इतिहास रणभूमि: ज्ञान की परख, सफलता की ओर एक कदम!
नमस्कार, भावी रत्नों! आज फिर से इतिहास के सागर में गोता लगाने का समय आ गया है। अपनी तैयारी को धार दें और इन 25 चुनिंदा प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान की सीमाओं का विस्तार करें। यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि सफलता की राह पर आपका एक और महत्वपूर्ण कदम है। तैयार हो जाइए, क्योंकि इतिहास के पन्नों में छिपे रहस्यों को उजागर करने का यह रोमांचक सफर अब शुरू होता है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज के रूप में ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। यहीं से प्रसिद्ध ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ मिली थी, जो उस काल की कलात्मक और तकनीकी उन्नति का प्रतीक है।
- संदर्भ और विस्तार: यह छोटी, लगभग 10.5 सेमी ऊंची प्रतिमा 4500 साल पुरानी मानी जाती है और इसे ‘लॉस्ट-वैक्स’ तकनीक (मोम पिघलाकर ढलाई) से बनाया गया था। इसकी मुद्रा और हाव-भाव तत्कालीन जीवन की जीवंतता को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘पुरुष धड़’ मिला था, लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ गोदी (डॉकयार्ड) के अवशेष मिले, और कालीबंगा में जुते हुए खेत के प्रमाण मिले।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अष्टप्रधान’ के संदर्भ में सत्य नहीं है?
- यह मराठा शासक शिवाजी की मंत्रिपरिषद थी।
- इसमें पेशवा (प्रधान मंत्री) सर्वोच्च पद पर होता था।
- मंत्री व्यक्तिगत रूप से राजा के प्रति उत्तरदायी थे।
- इसमें अमात्य (वित्त मंत्री) का पद भी शामिल था।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की सुसंगठित मंत्रिपरिषद थी। इसमें आठ प्रमुख मंत्री होते थे, जो प्रशासन के विभिन्न पहलुओं को संभालते थे।
- संदर्भ और विस्तार: पेशवा (प्रधान मंत्री), मजूमदार (वित्त मंत्री), अमात्य (राजस्व और लेखा), सुमंत (विदेश मंत्री), सचिव (शाही पत्राचार), पंडित राव (धार्मिक कार्य), सेनापति (सैन्य प्रमुख), और न्यायाधीश (न्याय) इसके प्रमुख सदस्य थे। यह परिषद राजा को सलाह देती थी।
- गलत विकल्प: जबकि मंत्री व्यक्तिगत रूप से राजा के प्रति उत्तरदायी थे, यह कहना कि वे ‘व्यक्तिगत रूप से’ सबसे महत्वपूर्ण थे, गलत है; परिषद का सामूहिक उत्तरदायित्व भी था। हालाँकि, प्रश्न का सबसे सटीक गलत कथन यह है कि सभी मंत्री ‘व्यक्तिगत रूप से’ राजा के प्रति उत्तरदायी थे, यह परिषद की सामूहिक भूमिका को कम करता है। बेहतर समझ के लिए, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सभी अधिकारी राजा के अधीन थे, लेकिन परिषद का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना था। सबसे उपयुक्त उत्तर (c) है क्योंकि परिषद की सामूहिक कार्यप्रणाली पर जोर दिया गया था।
प्रश्न 3: ‘अकबरनामा’ के लेखक कौन थे, जिन्होंने इसे फ़ारसी भाषा में लिखा था?
- अबुल फजल
- बदायूँनी
- फैज़ी
- ईश्वरदास नागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अकबरनामा’ सम्राट अकबर के शासनकाल का एक विस्तृत वृत्तांत है, जिसे उनके दरबारी इतिहासकार और मित्र अबुल फजल इब्न मुबारक ने लिखा था।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ तीन खंडों में विभाजित है। पहले दो खंड अकबर के पूर्वजों और उनके स्वयं के शासनकाल का इतिहास बताते हैं। तीसरा खंड ‘आईन-ए-अकबरी’ के नाम से जाना जाता है, जो अकबर के साम्राज्य, प्रशासन, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सामाजिक जीवन का एक सांख्यिकीय और प्रशासनिक विवरण प्रस्तुत करता है। इसे अकबर के दरबार की बौद्धिक उपलब्धियों का शिखर माना जाता है।
- गलत विकल्प: बदायूँनी अकबर के दरबार के एक इतिहासकार थे जिन्होंने ‘मुंतखब-उत-तवारिख’ लिखा था, फैज़ी अबुल फजल के भाई और एक प्रसिद्ध कवि थे, और ईश्वरदास नागर एक मुगल इतिहासकार थे जिन्होंने ‘फतुहात-ए-आलमगिरी’ लिखा था।
प्रश्न 4: भारत में ‘फ्रीडलैंडर का सुधार’ (Friedlander Reform) किस वर्ष लाया गया था?
- 1905
- 1909
- 1911
- 1919
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘फ्रीडलैंडर का सुधार’ वास्तव में ‘मॉर्ले-मिंटो सुधार’ (Morley-Minto Reforms) का एक अनौपचारिक नाम है, जिसे ‘भारतीय परिषद अधिनियम, 1909’ के रूप में भी जाना जाता है। इसमें भारत में संवैधानिक सुधारों की शुरुआत की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन सुधारों का उद्देश्य भारतीय विधायिकाओं में अधिक भारतीयों को शामिल करना था, साथ ही सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की शुरुआत करना भी था, जिसने मुस्लिम समुदाय के लिए अलग चुनावी क्षेत्रों की व्यवस्था की। ये सुधार तत्कालीन भारत सचिव जॉन मॉर्ले और भारत के वायसराय लॉर्ड मिंटो के नाम पर रखे गए थे।
- गलत विकल्प: 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था, 1911 में दिल्ली को राजधानी बनाया गया और बंगाल विभाजन रद्द किया गया, और 1919 में मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार आए थे।
प्रश्न 5: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त, जो गुप्त वंश के एक शक्तिशाली शासक थे, को उनकी विजयों और साम्राज्य विस्तार के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया और कई उत्तर भारतीय राज्यों को अपने अधीन किया। उनकी सैन्य विजयों का उल्लेख इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख (प्रयाग प्रशस्ति) में मिलता है, जिसे उनके दरबारी कवि हरिसेन ने लिखा था। यह शिलालेख उनकी वीरता, धर्मनिष्ठता और कला के प्रति प्रेम का वर्णन करता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपनी विजयों से साम्राज्य को और मजबूत किया और उनके काल को गुप्त काल का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 6: ‘सती प्रथा’ के अंत का श्रेय किस वायसराय को जाता है, जिन्होंने 1829 में इसे प्रतिबंधित किया?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक, जो 1828 से 1835 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे, ने राजा राम मोहन राय जैसे सुधारकों के प्रयासों से प्रेरित होकर 1829 में ‘सती प्रथा’ को प्रतिबंधित करने वाले विनियमन XVII को लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह विनियमन बंगाल प्रेसीडेंसी में प्रभावी हुआ और धीरे-धीरे पूरे ब्रिटिश भारत में लागू किया गया। इस कदम को भारतीय समाज सुधार के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है, जिसने सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के दौरान गवर्नर-जनरल थे, और लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 7: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाने का प्रयास किया?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर, जो अपनी सहिष्णुता और विभिन्न धर्मों के प्रति जिज्ञासा के लिए जाने जाते थे, ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक संश्लेषणवादी धर्म प्रस्तुत किया।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक सार्वभौमिक धर्म बनाना था, जो सम्राट के प्रति पूर्ण निष्ठा का प्रतीक हो। इसमें हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी और अन्य धर्मों की शिक्षाओं का मिश्रण था। हालांकि, इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली और अकबर की मृत्यु के बाद यह लगभग समाप्त हो गया।
- गलत विकल्प: हुमायूँ ने अपने पिता बाबर के बाद शासन संभाला, जहाँगीर कला और वास्तुकला के संरक्षक थे, और शाहजहाँ अपने भव्य निर्माण कार्यों जैसे ताजमहल के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 8: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ (French Revolution) किस वर्ष शुरू हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 14 जुलाई, 1789 को शुरू हुई, जब पेरिस के नागरिकों ने बास्तील के किले पर धावा बोल दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति का मुख्य नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था। इसने सदियों पुराने राजशाही शासन को समाप्त कर दिया और यूरोप तथा विश्व भर में लोकतांत्रिक और राष्ट्रवादी आंदोलनों को प्रेरित किया। क्रांति का अंत नेपोलियन बोनापार्ट के सत्ता में आने के साथ हुआ।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा हुई थी, 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसने नेपोलियन के शासन का अंत किया, और 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं जिन्हें ‘राष्ट्रों का वसंत’ कहा जाता है।
प्रश्न 9: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल को ‘सिंधु घाटी का मैनचेस्टर’ कहा जाता है?
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- लोथल
- चन्हुदड़ो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लोथल, जो गुजरात में स्थित है, एक महत्वपूर्ण सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल था और अपनी उन्नत बंदरगाह सुविधाओं के कारण इसे ‘सिंधु घाटी का मैनचेस्टर’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल में एक बड़ा गोदी (डॉकयार्ड) मिला था, जो मेसोपोटामिया और फारस की खाड़ी के साथ समुद्री व्यापार को दर्शाता है। यहाँ से प्राप्त ईंटों से बने घर, सड़कें और सार्वजनिक इमारतें उस समय की संगठित शहरी योजना को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो और हड़प्पा प्रमुख शहर थे, लेकिन लोथल अपनी व्यापारिक गतिविधियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण था। चन्हुदड़ो एक औद्योगिक शहर था जहाँ मनके बनाने का काम होता था।
प्रश्न 10: ‘सहायक संधि प्रणाली’ (Subsidiary Alliance System) का जनक किसे माना जाता है?
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड वेलेस्ली, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे, को ‘सहायक संधि प्रणाली’ का जनक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारतीय राज्यों को सैन्य सुरक्षा प्रदान करती थी और बदले में उनसे धन, फ्रांसीसी सैनिकों को बाहर निकालने और ब्रिटिश रेजीडेंट रखने की अपेक्षा करती थी। इस नीति ने ब्रिटिश प्रभाव को बढ़ाया और कई भारतीय राज्यों को कंपनी के अधीन कर दिया। अवध, हैदराबाद, मैसूर और तंजौर जैसे राज्यों ने सबसे पहले इस संधि को स्वीकार किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस को भारतीय सिविल सेवा और पुलिस व्यवस्था के सुधारों के लिए जाना जाता है, लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत सिद्धांत’ लागू किया, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का उन्मूलन किया।
प्रश्न 11: बौद्ध धर्म की दूसरी संगीति (Second Buddhist Council) किस स्थान पर आयोजित की गई थी?
- राजगृह
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
- कुशीनगर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: बौद्ध धर्म की दूसरी संगीति ईसा पूर्व चौथी शताब्दी (लगभग 383 ईसा पूर्व) में वैशाली में आयोजित की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगीति सम्राट कालाशोक के संरक्षण में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बौद्ध संघ के भीतर अनुशासन संबंधी मतभेदों को सुलझाना था। इस संगीति के परिणामस्वरूप संघ में मतभेद पैदा हुए और यह ‘स्थविरवाद’ (Sthaviravada) और ‘महासांघिक’ (Mahasanghika) नामक दो प्रमुख शाखाओं में विभाजित हो गया।
- गलत विकल्प: पहली बौद्ध संगीति राजगृह में हुई थी, तीसरी पाटलिपुत्र में अशोक के संरक्षण में, और कुशीनगर वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था।
प्रश्न 12: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ (East India Association) की स्थापना कब और कहाँ की गई थी?
- 1866, लंदन
- 1857, कलकत्ता
- 1875, बंबई
- 1885, मद्रास
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना दादाभाई नौरोजी ने 1866 में लंदन में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश जनता और संसद को भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति के बारे में सूचित करना और ब्रिटिश शासन के अधीन भारतीयों की शिकायतों को दूर करने का प्रयास करना था। दादाभाई नौरोजी ने इस संस्था के माध्यम से ब्रिटिश आर्थिक नीतियों के भारत पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों, जैसे ‘धन के बहिर्गमन’ (Drain of Wealth) सिद्धांत, को उजागर किया।
- गलत विकल्प: 1857 का विद्रोह हुआ था, 1875 में आर्य समाज की स्थापना हुई थी, और 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस वंश के शासकों ने ‘कंदरिया महादेव मंदिर’ का निर्माण करवाया था?
- मौर्य
- गुप्त
- चोल
- चंदेल
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कंदरिया महादेव मंदिर, जो खजुराहो, मध्य प्रदेश में स्थित है, चंदेल शासकों द्वारा 10वीं से 11वीं शताब्दी के बीच निर्मित कराया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला, जटिल नक्काशी और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह खजुराहो के मंदिरों के समूह का सबसे बड़ा और सबसे अलंकृत मंदिर है, जो चंदेल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गलत विकल्प: मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत में था और उनकी वास्तुकला मुख्य रूप से स्तूपों और अशोक स्तंभों से संबंधित है, गुप्त काल कला और वास्तुकला का स्वर्ण युग था लेकिन खजुराहो का मंदिर चंदेलों से जुड़ा है, और चोल वंश दक्षिण भारत में सक्रिय था और अपने द्रविड़ शैली के मंदिरों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 14: ‘डांडी मार्च’ (Dandi March) या ‘नमक सत्याग्रह’ किस आंदोलन का हिस्सा था?
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- खिलाफत आंदोलन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: डांडी मार्च, जो 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी द्वारा साबरमती आश्रम से शुरू किया गया था, सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
- संदर्भ और विस्तार: इस मार्च का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को तोड़ना था, जो भारतीयों को नमक बनाने या बेचने से रोकता था और उस पर भारी कर लगाता था। गांधीजी ने 6 अप्रैल, 1930 को डांडी पहुँचकर समुद्र का पानी उबालकर नमक बनाकर कानून तोड़ा। इस कार्रवाई ने पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन को तेज कर दिया।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920-22 में हुआ था, भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ था, और खिलाफत आंदोलन 1919-24 के दौरान भारतीय मुसलमानों द्वारा तुर्की के खलीफा के समर्थन में चलाया गया था।
प्रश्न 15: किस सूफी संत के मकबरे को ‘धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक’ माना जाता है और यह अजमेर में स्थित है?
- शेख सलीम चिश्ती
- ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती
- शेख निजामुद्दीन औलिया
- बाबा फरीद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अजमेर में स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को धार्मिक सहिष्णुता और सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती 12वीं शताब्दी में भारत आए थे और उन्होंने चिश्ती सिलसिले की शुरुआत की। उनकी दरगाह एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जहाँ हिंदू और मुसलमान दोनों बड़ी संख्या में आते हैं। उनके अनुयायियों में सभी धर्मों के लोग शामिल थे, और उनकी शिक्षाओं ने सूफीवाद के शांतिपूर्ण और समावेशी संदेश को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: शेख सलीम चिश्ती का मकबरा फतेहपुर सीकरी में है, निजामुद्दीन औलिया दिल्ली में थे, और बाबा फरीद का संबंध पंजाब से था।
प्रश्न 16: ‘प्रथम विश्व युद्ध’ (World War I) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड की हत्या
- जापान का पर्ल हार्बर पर हमला
- रूसी क्रांति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून, 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: हत्यारा गैवरिलो प्रिंसिपल, एक सर्बियाई राष्ट्रवादी था। इस घटना के बाद, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसके कारण गठबंधन प्रणालियों के सक्रिय होने और यूरोप की प्रमुख शक्तियों के युद्ध में शामिल होने की श्रृंखला शुरू हो गई। युद्ध 1914 से 1918 तक चला।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था, जापान का पर्ल हार्बर पर हमला संयुक्त राज्य अमेरिका को द्वितीय विश्व युद्ध में लाने वाला कारक था, और रूसी क्रांति 1917 में हुई थी।
प्रश्न 17: किस गुप्त शासक ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी और अपनी राजधानी को उज्जैन स्थानांतरित किया था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय, जिन्हें चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता है, गुप्त वंश के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे। उन्होंने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की और अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से उज्जैन स्थानांतरित की।
- संदर्भ और विस्तार: उनके शासनकाल (लगभग 380-415 ई.) को गुप्त काल का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने शकों को हराया और अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उनके दरबार में कालिदास जैसे महान विद्वान थे। उन्होंने अपनी प्रशासनिक दक्षता और कला-संस्कृति के संरक्षण के लिए ख्याति प्राप्त की।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे, समुद्रगुप्त एक महान विजेता थे, और स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया था।
प्रश्न 18: ‘गांधी-इरविन समझौता’ (Gandhi-Irwin Pact) कब हुआ था?
- 1920
- 1925
- 1930
- 1931
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया। इसके तहत, ब्रिटिश सरकार ने गांधीजी की कुछ मांगों को स्वीकार किया, जैसे कि नमक कानून को रद्द करना और गिरफ्तार किए गए सत्याग्रहियों को रिहा करना। बदले में, कांग्रेस ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में भाग लेने पर सहमति व्यक्त की।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, 1925 में चौरी-चौरा घटना हुई जिसने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का कारण बना, और 1930 में डांडी मार्च और सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ।
प्रश्न 19: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर और बुक्का
- राम राय
- देव राय द्वितीय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का राय नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन दोनों भाइयों ने तुंगभद्रा नदी के किनारे हंपी नामक स्थान पर इस विशाल दक्षिण भारतीय साम्राज्य की नींव रखी। विजयनगर साम्राज्य अपनी कला, वास्तुकला, साहित्य और व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। यह तत्कालीन दक्षिण भारत का सबसे शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था, जिसने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, राम राय एक प्रमुख राजनेता थे, और देव राय द्वितीय भी एक शक्तिशाली शासक थे।
प्रश्न 20: ‘कैबिनेट मिशन’ (Cabinet Mission) भारत कब आया था?
- 1942
- 1945
- 1946
- 1947
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कैबिनेट मिशन मार्च 1946 में भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह मिशन ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली द्वारा भेजा गया था और इसमें तीन वरिष्ठ ब्रिटिश कैबिनेट मंत्री – पैथिक लॉरेंस, स्टैफ़ोर्ड क्रिप्स और ए.वी. एलेक्जेंडर शामिल थे। इसका उद्देश्य भारत में सत्ता के हस्तांतरण के तरीके पर भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करना और एक संविधान सभा की स्थापना के लिए योजना तैयार करना था। मिशन ने भारत के विभाजन के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन बाद में इसकी सिफारिशों पर आगे चलकर भारत का विभाजन हुआ।
- गलत विकल्प: 1942 में ‘क्रिप्स मिशन’ आया था, 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ, और 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली।
प्रश्न 21: सिंधु घाटी सभ्यता में ‘पशुपति महादेव’ की मुहर कहाँ से प्राप्त हुई थी?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- रोपड़
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो से एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुहर मिली है, जिस पर एक मानव आकृति को ‘पशुपति’ के रूप में दर्शाया गया है, जो योगी की मुद्रा में बैठी है और जिसके चारों ओर हाथी, बाघ, गैंडा और भैंसा जैसे जानवर हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस मुहर की खोज ने भारतीय धर्म और आध्यात्मिकता के उद्भव पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला है, और कुछ विद्वान इसे प्रारंभिक शैव धर्म के प्रमाण के रूप में देखते हैं। यह मुहर सिंधु घाटी सभ्यता की कलात्मक और धार्मिक जटिलता को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा, लोथल और रोपड़ भी महत्वपूर्ण स्थल थे, लेकिन यह विशेष मुहर मोहनजोदड़ो से ही मिली है।
प्रश्न 22: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वरचंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: उनका मानना था कि वैदिक काल भारतीय समाज का स्वर्ण युग था और समाज की समस्याओं का समाधान वेदों में निहित ज्ञान और सिद्धांतों के पुनरुद्धार में है। उन्होंने हिंदू धर्म में व्याप्त कुरीतियों (जैसे जातिवाद, अंधविश्वास, मूर्तिपूजा) का खंडन किया और वैदिक आदर्शों की पुनर्स्थापना पर जोर दिया। उनकी पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ इसी दृष्टिकोण को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको नहीं’ का नारा दिया था, राजा राम मोहन राय को ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ कहा जाता है और उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की थी, और ईश्वरचंद्र विद्यासागर शिक्षा सुधारों और विधवा पुनर्विवाह के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 23: ‘खालसा पंथ’ की स्थापना किस सिख गुरु ने की थी?
- गुरु नानक देव
- गुरु अर्जन देव
- गुरु गोविंद सिंह
- गुरु तेग बहादुर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: खालसा पंथ की स्थापना 1699 ईस्वी में दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने वैशाखी के दिन आनंदपुर साहिब में पांच प्यारों (कंवर, धर्म, हिम्मत, मोहकम और साहिब) को अमृत छकाकर खालसा की दीक्षा दी। खालसा का अर्थ है ‘पवित्र’ या ‘शुद्ध’। यह सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने सिखों को एक योद्धा वर्ग के रूप में संगठित किया और उन्हें अपनी धार्मिक पहचान के लिए लड़ने की प्रेरणा दी। खालसा को पांच ‘क’ (केश, कंघा, कड़ा, कछैरा, कृपाण) धारण करने का आदेश दिया गया।
- गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे, गुरु अर्जन देव ने आदि ग्रंथ का संकलन किया और स्वर्ण मंदिर (हरिमंदिर साहिब) का निर्माण शुरू करवाया, और गुरु तेग बहादुर ने शहादत दी थी।
प्रश्न 24: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) का प्रारंभ किस यूरोपीय देश में हुआ?
- फ्रांस
- इंग्लैंड
- इटली
- स्पेन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: पुनर्जागरण, जिसका अर्थ है ‘पुनर्जन्म’, 14वीं शताब्दी में इटली में शुरू हुआ और धीरे-धीरे पूरे यूरोप में फैल गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह कला, साहित्य, विज्ञान, दर्शन और वास्तुकला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और बौद्धिक आंदोलन था। इसने शास्त्रीय यूनानी और रोमन ज्ञान की ओर वापसी को चिह्नित किया, और मानववाद (Humanism) पर जोर दिया। फ्लोरेंस, वेनिस और रोम जैसे इतालवी शहर पुनर्जागरण के प्रमुख केंद्र थे, जहाँ लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो और राफेल जैसे महान कलाकारों ने काम किया।
- गलत विकल्प: फ्रांस, इंग्लैंड और स्पेन में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसका मूल उद्भव इटली में हुआ था।
प्रश्न 25: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के समय, भारत का गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग था। विद्रोह के बाद, कंपनी शासन समाप्त हो गया और भारत सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया, जिसके बाद गवर्नर-जनरल का पद वायसराय में बदल गया, और कैनिंग ही भारत के पहले वायसराय बने।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारतीय शासन में कई बदलाव किए, जिनमें ब्रिटिश ताज द्वारा सीधे शासन, भारतीय सेना का पुनर्गठन और भारत सरकार अधिनियम 1858 पारित करना शामिल था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 से पहले गवर्नर-जनरल थे, लॉर्ड लिटन 1876-80 तक वायसराय रहे और वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट पारित किया, और लॉर्ड रिपन 1880-84 तक वायसराय रहे और स्थानीय स्वशासन के जनक माने जाते हैं।