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इतिहास के सारथी: आज की 25 अति महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी

इतिहास के सारथी: आज की 25 अति महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी

प्रतियोगी परीक्षाओं के महासंग्राम में आपका स्वागत है! इतिहास के गर्त से आज हम चुनकर लाए हैं 25 ऐसे प्रश्न, जो आपकी तैयारी को धार देंगे और ज्ञान के क्षितिज को विस्तृत करेंगे। क्या आप सिंधु घाटी की गलियों से लेकर मुगलिया सल्तनत की शान और स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला तक, हर कालखंड की नब्ज को महसूस करने के लिए तैयार हैं? आइए, अपने ज्ञान की परीक्षा लें और इतिहास के इस रोमांचक सफर पर निकल पड़ें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा हड़प्पा स्थल गुजरात में स्थित नहीं है?

  1. लोथल
  2. धौलावीरा
  3. सुरकोटदा
  4. बनवाली

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बनवाली, एक महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल, हरियाणा राज्य में फतेहाबाद जिले में स्थित है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल, गुजरात में खंभात की खाड़ी के पास स्थित एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था। धौलावीरा और सुरकोटदा भी गुजरात के कच्छ क्षेत्र में पाए गए प्रमुख हड़प्पा स्थल हैं। इन स्थलों से प्राप्त पुरातात्विक साक्ष्य सिंधु घाटी सभ्यता के शहरी नियोजन, व्यापार और संस्कृति पर प्रकाश डालते हैं।
  • गलत विकल्प: लोथल अपनी गोदी (dockyard) के लिए प्रसिद्ध है, धौलावीरा अपनी जल प्रबंधन प्रणाली और अनोखे स्टेडियम के लिए जाना जाता है, और सुरकोटदा से घोड़े की हड्डियां मिली हैं, जो तत्कालीन सामाजिक-आर्थिक जीवन की जानकारी देती हैं।

प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त हुआ है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. भेड़
  4. हाथी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द गाय के लिए प्रयुक्त हुआ है, जिसका अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’।
  • संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और मूल्यवान माना जाता था। यह न केवल आर्थिक समृद्धि का प्रतीक थी, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में इसका महत्वपूर्ण योगदान था। इसलिए, इसे न मारने की परंपरा थी।
  • गलत विकल्प: घोड़े का महत्व वैदिक काल में था, विशेषकर रथों और युद्धों के संदर्भ में, लेकिन इसे ‘अघ्न्य’ नहीं कहा गया। भेड़ें भी पालतू पशु थीं, लेकिन गाय के समान पवित्र नहीं थीं। हाथी का उल्लेख बाद के कालों में अधिक प्रमुखता से मिलता है।

प्रश्न 3: तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किस मौर्य शासक के संरक्षण में हुआ था?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. बिंदुसार
  3. अशोक
  4. दशरथ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन 250 ईसा पूर्व के लगभग सम्राट अशोक के संरक्षण में पाटलिपुत्र में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्स ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म के भिक्षु संघ में प्रवेश करने वाले अवसरवादी और भ्रष्ट तत्वों को हटाकर धर्म को शुद्ध करना था। इस संगीति में ‘कथावत्थु’ नामक ग्रंथ की रचना हुई।
  • गलत विकल्प: प्रथम बौद्ध संगीति राजगृह में अजातशत्रु के संरक्षण में हुई थी, और द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली में कालाशोक के संरक्षण में हुई थी। चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी, और बिंदुसार उनके पुत्र थे।

प्रश्न 4: ‘अभिधम्म पिटक’ किस बौद्ध संगीति में संकलित हुआ?

  1. प्रथम बौद्ध संगीति
  2. द्वितीय बौद्ध संगीति
  3. तृतीय बौद्ध संगीति
  4. चतुर्थ बौद्ध संगीति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अभिधम्म पिटक (Abhidhamma Pitaka) तृतीय बौद्ध संगीति के दौरान संकलित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: बौद्ध धर्म के त्रिपिटकों में से एक ‘अभिधम्म पिटक’ है, जो विशेष रूप से बौद्ध दर्शन और मनोविज्ञान से संबंधित है। तृतीय बौद्ध संगीति में इस पिटक को अंतिम रूप दिया गया और इसे अशोक के शासनकाल में पाटलिपुत्र में आयोजित किया गया था।
  • गलत विकल्प: प्रथम बौद्ध संगीति में विनय पिटक और सुत्त पिटक के कुछ हिस्सों को संकलित किया गया था। द्वितीय बौद्ध संगीति में विनय पिटक में संशोधन पर विचार किया गया। चतुर्थ बौद्ध संगीति (कनिष्क के संरक्षण में) में अभिधम्म पिटक पर भी चर्चा हुई, लेकिन इसका मुख्य संकलन तृतीय संगीति में ही हुआ था।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार वी.ए. स्मिथ द्वारा दी गई थी। समुद्रगुप्त एक महान योद्धा और कुशल शासक था, जिसने उत्तर भारत के अनेक राज्यों को विजित किया और दक्षिणापथ में भी अभियान चलाए। उसके सिक्कों पर उसे ‘प्रक्रमांक’ कहा गया है, और प्रयाग प्रशस्ति में उसकी विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक था, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) अपने दरबार में नवरत्नों के लिए और मालवा विजय के लिए प्रसिद्ध है। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कराई थी।

  • प्रश्न 6: ह्वेन त्सांग किसके शासनकाल में भारत आया था?

    1. चंद्रगुप्त मौर्य
    2. समुद्रगुप्त
    3. चंद्रगुप्त द्वितीय
    4. हर्षवर्धन

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग (Xuanzang) सातवीं शताब्दी में सम्राट हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था।
    • संदर्भ और विस्तार: ह्वेन त्सांग लगभग 14 वर्षों (629-645 ई.) तक भारत में रहा और उसने नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। उसने कांग्जो, थानेश्वर, कन्नौज, कौशांबी, वाराणसी, और दक्षिण भारत के कई हिस्सों की यात्रा की। उसने अपनी पुस्तक ‘सि-यू-की’ (Records of the Western World) में उस समय के भारत का विस्तृत वर्णन किया है, जो तत्कालीन समाज, संस्कृति, धर्म और राजनीति का अमूल्य स्रोत है।
    • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य के समय मेगास्थनीज आया था, समुद्रगुप्त के समय चीनी यात्री फा-हियान नहीं आया था, और चंद्रगुप्त द्वितीय के समय भी ह्वेन त्सांग भारत में नहीं था।

    प्रश्न 7: दिल्ली सल्तनत की पहली महिला शासिका कौन थी?

    1. नूरजहाँ
    2. आसिया बेगम
    3. रजिया सुल्तान
    4. मुमताज महल

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: रज़िया सुल्तान दिल्ली सल्तनत की पहली और एकमात्र महिला शासिका थी।
    • संदर्भ और विस्तार: रज़िया सुल्तान इल्तुतमिश की पुत्री थी और उसने 1236 से 1240 ई. तक शासन किया। उसने ‘सुल्तान’ की उपाधि धारण की और पुरुष की तरह टोपी (कुलाह) व चोगा (कबा) पहनकर दरबार में बैठती थी। उसके शासनकाल में तुर्की अमीर सरदारों ने विद्रोह किया, जिससे अंततः उसकी हत्या हो गई।
    • गलत विकल्प: नूरजहाँ मुगल बादशाह जहाँगीर की पत्नी थी और उसने पर्दे के पीछे से शासन चलाया, लेकिन वह स्वयं शासक नहीं थी। आसिया बेगम और मुमताज महल भी मुगल काल की महत्वपूर्ण महिलाएं थीं, लेकिन उन्होंने शासन नहीं किया।

    प्रश्न 8: किस मुगल सम्राट ने ‘दिन-ए-इलाही’ नामक धर्म की शुरुआत की?

    1. अकबर
    2. जहाँगीर
    3. शाहजहाँ
    4. औरंगजेब

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में ‘दिन-ए-इलाही’ (Divine Faith) नामक एक नए धर्म की शुरुआत की।
    • संदर्भ और विस्तार: यह धर्म विभिन्न धर्मों के सार तत्वों को मिलाकर बनाया गया था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और सार्वभौमिक भाईचारे को बढ़ावा देना था। अकबर स्वयं इस धर्म का प्रमुख था और उसने इसे अपने सभी अनुयायियों को अपनाने का आदेश दिया था। हालांकि, यह धर्म अधिक लोकप्रिय नहीं हो सका और अकबर की मृत्यु के बाद इसका प्रभाव क्षीण हो गया।
    • गलत विकल्प: जहाँगीर कला और वास्तुकला में रुचि रखता था, शाहजहाँ अपने वास्तुकला के प्रति प्रेम के लिए (जैसे ताजमहल) जाना जाता है, और औरंगजेब अपनी धार्मिक कट्टरता के लिए जाना जाता है, न कि किसी नए धर्म की शुरुआत के लिए।

    प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

    1. कृष्ण देव राय
    2. हरिहर और बुक्का
    3. देव राय प्रथम
    4. राम राय

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ई. में की थी।
    • संदर्भ और विस्तार: इन भाइयों ने वारंगल के काकतीय राजा के अधीन सामंत के रूप में कार्य किया था, लेकिन बाद में मोहम्मद बिन तुगलक के विरुद्ध विद्रोह करके उन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर शहर की स्थापना की और एक स्वतंत्र साम्राज्य की नींव रखी। हरिहर प्रथम इस वंश का पहला शासक बना।
    • गलत विकल्प: कृष्ण देव राय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने साम्राज्य को उसकी चरम सीमा तक पहुँचाया। देव राय प्रथम और राम राय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी।

    प्रश्न 10: ‘अकाल तख्त’ का निर्माण किस सिख गुरु ने करवाया था?

    1. गुरु नानक देव
    2. गुरु राम दास
    3. गुरु हरगोबिंद
    4. गुरु तेग बहादुर

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ‘अकाल तख्त’ (The Throne of the Almighty) का निर्माण छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद ने 1606 ई. में अमृतसर में करवाया था।
    • संदर्भ और विस्तार: अकाल तख्त सिख धर्म के पांच सिंहासन (Takhts) में सबसे महत्वपूर्ण है। यह एक राजनीतिक, आध्यात्मिक और न्यायिक केंद्र के रूप में कार्य करता है। गुरु हरगोबिंद ने सिखों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए संगठित किया और अपनी रक्षा के लिए एक सेना भी बनाई, जिसके प्रतीक के रूप में उन्होंने अकाल तख्त की स्थापना की।
    • गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु राम दास ने अमृतसर शहर की स्थापना की थी। गुरु तेग बहादुर ने असम में प्रचार किया था और वे नौवें गुरु थे।

    प्रश्न 11: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?

    1. व्यपगत का सिद्धांत
    2. ईसाई धर्म का प्रसार
    3. सैन्य असंतोष
    4. जनरल ‘एनफील्ड’ राइफल में प्रयोग की जाने वाली चरबी लगी कारतूस

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण जनरल ‘एनफील्ड’ राइफल में प्रयोग की जाने वाली चरबी लगी कारतूस थी।
    • संदर्भ और विस्तार: इन कारतूसों को इस्तेमाल करने से पहले दांतों से छीलना पड़ता था, और ऐसी अफवाह थी कि उनमें गाय और सूअर की चरबी का प्रयोग किया गया है। गाय हिंदुओं के लिए पूज्य है और सूअर मुसलमानों के लिए अपवित्र, इसलिए यह कारतूसों ने हिंदू और मुस्लिम दोनों सैनिकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। मंगल पांडे ने बैरकपुर में इस कारतूस का विरोध करते हुए अपने सार्जेंट को गोली मार दी, जो विद्रोह की पहली चिंगारी बनी।
    • गलत विकल्प: व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) लॉर्ड डलहौजी की एक नीति थी जिसने राज्य हड़पने के माध्यम से असंतोष बढ़ाया था, लेकिन यह तात्कालिक कारण नहीं था। ईसाई धर्म का प्रसार और अन्य सैन्य असंतोष भी योगदान देने वाले कारक थे, लेकिन चरबी वाले कारतूस वह चिंगारी थे जिसने आग लगाई।

    प्रश्न 12: ‘द इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ पुस्तक के लेखक कौन हैं?

    1. दादाभाई नौरोजी
    2. रमेश चंद्र दत्त
    3. महात्मा गांधी
    4. एम.जी. रानाडे

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ‘द इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ (The Economic History of India) पुस्तक के लेखक रमेश चंद्र दत्त (R.C. Dutt) हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में, उन्होंने ब्रिटिश शासन के तहत भारत की आर्थिक दुर्दशा का व्यवस्थित विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने ब्रिटिश नीतियों को भारत की गरीबी और अकाल के लिए जिम्मेदार ठहराया, विशेष रूप से ‘ड्रेन ऑफ वेल्थ’ (धन का बहिर्गमन) सिद्धांत को विस्तार से समझाया। यह पुस्तक राष्ट्रवादी आंदोलन के दौरान भारतीयों के बीच आर्थिक चेतना जगाने में महत्वपूर्ण साबित हुई।
    • गलत विकल्प: दादाभाई नौरोजी ने ‘पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया’ लिखी, जिसमें धन के बहिर्गमन का सिद्धांत दिया गया। महात्मा गांधी ने ‘हिंद स्वराज’ लिखी। एम.जी. रानाडे भी एक प्रमुख आर्थिक विचारक थे, लेकिन यह विशेष पुस्तक उनकी नहीं है।

    प्रश्न 13: पूना पैक्ट (1932) किनके मध्य हुआ था?

    1. गांधी और इरविन
    2. गांधी और अंबेडकर
    3. नेहरू और जिन्ना
    4. तिलक और एगोर्जे

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: पूना पैक्ट (Poona Pact) 24 सितंबर 1932 को महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. अंबेडकर के बीच हुआ था।
    • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता दलितों के लिए सांप्रदायिक अवार्ड (Communal Award) के विरोध में गांधीजी के आमरण अनशन के दौरान हुआ। अंबेडकर ने दलितों के लिए प्रथक निर्वाचक मंडल की मांग की थी, जिसका गांधीजी ने विरोध किया क्योंकि उन्हें लगा कि इससे हिन्दू समाज विभाजित हो जाएगा। पूना पैक्ट में दलितों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ाई गई, लेकिन उन्हें सामान्य निर्वाचन क्षेत्रों में ही मतदान का अधिकार मिला, न कि अलग निर्वाचक मंडल का।
    • गलत विकल्प: गांधी-इरविन समझौता 1931 में हुआ था। नेहरू और जिन्ना के बीच समझौते हुए, लेकिन पूना पैक्ट के संदर्भ में नहीं। तिलक का संबंध राष्ट्रवादी आंदोलन से था, न कि ऐसे प्रत्यक्ष समझौते से।

    प्रश्न 14: ‘वेल्लोर विद्रोह’ किस वर्ष हुआ था?

    1. 1806
    2. 1857
    3. 1764
    4. 1885

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: वेल्लोर विद्रोह 10 जुलाई 1806 को मद्रास प्रेसीडेंसी के वेल्लोर किले में हुआ था।
    • संदर्भ और विस्तार: यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ पहला बड़ा सैनिक विद्रोह था। विद्रोह का मुख्य कारण कंपनी द्वारा भारतीय सैनिकों पर नई यूनिफॉर्म (नई टोपी) और दाढ़ी, कान की बाली, तिलक आदि पर प्रतिबंध लगाने का फरमान था, जिसे सैनिकों ने अपनी धार्मिक भावनाओं पर आघात माना। इस विद्रोह को बाद में दबा दिया गया था।
    • गलत विकल्प: 1857 का विद्रोह अधिक व्यापक था। 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी।

    प्रश्न 15: किस यूरोपीय कंपनी ने भारत में पहली बार ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) लागू किया?

    1. पुर्तगाली
    2. डच
    3. फ्रांसीसी
    4. ब्रिटिश

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ लागू किया था।
    • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कॉर्नवालिस के शासनकाल में 1793 में लागू किया गया यह बंदोबस्त बंगाल, बिहार, उड़ीसा और मद्रास के कुछ हिस्सों में प्रचलित था। इसके तहत जमींदारों को भू-राजस्व का एक निश्चित हिस्सा सरकार को देना होता था, और बाकी वे अपने पास रख सकते थे। इससे जमींदारों की स्थिति मजबूत हुई, लेकिन किसानों का शोषण बढ़ा।
    • गलत विकल्प: पुर्तगाली, डच और फ्रांसीसी भी भारत में व्यापार करते थे, लेकिन उन्होंने स्थायी बंदोबस्त जैसी भू-राजस्व व्यवस्था लागू नहीं की थी।

    प्रश्न 16: ‘वंदे मातरम्’ गीत के रचयिता कौन हैं?

    1. रवींद्रनाथ टैगोर
    2. बंकिमचंद्र चटर्जी
    3. सरोजिनी नायडू
    4. मोहम्मद इकबाल

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ‘वंदे मातरम्’ गीत के रचयिता बंकिमचंद्र चटर्जी हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: यह गीत उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ (1882) का हिस्सा है। 1905 के बंगाल विभाजन के विरोध में हुए स्वदेशी आंदोलन के दौरान यह गीत राष्ट्रवादी चेतना का प्रतीक बन गया। इसे पहली बार 1896 में कलकत्ता अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा गाया गया था।
    • गलत विकल्प: रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ लिखा है। सरोजिनी नायडू एक प्रमुख कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी थीं। मोहम्मद इकबाल ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ लिखा है।

    प्रश्न 17: साइमन कमीशन भारत कब आया था?

    1. 1928
    2. 1929
    3. 1930
    4. 1931

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में साइमन कमीशन 1928 में भारत आया था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस सात सदस्यीय कमीशन का गठन 1927 में किया गया था और इसका उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करना था। हालांकि, इस कमीशन में किसी भी भारतीय सदस्य को शामिल नहीं किया गया था, जिसके कारण पूरे भारत में इसका कड़ा विरोध हुआ। ‘साइमन गो बैक’ के नारे लगाए गए।
    • गलत विकल्प: कमीशन का गठन 1927 में हुआ था, लेकिन इसका आगमन 1928 में हुआ। 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ, और 1930-31 में गोलमेज सम्मेलन हुए।

    प्रश्न 18: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) का एक प्रमुख नारा क्या था?

    1. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
    2. करो या मरो
    3. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा
    4. आराम हराम है

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) के दौरान महात्मा गांधी द्वारा दिया गया प्रमुख नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था।
    • संदर्भ और विस्तार: 8 अगस्त 1942 को मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में इस आंदोलन की शुरुआत की गई थी। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना था। गांधीजी ने देशवासियों को स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया।
    • गलत विकल्प: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का नारा था। ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ सुभाष चंद्र बोस का नारा था। ‘आराम हराम है’ जवाहरलाल नेहरू का नारा था।

    प्रश्न 19: किस वायसराय ने ‘ऐतिहासिक व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया था?

    1. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
    2. लॉर्ड कैनिंग
    3. लॉर्ड डलहौजी
    4. लॉर्ड कर्जन

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: लॉर्ड डलहौजी, जो 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे, ने ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, यदि किसी भारतीय शासक की मृत्यु बिना किसी प्राकृतिक उत्तराधिकारी के हो जाती थी, तो उसके राज्य को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया जाता था। इस नीति के तहत सतारा, जैतपुर, संभलपुर, झाँसी, उदयपुर और नागपुर जैसे राज्यों को ब्रिटिश भारत में मिला लिया गया। इस नीति ने राज्यों के शासकों और लोगों में भारी असंतोष पैदा किया, जो 1857 के विद्रोह का एक महत्वपूर्ण कारण बनी।
    • गलत विकल्प: लॉर्ड विलियम बेंटिंक सती प्रथा उन्मूलन जैसे सुधारों के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।

    प्रश्न 20: ताना भगत आंदोलन किस क्षेत्र में और किस कारण हुआ था?

    1. बंगाल, लगान वृद्धि
    2. छोटा नागपुर, आदिवासी अधिकारों का हनन
    3. पंजाब, जल संरक्षण
    4. पूर्वी उत्तर प्रदेश, सामाजिक सुधार

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ताना भगत आंदोलन 1914-1920 के दौरान छोटा नागपुर (वर्तमान झारखंड) क्षेत्र में आदिवासी अधिकारों के हनन और शोषण के विरोध में हुआ था।
    • संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन जतरा भगत नामक एक ओरांव युवा द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी लोगों को उनके पारंपरिक अधिकारों, भूमि और जल पर अधिकार दिलाने, जमींदारों के शोषण से मुक्त कराने और ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध करना था। यह आंदोलन अहिंसक था और इसमें चरखा चलाने, स्थानीय उत्पादों के उपयोग और शराबबंदी जैसे सिद्धांतों पर जोर दिया गया।
    • गलत विकल्प: अन्य क्षेत्र और कारण प्रासंगिक नहीं हैं।

    प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सी घटना सबसे पहले हुई?

    1. प्लासी का युद्ध
    2. बक्सर का युद्ध
    3. सिराजुद्दौला का शासनकाल
    4. ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 ई. में हुई थी।
    • संदर्भ और विस्तार: यह किसी भी घटना से बहुत पहले हुआ। সিরাজुद्दौला 1756-1757 तक बंगाल का नवाब रहा। प्लासी का युद्ध 1757 में हुआ, और बक्सर का युद्ध 1764 में हुआ। इसलिए, सबसे पहली घटना ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना है।
    • गलत विकल्प: সিরাজुद्दौला का शासनकाल कंपनी की स्थापना के बाद आया। प्लासी का युद्ध बक्सर के युद्ध से पहले हुआ था, लेकिन ये दोनों ही कंपनी की स्थापना के बहुत बाद की घटनाएँ हैं।

    प्रश्न 22: प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी का सहयोगी कौन सा देश नहीं था?

    1. ऑस्ट्रिया-हंगरी
    2. तुर्की
    3. बुल्गारिया
    4. रूस

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में रूस जर्मनी का सहयोगी नहीं था, बल्कि वह मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) की ओर से लड़ा था।
    • संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियाँ (Central Powers) मुख्य रूप से जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की (ऑटोमन साम्राज्य) और बुल्गारिया थीं। जबकि मित्र राष्ट्रों में फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली (बाद में शामिल हुआ), जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका (बाद में शामिल हुआ) जैसे देश शामिल थे। रूस ने 1917 में क्रांति के बाद युद्ध से खुद को अलग कर लिया था।
    • गलत विकल्प: ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की और बुल्गारिया तीनों ही केंद्रीय शक्तियों के प्रमुख सदस्य थे और जर्मनी के सहयोगी थे।

    प्रश्न 23: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का मुख्य नारा क्या था?

    1. संघ, राज्य, राष्ट्र
    2. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
    3. न्याय, व्यवस्था, प्रगति
    4. शक्ति, अधिकार, विजय

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का मुख्य नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
    • संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के मुख्य उद्देश्यों को दर्शाता था। स्वतंत्रता का अर्थ था निरंकुश राजशाही से मुक्ति, समानता का अर्थ था सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समान मानना और सामंती विशेषाधिकारों का अंत, और बंधुत्व का अर्थ था नागरिकों के बीच एकता और भाईचारे की भावना। इसने आधुनिक लोकतांत्रिक विचारों को जन्म दिया।
    • गलत विकल्प: अन्य विकल्प क्रांति के मूल आदर्शों को व्यक्त नहीं करते हैं।

    प्रश्न 24: भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ का जनक किसे माना जाता है?

    1. लॉर्ड कैनिंग
    2. लॉर्ड डलहौजी
    3. लॉर्ड रिपन
    4. लॉर्ड कर्जन

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: लॉर्ड रिपन को भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ का जनक माना जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: 1882 में, लॉर्ड रिपन ने स्थानीय स्वशासन के संबंध में एक संकल्प प्रस्तुत किया, जिसने भारत में नगरपालिका प्रशासन और जिला बोर्डों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। उनका मानना था कि स्थानीय संस्थाओं का विकास स्थानीय लोगों को राजनीतिक प्रशिक्षण देने के लिए आवश्यक है। उन्होंने स्थानीय निकायों में गैर-सरकारी सदस्यों की बहुलता का समर्थन किया।
    • गलत विकल्प: लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत सिद्धांत लागू किया। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था, जो स्थानीय स्वशासन के सिद्धांतों के विपरीत था।

    प्रश्न 25: किस मुगल बादशाह ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नया कृषि विभाग स्थापित किया?

    1. इल्तुतमिश
    2. बलबन
    3. अलाउद्दीन खिलजी
    4. मुहम्मद बिन तुगलक

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351) ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ (Diwan-i-Amir Kohi) नामक एक नया कृषि विभाग स्थापित किया था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कृषि का विस्तार करना और किसानों की दशा सुधारना था। मुहम्मद बिन तुगलक ने सीधे किसानों को अनुदान देकर या कुएं खुदवाकर कृषि का विकास करने की योजना बनाई थी। यह विभाग विशेष रूप से दोआब क्षेत्र में कृषि को बढ़ावा देने पर केंद्रित था, जो उस समय सूखे से प्रभावित था।
    • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने तुर्कों की शक्ति को मजबूत किया। बलबन ने राजत्व सिद्धांत और ‘सीजदा’ व ‘पैबोस’ जैसी प्रथाएँ शुरू कीं। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी व्यवस्थाएँ लागू कीं।

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