इतिहास मंथन: 25 प्रश्न, 25 रणनीतियाँ, सफलता आपकी!
आइए, समय की गहराइयों में एक रोमांचक यात्रा पर चलें! आज का यह विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र आपको भारतीय और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ावों से रूबरू कराएगा। अपनी तैयारी को परखें और ज्ञान के सागर में गोता लगाएं, क्योंकि हर प्रश्न एक अवसर है, हर उत्तर एक सीख!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से विशाल स्नानागार (Great Bath) के साक्ष्य मिले हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है, जहाँ से एक विशाल और सुनियोजित स्नानागार मिला है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार सार्वजनिक स्नान के लिए उपयोग किया जाता था और संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा था। इसकी वास्तुकला प्रभावशाली थी, जिसमें ईंटों का उपयोग किया गया था और जल निकासी की उत्कृष्ट व्यवस्था थी। यह सिंधु सभ्यता के शहरी नियोजन और इंजीनियरिंग कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सिंधु सभ्यता का एक अन्य महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन यहाँ स्नानागार के इतने बड़े पैमाने पर साक्ष्य नहीं मिलते। लोथल एक बंदरगाह शहर था और कालीबंगा में जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: “महाजनपद” काल में मगध की राजधानी क्या थी?
- कौशल
- अवंती
- राजगृह
- चंपा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: राजगृह। महाजनपद काल (लगभग 600 ईसा पूर्व – 300 ईसा पूर्व) के दौरान, मगध की प्रारंभिक राजधानी राजगृह (आधुनिक राजगीर) थी।
- संदर्भ और विस्तार: राजगृह अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण सुरक्षित थी, जो पाँच पहाड़ियों से घिरी हुई थी। बाद में, मगध की राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) स्थानांतरित कर दी गई, जो व्यापार और राजनीतिक कारणों से अधिक महत्वपूर्ण साबित हुई।
- गलत विकल्प: कौशल की राजधानी श्रावस्ती, अवंती की राजधानी उज्जैन (उत्तरी) और महिष्मती (दक्षिणी), और चंपा अंग महाजनपद की राजधानी थी।
प्रश्न 3: मौर्य वंश के किस शासक को “मित्रों का मित्र” और “देवानामप्रिय” कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
- अशोक
- कुणाल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अशोक। अशोक, मौर्य वंश का सबसे महान शासक, अपने शिलालेखों में “देवानामप्रिय” (देवताओं का प्रिय) और “पियादसी” (मनमोहक रूप वाला) जैसे उपाधियों से जाना जाता है। “मित्रों का मित्र” उसका एक और महत्वपूर्ण संबोधन था, जो उसकी धर्म सहिष्णुता को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया था और अहिंसा तथा लोक कल्याण के सिद्धांतों का पालन किया। उसके शिलालेख भारत के विभिन्न भागों में पाए जाते हैं और तत्कालीन समाज, धर्म व प्रशासन पर प्रकाश डालते हैं।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी, बिंदुसार उसका पुत्र था, और कुणाल अशोक का पुत्र था। ये उपाधियाँ विशेष रूप से अशोक से जुड़ी हैं।
प्रश्न 4: गुप्त काल को “भारत का स्वर्ण युग” क्यों कहा जाता है?
- केवल सैन्य विजयों के कारण
- कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला के अभूतपूर्व विकास के कारण
- विदेशी आक्रमणों से पूर्ण मुक्ति के कारण
- एक ही शासक के लंबे शासनकाल के कारण
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला के अभूतपूर्व विकास के कारण। गुप्त काल (लगभग 320 ईस्वी – 550 ईस्वी) को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है क्योंकि इस अवधि में कला (अजंता की गुफाएं), साहित्य (कालिदास), विज्ञान (आर्यभट्ट), गणित (शून्य का आविष्कार), खगोल विज्ञान और वास्तुकला में अत्यधिक प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में हिंदू धर्म का पुनरुत्थान हुआ और इसके विभिन्न रूपों का विकास हुआ। संस्कृत भाषा अपने चरम पर थी और कई उत्कृष्ट ग्रंथ इसी काल में लिखे गए।
- गलत विकल्प: यद्यपि गुप्त शासकों ने साम्राज्य का विस्तार किया, यह केवल सैन्य विजयों का काल नहीं था। विदेशी आक्रमणों से पूर्ण मुक्ति नहीं थी, क्योंकि हूणों के आक्रमण हुए थे। यह केवल एक शासक के लंबे शासनकाल का परिणाम नहीं, बल्कि कई शासकों के सामूहिक प्रयासों का फल था।
प्रश्न 5: चोल साम्राज्य के किस शासक ने गंगा नदी के उद्गम तक विजय अभियान चलाया था?
- राजराज प्रथम
- गंगईकोंडचोलपुरम राजेंद्र प्रथम
- कुलतुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गंगईकोंडचोलपुरम राजेंद्र प्रथम। राजेंद्र प्रथम (1014-1044 ईस्वी) चोल साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक था। उसने उत्तर भारत तक एक सफल सैन्य अभियान चलाया था, जिसके उपलक्ष्य में उसने ‘गंगईकोंडचोलपुरम’ (गंगा के विजेता चोल) नामक एक नई राजधानी बसाई थी।
- संदर्भ और विस्तार: उसके अभियान का उद्देश्य बंगाल के पाल शासक महिपाल को पराजित करना था। इस अभियान की सफलता ने चोलों की शक्ति और प्रतिष्ठा को चरम पर पहुँचाया। उसने नौसैनिक अभियानों के माध्यम से श्रीविजय (सुमात्रा) जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई राज्यों को भी विजित किया।
- गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने भी एक शक्तिशाली साम्राज्य स्थापित किया था और लंका के कुछ हिस्सों पर विजय प्राप्त की थी, लेकिन उत्तरी विजय राजेंद्र प्रथम की विशिष्ट उपलब्धि थी। कुलतुंग प्रथम और विक्रम चोल बाद के शासक थे।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु के आठ महान कवियों का संरक्षण किया?
- बुक्का प्रथम
- देवराय द्वितीय
- कृष्ण देवराय
- सदाशिव राय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कृष्ण देवराय। विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध शासक, कृष्ण देवराय (1509-1529 ईस्वी) साहित्य और कला के महान संरक्षक थे। उन्होंने तेलुगु साहित्य के ‘अष्टदिग्गज’ (आठ दिशाओं के हाथी) नामक आठ महान कवियों के समूह को संरक्षण प्रदान किया, जिनमें अल्लसानी पेद्दाना प्रमुख थे।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की। उनके शासनकाल में विजयनगर कला, साहित्य और वास्तुकला के चरम पर था।
- गलत विकल्प: बुक्का प्रथम ने संगम वंश की स्थापना की थी और साम्राज्य की नींव रखी थी। देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन अष्टदिग्गज कृष्ण देवराय से जुड़े हैं। सदाशिव राय के काल में तालीकोटा का युद्ध हुआ था।
प्रश्न 8: ‘इबादत खाना’ की स्थापना किस मुगल बादशाह ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अकबर। मुगल बादशाह अकबर (1556-1605 ईस्वी) ने फतेहपुर सीकरी में ‘इबादत खाना’ (प्रार्थना गृह) की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इबादत खाना विभिन्न धर्मों के विद्वानों, दार्शनिकों और धार्मिक नेताओं को एक साथ लाकर विभिन्न धार्मिक विचारों पर चर्चा करने का एक मंच था। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के बीच सहिष्णुता और समझ को बढ़ावा देना था, जो अकबर की धर्मनिरपेक्ष नीतियों का एक हिस्सा था।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब सभी अकबर के उत्तराधिकारी थे, जिन्होंने अपनी-अपनी शासन नीतियां लागू कीं, लेकिन इबादत खाना की स्थापना अकबर ने की थी।
प्रश्न 9: ‘बक्सर का युद्ध’ कब हुआ था?
- 1757 ईस्वी
- 1764 ईस्वी
- 1857 ईस्वी
- 1875 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1764 ईस्वी। बक्सर का युद्ध 22 या 23 अक्टूबर 1764 ईस्वी को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो ने किया था। इस युद्ध में कंपनी की सेना ने मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय, अवध के नवाब शुजाउद्दौला और बंगाल के अपदस्थ नवाब मीर कासिम की संयुक्त सेना को निर्णायक रूप से पराजित किया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप ही 1765 में इलाहाबाद की संधि हुई, जिसने भारत में कंपनी के राजनीतिक प्रभुत्व की नींव रखी।
- गलत विकल्प: 1757 ईस्वी में प्लासी का युद्ध हुआ था। 1857 ईस्वी में भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ था।
प्रश्न 10: 1857 के विद्रोह के दौरान, किस भारतीय शासक ने अंग्रेजों का साथ दिया था?
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- हैदराबाद का निजाम
- तात्या टोपे
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: हैदराबाद का निजाम। 1857 के विद्रोह के दौरान, कई भारतीय शासकों ने विद्रोह का समर्थन किया, लेकिन हैदराबाद के निजाम जैसे कुछ शासकों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रति निष्ठा बनाए रखी और अंग्रेजों को सैन्य और वित्तीय सहायता प्रदान की।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्थिति अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का परिणाम थी, जिसने कुछ शासकों को अपनी सत्ता और विशेषाधिकार बनाए रखने के लिए ब्रिटिशों का साथ देने के लिए प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल (अवध की बेगम) और तात्या टोपे 1857 के विद्रोह के प्रमुख नेताओं में थे जिन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी।
प्रश्न 11: ‘ऑपरेशन पोलो’ का संबंध किस रियासत को भारतीय संघ में मिलाने से था?
- जूनागढ़
- कश्मीर
- हैदराबाद
- मैसूर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: हैदराबाद। ‘ऑपरेशन पोलो’ सितंबर 1948 में भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य निजाम के शासन वाले हैदराबाद रियासत को बलपूर्वक भारतीय संघ में शामिल करना था।
- संदर्भ और विस्तार: हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान भारत के विभाजन के बाद एक स्वतंत्र राज्य बने रहने की इच्छा रखते थे, लेकिन भारतीय गणराज्य के एकीकरण के लिए यह स्वीकार्य नहीं था। सैन्य हस्तक्षेप के बाद, निजाम ने आत्मसमर्पण कर दिया और हैदराबाद भारतीय संघ का हिस्सा बन गया।
- गलत विकल्प: जूनागढ़ को जनमत संग्रह द्वारा, और कश्मीर को विलय पत्र द्वारा भारतीय संघ में शामिल किया गया था। मैसूर पहले ही एकीकृत हो चुका था।
प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कराची अधिवेशन (1931)
- कलकत्ता अधिवेशन (1920)
- फैजपुर अधिवेशन (1936)
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: लाहौर अधिवेशन (1929)। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में, जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) के लक्ष्य को औपचारिक रूप से अपनाया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह भी निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह प्रस्ताव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने स्वतंत्रता के लक्ष्य को और अधिक मुखर बना दिया।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों का प्रस्ताव पारित हुआ था। कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया था। फैजपुर अधिवेशन (1936) एक ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित कांग्रेस का पहला अधिवेशन था।
प्रश्न 13: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- गोपाल कृष्ण गोखले
- बाल गंगाधर तिलक
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गोपाल कृष्ण गोखले। गोपाल कृष्ण गोखले, जो महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे, ने 1905 में ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का मुख्य उद्देश्य भारत में राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करना, भारतीयों को सार्वजनिक जीवन में सेवा और बलिदान के लिए प्रशिक्षित करना, और सामाजिक-आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देना था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘सर्वोदय समाज’ जैसी संस्थाएं स्थापित कीं। बाल गंगाधर तिलक गरम दल के नेता थे और उन्होंने ‘होम रूल लीग’ की स्थापना की। सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना की थी।
प्रश्न 14: साइमन कमीशन का बहिष्कार क्यों किया गया?
- इसके सभी सदस्य भारतीय थे
- इसमें एक भी भारतीय सदस्य नहीं था
- यह भारत में शिक्षा सुधार के लिए था
- यह भारत को पूर्ण स्वतंत्रता देने के लिए था
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: इसमें एक भी भारतीय सदस्य नहीं था। 1919 के भारत सरकार अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा के लिए 1927 में सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय एक सांविधिक आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग के सभी सदस्य ब्रिटिश थे, जिसके कारण भारतीयों ने इसका व्यापक बहिष्कार किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह उनकी नियति तय करने वाला आयोग उनकी राय को महत्व नहीं देगा।
- संदर्भ और विस्तार: इस बहिष्कार के कारण ही भारत में ‘साइमन वापस जाओ’ जैसे नारे लगे और इसके विरोध में प्रदर्शन हुए।
- गलत विकल्प: यह तथ्य कि सभी सदस्य भारतीय थे, बहिष्कार का कारण नहीं था। यह शिक्षा सुधार के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक सुधारों की समीक्षा के लिए था, और यह पूर्ण स्वतंत्रता देने के लिए नहीं था।
प्रश्न 15: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सुभाष चंद्र बोस। सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक राजनीतिक दल की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना का उद्देश्य गांधीवादी विचारधारा से हटकर एक अधिक उग्र और क्रांतिकारी राष्ट्रीय आंदोलन को मजबूत करना था। बोस का मानना था कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन कमजोर हो रहा है और यह भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेता थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
प्रश्न 16: किस एक्ट के द्वारा भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया गया और भारत को सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन कर दिया गया?
- 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट
- 1813 का चार्टर एक्ट
- 1858 का भारत सरकार अधिनियम
- 1909 का मार्ले-मिंटो सुधार
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1858 का भारत सरकार अधिनियम। 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत में कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया और भारत को सीधे ब्रिटिश क्राउन के नियंत्रण में ले लिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारत के लिए एक नए पद, ‘भारत के राज्य सचिव’ (Secretary of State for India) का सृजन किया, जो ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी होता था। गवर्नर-जनरल का पद ‘वायसराय’ के पद में बदल दिया गया, जो क्राउन का प्रतिनिधि होता था।
- गलत विकल्प: 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट कंपनी के शासन की शुरुआत और केंद्रीकरण की दिशा में एक कदम था। 1813 का चार्टर एक्ट कंपनी के व्यापार एकाधिकार को समाप्त करता था (चीन के साथ व्यापार और चाय को छोड़कर)। 1909 का मार्ले-मिंटो सुधार भारतीयों के लिए सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की शुरुआत के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 17: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1920
- 1925
- 1930
- 1931
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1931। गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते पर महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। यह सविनय अवज्ञा आंदोलन के संदर्भ में हुआ था। समझौते के तहत, गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने पर सहमति व्यक्त की, और इरविन ने राजनीतिक बंदियों की रिहाई और नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्ति को वापस करने पर सहमति व्यक्त की।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ। 1925 में स्वराज पार्टी का विघटन हुआ। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के निर्माण में कितना समय लगा?
- 2 साल 7 महीने 23 दिन
- 2 साल 11 महीने 18 दिन
- 3 साल 2 महीने 11 दिन
- 1 साल 10 महीने 20 दिन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 2 साल 11 महीने 18 दिन। भारतीय संविधान के निर्माण में कुल 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी और संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था। इस दौरान, संविधान सभा की कुल 11 बैठकें हुईं।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प संविधान निर्माण में लगे वास्तविक समय से मेल नहीं खाते।
प्रश्न 19: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता कौन हैं?
- कल्हण
- बाणभट्ट
- जयदेव
- विशाखदत्त
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: जयदेव। ‘गीत गोविंद’ भारतीय साहित्य का एक प्रसिद्ध संस्कृत काव्य है, जिसकी रचना 12वीं शताब्दी में कवि जयदेव ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह काव्य राधा और कृष्ण के प्रेम के इर्द-गिर्द घूमता है और भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा नृत्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। जयदेव बंगाल के सेन राजवंश के शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे।
- गलत विकल्प: कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ लिखी थी, बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ लिखी थी, और विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ की रचना की थी।
प्रश्न 20: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान, ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ था?
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- सैन फ्रांसिस्को
- बर्लिन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सैन फ्रांसिस्को। ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में लाला हरदयाल और उनके साथियों द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी का उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को विदेशी भूमि से समर्थन देना था। इसके सदस्य मुख्य रूप से वे भारतीय थे जो उत्तरी अमेरिका में प्रवासित हुए थे। गदर पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक पत्र प्रकाशित किया, जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ।
- गलत विकल्प: लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन उस समय महत्वपूर्ण भारतीय प्रवासी केंद्र थे, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में था।
प्रश्न 21: ‘रेयतवाड़ी व्यवस्था’ में, भूमि का स्वामी किसे माना जाता था?
- जमींदार
- सरकार
- किसान
- सामंत
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: किसान। रेयतवाड़ी व्यवस्था (Rayatwari System) में, भूमि पर सीधे कृषक (रेयत) का अधिकार माना जाता था, और कृषक ही सरकार को सीधे भू-राजस्व का भुगतान करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था को थॉमस मुनरो और अलेक्जेंडर रीड ने मद्रास प्रेसीडेंसी में लागू किया था। इसका उद्देश्य जमींदारी व्यवस्था की बुराइयों को दूर करना और किसानों को उनकी जमीन का मालिकाना हक देना था।
- गलत विकल्प: जमींदार (स्थायी बंदोबस्त में), सरकार (कुछ अन्य व्यवस्थाओं में) और सामंत (अन्य सामंती व्यवस्थाओं में) भूमि के मालिक माने जाते थे, लेकिन रेयतवाड़ी व्यवस्था में किसान मालिक थे।
प्रश्न 22: भारत में पहली बार जनगणना कब हुई थी?
- 1861
- 1872
- 1881
- 1901
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1872। भारत में पहली बार जनगणना लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में 1872 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, यह जनगणना व्यवस्थित और पूर्ण नहीं थी। भारत में नियमित और व्यवस्थित दशकीय जनगणना की शुरुआत लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में 1881 से हुई।
- गलत विकल्प: 1861 में भारतीय परिषद अधिनियम आया था। 1881 में नियमित जनगणना शुरू हुई। 1901 में भी जनगणना हुई थी, लेकिन पहली अनियंत्रित जनगणना 1872 में हुई थी।
प्रश्न 23: ‘वेल्लोर विद्रोह’ कब हुआ था?
- 1806
- 1857
- 1800
- 1799
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1806। वेल्लोर विद्रोह 10 जुलाई 1806 को वेल्लोर, मद्रास (वर्तमान तमिलनाडु) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के भारतीय सैनिकों द्वारा किया गया था। विद्रोह का मुख्य कारण नई सैन्य वर्दी और नियम थे, जिनमें कुछ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले प्रतीक शामिल थे (जैसे पगड़ी पर चमड़े का प्रतीक)। विद्रोह को क्रूरता से दबा दिया गया था।
- गलत विकल्प: 1857 का विद्रोह एक व्यापक राष्ट्रीय विद्रोह था। 1800 और 1799 में अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, लेकिन वेल्लोर विद्रोह 1806 में हुआ था।
प्रश्न 24: प्रथम विश्व युद्ध में ‘धुरी शक्तियों’ (Axis Powers) में कौन सा देश शामिल नहीं था?
- जर्मनी
- ऑस्ट्रिया-हंगरी
- इटली
- जापान
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ऑस्ट्रिया-हंगरी। प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में मुख्य रूप से दो विरोधी गुट थे: मित्र राष्ट्र (Allied Powers) और धुरी शक्तियाँ (Central Powers)।
- संदर्भ और विस्तार: धुरी शक्तियों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य और बुल्गारिया शामिल थे। इटली शुरुआत में तटस्थ था और बाद में मित्र राष्ट्रों में शामिल हो गया। जापान भी मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में शामिल हुआ था। प्रश्न में ‘धुरी शक्तियों’ के लिए ‘Axis Powers’ शब्द का प्रयोग हुआ है, जो द्वितीय विश्व युद्ध से अधिक संबंधित है, जहाँ जर्मनी, इटली और जापान प्रमुख धुरी शक्तियाँ थीं। हालांकि, यदि प्रथम विश्व युद्ध के संदर्भ में पूछा जाए, तो ऑस्ट्रिया-हंगरी धुरी शक्तियों का हिस्सा था, जबकि इटली और जापान मित्र राष्ट्रों की ओर से थे। लेकिन ‘Axis Powers’ शब्द का प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध की ओर इंगित करता है। यदि हम प्रश्न के अनुसार, ‘धुरी शक्तियों’ में कौन शामिल नहीं था, यह देखें, तो प्रथम विश्व युद्ध के संदर्भ में इटली और जापान दोनों ही मुख्य रूप से मित्र राष्ट्रों के साथ थे, लेकिन जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी केंद्रीय शक्तियों (धुरी का प्रथम विश्व युद्ध संस्करण) में थे। यदि प्रश्न में “Axis Powers” शब्द को द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में लिया जाए (जैसा कि आमतौर पर इस शब्द का प्रयोग होता है), तो ऑस्ट्रिया-हंगरी शामिल नहीं था क्योंकि यह प्रथम विश्व युद्ध के अंत तक विघटित हो गया था। लेकिन विकल्पों में इटली और जापान दोनों मित्र राष्ट्रों की ओर थे। प्रश्न थोड़ा अस्पष्ट है। एक सामान्य परीक्षा संदर्भ में, यदि ‘Axis Powers’ का अर्थ द्वितीय विश्व युद्ध से लिया जाता है, तो ऑस्ट्रिया-हंगरी को गलत माना जाएगा क्योंकि वह अस्तित्व में नहीं था। यदि प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों से तुलना करें, तो इटली और जापान मित्र राष्ट्र थे। सबसे सटीक व्याख्या यह है कि ऑस्ट्रिया-हंगरी को प्रथम विश्व युद्ध की धुरी शक्तियों (केंद्रीय शक्तियों) में गिना जाता था। लेकिन ‘Axis Powers’ शब्द का प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध में अधिक होता है, जहाँ ऑस्ट्रिया-हंगरी का अस्तित्व ही नहीं था। यदि प्रश्न का आशय द्वितीय विश्व युद्ध से है, तो सभी जर्मनी, इटली और जापान धुरी शक्तियां थीं। प्रश्न की भाषा और विकल्पों को देखते हुए, यह संभव है कि प्रश्न का उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियों को ‘धुरी शक्तियों’ के रूप में संदर्भित करना हो। इस संदर्भ में, इटली और जापान मित्र राष्ट्रों के थे। लेकिन ऑस्ट्रिया-हंगरी केंद्रीय शक्तियों का हिस्सा था। यह प्रश्न गलत हो सकता है या इसमें त्रुटि हो सकती है। **मान लेते हैं कि प्रश्न का आशय उन देशों से है जो द्वितीय विश्व युद्ध में धुरी शक्तियों का हिस्सा नहीं थे, और विकल्पों में ऐसी स्थिति इटली (जो प्रारंभ में तटस्थ रहा) या जापान (जो मित्र राष्ट्रों की ओर था) हो सकती है। लेकिन प्रश्न सीधे तौर पर प्रथम विश्व युद्ध के बारे में पूछ रहा है।**
**पुनर्विचार:** प्रश्न में ‘प्रथम विश्व युद्ध’ का स्पष्ट उल्लेख है। प्रथम विश्व युद्ध की धुरी शक्तियों को ‘केंद्रीय शक्तियाँ’ (Central Powers) कहा जाता था। केंद्रीय शक्तियों में मुख्य थे: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया। मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) में मुख्य थे: फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली (1915 के बाद), जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका (1917 के बाद)। इस आधार पर, **इटली** और **जापान** दोनों ही प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियों (धुरी शक्तियों) का हिस्सा नहीं थे, बल्कि मित्र राष्ट्रों का हिस्सा थे। लेकिन यहाँ केवल एक विकल्प चुनना है।
यदि हम “Axis Powers” को आधुनिक अर्थ में लें (जो WWII का है), तो जर्मनी, इटली, जापान। तब ऑस्ट्रिया-हंगरी नहीं होता।
यदि हम प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों को ‘धुरी शक्तियों’ मानें, तो जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया। इस सूची में **इटली** और **जापान** दोनों ही नहीं हैं।
प्रश्नों की श्रृंखला को देखते हुए, यह संभव है कि प्रश्नकार ने “Axis Powers” शब्द का प्रयोग गलती से प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों के लिए किया हो। यदि ऐसा है, तो इटली और जापान दोनों ही केंद्रीय शक्तियों में नहीं थे।
**सबसे तार्किक व्याख्या यह है कि प्रश्न में ‘Axis Powers’ का प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध के लिए हुआ है, और ‘प्रथम विश्व युद्ध’ एक त्रुटिपूर्ण संदर्भ है। यदि हम द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में देखें, तो जर्मनी, इटली और जापान धुरी शक्तियाँ थीं, जबकि ऑस्ट्रिया-हंगरी प्रथम विश्व युद्ध के बाद विघटित हो गया था और द्वितीय विश्व युद्ध में देश के रूप में मौजूद नहीं था। इसलिए, यदि हम “Axis Powers” को द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में लें, तो ऑस्ट्रिया-हंगरी सही उत्तर होगा क्योंकि यह उस युद्ध में एक धुरी शक्ति नहीं था।****अंतिम निर्णय:** परीक्षा के दृष्टिकोण से, अक्सर इस तरह की त्रुटियाँ हो सकती हैं। जब “Axis Powers” कहा जाता है, तो आम तौर पर WWII का संदर्भ लिया जाता है। WWII में जर्मनी, इटली, जापान धुरी शक्तियाँ थीं। ऑस्ट्रिया-हंगरी प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों का हिस्सा था और WWII से पहले समाप्त हो गया था। इसलिए, **ऑस्ट्रिया-हंगरी** वह देश है जो WWII की धुरी शक्तियों में शामिल नहीं था।
- गलत विकल्प: जर्मनी, इटली और जापान द्वितीय विश्व युद्ध में धुरी शक्तियों का हिस्सा थे। ऑस्ट्रिया-हंगरी प्रथम विश्व युद्ध के बाद समाप्त हो गया था।
प्रश्न 25: ‘फ्रेंच रिवोल्यूशन’ (फ्रांसीसी क्रांति) का मुख्य नारा क्या था?
- लिबर्टी, इक्वेलिटी, फ्रेटरनिटी
- ब्लड एंड आयरन
- नो टैक्सेशन विदाउट रिप्रेजेंटेशन
- वन स्टेट, वन पार्टी, वन लीडर
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: लिबर्टी, इक्वेलिटी, फ्रेटरनिटी (स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व)। फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) का मूल और सबसे प्रसिद्ध नारा ‘Liberté, Égalité, Fraternité’ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नारे ने क्रांति के प्रमुख आदर्शों को व्यक्त किया, जो राजशाही, सामंतवाद और विशेषाधिकारों के खिलाफ संघर्ष का प्रतिनिधित्व करते थे। यह नारा आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है।
- गलत विकल्प: ‘ब्लड एंड आयरन’ बिस्मार्क से जुड़ा है। ‘नो टैक्सेशन विदाउट रिप्रेजेंटेशन’ अमेरिकी क्रांति का एक नारा था। ‘वन स्टेट, वन पार्टी, वन लीडर’ अक्सर फासीवादी या तानाशाही शासन से जुड़ा होता है।