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इतिहास महा-मॉक: कालचक्र में करें ज्ञान की परख!

इतिहास महा-मॉक: कालचक्र में करें ज्ञान की परख!

तैयार हो जाइए इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए! आज का यह विशेष मॉक टेस्ट आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग की महत्वपूर्ण घटनाओं तक, भारतीय और विश्व इतिहास के विस्तृत परिदृश्य का अनुभव कराएगा। अपनी तैयारी को परखें और इस ज्ञानवर्धक सफर का आनंद लें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल को ‘मेसोपोटामिया’ से व्यापारिक संबंधों के पुख्ता प्रमाण मिले हैं?

  1. लोथल
  2. हड़प्पा
  3. मोहनजोदड़ो
  4. कालीबंगा

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लोथल, गुजरात में स्थित एक प्रमुख सिंधु घाटी सभ्यता स्थल था, जिसे मेसोपोटामिया के साथ व्यापारिक संबंधों के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। यहाँ से प्राप्त मेसोपोटामियाई मुहरें (Cylinder Seals) इस बात की पुष्टि करती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था और इसने सिंधु घाटी सभ्यता के बाह्य व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फारस की खाड़ी के देशों, विशेषकर मेसोपोटामिया के साथ इसका व्यापारिक संबंध था।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो महत्वपूर्ण स्थल थे, लेकिन लोथल विशेष रूप से बंदरगाह और विदेशी व्यापार के लिए जाना जाता है। कालीबंगा एक कृषि और अग्नि पूजा से जुड़ा स्थल था।

प्रश्न 2: ‘इक्तादारी’ प्रणाली की शुरुआत दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. कुतुबुद्दीन ऐबक
  3. गयासुद्दीन बलबन
  4. अलाउद्दीन खिलजी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: इक्तादारी प्रणाली की शुरुआत दिल्ली सल्तनत में शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने की थी। इस प्रणाली के तहत, राज्य को विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों (इक्ताओं) में विभाजित किया जाता था, जिन्हें गवर्नरों (इक्तादारों) को सौंपा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: इल्तुतमिश (शासनकाल 1211-1236) ने अपनी प्रशासनिक और सैन्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस प्रणाली को लागू किया। इक्तादार भूमि से राजस्व एकत्र करते थे और अपने सैनिकों का भरण-पोषण करते थे, जिससे केंद्रीय सरकार पर वित्तीय बोझ कम होता था।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक संस्थापक थे लेकिन इक्तादारी को व्यापक रूप से लागू नहीं किया। बलबन ने ‘चालीसा’ को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया, और अलाउद्दीन खिलजी ने भूमि सुधार और बाजार नियंत्रण पर अधिक ध्यान दिया।

प्रश्न 3: किस मुगल सम्राट के शासनकाल को ‘चित्रकला का स्वर्ण युग’ कहा जाता है?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: जहाँगीर (शासनकाल 1605-1627) को ‘चित्रकला का स्वर्ण युग’ कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने इस कला को अत्यधिक संरक्षण दिया और अपने दरबार में कई कुशल चित्रकारों को आश्रय दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: जहाँगीर स्वयं एक उत्कृष्ट चित्रकार थे और उन्होंने चित्रकला की बारीकियों को गहराई से समझा। उनके काल में व्यक्ति-चित्र (Portrait Painting), पशु-चित्रण, और प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण अपने चरम पर था। बिशनदास, मंसूर, और अबुल हसन उनके प्रसिद्ध चित्रकार थे।
  • गलत विकल्प: अकबर के समय चित्रकला का विकास शुरू हुआ था, लेकिन जहाँगीर के काल को उसका शिखर माना जाता है। शाहजहाँ का काल वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, और औरंगजेब ने कला पर कम ध्यान दिया।

प्रश्न 4: ‘रयतवाड़ी’ भू-राजस्व व्यवस्था सर्वप्रथम कहाँ लागू की गई?

  1. बंगाल
  2. मद्रास
  3. पंजाब
  4. उत्तर प्रदेश

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: रयतवाड़ी भू-राजस्व व्यवस्था सर्वप्रथम मद्रास प्रेसीडेंसी में लागू की गई थी। इसे थॉमस मुनरो और कैप्टन अलेक्जेंडर रीड ने विकसित किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था में, किसान (रयत) सीधे सरकार को भू-राजस्व देने के लिए उत्तरदायी थे। भूमि का स्वामित्व किसानों के पास होता था। यह व्यवस्था 1820 के दशक में मद्रास में लागू हुई और बाद में बंबई प्रेसीडेंसी और कुर्ग में भी विस्तारित हुई।
  • गलत विकल्प: बंगाल में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू था, जबकि पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में महालवाड़ी या अन्य प्रणालियाँ प्रचलित थीं।

प्रश्न 5: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व किसने किया?

  1. बाल गंगाधर तिलक
  2. लाला लाजपत राय
  3. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  4. महात्मा गांधी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1905 में बंगाल के विभाजन के विरोध में शुरू हुए स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व मुख्य रूप से सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे नरमपंथी नेताओं और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति के खिलाफ था। इसमें विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार, सरकारी स्कूलों और अदालतों का बहिष्कार, और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देना शामिल था। आंदोलन को बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल (लाल-बाल-पाल) जैसे गरमपंथी नेताओं का भी समर्थन प्राप्त था।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी 1915 में भारत लौटे थे और उनका मुख्य जुड़ाव असहयोग आंदोलन (1920) के बाद हुआ। तिलक और लाला लाजपत राय इस आंदोलन में सक्रिय थे, लेकिन सुरेंद्रनाथ बनर्जी इस चरण के प्रमुख नेताओं में से एक थे।

प्रश्न 6: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त प्रथम
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उन्हें उनके विजय अभियानों और विशाल साम्राज्य के कारण दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तरी भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी सफलतापूर्वक अभियान चलाया। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनके विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उन्होंने अश्वमेध यज्ञ भी किया था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे। चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी और साम्राज्य का विस्तार शुरू किया। स्कंदगुप्त गुप्त शासकों में अंतिम महान राजा थे जिन्होंने हूणों का सामना किया।

प्रश्न 7: ‘सूफीवाद’ से संबंधित ‘चिश्ती संप्रदाय’ की स्थापना भारत में किसने की?

  1. शेख बहाउद्दीन जकारिया
  2. ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती
  3. बाबा फरीदुद्दीन गंजशकर
  4. शेख निजामुद्दीन औलिया

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारत में चिश्ती संप्रदाय की स्थापना का श्रेय ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती को जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती 12वीं शताब्दी के अंत में भारत आए थे और अजमेर को अपना केंद्र बनाया। उन्होंने सभी धर्मों और जातियों के लोगों को गले लगाया और सूफीवाद के संदेश को फैलाया। उनके उपदेशों ने भारतीय सूफीवाद पर गहरा प्रभाव डाला।
  • गलत विकल्प: शेख बहाउद्दीन जकारिया सुहरावर्दी संप्रदाय से संबंधित थे। बाबा फरीदुद्दीन गंजशकर चिश्ती संप्रदाय के एक महत्वपूर्ण संत थे, लेकिन ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती संस्थापक थे। शेख निजामुद्दीन औलिया भी चिश्ती संप्रदाय के प्रमुख संत थे, लेकिन बाद की पीढ़ी के।

प्रश्न 8: ‘सन्यासी विद्रोह’ का उल्लेख किस उपन्यास में मिलता है?

  1. आनंदमठ
  2. गोरा
  3. देवी चौधरानी
  4. दुर्गेश नंदिनी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: सन्यासी विद्रोह का उल्लेख बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ में मिलता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सन्यासी विद्रोह 18वीं शताब्दी के अंत में (लगभग 1770-1800) हुआ था। यह विद्रोह बंगाल में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के दमनकारी नीतियों, विशेष रूप से तीर्थयात्रियों पर प्रतिबंध और धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के खिलाफ था। उपन्यास ने इस विद्रोह को राष्ट्रीय चेतना के रूप में चित्रित किया।
  • गलत विकल्प: ‘गोरा’ रविंद्रनाथ टैगोर का उपन्यास है, ‘देवी चौधरानी’ और ‘दुर्गेश नंदिनी’ भी बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास हैं, लेकिन वे सीधे तौर पर सन्यासी विद्रोह से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस नदी के तट पर हुई थी?

  1. गोदावरी
  2. कावेरी
  3. तुंगभद्रा
  4. कृष्णा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का द्वारा तुंगभद्रा नदी के तट पर की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था जिसने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया। इसकी राजधानी हम्पी थी, जो आज भी अपने खंडहरों के लिए प्रसिद्ध है। साम्राज्य ने कला, साहित्य, वास्तुकला और व्यापार को बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: गोदावरी, कावेरी और कृष्णा अन्य महत्वपूर्ण नदियाँ हैं, लेकिन विजयनगर साम्राज्य का प्रमुख केंद्र तुंगभद्रा नदी के किनारे विकसित हुआ था।

प्रश्न 10: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ किस वर्ष प्रारंभ हुआ?

  1. 1940
  2. 1941
  3. 1942
  4. 1943

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 8 अगस्त, 1942 को कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा बंबई में पारित ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव के साथ प्रारंभ हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने इस आंदोलन के दौरान ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करवाना था। इस आंदोलन में बड़े पैमाने पर जनता की भागीदारी देखी गई, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इसे जल्द ही कुचल दिया और प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
  • गलत विकल्प: 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह और 1941 में क्रिप्स मिशन का आगमन हुआ था, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में ही शुरू हुआ।

प्रश्न 11: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?

  1. 1914-1918
  2. 1939-1945
  3. 1919-1923
  4. 1925-1929

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई, 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी द्वारा सर्बिया पर युद्ध की घोषणा के साथ शुरू हुआ और 11 नवंबर, 1918 को समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में मुख्य रूप से दो गुट थे: मित्र राष्ट्र (जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, अमेरिका) और केंद्रीय शक्तियाँ (जैसे जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया)। यह युद्ध अभूतपूर्व विनाश का कारण बना और इसने दुनिया के राजनीतिक मानचित्र को बदल दिया।
  • गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल है। अन्य विकल्प प्रथम विश्व युद्ध के काल से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 12: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?

  1. हुमायूँ
  2. अकबर
  3. जहाँगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धार्मिक विचार की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक सिंक्रेटिक (समन्वित) धर्म था, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सर्वोत्तम तत्वों को मिलाकर एक सार्वभौमिक धर्म बनाना था। इसमें हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी और अन्य धर्मों की मान्यताओं का मिश्रण था। हालांकि, यह व्यापक रूप से स्वीकृत नहीं हुआ और केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: हुमायूँ, जहाँगीर और शाहजहाँ के अपने-अपने शासनकाल की विशेषताएँ थीं, लेकिन दीन-ए-इलाही अकबर की एक अनूठी पहल थी।

प्रश्न 13: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई थी?

  1. 1600
  2. 1605
  3. 1612
  4. 1620

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसंबर, 1600 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसे महारानी एलिजाबेथ प्रथम द्वारा भारत और पूर्वी एशिया के साथ व्यापार करने के लिए एक शाही अधिकार पत्र (Royal Charter) प्रदान किया गया था। शुरुआत में इसका उद्देश्य व्यापार करना था, लेकिन धीरे-धीरे इसने भारत में राजनीतिक शक्ति भी हासिल कर ली।
  • गलत विकल्प: 1605 में कंपनी ने भारत में अपना पहला कारखाना सूरत में स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन 1612 में सफल हुई। 1620 का वर्ष किसी विशेष घटना से संबंधित नहीं है।

प्रश्न 14: ‘सिपाही विद्रोह’ (1857) को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. विनायक दामोदर सावरकर
  4. एम. एन. रॉय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: विनायक दामोदर सावरकर (वी. डी. सावरकर) ने अपनी पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ में 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इस विद्रोह को केवल एक सैनिक विद्रोह न मानकर, भारत की आजादी के लिए लड़ा गया एक संगठित राष्ट्रीय प्रयास बताया। उनकी यह व्याख्या भारतीय राष्ट्रवाद के विकास में महत्वपूर्ण रही।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘ब्रिटिश राज के खिलाफ भारतीय जनता का विद्रोह’ कहा था। जवाहरलाल नेहरू और एम. एन. रॉय ने भी इस घटना पर अपने विचार व्यक्त किए, लेकिन ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ की संज्ञा सावरकर द्वारा दी गई।

प्रश्न 15: ऋग्वेद में ‘आर्यों’ का मुख्य व्यवसाय क्या बताया गया है?

  1. कृषि
  2. पशुपालन
  3. व्यापार
  4. शिल्पकारी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ऋग्वैदिक काल (लगभग 1500-1000 ई.पू.) में आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन था, विशेषकर गायों का पालन।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद में ‘गौ’ (गाय) शब्द का प्रयोग बहुतायत से मिलता है, और ‘गोपति’ (पशुओं का स्वामी) जैसा शब्द प्रचलन में था। युद्धों का एक प्रमुख कारण भी ‘गौधन’ की प्राप्ति होती थी। हालांकि, उत्तरवैदिक काल में कृषि का महत्व बढ़ने लगा था।
  • गलत विकल्प: कृषि उत्तरवैदिक काल में प्रमुख हुई, जबकि व्यापार और शिल्पकारी की शुरुआत हो रही थी लेकिन ये प्रारंभिक अवस्था में थे और पशुपालन मुख्य पेशा था।

प्रश्न 16: चोल साम्राज्य का संस्थापक कौन था?

  1. राजराज प्रथम
  2. राजेंद्र चोल प्रथम
  3. विजयालय
  4. प्रांतक प्रथम

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चोल साम्राज्य का संस्थापक विजयालय था, जिसने 850 ई. के आसपास तंजावुर पर विजय प्राप्त कर चोल सत्ता की नींव डाली।
  • संदर्भ और विस्तार: विजयालय ने पल्लवों के पतन के बाद एक स्वतंत्र चोल राज्य की स्थापना की। हालाँकि, चोल साम्राज्य को वास्तविक शक्ति और विस्तार राजराज प्रथम (985-1014 ई.) और उनके पुत्र राजेंद्र चोल प्रथम (1014-1044 ई.) के शासनकाल में मिला।
  • गलत विकल्प: राजराज प्रथम और राजेंद्र चोल प्रथम महान शासक थे जिन्होंने साम्राज्य का विस्तार किया, लेकिन वे संस्थापक नहीं थे। प्रांतक प्रथम भी एक महत्वपूर्ण शासक थे।

प्रश्न 17: ‘सबक’ (SABCA) का पूरा नाम क्या है, जिसे हाल ही में खबरों में देखा गया है?

  1. साउथ एशियन बायोलॉजिकल कन्वर्ज़ेशन एजेंसी
  2. साउथ एशियन बायो-कंट्रोल एसोसिएशन
  3. साउथ एशियन बॉटनिकल कन्वर्ज़ेशन अथॉरिटी
  4. साउथ एशियन बायोडाइवर्सिटी कन्वर्ज़ेशन एजेंसी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: SABCA का पूरा नाम ‘साउथ एशियन बायो-कंट्रोल एसोसिएशन’ है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संगठन दक्षिण एशियाई देशों में जैविक नियंत्रण (biological control) विधियों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है, जो कीटनाशकों के रासायनिक उपयोग को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने में सहायक है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प इस संगठन के नाम से संबंधित नहीं हैं और गलत हैं।

प्रश्न 18: किस वायसराय के काल में भारत में ‘पुरातत्व विभाग’ की स्थापना हुई?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लॉर्ड कर्जन (1900-1905) के वायसराय काल में 1906 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India – ASI) की स्थापना की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन भारतीय इतिहास और कला में गहरी रुचि रखते थे और उन्होंने भारत की प्राचीन धरोहरों के संरक्षण और अध्ययन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1904 भी पारित किया था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी को व्यपगत के सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के लिए जाना जाता है। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट जैसे विवादास्पद कानून पारित किए। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे।

प्रश्न 19: ‘बुद्धचरितम्’ के लेखक कौन हैं?

  1. नागार्जुन
  2. आर्यभट्ट
  3. अश्वघोष
  4. कालिदास

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘बुद्धचरितम्’ के लेखक अश्वघोष हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अश्वघोष एक महान बौद्ध दार्शनिक, कवि और नाटककार थे, जो कनिष्क (कुषाण शासक) के समकालीन थे। ‘बुद्धचरितम्’ भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित एक महाकाव्य है, जिसे बौद्ध साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
  • गलत विकल्प: नागार्जुन एक प्रमुख बौद्ध दार्शनिक थे। आर्यभट्ट एक खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे। कालिदास प्राचीन भारत के महानतम कवियों में से एक थे, लेकिन उनका संबंध बौद्ध धर्म से नहीं था।

प्रश्न 20: भारत में ‘सहायक संधि प्रणाली’ (Subsidiary Alliance) की शुरुआत किसने की?

  1. लॉर्ड कॉर्नवालिस
  2. लॉर्ड वेलेजली
  3. लॉर्ड हेस्टिंग्स
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारत में सहायक संधि प्रणाली की शुरुआत करने का श्रेय लॉर्ड वेलेजली को जाता है, जिन्होंने 1798 से 1805 तक गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, भारतीय शासकों को ब्रिटिश सेना को बनाए रखने, अंग्रेजी रेजिडेंट को अपने दरबार में रखने और विदेशी शक्तियों के साथ संबंध स्थापित करने से पहले ब्रिटिशों की अनुमति लेने के लिए बाध्य किया जाता था। बदले में, ब्रिटिश कंपनी उनकी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की गारंटी देती थी। हैदराबाद, मैसूर, तंजौर, अवध आदि राज्यों ने इस संधि को स्वीकार किया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस को स्थायी बंदोबस्त के लिए जाना जाता है। लॉर्ड हेस्टिंग्स ने कई सहायक संधियाँ कीं लेकिन शुरुआत वेलेजली ने की। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया।

प्रश्न 21: ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किसने किया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘आजाद हिंद फौज’ (Indian National Army – INA) का गठन नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, सुभाष चंद्र बोस ने मलाया (अब मलेशिया) में भारतीय युद्धबंदियों और स्वयंसेवकों की सहायता से 1942 में इस सेना का गठन किया था। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करना था। सेना ने ब्रिटिशों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, हालांकि यह सफल नहीं हो सकी।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे, लेकिन आजाद हिंद फौज के गठन और नेतृत्व का श्रेय सुभाष चंद्र बोस को जाता है।

प्रश्न 22: अशोक का कौन सा शिलालेख कलिंग युद्ध के बाद हुए पश्चाताप को दर्शाता है?

  1. पहला शिलालेख
  2. आठवां शिलालेख
  3. तेरहवां शिलालेख
  4. चौदहवां शिलालेख

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: सम्राट अशोक का तेरहवां शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ई.पू.) के बाद उनके पश्चाताप, युद्ध की भयावहता और सम्राट के हृदय परिवर्तन का स्पष्ट विवरण देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने स्वयं कलिंग युद्ध की भयंकरता का वर्णन किया है, जिसमें एक लाख से अधिक लोग मारे गए थे और डेढ़ लाख से अधिक निर्वासित हुए थे। युद्ध के बाद हुए इस नरसंहार से आहत होकर उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया और ‘धम्म’ के प्रचार का संकल्प लिया।
  • गलत विकल्प: अन्य शिलालेखों में अशोक के धम्म, प्रशासनिक नीतियों और अन्य व्यक्तिगत मामलों का उल्लेख है, लेकिन कलिंग युद्ध का विस्तृत और मार्मिक वर्णन तेरहवें शिलालेख में ही मिलता है।

प्रश्न 23: ‘पुर्तगालियों द्वारा गोवा पर विजय’ किस वर्ष हुई?

  1. 1505
  2. 1510
  3. 1529
  4. 1530

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: पुर्तगाली गवर्नर अल्बुकर्क ने 1510 ई. में बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह प्रथम से गोवा को जीत लिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: गोवा पुर्तगालियों के लिए एक रणनीतिक स्थान था, जो उन्हें भारतीय महासागर में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में मदद करता था। 1510 में गोवा पर विजय पुर्तगाली साम्राज्य के विस्तार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।
  • गलत विकल्प: 1505 में पुर्तगालियों ने कोचीन में अपनी पहली फोर्ट-कम-गोदाम की स्थापना की थी। 1529 और 1530 में भी गोवा में पुर्तगाली गतिविधियों से संबंधित घटनाएँ हुईं, लेकिन विजय 1510 में हुई थी।

प्रश्न 24: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ किस वर्ष हुई?

  1. 1776
  2. 1789
  3. 1815
  4. 1848

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई, जिसका एक प्रमुख प्रतीकात्मक कार्य 14 जुलाई, 1789 को बैस्टिल के पतन के रूप में देखा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांस में राजशाही के अंत, सामंतवाद के उन्मूलन और गणतंत्र की स्थापना की ओर ले गई। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, Égalité, Fraternité) के विचारों को बढ़ावा दिया, जिनका विश्व के कई स्वतंत्रता आंदोलनों पर गहरा प्रभाव पड़ा।
  • गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1815 में वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का अंत हुआ। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त प्रथम

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गुप्त शासक चंद्रगुप्त द्वितीय (शासनकाल लगभग 380-415 ई.) को ‘विक्रमादित्य’ (पराक्रमी सूर्य) की उपाधि से जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपने पिता समुद्रगुप्त की विजयों को आगे बढ़ाया और अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने शकों को हराकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और यह उपाधि धारण की। उनके दरबार में कालिदास जैसे नवरत्न निवास करते थे, और यह काल गुप्त साम्राज्य के स्वर्ण युगों में से एक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। कुमारगुप्त प्रथम ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।

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