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इतिहास मंथन: आज की निर्णायक परीक्षा

इतिहास मंथन: आज की निर्णायक परीक्षा

नमस्कार, प्रतियोगी साथियों! इतिहास की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ज्ञान को परखने का समय आ गया है। हर दिन, हम आपके लिए लाते हैं अतीत की उन अनमोल यादों और निर्णायक क्षणों से जुड़े प्रश्न, जो आपको परीक्षा में सफलता की ओर ले जाएंगे। आज के इस ऐतिहासिक सफर पर निकल पड़ें और देखें कि आप कितना जानते हैं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से अलंकृत ईंटों का प्रयोग पाया गया है?

  1. लोथल
  2. हड़प्पा
  3. मोहनजोदड़ो
  4. कालीबंगा

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कालीबंगा। राजस्थान में स्थित कालीबंगा (शाब्दिक अर्थ: काली चूड़ियाँ) पुरातात्विक स्थल से अलंकृत ईंटों के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं, जो संभवतः फर्श या दीवार को सजाने के लिए उपयोग की जाती थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ से जूते हुए खेत के साक्ष्य, सात अग्निकुंड, और अलंकृत ईंटों से बनी संरचनाएं मिली हैं। यह स्थल अपनी विशिष्ट पुरातात्विक खोजों के लिए जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहरी केंद्र थे जहाँ पकी ईंटों का व्यापक उपयोग हुआ, लेकिन अलंकृत ईंटों का विशिष्ट प्रयोग कालीबंगा से जुड़ा है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ ‘त्रिपिटक’ का हिस्सा नहीं है?

  1. विनय पिटक
  2. सुत्त पिटक
  3. अभिधम्म पिटक
  4. जातक कथाएँ

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: जातक कथाएँ। त्रिपिटक (शाब्दिक अर्थ: तीन टोकरियाँ) बौद्ध धर्म के पवित्र ग्रंथ हैं, जिनमें विनय पिटक (भिक्षुओं के लिए नियम), सुत्त पिटक (बुद्ध की शिक्षाएँ) और अभिधम्म पिटक (बौद्ध दर्शन) शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: जातक कथाएँ बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ हैं और सुत्त पिटक के भीतर एक भाग के रूप में पाई जाती हैं, लेकिन वे स्वयं त्रिपिटक का मुख्य विभाजन नहीं हैं। त्रिपिटक पाली भाषा में लिखे गए हैं।
  • गलत विकल्प: विनय पिटक, सुत्त पिटक, और अभिधम्म पिटक त्रिपिटक के तीन अभिन्न अंग हैं।

प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक अलग विभाग की स्थापना की?

  1. इल्तुतमिश
  2. अलाउद्दीन खिलजी
  3. मोहम्मद बिन तुगलक
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फिरोजशाह तुगलक। फिरोजशाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) ने दास (गुलाम) वर्ग के प्रबंधन के लिए ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विशेष विभाग की स्थापना की।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का उद्देश्य दासों की भर्ती, प्रशिक्षण और उन्हें विभिन्न शाही विभागों में नियुक्त करना था। तुगलक के समय में दासों की संख्या बहुत अधिक हो गई थी। उन्होंने कई अन्य लोक कल्याणकारी कार्य भी किए, जैसे नहरों का निर्माण, अस्पताल खोलना और जजिया कर लगाना।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 सरदारों का समूह) की स्थापना की, अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (अतिरिक्त राजस्व की वसूली) स्थापित किया, और मोहम्मद बिन तुगलक अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए जाने जाते हैं, लेकिन ‘दीवान-ए-बंदगान’ फिरोजशाह तुगलक से संबंधित है।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र भोज’ के नाम से भी जाना जाता है?

  1. बुक्का प्रथम
  2. कृष्णदेवराय
  3. देवराय द्वितीय
  4. राम राय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्णदेवराय। कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे और उन्हें ‘आंध्र भोज’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था, जो तेलुगु साहित्य और संस्कृति के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने तेलुगु में ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक महाकाव्य की रचना की। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने उड़ीसा के गजपति शासकों को हराया और एक मजबूत साम्राज्य का निर्माण किया।
  • गलत विकल्प: बुक्का प्रथम ने साम्राज्य को मजबूत किया, देवराय द्वितीय ने तेलुगु और कन्नड़ दोनों में रचनाएँ कीं, और राम राय ने तालीकोटा के युद्ध में साम्राज्य का नेतृत्व किया। लेकिन ‘आंध्र भोज’ की उपाधि कृष्णदेवराय की है।

प्रश्न 5: 1905 में बंगाल विभाजन किसके द्वारा किया गया था?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड मिंटो
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड कर्जन। लॉर्ड कर्जन, जो 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय थे, ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कर्जन ने प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए बंगाल का विभाजन किया, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को कमजोर करना और हिंदुओं व मुसलमानों को विभाजित करना था। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड मिंटो ने 1909 में मार्ले-मिंटो सुधार लाए, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा को समाप्त किया था।

प्रश्न 6: सम्राट अशोक के किस शिलालेख में कलिंग युद्ध के विनाशकारी प्रभाव और अशोक के हृदय परिवर्तन का उल्लेख है?

  1. पहला शिलालेख
  2. आठवां शिलालेख
  3. तेरहवां शिलालेख
  4. चौदहवां शिलालेख

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: तेरहवां शिलालेख। अशोक का तेरहवां शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के भयावह परिणामों का वर्णन करता है और बताता है कि कैसे इस युद्ध ने अशोक को बौद्ध धर्म अपनाने और शांति तथा धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: कलिंग युद्ध में हुई भारी जनहानि और पीड़ा को देखकर अशोक का हृदय द्रवित हो गया था। इस शिलालेख में उन्होंने अपने शत्रुओं के प्रति भी सहिष्णुता और करुणा की बात की है। यह शिलालेख अशोक की नीतियों में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है।
  • गलत विकल्प: पहला शिलालेख पशु बलि का निषेध करता है, आठवां शिलालेख धर्मयात्राओं का वर्णन करता है, और चौदहवां शिलालेख सभी शिलालेखों के विषय को सारांशित करता है।

प्रश्न 7: ‘फतूहात-ए-आलमगिरी’ का लेखक कौन था?

  1. ईश्वर दास नागर
  2. मोहम्मद काजिम
  3. खफी खान
  4. भानु कवि

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ईश्वर दास नागर। ‘फतूहात-ए-आलमगिरी’ (Fatuhat-i-Alamgiri) 17वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में औरंगजेब के शासनकाल का एक महत्वपूर्ण इतिहास है, जिसे ईश्वर दास नागर ने लिखा था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ औरंगजेब के शासनकाल की घटनाओं, उसकी नीतियों, और उसके प्रशासन का विस्तृत विवरण प्रदान करता है। ईश्वर दास नागर एक दरबारी इतिहासकार थे जिन्होंने प्रत्यक्षदर्शी के रूप में कई घटनाओं को देखा।
  • गलत विकल्प: मोहम्मद काजिम ने ‘आलमगीरनामा’ (औरंगजेब के शासनकाल के शुरुआती वर्षों का इतिहास) लिखा, खफी खान ने ‘मुंतखब-उल-लुबाब’ लिखा, और भानु कवि ने ‘रसिकाप्रिया’ जैसे ग्रंथ लिखे।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस घटना ने भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया और सीधे ब्रिटिश क्राउन का शासन स्थापित किया?

  1. 1857 का विद्रोह
  2. भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
  3. भारत सरकार अधिनियम, 1858
  4. भारत सरकार अधिनियम, 1909

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: भारत सरकार अधिनियम, 1858। 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश संसद ने भारत सरकार अधिनियम, 1858 पारित किया, जिसके द्वारा भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर दिया गया और भारत का शासन सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारत के लिए एक नए पद ‘वायसराय’ का सृजन किया, जो सीधे ब्रिटिश सम्राट का प्रतिनिधि होता था। इसने भारत परिषद की स्थापना की और ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों को भंग कर दिया।
  • गलत विकल्प: 1857 का विद्रोह इस परिवर्तन का कारण बना, लेकिन यह स्वयं अधिनियम नहीं था। भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 और 1909 के अधिनियम ने भारत में संवैधानिक सुधार किए, लेकिन कंपनी शासन को समाप्त नहीं किया।

प्रश्न 9: प्राचीन भारत में, ‘सप्तपर्णी गुफा’ में पहली बौद्ध संगीति का आयोजन किस राजा के संरक्षण में हुआ था?

  1. अशोक
  2. कालासोक
  3. अजातशत्रु
  4. कनिष्क

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अजातशत्रु। पहली बौद्ध संगीति (लगभग 483 ईसा पूर्व) मगध के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में आयोजित की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (धर्म) और भिक्षुओं के लिए नियमों (विनय) को संकलित करना था। बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद संघ के भीतर अनुशासन बनाए रखना भी इसका एक लक्ष्य था।
  • गलत विकल्प: अशोक तीसरी बौद्ध संगीति (पाटिलपुत्र में) के संरक्षक थे, कालासोक दूसरी बौद्ध संगीति (वैशाली में) के संरक्षक थे, और कनिष्क चौथी बौद्ध संगीति (कुंडलवन में) के संरक्षक थे।

  • प्रश्न 10: ‘गिल्टी एज’ (Guilty Age) के नाम से किस आंदोलन को जाना जाता है?

    1. प्रथम विश्व युद्ध
    2. द्वितीय विश्व युद्ध
    3. शीत युद्ध
    4. फ्रांस की क्रांति

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध। द्वितीय विश्व युद्ध को कभी-कभी ‘गिल्टी एज’ (Guilty Age) या ‘अपराध बोध का युग’ कहा जाता है, क्योंकि इस युद्ध के दौरान हुए अमानवीय अत्याचारों, नरसंहारों (जैसे होलोकॉस्ट), और विनाशकारी हथियारों के प्रयोग ने मानवता को गहरा सदमा पहुंचाया था।
    • संदर्भ और विस्तार: नाजी जर्मनी द्वारा यहूदियों का नरसंहार (होलोकॉस्ट) और हिरोशिमा व नागासाकी पर परमाणु बमों का गिराया जाना इस युग की सबसे भयावह घटनाओं में से हैं, जिन्होंने युद्ध के बाद विश्व समुदाय को सामूहिक जिम्मेदारी और मानवता के प्रति दायित्व का अहसास कराया।
    • गलत विकल्प: प्रथम विश्व युद्ध भी विनाशकारी था, लेकिन ‘गिल्टी एज’ शब्दावली द्वितीय विश्व युद्ध के व्यापक नैतिक और मानवीय संकट को अधिक सटीक रूप से दर्शाती है। शीत युद्ध एक वैचारिक और भू-राजनीतिक संघर्ष था, और फ्रांस की क्रांति एक महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन थी।

    प्रश्न 11: किस मुगल सम्राट ने ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था?

    1. अकबर
    2. जहांगीर
    3. शाहजहां
    4. औरंगजेब

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: औरंगजेब। मुगल सम्राट औरंगजेब (शासनकाल 1658-1707) ने 1679 में गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था, जिसे अकबर ने समाप्त कर दिया था।
    • संदर्भ और विस्तार: औरंगजेब को एक रूढ़िवादी मुस्लिम शासक माना जाता है, और जजिया को पुनः लागू करना उसकी धार्मिक नीतियों का हिस्सा था। इस कर को राज्य के संरक्षण के बदले गैर-मुस्लिमों से लिया जाता था। इसने साम्राज्य में कुछ असंतोष को जन्म दिया।
    • गलत विकल्प: अकबर ने सहिष्णुता की नीति अपनाई और जजिया को समाप्त कर दिया था। जहांगीर और शाहजहां ने भी इस कर को लागू नहीं किया था।

    प्रश्न 12: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?

    1. हुमायूं
    2. अकबर
    3. जहांगीर
    4. शाहजहां

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: अकबर। मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605) ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धर्मनिरपेक्ष पंथ की शुरुआत की थी।
    • संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच सद्भाव स्थापित करना और सभी के लिए एक सामान्य नैतिक और आध्यात्मिक मार्ग प्रदान करना था। इसमें विभिन्न धर्मों के तत्वों को शामिल किया गया था, और यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सार्वभौमिकता की खोज का प्रतीक था। हालांकि, यह बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
    • गलत विकल्प: हुमायूं, जहांगीर और शाहजहां ने दीन-ए-इलाही की शुरुआत नहीं की थी।

    प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संस्थापक सदस्य नहीं था?

    1. ए.ओ. ह्यूम
    2. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
    3. दादाभाई नौरोजी
    4. महात्मा गांधी

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: महात्मा गांधी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी, जबकि महात्मा गांधी 1893 में दक्षिण अफ्रीका गए और भारत में उनका राजनीतिक उदय बाद में हुआ। वे बाद में कांग्रेस के सबसे प्रमुख नेता बने, लेकिन संस्थापक सदस्य नहीं थे।
    • संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस के संस्थापक सदस्य ए.ओ. ह्यूम (एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी), दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैयबजी, और सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे प्रमुख भारतीय नेता थे।
    • गलत विकल्प: ए.ओ. ह्यूम कांग्रेस के संस्थापक थे। सुरेंद्रनाथ बनर्जी भारत के एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दादाभाई नौरोजी को ‘भारत का ग्रैंड ओल्ड मैन’ कहा जाता है और वे भी संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

    प्रश्न 14: ‘सन्यासी विद्रोह’ का संबंध किस राज्य से था?

    1. बंगाल
    2. बिहार
    3. उत्तर प्रदेश
    4. महाराष्ट्र

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: बंगाल। सन्यासी विद्रोह (लगभग 1763-1800) बंगाल में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ एक प्रमुख किसान विद्रोह था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस विद्रोह में संन्यासी, पूर्व सैनिक, और स्थानीय ग्रामीण शामिल थे। विद्रोह का मुख्य कारण कंपनी द्वारा तीर्थयात्रियों और धार्मिक साधुओं पर लगाए गए प्रतिबंध, बढ़ाए गए कर, और स्थानीय लोगों का उत्पीड़न था। बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास ‘आनंदमठ’ में इस विद्रोह का उल्लेख है।
    • गलत विकल्प: जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी विद्रोह हुए, सन्यासी विद्रोह का मुख्य केंद्र और सबसे तीव्र प्रभाव बंगाल में देखा गया था। महाराष्ट्र मराठा शक्ति का केंद्र था।

    प्रश्न 15: वर्ष 1917 में गुजरात के खेड़ा जिले में किसानों की सहायता के लिए गांधीजी द्वारा चलाए गए सत्याग्रह आंदोलन का क्या नाम था?

    1. असहयोग आंदोलन
    2. खेड़ा सत्याग्रह
    3. बारदोली सत्याग्रह
    4. चंपारण सत्याग्रह

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: खेड़ा सत्याग्रह। 1917-18 में गुजरात के खेड़ा जिले में फसलों के खराब होने के कारण किसानों पर लगाए गए भू-राजस्व को माफ कराने के लिए गांधीजी के नेतृत्व में खेड़ा सत्याग्रह चलाया गया था।
    • संदर्भ और विस्तार: यह गांधीजी का भारत में पहला असहयोग आंदोलन था, जिसमें उन्होंने किसानों से अपील की थी कि वे लगान तब तक न दें जब तक कि फसल का उचित मूल्यांकन न हो जाए। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • गलत विकल्प: चंपारण सत्याग्रह 1917 में बिहार में हुआ था। असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ, और बारदोली सत्याग्रह 1928 में गुजरात में हुआ था।

    प्रश्न 16: फ्रांस में ‘आतंक का राज’ (Reign of Terror) किस क्रांति का एक हिस्सा था?

    1. रूस की क्रांति
    2. फ्रांस की क्रांति
    3. औद्योगिक क्रांति
    4. अमेरिकी क्रांति

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: फ्रांस की क्रांति। फ्रांस की क्रांति (1789-1799) के दौरान, 1793-1794 की अवधि को ‘आतंक का राज’ (Reign of Terror) के रूप में जाना जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इस अवधि में मैक्सिमिलियन रोबेस्पिएर के नेतृत्व में क्रांतिकारी सरकार ने विरोधियों को कुचलने के लिए बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां कीं और सार्वजनिक फाँसी (गिलोटिन द्वारा) दी। इसका उद्देश्य क्रांति के दुश्मनों को खत्म करना और गणतंत्र की रक्षा करना था।
    • गलत विकल्प: रूस की क्रांति (1917), औद्योगिक क्रांति (18वीं-19वीं शताब्दी), और अमेरिकी क्रांति (1775-1783) अलग-अलग ऐतिहासिक घटनाएँ हैं जिनके अपने विशिष्ट काल और उद्देश्य थे।

    प्रश्न 17: दिल्ली सल्तनत में ‘दीवान-ए-आर्ज’ का क्या कार्य था?

    1. विदेश मामलों का मंत्रालय
    2. न्याय का मंत्रालय
    3. सैन्य विभाग
    4. राजस्व विभाग

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: सैन्य विभाग। दिल्ली सल्तनत में ‘दीवान-ए-आर्ज’ (Diwan-i-Arz) सैन्य विभाग का प्रमुख होता था।
    • संदर्भ और विस्तार: यह विभाग सेना की भर्ती, प्रशिक्षण, संगठन, और साज-सज्जा (समान) के लिए जिम्मेदार था। बलबन ने इस विभाग को मजबूत किया था और इसका मुखिया ‘आर्ज-ए-मुमालिक’ कहलाता था।
    • गलत विकल्प: विदेश मामलों से संबंधित विभाग ‘दीवान-ए-इंशा’ या ‘दीवान-ए-रसालत’ हो सकता था, न्याय से संबंधित ‘दीवान-उल-कजा’ और राजस्व से संबंधित ‘दीवान-ए-विजारत’ हो सकते थे।

    प्रश्न 18: 1920 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India – CPI) की स्थापना कहाँ हुई थी?

    1. दिल्ली
    2. मुंबई
    3. कानपुर
    4. ताशकंद

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: ताशकंद। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 1920 में ताशकंद (उस समय सोवियत संघ का हिस्सा) में एमएन रॉय, अबुल अबरार, मुहम्मद अली और अन्य लोगों द्वारा की गई थी।
    • संदर्भ और विस्तार: उस समय, भारत में कम्युनिस्ट गतिविधियों पर ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था, इसलिए पार्टी की स्थापना विदेश में हुई। बाद में, 1925 में कानपुर में भारत में पार्टी का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।
    • गलत विकल्प: दिल्ली, मुंबई और कानपुर प्रमुख भारतीय शहर हैं, लेकिन CPI की मूल स्थापना 1920 में ताशकंद में हुई थी।

    प्रश्न 19: ‘कौटिल्य’ का ‘अर्थशास्त्र’ मुख्य रूप से किस विषय पर केंद्रित है?

    1. राजनीतिक आचार संहिता
    2. युद्ध की रणनीतियाँ
    3. राज्य कला और शासन
    4. सामाजिक रीति-रिवाज

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: राज्य कला और शासन। कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य या विष्णुगुप्त भी कहा जाता है) द्वारा लिखित ‘अर्थशास्त्र’ एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो राज्य कला, कूटनीति, आर्थिक नीति, और शासन की कला पर गहनता से चर्चा करता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक राज्य के विभिन्न अंगों, राजा के कर्तव्यों, मंत्रियों की नियुक्ति, न्याय व्यवस्था, कर प्रणाली, जासूसी, और आर्थिक प्रबंधन जैसे विषयों का विस्तृत वर्णन करती है। इसे अक्सर मैकियावेली के ‘द प्रिंस’ के भारतीय समकक्ष के रूप में देखा जाता है।
    • गलत विकल्प: जबकि इसमें युद्ध की रणनीतियाँ और राजनीतिक आचार संहिता के कुछ पहलू शामिल हैं, इसका मुख्य फोकस संपूर्ण राज्य-प्रबंधन और शासन की कला है। यह सामाजिक रीति-रिवाजों पर विस्तृत रूप से केंद्रित नहीं है।

    प्रश्न 20: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) में कौन सा प्रमुख देश शामिल नहीं था?

    1. जर्मनी
    2. ऑस्ट्रिया-हंगरी
    3. तुर्की (ऑटोमन साम्राज्य)
    4. इटली

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: इटली। प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियाँ मुख्य रूप से जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की (ऑटोमन साम्राज्य) और बुल्गारिया थीं।
    • संदर्भ और विस्तार: इटली शुरुआत में केंद्रीय शक्तियों का सदस्य था, लेकिन उसने युद्ध शुरू होने के बाद तटस्थता की घोषणा कर दी और बाद में 1915 में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) के पक्ष में शामिल हो गया, जिन्हें युद्ध के अंत में विजय प्राप्त हुई।
    • गलत विकल्प: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की केंद्रीय शक्तियों के प्रमुख सदस्य थे।

    प्रश्न 21: ‘इबादतखाना’ का निर्माण किस मुगल सम्राट ने करवाया था?

    1. हुमायूं
    2. अकबर
    3. जहांगीर
    4. शाहजहां

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: अकबर। मुगल सम्राट अकबर ने फतेहपुर सीकरी में 1575 में ‘इबादतखाना’ (House of Worship) का निर्माण करवाया था।
    • संदर्भ और विस्तार: इबादतखाना एक सभा स्थल था जहाँ अकबर विभिन्न धर्मों के विद्वानों, संतों और धर्मगुरुओं को आमंत्रित करता था ताकि वे धार्मिक विषयों पर चर्चा कर सकें। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों की शिक्षाओं को समझना और सहिष्णुता को बढ़ावा देना था।
    • गलत विकल्प: हुमायूं, जहांगीर और शाहजहां ने इबादतखाने का निर्माण नहीं करवाया था।

    प्रश्न 22: किस सिख गुरु ने ‘गुरु का लंगर’ (सामुदायिक रसोई) की व्यवस्था शुरू की?

    1. गुरु नानक देव
    2. गुरु अंगद देव
    3. गुरु रामदास
    4. गुरु अर्जुन देव

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: गुरु नानक देव। सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु, गुरु नानक देव ने ‘गुरु का लंगर’ की प्रथा शुरू की, जो एक सामुदायिक रसोई है जहाँ सभी जाति, धर्म और लिंग के लोग एक साथ भोजन करते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: लंगर की व्यवस्था समानता, सेवा और समुदाय की भावना को बढ़ावा देती है। यह सिख धर्म के तीन स्तंभों (नाम जपना, किरत करना, और वंड छकना – ईश्वर का नाम लेना, ईमानदारी से काम करना, और बांट कर खाना) में से एक का प्रतीक है।
    • गलत विकल्प: गुरु अंगद देव ने गुरुमुखी लिपि को विकसित किया, गुरु रामदास ने अमृतसर शहर की स्थापना की, और गुरु अर्जुन देव ने आदि ग्रंथ का संकलन किया।

    प्रश्न 23: ‘सिपाही विद्रोह’ या ‘भारतीय विद्रोह’ (1857) का तात्कालिक कारण क्या था?

    1. ईसाई मिशनरियों का बढ़ता प्रभाव
    2. डलहौजी की व्यपगत नीति
    3. एनफील्ड राइफल में इस्तेमाल होने वाली कारतूस
    4. ब्रिटिश संसद द्वारा भारतीय सुधार अधिनियम

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: एनफील्ड राइफल में इस्तेमाल होने वाली कारतूस। 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफल के नए कारतूस थे, जिनके बारे में कहा जाता था कि वे गाय और सूअर की चर्बी से चिकनाई युक्त थे।
    • संदर्भ और विस्तार: यह खबर हिंदू और मुस्लिम सैनिकों दोनों के लिए धार्मिक अपमान थी, क्योंकि गाय हिंदुओं के लिए पवित्र है और सूअर मुसलमानों के लिए अपवित्र। मंगल पांडे ने इन कारतूसों का प्रयोग करने से इनकार कर दिया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर हमला किया, जिसे विद्रोह की चिंगारी माना जाता है। हालांकि, विद्रोह के पीछे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कारण भी थे, जैसे डलहौजी की व्यपगत नीति और ईसाई मिशनरियों का प्रभाव।
    • गलत विकल्प: ईसाई मिशनरियों का प्रभाव और डलहौजी की नीति पृष्ठभूमि के कारण थे, न कि तात्कालिक कारण। ब्रिटिश संसद द्वारा अधिनियम विद्रोह के बाद आए।

    प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस यूरोपीय यात्री ने विजयनगर साम्राज्य की यात्रा की थी?

    1. इब्न बतूता
    2. मार्को पोलो
    3. डोमिंगोस पेस
    4. वास्को डी गामा

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: डोमिंगोस पेस। डोमिंगोस पेस 16वीं शताब्दी की शुरुआत में (लगभग 1520-22) कृष्णदेवराय के शासनकाल के दौरान विजयनगर साम्राज्य की यात्रा करने वाले एक पुर्तगाली यात्री थे।
    • संदर्भ और विस्तार: पेस ने विजयनगर शहर, उसकी वास्तुकला, सामाजिक जीवन, और राजा कृष्णदेवराय के दरबार का विस्तृत विवरण लिखा है। उनकी यात्रा वृत्तांत विजयनगर साम्राज्य के इतिहास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
    • गलत विकल्प: इब्न बतूता 14वीं शताब्दी में भारत आया था और उसने दिल्ली सल्तनत का वर्णन किया। मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में भारत आया था। वास्को डी गामा 1498 में भारत के कालीकट पहुंचा था।

    प्रश्न 25: ‘अस्पृश्यता’ का अंत किस अधिनियम के तहत किया गया था?

    1. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947
    2. भारत सरकार अधिनियम, 1935
    3. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17
    4. भारतीय दंड संहिता

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17। भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों के तहत अनुच्छेद 17 में ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) को समाप्त घोषित किया गया है और इसका किसी भी रूप में अभ्यास निषिद्ध है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारत में सामाजिक समानता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। संसद ने बाद में अस्पृश्यता (अपराधों का निवारण) अधिनियम, 1955 पारित किया, जो इस अपराध के लिए दंड का प्रावधान करता है।
    • गलत विकल्प: भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ने भारत को स्वतंत्रता दी। भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने भारत में संवैधानिक सुधारों की रूपरेखा तैयार की। भारतीय दंड संहिता अपराधों के लिए दंड प्रदान करती है, लेकिन अस्पृश्यता का उन्मूलन सीधे संविधान के अनुच्छेद 17 द्वारा किया गया है।

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