इतिहास के रण में विजय का संकल्प: दैनिक 25 प्रश्नों का महासंग्राम!
काल की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ऐतिहासिक ज्ञान को परखने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह प्रश्नोत्तरी सत्र आपको प्राचीन भारत की स्मृतियों से लेकर आधुनिक युग की उथल-पुथल तक और विश्व के महत्वपूर्ण पलों तक ले जाएगा। अपने ज्ञान की तलवार को तेज करें और देखें कि आप इतिहास के इस रोमांचक सफर में कितना आगे बढ़ पाते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से फारस की खाड़ी प्रकार की मुहरें प्राप्त हुई हैं?
- लोथल
- कालीबंगन
- बनावली
- धोलावीरा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लोथल, गुजरात में स्थित एक महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल था, जहाँ से फारस की खाड़ी (मेसोपोटामिया) प्रकार की मुहरें मिली हैं, जो उस समय के व्यापक समुद्री व्यापार को दर्शाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था और यहाँ से मिले गोदी (डॉकयार्ड) के अवशेषों से इसके समुद्री व्यापारिक महत्व का पता चलता है। इन मुहरों से तत्कालीन व्यापारिक संबंधों का पता चलता है।
- अincorrect विकल्प: कालीबंगन,बनावली और धोलावीरा अन्य महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल हैं, लेकिन उनसे फारस की खाड़ी प्रकार की मुहरें मिलने का कोई प्रमाण नहीं है।
प्रश्न 2: ‘अष्टाध्यायी’ के लेखक कौन थे?
- पाणिनि
- पतंजलि
- कात्यायन
- वराहमिहिर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अष्टाध्यायी’ संस्कृत व्याकरण पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विस्तृत कृति है, जिसके लेखक पाणिनि थे। यह भारतीय भाषा विज्ञान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर मानी जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: पाणिनि ने इस ग्रंथ में लगभग 5000 सूत्रों के माध्यम से संस्कृत भाषा के व्याकरण को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया। यह ग्रंथ ईसा पूर्व चौथी शताब्दी के आसपास लिखा गया था।
- अincorrect विकल्प: पतंजलि ‘योगसूत्र’ के लिए जाने जाते हैं, कात्यायन ने ‘वार्तिक’ लिखे, और वराहमिहिर एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे जिन्होंने ‘पंचसिद्धांतिका’ लिखी।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त (लगभग 335-375 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल में एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया और अनेक युद्धों में विजय प्राप्त की, जैसे कि तत्कालीन नेपोलियन ने यूरोप में किया था।
- संदर्भ और विस्तार: प्रयाग प्रशस्ति (जिसे इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख भी कहा जाता है) में समुद्रगुप्त की विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उन्होंने उत्तर भारत की कई छोटी-छोटी शक्तियों को परास्त किया और दक्षिणापथ के शासकों को भी हराया।
- अincorrect विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य के संस्थापक थे, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) अपने साहित्य और कला के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध थे, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान का विभाग) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दासों का विभाग) की स्थापना की?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388 ई.) दिल्ली सल्तनत के एक महत्वपूर्ण सुल्तान थे जिन्होंने लोक कल्याणकारी कार्यों पर जोर दिया। उन्होंने ‘दीवान-ए-खैरात’ और ‘दीवान-ए-बंदगान’ जैसे विभागों की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दीवान-ए-खैरात’ जरूरतमंदों, विधवाओं और अनाथों को वित्तीय सहायता प्रदान करता था। ‘दीवान-ए-बंदगान’ में बड़ी संख्या में गुलामों को रखा जाता था और उन्हें विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षित किया जाता था।
- अincorrect विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक सल्तनत के संस्थापक थे, इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) का गठन किया, और बलबन ने सुल्तान की शक्ति को मजबूत किया।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने ‘आष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु कवियों के समूह का संरक्षण किया?
- देवराय प्रथम
- कृष्ण देवराय
- देवराय द्वितीय
- राम राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कृष्ण देवराय (शासनकाल 1509-1530 ई.) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे। वे स्वयं एक विद्वान और कवि थे और उन्होंने तेलुगु साहित्य को बहुत बढ़ावा दिया।
- संदर्भ और विस्तार: उनके दरबार में ‘आष्टदिग्गज’ (आठ महान कवि) रहते थे, जिनमें प्रमुख थे अल्लसानी पेडन्ना। उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक प्रसिद्ध तेलुगु काव्य की रचना की।
- अincorrect विकल्प: देवराय प्रथम ने संगम राजवंश के तहत शासन किया, देवराय द्वितीय ने ‘मलिकार्जुन’ की उपाधि धारण की, और राम राय ने विजयनगर की हार के बाद भी संघर्ष जारी रखा।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- यह विद्रोह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ था।
- विद्रोह का तात्कालिक कारण नई एनफील्ड राइफलों में सूअर और गाय की चर्बी से बने कारतूसों का प्रयोग था।
- रानी लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर से विद्रोह का नेतृत्व किया।
- यह विद्रोह दिल्ली में सबसे पहले शुरू हुआ।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 का विद्रोह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ भारतीय सिपाहियों और जनता का एक बड़ा विद्रोह था। तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफलों के कारतूस थे, और रानी लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर से नेतृत्व किया था।
- संदर्भ और विस्तार: विद्रोह की शुरुआत 29 मार्च 1857 को बैरकपुर, बंगाल में मंगल पांडे द्वारा हुई थी, न कि दिल्ली में। दिल्ली में यह विद्रोह 11 मई 1857 को शुरू हुआ जब भारतीय सिपाहियों ने शहर पर कब्जा कर लिया।
- अincorrect विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सही हैं। यह विद्रोह मुख्य रूप से कंपनी के शासन के खिलाफ था, कारतूसों का मुद्दा इसका तात्कालिक कारण बना, और लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर में तात्या टोपे के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी।
प्रश्न 7: ‘इल्बर्ट बिल’ विवाद किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ?
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड डफरिन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड रिपन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इल्बर्ट बिल विवाद लॉर्ड रिपन (वायसराय, 1880-1884) के कार्यकाल में हुआ था। इस बिल का उद्देश्य भारतीय न्यायाधीशों को भी यूरोपीय लोगों पर मुकदमा चलाने का अधिकार देना था।
- संदर्भ और विस्तार: बिल के यूरोपीय समुदाय द्वारा कड़े विरोध के कारण इसे संशोधित करना पड़ा, जिससे भारतीयों में रोष फैल गया और यह भारतीय राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक बन गया।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड लिटन वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड डफरिन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई, और लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस घटना ने भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया?
- 1857 का विद्रोह
- भारत सरकार अधिनियम 1858
- भारत सरकार अधिनियम 1909
- भारत सरकार अधिनियम 1919
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के परिणामस्वरूप, ब्रिटिश क्राउन ने भारत का शासन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से अपने हाथ में ले लिया। इस परिवर्तन को ‘भारत सरकार अधिनियम 1858’ द्वारा औपचारिक रूप दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम के तहत, भारत का शासन सीधे ब्रिटिश संसद के अधीन आ गया, और भारत के लिए एक राज्य सचिव (Secretary of State for India) नियुक्त किया गया। गवर्नर-जनरल को ‘वायसराय’ कहा जाने लगा।
- अincorrect विकल्प: 1857 का विद्रोह इस परिवर्तन का कारण बना, लेकिन यह स्वयं परिवर्तन नहीं था। 1909 और 1919 के अधिनियमों ने भारतीयों की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाया लेकिन कंपनी के शासन को समाप्त नहीं किया।
प्रश्न 9: 1905 में बंगाल विभाजन की घोषणा किसने की थी?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने की थी। उन्होंने पूर्वी बंगाल और असम को मिलाकर एक नया प्रांत बनाने का आदेश दिया।
- संदर्भ और विस्तार: विभाजन का मुख्य कारण प्रशासनिक सुविधा बताया गया था, लेकिन भारतीयों ने इसे ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का हिस्सा माना, जिससे स्वदेशी आंदोलन और बहिष्कार का जन्म हुआ।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया था, लॉर्ड मिंटो ने 1909 के मार्ले-मिंटो सुधारों में भूमिका निभाई, और लॉर्ड हार्डिंग ने दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने की घोषणा की।
प्रश्न 10: असहयोग आंदोलन के दौरान ‘चौरी-चौरा घटना’ कब हुई थी?
- 5 फरवरी 1922
- 10 मार्च 1922
- 20 जुलाई 1920
- 8 अगस्त 1920
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: चौरी-चौरा की हिंसक घटना 5 फरवरी 1922 को गोरखपुर जिले (उत्तर प्रदेश) के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुई थी। इस घटना में भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस हिंसक घटना के कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया, जो उनके अहिंसा के सिद्धांत के प्रतिकूल था।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प असहयोग आंदोलन के विभिन्न चरणों से संबंधित हैं, लेकिन चौरी-चौरा की घटना का निश्चित समय 5 फरवरी 1922 ही है।
प्रश्न 11: प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किस स्थान पर हुआ था?
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
- राजगृह
- कुंडलवन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम बौद्ध संगीति (परिषद्) का आयोजन ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में राजगृह (वर्तमान राजगीर) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगीति मगध के सम्राट अजातशत्रु के संरक्षण में आयोजित की गई थी और महाकश्यप इसके अध्यक्ष थे। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध के उपदेशों को संकलित करना था।
- अincorrect विकल्प: वैशाली में दूसरी बौद्ध संगीति, पाटलिपुत्र में तीसरी बौद्ध संगीति (अशोक के संरक्षण में), और कुंडलवन (कश्मीर) में चौथी बौद्ध संगीति (कनिष्क के संरक्षण में) आयोजित हुई थी।
प्रश्न 12: ‘ग़दर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- लंदन
- सैन फ्रांसिस्को
- न्यूयॉर्क
- बर्लिन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ग़दर पार्टी, जिसका गठन 1913 में हुआ था, का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: यह पार्टी मुख्य रूप से विदेशी भूमि में बसे भारतीय क्रांतिकारियों द्वारा स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति लाना था। लाला हरदयाल इसके प्रमुख नेताओं में से एक थे।
- अincorrect विकल्प: लंदन में इंडिया हाउस क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र था, न्यूयॉर्क में भी कुछ गतिविधियाँ होती थीं, और बर्लिन में भी भारतीय स्वतंत्रता के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन ग़दर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘नयाब-ए-खुदा’ (ईश्वर का दूत) की उपाधि धारण की थी?
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बलबन (शासनकाल 1266-1287 ई.) ने अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए ‘नयाब-ए-खुदा’ (ईश्वर का प्रतिनिधि) और ‘ज़िल-ए-इलाही’ (ईश्वर का प्रतिबिंब) जैसी उपाधियाँ धारण कीं।
- संदर्भ और विस्तार: उसने राजत्व के दैवीय सिद्धांत पर जोर दिया और दरबार में ईरानी शिष्टाचार (जैसे सिजदा और पैबोस) को लागू किया ताकि सुल्तान की शक्ति और प्रतिष्ठा बढ़े। उसने चालीसा दल का दमन भी किया।
- अincorrect विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने ‘सिकंदर-ए-सानी’ (द्वितीय सिकंदर) की उपाधि धारण की। गयासुद्दीन तुगलक और मोहम्मद बिन तुगलक अपनी प्रशासनिक नीतियों के लिए जाने जाते हैं, न कि इस प्रकार की उपाधियों के लिए।
प्रश्न 14: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के लेखक कौन थे?
- अमीर खुसरो
- ज़ियाउद्दीन बरनी
- इब्न बतूता
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ मध्यकालीन भारत के इतिहास को जानने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसके लेखक ज़ियाउद्दीन बरनी थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस ग्रंथ में बलबन के शासनकाल से लेकर फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल के छठे वर्ष तक का इतिहास वर्णित है। यह उस समय की राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
- अincorrect विकल्प: अमीर खुसरो दिल्ली सल्तनत के कई शासकों के समकालीन थे और उन्होंने ‘तुगलकनामा’ जैसी कृतियाँ लिखीं। इब्न बतूता एक मोरक्को यात्री थे जिन्होंने ‘रेहला’ लिखी। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ लिखी।
प्रश्न 15: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914-1918
- 1910-1914
- 1918-1922
- 1905-1909
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध, जिसे ‘महायुद्ध’ (The Great War) भी कहा जाता है, 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी द्वारा सर्बिया पर युद्ध की घोषणा के साथ शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को जर्मनी द्वारा युद्धविराम पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से मित्र राष्ट्रों (जैसे फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, अमेरिका) और केंद्रीय शक्तियों (जैसे जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की) के बीच लड़ा गया था। इसने विश्व के राजनीतिक मानचित्र को पूरी तरह बदल दिया।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प युद्ध के कालखंड से मेल नहीं खाते।
प्रश्न 16: ‘हर्षचरित’ के लेखक कौन थे, जिन्होंने हर्ष के जीवन और उनके समय का वर्णन किया है?
- कालिदास
- बाणभट्ट
- हर्षवर्धन
- इब्न बतूता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘हर्षचरित’ के लेखक बाणभट्ट थे, जो सम्राट हर्षवर्धन (शासनकाल 606-647 ई.) के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ हर्षवर्धन के जीवन, उनके पूर्वजों और उनके शासनकाल की घटनाओं का विस्तृत विवरण देता है। यह संस्कृत साहित्य की एक उत्कृष्ट कृति मानी जाती है। बाणभट्ट ने ‘कादंबरी’ की भी रचना की थी।
- अincorrect विकल्प: कालिदास प्राचीन भारत के महान कवि थे, हर्षवर्धन स्वयं एक विद्वान और कवि थे (जिन्होंने ‘प्रियदर्शिका’, ‘रत्नावली’ और ‘नागानन्द’ लिखी), और इब्न बतूता एक विदेशी यात्री थे।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से किस आंदोलन को ‘गांधीजी का पहला जन आंदोलन’ माना जाता है?
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- असहयोग आंदोलन
- रौलट सत्याग्रह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: असहयोग आंदोलन (1920-1922) को महात्मा गांधी का पहला राष्ट्रव्यापी और जन-आधारित आंदोलन माना जाता है, जिसमें उन्होंने बड़े पैमाने पर आम जनता को संगठित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन में विद्यार्थियों, वकीलों, किसानों और मजदूरों सहित समाज के विभिन्न वर्गों ने भाग लिया। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के साथ सभी प्रकार के असहयोग द्वारा स्वराज प्राप्त करना था।
- अincorrect विकल्प: रौलट सत्याग्रह (1919) गांधीजी का प्रारंभिक महत्वपूर्ण आंदोलन था, लेकिन असहयोग आंदोलन का जन-आधार अधिक व्यापक था। सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) बाद के बड़े आंदोलन थे।
प्रश्न 18: ‘पुणे पैक्ट’ (Poona Pact) किन-किन के बीच हुआ था?
- गांधीजी और अंबेडकर
- कांग्रेस और मुस्लिम लीग
- ब्रिटिश सरकार और कांग्रेस
- गांधीजी और इरविन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पुणे पैक्ट (Poona Pact) 24 सितंबर 1932 को महात्मा गांधी और बी.आर. अंबेडकर के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता सांप्रदायिक पंचाट (Communal Award) के जवाब में हुआ था, जिसने दलितों (जिन्हें अंबेडकर ‘हरिजन’ कहते थे) के लिए पृथक निर्वाचिका की व्यवस्था की थी। पुणे पैक्ट के तहत दलितों को संयुक्त निर्वाचिका में सीटों का आरक्षण प्रदान किया गया।
- अincorrect विकल्प: गांधी-इरविन समझौता (1931) सविनय अवज्ञा आंदोलन से संबंधित था। कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच लखनऊ समझौता (1916) और प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस (1946) महत्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन ‘भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल’ था, न कि वायसराय?
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड डलहौजी
- विलियम बेंटिंक
- वारेन हेस्टिंग्स
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (शासनकाल 1828-1835) भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे। 1833 के चार्टर अधिनियम के बाद, बंगाल के गवर्नर-जनरल को भारत का गवर्नर-जनरल बना दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: बेंटिंक को उनके सती प्रथा उन्मूलन (1829) और ठगी प्रथा के दमन जैसे सामाजिक सुधारों के लिए याद किया जाता है। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे, जो कंपनी के शासन के बाद पहला वायसराय बने। वारेन हेस्टिंग्स बंगाल के प्रथम गवर्नर-जनरल थे (1772-1785)।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड डलहौजी अपने ‘व्यपगत के सिद्धांत’ के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 20: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन थे, जिसने आर्य समाज की स्थापना की?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी विवेकानंद
- केशव चंद्र सेन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक स्वामी दयानंद सरस्वती थे, जिन्होंने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को पुनः स्थापित करने और ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया। उन्होंने बाल विवाह, बहुदेववाद और मूर्तिपूजा का विरोध किया और सती प्रथा, विधवा पुनर्विवाह के समर्थन जैसे सामाजिक सुधारों पर जोर दिया।
- अincorrect विकल्प: राजा राम मोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे। स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। केशव चंद्र सेन ‘ब्रह्म समाज’ के एक प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: नालंदा विश्वविद्यालय, जो प्राचीन भारत का एक महान बौद्ध शिक्षा केंद्र था, की स्थापना गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम (शासनकाल 414-455 ई.) ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: नालंदा एक विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय था जहाँ दूर-दूर से छात्र ज्ञानार्जन के लिए आते थे। इसका भव्य पुस्तकालय और विद्वान शिक्षक तत्कालीन शिक्षा के उच्च स्तर का प्रमाण हैं।
- अincorrect विकल्प: अन्य गुप्त शासक भी महत्वपूर्ण थे, लेकिन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय कुमारगुप्त प्रथम को दिया जाता है।
प्रश्न 22: ‘अकबरनामा’ के रचयिता कौन थे?
- अकबर
- अबुल फजल
- बदायूँनी
- फैजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अकबरनामा’, जो मुगल सम्राट अकबर के जीवन और शासनकाल का विस्तृत इतिहास है, के रचयिता अबुल फजल थे।
- संदर्भ और विस्तार: अबुल फजल अकबर के दरबार के नौ रत्नों (नवरत्नों) में से एक थे और वे अकबर के विचारों और नीतियों के प्रस्तावक थे। ‘अकबरनामा’ को दो भागों में बांटा गया है – पहला भाग अकबर के पूर्वजों और अकबर के प्रारंभिक जीवन का वर्णन करता है, जबकि दूसरा भाग ‘आईन-ए-अकबरी’ है, जिसमें अकबर की प्रशासनिक व्यवस्था, राजस्व, सेना, आदि का विवरण है।
- अincorrect विकल्प: अकबर स्वयं लेखक नहीं थे। बदायूँनी ने ‘मुंतखब-उत-तवारीख’ लिखी, जो अकबर के विचारों की आलोचना करती है। फैजी अबुल फजल के भाई थे और वे भी एक दरबारी कवि थे।
प्रश्न 23: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (American Revolutionary War) का प्रारंभ किस वर्ष हुआ?
- 1776
- 1775
- 1783
- 1789
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत 19 अप्रैल 1775 को लेक्सिंगटन और कॉनकॉर्ड की लड़ाई से हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में 13 अमेरिकी उपनिवेशों ने ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की। 4 जुलाई 1776 को स्वतंत्रता की घोषणा की गई, और युद्ध 1783 में पेरिस की संधि के साथ समाप्त हुआ, जिसने अमेरिका की स्वतंत्रता को मान्यता दी।
- अincorrect विकल्प: 1776 स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष है, 1783 युद्ध की समाप्ति का, और 1789 फ्रांसीसी क्रांति का प्रारंभ वर्ष है।
प्रश्न 24: प्राचीन भारत में ‘कुषाण काल’ किस शताब्दी के आसपास अपने चरम पर था?
- ईसा पूर्व पहली शताब्दी
- ईसा की पहली शताब्दी
- ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी
- ईसा की दूसरी शताब्दी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कुषाण साम्राज्य, जिसकी स्थापना काडफिसेस प्रथम ने की थी, कनिष्क के शासनकाल (लगभग 78-101 ई.) के दौरान अपने चरम पर पहुंचा। यह ईसा की पहली शताब्दी के उत्तरार्ध से लेकर दूसरी शताब्दी तक अधिक प्रभावी रहा।
- संदर्भ और विस्तार: कनिष्क के शासनकाल को कुषाण साम्राज्य का स्वर्णकाल माना जाता है। उन्होंने गांधार कला के विकास, बौद्ध धर्म के चौथे संगीति (कुंडलवन में), और रेशम मार्ग पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- अincorrect विकल्प: ईसा पूर्व की शताब्दियाँ कुषाणों के उदय से पहले की हैं, जबकि ईसा की दूसरी शताब्दी भी महत्वपूर्ण थी, लेकिन पहली शताब्दी का उत्तरार्ध (कनिष्क का शासन) विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रश्न 25: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया?
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- महात्मा गांधी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा आर्य समाज के मुख्य सिद्धांतों में से एक है। स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि प्राचीन वैदिक धर्म ही सच्चा और शुद्ध धर्म है, और उसमें सभी समस्याओं का समाधान निहित है। उन्होंने अंधविश्वासों और पाखंडों का विरोध करते हुए वेदों के ज्ञान को पुनः स्थापित करने पर जोर दिया।
- अincorrect विकल्प: राजा राम मोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की और वे एकेश्वरवाद पर जोर देते थे। स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और उन्होंने भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता को पश्चिमी जगत में प्रचलित किया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के अपने सिद्धांतों पर जोर दिया।