भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना को भी बल मिला।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट पारित किया था। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत लागू किया।

प्रश्न 20: ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किसने किया था?

  1. भगत सिंह
  2. सुभाष चंद्र बोस
  3. चंद्रशेखर आजाद
  4. मोहन सिंह

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सुभाष चंद्र बोस। हालांकि ‘आजाद हिंद फौज’ (Indian National Army – INA) का प्रारंभिक विचार कैप्टन मोहन सिंह द्वारा लाया गया था, लेकिन इसे पुनर्गठित करने और इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप देने का श्रेय नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, सुभाष चंद्र बोस ने मलाया (अब मलेशिया) और सिंगापुर में भारतीय युद्धबंदियों और नागरिकों को संगठित करके आजाद हिंद फौज का गठन किया। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराना था।
  • गलत विकल्प: भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी थे जिन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) की स्थापना में भूमिका निभाई। चंद्रशेखर आजाद एक अन्य प्रमुख क्रांतिकारी थे। कैप्टन मोहन सिंह प्रारंभिक संस्थापक थे, लेकिन बोस ने इसे आगे बढ़ाया।

प्रश्न 21: फ्रांस की क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?

  1. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  2. सरकार जनता की, जनता के लिए, जनता द्वारा
  3. विश्व के मजदूरों, एक हो जाओ!
  4. मैला ढोना बंद करो!

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व (Liberté, égalité, fraternité)। 1789 की फ्रांस की क्रांति ने पूरे यूरोप और दुनिया पर गहरा प्रभाव डाला और ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ इसके केंद्रीय आदर्श बन गए।
  • संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने राजशाही को उखाड़ फेंका और गणतंत्र की स्थापना की। इन आदर्शों ने आधुनिक लोकतंत्रों और मानवाधिकारों की अवधारणाओं को प्रेरित किया।
  • गलत विकल्प: (b) अब्राहम लिंकन का लोकतंत्र का प्रसिद्ध उद्धरण है। (c) कार्ल मार्क्स का साम्यवादी घोषणापत्र से जुड़ा नारा है। (d) यह सामाजिक क्रांति से सीधे तौर पर जुड़ा नारा नहीं है।

प्रश्न 22: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के अंत का मुख्य कारण क्या था?

  1. ट्रिपल एलायंस की जीत
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका का युद्ध में शामिल होना
  3. गठबंधन की सेनाओं द्वारा केंद्रीय शक्तियों को घेर लेना
  4. रूस की क्रांति और उसका युद्ध से हटना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका का युद्ध में शामिल होना। हालांकि युद्ध कई जटिल कारकों का परिणाम था, 1917 में संयुक्त राज्य अमेरिका का मित्र राष्ट्रों (Allies) की ओर से युद्ध में शामिल होना एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने युद्ध का पलड़ा मित्र राष्ट्रों के पक्ष में झुका दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: अमेरिकी सैनिकों और संसाधनों के आगमन ने मित्र राष्ट्रों की सैन्य क्षमता को काफी बढ़ाया। इसके अतिरिक्त, रूस की क्रांति (1917) के बाद रूस का युद्ध से हटना (ब्रेस्ट-लिटोव्स्क की संधि, 1918) पूर्वी मोर्चे पर केंद्रीय शक्तियों के लिए फायदेमंद था, लेकिन पश्चिमी मोर्चे पर अमेरिकी हस्तक्षेप निर्णायक साबित हुआ।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि मित्र राष्ट्रों (ट्रिपल एंटेंटे: ब्रिटेन, फ्रांस, रूस) की जीत हुई थी। (c) यद्यपि घेराबंदी हुई, यह अमेरिकी हस्तक्षेप जितना निर्णायक कारक नहीं था। (d) रूस का हटना केंद्रीय शक्तियों के लिए सहायक था, न कि मित्र राष्ट्रों के लिए युद्ध के अंत का कारण।

प्रश्न 23: ‘ताशकंद समझौता’ (Tashkent Agreement) भारत और किस देश के बीच हुआ था?

  1. पाकिस्तान
  2. चीन
  3. श्रीलंका
  4. बांग्लादेश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पाकिस्तान। ताशकंद समझौता 10 जनवरी 1966 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ताशकंद (तब सोवियत संघ का हिस्सा, अब उज्बेकिस्तान की राजधानी) में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को समाप्त करने के लिए किया गया था। समझौते के अनुसार, दोनों देशों ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाना स्वीकार किया और भविष्य में बल प्रयोग न करने का वचन दिया। इस समझौते के तुरंत बाद लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया।
  • गलत विकल्प: चीन के साथ पंचशील समझौता हुआ था। श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ भी भारत के संबंध हैं, लेकिन ताशकंद समझौता विशेष रूप से पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध के बाद हुआ था।

प्रश्न 24: 1947 में भारत के विभाजन के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे?

  1. विंस्टन चर्चिल
  2. क्लीमेंट एटली
  3. मार्गरेट थैचर
  4. टोनी ब्लेयर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: क्लीमेंट एटली। क्लीमेंट एटली, लेबर पार्टी के नेता थे, जो 1945 में ब्रिटेन के आम चुनाव में जीतकर प्रधानमंत्री बने थे। उनके कार्यकाल के दौरान भारत को स्वतंत्रता मिली और उसका विभाजन हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: एटली की सरकार ने भारत की स्वतंत्रता के लिए माउंटबेटन योजना को स्वीकार किया और लॉर्ड माउंटबेटन को भारत का अंतिम वायसराय नियुक्त किया, जो विभाजन की प्रक्रिया की देखरेख के लिए आए थे।
  • गलत विकल्प: विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। मार्गरेट थैचर और टोनी ब्लेयर काफी बाद के प्रधानमंत्रियों में से हैं।

प्रश्न 25: ‘मिस्र की सभ्यता’ के विकास के लिए किस नदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?

  1. टाइग्रिस
  2. यूफ्रेट्स
  3. नील
  4. सिंधु

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: नील नदी। प्राचीन मिस्र की सभ्यता का विकास मुख्य रूप से नील नदी के किनारे हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: नील नदी ने मिस्र को उपजाऊ भूमि (मिट्टी), जल और परिवहन का साधन प्रदान किया। नदी द्वारा लाई गई वार्षिक बाढ़ ने भूमि को उपजाऊ बनाया, जिससे कृषि का विकास संभव हुआ और सभ्यता पनपी। हेरोडोटस ने मिस्र को ‘नील नदी का वरदान’ कहा था।
  • गलत विकल्प: टाइग्रिस और यूफ्रेट्स नदियाँ मेसोपोटामिया की सभ्यता के विकास के लिए महत्वपूर्ण थीं। सिंधु नदी सिंधु घाटी सभ्यता के विकास से जुड़ी है।

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