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इतिहास मंथन: 25 प्रश्नों का गहन अभ्यास

इतिहास मंथन: 25 प्रश्नों का गहन अभ्यास

ऐतिहासिक यात्रा पर निकलें और अपने ज्ञान की कसौटी पर परखें! आज के इस विशेष मॉक टेस्ट में प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत और विश्व इतिहास के 25 चुनिंदा प्रश्न आपके लिए लाए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न के साथ गहराई से जुड़े स्पष्टीकरण आपको विषय की गहरी समझ प्रदान करेंगे। तैयार हो जाइए, इतिहास के गलियारों में ज्ञान का परचम लहराने के लिए!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से युगल समाधान (नर-नारी का एक साथ दफनाया जाना) के प्रमाण मिले हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लोथल, जो वर्तमान गुजरात में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था। यहाँ से मिले पुरातत्विक साक्ष्यों में कब्रिस्तान (cemetery) का एक अनूठा उदाहरण मिलता है, जिसमें नर और नारी को एक साथ एक ही कब्र में दफनाया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह खोज उस समय के समाज में संभवतः कुछ विशेष सामाजिक प्रथाओं या मान्यताओं की ओर इशारा करती है। लोथल से डॉकयार्ड (जहाज गोदी) के अवशेष भी मिले हैं, जो इसके व्यापारिक महत्व को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से कब्रिस्तान (R 37) मिला है, लेकिन युगल समाधान के प्रमाण नहीं। मोहनजोदड़ो से महान स्नानागार और पुरोहित-राजा की प्रतिमा मिली है। कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘शिलालेखों का जनक’ कहलाया?

  1. समुद्रगुप्त
  2. अशोक
  3. हर्षवर्धन
  4. चंद्रगुप्त मौर्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: सम्राट अशोक, मौर्य वंश के तीसरे शासक, को ‘शिलालेखों का जनक’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने धम्म (नैतिकता और सामाजिक आचरण) के संदेशों को जनता तक पहुँचाने के लिए पूरे साम्राज्य में विशाल स्तंभों, शिलाखंडों और गुफाओं पर अपने आदेशों को खुदवाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शिलालेखों में अशोक की प्रजा के प्रति करुणा, सामाजिक कल्याण की योजनाएं, धार्मिक सहिष्णुता और अहिंसा के सिद्धांतों का वर्णन मिलता है। ये उस समय की प्रशासनिक व्यवस्था और समाज की जानकारी का अमूल्य स्रोत हैं।
  • गलत विकल्प: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। हर्षवर्धन ने भी कई लेख खुदवाए थे, लेकिन अशोक का कार्य इनसे कहीं अधिक व्यापक और व्यवस्थित था। चंद्रगुप्त मौर्य के समय में भी शिलालेख मिले हैं, लेकिन अशोक के स्तर तक नहीं।

प्रश्न 3: ‘हरित क्रांति’ का संबंध भारत में किस क्षेत्र से है?

  1. कृषि उत्पादन में वृद्धि
  2. डेयरी उद्योग का विकास
  3. जैव प्रौद्योगिकी
  4. ग्रामीण विद्युतीकरण

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: हरित क्रांति, 1960 के दशक के मध्य में शुरू हुई एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसका उद्देश्य भारत में कृषि उत्पादन, विशेषकर गेहूं और चावल की पैदावार को बढ़ाना था।
  • संदर्भ और विस्तार: इसके अंतर्गत उच्च उपज देने वाली किस्मों (HYVs) के बीजों, आधुनिक सिंचाई तकनीकों, उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग किया गया। एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है। इसने भारत को खाद्यान्न आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया।
  • गलत विकल्प: डेयरी उद्योग के विकास को ‘श्वेत क्रांति’ (ऑपरेशन फ्लड) से जोड़ा जाता है। जैव प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विद्युतीकरण अन्य महत्वपूर्ण विकास क्षेत्र हैं, लेकिन हरित क्रांति का सीधा संबंध कृषि उत्पादन से है।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

  1. कृष्ण देवराय
  2. हरिहर और बुक्का
  3. देवराय द्वितीय
  4. राम राय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का राय प्रथम, दो भाइयों ने की थी, जो मूल रूप से वारंगल के काकतीय राजाओं के सामंत थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस साम्राज्य ने तुंगभद्रा नदी के किनारे अपनी राजधानी विजयनगर (आधुनिक हंपी) की स्थापना की और दक्षिण भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। यह साम्राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, कला, वास्तुकला और व्यापार के लिए जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन साम्राज्य की स्थापना उन्होंने नहीं की थी। देवराय द्वितीय और राम राय अन्य महत्वपूर्ण शासक थे।

प्रश्न 5: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

  1. 1928
  2. 1930
  3. 1931
  4. 1935

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष एम.के. गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच संपन्न हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन को समाप्त करने के लिए किया गया था। समझौते के तहत, सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और जब्त की गई संपत्तियों को वापस करने का वादा किया, जबकि कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित करने पर सहमति व्यक्त की।
  • गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन भारत आया था। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था। 1935 भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ था।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी पुस्तक ‘इबन बतूता’ द्वारा लिखी गई है?

  1. तारीख-ए-फिरोजशाही
  2. किताब-उल-हिंद
  3. रेहला
  4. तबाकत-ए-अकबरी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: इब्न बतूता, जो एक मोरक्को के यात्री थे, ने अपनी भारत यात्रा के वृत्तांत को ‘रेहला’ (अरबी में ‘यात्रा’ या ‘सफर’) नामक पुस्तक में लिखा है।
  • संदर्भ और विस्तार: वे 14वीं शताब्दी में मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में भारत आए थे और दिल्ली सल्तनत की स्थिति, समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीतिक जीवन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है। उनकी यात्राओं ने उस समय के भौगोलिक ज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • गलत विकल्प: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ जियाउद्दीन बरनी ने लिखी थी। ‘किताब-उल-हिंद’ अल-बरूनी की रचना है। ‘तबाकत-ए-अकबरी’ निजामुद्दीन अहमद ने लिखी थी।

प्रश्न 7: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई?

  1. 1905, पेरिस
  2. 1913, सैन फ्रांसिस्को
  3. 1920, लंदन
  4. 1907, बर्लिन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी। इसके प्रमुख संस्थापक लाला हरदयाल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में एक सशस्त्र क्रांति का आयोजन करना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया, जो हिंदी, उर्दू और अन्य भाषाओं में क्रांतिकारी विचारों का प्रसार करता था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प विभिन्न संगठनों की स्थापना के वर्षों और स्थानों से संबंधित हैं, जो गदर पार्टी से भिन्न हैं।

प्रश्न 8: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी द्वारा बेल्जियम पर आक्रमण
  2. ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
  3. रूस द्वारा ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा
  4. फ्रांस द्वारा जर्मनी पर युद्ध की घोषणा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी। इस हत्या का आरोप सर्बियाई राष्ट्रवादी संगठन ‘ब्लैक हैंड’ पर था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस घटना के बाद, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसे सर्बिया ने पूरी तरह स्वीकार नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा कर दी, और जटिल गठबंधन प्रणालियों के कारण जल्द ही प्रमुख यूरोपीय शक्तियां युद्ध में शामिल हो गईं।
  • गलत विकल्प: जर्मनी का बेल्जियम पर आक्रमण युद्ध के फैलने का एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन हत्या तात्कालिक कारण थी। रूस की घोषणा ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा के बाद हुई। फ्रांस की घोषणा भी एक परिणाम थी, कारण नहीं।

प्रश्न 9: ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?

  1. हुमायूँ
  2. अकबर
  3. जहाँगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक समन्वित धार्मिक सिद्धांत की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों (इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म, आदि) के सार तत्वों को मिलाकर एक सर्वधर्म समभाव वाला धर्म बनाना था, ताकि धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा दिया जा सके। हालांकि, यह धर्म अकबर के जीवनकाल तक ही सीमित रहा और व्यापक रूप से नहीं फैला।
  • गलत विकल्प: हुमायूँ, जहाँगीर और शाहजहाँ अन्य प्रमुख मुगल शासक थे, लेकिन उन्होंने इस प्रकार के धार्मिक प्रयोग नहीं किए।

प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?

  1. सरोजिनी नायडू
  2. एनी बेसेंट
  3. इंदिरा गांधी
  4. एन.ई. सप्रू

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: एनी बेसेंट, एक आयरिश महिला और थियोसोफिस्ट, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं। उन्होंने 1917 में कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उनका कांग्रेस में शामिल होना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, क्योंकि इसने आंदोलन को अधिक समावेशी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त बनाने में मदद की।
  • गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष थीं (1925 में कानपुर अधिवेशन), इंदिरा गांधी बाद में प्रधानमंत्री बनीं और कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं, लेकिन एनी बेसेंट पहली महिला थीं। एन.ई. सप्रू एक पुरुष थे।

प्रश्न 11: ‘अष्टध्यायी’ के लेखक कौन हैं?

  1. कालिदास
  2. पाणिनि
  3. वराहमिहिर
  4. विष्णु शर्मा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘अष्टध्यायी’ प्राचीन भारत के महान व्याकरणकार पाणिनि की एक अत्यंत महत्वपूर्ण रचना है। यह संस्कृत भाषा के व्याकरण का एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक ग्रंथ है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका रचनाकाल ईसा पूर्व 5वीं या 4थी शताब्दी माना जाता है। ‘अष्टध्यायी’ में लगभग 4000 सूत्र हैं और यह संस्कृत की संरचना, ध्वनियों और शब्दों के निर्माण के नियमों का विस्तृत वर्णन करती है।
  • गलत विकल्प: कालिदास एक प्रसिद्ध कवि और नाटककार थे। वराहमिहिर खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे। विष्णु शर्मा ने ‘पंचतंत्र’ की रचना की थी।

प्रश्न 12: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ किसने कहा था?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. जॉन लॉरेंस
  4. सर जॉन सीली

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: जॉन लॉरेंस और सी.ई. सीले (या जॉन सीली) जैसे ब्रिटिश इतिहासकारों ने 1857 के विद्रोह को मुख्य रूप से ‘सिपाही विद्रोह’ या ‘The Sepoy Mutiny’ की संज्ञा दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उनका तर्क था कि यह विद्रोह ब्रिटिश सेना में कार्यरत भारतीय सिपाहियों द्वारा तत्कालीन कारणों (जैसे एनफील्ड राइफल में कारतूस) से उत्पन्न एक अचानक भड़का हुआ असंतोष था, और इसमें राष्ट्रीय भावना या व्यापक जनसमर्थन का अभाव था।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘जन विद्रोह’ कहा था। लॉर्ड कैनिंग उस समय भारत के वायसराय थे।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत ‘अस्पृश्यता’ का अंत किया गया है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (छुआछूत) के उन्मूलन और किसी भी रूप में इसके आचरण को प्रतिबंधित करता है। यह एक मौलिक अधिकार है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के अनुसार, अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी अक्षमता को लागू करना भारतीय कानून के अनुसार दंडनीय होगा। इसने भारत में सामाजिक समानता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।

प्रश्न 14: ‘सती प्रथा’ का अंत किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुआ?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिक
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिक, भारत के गवर्नर-जनरल (1828-1835), ने राजा राम मोहन राय जैसे भारतीय समाज सुधारकों के प्रयासों से प्रेरित होकर 1829 में ‘सती प्रथा’ को प्रतिबंधित करने वाला कानून (Regulation XVII) पारित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय समाज सुधार के इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम था, जिसने इस क्रूर प्रथा का अंत किया। राजा राम मोहन राय ने इस प्रथा के विरुद्ध अथक संघर्ष किया था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) और रेलवे के विस्तार के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे।

प्रश्न 15: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ कब हुई थी?

  1. 1776
  2. 1789
  3. 1815
  4. 1848

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी और इसका अंत 1799 में नेपोलियन बोनापार्ट के सत्ता में आने के साथ हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को उखाड़ फेंका और गणतंत्र की स्थापना की। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) जैसे विचारों को जन्म दिया, जिन्होंने पूरे यूरोप और विश्व को प्रभावित किया। बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) को क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा हुई थी। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ और नेपोलियन का अंत हुआ। 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं।

प्रश्न 16: ‘हर्षचरित’ के लेखक कौन हैं?

  1. बाणभट्ट
  2. तुलसीदास
  3. सूरदास
  4. कबीर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘हर्षचरित’ महान संस्कृत विद्वान और राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि बाणभट्ट द्वारा लिखित एक ऐतिहासिक जीवनी है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक राजा हर्षवर्धन के जीवन, उसके पूर्वजों और उसके शासनकाल की घटनाओं का वर्णन करती है। यह उस समय के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन की जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • गलत विकल्प: तुलसीदास ‘रामचरितमानस’ के लेखक हैं। सूरदास ‘सूरसागर’ के लिए जाने जाते हैं। कबीर एक संत कवि थे।

प्रश्न 17: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?

  1. लाहौर अधिवेशन (1929)
  2. कलकत्ता अधिवेशन (1928)
  3. रामगढ़ अधिवेशन (1940)
  4. बम्बई अधिवेशन (1942)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को बम्बई (अब मुंबई) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया और भारतीयों से ब्रिटिश शासन से तत्काल मुक्ति के लिए अहिंसक संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
  • गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था। कलकत्ता अधिवेशन 1928 में साइमन कमीशन के बहिष्कार का प्रस्ताव था। रामगढ़ अधिवेशन में युद्ध विरोधी प्रस्ताव पारित हुआ था।

प्रश्न 18: ‘पानीपत का प्रथम युद्ध’ किनके बीच लड़ा गया था?

  1. अकबर और हेमू
  2. बाबर और इब्राहिम लोदी
  3. अकबर और राणा प्रताप
  4. शेरशाह सूरी और हुमायूँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 को मुगल वंश के संस्थापक बाबर और दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में बाबर की निर्णायक जीत हुई, जिसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। बाबर ने पहली बार इस युद्ध में ‘तोपखाने’ (बंदूकों और तोपों) का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया।
  • गलत विकल्प: अकबर और हेमू के बीच पानीपत का दूसरा युद्ध (1556) हुआ था। अकबर और राणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध (1576) हुआ था। शेरशाह सूरी और हुमायूँ के बीच चौसा का युद्ध (1539) और कन्नौज का युद्ध (1540) हुआ था।

प्रश्न 19: ‘गांधी इरविन समझौते’ में महात्मा गांधी ने इरविन को कितने सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था?

  1. 10
  2. 11
  3. 12
  4. 13

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गांधी-इरविन समझौते के दौरान, महात्मा गांधी ने लॉर्ड इरविन को 11 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें नागरिक अवज्ञा आंदोलन को समाप्त करने के बदले सरकार से विभिन्न रियायतों की मांग की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इन मांगों में नमक कानून का रद्द होना, राजनीतिक कैदियों की रिहाई, संपत्ति की वापसी, शांतिपूर्ण पिक्टिंग की स्वतंत्रता और भारतीयों के लिए सरकारी नौकरियों में अवसर जैसे मुद्दे शामिल थे।
  • गलत विकल्प: अन्य संख्याएँ समझौते की मांगों की संख्या से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 20: ‘स्वराज पार्टी’ की स्थापना किसने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. चित्ररंजन दास और मोतीलाल नेहरू
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: स्वराज पार्टी की स्थापना 1923 में चित्ररंजन दास (सी.आर. दास) और मोतीलाल नेहरू ने मिलकर की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) की समाप्ति के बाद, कांग्रेस के भीतर कुछ नेता यह मानते थे कि विधान परिषदों में प्रवेश करके ब्रिटिश सरकार के कामकाज में बाधा डालना अधिक प्रभावी होगा। इसी विचार से स्वराज पार्टी का गठन हुआ, जिसका उद्देश्य ‘स्वराज’ (स्वशासन) प्राप्त करना था।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी अहिंसक आंदोलन के समर्थक थे और विधान परिषदों में प्रवेश के खिलाफ थे। जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेता थे, लेकिन स्वराज पार्टी की स्थापना में उनका मुख्य योगदान नहीं था।

प्रश्न 21: ‘ऋग्वेद’ में कितने मंडल हैं?

  1. 8
  2. 10
  3. 12
  4. 15

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ऋग्वेद, चारों वेदों में सबसे प्राचीन, कुल 10 मंडलों (खंडों) में विभाजित है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रत्येक मंडल में विभिन्न सूक्त (भजन) और ऋचाएं (श्लोक) हैं, जो देवी-देवताओं की स्तुति, यज्ञीय अनुष्ठानों और दार्शनिक विचारों को व्यक्त करते हैं। दूसरा और सातवां मंडल सबसे प्राचीन माने जाते हैं, जबकि पहला और दसवां मंडल सबसे बाद में जोड़े गए।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प ऋग्वेद के मंडल की सही संख्या नहीं बताते हैं।

प्रश्न 22: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन है?

  1. अबुल फजल
  2. फैजी
  3. बदायुनी
  4. ईश्वरदास

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘अकबरनामा’ मुगल सम्राट अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फजल ने लिखा था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अकबर के शासनकाल का विस्तृत इतिहास है, जिसमें उसके बचपन, राज्याभिषेक, प्रशासनिक सुधारों, सैन्य अभियानों, धार्मिक नीतियों और उसके व्यक्तित्व का वर्णन है। यह फारसी भाषा में लिखा गया एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। ‘आईन-ए-अकबरी’ भी अबुल फजल की ही रचना है, जो अकबर के प्रशासन का विस्तृत विवरण देती है।
  • गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई था और वह भी अकबर के दरबार में एक विद्वान था। बदायुनी ने ‘मुंतखब-उत-तवारिख’ लिखी थी। ईश्वरदास ने ‘फतुहात-ए-आलमगिरी’ लिखी थी।

प्रश्न 23: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई थी?

  1. 1885
  2. 1905
  3. 1919
  4. 1947

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम (एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी) द्वारा की गई थी, और इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। इसका प्रारंभिक उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के प्रति भारतीयों की शिकायतों को शांतिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करना था, लेकिन धीरे-धीरे इसने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • गलत विकल्प: 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ था।

प्रश्न 24: ‘फ्रांस की क्रांति’ के समय फ्रांस का राजा कौन था?

  1. नेपोलियन बोनापार्ट
  2. लुई चौदहवां
  3. लुई सोलहवां
  4. लुई अठारहवां

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) के समय फ्रांस का राजा लुई सोलहवां (Louis XVI) था।
  • संदर्भ और विस्तार: लुई सोलहवां और उसकी पत्नी मैरी एंटोनेट को क्रांति के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया और अंततः 1793 में उन्हें गिलोटिन (फांसी) पर चढ़ा दिया गया। उनके शासनकाल में फ्रांस गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था, जो क्रांति का एक प्रमुख कारण बना।
  • गलत विकल्प: नेपोलियन बोनापार्ट क्रांति के बाद सत्ता में आया था। लुई चौदहवां ‘सूर्य राजा’ के नाम से जाना जाता था और उसका शासनकाल क्रांति से बहुत पहले समाप्त हो गया था। लुई अठारहवां लुई सोलहवें के बाद राजा बना था, लेकिन क्रांति के बाद।

प्रश्न 25: ‘गुप्त काल’ को भारत का ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. इस काल में गुप्तों ने बहुत अधिक सोना लूटा
  2. इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ
  3. इस काल में गुप्तों ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया
  4. इस काल में गुप्तों ने बड़े पैमाने पर सिक्के जारी किए

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, वास्तुकला और दर्शन के क्षेत्र में महान प्रगति हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों ने अपने उत्कृष्ट साहित्य की रचना की। आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली और शून्य की अवधारणा का विकास किया। अजंता की गुफाओं की चित्रकला और सारनाथ की बुद्ध प्रतिमाएं भी इसी काल की देन हैं। गुप्त शासकों ने शांतिपूर्ण और समृद्ध शासन प्रदान किया, जिसने सांस्कृतिक उत्कर्ष को बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: हालांकि गुप्तों ने सोने के सिक्के जारी किए और एक बड़ा साम्राज्य भी बनाया, लेकिन ‘स्वर्ण युग’ की उपाधि मुख्य रूप से सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियों के कारण दी गई है।

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