इतिहास महा-अभ्यास: कालचक्र का ज्ञान परखें!
आइए, आज इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा पर चलें! आपकी तैयारी को धार देने के लिए हम लाए हैं 25 चुनिंदा प्रश्न, जो प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक के महत्वपूर्ण पड़ावों को कवर करते हैं। हर प्रश्न आपके ज्ञान की गहराई को परखेगा और विस्तृत व्याख्याओं से आपकी समझ को और भी मजबूत करेगा। तैयार हो जाइए, इतिहास के इस ज्ञान यज्ञ में आहुति देने के लिए!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: मोहनजोदड़ो, जिसका सिंधी भाषा में अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। इसे ‘सिंधु का बाग’ इसलिए कहा जाता था क्योंकि यह सिंधु नदी के किनारे स्थित था और यहाँ से प्राप्त विशाल अन्नागार, स्नानागार तथा अन्य ढांचों से तत्कालीन समृद्धि और उन्नत कृषि का पता चलता है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो का विकास लगभग 2500 ईसा पूर्व में हुआ था और यह सिंधु नदी के दाहिने किनारे पर स्थित था। यहाँ से मिली ‘पुजारी-राजा’ की मूर्ति, कांसे की नर्तकी, और महास्नानागार (Great Bath) तत्कालीन कला, शिल्प और सामाजिक जीवन की महत्वपूर्ण गवाह हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था, जबकि कालीबंगा में जुते हुए खेत के प्रमाण मिले थे।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
- कौटिल्य – अर्थशास्त्र
- बाणभट्ट – हर्षचरित
- विशाखदत्त – मुद्राराक्षस
- कल्हण – इंडिका
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ की रचना की थी, जो कश्मीर के इतिहास से संबंधित है। ‘इंडिका’ की रचना मेगस्थनीज ने की थी, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में यूनानी राजदूत था।
- संदर्भ और विस्तार: कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा लिखित ‘अर्थशास्त्र’ प्राचीन भारतीय शासन, कूटनीति और अर्थशास्त्र पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। बाणभट्ट, राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे, जिन्होंने ‘हर्षचरित’ (हर्ष का जीवन चरित्र) और ‘कादम्बरी’ की रचना की। विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ की रचना की, जो चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य द्वारा नंद वंश के विनाश की कहानी बताती है।
- गलत विकल्प: शेष सभी युग्म सही सुमेलित हैं।
प्रश्न 3: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद किसके शासनकाल में थी?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- समद्रगुप्त
- हर्षवर्धन
- शिवाजी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित मंत्रिपरिषद का नाम था। यह उनके प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ प्रमुख मंत्रियों का एक समूह था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान के सदस्य थे: पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्म अधिकारी), न्यायाधीश (न्याय मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), और पंडितराव (मुख्य पुरोहित)। यह व्यवस्था मराठा साम्राज्य के कुशल प्रशासन का आधार थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य और समुद्रगुप्त गुप्त काल के महत्वपूर्ण शासक थे, जिनका प्रशासन भिन्न था। हर्षवर्धन का प्रशासन भी अष्टप्रधान से अलग था।
प्रश्न 4: प्रथम बौद्ध संगीति कहाँ आयोजित की गई थी?
- पाटलिपुत्र
- वैशाली
- राजगृह
- कुंडलवन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: पहली बौद्ध संगीति (या परिषद) का आयोजन महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद 483 ईसा पूर्व में राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी और इसमें आनंद और उपाली जैसे प्रमुख भिक्षु शामिल थे। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (सुत्त) और भिक्षुओं के लिए अनुशासन (विनय) को संकलित करना था।
- गलत विकल्प: दूसरी संगीति वैशाली में, तीसरी पाटलिपुत्र में (अशोक के समय) और चौथी कुंडलवन (कश्मीर) में कनिष्क के समय हुई थी।
प्रश्न 5: “दिल्ली चलो” का नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: “दिल्ली चलो” का प्रसिद्ध नारा भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के संस्थापक और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा सिंगापुर के टाउन हॉल में एक सभा को संबोधित करते हुए दिया गया था, जब INA भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग ले रही थी। इसका उद्देश्य सैनिकों और लोगों को भारत की ओर कूच करने और अंग्रेजों से देश को मुक्त कराने के लिए प्रेरित करना था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने “करो या मरो” का नारा दिया था, जबकि जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं के अपने-अपने महत्वपूर्ण नारे और योगदान थे।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर और बुक्का
- राम राय
- देव राय प्रथम
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन दोनों भाइयों ने वारंगल के काकतीय वंश के पतन के बाद तुंगभद्रा नदी के तट पर विजयनगर शहर की नींव रखी। यह साम्राज्य अपने सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्कर्ष के लिए जाना जाता है, और कृष्ण देवराय इसके सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय एक महान शासक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। राम राय ने साम्राज्य के पतन में भूमिका निभाई, और देव राय प्रथम भी बाद के शासकों में से थे।
प्रश्न 7: ‘दाम’ नामक सिक्का किसने चलाया था?
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- शेरशाह सूरी
- अकबर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: शेरशाह सूरी (शासनकाल 1540-1545 ईस्वी) ने ‘रुपया’ (चांदी का सिक्का) और ‘दाम’ (तांबे का सिक्का) नामक मुद्राएं चलाई थीं।
- संदर्भ और विस्तार: शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल में कई प्रशासनिक और आर्थिक सुधार किए थे, जिनमें एक सुसंगत मुद्रा प्रणाली की शुरुआत प्रमुख थी। ‘दाम’ तांबे का सिक्का था जिसका वजन 323 ग्रेन होता था और इसका विनिमय दर रुपयों के साथ निर्धारित थी।
- गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी और गयासुद्दीन तुगलक ने भी सिक्के चलाए थे, लेकिन ‘दाम’ शेरशाह सूरी से जुड़ा है। अकबर ने भी कई प्रकार के सिक्के चलाए, जिनमें इलाही सिक्का प्रमुख था।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह को ‘भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?
- जवाहरलाल नेहरू
- विनायक दामोदर सावरकर
- एस. एन. सेन
- कार्ल मार्क्स
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने अपनी पुस्तक “The Indian War of Independence, 1857” में 1857 के विद्रोह को ‘भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ के रूप में वर्णित किया है।
- संदर्भ और विस्तार: सावरकर की यह पुस्तक 1909 में प्रकाशित हुई थी और इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देशभक्ति की भावना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस विद्रोह को मात्र एक सैनिक विद्रोह न कहकर, एक सुनियोजित राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम बताया।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक ‘Discovery of India’ में इसका उल्लेख किया है। एस. एन. सेन ने 1857 के विद्रोह पर एक आधिकारिक इतिहास लिखा है, जबकि कार्ल मार्क्स ने इसे ‘साम्राज्यवाद के खिलाफ भारतीय जनता का विद्रोह’ कहा था।
प्रश्न 9: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा शहर अपने जल निकासी व्यवस्था के लिए विशेष रूप से जाना जाता है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धौलावीरा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: मोहनजोदड़ो अपनी अत्यंत सुनियोजित और प्रभावी जल निकासी प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पक्की ईंटों से बने नालियों का एक विस्तृत नेटवर्क था, जो घरों से निकलने वाले गंदे पानी को मुख्य सड़कों के नीचे बने बड़े नालों तक ले जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो में सार्वजनिक स्नानागार (Great Bath) के साथ-साथ व्यक्तिगत घरों में भी स्नानागार और शौचालय थे, जो सीधे इन जल निकासी व्यवस्था से जुड़े थे। यह तत्कालीन शहरी नियोजन और स्वच्छता के उच्च स्तर को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा में भी जल निकासी व्यवस्था थी, लेकिन मोहनजोदड़ो जितनी उन्नत नहीं। लोथल एक बंदरगाह शहर था और धौलावीरा में एक अनूठी जल संरक्षण प्रणाली थी, लेकिन जल निकासी में मोहनजोदड़ो का स्थान सर्वोपरि है।
प्रश्न 10: ‘अकबरनामा’ का दूसरा खंड किस विषय पर केंद्रित है?
- अकबर की जीवनी
- अकबर के शासनकाल की घटनाओं का विवरण
- अकबर की विजयें
- अकबर के प्रशासनिक सुधार
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: ‘अकबरनामा’ जो अबुल फजल द्वारा लिखा गया था, तीन खंडों में विभाजित है। इसका दूसरा खंड (जिसे ‘तारीख-ए-अकबरी’ भी कहा जाता है) अकबर के शासनकाल की घटनाओं का विस्तृत कालानुक्रमिक विवरण प्रस्तुत करता है, विशेष रूप से 1605 तक।
- संदर्भ और विस्तार: पहला खंड अकबर के पूर्वजों का इतिहास बताता है, जबकि तीसरा खंड ‘आइना-ए-अकबरी’ कहलाता है, जो अकबर के साम्राज्य के प्रशासन, राजस्व, सेना, भूगोल, संस्कृति आदि का विस्तृत विवरण देता है। ‘अकबरनामा’ को मुगल काल का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत माना जाता है।
- गलत विकल्प: अकबर की जीवनी तीसरे खंड (‘आइना-ए-अकबरी’) में अप्रत्यक्ष रूप से और अकबरनामा के पहले खंड में पूर्वजों के साथ दी गई है। विजयें और प्रशासनिक सुधार दूसरे और तीसरे खंड का हिस्सा हैं, लेकिन दूसरा खंड मुख्य रूप से घटनाओं का विवरण है।
प्रश्न 11: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन कब और कहाँ हुआ था?
- 1885, कलकत्ता
- 1885, बंबई
- 1886, कलकत्ता
- 1887, मद्रास
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का पहला अधिवेशन 28-31 दिसंबर 1885 को बंबई (वर्तमान मुंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Bonnerjee) ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस अधिवेशन में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीयों को एक राजनीतिक मंच प्रदान करना और ब्रिटिश सरकार के समक्ष उनकी मांगों को रखना था।
- गलत विकल्प: कलकत्ता में कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन 1886 में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता दादाभाई नौरोजी ने की थी।
प्रश्न 12: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता वायसराय लॉर्ड इरविन और महात्मा गांधी के बीच हुआ था। सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने के बदले में, इरविन सरकार ने आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और शांतिपूर्ण सत्याग्रह की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ जिसमें पूर्ण स्वराज की मांग की गई। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1932 में पूना पैक्ट हुआ।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस चालुक्य शासक ने ‘परमेश्वर’ और ‘राजकेसरी’ जैसी उपाधियाँ धारण कीं?
- पुलकेशिन प्रथम
- पुलकेशिन द्वितीय
- विक्रमादित्य प्रथम
- कीर्तिवर्मन द्वितीय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: पुलकेशिन द्वितीय (लगभग 609-642 ईस्वी) सबसे शक्तिशाली चालुक्य शासकों में से एक था जिसने ‘परमेश्वर’ और ‘राजकेसरी’ जैसी उपाधियाँ धारण कीं।
- संदर्भ और विस्तार: पुलकेशिन द्वितीय को चालुक्य राजवंश के महानतम राजाओं में गिना जाता है। उसने अपने राज्य का विस्तार किया और नर्मदा नदी के किनारे उत्तर में हर्षवर्धन को पराजित किया, जो उसकी सैन्य शक्ति का प्रमाण है। उसने अपने अभिलेखों में इन उपाधियों का प्रयोग किया।
- गलत विकल्प: पुलकेशिन प्रथम ने वातापी (बादामी) को राजधानी बनाया और चालुक्य वंश की नींव मजबूत की। विक्रमादित्य प्रथम और कीर्तिवर्मन द्वितीय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन पुलकेशिन द्वितीय की उपाधियाँ अधिक प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 14: ‘गदर’ पार्टी का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- सैन फ्रांसिस्को
- लंदन
- बर्लिन
- न्यूयॉर्क
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: ‘गदर’ पार्टी, जिसका मूल नाम ‘हिन्द एसोसिएशन ऑफ द पैसिफिक कोस्ट’ था, का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में रहने वाले भारतीयों को संगठित कर भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना था। यह पार्टी ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित करती थी।
- गलत विकल्प: लंदन में भारतीय राष्ट्रवाद से संबंधित कई संस्थाएँ थीं, लेकिन गदर पार्टी का मुख्यालय अमेरिका में था। बर्लिन में भारतीय स्वतंत्रता समिति थी, और न्यूयॉर्क भी भारतीय प्रवासियों का एक केंद्र था, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।
प्रश्न 15: ‘इंडिका’ के लेखक कौन थे?
- टॉलेमी
- प्लिनी
- मेगस्थनीज
- फाह्यान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक के लेखक यूनानी राजदूत मेगस्थनीज थे, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेलेयूकस निकेटर के दूत के रूप में आए थे।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज ने भारत में अपने प्रवास के दौरान भारतीय समाज, राजनीति, संस्कृति और मौर्य साम्राज्य का विस्तृत विवरण अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में लिखा। हालांकि मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन अन्य लेखकों (जैसे एरियन, स्ट्रैबो) के उद्धरणों से इसके महत्वपूर्ण अंश सुरक्षित हैं, जो मौर्यकालीन भारत को समझने में सहायक हैं।
- गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था जिसने ‘ज्योग्राफी’ लिखी। प्लिनी ने ‘नेचुरल हिस्ट्री’ लिखी। फाह्यान एक चीनी यात्री था जिसने गुप्त काल का विवरण ‘फो-कुओ-की’ में लिखा।
प्रश्न 16: चौरी-चौरा की घटना कब हुई थी, जिसके कारण असहयोग आंदोलन को स्थगित करना पड़ा?
- 1920
- 1921
- 1922
- 1923
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: चौरी-चौरा की घटना 5 फरवरी, 1922 को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना में, प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए। इस हिंसक घटना से आहत होकर, महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया, क्योंकि उनका आंदोलन अहिंसा के सिद्धांत पर आधारित था।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था, लेकिन चौरी-चौरा की घटना 1922 में हुई, जिसने आंदोलन की दिशा बदल दी।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से घोड़े के अवशेष मिले हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- सुरकोटदा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: सुरकोटदा (गुजरात) से घोड़े के अस्थि अवशेष प्राप्त हुए हैं, जो सिंधु घाटी सभ्यता में घोड़े के अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, यह अभी भी विवादास्पद है कि क्या ये अवशेष पालतू घोड़ों के थे या जंगली घोड़ों के। अन्य स्थलों जैसे लोथल और मोहनजोदड़ो से घोड़े की मूर्तियाँ मिली हैं, लेकिन सुरकोटदा ही एकमात्र स्थल है जहाँ से सीधे अवशेष मिले हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और लोथल महत्वपूर्ण स्थल हैं, लेकिन घोड़े के अवशेषों के मामले में सुरकोटदा की अपनी विशिष्टता है।
प्रश्न 18: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषित धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक नया धार्मिक और नैतिक ढांचा बनाने का प्रयास किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और सम्राट को सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए एक आध्यात्मिक नेता के रूप में प्रस्तुत करना था। हालांकि, यह जनता के बीच अधिक लोकप्रिय नहीं हो सका और इसके अधिकांश अनुयायी अकबर के इर्द-गिर्द के लोग ही थे।
- गलत विकल्प: हुमायूँ, जहांगीर और शाहजहाँ ने अपने-अपने धार्मिक विचार और नीतियाँ अपनाईं, लेकिन ‘दीन-ए-इलाही’ विशेष रूप से अकबर की देन है।
प्रश्न 19: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के किस चरण को ‘गर्म दल’ का चरण कहा जाता है?
- 1885-1905
- 1905-1919
- 1919-1929
- 1929-1947
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का वह चरण जो 1905 (बंगाल विभाजन) से शुरू होकर 1919 (जलियाँवाला बाग हत्याकांड) तक चलता है, उसे ‘गर्म दल’ या ‘उग्रवादी चरण’ के रूप में जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस चरण में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल (जिन्हें ‘लाल-बाल-पाल’ त्रयी कहा जाता है) जैसे नेताओं का उदय हुआ, जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अधिक आक्रामक और प्रत्यक्ष साधनों जैसे बहिष्कार, स्वदेशी आंदोलन और राष्ट्रीय शिक्षा पर बल दिया। यह चरण नरम दल की राजनीतिक भिक्षावृत्ति की नीति से अलग था।
- गलत विकल्प: 1885-1905 का काल ‘नरम दल’ का था। 1919 के बाद गांधी युग की शुरुआत हुई।
प्रश्न 20: ‘अजंता की गुफाएँ’ निम्नलिखित में से किस काल की चित्रकला का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत करती हैं?
- वैदिक काल
- मौर्य काल
- गुप्त काल
- गुप्तोत्तर काल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: अजंता की गुफाओं की अधिकांश चित्रकला, विशेष रूप से जो बौद्ध जातक कथाओं को दर्शाती हैं, गुप्त काल (लगभग 4थी से 6ठी शताब्दी ईस्वी) की उत्कृष्ट कृतियाँ मानी जाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अजंता की गुफाओं में चट्टानों को काटकर बनाई गई चैत्य (प्रार्थना कक्ष) और विहार (भिक्षुओं के निवास स्थान) शामिल हैं। यहाँ की चित्रकला में जीवन के विभिन्न दृश्यों, राजाओं, ऋषियों, और बोधिसत्वों के चित्रण हैं। गुप्त काल को भारतीय कला और साहित्य का स्वर्ण युग माना जाता है, और अजंता की चित्रकला इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
- गलत विकल्प: हालाँकि अजंता की कुछ गुफाओं में शुंग काल और सातवाहन काल के भी कुछ प्रारंभिक कार्य मिलते हैं, लेकिन सबसे परिष्कृत और विस्तृत कलाकृतियाँ गुप्त काल की हैं।
प्रश्न 21: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1799
- 1815
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत 1789 में बास्तील के पतन के साथ हुई थी, जो राजाशाही के निरंकुश शासन के खिलाफ जनता के विद्रोह का प्रतीक बनी।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही का अंत किया, गणतंत्र की स्थापना की और ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के विचारों को जन्म दिया, जिसने पूरे यूरोप और दुनिया को प्रभावित किया। यह आधुनिक विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई। 1799 में नेपोलियन ने सत्ता संभाली (फ्रांसीसी क्रांति का अंत माना जाता है)। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसने नेपोलियन के शासन का अंत किया।
प्रश्न 22: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था, जो आर्य समाज के संस्थापक थे।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि प्राचीन वैदिक काल में समाज शुद्ध और आदर्श था, और उसके बाद हुए सुधारों ने समाज को पतन की ओर धकेला। उन्होंने वेदों को सभी ज्ञान का स्रोत माना और समाज को वैदिक सिद्धांतों की ओर लौटने का आह्वान किया, ताकि अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर किया जा सके।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और उन्होंने ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए’ जैसे नारे दिए। राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे और ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक प्रमुख समाज सुधारक थे।
प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
- जापान का पर्ल हार्बर पर हमला
- ट्रिपल एलायंस का गठन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण 28 जून, 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की सर्बियाई राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा की गई हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या ने यूरोप में राजनीतिक तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को दोषी ठहराया और जर्मनी के समर्थन से सर्बिया पर युद्ध की घोषणा कर दी, जिससे यूरोप की बड़ी शक्तियां अपने पूर्व-निर्धारित गठबंधन प्रणालियों के तहत युद्ध में खिंच गईं।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बना। जापान का पर्ल हार्बर पर हमला द्वितीय विश्व युद्ध का हिस्सा था। ट्रिपल एलायंस का गठन युद्ध का एक महत्वपूर्ण पूर्ववर्ती कारण था, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं।
प्रश्न 24: ‘पलासी का युद्ध’ कब हुआ था?
- 1757
- 1764
- 1772
- 1789
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: पलासी का युद्ध 23 जून, 1757 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में) और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर की धोखेबाजी के कारण ब्रिटिश कंपनी को निर्णायक जीत मिली। इस युद्ध को भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना का निर्णायक मोड़ माना जाता है।
- गलत विकल्प: 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था, जिसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थिति को और मजबूत किया। 1772 में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना हुई और 1789 में फ्रांसीसी क्रांति हुई।
प्रश्न 25: भारत छोड़ो आंदोलन का नारा क्या था?
- स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
- जय हिंद
- करो या मरो
- सारे जहाँ से अच्छा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही क्यों: 1942 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन का प्रमुख नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नारे का अर्थ था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए या तो अपना सर्वस्व बलिदान कर देना है या सफल होना है। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के अंत की मांग को लेकर शुरू किया गया था और इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा और ऊर्जा दी। गांधीजी ने ग्वालियर टैंक मैदान, बंबई में इस नारे के साथ आंदोलन की शुरुआत की थी।
- गलत विकल्प: ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का नारा था। ‘जय हिंद’ सुभाष चंद्र बोस द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। ‘सारे जहाँ से अच्छा’ मुहम्मद इकबाल की एक प्रसिद्ध रचना है।