इतिहास मंथन: 25 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर के साथ करें अपने ज्ञान का परीक्षण!
स्वागत है, भविष्य के नायकों! इतिहास के गलियारों में एक ज्ञानवर्धक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए। आज हम आपके लिए लाएं हैं 25 ऐसे अनूठे प्रश्न, जो आपके अध्ययन को नई दिशा देंगे और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए आपकी तैयारी को धार देंगे। आइए, अतीत के रहस्यों को सुलझाएं और अपने ज्ञान की गहराई को परखें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित किन स्थलों से चावल की खेती के साक्ष्य मिले हैं?
- हड़प्पा और मोहनजोदड़ो
- लोथल और रंगपुर
- कालीबंगन और बनावली
- धौलावीरा और राखीगढ़ी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लोथल और रंगपुर, जो गुजरात में स्थित हैं, सिंधु घाटी सभ्यता के उन प्रमुख स्थलों में से हैं जहाँ से चावल की खेती के पुष्ट प्रमाण मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, जबकि रंगपुर एक कृषि प्रधान बस्ती थी। यहाँ से मिले मिट्टी के बर्तनों पर चावल के अवशेष पाए गए हैं। यह दर्शाता है कि सिंधु सभ्यता के लोग चावल का भी उत्पादन और उपभोग करते थे, जो प्रारंभिक अवस्था में एक महत्वपूर्ण खोज है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो मुख्य रूप से गेहूं और जौ की खेती के लिए जाने जाते थे। कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं, लेकिन चावल के नहीं। धौलावीरा और राखीगढ़ी से भी महत्वपूर्ण पुरातात्विक सामग्री मिली है, लेकिन चावल के स्पष्ट साक्ष्य लोथल और रंगपुर से ही मिलते हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ईस्वी) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि इतिहासकार ए.एस. अल्टेकर ने दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त अपनी विजयों के लिए प्रसिद्ध है। उसके दरबारी कवि हरिषेण ने प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उसकी सैन्य उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन किया है। उसने लगभग सभी उत्तरी भारतीय राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी एक सफल अभियान चलाया।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के शासनकाल को गुप्त वंश का स्वर्ण युग कहा जाता है। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण को सफलतापूर्वक रोका था।
प्रश्न 3: ‘अष्टप्रधान’ का गठन निम्नलिखित में से किस शासक ने किया था?
- अकबर
- शिवाजी महाराज
- कृष्णदेवराय
- हर्षवर्धन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धार्मिक मामलों के प्रमुख), न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) और दबीर/सुरनीस (शाही पत्र व्यवहार) जैसे पद शामिल थे। यह मराठा साम्राज्य के कुशल प्रशासन की नींव थी।
- गलत विकल्प: अकबर ने ‘ मंसबदारी प्रणाली’ और ‘दीन-ए-इलाही’ जैसे सुधार लागू किए। कृष्णदेवराय विजयनगर साम्राज्य के एक महान शासक थे जिन्होंने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु विद्वानों की परिषद बनाई थी। हर्षवर्धन ने भी अपने प्रशासन में विभिन्न अधिकारियों को नियुक्त किया था, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी से जुड़ा है।
प्रश्न 4: 1857 के विद्रोह के दौरान, निम्नलिखित में से किसने कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बहादुर शाह द्वितीय
- नाना साहेब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने विद्रोहियों की सेना का नेतृत्व किया और कानपुर पर कब्जा कर लिया। हालांकि, बाद में ब्रिटिश जनरल कॉलिन कैम्पबेल ने कानपुर को पुनः प्राप्त कर लिया।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी से नेतृत्व किया था। बहादुर शाह द्वितीय दिल्ली से विद्रोह के प्रतीक थे। कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस यूरोपीय यात्री ने मुगल सम्राट जहांगीर के दरबार का दौरा किया था?
- मार्को पोलो
- मेगस्थनीज
- टॉमस रो
- वास्को डी गामा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सर टॉमस रो, इंग्लैंड के जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में, 1615 से 1619 तक मुगल सम्राट जहांगीर के दरबार में रहे।
- संदर्भ और विस्तार: रो का उद्देश्य जहांगीर से भारत में व्यापार करने के लिए विशेष अधिकार प्राप्त करना था। उनके यात्रा वृत्तांत मुगल काल की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालते हैं।
- गलत विकल्प: मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में भारत आए थे, जो एक वेनिस यात्री थे। मेगस्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्यूकस निकेटर के राजदूत के रूप में आए थे। वास्को डी गामा 1498 में भारत आए थे और उन्होंने समुद्री मार्ग की खोज की थी।
प्रश्न 6: बौद्ध धर्म की किस संगीति में अभिधर्म पिटक को संकलित किया गया था?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: तृतीय बौद्ध संगीति, जो पाटलिपुत्र में 250 ईसा पूर्व में सम्राट अशोक के संरक्षण में आयोजित हुई थी, में अभिधर्म पिटक को संकलित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्स ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य संघ से अवसरवादी और भ्रष्ट गुटों को बाहर निकालकर बौद्ध आंदोलन को शुद्ध करना था। अभिधर्म पिटक, त्रिपिटक का तीसरा भाग है, जिसमें बौद्ध दर्शन और मनोविज्ञान का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: प्रथम संगीति राजगृह में आजातशत्रु के संरक्षण में हुई थी। द्वितीय संगीति वैशाली में कालाशोक के संरक्षण में हुई थी। चतुर्थ संगीति कश्मीर में कनिष्क के संरक्षण में हुई थी, जहाँ महायान और हीनयान शाखाओं का विभाजन स्पष्ट हुआ।
प्रश्न 7: ‘सत्यमेव जयते’ निम्नलिखित में से किस उपनिषद से लिया गया है?
- ईशोपनिषद
- कठोपनिषद
- मुंडकोपनिषद
- मांडूक्योपनिषद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘सत्यमेव जयते’ (सत्य की ही जीत होती है) का उल्लेख मुंडकोपनिषद में मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपनिषद अथर्ववेद का भाग है और इसमें ज्ञान की खोज, यज्ञों की तुलना में ध्यान के महत्व और सत्य के अंतिम विजय का वर्णन है। भारत के राष्ट्रीय चिह्न के नीचे उत्कीर्ण यह आदर्श वाक्य सत्य के महत्व को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: ईशोपनिषद, कठोपनिषद और मांडूक्योपनिषद भी महत्वपूर्ण उपनिषद हैं, लेकिन ‘सत्यमेव जयते’ विशेष रूप से मुंडकोपनिषद से ही लिया गया है।
प्रश्न 8: विजयनगर साम्राज्य में ‘अमुक्तमाल्यदा’ की रचना किसने की थी?
- हरिहर
- बुक्का
- कृष्णदेवराय
- देवराय द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक, कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) ने तेलुगु भाषा में ‘अमुक्तमाल्यदा’ की रचना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘अमुक्तमाल्यदा’ एक महाकाव्य है जो अलवर संत अंडाल के जीवन पर आधारित है। यह विजयनगर काल के साहित्य और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान और कवि थे और उनके दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ नामक आठ तेलुगु विद्वानों की टोली थी।
- गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे। देवराय द्वितीय भी एक शक्तिशाली शासक थे, लेकिन ‘अमुक्तमाल्यदा’ कृष्णदेवराय की कृति है।
प्रश्न 9: ‘दलबदल विरोधी कानून’ को भारतीय संविधान में किस अनुसूची में जोड़ा गया है?
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दल-बदल विरोधी कानून को 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस कानून का उद्देश्य विधायिका सदस्यों द्वारा राजनीतिक दल बदलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना है, जिससे राजनीतिक स्थिरता बनी रहे। यह सांसदों और विधायकों को कुछ आधारों पर अयोग्य घोषित करने का प्रावधान करता है, यदि वे पार्टी छोड़ते हैं या अपने पार्टी के निर्देशों के विरुद्ध मतदान करते हैं।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का वितरण करती है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित कानूनों को शामिल करती है। ग्यारहवीं अनुसूची पंचायती राज से संबंधित है।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई थी?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डफरिन
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड मिंटो द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: वायसराय लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (शासनकाल 1910-1916) के कार्यकाल में 1911 में भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की गई और 1912 में यह प्रभावी हुई।
- संदर्भ और विस्तार: यह निर्णय 1911 के दिल्ली दरबार में महारानी एलिजाबेथ के आगमन के अवसर पर लिया गया था। इसके पीछे राजनीतिक और रणनीतिक कारण थे, जैसे कि बंगाल विभाजन को रद्द करना और उत्तर भारत के केंद्र में स्थित दिल्ली को राजधानी बनाना।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल के विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। लॉर्ड मिंटो द्वितीय के समय में मार्ले-मिंटो सुधार (1909) पारित हुए थे।
प्रश्न 11: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1907
- 1913
- 1915
- 1918
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा की गई थी, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जो स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
- गलत विकल्प: 1907 में हुए सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन हुआ था। 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। 1918 में प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ था।
प्रश्न 12: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी द्वारा बेल्जियम पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
- रूस द्वारा सर्बिया का समर्थन
- ब्रिटेन द्वारा जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या के लिए ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को जिम्मेदार ठहराया और सर्बिया को अल्टीमेटम दिया। जब सर्बिया ने पूरी तरह से मांगें पूरी नहीं कीं, तो ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा कर दी। इसके बाद, गठबंधन की व्यवस्था के कारण विभिन्न यूरोपीय शक्तियाँ युद्ध में शामिल हो गईं।
- गलत विकल्प: जर्मनी द्वारा बेल्जियम पर आक्रमण प्रथम विश्व युद्ध का एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम था, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं। रूस ने सर्बिया का समर्थन किया, जिससे संघर्ष बढ़ा, लेकिन यह भी हत्या जितना सीधा कारण नहीं था। ब्रिटेन ने जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की, लेकिन यह भी घटनाक्रम का परिणाम था।
प्रश्न 13: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान कार्यालय) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का कार्यालय) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) ने ‘दीवान-ए-खैरात’ और ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक दो महत्वपूर्ण विभागों की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दीवान-ए-खैरात’ जरूरतमंदों और गरीबों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए था, जिसमें विधवाओं, अनाथों और विकलांगों को प्राथमिकता दी जाती थी। ‘दीवान-ए-बंदगान’ राज्य के बड़े गुलामों (दासों) के कल्याण और प्रबंधन के लिए था, जिनकी संख्या काफी अधिक थी। उन्होंने कई सार्वजनिक निर्माण कार्य भी करवाए।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘तुर्क-ए-चहलगानी’ (चालीसा) नामक 40 तुर्क सरदारों का एक समूह बनाया था। बलबन ने ‘राजत्व सिद्धांत’ को मजबूत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
प्रश्न 14: मोहनजोदड़ो से मिली ‘नर्तकी की मूर्ति’ किस धातु की बनी है?
- तांबा
- कांसा
- सोना
- लोहा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो से प्राप्त प्रसिद्ध ‘नर्तकी की मूर्ति’ कांसा (Bronze) धातु की बनी हुई है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मूर्ति लगभग 4 इंच लंबी है और सिंधु घाटी सभ्यता की कलात्मक उपलब्धियों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह मूर्ति ‘लॉस्ट-वैक्स (मोम ढलाई)’ तकनीक का उपयोग करके बनाई गई थी, जो उस काल की उन्नत धातु विज्ञान को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: सिंधु घाटी सभ्यता में कांसा (तांबा और टिन का मिश्रण) का व्यापक उपयोग होता था, लेकिन सोना और लोहा उस पैमाने पर नहीं। तांबे का उपयोग भी होता था, लेकिन यह विशेष प्रतिमा कांसे की है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से किसे ‘गांधी-इर्विन समझौता’ के लिए गांधीजी के साथ चर्चा का श्रेय दिया जाता है?
- लॉर्ड विलिंग्डन
- लॉर्ड रीडिंग
- लॉर्ड लिनलिथगो
- लॉर्ड इरविन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था, और यह महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुई वार्ताओं का परिणाम था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने के बदले में कुछ मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, जैसे कि नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्तियों को वापस करना और शांतिपूर्ण सत्याग्रहियों की रिहाई। हालांकि, इस समझौते ने जनता को बहुत अधिक संतुष्ट नहीं किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड विलिंग्डन गांधी-इर्विन समझौते के बाद वायसराय बने। लॉर्ड रीडिंग ने 1920 के दशक में शासन किया। लॉर्ड लिनलिथगो 1936-1944 तक वायसराय रहे और भारत छोड़ो आंदोलन उनके ही कार्यकाल में हुआ।
प्रश्न 16: ‘इंडिका’ का लेखक कौन था?
- टॉलमी
- स्ट्रैबो
- मेगस्थनीज
- एरियन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक के लेखक मेगस्थनीज थे।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज एक यूनानी राजदूत था जिसे सेल्यूकस प्रथम निकेटर ने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा था (लगभग 302 ईसा पूर्व)। ‘इंडिका’ में उसने मौर्य साम्राज्य के समाज, संस्कृति, शासन और भूगोल का विस्तृत वर्णन किया है। हालांकि, मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन अन्य प्राचीन लेखकों (जैसे एरियन) द्वारा उद्धृत अंशों से इसकी जानकारी मिलती है।
- गलत विकल्प: टॉलमी और स्ट्रैबो अन्य प्राचीन भूगोलवेत्ता और इतिहासकार थे, लेकिन ‘इंडिका’ से संबंधित नहीं। एरियन ने ‘एनाबासिस ऑफ अलेक्जेंडर’ लिखी थी, जिसमें मेगस्थनीज का भी उल्लेख है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से किस वर्ष मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय ने अंग्रेजों के साथ इलाहाबाद की संधि की थी?
- 1764
- 1765
- 1766
- 1767
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बक्सर के युद्ध (1764) के बाद, मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1765 में इलाहाबाद की संधि हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (राजस्व वसूली का अधिकार) प्राप्त हुई। बदले में, कंपनी ने बादशाह को 26 लाख रुपये वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया। इस संधि ने बंगाल में ब्रिटिश शक्ति की नींव मजबूत की।
- गलत विकल्प: 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था। 1766, 1767 अन्य वर्ष थे जिनमें ब्रिटिश और भारतीय शक्तियों के बीच कई संधियाँ हुईं, लेकिन इलाहाबाद की संधि विशेष रूप से 1765 में हुई थी।
प्रश्न 18: ‘वहाबी आंदोलन’ का मुख्य केंद्र कहाँ था?
- दिल्ली
- पटना
- राय बरेली
- अलीगढ़
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 19वीं शताब्दी के वहाबी आंदोलन का मुख्य केंद्र पटना था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन सैयद अहमद बरेलवी द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य इस्लाम में सुधार लाना और ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकना था। सैयद अहमद बरेलवी को राय बरेली से जोड़ा जाता है, लेकिन आंदोलन का संगठनात्मक और प्रचार केंद्र पटना बना रहा, जहाँ विलायत अली और इनायत अली जैसे नेताओं ने इसे आगे बढ़ाया।
- गलत विकल्प: दिल्ली और अलीगढ़ महत्वपूर्ण शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्र थे, लेकिन वहाबी आंदोलन का मुख्य प्रशासनिक और संगठनात्मक केंद्र पटना था। राय बरेली आंदोलन के संस्थापक से जुड़ा है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से किस वायसराय ने ‘दुसरा बंगाल विभाजन’ किया था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- लॉर्ड लिनलिथगो
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ने 1911 में लॉर्ड कर्जन द्वारा 1905 में किए गए बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया था, जिसे कभी-कभी ‘दुसरा बंगाल विभाजन’ के संदर्भ में भी देखा जाता है, जब राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई थी। हालांकि, यदि प्रश्न का आशय लॉर्ड कर्जन के विभाजन को रद्द करना है, तो हार्डिंग द्वितीय सही हैं। यदि प्रश्न कर्जन द्वारा किए गए विभाजन के बारे में है, तो वह कर्जन होंगे। यहाँ प्रश्न के संदर्भ में, रद्द करने को ‘दुसरा’ माना गया है, जो हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने 1905 में प्रशासन को सुगम बनाने के बहाने बंगाल का विभाजन किया था, जिसने बड़े पैमाने पर स्वदेशी आंदोलन को जन्म दिया। 1911 में, बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया गया और भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दी गई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने मूल बंगाल विभाजन किया था। लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल में 1919 का भारत सरकार अधिनियम आया। लॉर्ड लिनलिथगो के कार्यकाल में भारत छोड़ो आंदोलन हुआ।
प्रश्न 20: ‘सांची का स्तूप’ का निर्माण किसने करवाया था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- अशोक
- पुष्यमित्र शुंग
- सातवाहन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सांची का महान स्तूप, जो मध्य प्रदेश में स्थित है, का निर्माण मौर्य सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक ने अपने साम्राज्य में बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए कई स्तूपों और विहारों का निर्माण कराया था। सांची का स्तूप सबसे प्रसिद्ध और सबसे बड़ा स्तूप है, जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेष माने जाते हैं। बाद में शुंग और सातवाहन शासकों ने भी इसमें कुछ संशोधन और विस्तार किए।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे। पुष्यमित्र शुंग ने शुंग वंश की स्थापना की और बौद्ध धर्म के विरोधी माने जाते हैं। सातवाहन शासकों ने भी स्तूपों के निर्माण में योगदान दिया, लेकिन मूल निर्माण अशोक ने किया था।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा नृत्य रूप ‘त्रिपिटक’ में वर्णित है?
- भरतनाट्यम
- कथकली
- कथक
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: त्रिपिटक बौद्ध धर्म के पवित्र ग्रंथ हैं, जिनमें विनय पिटक, सुत्त पिटक और अभिधम्म पिटक शामिल हैं। इनमें सीधे तौर पर किसी विशेष शास्त्रीय नृत्य रूप का उल्लेख नहीं है, जैसे कि भरतनाट्यम, कथकली या कथक, जो बाद के कालखंड में विकसित हुए।
- संदर्भ और विस्तार: त्रिपिटक में मुख्य रूप से बुद्ध की शिक्षाएं, भिक्षुओं के नियम और बौद्ध दर्शन का वर्णन है। हालांकि, इसमें मनोरंजन और कला के विभिन्न रूपों का सामान्य उल्लेख मिल सकता है, लेकिन विशिष्ट भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों का नहीं, जो ऐतिहासिक रूप से बाद में विकसित हुईं।
- गलत विकल्प: भरतनाट्यम तमिलनाडु से, कथकली केरल से और कथक उत्तर भारत से संबंधित हैं, और इन सभी शैलियों का विकास त्रिपिटक के संकलन के काफी बाद हुआ।
प्रश्न 22: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?
- भगत सिंह
- महात्मा गांधी
- मौलाना हसरत मोहानी
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा मूल रूप से मौलाना हसरत मोहानी द्वारा दिया गया था। हालांकि, इसे भगत सिंह ने अपने राजनीतिक संघर्षों के दौरान बहुत लोकप्रिय बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: 1921 में कानपुर में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में मौलाना हसरत मोहानी ने यह नारा दिया था। यह नारा ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक क्रांतिकारी अपील थी। भगत सिंह और उनके साथियों ने इस नारे का प्रयोग अपने आंदोलनों में किया, जिससे यह स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख नारा बन गया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ और ‘भारत छोड़ो’ जैसे नारे दिए। सुभाष चंद्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा दिया। हालांकि भगत सिंह ने इसे लोकप्रिय बनाया, लेकिन मूल नारा मोहानी का था।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘सहायक संधि’ के बारे में सत्य नहीं है?
- इस संधि को लॉर्ड वेलेजली ने शुरू किया था।
- इसके तहत भारतीय राजाओं को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी।
- सहायता प्राप्त राज्य अपने यहां एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखता था।
- इसके तहत भारतीय राजा अपनी विदेश नीति स्वयं निर्धारित कर सकता था।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सहायक संधि के तहत भारतीय राजा अपनी विदेश नीति स्वयं निर्धारित नहीं कर सकता था; बल्कि, उसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की विदेश नीति का पालन करना पड़ता था।
- संदर्भ और विस्तार: सहायक संधि, जिसे लॉर्ड वेलेजली (1798-1805) ने लागू किया था, का उद्देश्य ब्रिटिश राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाना था। इसके तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करके ब्रिटिश सेना को बनाए रखना होता था, जिसके खर्च का वहन उन्हें करना पड़ता था। साथ ही, उन्हें अपने दरबार में एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखना होता था और ब्रिटिश अनुमति के बिना किसी अन्य यूरोपीय को नौकरी पर नहीं रखना होता था।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सहायक संधि की सही विशेषताएं हैं।
प्रश्न 24: ‘गीत गोविंद’ की रचना किसने की थी?
- कबीर
- सूरदास
- जयदेव
- तुलसीदास
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘गीत गोविंद’ की रचना 12वीं शताब्दी के प्रसिद्ध संस्कृत कवि जयदेव ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: जयदेव बंगाल के सेन राजवंश के राजा लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। ‘गीत गोविंद’ भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन है और यह भक्ति साहित्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह रचना भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य के विकास में भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
- गलत विकल्प: कबीर 15वीं शताब्दी के रहस्यवादी कवि थे, सूरदास 16वीं शताब्दी के कृष्ण भक्त कवि थे, और तुलसीदास 16वीं शताब्दी के रामभक्त कवि थे। इन सभी ने महत्वपूर्ण साहित्य की रचना की, लेकिन ‘गीत गोविंद’ जयदेव की कृति है।
प्रश्न 25: सिंधु घाटी सभ्यता में ‘मोहरों’ पर सर्वाधिक अंकन किस पशु का मिलता है?
- घोड़ा
- हाथी
- एक श्रृंगीय बैल (यूनिकॉर्न)
- बाघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सिंधु घाटी सभ्यता से प्राप्त मोहरों पर सर्वाधिक अंकन एक श्रृंगीय बैल (यूनिकॉर्न) का मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह बैल एक काल्पनिक जीव माना जाता है, जिसका सिर सामने की ओर झुका हुआ होता है और माथे पर एक सींग होता है। मोहरों पर इसके अलावा बैल, भैंसा, हाथी, बाघ और हिरण जैसे अन्य जानवरों का भी अंकन मिलता है, लेकिन एक श्रृंगीय बैल का अंकन सबसे प्रमुख और रहस्यमय है। यह संभवतः उस समय की धार्मिक मान्यताओं या प्रतीकों से जुड़ा हो सकता है।
- गलत विकल्प: घोड़ों के साक्ष्य सिंधु घाटी सभ्यता में बहुत कम मिले हैं और वे मुख्य रूप से उत्तरवर्ती कालों से जुड़े हैं। हाथी और बाघ के अंकन मिलते हैं, लेकिन एक श्रृंगीय बैल का अंकन सबसे अधिक प्रचलित था।