इतिहास मंथन: 25 प्रश्न – अपनी तैयारी को दें धार!
ज्ञान के महासागर में एक बार फिर गोता लगाने के लिए तैयार हो जाइए! आज का इतिहास का यह मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत की गहराइयों से लेकर आधुनिक युग की उथल-पुथल और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण मोड़ों तक ले जाएगा। क्या आप अपने ज्ञान की कसौटी पर खरे उतरेंगे? आइए, अपनी तैयारी को परखें और इतिहास के पन्नों को फिर से जीवंत करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से विशाल सार्वजनिक स्नानगार (Great Bath) के साक्ष्य मिले हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: मोहनजोदड़ो (शाब्दिक अर्थ ‘मृतकों का टीला’) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था, जहाँ से एक विशाल सार्वजनिक स्नानगार की संरचना मिली है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानगार ईंटों से निर्मित था और इसका उपयोग संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किया जाता था। इसकी वास्तुकला और जल निकासी प्रणाली उस समय की उन्नत इंजीनियरिंग को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा एक और महत्वपूर्ण स्थल है जहाँ से कब्रिस्तान और अन्नागार मिले हैं, लेकिन विशाल स्नानगार के साक्ष्य मोहनजोदड़ो से हैं। लोथल से गोदी (डॉकयार्ड) और कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘अधन्य’ शब्द का प्रयोग किस पशु के लिए किया गया था?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- भेड़
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: ऋग्वैदिक काल में ‘अधन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया जाता था, जिसका अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’ या ‘जो वध योग्य न हो’।
- संदर्भ और विस्तार: गाय को ऋग्वैदिक समाज में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था। यह संपत्ति का मुख्य स्रोत थी और विनिमय का माध्यम भी थी। गायों की चोरी एक गंभीर अपराध माना जाता था।
- गलत विकल्प: घोड़ा रथों के लिए महत्वपूर्ण था, बैल खेती के लिए, और भेड़ चारे के लिए, लेकिन ‘अधन्य’ विशेष रूप से गाय के लिए प्रयुक्त होता था।
प्रश्न 3: मौर्य साम्राज्य के किस शासक ने ‘सिलोन’ (वर्तमान श्रीलंका) में बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को भेजा था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिन्दुसार
- अशोक
- बिंदुपाल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: सम्राट अशोक, जो मौर्य वंश के सबसे प्रतापी शासकों में से एक थे, ने अपने शासनकाल के दौरान बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया और अपने पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को सिलोन (श्रीलंका) भेजा था।
- संदर्भ और विस्तार: महेंद्र और संघमित्रा ने वहां के राजा देवानंपिय तिस्स को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी, जिसके बाद श्रीलंका बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र बन गया। अशोक के शिलालेखों में भी विदेशों में धर्म प्रचार की जानकारी मिलती है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म अपनाया था। बिंदुसार के काल में सीरियाई राजा एंटियोकस ने अपना दूत डायमेकस भेजा था।
प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है, इसका मुख्य कारण क्या था?
- विशाल सैन्य शक्ति
- समान नागरिक संहिता
- कला, साहित्य और विज्ञान की उन्नति
- विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, और दर्शन के क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री और गणितज्ञ, और वराहमिहिर जैसे विद्वान इसी काल से संबंधित थे। अजंता की गुफाओं के चित्र और स्तूपों का निर्माण भी इस काल की कलात्मक उपलब्धियों का प्रमाण हैं।
- गलत विकल्प: यद्यपि गुप्तों की सैन्य शक्ति अच्छी थी, यह स्वर्ण युग का प्राथमिक कारण नहीं था। नागरिक संहिता या पूर्ण सुरक्षा की गारंटी जैसी व्यवस्थाएं आज के अर्थ में नहीं थीं, जबकि कला और विज्ञान का विकास सर्वोपरि था।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी?
- 1336 ईस्वी, हरिहर और बुक्का
- 1565 ईस्वी, राम राय
- 1290 ईस्वी, जलालुद्दीन खिलजी
- 1469 ईस्वी, गुरु नानक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर शहर की स्थापना की और संगम राजवंश की नींव रखी। यह साम्राज्य दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली हिंदू राज्य के रूप में उभरा और अपनी कला, संस्कृति तथा वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हुआ।
- गलत विकल्प: 1565 ईस्वी तालीकोटा का युद्ध था, राम राय उसमें एक प्रमुख व्यक्ति थे। जलालुद्दीन खिलजी खिलजी वंश के संस्थापक थे। गुरु नानक का जन्म 1469 ईस्वी में हुआ था, जिनका संबंध भक्ति आंदोलन से है।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ को सख्ती से लागू किया था?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ईस्वी) ने अपने साम्राज्य में बाजार और मूल्य नियंत्रण की एक कठोर प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य सेना के लिए सैनिकों को कम वेतन पर भी उपलब्ध कराना, जनता को महंगाई से बचाना और व्यापारियों को अधिक मुनाफा कमाने से रोकना था। इसके लिए उसने ‘शहना-ए- मंडी’ जैसे अधिकारी नियुक्त किए और उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश एक महत्वपूर्ण सुल्तान थे जिन्होंने कुतुब मीनार का निर्माण पूरा करवाया। बलबन ने ‘लौह और रक्त’ की नीति अपनाई। फिरोजशाह तुगलक ने नहरों का निर्माण कराया और जजिया कर लगाया।
प्रश्न 7: मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में ‘जजिया’ कर को किस वर्ष पुनः लागू किया गया था?
- 1564
- 1575
- 1580
- 1579
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: अकबर ने 1564 ईस्वी में जजिया कर समाप्त कर दिया था, लेकिन 1575 ईस्वी के आसपास उसने इसे पुनः लागू किया था, यद्यपि बाद में 1580 ईस्वी तक इसे पूरी तरह से हटा दिया गया। प्रश्न में पुनः लागू करने का वर्ष पूछा गया है, जो 1575 अधिक सटीक है, लेकिन कुछ संदर्भ 1580 को भी अंतिम समाप्ति मानते हैं। (यहाँ, सबसे प्रचलित उत्तर 1575 है, हालाँकि यह एक विवादित विषय है और कुछ स्रोत 1580 भी बताते हैं)। (सावधानी: ऐसे प्रश्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में कभी-कभी भ्रमित कर सकते हैं। यहाँ, दिए गए विकल्पों में 1575 सबसे उचित प्रतीत होता है, हालाँकि 1580 अंतिम तिथि हो सकती है।)
- संदर्भ और विस्तार: अकबर अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है, लेकिन उसने कुछ समय के लिए जजिया कर को पुनः लागू किया था, जो गैर-मुस्लिमों पर लगने वाला एक विशेष कर था।
- गलत विकल्प: 1564 में समाप्त किया गया था। 1575 में पुनः लागू किया गया था।
प्रश्न 8: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान, ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) की नीति को किस गवर्नर-जनरल ने पेश किया था?
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड बेंटिंक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: लॉर्ड वेलेस्ली (1798-1805) ने भारत में ब्रिटिश शक्ति का विस्तार करने के लिए ‘सहायक संधि’ की नीति को प्रमुखता से लागू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी और ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था, जिसका खर्चा वे स्वयं उठाते थे। बदले में, कंपनी उस राज्य को बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करती थी। इस नीति के तहत हैदराबाद, मैसूर, अवध जैसे राज्यों को ब्रिटिश संरक्षण में लाया गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड बेंटिंक ने सती प्रथा का अंत किया।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: 1857 के विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग थे।
- संदर्भ और विस्तार: उनके कार्यकाल में ही यह महाविद्रोह हुआ था, जिसके बाद भारत का शासन कंपनी से ब्रिटिश ताज के अधीन हस्तांतरित कर दिया गया था और लॉर्ड कैनिंग ही भारत के प्रथम वायसराय बने।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में ही विद्रोह के बीज बोए गए थे (व्यपगत का सिद्धांत आदि)। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड रिपन बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 10: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किसने किया था?
- तिलक मांझी
- बिरसा मुंडा
- सिद्दू और कान्हू
- रानी लक्ष्मी बाई
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: 1855-56 का प्रसिद्ध संथाल विद्रोह का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो भाइयों ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह छोटा नागपुर पठार क्षेत्र में संथाल जनजातियों द्वारा ब्रिटिश साहूकारों, जमींदारों और ब्रिटिश सरकार के शोषण के विरुद्ध किया गया था।
- गलत विकल्प: तिलक मांझी 1780 के दशक में भागलपुर क्षेत्र में विद्रोह का नेतृत्व किया था। बिरसा मुंडा 19वीं सदी के अंत में छोटा नागपुर क्षेत्र में सक्रिय थे। रानी लक्ष्मीबाई 1857 के विद्रोह का हिस्सा थीं।
प्रश्न 11: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने कब की थी?
- 1937
- 1939
- 1940
- 1942
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन के बाद फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में महात्मा गांधी के पसंदीदा उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैया को हराकर सुभाष चंद्र बोस विजयी हुए थे, लेकिन बाद में कांग्रेस की कार्यकारी समिति से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया।
- गलत विकल्प: 1937 में कांग्रेस ने राज्यों में सरकारें बनाईं। 1940 में उन्होंने व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरुआत की। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन हुआ।
प्रश्न 12: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ – यह प्रसिद्ध नारा किसने दिया था?
- मोहनदास करमचंद गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
- लाला लाजपत राय
- बिपिन चंद्र पाल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: यह जोशीला नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: तिलक ने 1916 में लखनऊ अधिवेशन के दौरान इस नारे का प्रयोग किया था, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया। वे गरम दल के प्रमुख नेताओं में से थे और स्वराज की मांग को प्रबल रूप से उठाते थे।
- गलत विकल्प: गांधीजी ‘करो या मरो’ जैसे नारे से जुड़े हैं। लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल लाल-बाल-पाल तिकड़ी का हिस्सा थे, लेकिन यह विशिष्ट नारा तिलक का था।
प्रश्न 13: भारत में ‘सर्वोदय’ की अवधारणा को किसने लोकप्रिय बनाया?
- महात्मा गांधी
- जयप्रकाश नारायण
- विनोबा भावे
- जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: महात्मा गांधी ने ‘सर्वोदय’ (सबका उदय) की अवधारणा को प्रस्तुत किया था, जिसका अर्थ समाज के अंतिम व्यक्ति (गरीब और कमजोर) का उत्थान है।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने सत्य, अहिंसा और आत्म-निर्भरता के माध्यम से एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जहाँ कोई शोषण न हो। विनोबा भावे ने गांधीजी के इस विचार को ‘भूदान आंदोलन’ के माध्यम से आगे बढ़ाया। जयप्रकाश नारायण ने भी ‘संपूर्ण क्रांति’ में सर्वोदय के सिद्धांतों को शामिल किया।
- गलत विकल्प: यद्यपि विनोबा भावे और जे.पी. नारायण ने इस पर काम किया, इस अवधारणा का मूल प्रवर्तक गांधीजी ही थे।
प्रश्न 14: ‘आजाद हिंद फौज’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1939
- 1941
- 1942
- 1943
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: आजाद हिंद फौज (Indian National Army – INA) की स्थापना मूल रूप से मोहन सिंह द्वारा 1942 में सिंगापुर में की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, 1943 में सुभाष चंद्र बोस ने इसका नेतृत्व संभाला और इसे पुनर्गठित किया, जिससे यह और अधिक प्रभावी हो गई। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
- गलत विकल्प: 1941 में बोस सिंगापुर पहुंचे थे। 1942 में स्थापना हुई, लेकिन 1943 में बोस के नेतृत्व में इसे नई पहचान मिली।
प्रश्न 15: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?
- कलकत्ता, 1928
- लाहौर, 1929
- कराची, 1931
- लखनऊ, 1936
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे। इस प्रस्ताव ने कांग्रेस के लक्ष्य को डोमिनियन स्टेट्स से बदलकर पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना घोषित कर दिया। इसके बाद 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया गया।
- गलत विकल्प: कलकत्ता 1928 में नेहरू रिपोर्ट पर विचार किया गया। कराची 1931 में मौलिक अधिकार और आर्थिक नीति का प्रस्ताव पास हुआ। लखनऊ 1936 में समाजवाद की ओर झुकाव दिखा।
प्रश्न 16: ‘ट्रिपल अलायंस’ (Triple Alliance) में कौन से तीन देश शामिल थे?
- फ्रांस, रूस, ग्रेट ब्रिटेन
- जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, इटली
- ब्रिटेन, अमेरिका, जापान
- रूस, जापान, फ्रांस
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: प्रथम विश्व युद्ध से पहले, ‘ट्रिपल अलायंस’ (जिसे केंद्रीय शक्तियां भी कहा जाता है) में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और इटली (हालांकि युद्ध शुरू होने पर इटली ने तटस्थता अपना ली और बाद में मित्र राष्ट्रों की ओर से शामिल हो गया) शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: 1882 में गठित यह गठबंधन यूरोप में शक्ति संतुलन बनाए रखने और फ्रांस से संभावित आक्रमण से बचने के लिए बनाया गया था। इसका मुख्य प्रतिद्वंद्वी ‘ट्रिपल एंटेंटे’ (फ्रांस, रूस, ग्रेट ब्रिटेन) था।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) ट्रिपल एंटेंटे के देश थे। विकल्प (c) और (d) गलत देशों के समूह हैं।
प्रश्न 17: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- सरकार, जनता, प्रगति
- न्याय, शांति, समृद्धि
- राष्ट्र, चर्च, राज्य
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: फ्रांसीसी क्रांति का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘लिबर्टे, एगैलिते, फ्रेटरनिटे’ (Liberté, égalité, fraternité) था, जिसका अर्थ है ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के मूल सिद्धांतों का प्रतीक था जिसने राजशाही का अंत किया और आधुनिक फ्रांसीसी गणराज्य की नींव रखी। इसने दुनिया भर में लोकतांत्रिक और राष्ट्रीय आंदोलनों को प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प क्रांति के आदर्शों को सही ढंग से नहीं दर्शाते हैं।
प्रश्न 18: ‘मेसोपोटामिया’ नामक सभ्यता किन दो नदियों के बीच विकसित हुई?
- नील और कांगो
- सिंधु और गंगा
- दजला (टाइगरिस) और फरात (यूफ्रेट्स)
- यांग्त्ज़ी और पीली नदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: मेसोपोटामिया सभ्यता ‘दजला’ (टाइगरिस) और ‘फरात’ (यूफ्रेट्स) नदियों के उपजाऊ अर्धचंद्राकार क्षेत्र में विकसित हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्षेत्र प्राचीन विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं, जैसे सुमेरियन, अक्कादियन, बेबीलोनियन और असीरियन का घर था। यहाँ से लेखन (कील अक्षर), पहिया, हल और सिंचाई जैसी महत्वपूर्ण खोजें हुईं।
- गलत विकल्प: नील नदी मिस्र की सभ्यता से जुड़ी है। सिंधु नदी सिंधु घाटी सभ्यता से। यांग्त्ज़ी और पीली नदियाँ चीन की सभ्यता से।
प्रश्न 19: रोमन साम्राज्य के पतन का एक प्रमुख कारण क्या था?
- अत्यधिक राजनीतिक स्थिरता
- प्रभावी सैन्य संगठन
- बाहरी आक्रमण और आंतरिक कमजोरियां
- आर्थिक समृद्धि
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: रोमन साम्राज्य के पतन के कई कारण थे, जिनमें बाहरी जनजातियों (जैसे गोथ, वंडल, हूण) के निरंतर आक्रमण और साम्राज्य के भीतर व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार, आर्थिक समस्याएं और सैन्य कमजोरियां प्रमुख थीं।
- संदर्भ और विस्तार: 476 ईस्वी में पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन हो गया, जिसने सदियों तक भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर शासन किया था। पूर्वी रोमन साम्राज्य (बाइजेंटाइन साम्राज्य) सदियों तक जीवित रहा।
- गलत विकल्प: साम्राज्य में राजनीतिक स्थिरता नहीं थी। सैन्य संगठन कमजोर पड़ गया था। आर्थिक मंदी और अत्यधिक व्यय ने भी योगदान दिया।
प्रश्न 20: ‘टोयनबी’ (Arnold J. Toynbee) ने अपनी पुस्तक ‘A Study of History’ में सभ्यताओं के उत्थान और पतन का अध्ययन किन प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित किया?
- प्रकृति का अनुकरण
- चुनौती और प्रत्युत्तर (Challenge and Response)
- आर्थिक विकास
- धार्मिक एकता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: प्रसिद्ध इतिहासकार अर्नोल्ड टोयनबी ने अपनी कृति ‘A Study of History’ में सभ्यताओं के विकास और पतन को ‘चुनौती और प्रत्युत्तर’ के सिद्धांत के आधार पर समझाया है।
- संदर्भ और विस्तार: उनके अनुसार, जब कोई सभ्यता किसी पर्यावरणीय, सामाजिक या राजनीतिक चुनौती का सफलतापूर्वक प्रत्युत्तर देती है, तो उसका विकास होता है, और जब वह ऐसा करने में विफल रहती है, तो उसका पतन हो जाता है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प टोयनबी के सिद्धांत के मुख्य आधार नहीं थे।
प्रश्न 21: भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत ‘राजा राम मोहन राय’ ने किस समाज की स्थापना की थी?
- आर्य समाज
- रामकृष्ण मिशन
- ब्रह्म समाज
- थियोसोफिकल सोसाइटी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: राजा राम मोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है और उन्होंने 1828 ईस्वी में ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रह्म समाज एक सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन था जिसने एकेश्वरवाद, मूर्ति पूजा का विरोध, और जाति व्यवस्था के उन्मूलन जैसे विचारों को बढ़ावा दिया। इसने महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा पर भी जोर दिया।
- गलत विकल्प: आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी। थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना मैडम ब्लावत्स्की और कर्नल ओल्कोट ने की थी।
प्रश्न 22: ‘गांधी-इरविन समझौता’ किस वर्ष हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार के बीच हुआ था, जिसमें महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच बातचीत हुई थी। इस समझौते के तहत सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित कर दिया गया और गांधीजी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए सहमत हुए।
- गलत विकल्प: 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था। 1932 में पूना पैक्ट हुआ था।
प्रश्न 23: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना किसने की थी?
- ए. ओ. ह्यूम
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
- दादाभाई नौरोजी
- डब्ल्यू. सी. बनर्जी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 1885 ईस्वी में स्कॉटिश सिविल सेवक एलन ऑक्टेवियन ह्यूम (A. O. Hume) द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका प्रारंभिक उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक शिक्षा देना और ब्रिटिश सरकार के प्रति उनकी शिकायतों को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करना था। प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W. C. Banerjee) ने की थी।
- गलत विकल्प: सुरेंद्रनाथ बनर्जी एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। दादाभाई नौरोजी ‘भारत का वयोवृद्ध नेता’ कहलाते हैं और कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जिन्होंने अध्यक्ष पद भी संभाला।
प्रश्न 24: ‘नील दर्पण’ (Nil Darpan) नाटक के लेखक कौन हैं, जिसने नील किसानों की दुर्दशा का चित्रण किया?
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
- दिनबंधु मित्र
- शरत चंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक 1859-60 में हुए नील विद्रोह के समय लिखा गया था और इसमें ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा बंगाली किसानों पर किए गए अत्याचारों और शोषण को अत्यंत मार्मिक ढंग से दर्शाया गया था। इस नाटक का अंग्रेजी में अनुवाद मै. लॉंग ने किया था।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंदमठ’ लिखा। शरत चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘देवदास’ जैसे उपन्यास लिखे। रवींद्रनाथ टैगोर एक महान कवि और लेखक थे।
प्रश्न 25: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के अंत के बाद, राष्ट्र संघ (League of Nations) की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- विजित देशों को पुरस्कृत करना
- सामूहिक सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देना
- colonies का विस्तार करना
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ाना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: प्रथम विश्व युद्ध की भयावहता के बाद, भविष्य में युद्धों को रोकने और राष्ट्रों के बीच शांतिपूर्ण ढंग से विवादों को सुलझाने के उद्देश्य से 1920 में राष्ट्र संघ (League of Nations) की स्थापना की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मुख्य लक्ष्य सामूहिक सुरक्षा (collective security) को बढ़ावा देना था, जहाँ सदस्य राष्ट्र एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होते। हालाँकि, यह अंततः द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने में विफल रहा।
- गलत विकल्प: राष्ट्र संघ का उद्देश्य देशों को पुरस्कृत करना, उपनिवेशों का विस्तार करना या केवल व्यापार बढ़ाना नहीं था, बल्कि मुख्य रूप से विश्व शांति बनाए रखना था।