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इतिहास मंथन: 25 प्रश्नों के साथ करें अपने ज्ञान का महासंग्राम!

इतिहास मंथन: 25 प्रश्नों के साथ करें अपने ज्ञान का महासंग्राम!

आइए, समय की गहराइयों में गोता लगाएँ और इतिहास के पन्नों में छिपे रहस्यों को सुलझाने का प्रयास करें! क्या आप परीक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं? यह 25 प्रश्नों का विशेष मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक की यात्रा पर ले जाएगा। अपने ज्ञान को परखें और अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल गुजरात में स्थित था और जहाँ से गोदी (डॉकयार्ड) के प्रमाण मिले हैं?

  1. कालीबंगन
  2. लोथल
  3. मोहनजोदड़ो
  4. धौलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: लोथल, जो वर्तमान गुजरात में स्थित है, हड़प्पा सभ्यता का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था। यहाँ से एक विशाल गोदी (डॉकयार्ड) के साक्ष्य मिले हैं, जो उस समय के उन्नत व्यापार और समुद्री गतिविधियों को दर्शाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल को प्राचीन काल में ‘लेगना’ के नाम से भी जाना जाता था। यहाँ से फारस की खाड़ी की मुहरें (Persian Gulf seals) भी मिली हैं, जो इसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों की पुष्टि करती हैं। यहाँ से मिले मनके बनाने के कारखाने भी उल्लेखनीय हैं।
  • गलत विकल्प: कालीबंगन राजस्थान में स्थित था और यहाँ से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले। मोहनजोदड़ो पाकिस्तान में स्थित है और यहाँ से महान स्नानागार मिला। धौलावीरा भी गुजरात में है, लेकिन यहाँ से गोदी के प्रमाण नहीं मिले।

प्रश्न 2: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: समुद्रगुप्त (लगभग 335-375 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार ए.एल. श्रीवास्तव ने उन्हें उनकी विजयों और साम्राज्य विस्तार के कारण दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों को अपने अधीन किया और दक्षिणापथ के कई राजाओं को भी हराया। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनके सैन्य अभियानों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के काल में गुप्त साम्राज्य अपनी चरम सीमा पर था और उन्होंने मालवा पर विजय प्राप्त कर उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।

प्रश्न 3: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में की थी। यह एक समन्वयवादी धर्म था जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सर्वोत्तम सिद्धांतों को मिलाकर एक सर्वव्यापी धर्म बनाना था।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई थी और सभी प्रमुख धर्मों के विद्वानों के साथ विचार-विमर्श किया। दीन-ए-इलाही ने विभिन्न धार्मिक विचारों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया, हालांकि इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली। केवल बीरबल जैसे कुछ ही लोगों ने इसे स्वीकार किया था।
  • गलत विकल्प: जहांगीर ने कला और वास्तुकला को संरक्षण दिया। शाहजहाँ ‘पिथरा ड्यूरा’ (संगमरमर पर की गई जड़ाई का काम) के लिए प्रसिद्ध है। औरंगजेब ने अपनी कठोर धार्मिक नीति के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा वेद गद्य और पद्य दोनों में लिखा गया है?

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: यजुर्वेद एकमात्र ऐसा वेद है जो गद्य और पद्य दोनों शैलियों में लिखा गया है। इसमें यज्ञों के अनुष्ठान और मंत्रों का संग्रह है।
  • संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद को दो मुख्य शाखाओं में बांटा गया है: शुक्ल (शुद्ध) यजुर्वेद, जो केवल पद्य में है, और कृष्ण (काला) यजुर्वेद, जिसमें गद्य और पद्य दोनों शामिल हैं। शुक्ल यजुर्वेद को वाजसनेयी संहिता भी कहते हैं।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद मुख्य रूप से पद्य (छंदों) में है। सामवेद के मंत्र ऋग्वेद से लिए गए हैं और ये भी मुख्य रूप से पद्य में हैं, जिनका उपयोग गायन के लिए होता है। अथर्ववेद में जादू-टोना, चिकित्सा और तंत्र-मंत्र का वर्णन है, यह भी मुख्य रूप से पद्य में है।

प्रश्न 5: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से ‘सिंधु की देवी’ (Mother Goddess) की मूर्तियाँ सबसे अधिक संख्या में प्राप्त हुई हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. चनहूदड़ो

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो से ‘सिंधु की देवी’ (Mother Goddess) की मिट्टी की मूर्तियाँ (टेराकोटा) सबसे अधिक संख्या में प्राप्त हुई हैं, जो उस सभ्यता में मातृ देवी की पूजा के महत्व को दर्शाती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो से प्राप्त एक प्रसिद्ध मूर्ति एक ऐसी महिला की है जिसके सिर पर एक ऊंचा मुकुट है और जिसके बीच में एक पौधा लगा हुआ है। इस आकृति को अक्सर उर्वरता की देवी के रूप में व्याख्यायित किया जाता है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से भी कुछ मूर्तियाँ मिली हैं, लेकिन मोहनजोदड़ो की तुलना में कम। लोथल एक बंदरगाह शहर था और यहाँ से ऐसी बहुतायत में मूर्तियाँ नहीं मिलीं। चनहूदड़ो एक शिल्प केंद्र था, जहाँ से सौंदर्य प्रसाधन आदि की वस्तुएँ मिलीं।

प्रश्न 6: चोल साम्राज्य का प्रसिद्ध बंदरगाह नगर कौन सा था?

  1. कावेरीपट्टनम
  2. कांचीपुरम
  3. तंजावुर
  4. मदुरै

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कावेरीपट्टनम (जिसे पुहार भी कहा जाता है) चोल साम्राज्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध बंदरगाह नगर था। यह कावेरी नदी के मुहाने पर स्थित था।
  • संदर्भ और विस्तार: कावेरीपट्टनम न केवल एक व्यापारिक केंद्र था, बल्कि एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र भी था। इसे चोल राजा करिकाल ने बसाया था। इस शहर का वर्णन तमिल महाकाव्य ‘सिलप्पदिकारम’ में भी मिलता है।
  • गलत विकल्प: कांचीपुरम एक महत्वपूर्ण धार्मिक और शैक्षिक केंद्र था, जो पल्लव राजवंश की राजधानी भी रही। तंजावुर चोलों की बाद की राजधानी बनी और बृहदीश्वर मंदिर यहीं स्थित है। मदुरै पांड्य राजवंश की राजधानी थी।

प्रश्न 7: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?

  1. शिवाजी महाराज
  2. संभाजी
  3. बाजीराव प्रथम
  4. माधवराव

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), सेनापति (सेना प्रमुख), वाकयान्वीश (गृह सचिव/सूचना मंत्री) और न्यायाधीश शामिल थे। यह एक अत्यंत प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था थी।
  • गलत विकल्प: संभाजी शिवाजी के पुत्र थे और उन्होंने भी शासन किया। बाजीराव प्रथम पेशवा थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया। माधवराव भी एक सक्षम पेशवा थे।

प्रश्न 8: 1905 में बंगाल के विभाजन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

  1. पूर्वी और पश्चिमी बंगाल को एकजुट करना
  2. मुस्लिम और हिंदू आबादी को अलग करना
  3. भारतीय राष्ट्रवाद को कमजोर करना
  4. बंगाल में शैक्षिक सुधार लागू करना

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा की गई बंगाल की विभाजन की घोषणा का मुख्य उद्देश्य ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति के तहत भारतीय राष्ट्रवाद, विशेषकर बंगाल में बढ़ते राष्ट्रवादी आंदोलन को कमजोर करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने तर्क दिया था कि बंगाल एक विशाल प्रांत है और प्रशासन की सुविधा के लिए इसे विभाजित किया जा रहा है, जिसमें पूर्वी बंगाल और असम का एक नया प्रांत बनाया गया। हालांकि, इसका असली उद्देश्य बंगाल के लोगों को धार्मिक और जातीय आधार पर बाँटना और उनकी एकता को तोड़ना था। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ।
  • गलत विकल्प: विभाजन का उद्देश्य पूर्वी और पश्चिमी बंगाल को एकजुट करना नहीं, बल्कि उन्हें अलग करना था। यह मुसलमानों और हिंदुओं को अलग करने की नीति का एक हिस्सा था, लेकिन मुख्य उद्देश्य राष्ट्रवाद को कमजोर करना था। शैक्षिक सुधार इसका प्रत्यक्ष उद्देश्य नहीं था।

प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसने की थी?

  1. 1336 ई., हरिहर और बुक्का
  2. 1565 ई., राम राय
  3. 1206 ई., कुतुबुद्दीन ऐबक
  4. 1347 ई., अलाउद्दीन बहमन शाह

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी। इन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे इस शक्तिशाली दक्षिण भारतीय साम्राज्य की नींव रखी।
  • संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का पहले वारंगल के काकतीय वंश के सामंत थे और बाद में दिल्ली सल्तनत के मुहम्मद बिन तुगलक के अधीन कार्य किया। अपने गुरु विद्यारण्य के आशीर्वाद से, उन्होंने स्वतंत्र रूप से विजयनगर की स्थापना की। यह साम्राज्य अपनी कला, साहित्य, वास्तुकला और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध रहा।
  • गलत विकल्प: 1565 ई. में तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर की हार हुई थी। 1206 ई. में दिल्ली सल्तनत की स्थापना हुई। 1347 ई. में बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई।

प्रश्न 10: ‘सोमनाथ मंदिर’ को किस विदेशी आक्रमणकारी ने लूटा था?

  1. चंगेज खान
  2. तैमूर लंग
  3. महमूद गजनवी
  4. नादिर शाह

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महमूद गजनवी ने 1025 ई. में गुजरात स्थित सोमनाथ मंदिर को लूटा और उसके शिवलिंग को नष्ट कर दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए, जिनमें से अधिकांश का उद्देश्य धन लूटना था। सोमनाथ पर उसका आक्रमण उसकी सबसे प्रसिद्ध लूटों में से एक था। उसने मंदिर की अपार संपत्ति को लूटा और उसके पवित्र गर्भगृह को अपवित्र किया।
  • गलत विकल्प: चंगेज खान 13वीं शताब्दी में मंगोल आक्रमणकारी था। तैमूर लंग ने 1398 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया था। नादिर शाह ने 1739 ई. में दिल्ली को लूटा था।

प्रश्न 11: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन कहाँ हुआ था?

  1. कोलकाता
  2. बंबई (मुंबई)
  3. मद्रास (चेन्नई)
  4. इलाहाबाद (प्रयागराज)

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन 28 से 30 दिसंबर, 1885 को बंबई (वर्तमान मुंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Bonnerjee) ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। यह भारतीय राष्ट्रवाद के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसका उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए संगठित करना था।
  • गलत विकल्प: कोलकाता में कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन हुआ था। मद्रास में तीसरा अधिवेशन हुआ था। इलाहाबाद में कांग्रेस का चौथा अधिवेशन हुआ था।

प्रश्न 12: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे, जिसमें नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा को दर्शाया गया है?

  1. बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
  2. दीनबंधु मित्र
  3. शरदचंद्र चट्टोपाध्याय
  4. रवींद्रनाथ टैगोर

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1858-59 के नील विद्रोह के दौरान लिखा गया था और इसने नील की खेती करने वाले किसानों पर यूरोपीय बागान मालिकों द्वारा किए गए अत्याचारों और क्रूरता को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नाटक बांग्ला में लिखा गया था और इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया, जिससे तत्कालीन ब्रिटिश सरकार पर किसानों की स्थिति सुधारने का दबाव पड़ा। इस नाटक को उस समय की सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक शक्तिशाली साहित्यिक हथियार माना जाता है।
  • गलत विकल्प: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंद मठ’ लिखा, जिसमें ‘वंदे मातरम’ गीत है। शरदचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘देवदास’ और ‘श्रीकांत’ जैसे उपन्यास लिखे। रवींद्रनाथ टैगोर एक महान कवि और लेखक थे, जिन्होंने ‘गीतांजलि’ के लिए नोबेल पुरस्कार जीता।

प्रश्न 13: चौरी-चौरा कांड किस वर्ष में हुआ था, जिसके कारण असहयोग आंदोलन स्थगित कर दिया गया था?

  1. 1920
  2. 1921
  3. 1922
  4. 1923

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चौरी-चौरा कांड 5 फरवरी, 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुआ था। इस घटना में गुस्साई भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस हिंसक घटना के कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन (1920-22) को तत्काल निलंबित करने का निर्णय लिया, क्योंकि उनका आंदोलन अहिंसक सिद्धांतों पर आधारित था। इस फैसले ने कांग्रेस के भीतर और बाहर कई लोगों को निराश किया।
  • गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था। 1921 में आंदोलन अपने चरम पर था। 1923 में स्वराज पार्टी का गठन हुआ।

प्रश्न 14: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. दासता का उन्मूलन
  2. राजशाही की निरंकुशता और वित्तीय संकट
  3. वैज्ञानिक क्रांति का प्रभाव
  4. धार्मिक स्वतंत्रता की मांग

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति का तात्कालिक कारण सदियों से चली आ रही राजशाही की निरंकुशता, जनता पर अत्यधिक करों का बोझ और राज्य का गहरा वित्तीय संकट था।
  • संदर्भ और विस्तार: राजा लुई सोलहवें के शासनकाल में फ्रांस भारी कर्ज में डूबा हुआ था, जिसमें अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में फ्रांस की भागीदारी भी शामिल थी। विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों (पादरी और कुलीन वर्ग) को करों से छूट मिली हुई थी, जबकि आम जनता पर करों का बोझ बढ़ता जा रहा था। जनता की बढ़ती निराशा और विरोध ने क्रांति की नींव रखी।
  • गलत विकल्प: दासता का उन्मूलन क्रांति के बाद के चरणों में एक मुद्दा बना। वैज्ञानिक क्रांति और ज्ञानोदय ने विचारों को प्रभावित किया, लेकिन वे तात्कालिक कारण नहीं थे। धार्मिक स्वतंत्रता की मांग भी एक कारण थी, लेकिन वित्तीय संकट और राजशाही की निरंकुशता सबसे प्रमुख तात्कालिक कारण थे।

प्रश्न 15: ‘गुप्त वंश’ को ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. अंधकारमय काल
  2. साम्राज्य का पतन
  3. साहित्य, कला, विज्ञान और वास्तुकला का विकास
  4. विदेशी आक्रमणों का काल

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ई.) को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान साहित्य, कला, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तुकला के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों का उदय, आर्यभट्ट का खगोल विज्ञान और गणित में योगदान (शून्य का आविष्कार, पाई का मान), वराहमिहिर की भविष्यवाणियां, गुप्तकालीन चित्रकला (अजंता की कुछ गुफाएँ) और वास्तुकला (स्टूप, मंदिर) इस युग की उपलब्धियों के उदाहरण हैं। इस काल में भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक समृद्धि अपने चरम पर थी।
  • गलत विकल्प: यह अंधकारमय काल नहीं था। यह साम्राज्य के पतन का काल नहीं, बल्कि उत्कर्ष का काल था। यह विदेशी आक्रमणों से काफी हद तक मुक्त था।

प्रश्न 16: ‘तैमूर लंग’ ने दिल्ली सल्तनत पर कब आक्रमण किया था?

  1. 1398 ई.
  2. 1290 ई.
  3. 1192 ई.
  4. 1336 ई.

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: तैमूर लंग (तैमूर द लैम) ने 1398 ई. में दिल्ली सल्तनत पर आक्रमण किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: तैमूर ने फिरोजशाह तुगलक के कमजोर शासनकाल में दिल्ली पर आक्रमण किया और शहर को लूटा और तबाह कर दिया। इस आक्रमण ने दिल्ली सल्तनत की नींव को हिला दिया और इसके पतन में तेजी लाई। उसके आक्रमण के बाद दिल्ली में अराजकता फैल गई।
  • गलत विकल्प: 1290 ई. में खिलजी वंश की स्थापना हुई। 1192 ई. में पृथ्वीराज चौहान की हार और मोहम्मद गोरी की विजय हुई। 1336 ई. में विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हुई।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान के निर्माण में कितना समय लगा?

  1. 2 साल, 11 महीने, 18 दिन
  2. 1 साल, 5 महीने, 10 दिन
  3. 3 साल, 6 महीने, 20 दिन
  4. 2 साल, 7 महीने, 20 दिन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय संविधान के निर्माण में ठीक 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
  • संदर्भ और विस्तार: संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई थी और संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था। इस अवधि के दौरान, संविधान सभा ने विभिन्न प्रारूपों पर चर्चा की, वाद-विवाद किए और अंततः एक सर्वसम्मति से संविधान का निर्माण किया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प भारतीय संविधान के निर्माण के लिए आवश्यक वास्तविक समय से मेल नहीं खाते हैं।

प्रश्न 18: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) का अर्थ क्या है?

  1. सभ्यता का अंत
  2. प्राचीन यूनानी और रोमन संस्कृति का पुनर्जन्म
  3. धार्मिक सुधारों का आंदोलन
  4. वैज्ञानिक प्रगति का ठहराव

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) का शाब्दिक अर्थ है ‘पुनर्जन्म’। यह वह काल था जब यूरोप में प्राचीन यूनानी और रोमन सभ्यताओं की कला, साहित्य, दर्शन और विचारों का पुनरुज्जीवन हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह काल लगभग 14वीं से 16वीं शताब्दी तक चला, जिसकी शुरुआत इटली से हुई। इसने मध्ययुगीन संकीर्णताओं को तोड़कर मानवतावाद, व्यक्तिवाद और तर्कवाद को बढ़ावा दिया। दांते, पेट्रार्क, बोकासियो, लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो जैसे विद्वानों और कलाकारों ने इस काल को समृद्ध किया।
  • गलत विकल्प: यह सभ्यता का अंत नहीं, बल्कि एक नए युग का प्रारंभ था। यह केवल धार्मिक सुधारों का आंदोलन नहीं था, बल्कि एक व्यापक सांस्कृतिक क्रांति थी। इसने वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा दिया, उसे रोका नहीं।

प्रश्न 19: ‘अकाल तख्त’ की स्थापना किसने की थी?

  1. गुरु नानक देव
  2. गुरु अर्जन देव
  3. गुरु हरगोबिंद
  4. गुरु तेग बहादुर

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘अकाल तख्त’ (ईश्वर का सिंहासन) की स्थापना छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद ने 1606 ई. में अमृतसर में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोबिंद ने सिखों को अपनी रक्षा के लिए हथियार उठाने और शारीरिक बल का प्रयोग करने का अधिकार दिया, जो उस समय की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण कदम था। अकाल तख्त का उद्देश्य आध्यात्मिक और सांसारिक मामलों पर सिखों के लिए एक केंद्रीय अधिकार और निर्णय लेने का स्थान प्रदान करना था।
  • गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु अर्जन देव ने स्वर्ण मंदिर का निर्माण शुरू करवाया और उनकी शहादत हुई। गुरु तेग बहादुर नौवें सिख गुरु थे।

प्रश्न 20: भारत में ‘प्लासी का युद्ध’ कब हुआ था?

  1. 1757
  2. 1761
  3. 1764
  4. 1857

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: प्लासी का युद्ध 23 जून, 1757 को हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व वाली ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था। नवाब के सेनापति मीर जाफर के विश्वासघात के कारण अंग्रेजों की जीत हुई। इस युद्ध के परिणामस्वरूप भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव पड़ी और भारत कंपनी के प्रत्यक्ष नियंत्रण में आ गया।
  • गलत विकल्प: 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था। 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था, जिसने ब्रिटिश सत्ता को और मजबूत किया। 1857 में भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ था।

प्रश्न 21: ‘भारतीय सुधार समिति’ (Indian Association) की स्थापना 1876 में किसने की थी?

  1. दादाभाई नौरोजी
  2. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  3. फिरोजशाह मेहता
  4. गोपाल कृष्ण गोखले

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय सुधार समिति (Indian Association) की स्थापना 1876 में सुरेन्द्रनाथ बनर्जी और आनंद मोहन बोस ने मिलकर की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संस्था उस समय के प्रमुख राजनीतिक संगठनों में से एक थी और इसने भारतीय राष्ट्रवाद के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसका उद्देश्य भारतीयों को सार्वजनिक जीवन में सक्रिय करना और राजनीतिक अधिकारों के लिए संघर्ष करना था। इसने इल्बर्ट बिल जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण अभियान चलाए।
  • गलत विकल्प: दादाभाई नौरोजी ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाने जाते हैं और उन्होंने ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। फिरोजशाह मेहता बॉम्बे प्रेसीडेंसी एसोसिएशन से जुड़े थे। गोपाल कृष्ण गोखले ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के संस्थापक थे।

प्रश्न 22: किस अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘साम्राज्यवाद-विरोधी’ (Anti-Imperialist) की नीति को बढ़ावा दिया और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?

  1. अब्राहम लिंकन
  2. थियोडोर रूजवेल्ट
  3. वुड्रो विल्सन
  4. फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: वुडरो विल्सन, जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति थे, ने साम्राज्यवाद-विरोधी नीति को बढ़ावा दिया और युद्ध के बाद शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए ‘राष्ट्र संघ’ (League of Nations) की स्थापना का प्रस्ताव रखा, जो बाद में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का पूर्ववर्ती बना।
  • संदर्भ और विस्तार: विल्सन के ’14 सूत्रीय कार्यक्रम’ (Fourteen Points) में राष्ट्रों के आत्मनिर्णय के अधिकार और एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने की वकालत की गई थी ताकि भविष्य में युद्धों को रोका जा सके। हालांकि राष्ट्र संघ को पूरी तरह सफल नहीं माना गया, इसने संयुक्त राष्ट्र के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: अब्राहम लिंकन ने अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान देश को नेतृत्व दिया। थियोडोर रूजवेल्ट ने ‘बिग स्टिक डिप्लोमेसी’ (Big Stick Diplomacy) का पालन किया और पनामा नहर के निर्माण में भूमिका निभाई। फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान राष्ट्रपति थे।

प्रश्न 23: ‘हड़प्पा’ नामक स्थान से प्राप्त सबसे महत्वपूर्ण कलाकृति कौन सी मानी जाती है?

  1. नर्तकी की कांस्य प्रतिमा
  2. दाढ़ी वाले पुजारी की पत्थर की मूर्ति
  3. पशुपति मुहर
  4. टेराकोटा की मातृ देवी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: हड़प्पा सभ्यता के पुरातात्विक स्थलों से प्राप्त कलाकृतियों में ‘दाढ़ी वाले पुजारी’ की पत्थर की मूर्ति को हड़प्पा से प्राप्त सबसे महत्वपूर्ण और कलात्मक रूप से उत्कृष्ट कृतियों में से एक माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह मूर्ति लगभग 17.5 सेमी ऊंची है और विशेष प्रकार के स्टीटाइट (Steatite) पत्थर से बनी है। इसमें एक व्यक्ति को शॉल ओढ़े हुए दिखाया गया है, जिसके माथे पर एक पट्टी बंधी है और दाढ़ी करीने से बनी है। इसे उस समय की मूर्तिकला की उन्नत तकनीक का प्रमाण माना जाता है।
  • गलत विकल्प: नर्तकी की कांस्य प्रतिमा मोहनजोदड़ो से मिली है। पशुपति मुहर भी मोहनजोदड़ो से मिली है। टेराकोटा की मातृ देवी की मूर्तियाँ मोहनजोदड़ो से अधिक संख्या में मिली हैं।

  • प्रश्न 24: ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ किसे कहा जाता है?

    1. स्वामी विवेकानंद
    2. बाल गंगाधर तिलक
    3. राजा राम मोहन राय
    4. महात्मा गांधी

    उत्तर: (c)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सत्यता: राजा राम मोहन राय को ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ कहा जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: राजा राम मोहन राय 19वीं शताब्दी के एक महान समाज सुधारक, विचारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने सती प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई, ब्रह्म समाज की स्थापना की और पश्चिमी शिक्षा व विचारों को बढ़ावा दिया। उनके दूरदर्शी विचारों और सामाजिक सुधारों ने आधुनिक भारत की नींव रखी।
    • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद एक महान आध्यात्मिक गुरु थे। बाल गंगाधर तिलक एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे। महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है।

    प्रश्न 25: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के अंत के बाद जर्मनी पर थोपी गई कठोर शर्तों के लिए किस संधि को जिम्मेदार ठहराया जाता है?

    1. वर्साय की संधि
    2. ज्यूरिख की संधि
    3. ट्रायोन की संधि
    4. सेवर्स की संधि

    उत्तर: (a)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सत्यता: वर्साय की संधि (Treaty of Versailles), जो 28 जून, 1919 को हस्ताक्षरित हुई थी, को प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी पर थोपी गई कठोर शर्तों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, जर्मनी को युद्ध का एकमात्र दोषी माना गया, उसे भारी युद्ध हर्जाना (reparations) देने के लिए मजबूर किया गया, उसके अपने उपनिवेश छीन लिए गए, उसकी सेना को सीमित कर दिया गया और उसके कुछ प्रदेशों को मित्र राष्ट्रों को सौंप दिया गया। इन अपमानजनक शर्तों ने जर्मनी में असंतोष को जन्म दिया, जिसे अक्सर द्वितीय विश्व युद्ध के कारणों में से एक माना जाता है।
    • गलत विकल्प: ज्यूरिख, ट्रायोन और सेवर्स की संधियाँ भी प्रथम विश्व युद्ध के बाद हुई थीं, लेकिन वर्साय की संधि विशेष रूप से जर्मनी के साथ हुई और उसके परिणाम सबसे विवादास्पद रहे।

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