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इतिहास के समंदर में गोता लगाएँ: आज का ज्ञानवर्धन

इतिहास के समंदर में गोता लगाएँ: आज का ज्ञानवर्धन

नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! आज फिर एक बार समय की यात्रा पर निकलने का समय आ गया है। क्या आप प्राचीन सभ्यताओं की नींव से लेकर आधुनिक युग की उथल-पुथल तक, अपनी ऐतिहासिक पकड़ को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, इन 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ अपने ज्ञान को चुनौती दें और इतिहास के हर पहलू को विस्तार से समझें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल गुजरात में स्थित था और लोथल के समान ही एक प्रमुख बंदरगाह था?

  1. मोहनजोदड़ो
  2. धौलावीरा
  3. कालीबंगन
  4. रोपड़

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: धौलावीरा, सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण स्थल था, जो वर्तमान गुजरात राज्य में स्थित था। यह जल प्रबंधन प्रणाली और अपनी शहरी योजना के लिए जाना जाता है। लोथल की तरह, धौलावीरा भी समुद्री व्यापार और वाणिज्य का एक केंद्र था, हालाँकि लोथल एक अधिक प्रसिद्ध बंदरगाह शहर था।
  • संदर्भ और विस्तार: धौलावीरा को हाल ही में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला है। यहाँ मिले विशाल जलाशय और बांध प्राचीन काल में जल संरक्षण की उन्नत तकनीकों को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो (सिंध, पाकिस्तान में), कालीबंगन (राजस्थान, भारत में), और रोपड़ (पंजाब, भारत में) अन्य महत्वपूर्ण सिंधु घाटी स्थल थे, लेकिन धौलावीरा की तरह गुजरात में प्रमुख बंदरगाह के रूप में इनकी पहचान नहीं है।

प्रश्न 2: मगध साम्राज्य के उत्थान में किस शासक का योगदान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसने हर्यक वंश की स्थापना की?

  1. बिम्बिसार
  2. अजातशत्रु
  3. उदयन
  4. नाग दशक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बिम्बिसार (लगभग 544-492 ईसा पूर्व) ने मगध में हर्यक वंश की स्थापना की और इसे एक प्रमुख शक्ति बनाने की नींव रखी। उसने वैवाहिक गठबंधन (कौशल देवी, चेलना) और साम्राज्यवादी विस्तार (अंग राज्य पर विजय) के माध्यम से अपनी शक्ति का विस्तार किया।
  • संदर्भ और विस्तार: बिम्बिसार ने अपनी राजधानी राजगृह (गिरिव्रज) की स्थापना की और बौद्ध धर्म का अनुयायी था। उसने उस समय के अन्य प्रमुख राज्यों, जैसे कोसल, अवंती, वत्स और गांधार के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखे।
  • गलत विकल्प: अजातशत्रु (बिम्बिसार का पुत्र) ने अपने पिता को गद्दी से उतारकर शासन संभाला और महाजनपदों पर विजय प्राप्त की। उदयन ने राजधानी को राजगृह से पाटलिपुत्र स्थानांतरित किया। नाग दशक हर्यक वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 3: ‘इंडिका’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक का लेखक कौन है, जिसमें मौर्य साम्राज्य का विस्तृत वर्णन मिलता है?

  1. टॉलेमी
  2. मेगस्थनीज
  3. प्लिनी
  4. फाह्यान

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मेगस्थनीज यूनानी राजदूत था जिसे सेल्यूकस निकेटर ने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा था। उसने ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उसने भारतीय समाज, संस्कृति, शासन-प्रणाली और चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य का वर्णन किया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि ‘इंडिका’ का मूल पाठ अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके अंश अन्य लेखकों जैसे एरियन, प्लूटार्क और स्ट्रैबो के कार्यों में मिलते हैं। यह पुस्तक मौर्य काल को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण विदेशी स्रोतों में से एक है।
  • गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था। प्लिनी एक रोमन लेखक था। फाह्यान एक चीनी यात्री था जो गुप्त काल में भारत आया था।

प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) और ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) जैसे विभाग स्थापित किए?

  1. अलाउद्दीन खिलजी
  2. गयासुद्दीन तुगलक
  3. फिरोज शाह तुगलक
  4. सिकंदर लोदी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक (1351-1388) एक अत्यंत परोपकारी शासक था जिसने कई जनकल्याणकारी कार्य किए। उसने दास (गुलाम) और दान के लिए विशेष विभाग स्थापित किए। ‘दीवान-ए-बंदगान’ गुलामों के कल्याण और प्रशिक्षण के लिए था, और ‘दीवान-ए-खैरात’ गरीबों और जरूरतमंदों को दान वितरित करने के लिए था।
  • संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक ने सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया, कई शहर बसाए (जैसे फिरोजाबाद, फतेहाबाद), और जजिया कर को गैर-मुस्लिमों पर पुनः लागू किया। उसने इक्ता प्रणाली को भी पुनर्जीवित किया।
  • गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और सैन्य सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी और तुगलकाबाद शहर बसाया। सिकंदर लोदी ने कृषि को बढ़ावा दिया और भूमि मापन प्रणाली शुरू की।

प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र पितामह’ के रूप में जाना जाता है, जिसने तेलुगु साहित्य को संरक्षण दिया?

  1. कृष्णदेवराय
  2. देवराय द्वितीय
  3. अच्युतदेवराय
  4. राम राय

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्णदेवराय (1509-1529) विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक थे। वे स्वयं एक विद्वान और कवि थे और उन्होंने तेलुगु साहित्य को अत्यधिक संरक्षण दिया। उनके दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ नामक आठ तेलुगु विद्वान रहते थे, और उन्हें ‘आंध्र पितामह’ (आंध्र के पिता) के रूप में भी जाना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय ने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की। उन्होंने अपनी विजयों से साम्राज्य का विस्तार किया और कूटनीति में भी निपुण थे।
  • गलत विकल्प: देवराय द्वितीय ने भी साहित्य को संरक्षण दिया था। अच्युतदेवराय और राम राय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘आंध्र पितामह’ की उपाधि कृष्णदेवराय से जुड़ी है।

प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. बेगम हजरत महल
  3. तात्या टोपे
  4. नाना साहेब

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: नाना साहेब, जो पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे, ने 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से नेतृत्व किया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और स्वयं को पेशवा घोषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब के नेतृत्व में विद्रोहियों ने कानपुर पर कब्जा कर लिया था। उनके प्रमुख सहयोगियों में तात्या टोपे और अजीमुल्ला खान शामिल थे।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से, और तात्या टोपे ने केंद्रीय भारत में विद्रोह का नेतृत्व किया था, हालांकि उन्होंने कानपुर में नाना साहेब के साथ मिलकर भी काम किया था।

प्रश्न 7: किस ब्रिटिश वायसराय ने ‘बंगाल का विभाजन’ (1905) किया था, जिसने भारतीय राष्ट्रवाद को तीव्र कर दिया?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड मिंटो

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड कर्जन, जो 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय रहे, ने प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए 1905 में बंगाल का विभाजन कर दिया। इसका वास्तविक उद्देश्य ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को लागू करना और बढ़ते बंगाली राष्ट्रवाद को कमजोर करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन और बहिष्कार आंदोलन चलाए गए, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। लॉर्ड कर्जन को उनकी साम्राज्यवादी और राष्ट्रवादी विरोधी नीतियों के लिए जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड मिंटो (द्वितीय) ने लॉर्ड मॉर्ले के साथ मिलकर ‘मॉर्ले-मिंटो सुधार’ (1909) प्रस्तुत किए।

प्रश्न 8: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया?

  1. लाहौर अधिवेशन, 1929
  2. कलकत्ता अधिवेशन, 1920
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. फैजपुर अधिवेशन, 1936

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लाहौर अधिवेशन, जो दिसंबर 1929 में हुआ था, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इसी अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रस्ताव के बाद 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया गया, और इसी दिन भारत ने अपनी स्वतंत्रता का संकल्प लिया। यह आंदोलन को एक स्पष्ट लक्ष्य देने वाला कदम था।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक कार्यक्रम का प्रस्ताव पारित हुआ। फैजपुर अधिवेशन (1936) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला ग्रामीण अधिवेशन था।

प्रश्न 9: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ज्योतिबा फुले

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883), जो आर्य समाज के संस्थापक थे, ने 19वीं सदी के भारतीय समाज सुधार आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्राचीन वैदिक धर्म की शुद्धता पर जोर दिया और ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: उनका मानना था कि वेदों में ही सभी सत्य समाहित हैं और मध्यकाल के अंधविश्वासों तथा विदेशी प्रभावों को दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नामक पुस्तक भी लिखी।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और उन्होंने वेदांत दर्शन का प्रचार किया। राजा राम मोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे और उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया। ज्योतिबा फुले ने ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की और दलितों व स्त्रियों के उत्थान के लिए कार्य किया।

प्रश्न 10: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) में कौन सा प्रमुख देश शामिल नहीं था?

  1. ब्रिटेन
  2. फ्रांस
  3. रूस
  4. संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में, संयुक्त राज्य अमेरिका तटस्थ रहा और 1917 में युद्ध में शामिल हुआ। युद्ध के अधिकांश समय में, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस मित्र राष्ट्रों के प्रमुख सदस्य थे।
  • संदर्भ और विस्तार: मित्र राष्ट्रों में मुख्य रूप से ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली (1915 से), जापान और बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे। केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्क साम्राज्य और बुल्गारिया शामिल थे।
  • गलत विकल्प: ब्रिटेन, फ्रांस और रूस युद्ध की शुरुआत से ही मित्र राष्ट्रों के प्रमुख सदस्य थे। संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रवेश युद्ध का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

प्रश्न 11: हर्यक वंश के किस शासक ने अपनी राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र स्थानांतरित की?

  1. बिम्बिसार
  2. अजातशत्रु
  3. उदयन
  4. नाग दशक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: उदयन (लगभग 460-440 ईसा पूर्व), हर्यक वंश का एक महत्वपूर्ण शासक था, जिसने मगध की राजधानी को राजगृह से गंगा और सोन नदियों के संगम पर स्थित पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) स्थानांतरित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: पाटलिपुत्र को स्थानांतरित करने का मुख्य कारण इसका सामरिक महत्व था। यह एक जलदुर्ग था और तीनों ओर से नदियों से घिरा हुआ था, जिससे यह सुरक्षा की दृष्टि से अधिक मजबूत था।
  • गलत विकल्प: बिम्बिसार ने राजगृह को राजधानी बनाया था। अजातशत्रु ने भी राजगृह को ही राजधानी बनाए रखा। नाग दशक हर्यक वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 12: ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में किस गवर्नर-जनरल का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण था, जिसने 1829 में इसे गैरकानूनी घोषित किया?

  1. लॉर्ड वेलेजली
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  3. लॉर्ड डलहौजी
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे जिन्होंने राजा राम मोहन राय जैसे समाज सुधारकों के प्रयासों से प्रेरित होकर, 1829 में ‘बंगाल सती रेगुलेशन’ (Regulation XVII) पारित कर सती प्रथा को गैरकानूनी और दंडनीय घोषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारत में एक अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार था जिसने अनगिनत महिलाओं को जीवनदान दिया। राजा राम मोहन राय ने इस प्रथा के खिलाफ लंबे समय तक संघर्ष किया था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली सहायक संधि प्रणाली के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत लागू किया। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी उपाधि ‘समुद्रगुप्त’ से संबंधित नहीं है?

  1. सर्व-राज-उच्छेदक
  2. विक्रम
  3. विक्रमांक
  4. कविराज

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘विक्रमांक’ उपाधि द्वितीय चंद्रगुप्त (समुद्रगुप्त के पुत्र) से संबंधित है, जिन्होंने शकों पर विजय प्राप्त की थी। समुद्रगुप्त को ‘सर्व-राज-उच्छेदक’ (सभी राजाओं का नाश करने वाला), ‘विक्रम’ (पराक्रमी) और ‘कविराज’ (कवियों का राजा) जैसी उपाधियों से जाना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रयाग प्रशस्ति (जिसे इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख भी कहते हैं) में समुद्रगुप्त की विजयों और उपाधियों का वर्णन मिलता है। वह एक महान विजेता और कला-प्रेमी शासक था।
  • गलत विकल्प: ‘सर्व-राज-उच्छेदक’, ‘विक्रम’ और ‘कविराज’ समुद्रगुप्त से संबंधित उपाधियाँ हैं, जबकि ‘विक्रमांक’ द्वितीय चंद्रगुप्त की उपाधि है।

प्रश्न 14: 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान, किस प्रमुख नेता को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके कारण आंदोलन का नेतृत्व कमजोर पड़ गया?

  1. सरदार वल्लभभाई पटेल
  2. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
  3. महात्मा गांधी
  4. पंडित जवाहरलाल नेहरू

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 8 अगस्त, 1942 को कांग्रेस द्वारा ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) शुरू करने के ठीक बाद, ब्रिटिश सरकार ने ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ के तहत महात्मा गांधी सहित कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। गांधीजी को पुणे के आगा खान पैलेस में रखा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: गांधीजी की गिरफ्तारी के कारण आंदोलन का नेतृत्व अनौपचारिक रूप से जनता के हाथों में आ गया, जिससे यह एक बड़े पैमाने पर जमीनी स्तर का आंदोलन बन गया, जिसमें कई स्थानों पर समानांतर सरकारें भी स्थापित हुईं।
  • गलत विकल्प: सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद और पंडित नेहरू को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन आंदोलन के मुख्य आह्वानकर्ता और प्रतीक महात्मा गांधी थे, जिनकी गिरफ्तारी ने आंदोलन को प्रत्यक्ष नेतृत्व से वंचित कर दिया।

प्रश्न 15: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म का प्रवर्तन किया?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मुगल सम्राट अकबर (1556-1605) ने अपने शासनकाल के अंतिम वर्षों में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक समन्वयवादी धर्म की स्थापना की। यह विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक नया पंथ बनाने का प्रयास था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर ने इबादतखाने की स्थापना की जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वान धार्मिक चर्चा करते थे। दीन-ए-इलाही को स्वीकार करने वाले बहुत कम लोग थे, और यह एक व्यापक धार्मिक आंदोलन नहीं बन पाया। बीरबल इस धर्म को स्वीकार करने वाले कुछ प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस प्रकार के किसी भी नए धर्म की स्थापना नहीं की। वास्तव में, औरंगजेब ने धार्मिक असहिष्णुता की नीति अपनाई थी।

प्रश्न 16: ‘अजंता की गुफाएँ’ किस काल की चित्रकला और वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं?

  1. मौर्य काल
  2. गुप्त काल
  3. कुषाण काल
  4. सातवाहन काल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अजंता की गुफाओं की अधिकांश चित्रकला और वास्तुकला गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) के दौरान विकसित हुई, जिसे भारतीय कला का स्वर्ण युग माना जाता है। इनमें बौद्ध जातक कथाओं और बुद्ध के जीवन से संबंधित दृश्यों को अत्यंत कुशलता से चित्रित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र में स्थित हैं और इनमें कुल 29 गुफाएँ हैं, जिनमें से कुछ का निर्माण सातवाहन और वाकाटक काल में भी हुआ था, लेकिन गुप्त काल का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: मौर्य काल (जैसे अशोक के स्तंभ), कुषाण काल (जैसे गांधार कला) और सातवाहन काल (जैसे अमरावती स्तूप) की अपनी विशिष्ट कला शैलियाँ थीं, लेकिन अजंता की सर्वोत्कृष्ट चित्रकला गुप्त काल से ही जुड़ी है।

प्रश्न 17: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. राम मनोहर लोहिया

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी। कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन (1939) में अपनी उम्मीदवारी को लेकर हुए मतभेद के बाद, उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अपनी राजनीतिक पार्टी ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ का गठन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक अधिक आक्रामक और समाजवादी दृष्टिकोण अपनाना था। बोस का लक्ष्य कांग्रेस के भीतर एक मजबूत वामपंथी धारा बनाना था।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। राम मनोहर लोहिया भी कांग्रेस के समाजवादी धड़े के एक प्रमुख नेता थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ का रचयिता है?

  1. कालिदास
  2. बाणभट्ट
  3. चाणक्य
  4. विशाखदत्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘अर्थशास्त्र’ मौर्यकालीन राजनीतिक विचारक, अर्थशास्त्री और चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री चाणक्य (जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है) की एक उत्कृष्ट कृति है। यह शासन, कूटनीति, अर्थव्यवस्था और सैन्य रणनीति जैसे विषयों पर एक विस्तृत ग्रंथ है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस ग्रंथ को भारतीय शासन कला का एक आधारभूत ग्रंथ माना जाता है। इसमें राज्य के सात अंग (सप्तांग सिद्धांत) बताए गए हैं और राज्य के सुचारू संचालन के लिए विस्तृत नियम दिए गए हैं।
  • गलत विकल्प: कालिदास प्राचीन भारत के महान कवि और नाटककार थे (जैसे ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’)। बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ की रचना की। विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ नामक नाटक लिखा।

प्रश्न 19: ‘कौटिल्य के अर्थशास्त्र’ के अनुसार, राज्य का सातवां अंग कौन सा था?

  1. स्वामी (राजा)
  2. अमात्य (मंत्री)
  3. दुर्ग (किला)
  4. मित्र (सहयोगी)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कौटिल्य ने अपने ‘अर्थशास्त्र’ में राज्य के सात अंगों का वर्णन किया है, जिन्हें ‘सप्तांग सिद्धांत’ कहा जाता है। ये सात अंग हैं: 1. स्वामी (राजा), 2. अमात्य (मंत्री), 3. जनपद (भूमि और जनता), 4. दुर्ग (किला), 5. कोष (खजाना), 6. दंड (सेना/न्याय) और 7. मित्र (सहयोगी)।
  • संदर्भ और विस्तार: कौटिल्य का मानना था कि राज्य की सुदृढ़ता इन सभी अंगों पर निर्भर करती है, और मित्र राज्य को विस्तार और सुरक्षा में मदद करते हैं।
  • गलत विकल्प: स्वामी, अमात्य और दुर्ग राज्य के अन्य महत्वपूर्ण अंग हैं, लेकिन ‘मित्र’ राज्य का सातवां अंग है।

प्रश्न 20: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वह कौन सा अधिवेशन था, जहाँ ‘गांधी-इरविन समझौता’ (5 मार्च 1931) के बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया?

  1. लाहौर अधिवेशन, 1929
  2. कराची अधिवेशन, 1931
  3. कलकत्ता अधिवेशन, 1933
  4. लखनऊ अधिवेशन, 1936

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कराची अधिवेशन (मार्च 1931) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वह अधिवेशन था जहाँ गांधी-इरविन समझौते को मंजूरी दी गई और सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इस अधिवेशन की अध्यक्षता सरदार वल्लभभाई पटेल ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि समझौते का विरोध भी हुआ, लेकिन कांग्रेस ने आंदोलन को निलंबित करने का फैसला किया। इसी अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार ‘मौलिक अधिकारों’ और ‘आर्थिक नीति’ का प्रस्ताव पारित किया।
  • गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन (1929) पूर्ण स्वराज के प्रस्ताव के लिए प्रसिद्ध है। कलकत्ता अधिवेशन (1933) और लखनऊ अधिवेशन (1936) में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।

प्रश्न 21: ‘इक्तादारी प्रणाली’ की शुरुआत किसने की थी?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. गयासुद्दीन बलबन
  4. अलाउद्दीन खिलजी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: दिल्ली सल्तनत के गुलाम वंश के सुल्तान इल्तुतमिश (1211-1236) को ‘इक्तादारी प्रणाली’ का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। इस प्रणाली के तहत, राज्य की भूमि को इक्ताओं (प्रशासनिक इकाइयों) में विभाजित किया जाता था, जिनका प्रशासन इक्तादारों को सौंपा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: इक्तादार भू-राजस्व वसूल करते थे और अपने क्षेत्र की कानून-व्यवस्था बनाए रखते थे। यह प्रणाली सल्तनत के विस्तार और केंद्रीय प्रशासन को मजबूत करने में सहायक थी।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक गुलाम वंश का संस्थापक था। बलबन ने ‘चालीसा’ को समाप्त किया और राजत्व की नई अवधारणा पेश की। अलाउद्दीन खिलजी ने इक्तादारी प्रणाली में सुधार किए थे, लेकिन इसकी शुरुआत इल्तुतमिश ने की थी।

प्रश्न 22: ‘संवैधानिक राजतंत्र’ (Constitutional Monarchy) का विचार भारत में किस अधिनियम द्वारा सबसे पहले प्रस्तुत किया गया?

  1. 1833 का चार्टर अधिनियम
  2. 1858 का भारत सरकार अधिनियम
  3. 1861 का भारत परिषद अधिनियम
  4. 1909 का भारत परिषद अधिनियम (मार्ले-मिंटो सुधार)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1858 का भारत सरकार अधिनियम, जिसने ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर भारत को सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन लाया, भारत में ‘संवैधानिक राजतंत्र’ की ओर पहला कदम था। इसके तहत, भारत का शासन वायसराय के माध्यम से ब्रिटिश सम्राट के अधीन हो गया, और एक ‘भारत सचिव’ की नियुक्ति की गई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारत में कंपनी शासन की गलतियों को सुधारने और भारतीय प्रशासन को अधिक जवाबदेह बनाने का प्रयास किया, भले ही यह एक पूर्ण संवैधानिक राजतंत्र न हो। इसने धीरे-धीरे अप्रत्यक्ष शासन की नींव रखी।
  • गलत विकल्प: 1833 का चार्टर अधिनियम ने गवर्नर-जनरल को भारत का गवर्नर-जनरल बनाया। 1861 का अधिनियम भारतीयों को विधान परिषदों में शामिल करने की शुरुआत करता है। 1909 का अधिनियम सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की शुरुआत करता है।

प्रश्न 23: ‘सोमनाथ मंदिर’ को किस गजनवी शासक ने ध्वस्त किया था?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. मुहम्मद गोरी
  3. महमूद गजनवी
  4. बलबन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: महमूद गजनवी, गजनवी साम्राज्य का एक तुर्क शासक था, जिसने 1025 ईस्वी में गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया और उसे लूटा तथा ध्वस्त किया। यह उसके भारत पर किए गए 17 आक्रमणों में से एक था।
  • संदर्भ और विस्तार: महमूद गजनवी अपने धन के लालच और मूर्तियों के विनाश के लिए जाना जाता था। सोमनाथ का आक्रमण उसके सबसे प्रसिद्ध और विध्वंसक आक्रमणों में से एक था।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत का संस्थापक था। मुहम्मद गोरी ने तराइन के युद्ध लड़े थे। बलबन एक शक्तिशाली सल्तनत शासक था।

प्रश्न 24: ‘साइमन कमीशन’ का गठन कब किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करना था?

  1. 1925
  2. 1927
  3. 1928
  4. 1930

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: साइमन कमीशन का गठन 1927 में ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में 1919 के भारत सरकार अधिनियम के कामकाज की समीक्षा करना और भविष्य के लिए संवैधानिक सुधारों का प्रस्ताव देना था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आयोग में सात सदस्य थे, और सभी ब्रिटिश थे, जिसके कारण भारत में भारी विरोध हुआ। इस आयोग को ‘श्वेत शिष्टमंडल’ (White Man’s Burden) कहा गया और इसके खिलाफ “साइमन वापस जाओ” (Simon Go Back) जैसे नारे लगे।
  • गलत विकल्प: 1928 में यह भारत आया था, लेकिन इसका गठन 1927 में हुआ था। 1925 में भारत सरकार अधिनियम पर बहस हो रही थी, और 1930 में गोलमेज सम्मेलन होने शुरू हुए थे।

प्रश्न 25: प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्क साम्राज्य का अंत हुआ और उसके विभाजन से किस क्षेत्र का उदय हुआ?

  1. ईरान
  2. ईराक
  3. मध्य पूर्व के विभिन्न देश (जैसे सीरिया, लेबनान, जॉर्डन, फिलिस्तीन)
  4. अरब प्रायद्वीप

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) के हारने के बाद, विजयी मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) ने ओटोमन (तुर्क) साम्राज्य को भंग कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, मध्य पूर्व के बड़े हिस्से को ब्रिटिश और फ्रांसीसी प्रभाव वाले मंडेट क्षेत्रों (Mandates) में विभाजित कर दिया गया, जिनसे बाद में सीरिया, लेबनान, जॉर्डन, फिलिस्तीन, इराक और तुर्की जैसे आधुनिक राष्ट्रों का उदय हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाजन ने मध्य पूर्व के राजनीतिक मानचित्र को मौलिक रूप से बदल दिया और कई वर्तमान संघर्षों की नींव भी रखी।
  • गलत विकल्प: ईरान का साम्राज्यिक इतिहास अलग था। इराक जैसे देशों का उदय तुर्क साम्राज्य के विभाजन का परिणाम था, लेकिन यह विभाजन पूरे मध्य पूर्व के क्षेत्रों को प्रभावित करने वाला था। अरब प्रायद्वीप भी इससे प्रभावित हुआ, लेकिन ‘मध्य पूर्व के विभिन्न देश’ सबसे सटीक उत्तर है।

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