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इतिहास के सारथी बनें: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी

इतिहास के सारथी बनें: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी

इतिहास के विशाल सागर में आज फिर डुबकी लगाने का समय आ गया है! क्या आप उन घटनाओं, व्यक्तित्वों और साम्राज्यों के गवाह बनने के लिए तैयार हैं जिन्होंने दुनिया को आकार दिया? अपनी तैयारी को परखें और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की ओर एक और कदम बढ़ाएं। आइए, आज की इस ज्ञान यात्रा पर निकल पड़ें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक विशाल स्नानागार (Great Bath) प्राप्त हुआ है?

  1. लोथल
  2. कालीबंगा
  3. हड़प्पा
  4. मोहनजोदड़ो

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो, जो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है। यहाँ से प्राप्त विशाल स्नानागार, जो लगभग 39 फीट लंबा, 23 फीट चौड़ा और 8 फीट गहरा है, उस समय की उन्नत नगर नियोजन और वास्तुकला का प्रमाण है।
  • संदर्भ और विस्तार: ऐसा माना जाता है कि यह स्नानागार धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था। इसके चारों ओर कमरे और सीढ़ियाँ थीं। यह जलरोधी चिनाई का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ से गोदी (dockyard) मिली है। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं। हड़प्पा से तांबे का दर्पण और अन्नागार (granaries) मिले हैं।

प्रश्न 2: ‘सर्व-कर’ (Sarva-kara) का उल्लेख किस काल के साहित्य में मिलता है, जिसे सभी लोगों पर लगाया जाने वाला कर कहा गया है?

  1. मौर्य काल
  2. गुप्त काल
  3. वैदिक काल
  4. चोल काल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: वैदिक काल। ‘सर्व-कर’ शब्द का उल्लेख वैदिक साहित्य में मिलता है, जो उस समय के समाज में राजा द्वारा प्रजा पर लगाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों या ‘भाग’ (produce share) का एक सामान्यीकृत रूप था। इसे प्रजा के कल्याण के लिए राजा द्वारा लिया जाने वाला योगदान माना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में, कर मुख्य रूप से उत्पादन का हिस्सा (लगभग 1/6 भाग) होता था, जिसे ‘भाग’ कहते थे। ‘सर्व-कर’ शब्द एक व्यापक अर्थ में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो सभी को किसी न किसी रूप में योगदान करने की अपेक्षा को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: मौर्य काल में ‘भाग’, ‘भागवत’, ‘कर’ जैसे करों का उल्लेख है, लेकिन ‘सर्व-कर’ का विशेष उल्लेख वैदिक काल से अधिक जुड़ा है। गुप्त और चोल काल में भी कर प्रणालियाँ विकसित हुईं, लेकिन ‘सर्व-कर’ का प्रारंभिक उल्लेख वैदिक काल में है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा जैन धर्म का त्रिरत्न नहीं है?

  1. सम्यक दर्शन (Right Faith)
  2. सम्यक ज्ञान (Right Knowledge)
  3. सम्यक आचरण (Right Conduct)
  4. सम्यक विचार (Right Thought)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सम्यक विचार। जैन धर्म के अनुसार, मोक्ष प्राप्ति के लिए तीन रत्न (त्रिरत्न) आवश्यक हैं: सम्यक दर्शन (यथार्थ विश्वास), सम्यक ज्ञान (यथार्थ ज्ञान) और सम्यक आचरण (यथार्थ आचरण)।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तीनों मिलकर ‘मोक्ष का मार्ग’ (The Path to Liberation) बनाते हैं। सम्यक विचार, हालांकि महत्वपूर्ण है, जैन त्रिरत्न का औपचारिक हिस्सा नहीं है, बल्कि यह सम्यक आचरण का ही एक भाग माना जा सकता है।
  • गलत विकल्प: सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक आचरण, ये तीनों ही जैन धर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांत और त्रिरत्न हैं।

प्रश्न 4: ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक महाकाव्य की रचना किसने की थी?

  1. कृष्णदेव राय
  2. बुक्का राय
  3. हरिहर
  4. देव राय द्वितीय

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्णदेव राय। कृष्णदेव राय विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने 1509 से 1529 ईस्वी तक शासन किया। वे तेलुगु साहित्य के महान संरक्षक थे और उन्होंने स्वयं ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक एक महत्वपूर्ण महाकाव्य की रचना की, जो भगवान विष्णु और उनकी भक्त आंडाल के विवाह से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह कृति तेलुगु साहित्य के ‘अष्टदिग्गज’ (आठ महान कवियों) में से एक मानी जाती है। इसे ‘विषया वैराग्य शतकम्’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: बुक्का राय और हरिहर विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे, जबकि देव राय द्वितीय ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन ‘अमुक्तमाल्यद’ कृष्णदेव राय की रचना है।

प्रश्न 5: बहमनी राज्य के संस्थापक कौन थे?

  1. अलाउद्दीन बहमन शाह
  2. मोहम्मद बिन तुगलक
  3. फिरोज शाह बहमनी
  4. ताज-उद-दीन फिरोज शाह

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अलाउद्दीन बहमन शाह। हसन गंगू, जिन्हें अलाउद्दीन बहमन शाह के नाम से भी जाना जाता है, ने 1347 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत के खिलाफ विद्रोह कर बहमनी साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने दौलताबाद को अपनी राजधानी बनाया, लेकिन बाद में गुलबर्ग (अब कर्नाटक में)को राजधानी बनाकर उसका नाम ‘अहसन-आबाद’ रखा।
  • संदर्भ और विस्तार: बहमनी साम्राज्य दक्कन क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बन गया था और इसने कई हिंदू राज्यों के साथ संघर्ष किया, विशेष रूप से विजयनगर साम्राज्य के साथ।
  • गलत विकल्प: मोहम्मद बिन तुगलक दिल्ली सल्तनत का शासक था जिसके विरुद्ध हसन गंगू ने विद्रोह किया था। फिरोज शाह बहमनी और ताज-उद-दीन फिरोज शाह बहमनी साम्राज्य के बाद के शासक थे।

प्रश्न 6: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अकबर। मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए पंथ की शुरुआत की थी। यह विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर बनाया गया एक समन्वयवादी धर्म था, जिसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच एकता स्थापित करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: बीरबल इस नए धर्म को स्वीकार करने वाले पहले और एकमात्र प्रमुख व्यक्ति थे। हालांकि, यह पंथ लोकप्रिय नहीं हुआ और अकबर की मृत्यु के बाद इसका प्रभाव समाप्त हो गया।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब मुगल शासक थे, लेकिन उन्होंने ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत नहीं की थी।

प्रश्न 7: पानीपत का प्रथम युद्ध किन दो शक्तियों के बीच लड़ा गया था?

  1. अकबर और हेमू
  2. बाबर और इब्राहिम लोदी
  3. अकबर और राणा सांगा
  4. बाबर और अफगान

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बाबर और इब्राहिम लोदी। पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 को लड़ा गया था। यह मुगल वंश के संस्थापक बाबर और दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था। इस युद्ध में बाबर की निर्णायक जीत हुई, जिसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी।
  • संदर्भ और विस्तार: बाबर ने इस युद्ध में पहली बार बारूद और तोपखाने का प्रभावी ढंग से उपयोग किया, जिसे ‘तुग़लक़नामा’ या ‘बैटरी’ कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: अकबर और हेमू पानीपत के द्वितीय युद्ध (1556) में लड़े थे। अकबर और राणा सांगा खानवा के युद्ध (1527) में लड़े थे। बाबर और अफगान विभिन्न युद्धों में लड़े, लेकिन यह विशिष्ट युद्ध इब्राहिम लोदी के साथ था।

प्रश्न 8: ‘वेदांत परिसंवाद’ (Synthesis of Vedanta) का प्रमुख समर्थक कौन था?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. आदि शंकराचार्य
  3. रामकृष्ण परमहंस
  4. स्वामी दयानंद सरस्वती

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: स्वामी विवेकानंद। स्वामी विवेकानंद भारतीय दर्शन, विशेषकर वेदांत के पश्चिमी जगत में एक प्रमुख प्रसारक थे। उन्होंने अपने भाषणों और लेखन में वेदांत के गैर-द्वैतवादी (Advaita) सिद्धांतों को पश्चिमी वैज्ञानिक और दार्शनिक विचारों के साथ समन्वित करने का प्रयास किया, जिसे ‘वेदांत परिसंवाद’ कहा जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: शिकागो में 1893 में विश्व धर्म संसद में उनका भाषण अत्यंत प्रसिद्ध है, जहाँ उन्होंने भारतीय दर्शन की सार्वभौमिकता पर जोर दिया। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना भी की।
  • गलत विकल्प: आदि शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के प्रणेता थे, लेकिन उन्होंने पश्चिमी विचारों के साथ समन्वय का प्रयास नहीं किया। रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद के गुरु थे और उन्होंने वेदांत को अपने अनोखे ढंग से प्रस्तुत किया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की और वेदों की ओर लौटो का नारा दिया, उनका ध्यान मुख्य रूप से वैदिक धर्म के पुनरुद्धार पर था।

प्रश्न 9: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की थी?

  1. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  2. दादाभाई नौरोजी
  3. व्योमेश चंद्र बनर्जी
  4. एलन ऑक्टेवियन ह्यूम

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: व्योमेश चंद्र बनर्जी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 28 दिसंबर 1885 को बम्बई (वर्तमान मुंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुआ था। इसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध वकील व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। एलन ऑक्टेवियन ह्यूम (A.O. Hume) ने कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन वे इसके संस्थापक सदस्य थे, न कि प्रथम अध्यक्ष।
  • गलत विकल्प: सुरेन्द्रनाथ बनर्जी कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और उन्होंने कई अधिवेशन की अध्यक्षता की, लेकिन पहले की नहीं। दादाभाई नौरोजी ने कांग्रेस के तीन अधिवेशन की अध्यक्षता की। एलन ऑक्टेवियन ह्यूम संस्थापक थे।

प्रश्न 10: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ और कब हुई थी?

  1. सैन फ्रांसिस्को, 1913
  2. लंदन, 1914
  3. बर्लिन, 1915
  4. न्यूयॉर्क, 1916

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सैन फ्रांसिस्को, 1913। गदर पार्टी (पूर्व में पैसिफिक कोस्ट हिंदुस्तान एसोसिएशन) की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में की गई थी। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था।
  • संदर्भ और विस्तार: पार्टी का मुख्य मुखपत्र ‘गदर’ नामक साप्ताहिक पत्र था, जो उर्दू, पंजाबी और अन्य भाषाओं में प्रकाशित होता था। इस पार्टी ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह भड़काने का प्रयास किया था।
  • गलत विकल्प: अन्य दिए गए स्थान और वर्ष गदर पार्टी की स्थापना से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 11: किस वायसराय के काल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड मिंटो
  3. लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
  4. लॉर्ड चेम्सफोर्ड

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय। 1911 में दिल्ली दरबार के दौरान, ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की। यह निर्णय 1912 में लागू हुआ, जब लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय वायसराय थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस स्थानांतरण का उद्देश्य भारत के उत्तर-पश्चिम से दूरी को कम करना और देश के केंद्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करना था। यह बंगाल के विभाजन (1905) के बाद उपजे राष्ट्रवादी आंदोलनों के जवाब में भी लिया गया एक कदम था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। लॉर्ड मिंटो (1905-1910) ने मार्ले-मिंटो सुधार लागू किए। लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) के समय में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।

प्रश्न 12: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सुभाष चंद्र बोस। सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन के बाद फॉरवर्ड ब्लॉक नामक एक नए राजनीतिक दल की स्थापना की थी। वे कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद गांधीजी के विचारों से सहमत नहीं थे और कांग्रेस की नीतियों से असंतुष्ट थे।
  • संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक का उद्देश्य भारत में एक समाजवादी, स्वतंत्र भारत के लिए संघर्ष करना था। बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और जापान के सहयोग से भारत को आज़ाद कराने का प्रयास किया।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और मौलाना आज़ाद कांग्रेस के प्रमुख नेता थे जिन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की थी।

प्रश्न 13: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव किस कांग्रेस अधिवेशन में पारित हुआ?

  1. लखनऊ अधिवेशन (1936)
  2. फैजपुर अधिवेशन (1937)
  3. रामगढ़ अधिवेशन (1940)
  4. वर्धा अधिवेशन (1942)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: वर्धा अधिवेशन (1942)। वर्धा में 8 अगस्त 1942 को कांग्रेस की कार्यसमिति ने ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया। गांधीजी ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया और ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस आंदोलन के तुरंत बाद, कांग्रेस के अधिकांश प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • गलत विकल्प: लखनऊ अधिवेशन (1936) में कांग्रेस ने समाजवाद को अपना लक्ष्य घोषित किया। फैजपुर अधिवेशन (1937) कांग्रेस का एकमात्र अधिवेशन था जो किसी गांव (फैजपुर, महाराष्ट्र) में हुआ था। रामगढ़ अधिवेशन (1940) में मौलाना आज़ाद अध्यक्ष थे जिन्होंने व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रस्ताव रखा था।

प्रश्न 14: ‘हड़प्पा सभ्यता’ का सर्वाधिक मान्यता प्राप्त कालक्रम क्या है?

  1. 2500 ईसा पूर्व – 1700 ईसा पूर्व
  2. 3000 ईसा पूर्व – 2000 ईसा पूर्व
  3. 1500 ईसा पूर्व – 1000 ईसा पूर्व
  4. 5000 ईसा पूर्व – 3000 ईसा पूर्व

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 2500 ईसा पूर्व – 1700 ईसा पूर्व। पुरातत्वविदों द्वारा कार्बन-14 डेटिंग जैसी वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करके हड़प्पा सभ्यता (सिंधु घाटी सभ्यता) के परिपक्व काल के लिए सबसे व्यापक रूप से स्वीकृत कालक्रम 2500 ईसा पूर्व से 1700 ईसा पूर्व तक है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस काल में शहरीकरण अपने चरम पर था, जिसमें मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, लोथल, कालीबंगा आदि जैसे शहर विकसित हुए। इसके पहले के चरण (पूर्व-हड़प्पा) और बाद के चरण (उत्तर-हड़प्पा) भी हैं, लेकिन यह परिपक्व काल सबसे महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प हड़प्पा सभ्यता के कालक्रम से मेल नहीं खाते हैं।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से किस बौद्ध संगीति की अध्यक्षता आनंद ने की थी?

  1. प्रथम बौद्ध संगीति
  2. द्वितीय बौद्ध संगीति
  3. तृतीय बौद्ध संगीति
  4. चतुर्थ बौद्ध संगीति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रथम बौद्ध संगीति। प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद 483 ईसा पूर्व में राजगृह में हुआ था। इसकी अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी, जबकि आनंद, जो बुद्ध के प्रमुख शिष्य थे, ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन वे अध्यक्ष नहीं थे। (तकनीकी रूप से, प्रश्न में थोड़ी अस्पष्टता है, क्योंकि किसी भी संगीति की प्रत्यक्ष अध्यक्षता आनंद ने नहीं की थी, बल्कि महाकश्यप (प्रथम) और मोगालिपुत्त तिस्स (तृतीय) जैसे लोग अध्यक्ष थे। हालाँकि, यदि प्रश्न का आशय प्रत्यक्ष रूप से आनंद की भूमिका से है, तो प्रथम संगीति में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण थी।)
    संशोधित उत्तर के अनुसार, यदि प्रश्न सीधे अध्यक्षता के बारे में है, तो यह गलत है। लेकिन कई बार ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मुख्य शिष्यों की भूमिका पूछी जाती है। यदि एक विकल्प को सही मानना है, तो प्रथम संगीति में उनकी सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका थी।
    **यह प्रश्न मूल रूप से गलत है क्योंकि आनंद ने किसी भी बौद्ध संगीति की अध्यक्षता नहीं की थी।**
    एक ऐसे प्रश्न के लिए जहां कोई भी विकल्प सही न हो, सामान्यतः परीक्षा में प्रश्न को छोड़ दिया जाता है या रद्द कर दिया जाता है।
    लेकिन, यदि मुझे सबसे ‘कम गलत’ विकल्प चुनना हो, तो प्रथम संगीति में उनकी भूमिका सबसे प्रमुख थी, हालांकि अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी।
    मैं इस प्रश्न को सुधारूंगा ताकि यह सटीक हो:
    प्रश्न 15 (सुधारित): निम्नलिखित में से किस बौद्ध संगीति में बुद्ध की शिक्षाओं को विनय पिटक और सुत्त पिटक में संकलित किया गया था, जिसमें आनंद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?
    उत्तर: (a) प्रथम बौद्ध संगीति।
    विस्तृत स्पष्टीकरण (सुधारित):

    • सही उत्तर: प्रथम बौद्ध संगीति। प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन 483 ईसा पूर्व में राजगृह में महाकश्यप की अध्यक्षता में हुआ था। इस संगीति में बुद्ध के उपदेशों को विनय पिटक (अनुशासन संबंधी नियम) और सुत्त पिटक (उपदेश) में संकलित किया गया था। आनंद, जो बुद्ध के प्रिय शिष्य थे और जिन्होंने बुद्ध के अधिकांश उपदेश सुने थे, ने इन उपदेशों को याद करके सुनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • संदर्भ और विस्तार: इस संगीति में भिक्षुओं द्वारा की गई बुद्ध की शिक्षाओं का पाठ (recitation) किया गया, जिससे वे सुरक्षित हो सके।
    • गलत विकल्प: द्वितीय संगीति वैशाली में, तृतीय संगीति पाटलिपुत्र में (अध्यक्ष मोगालिपुत्त तिस्स), और चतुर्थ संगीति कश्मीर में (अध्यक्ष वसुमित्र) हुई थी। आनंद की प्रत्यक्ष अध्यक्षता इनमें से किसी में भी नहीं थी।

प्रश्न 16: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व निम्नलिखित में से किसने किया था?

  1. बिरसा मुंडा
  2. सिद्धू और कान्हू
  3. रम्पा
  4. तमाशा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सिद्धू और कान्हू। संथाल विद्रोह 1855-56 में हुआ था, जिसका नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो संथाल भाइयों ने किया था। यह विद्रोह ब्रिटिश सरकार की नीतियों, साहूकारों के शोषण और स्थानीय जमींदारों के अत्याचारों के विरुद्ध था।
  • संदर्भ और विस्तार: विद्रोह मुख्य रूप से दामिन-ए-कोह क्षेत्र (वर्तमान झारखंड) में केंद्रित था। सिद्धू और कान्हू ने स्वयं को भगवान का दूत घोषित किया था और हजारों संथालों को विद्रोह के लिए एकजुट किया था।
  • गलत विकल्प: बिरसा मुंडा ने 1899-1900 में ‘उलगुलान’ (Munda Rebellion) का नेतृत्व किया था। ‘रम्पा’ और ‘तमाशा’ संथाल विद्रोह से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 17: ‘भारत का मैकियावेली’ किसे कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. समुद्रगुप्त
  3. चाणक्य
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: चाणक्य। चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री और सलाहकार थे। उनकी राजनीतिक कृति ‘अर्थशास्त्र’ में उन्होंने राज्य-व्यवस्था, कूटनीति और शासन के सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन किया है। उनके राजनीतिक दांव-पेंच और रणनीतियों की तुलना फ्लोरेंटाइन विचारक निकोलो मैकियावेली से की जाती है, इसलिए उन्हें ‘भारत का मैकियावेली’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: चाणक्य ने नंद वंश के पतन और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘अर्थशास्त्र’ को प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन का एक आधारभूत ग्रंथ माना जाता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य और समुद्रगुप्त महान शासक थे, लेकिन उनकी पहचान राजनीतिक विचारक के रूप में नहीं है। हर्षवर्धन एक सम्राट थे जिन्होंने कला और साहित्य को संरक्षण दिया।

प्रश्न 18: ‘पुष्यभूति वंश’ की स्थापना किसने की थी?

  1. प्रभाकर वर्धन
  2. राज्य वर्धन
  3. हर्षवर्धन
  4. पुष्यभूति

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पुष्यभूति। पुष्यभूति वंश (जिसे वर्धन वंश भी कहा जाता है) की स्थापना पुष्यभूति नामक एक सामंत या राजा ने की थी, जिसका प्रारंभिक केंद्र थानेश्वर (वर्तमान हरियाणा) था। इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन था, जिसने उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से पर शासन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: पुष्यभूति वंश का उदय गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद हुआ। प्रभाकर वर्धन ने राज्य को मजबूत किया और अपने पुत्र राज्य वर्धन और हर्षवर्धन के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: प्रभाकर वर्धन, राज्य वर्धन और हर्षवर्धन इस वंश के महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन संस्थापक पुष्यभूति थे।

प्रश्न 19: ‘आर्य समाज’ की स्थापना किसने की थी?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. राजा राम मोहन राय
  3. स्वामी दयानंद सरस्वती
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: स्वामी दयानंद सरस्वती। स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 ईस्वी में बम्बई (वर्तमान मुंबई) में ‘आर्य समाज’ की स्थापना की थी। आर्य समाज एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन था जिसने वेदों को सार्वभौमिक सत्य माना और मूर्ति पूजा, कर्मकांडों तथा जाति व्यवस्था का विरोध किया।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती का प्रसिद्ध नारा था ‘वेदों की ओर लौटो’ (Go back to the Vedas)। उन्होंने ‘सत्यार्थ प्रकाश’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की।
  • गलत विकल्प: राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की थी। स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह के क्षेत्र में अपने कार्यों के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 20: ‘इंडिका’ का लेखक कौन है?

  1. टॉलेमी
  2. मेगस्थनीज
  3. प्लिनी
  4. पैन-चाओ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मेगस्थनीज। मेगस्थनीज एक यूनानी राजदूत था जिसे सेल्यूकस प्रथम निकेटर ने मौर्य शासक चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा था। उसने भारत यात्रा के दौरान अपने अनुभवों के आधार पर ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी, जिसमें तत्कालीन भारतीय समाज, संस्कृति, राजनीति और अर्थव्यवस्था का विस्तृत विवरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘इंडिका’ का मूल ग्रन्थ अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके अंशों का उल्लेख अन्य प्राचीन यूनानी और रोमन लेखकों जैसे एरियन, प्लिनी और स्ट्राबो ने किया है। यह मौर्य काल के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था जिसने ‘जियोग्राफी’ लिखी। प्लिनी एक रोमन लेखक था जिसने ‘नेचुरल हिस्ट्री’ लिखी। पैन-चाओ एक चीनी जनरल था।

प्रश्न 21:FAT (फैट) किस देश से संबंधित है?

  1. रूस
  2. चीन
  3. फ्रांस
  4. जर्मनी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फ्रांस। FAT (Fédération Aéronautique Internationale) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो हवाई खेल और विमानन के मानकों को निर्धारित करती है। यह प्रश्न शायद किसी अन्य संदर्भ में पूछा गया हो, क्योंकि FAT (Federal Accounting Standards Advisory Board) का संबंध अमेरिका से है, और FAT (Financial Action Task Force) एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय खुफिया इकाई है। यदि संदर्भ ‘संघीय लेखा मानक सलाहकार बोर्ड’ है, तो यह अमेरिका से संबंधित है। यदि संदर्भ ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ है, तो यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
  • यह प्रश्न विश्व इतिहास या संबंधित विषय के साथ ऐतिहासिक रूप से प्रासंगिक नहीं लगता है। संभावना है कि यह टाइपिंग त्रुटि हो या किसी अन्य क्षेत्र का प्रश्न हो।
    स्पष्टता के लिए, यदि प्रश्न का आशय ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ (Financial Action Task Force – FATF) से है, तो यह एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना 1989 में G7 समूह के पेरिस शिखर सम्मेलन में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य धन-शोधन (money laundering) और आतंकवादी वित्तपोषण (terrorist financing) से लड़ना है। इसके सदस्य देश विभिन्न देशों के होते हैं।
    लेकिन, यदि FAT का अर्थ ‘Fédération Aéronautique Internationale’ है, तो यह एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।
    मैं इसे फ्रांस से जोड़ूंगा यदि FAI (Fédération Aéronautique Internationale) माना जाए।
    स्पष्टीकरण (FAI के संदर्भ में): FAI, या Fédération Aéronautique Internationale, एक गैर-लाभकारी और गैर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय वायु क्रीड़ा संगठन है। इसकी स्थापना 1905 में पेरिस, फ्रांस में हुई थी और इसका मुख्यालय वहीं स्थित है। यह हवाई खेल की गतिविधियों को नियंत्रित और बढ़ावा देता है।
    गलत विकल्प: रूस, चीन और जर्मनी इस संस्था के संस्थापक देश या मुख्यालय के स्थान से सीधे जुड़े नहीं हैं।


प्रश्न 22: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) का प्रारंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?

  1. इंग्लैंड
  2. फ्रांस
  3. इटली
  4. स्पेन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: इटली। पुनर्जागरण, जो 14वीं से 16वीं शताब्दी तक यूरोप में कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों का काल था, का प्रारंभ सर्वप्रथम इटली में हुआ। फ्लोरेंस, वेनिस और रोम जैसे इतालवी शहर इसके प्रमुख केंद्र थे।
  • संदर्भ और विस्तार: प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं की कला और ज्ञान की पुनर्प्राप्ति, मानववाद (humanism) के उदय, और नई वैज्ञानिक खोजों ने पुनर्जागरण को जन्म दिया। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे महान कलाकारों ने इस काल में अपने उत्कृष्ट कार्य किए।
  • गलत विकल्प: इंग्लैंड, फ्रांस और स्पेन में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसकी शुरुआत इटली से हुई थी।

प्रश्न 23: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?

  1. शिवाजी
  2. संभाजी
  3. बाजीराव प्रथम
  4. मल्हार राव होल्कर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: शिवाजी। मराठा शासक शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिए 1674 ईस्वी में ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था। यह परिषद राजा को महत्वपूर्ण सलाह देने का कार्य करती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (राजकीय पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायाधीश (न्याय प्रमुख), सेनापति (मुख्य सेनापति) और मंत्री (गृह प्रशासन) जैसे पद शामिल थे।
  • गलत विकल्प: संभाजी, बाजीराव प्रथम और मल्हार राव होल्कर मराठा काल के अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, लेकिन अष्टप्रधान का गठन शिवाजी ने किया था।

प्रश्न 24: ‘आधुनिक फ्रांस का निर्माता’ किसे कहा जाता है?

  1. लुई XIV
  2. नेपोलियन बोनापार्ट
  3. मैक्सिमिलियन रोबेस्पिएरे
  4. चार्ल्स डी गॉल
  5. उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट। नेपोलियन बोनापार्ट (1769-1821) फ्रांसीसी क्रांति के बाद एक महान सैन्य और राजनीतिक नेता थे। उन्होंने फ्रांस को एक मजबूत केंद्रीय सरकार दी, ‘नेपोलियन संहिता’ (Napoleonic Code) लागू की जिसने आधुनिक फ्रांसीसी कानून की नींव रखी, और शिक्षा, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में सुधार किए। इन सुधारों के कारण उन्हें ‘आधुनिक फ्रांस का निर्माता’ कहा जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: हालांकि उनका शासनकाल कई युद्धों से चिह्नित था, उन्होंने फ्रांस में राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत किया और यूरोप के अधिकांश हिस्सों पर फ्रांसीसी प्रभाव फैलाया।
    • गलत विकल्प: लुई XIV ‘सूर्य राजा’ के रूप में जाने जाते थे और उन्होंने पूर्ण राजशाही स्थापित की। रोबेस्पिएरे फ्रांसीसी क्रांति के दौरान आतंक के शासन के प्रमुख थे। चार्ल्स डी गॉल 20वीं सदी के फ्रांसीसी नेता थे।

    प्रश्न 25: ‘तिलक स्वराज फंड’ की स्थापना किस आंदोलन के दौरान की गई थी?

    1. सविनय अवज्ञा आंदोलन
    2. असहयोग आंदोलन
    3. भारत छोड़ो आंदोलन
    4. साइमन कमीशन विरोधी आंदोलन

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: असहयोग आंदोलन। तिलक स्वराज फंड की स्थापना 1920-21 में महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन के दौरान की गई थी। इस फंड का उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए धन जुटाना था, विशेषकर स्वराज की स्थापना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए।
    • संदर्भ और विस्तार: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की स्मृति में इस फंड का नाम रखा गया था, जिनका निधन 1920 में हुआ था। इस आंदोलन ने पूरे देश में व्यापक जनसमर्थन प्राप्त किया और स्वदेशी, बहिष्कार तथा अहिंसा पर जोर दिया।
    • गलत विकल्प: सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) कांग्रेस के अन्य प्रमुख आंदोलन थे, लेकिन तिलक स्वराज फंड विशेष रूप से असहयोग आंदोलन से संबंधित है। साइमन कमीशन विरोधी आंदोलन 1928-29 में हुआ था।

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