इतिहास मंथन: परीक्षा के लिए 25 प्रश्नोत्तरी
ज्ञान के सागर में गोता लगाइए और अतीत की गहराइयों से जुड़िए! आज हम आपके लिए लेकर आए हैं इतिहास के वो 25 प्रश्न जो आपकी तैयारी को धार देंगे और आपको परीक्षा के लिए तैयार करेंगे। हर प्रश्न एक नई कहानी, एक नया अध्याय खोलेगा। तो तैयार हो जाइए, समय की यात्रा शुरू हो चुकी है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा मौर्यकालीन स्थल वर्तमान में गुजरात में स्थित है?
- पाटलिपुत्र
- सारनाथ
- धौली
- गिरनार
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: गिरनार (जिसे जूनागढ़ भी कहा जाता है) प्राचीन काल से ही एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है, और मौर्य सम्राट अशोक के शिलालेख यहाँ पाए गए हैं, जो इसके मौर्यकालीन महत्व को दर्शाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: गिरनार शिलालेख अशोक के शासनकाल के दौरान स्थापित किए गए थे और उनमें उसके धम्म (धार्मिक नीति) का उल्लेख है। यह स्थल वर्तमान गुजरात राज्य में स्थित है। मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) थी, जो मगध में स्थित थी। सारनाथ उत्तर प्रदेश में है जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था और अशोक ने वहाँ एक स्तूप बनवाया था। धौली उड़ीसा में स्थित है जहाँ अशोक के शिलालेख पाए गए हैं।
- गलत विकल्प: पाटलिपुत्र मौर्य साम्राज्य की राजधानी थी और वर्तमान बिहार में स्थित है। सारनाथ उत्तर प्रदेश में है और बौद्ध धर्म से संबंधित है। धौली उड़ीसा में है, न कि गुजरात में।
प्रश्न 2: ‘गांधी-इरविन समझौता’ किस वर्ष हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और ब्रिटिश भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच एक राजनीतिक समझौता था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते में सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित करने के बदले में, ब्रिटिश सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा उठाई गई कुछ मांगों को स्वीकार किया, जिसमें नमक कानून को समाप्त करना और राजनीतिक कैदियों को रिहा करना शामिल था। इस समझौते का उद्देश्य गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ जहाँ पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया गया। 1930 सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत का वर्ष था। 1932 में पूना पैक्ट हुआ था।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि ब्रिटिश इतिहासकार ए. एल. श्रीवास्तव ने उन्हें प्रदान की थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ईस्वी) अपने सैन्य अभियानों और विजयों के लिए प्रसिद्ध था। उसने उत्तरी भारत के लगभग सभी राज्यों को जीत लिया था और दक्षिणी भारत के कई राज्यों को भी अपने अधीन कर लिया था। उसकी सैन्य प्रतिभा और विशाल साम्राज्य के कारण उसे यह उपाधि दी गई, जो उसकी तुलना रोमन सेनापति नेपोलियन बोनापार्ट से करती है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी कई विजयें प्राप्त कीं और कला व साहित्य का संरक्षण किया, लेकिन समुद्रगुप्त की सैन्य विजयें अधिक व्यापक थीं। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में भूमिका निभाई।
प्रश्न 4: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: 1857 के विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। विद्रोह के बाद, 1858 में भारत सरकार अधिनियम द्वारा, गवर्नर-जनरल के पद को वायसराय के पद में बदल दिया गया, और लॉर्ड कैनिंग ही भारत के पहले वायसराय बने।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान ही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हुआ और भारत सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह से ठीक पहले गवर्नर-जनरल थे और उनकी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) को विद्रोह के कारणों में से एक माना जाता है। लॉर्ड लिटन 1876-1880 तक वायसराय रहे और लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल के विभाजन के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 5: ऋग्वैदिक काल में ‘असूर्या’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता था?
- युद्ध का देवता
- पशुओं का देवता
- सूर्य की पुत्री
- धन का देवता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: ऋग्वैदिक काल में ‘असूर्या’ शब्द का प्रयोग सूर्य की पुत्री के लिए किया जाता था, विशेष रूप से सूर्य की किरणों या प्रकाश के संदर्भ में।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद में प्रकृति की शक्तियों की पूजा की जाती थी और कई देवियों को सूर्य से जोड़ा गया था। ‘असूर्या’ का तात्पर्य ‘जिसका कोई सूर्य न हो’ या ‘सूर्य के बिना’ भी हो सकता है, लेकिन इसका मुख्य संबंध सूर्य की शक्ति और प्रकाश से था।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद में इंद्र युद्ध का देवता, पशुपति पशुओं का देवता (बाद में विकसित), और विष्णु या धन से संबंधित अन्य देवता थे।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- देवराय द्वितीय
- हरिहर और बुक्का
- वीर नरसिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का प्रारंभ में वारंगल के काकतीय राजाओं के सामंत थे, और बाद में उन्होंने दक्षिण में तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर शहर की स्थापना की। यह साम्राज्य अपनी शक्ति, समृद्धि और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हुआ।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय द्वितीय और वीर नरसिंह भी विजयनगर के महत्वपूर्ण शासक रहे हैं।
प्रश्न 7: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद किसके शासनकाल में थी?
- अकबर
- शिवाजी
- शाहजहाँ
- कृष्ण देवराय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज के शासनकाल की मंत्रिपरिषद थी।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में आठ मंत्री होते थे, जिनमें से प्रत्येक का एक विशिष्ट विभाग होता था। इनमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धार्मिक मामले), न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) और पुरोहित (राजपुरोहित) शामिल थे। यह व्यवस्था कुशल प्रशासन सुनिश्चित करती थी।
- गलत विकल्प: अकबर के शासनकाल में ‘नवरत्न’ थे, जो विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान थे। शाहजहाँ और कृष्ण देवराय के शासनकाल में भी मंत्रीगण होते थे, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी की विशिष्ट व्यवस्था थी।
प्रश्न 8: भारत में पहली बार डाक टिकट किसने जारी किया?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड क्लाइव
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: भारत में पहली बार डाक टिकट लॉर्ड डलहौजी के शासनकाल में 1854 में जारी किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डलहौजी ने भारत में संचार और परिवहन के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डाक टिकटों का प्रचलन इसी का एक हिस्सा था, जिसने डाक सेवाओं को अधिक व्यवस्थित और कुशल बनाया। यह एशिया का पहला डाक टिकट था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1833 के चार्टर अधिनियम के तहत भारत के पहले गवर्नर-जनरल बने और सती प्रथा जैसी कुरीतियों को समाप्त करने में भूमिका निभाई। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड क्लाइव ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव थे, जो बंगाल के गवर्नर थे।
प्रश्न 9: सिन्धु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंध का नखलिस्तान’ (Garden of Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंध का नखलिस्तान’ या ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिन्धु नदी के किनारे स्थित एक अत्यंत महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यह अपनी सुनियोजित नगर योजना, विशाल स्नानागार (Great Bath) और कास्य की नर्तकी की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। ‘सिंध का नखलिस्तान’ इसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सिन्धु क्षेत्र में एक हरा-भरा और समृद्ध स्थल था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सिन्धु घाटी सभ्यता का एक और महत्वपूर्ण स्थल है, जो रावी नदी के तट पर स्थित था। लोथल गुजरात में स्थित एक बंदरगाह शहर था। कालीबंगा राजस्थान में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है।
प्रश्न 10: 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना कहाँ हुई थी?
- लखनऊ
- ढाका
- अलीगढ़
- लाहौर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसंबर, 1906 को ढाका (वर्तमान बांग्लादेश) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: आगा खान तृतीय, नवाब वक़ार-उल-मुल्क और नवाब मोहमदेन मुश्ताक हुसैन (चांदनी चौक, दिल्ली) के नेतृत्व में, ब्रिटिश सरकार के प्रति अपनी वफादारी की घोषणा करते हुए और भारत में मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करने के उद्देश्य से इस लीग की स्थापना की गई थी।
- गलत विकल्प: लखनऊ मुस्लिम लीग के कुछ महत्वपूर्ण अधिवेशनों का स्थल रहा है, जैसे 1916 का लखनऊ समझौता। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय सर सैयद अहमद खान को जाता है, जिन्होंने अलीगढ़ आंदोलन का नेतृत्व किया। लाहौर भी महत्वपूर्ण शहर रहा है, लेकिन मुस्लिम लीग की स्थापना ढाका में हुई थी।
प्रश्न 11: किस वेद में गायत्री मंत्र का उल्लेख है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: गायत्री मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद में है।
- संदर्भ और विस्तार: गायत्री मंत्र, जो ‘ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्’ है, को ऋग्वेद के तीसरे मंडल में विश्वामित्र द्वारा रचित माना जाता है। यह सूर्य देव (सवितृ) को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र मंत्र है।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों और मंत्रों का विवरण है। सामवेद भारतीय शास्त्रीय संगीत का मूल माना जाता है और इसमें यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्र हैं। अथर्ववेद में जादू-टोना, तंत्र-मंत्र और चिकित्सा से संबंधित श्लोक हैं।
प्रश्न 12: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण कार्य किस शासक ने शुरू करवाया था?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: कुतुब मीनार का निर्माण कार्य दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 ईस्वी में शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: ऐबक ने इसका निर्माण प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में शुरू करवाया था। उन्होंने मीनार की पहली मंजिल का निर्माण करवाया था। बाद में, इल्तुतमिश ने इसमें तीन और मंजिलें जुड़वाईं और फिरोज शाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल का जीर्णोद्धार करवाया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने निर्माण कार्य जारी रखा, लेकिन शुरुआत ऐबक ने की थी। अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद बिन तुगलक बाद के शासक थे।
प्रश्न 13: अवध का अंतिम नवाब कौन था?
- शौकत अली
- नवाब वाजिद अली शाह
- नवाब आसफउद्दौला
- नवाब शुजाउद्दौला
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: अवध का अंतिम नवाब नवाब वाजिद अली शाह था।
- संदर्भ और विस्तार: 1856 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने कुशासन के बहाने अवध को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया, और नवाब वाजिद अली शाह को गद्दी से हटा दिया गया। वे अपनी कला, संगीत और नृत्य के प्रति प्रेम के लिए जाने जाते थे।
- गलत विकल्प: शौकत अली चौरी-चौरा कांड से जुड़े थे। नवाब आसफउद्दौला ने लखनऊ में इमामबाड़ा बनवाया था। नवाब शुजाउद्दौला ने बक्सर के युद्ध में भाग लिया था।
प्रश्न 14: भारत छोड़ो आंदोलन किस वर्ष शुरू हुआ था?
- 1940
- 1941
- 1942
- 1943
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त, 1942 को मुंबई (तब बम्बई) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में शुरू हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था, जिसे महात्मा गांधी ने दिया था। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना और भारत को स्वतंत्रता दिलाना था। इस आंदोलन के दौरान कई प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
- गलत विकल्प: 1940 में अगस्त प्रस्ताव आया था। 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह चल रहा था। 1942 में ही यह आंदोलन शुरू हुआ था।
प्रश्न 15: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी, और इसने फ्रांस के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ ला दिया।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांस में राजशाही, सामंतवाद और अभिजात वर्ग के विशेषाधिकारों के खिलाफ एक सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल थी। बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) को क्रांति का प्रतीक माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप फ्रांसीसी गणराज्य की स्थापना हुई और इसने दुनिया भर में उदारवाद और राष्ट्रवाद के विचारों को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा हुई थी। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसने नेपोलियन के शासन का अंत किया। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।
प्रश्न 16: हड़प्पा सभ्यता की लिपि किस प्रकार की थी?
- चित्रमय
- ब्राह्मी
- खरोष्ठी
- देवनागरी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: हड़प्पा सभ्यता की लिपि चित्रमय (Pictographic) थी, जिसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पाकालीन लिपि में लगभग 400 से 600 तक के चित्र या प्रतीक मिलते हैं, जो मुहरों, मिट्टी के बर्तनों और तांबे की पट्टिकाओं पर पाए गए हैं। इसे दाएं से बाएं लिखी जाने वाली लिपि माना जाता है। इसके अनपढ़ होने के कारण हड़प्पा सभ्यता के बारे में हमारी जानकारी मुख्य रूप से पुरातात्विक साक्ष्यों पर निर्भर करती है।
- गलत विकल्प: ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपियाँ भारत में बाद के काल में विकसित हुईं। देवनागरी लिपि का विकास बहुत बाद में हुआ, जिसका प्रयोग आज हिंदी और कई अन्य भारतीय भाषाओं के लिए किया जाता है।
प्रश्न 17: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) प्रणाली को किसने लागू किया?
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: सहायक संधि प्रणाली को लॉर्ड वेलेजली ने लागू किया था, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, भारतीय शासक अपने राज्य में एक ब्रिटिश सेना रखने के लिए सहमत होते थे और इसके लिए उन्हें कंपनी को भुगतान करना पड़ता था। वे अपनी सेना नहीं रख सकते थे और किसी अन्य यूरोपीय शक्ति के साथ संबंध नहीं रख सकते थे। इस संधि के माध्यम से ब्रिटिश कंपनी ने भारतीय राज्यों पर अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस को स्थायी बंदोबस्त के लिए जाना जाता है। लॉर्ड बेंटिंक ने सती प्रथा का उन्मूलन किया। लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत लागू किया।
प्रश्न 18: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?
- ऋषभदेव
- पार्श्वनाथ
- महावीर
- अजितनाथ
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे, जिन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: जैन धर्म के अनुसार, ऋषभदेव ने समाज को संगठित किया और लोगों को जीवन जीने के तरीके सिखाए। वे जैन धर्म के पहले आध्यात्मिक शिक्षक थे। वेदों और पुराणों में भी उनका उल्लेख मिलता है।
- गलत विकल्प: पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे, और महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। अजितनाथ चौथे तीर्थंकर थे।
प्रश्न 19: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना कब और किसने की थी?
- 1866, दादाभाई नौरोजी
- 1875, सुरेंद्रनाथ बनर्जी
- 1885, ए.ओ. ह्यूम
- 1906, लाला लाजपत राय
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मुख्य उद्देश्य भारत के प्रति ब्रिटिश जनता में जागरूकता बढ़ाना और भारत की समस्याओं को ब्रिटिश संसद के सामने रखना था। दादाभाई नौरोजी को ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने 1876 में इंडियन एसोसिएशन की स्थापना की। ए.ओ. ह्यूम ने 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। लाला लाजपत राय भी कांग्रेस के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा शहर ‘मेगास्थनीज’ की पुस्तक ‘इंडिका’ में वर्णित नहीं है?
- पाटलिपुत्र
- वैशाली
- कौशांबी
- गजनी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: गजनी (जो आधुनिक अफगानिस्तान में है) का उल्लेख मेगास्थनीज की पुस्तक ‘इंडिका’ में नहीं मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: मेगास्थनीज, एक यूनानी राजदूत, चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था और उसने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में मौर्य साम्राज्य, विशेष रूप से पाटलिपुत्र (उसकी राजधानी) के बारे में विस्तृत वर्णन किया है। उसने भारतीय समाज, प्रशासन और भूगोल का भी वर्णन किया। वैशाली और कौशांबी उस समय के महत्वपूर्ण शहर थे और संभवतः उसका उल्लेख उनके बारे में रहा होगा, लेकिन गजनी उस साम्राज्य का हिस्सा नहीं था जिस पर उसने ध्यान केंद्रित किया था।
- गलत विकल्प: पाटलिपुत्र मौर्य साम्राज्य की राजधानी थी और ‘इंडिका’ का मुख्य केंद्र था। वैशाली और कौशांबी उस समय महत्वपूर्ण राज्य और शहर थे। गजनी भारत के पश्चिम में एक अलग क्षेत्र था।
प्रश्न 21: ‘अकबरनामा’ किसने लिखा था?
- अबुल फजल
- फैजी
- बदायूँनी
- अब्दुल रहीम खान-ए-खाना
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: ‘अकबरनामा’ मुगल सम्राट अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फजल ने लिखा था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अकबर के जीवन, शासनकाल और नीतियों का विस्तृत वृत्तांत प्रस्तुत करता है। यह फारसी भाषा में लिखा गया है और इसमें अकबर के साम्राज्य, प्रशासन, युद्धों और सांस्कृतिक पहलुओं का गहन विश्लेषण मिलता है। इसे मुगल काल के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रंथों में से एक माना जाता है।
- गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई था और वह भी अकबर के दरबार में एक प्रमुख विद्वान था। बदायूँनी ने ‘मुंतखाब-उत-तवारीख’ लिखा, जो अकबर के शासनकाल का एक आलोचनात्मक विवरण है। अब्दुल रहीम खान-ए-खाना एक महान कवि और अकबर के संरक्षक थे।
प्रश्न 22: कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
- नागपुर अधिवेशन, 1929
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में, जो 1929 में हुआ था, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस अब डोमिनियन स्टेटस की मांग नहीं करेगी, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य की ओर बढ़ेगी। 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1920) असहयोग आंदोलन से संबंधित था। नागपुर अधिवेशन (1929) के बारे में कोई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना नहीं है, जबकि लाहौर अधिवेशन 1929 में हुआ था। कराची अधिवेशन (1931) में गांधी-इरविन समझौते पर चर्चा हुई और मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित हुआ।
प्रश्न 23: ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ का तात्कालिक कारण क्या था?
- पोलैंड पर जर्मनी का आक्रमण
- जापान का पर्ल हार्बर पर हमला
- हिटलर का सत्ता में आना
- ट्रिगर प्रथम विश्व युद्ध
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 1 सितंबर, 1939 को पोलैंड पर जर्मनी का आक्रमण था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आक्रमण के जवाब में, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी, जिससे यूरोप में युद्ध की शुरुआत हुई। युद्ध के दूरगामी कारण थे, जैसे वर्साय की संधि की कठोर शर्तें, राष्ट्र संघ की विफलता, फासीवाद और नाजीवाद का उदय, और विस्तारवादी नीतियां।
- गलत विकल्प: जापान का पर्ल हार्बर पर हमला दिसंबर 1941 में हुआ था, जिसने अमेरिका को युद्ध में शामिल किया। हिटलर का सत्ता में आना (1933) युद्ध के कारणों में से एक था, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं। प्रथम विश्व युद्ध के कारण द्वितीय विश्व युद्ध हुआ, लेकिन वह तात्कालिक कारण नहीं था।
प्रश्न 24: प्रसिद्ध ‘नवरत्न’ किसके दरबार की शोभा बढ़ाते थे?
- शाहजहाँ
- अकबर
- समुद्रगुप्त
- हर्षवर्धन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: प्रसिद्ध ‘नवरत्न’ मुगल सम्राट अकबर के दरबार की शोभा बढ़ाते थे।
- संदर्भ और विस्तार: ये नौ रत्न विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान, कलाकार और विशेषज्ञ थे, जिन्होंने अकबर के शासनकाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें अबुल फजल, फैजी, तानसेन, बीरबल, राजा टोडरमल, राजा मान सिंह, अब्दुल रहीम खान-ए-खाना, मुल्ला दो-प्याजा और हकीम हम्माम शामिल थे।
- गलत विकल्प: शाहजहाँ कला और वास्तुकला के संरक्षण के लिए जाने जाते थे। समुद्रगुप्त प्राचीन भारत के एक महान शासक थे। हर्षवर्धन भी एक प्रतापी राजा थे जिन्होंने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया था।
प्रश्न 25: किस युद्ध के बाद भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया और भारत सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया?
- बक्सर का युद्ध
- प्लासी का युद्ध
- पानीपत का तीसरा युद्ध
- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सहीता: बक्सर के युद्ध (1764) के बाद, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनीतिक शक्ति बहुत बढ़ गई और कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्राप्त हुए। हालांकि, 1857 के विद्रोह के बाद, 1858 में भारत सरकार अधिनियम द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर दिया गया और भारत सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया। इसलिए, प्रश्न के संदर्भ में, 1857 के विद्रोह को ब्रिटिश ताज के शासन की शुरुआत का महत्वपूर्ण कारण माना जाता है, न कि कोई विशेष युद्ध। लेकिन यदि विकल्पों में से चुनना हो तो प्रश्न की भाषा थोड़ी भ्रामक है। सबसे नज़दीकी संदर्भ में, बक्सर के युद्ध ने कंपनी की राजनीतिक शक्ति की नींव रखी, जिससे अंततः ताज का शासन संभव हुआ। लेकिन स्पष्ट रूप से, 1857 के विद्रोह के बाद ही यह परिवर्तन हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: बक्सर का युद्ध (1764) अंग्रेजों के लिए निर्णायक था, जिसने उन्हें पूर्वी भारत में वास्तविक शक्ति के रूप में स्थापित किया। प्लासी का युद्ध (1757) ने सत्ता परिवर्तन की शुरुआत की थी। पानीपत का तीसरा युद्ध (1761) मराठों और अहमद शाह अब्दाली के बीच हुआ था। प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (1845-46) सिखों और अंग्रेजों के बीच हुआ था। प्रश्न का आशय 1857 के विद्रोह से है, जिसे दिए गए विकल्पों में से सबसे प्रभावी ढंग से संबोधित करने वाला कारण बक्सर का युद्ध है जिसने कंपनी की शक्ति को बढ़ाया। (लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रत्यक्ष ब्रिटिश ताज शासन 1857 के बाद ही शुरू हुआ।)
- गलत विकल्प: प्लासी के युद्ध ने ईस्ट इंडिया कंपनी के राजनीतिक नियंत्रण की शुरुआत की। पानीपत का तीसरा युद्ध मराठा शक्ति को कमजोर करने वाला था। प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध से पंजाब पर कंपनी का प्रभाव बढ़ा।