इतिहास रणभूमि: आज के 25 प्रश्नों से करें अपने ज्ञान का महासंग्राम!
नमस्कार, भावी इतिहासकारो! क्या आप इतिहास की गहराइयों में गोता लगाने और अपनी ज्ञान की तलवार को तेज करने के लिए तैयार हैं? आज का यह मॉक टेस्ट प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक विश्व की हलचल तक, इतिहास के विशाल परिदृश्य में एक रोमांचक यात्रा है। अपनी तैयारी को परखें, अपनी सूझबूझ को निखारें और हर प्रश्न के साथ इतिहास के पन्नों को जीवंत करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित प्रमुख स्थलों में से कौन सा वर्तमान में गुजरात राज्य में स्थित है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- धौलावीरा
- रोपड़
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: धौलावीरा, जो 2021 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ, गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है। यह सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े स्थलों में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे स्थित है। मोहनजोदड़ो सिंध प्रांत, पाकिस्तान में सिंधु नदी के पास स्थित था। रोपड़ पंजाब, भारत में सतलुज नदी के किनारे स्थित था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो पाकिस्तान में हैं, जबकि रोपड़ भारत के पंजाब में है, लेकिन गुजरात में नहीं।
प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘गाविष्टी’ शब्द का क्या अर्थ था?
- गायों का समूह
- युद्ध
- यज्ञ
- पशुओं को चराना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ऋग्वेद में ‘गाविष्टी’ शब्द का प्रयोग युद्ध के लिए किया गया था। यह मूल रूप से ‘गाय’ (गो) की खोज से संबंधित था, जो प्राचीन काल में धन का प्रमुख स्रोत था, और इसलिए इसका अर्थ ‘युद्ध’ बन गया।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक समाज में गायों का अत्यधिक महत्व था, और उनकी चोरी या उन्हें प्राप्त करने के लिए अक्सर संघर्ष होते थे। ‘गाविष्टी’ शब्द गायों के पीछा करने या उनकी खोज में किए जाने वाले संघर्ष को दर्शाता है, जो धीरे-धीरे युद्ध का पर्याय बन गया।
- गलत विकल्प: ‘गायों का समूह’ (गौधन) सीधा अर्थ है, यज्ञ (यज्ञ) एक धार्मिक अनुष्ठान है, और ‘पशुओं को चराना’ (गोचारण) एक सामान्य गतिविधि है। ये सभी गायों से संबंधित हैं, लेकिन ‘गाविष्टी’ का विशेष अर्थ युद्ध है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा कथन अशोक के धम्म के संबंध में सही नहीं है?
- यह एक सार्वभौमिक नैतिकता की संहिता थी।
- यह किसी विशेष धर्म या संप्रदाय पर आधारित नहीं था।
- इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखना था।
- यह केवल बौद्ध भिक्षुओं के लिए अनिवार्य था।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अशोक का धम्म किसी विशेष धर्म या संप्रदाय के अनुयायियों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सभी नागरिकों के लिए एक आचार संहिता थी। यह बौद्ध धर्म के सिद्धांतों से प्रभावित था, लेकिन इसे सार्वभौमिक नैतिकता के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: धम्म का अर्थ ‘कर्तव्य’ या ‘धार्मिकता’ था, और इसके मुख्य सिद्धांतों में अहिंसा, सत्य, दान, और सभी जीवों के प्रति दया शामिल थी। अशोक ने अपने अभिलेखों के माध्यम से धम्म के प्रसार का प्रयास किया, जिसका उद्देश्य समाज में सद्भाव और कल्याण लाना था।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी सही कथन हैं। धम्म एक सार्वभौमिक नैतिकता थी, जो किसी विशेष धर्म पर आधारित नहीं थी, बल्कि शांति और व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित थी। यह सभी नागरिकों के लिए था, न कि केवल भिक्षुओं के लिए।
प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- क्योंकि इस काल में सोने के सिक्कों का सर्वाधिक प्रचलन था।
- क्योंकि इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- क्योंकि इस काल में गुप्त वंश का शासन सबसे अधिक समय तक चला।
- क्योंकि इस काल में भारत ने सर्वाधिक विदेशी आक्रमणों का सामना किया।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तुकला के क्षेत्रों में असाधारण प्रगति हुई। कालिदास जैसे महान कवि, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञ और वैज्ञानिक इसी युग की देन हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में गुप्त शासकों के संरक्षण में विभिन्न कलात्मक शैलियों का विकास हुआ, जैसे अजंता की गुफाओं के भित्ति चित्र। महरौली लौह स्तंभ और नालंदा विश्वविद्यालय जैसी वास्तुकला की उत्कृष्ट कृतियाँ भी इसी युग की हैं।
- गलत विकल्प: हालांकि इस काल में सोने के सिक्कों का प्रचलन था, यह ‘स्वर्ण युग’ कहने का प्राथमिक कारण नहीं था। गुप्त शासन लंबा था, पर कला और ज्ञान का विकास इसकी मुख्य पहचान है। इस काल में विदेशी आक्रमण अपेक्षाकृत कम थे, जो इसे स्थिर और समृद्ध बनाते थे।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- फिरोज शाह तुगलक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की थी, जो दासों (बंदगान) के कल्याण और उनके प्रशिक्षण की देखरेख के लिए एक विशेष विभाग था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक अपनी सार्वजनिक निर्माण योजनाओं और कल्याणकारी उपायों के लिए जाना जाता है। उसने बड़ी संख्या में दासों की भर्ती की और उन्हें विभिन्न प्रशासनिक, सैन्य और शिल्प कार्यों में प्रशिक्षित किया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश सल्तनत का संस्थापक था, बलबन अपनी ‘रक्त और लौह’ नीति के लिए जाना जाता है, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी नीतियों को लागू किया। इन शासकों का दासों के लिए ऐसे विशिष्ट विभाग से संबंध नहीं था।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम
- देवराय द्वितीय
- राम राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और उनके भाई बुक्का प्रथम ने की थी। वे संगम वंश के संस्थापक थे।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली साम्राज्य था जिसने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया। यह तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थापित किया गया था और अपनी समृद्ध संस्कृति, वास्तुकला और व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय द्वितीय और राम राय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन स्थापना हरिहर और बुक्का ने की थी।
प्रश्न 7: ‘तुलसीदास’ द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’ की भाषा क्या है?
- संस्कृत
- अवधी
- ब्रज भाषा
- खड़ी बोली
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ की रचना अवधी भाषा में की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: अवधी, पूर्वी हिंदी की एक प्रमुख बोली है, जो उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में बोली जाती है। तुलसीदास ने इस भाषा को इसलिए चुना ताकि यह आम जनता के लिए सुलभ हो सके और भगवान राम की कथा को व्यापक रूप से प्रसारित किया जा सके।
- गलत विकल्प: संस्कृत प्राचीन काल की विद्वानों की भाषा थी, ब्रज भाषा का प्रयोग मध्यकाल में भक्ति साहित्य में व्यापक रूप से हुआ (जैसे सूरदास द्वारा), और खड़ी बोली आधुनिक हिंदी का आधार है।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के संदर्भ में, निम्नलिखित में से किस स्थान पर विद्रोह का नेतृत्व तात्या टोपे ने किया था?
- दिल्ली
- लखनऊ
- झांसी
- ग्वालियर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: तात्या टोपे, जो 1857 के विद्रोह के एक प्रमुख नेताओं में से एक थे, ने कानपुर के विद्रोह के बाद ग्वालियर के विद्रोह का नेतृत्व किया था, जहाँ उन्होंने ग्वालियर के किले पर कब्जा कर लिया था।
- संदर्भ और विस्तार: तात्या टोपे ने रानी लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजी सेनाओं का सफलतापूर्वक मुकाबला किया था। वे एक कुशल सेनापति थे और उन्होंने लंबे समय तक छापामार युद्ध जारी रखा।
- गलत विकल्प: दिल्ली में विद्रोह का नेतृत्व बहादुर शाह जफर और जनरल बख्त खान ने किया था। लखनऊ में बेगम हजरत महल ने नेतृत्व किया था, और झांसी में रानी लक्ष्मीबाई ने।
प्रश्न 9: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- गोपाल कृष्ण गोखले
- बाल गंगाधर तिलक
- लाला लाजपत राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना 1905 में गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का उद्देश्य भारत के लोगों की सेवा करना, राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा देना और भारतीयों को राजनीतिक तथा आर्थिक अधिकारों के लिए शिक्षित करना था। गोखले महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु भी थे।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘सर्वोदय समाज’ जैसे संगठन स्थापित किए। बाल गंगाधर तिलक ‘होम रूल लीग’ से जुड़े थे, और लाला लाजपत राय ‘सर्वेंट्स ऑफ पीपल सोसाइटी’ के संस्थापक थे, न कि ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के।
प्रश्न 10: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (शासनकाल 1910-1916) के कार्यकाल में लिया गया था, और 1911 में इसकी घोषणा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह निर्णय 1911 में दिल्ली दरबार के अवसर पर घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य बंगाल विभाजन (1905) के बाद पूर्वी बंगाल में बढ़ते राष्ट्रवाद को शांत करना और भारत के अधिक केंद्रीय स्थान दिल्ली को राजधानी बनाना था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) प्रसिद्ध है। लॉर्ड कैनिंग पहले वायसराय थे।
प्रश्न 11: जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में किसने अपनी ‘नाइटहुड’ की उपाधि त्याग दी थी?
- जवाहरलाल नेहरू
- महात्मा गांधी
- रवींद्रनाथ टैगोर
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने 13 अप्रैल, 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई ‘नाइटहुड’ की उपाधि त्याग दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: अमृतसर में रोलेट एक्ट के विरोध में शांतिपूर्ण जनसभा पर जनरल डायर के आदेश पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गए। इस क्रूर घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल उस समय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और उन्होंने ऐसी कोई उपाधि नहीं ली थी जिसे त्यागना पड़े।
प्रश्न 12: किस मुगल सम्राट ने ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहां
- औरंगजेब
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: औरंगजेब ने 1679 ईस्वी में हिंदू जनता पर ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: जजिया एक धार्मिक कर था जो गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों से लिया जाता था। अकबर ने इसे समाप्त कर दिया था, लेकिन औरंगजेब ने अपनी धार्मिक कट्टरता की नीति के तहत इसे फिर से शुरू किया।
- गलत विकल्प: अकबर ने जजिया कर समाप्त किया था। जहांगीर और शाहजहां के शासनकाल में जजिया लागू नहीं था।
प्रश्न 13: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?
- शिवाजी महाराज
- संभाजी
- राजाराम
- बाजीराव प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था, का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान के सदस्य प्रधानमंत्री (पेशवा), आमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धार्मिक मामले), न्यायाधीश (न्याय मंत्री) और सुमंत (मुख्य दूत) जैसे पद संभालते थे।
- गलत विकल्प: संभाजी, राजाराम और बाजीराव प्रथम शिवाजी के उत्तराधिकारी थे और उन्होंने उनके प्रशासन को जारी रखा, लेकिन अष्टप्रधान की व्यवस्था शिवाजी ने शुरू की थी।
प्रश्न 14: भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर कौन था?
- वास्को डी गामा
- अल्बुकर्क
- फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
- निनो डी कुन्हा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फ्रांसिस्को डी अल्मेडा (1505-1509) भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर था।
- संदर्भ और विस्तार: वास्को डी गामा 1498 में भारत आया था, लेकिन वह केवल एक अन्वेषक था, न कि गवर्नर। अल्बुकर्क ने पुर्तगाली शक्ति को मजबूत किया और 1510 में गोवा पर कब्जा किया, लेकिन वह दूसरे गवर्नर के रूप में आया।
- गलत विकल्प: वास्को डी गामा पहले यूरोपीय यात्री थे, अल्बुकर्क ने पुर्तगाली शक्ति की नींव रखी, और निनो डी कुन्हा ने बाद में गवर्नर के रूप में कार्य किया।
प्रश्न 15: ‘कुतुबुद्दीन ऐबक’ ने दिल्ली में क्या बनवाया था?
- लाल किला
- कुतुब मीनार
- जामा मस्जिद
- हुमायूं का मकबरा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कुतुबुद्दीन ऐबक, दिल्ली सल्तनत का संस्थापक, ने दिल्ली में कुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने इसका निर्माण सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में करवाया था। हालांकि, इसका निर्माण कार्य इल्तुतमिश के शासनकाल में पूरा हुआ था।
- गलत विकल्प: लाल किला और जामा मस्जिद शाहजहां द्वारा बनवाए गए थे। हुमायूं का मकबरा हुमायूं की बेगम हाजी बेगम द्वारा बनवाया गया था।
प्रश्न 16: चंपारण सत्याग्रह कब हुआ था?
- 1917
- 1918
- 1919
- 1920
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: महात्मा गांधी द्वारा भारत में पहला सत्याग्रह आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह, 1917 में बिहार के चंपारण जिले में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन किसानों के नील की खेती के लिए तीन-कठिया प्रणाली के खिलाफ था, जिसमें किसानों को अपनी भूमि के 3/20वें हिस्से पर नील उगाना अनिवार्य था, जो अत्यधिक शोषणकारी थी।
- गलत विकल्प: 1918 में खेड़ा सत्याग्रह और अहमदाबाद मिल हड़ताल हुई। 1919 में रोलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुए। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ।
प्रश्न 17: ‘इक्तादारी’ प्रथा की शुरुआत किसने की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: इक्तादारी प्रथा की शुरुआत दिल्ली सल्तनत के सुल्तान इल्तुतमिश ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘इक्ता’ भूमि का एक अनुदान होता था जो राज्य के कर्मचारियों को वेतन के बदले दिया जाता था। इल्तुतमिश ने इस व्यवस्था को लागू करके प्रशासन को मजबूत किया और सल्तनत को प्रांतों में विभाजित किया, जो इक्ता कहलाते थे।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत के संस्थापक थे, बलबन ने राजत्व सिद्धांत को मजबूत किया, और अलाउद्दीन खिलजी ने केंद्रीय नियंत्रण को मजबूत करने के लिए कुछ सुधार किए, लेकिन इक्तादारी की नींव इल्तुतमिश ने डाली।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक था?
- हरिहर
- बुक्का
- कृष्ण देवराय
- देवराय प्रथम
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध और महान शासकों में कृष्ण देवराय का नाम आता है, जिन्होंने 1509 से 1529 तक शासन किया।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय के शासनकाल में विजयनगर अपने चरमोत्कर्ष पर था। वह एक कुशल प्रशासक, महान योद्धा और कला एवं साहित्य के संरक्षक थे। उनकी रचना ‘आमुक्तमाल्यदा’ एक प्रसिद्ध तेलुगु कृति है।
- गलत विकल्प: हरिहर और बुक्का साम्राज्य के संस्थापक थे। देवराय प्रथम भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्ण देवराय की ख्याति सर्वाधिक है।
प्रश्न 19: ‘गदर आंदोलन’ का मुख्यालय कहाँ था?
- लंदन
- पेरिस
- सैन फ्रांसिस्को
- बर्लिन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गदर आंदोलन, जो मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका में भारतीय अप्रवासियों द्वारा चलाया गया था, का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन की शुरुआत 1913 में हुई थी और इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करना था। ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र इस आंदोलन का मुख्य प्रचार माध्यम था।
- गलत विकल्प: लंदन, पेरिस और बर्लिन भी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों से जुड़े थे, लेकिन गदर आंदोलन का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।
प्रश्न 20: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) का प्रयोग करने वाला पहला भारतीय शासक कौन था?
- अवध का नवाब
- हैदराबाद का निजाम
- मैसूर का राजा
- पंजाब का महाराजा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सहायक संधि का प्रयोग करने वाला पहला भारतीय शासक हैदराबाद का निजाम था, जिसने 1798 में लॉर्ड वेलेजली द्वारा प्रस्तावित इस संधि को स्वीकार किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी, अपने क्षेत्र में ब्रिटिश सेना रखनी पड़ती थी, और अंग्रेजों की अनुमति के बिना किसी अन्य यूरोपीय शक्ति से संबंध नहीं बनाना होता था। बदले में, अंग्रेज उन्हें बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करते थे।
- गलत विकल्प: अवध के नवाब ने 1801 में इस संधि को स्वीकार किया, मैसूर ने चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799) के बाद, और पंजाब को 1849 में ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया गया था।
प्रश्न 21: फ्रांसीसी क्रांति का तात्कालिक कारण क्या था?
- ज्ञानोदय के विचारों का प्रसार
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव
- शाही विलासिता और बढ़ता राष्ट्रीय ऋण
- गरीबी और भुखमरी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति का एक प्रमुख तात्कालिक कारण लुई सोलहवें के शासनकाल में शाही विलासिता, युद्धों में अत्यधिक खर्च और इसके परिणामस्वरूप बढ़ता राष्ट्रीय ऋण था, जिसने देश को आर्थिक संकट में धकेल दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: स्टेट्स-जनरल (Estates-General) का आह्वान, जो 175 वर्षों के बाद किया गया था, क्रांति की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण कदम था। वित्तीय संकट के कारण राजा को यह कदम उठाना पड़ा था।
- गलत विकल्प: ज्ञानोदय के विचार और अमेरिकी क्रांति का प्रभाव क्रांति के दार्शनिक और वैचारिक आधार थे, लेकिन सीधे तात्कालिक कारण आर्थिक संकट था। गरीबी और भुखमरी भी मौजूद थी, लेकिन वह सीधे राजा द्वारा लिए गए वित्तीय फैसलों का परिणाम थी।
प्रश्न 22: प्रथम विश्व युद्ध के बाद वर्साय की संधि ने जर्मनी पर क्या प्रमुख शर्त लगाई?
- जर्मनी को युद्ध के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया गया और भारी हर्जाना देना पड़ा।
- जर्मनी को सभी औपनिवेशिक क्षेत्रों पर अधिकार बनाए रखने की अनुमति दी गई।
- जर्मनी की सेना को बढ़ाने की छूट दी गई।
- जर्मनी पर कोई आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाया गया।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: वर्साय की संधि (1919) ने जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया (अनुच्छेद 231, जिसे ‘दोष खंड’ भी कहा जाता है) और उस पर भारी युद्ध हर्जाना (reparations) लगाने की शर्त लगाई।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि ने जर्मनी के सैन्य बल को सीमित कर दिया, उसके क्षेत्र को कम कर दिया, और उस पर भारी आर्थिक बोझ डाला, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के बीज बोए।
- गलत विकल्प: जर्मनी को अपने सभी औपनिवेशिक क्षेत्रों को गंवाना पड़ा। उसकी सेना पर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए थे, और उस पर भारी आर्थिक दंड लगाया गया था।
प्रश्न 23: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के पहले मुस्लिम अध्यक्ष कौन थे?
- सर सैयद अहमद खान
- बदरुद्दीन तैयबजी
- मौलाना अबुल कलाम आजाद
- हकीम अजमल खान
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बदरुद्दीन तैयबजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष थे। उन्होंने 1887 में मद्रास में आयोजित कांग्रेस के तीसरे सत्र की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: तैयबजी एक प्रमुख वकील और सामाजिक सुधारक थे। उनकी अध्यक्षता ने कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता और समावेशी प्रकृति पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: सर सैयद अहमद खान कांग्रेस के विरोधी थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद सबसे लंबे समय तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, लेकिन वे बाद में हुए। हकीम अजमल खान भी कांग्रेस से जुड़े थे, लेकिन तैयबजी पहले मुस्लिम अध्यक्ष थे।
प्रश्न 24: ‘अशोकावदान’ के अनुसार, अशोक ने किस शहर में तीसरी बौद्ध संगीति आयोजित की थी?
- राजगृह
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
- कुंडलवन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘अशोकावदान’ और अन्य ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, तीसरी बौद्ध संगीति पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में सम्राट अशोक के संरक्षण में आयोजित की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगीति ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी (लगभग 250 ईसा पूर्व) में हुई थी और इसका उद्देश्य बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को शुद्ध करना था। मोग्गालिपुत्त तिस्स ने इसका नेतृत्व किया था।
- गलत विकल्प: पहली बौद्ध संगीति राजगृह में, दूसरी वैशाली में, और चौथी कुंडलवन (कश्मीर) में आयोजित हुई थी।
प्रश्न 25: ‘चौरी-चौरा’ की घटना कब हुई थी, जिसके कारण असहयोग आंदोलन वापस ले लिया गया?
- 1920
- 1921
- 1922
- 1923
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: चौरी-चौरा की घटना 5 फरवरी, 1922 को गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना में, प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन को आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए। हिंसा की इस घटना से महात्मा गांधी बहुत आहत हुए और उन्होंने महसूस किया कि आंदोलन हिंसक हो रहा है, इसलिए उन्होंने 12 फरवरी, 1922 को असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था। 1921 में आंदोलन अपने चरम पर था। 1923 में स्वराज पार्टी का गठन हुआ।