इतिहास मंथन: परीक्षा के लिए 25 सवाल
आइए, आज समय के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा पर चलें! ज्ञान की अपनी मशाल जलाइए और इतिहास के विशाल सागर से चुने गए इन 25 गूढ़ प्रश्नों के उत्तर देकर अपनी तैयारी का लोहा मनवाइए। हर सवाल एक नया अध्याय खोलेगा, और हर जवाब आपकी समझ को निखारेगा!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल से जल-निकासी प्रणाली का उत्कृष्ट उदाहरण मिला है?
- लोथल
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- कालीबंगन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसे ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था और अपनी सुनियोजित शहरी संरचना, विशेष रूप से उन्नत जल-निकासी प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ बड़े स्नानागार, घर-घर तक पानी पहुँचाने की व्यवस्था और सार्वजनिक शौचालय के अवशेष मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो में हर घर में एक स्नानागार और शौचालय होता था, जो पक्की ईंटों से निर्मित होता था और मुख्य सीवर लाइन से जुड़ा होता था। यह उस समय की इंजीनियरिंग का एक अद्भुत उदाहरण है।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, हड़प्पा पहला स्थल था जहाँ सभ्यता की खोज हुई, और कालीबंगन में जुते हुए खेत के प्रमाण मिले, लेकिन जल-निकासी प्रणाली का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण मोहनजोदड़ो में ही है।
प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘गोपति’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया जाता था?
- भूमि का स्वामी
- पशुओं का स्वामी
- ग्राम का मुखिया
- राष्ट्र का प्रमुख
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ऋग्वैदिक काल में, जहाँ अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पशुपालन पर आधारित थी, ‘गोपति’ शब्द का प्रयोग ‘पशुओं के स्वामी’ या ‘गौधन के रक्षक’ के लिए किया जाता था। गायों को उस समय बहुत महत्व दिया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: ‘गो’ का अर्थ गाय या पशुधन होता है, और ‘पति’ का अर्थ स्वामी या रक्षक। इसलिए, गोपति का सीधा अर्थ पशुधन का स्वामी होता था। यह उपाधि अक्सर युद्धों और संसाधनों के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों को दी जाती थी।
- गलत विकल्प: भूमि का स्वामित्व उतना महत्वपूर्ण नहीं था जितना कि पशुधन का। ग्राम का मुखिया ‘ग्रामणी’ कहलाता था, और राष्ट्र का प्रमुख ‘राजन’ कहलाता था।
प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘एग्रोनोमोई’ (Agronomoi) का क्या कार्य था?
- सड़कों का निर्माण
- राजस्व एकत्र करना
- जनगणना और नाप-तौल का निरीक्षण
- न्याय व्यवस्था का संचालन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मेगास्थनीज के इंडिका के अनुसार, मौर्य काल में नगरों में नियुक्त अधिकारी ‘एग्रोनोमोई’ (स्थानीय अधिकारियों का एक समूह) जनसंख्या, व्यवसायों, नाप-तौल, और अन्य नागरिक मामलों की देखरेख करते थे। यह एक प्रकार से नगर प्रशासन का हिस्सा था।
- संदर्भ और विस्तार: ये अधिकारी एक प्रकार से नगरपालिका मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करते थे। वे न केवल जनगणना करते थे बल्कि यह भी सुनिश्चित करते थे कि व्यापार और वाणिज्य निष्पक्ष हो, जिसमें नाप-तौल और गुणवत्ता का नियंत्रण शामिल था।
- गलत विकल्प: सड़कों का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग (जैसे ‘पथिक’ या ‘सूत्रधार’) द्वारा किया जाता था। राजस्व एकत्र करने का कार्य ‘समाहर्ता’ और ‘सन्निधाता’ जैसे अधिकारी करते थे। न्याय व्यवस्था का संचालन ‘न्यायिक’ अधिकारी करते थे।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन गुप्तकालीन साहित्यकार ‘महाकवि’ के रूप में प्रसिद्ध था?
- विशाखदत्त
- शुद्रक
- कालिदास
- दंडी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कालिदास को भारत का शेक्सपियर भी कहा जाता है और वे गुप्त काल के सबसे महान कवियों और नाटककारों में से एक थे। उनकी रचनाओं में ‘मेघदूतम्’, ‘कुमारसंभवम्’, ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ आदि प्रमुख हैं, जिन्हें अत्यंत उच्च कोटि का माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास को उनके काव्यात्मक सौंदर्य, भावपूर्ण चित्रण और संस्कृत भाषा पर असाधारण पकड़ के लिए जाना जाता है। उनकी रचनाओं ने भारतीय साहित्य और कला को गहराई से प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ की रचना की, शुद्रक ने ‘मृच्छकटिकम्’ की, और दंडी ने ‘दशकुमारचरितम्’ की रचना की, ये सभी महत्वपूर्ण साहित्यकार थे, लेकिन ‘महाकवि’ की उपाधि और ख्याति कालिदास के साथ सर्वोपरि जुड़ी है।
प्रश्न 5: चोल साम्राज्य का प्रसिद्ध नौसैनिक अभियान किस क्षेत्र पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया था?
- श्रीलंका
- मालदीव
- दक्षिण-पूर्व एशिया (श्रीविजय/सुमात्रा)
- दक्षिण भारत के पल्लव
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चोल साम्राज्य, विशेष रूप से राजा राजराज प्रथम और राजेंद्र प्रथम के शासनकाल में, एक शक्तिशाली नौसेना के लिए जाना जाता था। उनके नौसैनिक अभियानों का एक प्रमुख उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया, विशेषकर श्रीविजय (आधुनिक इंडोनेशिया का सुमात्रा) के समुद्री व्यापार मार्गों पर नियंत्रण स्थापित करना था।
- संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र चोल प्रथम ने 11वीं शताब्दी में श्रीविजय साम्राज्य पर एक बड़ा नौसैनिक हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप चोलों का प्रभाव क्षेत्र दक्षिण-पूर्व एशिया तक फैल गया। इस अभियान ने चोलों को एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित किया।
- गलत विकल्प: चोलों ने श्रीलंका पर भी कई बार आक्रमण किया और विजय प्राप्त की, लेकिन दक्षिण-पूर्व एशिया पर नियंत्रण उनके नौसैनिक अभियानों का एक अधिक विशिष्ट और महत्वाकांक्षी लक्ष्य था। मालदीव को भी उनके प्रभाव में लाया गया था, लेकिन दक्षिण-पूर्व एशिया एक बड़ा और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र था।
प्रश्न 6: बहमनी सल्तनत के किस शासक ने अहमदनगर को राजधानी बनाया?
- अलाउद्दीन बहमन शाह
- मुहम्मद शाह प्रथम
- हुसैन शाह वली
- निजाम शाह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बहमनी सल्तनत के इतिहास में, हुसैन शाह वली को अहमदनगर को अपनी राजधानी बनाने का श्रेय दिया जाता है। हालाँकि, अहमदनगर की नींव रखने का श्रेय मलिक अहमद बहरी को जाता है, जो बहमनी सल्तनत के विघटन के बाद अहमदनगर सल्तनत का संस्थापक बना। हुसैन शाह वली ने शहर के विकास और उसे राजधानी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: बहमनी सल्तनत के अंतिम दौर में, जब सल्तनत का विघटन हो रहा था, अहमदनगर एक प्रमुख राजनीतिक केंद्र के रूप में उभरा। हुसैन शाह वली ने शहर को किलेबंद किया और उसे सल्तनत की प्रशासनिक राजधानी के रूप में विकसित किया।
- गलत विकल्प: अलाउद्दीन बहमन शाह बहमनी सल्तनत के संस्थापक थे। मुहम्मद शाह प्रथम एक सक्षम शासक थे, लेकिन राजधानी निर्माण से सीधे नहीं जुड़े। निजामशाह अहमदनगर सल्तनत के शासक थे, बहमनी सल्तनत के नहीं।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र पितामह’ कहा जाता था?
- कृष्ण देवराय
- देवराय प्रथम
- बुक्का प्रथम
- वीर नरसिंह
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्ण देवराय को ‘आंध्र पितामह’ की उपाधि से विभूषित किया गया था। यह उपाधि उनकी तेलुगु साहित्य और संस्कृति के प्रति अत्यधिक अनुराग और संरक्षण के कारण दी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय स्वयं एक कुशल विद्वान और कवि थे, और उनकी तेलुगु रचना ‘आमुक्तमाल्यदा’ को तेलुगु साहित्य का रत्न माना जाता है। उन्होंने तेलुगु कवियों और विद्वानों को उदारतापूर्वक संरक्षण दिया, जिससे तेलुगु साहित्य का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- गलत विकल्प: देवराय प्रथम और बुक्का प्रथम भी महत्वपूर्ण शासक थे जिन्होंने विजयनगर साम्राज्य का विस्तार किया, लेकिन ‘आंध्र पितामह’ की उपाधि विशेष रूप से कृष्ण देवराय से जुड़ी है। वीर नरसिंह विजयनगर के तुलुव राजवंश के संस्थापक थे।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से इसका नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- नाना साहिब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर शहर से विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहिब ने किया था। उन्होंने विद्रोहियों की सेना का नेतृत्व किया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- संदर्भ और विस्तार: नाना साहिब को अंग्रेजों द्वारा उनकी पेंशन रोकने और उन्हें कानपुर छोड़ने का आदेश देने के बाद विद्रोह में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया था। उन्होंने कानपुर के आसपास के क्षेत्रों में अपनी सेनाओं को संगठित किया और सफलतापूर्वक अंग्रेजों को पीछे धकेला, हालांकि अंततः उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से, और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से नेतृत्व किया था।
प्रश्न 9: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- फैजपुर अधिवेशन, 1936
- रामगढ़ अधिवेशन, 1940
- मुंबई (गोवालिया टैंक) अधिवेशन, 1942
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को मुंबई (तब बॉम्बे) के गोवालिया टैंक मैदान में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पारित किया गया था। इसी अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: द्वितीय विश्व युद्ध में भारत के योगदान के बदले स्वतंत्रता की मांग को लेकर यह आंदोलन शुरू किया गया था। अंग्रेजों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गांधीजी सहित प्रमुख कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, जिससे आंदोलन को एक बड़ा झटका लगा, लेकिन यह व्यापक जन आंदोलन में बदल गया।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी। फैजपुर अधिवेशन ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित पहला अधिवेशन था। रामगढ़ अधिवेशन में व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रस्ताव पारित हुआ था।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से किस वायसराय के कार्यकाल में भारत में पहली बार रेलगाड़ी चलाई गई?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारत में पहली रेलगाड़ी का संचालन लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में 16 अप्रैल 1853 को हुआ था। यह ट्रेन बंबई (अब मुंबई) से ठाणे तक चलाई गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डलहौजी, जो 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे, को भारतीय रेलवे के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ब्रिटिश भारत में रेलवे, डाक और टेलीग्राफ जैसी आधुनिक संचार और परिवहन प्रणालियों के विकास को बढ़ावा दिया, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासनिक और आर्थिक हितों को साधने के साथ-साथ भारतीय उपमहाद्वीप को जोड़ना भी था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड लिटन के कार्यकाल में इल्बर्ट बिल विवाद हुआ था, और लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 11: 1905 में बंगाल विभाजन की घोषणा किस वायसराय ने की थी?
- लॉर्ड हार्डिंग
- लॉर्ड मिंटो द्वितीय
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा लॉर्ड कर्जन ने की थी, जो उस समय भारत के वायसराय थे। यह विभाजन प्रशासनिक सुविधा के बहाने किया गया था, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को कमजोर करना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाजन ने पूर्वी बंगाल (आधुनिक बांग्लादेश) और पश्चिम बंगाल (भारत) को अलग कर दिया। इस निर्णय का देशव्यापी विरोध हुआ, जिसने स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन को जन्म दिया, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
- गलत विकल्प: लॉर्ड हार्डिंग ने दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया। लॉर्ड मिंटो द्वितीय के शासनकाल में मार्ले-मिंटो सुधार आए, और लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल में रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस वेद को ‘भारतीय संगीत का मूल’ कहा जाता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सामवेद को भारतीय संगीत का मूल माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से ऋग्वेद के मंत्रों को गेय रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो यज्ञों के अवसर पर गाए जाते थे।
- संदर्भ और विस्तार: सामवेद के मंत्रों को ‘साम’ कहा जाता है और इन्हें विशेष ‘साम गान’ शैली में गाया जाता है। इसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत के स्वर, ताल और रागादि की नींव देखने को मिलती है, जिससे यह संगीत सिद्धांत के अध्ययन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है जिसमें देवताओं की स्तुति में श्लोक हैं। यजुर्वेद में यज्ञों के कर्मकांडों का वर्णन है, और अथर्ववेद में जादू-टोना, चिकित्सा और दैनिक जीवन से संबंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 13: ‘अमुक्तमाल्यदा’ के लेखक कौन थे, जिसकी रचना कृष्ण देवराय ने की थी?
- अल्लसानी पेद्दाना
- तिनाली राम कृष्ण
- कृष्ण देवराय
- पेड्डेना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अमुक्तमाल्यदा’ (या ‘विष्णुचित्त चरितम्’) तेलुगु साहित्य की एक उत्कृष्ट कृति है, जिसके लेखक स्वयं विजयनगर साम्राज्य के महान शासक कृष्ण देवराय थे। यह भगवद-भक्त विष्णुचित्त और उनकी दत्तक पुत्री गोदा (आंडाल) की कहानी पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह विजयनगर काल के तेलुगु साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और इसमें भक्ति, प्रेम और दर्शन का सुंदर मिश्रण है। कृष्ण देवराय ने इस ग्रंथ की रचना को अपनी सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक उपलब्धि माना।
- गलत विकल्प: अल्लसानी पेद्दाना कृष्ण देवराय के दरबारी कवि थे और उन्होंने ‘मनुचरितम्’ की रचना की थी। तिनाली राम कृष्ण भी एक प्रसिद्ध तेलुगु कवि थे। पेड्डेना भी तेलुगु कवि थे।
प्रश्न 14: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?
- एक राष्ट्र, एक नेता, एक भाग्य
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- सरकार जनता की, जनता द्वारा, जनता के लिए
- अधिकार नहीं, तो कोई नहीं
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1789 की फ्रांसीसी क्रांति का सबसे प्रमुख और प्रभावशाली नारा “लिबर्टे, एगैलिटी, फ्रैटर्निटी” (Liberté, égalité, fraternité) था, जिसका हिंदी अनुवाद “स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व” है।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है और आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। इसने दुनिया भर में स्वतंत्रता और समानता के आंदोलनों को प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: (a) एक राष्ट्र, एक नेता, एक भाग्य – यह नारा हिटलर के नाजीवाद से जुड़ा है। (c) सरकार जनता की, जनता द्वारा, जनता के लिए – यह नारा अब्राहम लिंकन द्वारा अमेरिकी लोकतंत्र को परिभाषित करने के लिए दिया गया था। (d) अधिकार नहीं, तो कोई नहीं – यह फ्रांसीसी क्रांति के समानांतर या उसके बाद के कुछ राजनीतिक सिद्धांतों से जुड़ा हो सकता है, लेकिन मुख्य नारा नहीं था।
प्रश्न 15: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) में कौन सा प्रमुख देश शामिल नहीं था?
- ग्रेट ब्रिटेन
- फ्रांस
- रूस
- संयुक्त राज्य अमेरिका
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में, संयुक्त राज्य अमेरिका तटस्थ था और उसने 1917 में युद्ध में प्रवेश किया। युद्ध के शुरुआती चरणों में, मित्र राष्ट्रों में मुख्य रूप से ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस और रूस (1917 तक) शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: युद्ध की प्रारंभिक अवस्था में, अमेरिका ने अपनी तटस्थता बनाए रखी, लेकिन जर्मन पनडुब्बियों द्वारा अमेरिकी जहाजों पर हमलों और ज़िमरमैन टेलीग्राम जैसी घटनाओं के बाद, वह मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में शामिल हुआ।
- गलत विकल्प: ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस और रूस (शुरुआत में) प्रथम विश्व युद्ध के दौरान प्रमुख मित्र राष्ट्र थे। तुर्की (ऑटोमन साम्राज्य) और ऑस्ट्रिया-हंगरी केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) में थे।
प्रश्न 16: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में की थी। यह एक संश्लेषणवादी धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों के तत्वों को शामिल करने का प्रयास किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर, जो सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु थे, का उद्देश्य सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच एकता स्थापित करना था। दीन-ए-इलाही में इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म आदि के विचारों का मिश्रण था, लेकिन इसे व्यापक रूप से स्वीकार्यता नहीं मिली और यह केवल कुछ ही लोगों तक सीमित रहा। बीरबल इस नए धर्म को स्वीकार करने वाले एकमात्र प्रमुख हिंदू थे।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस धर्म का पालन नहीं किया और न ही इसे आगे बढ़ाया।
प्रश्न 17: तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई.) किनके बीच हुआ था?
- मोहम्मद गोरी और पृथ्वीराज चौहान
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- अलाउद्दीन खिलजी और हम्मीर देव
- कुतुबुद्दीन ऐबक और जयचंद
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: तराइन का प्रथम युद्ध 1191 ई. में हुआ था, जिसमें मुहम्मद गोरी की हार हुई थी और उसने भारतीय शासक पृथ्वीराज चौहान (जिन्हें पृथ्वीराज तृतीय भी कहा जाता है) को पराजित नहीं किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की विजय ने तुर्की आक्रमण को कुछ समय के लिए रोक दिया। हालाँकि, अगले वर्ष (1192 ई.) तराइन के द्वितीय युद्ध में मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को निर्णायक रूप से पराजित कर दिया, जिसने भारत में तुर्की शासन की नींव रखी।
- गलत विकल्प: बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) हुआ था। अलाउद्दीन खिलजी और हम्मीर देव के बीच रणथंभौर का युद्ध हुआ था। कुतुबुद्दीन ऐबक ने जयचंद को चंदावर के युद्ध (1194) में हराया था।
प्रश्न 18: ‘राजतरंगिणी’ नामक ग्रंथ का लेखक कौन है, जिसमें कश्मीर का इतिहास वर्णित है?
- कल्हण
- पाणिनी
- विशाखदत्त
- हेमचंद्र
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘राजतरंगिणी’ (जिसका अर्थ है ‘राजाओं की नदी’) की रचना 12वीं शताब्दी में कश्मीरी पंडित कवि कल्हण ने की थी। यह ग्रंथ कश्मीर के राजाओं के इतिहास का एक व्यवस्थित विवरण प्रस्तुत करता है।
- संदर्भ और विस्तार: राजतरंगिणी प्राचीन भारत के इतिहास को समझने का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है, विशेषकर कश्मीर के इतिहास के संदर्भ में। कल्हण ने अपने लेखन में तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थितियों का भी उल्लेख किया है।
- गलत विकल्प: पाणिनी ने ‘अष्टाध्यायी’ की रचना की (व्याकरण पर), विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ की, और हेमचंद्र एक जैन विद्वान और लेखक थे।
प्रश्न 19: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उनके सैनिक विजयों और विशाल साम्राज्य के कारण दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) एक महान विजेता थे जिन्होंने उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को अपने अधीन किया और दक्षिण भारत में भी कई सफल अभियान चलाए। उनके इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त राजवंश के संस्थापक थे। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) भी एक महान शासक थे और उनके शासनकाल को गुप्त काल का स्वर्ण युग कहा जाता है, लेकिन ‘भारत का नेपोलियन’ उपाधि समुद्रगुप्त के लिए है। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 20: दक्षिण भारत में प्रसिद्ध ‘कोणार्क सूर्य मंदिर’ का निर्माण किस चोल शासक ने करवाया था?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलतुंग प्रथम
- विराजनरसिंह
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण वास्तव में एक कलिंग (ओडिशा) के राजा नरसिंह देव प्रथम (पूर्वी गंग राजवंश) द्वारा 13वीं शताब्दी में करवाया गया था, न कि किसी चोल शासक द्वारा। प्रश्न में संभावित त्रुटि है। यदि प्रश्न का उद्देश्य चोल शासक द्वारा बनवाए गए प्रसिद्ध मंदिर के बारे में पूछना है, तो वह तंजावुर का ‘बृहदेश्वर मंदिर’ है, जिसका निर्माण राजराज प्रथम ने करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर, जो राजराज प्रथम (985-1014 ई.) की कलात्मक और वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट मिसाल है, चोल वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। यह द्रविड़ वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
- गलत विकल्प: प्रश्न में दी गई जानकारी के अनुसार, दिए गए विकल्प चोल शासक हैं, लेकिन कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माता कोई चोल शासक नहीं था। राजेंद्र प्रथम ने गंगा घाटी में अभियान चलाया था। कुलतुंग प्रथम और विराजनरसिंह भी चोल शासक थे।
प्रश्न 21: ‘पुष्यभूति वंश’ के संस्थापक कौन थे?
- प्रभाकर वर्धन
- राज्य वर्धन
- हर्षवर्धन
- पुष्यभूति
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: पुष्यभूति वंश (जिसे वर्धन वंश भी कहा जाता है) के संस्थापक पुष्यभूति थे। यह वंश 6ठी शताब्दी ईस्वी में स्थापित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन था, जिसने 606 ई. से 647 ई. तक शासन किया और अपने साम्राज्य को उत्तरी भारत के बड़े हिस्से में विस्तृत किया। हर्षवर्धन एक महान प्रशासक, योद्धा और कला व साहित्य का संरक्षक था।
- गलत विकल्प: प्रभाकर वर्धन इस वंश के पहले महत्वपूर्ण शासक थे जिन्होंने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की। राज्यवर्धन प्रभाकर वर्धन के पुत्र थे। हर्षवर्धन वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक थे, लेकिन संस्थापक नहीं।
प्रश्न 22: 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस ऐतिहासिक अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) के लक्ष्य को कांग्रेस के आधिकारिक लक्ष्य के रूप में घोषित किया गया था। यहीं पर 31 दिसंबर 1929 को रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराया गया था और 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी 1924 के बेलगाम अधिवेशन के अध्यक्ष थे। सरदार पटेल 1931 के कराची अधिवेशन के अध्यक्ष थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद 1940 के रामगढ़ अधिवेशन के अध्यक्ष थे।
प्रश्न 23: किस मध्यकालीन भारतीय शासक ने ‘बाजार नियंत्रण’ की नीति लागू की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ई.) ने अपने राज्य में मूल्य नियंत्रण या बाजार नियंत्रण की एक कठोर नीति लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अपनी विशाल स्थायी सेना को कम वेतन पर बनाए रखने और आम जनता को खाद्यान्न आदि सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए, अलाउद्दीन खिलजी ने विभिन्न वस्तुओं के मूल्य निर्धारित किए थे और उनके उल्लंघन पर कठोर दंड का प्रावधान था। इसके लिए उसने ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक विभाग और ‘शहना-ए- मंडी’ जैसे अधिकारी नियुक्त किए थे।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश और बलबन पहले के दिल्ली सल्तनत के शासक थे जिनके शासनकाल में ऐसी नीतियां लागू नहीं की गईं। मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी कुछ अव्यवहारिक नीतियों के लिए जाना जाता है, लेकिन बाजार नियंत्रण उनकी प्रमुख नीति नहीं थी।
प्रश्न 24: ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ नामक पुस्तक किसने लिखी?
- महात्मा गांधी
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ (भारत की खोज) नामक प्रसिद्ध पुस्तक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक उन्होंने 1942-46 के दौरान अहमदनगर किले में अपनी जेल यात्रा के दौरान लिखी थी। यह भारत के इतिहास, संस्कृति, दर्शन और स्वतंत्रता संग्राम पर एक विस्तृत और मार्मिक विवेचन है। यह पुस्तक भारत की समृद्ध विरासत और भविष्य की दिशा को समझने में सहायक है।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘मेरी सत्यान्वेषण की कहानियाँ’ है। सरदार पटेल ने कोई ऐसी प्रसिद्ध पुस्तक नहीं लिखी। रवींद्रनाथ टैगोर एक महान कवि और लेखक थे, लेकिन ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ उनकी रचना नहीं है।
प्रश्न 25: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?
- सरोजिनी नायडू
- एनी बेसेंट
- राजकुमारी अमृत कौर
- इन्दिरा गांधी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट थीं, जिन्होंने 1917 में कोलकाता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: एनी बेसेंट आयरिश मूल की थीं और उन्होंने भारत में थियोसोफिकल सोसाइटी और होम रूल आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी अध्यक्षता ने कांग्रेस में महिलाओं की भागीदारी को एक नई दिशा दी।
- गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष थीं, जिन्होंने 1925 में कानपुर अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। राजकुमारी अमृत कौर स्वतंत्र भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री थीं। इन्दिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
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