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इतिहास के रण में उतरें: दैनिक ज्ञान प्रहार!

इतिहास के रण में उतरें: दैनिक ज्ञान प्रहार!

समय की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ऐतिहासिक ज्ञान को परखने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह अभ्यास सत्र आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग तक के महत्वपूर्ण पड़ावों से रूबरू कराएगा। अपनी तैयारी को धार दें और भविष्य के लिए खुद को और सशक्त बनाएं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस पुरातात्विक स्थल से घोड़े की हड्डियां नहीं मिली हैं?

  1. सुरकोटदा
  2. लोथल
  3. कालीबंगा
  4. रंगपुर

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: रंगपुर, गुजरात में स्थित एक हड़प्पा स्थल है, जहाँ से धान (चावल) की भूसी के साक्ष्य मिले हैं। हालाँकि, यहाँ से घोड़े की हड्डियों के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: सुरकोटदा (गुजरात) से घोड़े की अस्थियों के अवशेष मिले हैं, जो संभवतः पालतू घोड़े के होने का संकेत देते हैं। लोथल (गुजरात) एक प्रमुख बंदरगाह था जहाँ से घोड़े की छोटी टेराकोटा आकृति मिली है, लेकिन अस्थियां नहीं। कालीबंगा (राजस्थान) से भी घोड़े की अस्थियों के साक्ष्य मिले हैं।
  • गलत विकल्प: सुरकोटदा, लोथल और कालीबंगा ऐसे स्थल हैं जहाँ से या तो घोड़े की अस्थियां मिली हैं या उनके होने के कलाकृतियों से संकेत मिलते हैं, जबकि रंगपुर में ऐसे कोई प्रमाण नहीं हैं।

प्रश्न 2: ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक कृति के रचनाकार कौन थे?

  1. कल्हण
  2. विशाखदत्त
  3. कृष्णदेव राय
  4. बाणभट्ट

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘अमुक्तमाल्यद’ (The Lord Who Arrived as an Amazon) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेव राय द्वारा रचित एक महाकाव्य है। यह तमिल भाषा में लिखा गया है और भगवान विष्णु के अवतार, गोदा देवी (आंडाल) की कहानी का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529 ई.) तेलुगु साहित्य के संरक्षक थे और उन्होंने स्वयं कई उत्कृष्ट कृतियाँ लिखीं। ‘अमुक्तमाल्यद’ उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है।
  • गलत विकल्प: कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ लिखी, विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ और ‘देवीचंद्रगुप्तम’ लिखी, और बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादम्बरी’ लिखी। इन सभी की कृतियाँ कृष्णदेव राय की ‘अमुक्तमाल्यद’ से भिन्न हैं।

प्रश्न 3: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से इसका नेतृत्व निम्नलिखित में से किसके द्वारा किया गया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. बेगम हजरत महल
  3. नाना साहेब
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: 1857 के भारतीय विद्रोह में, कानपुर शहर से विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने किया था। उन्होंने अवध की बेगम हजरत महल और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
  • संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने अंग्रेजों द्वारा उनकी पेंशन रोके जाने और उन्हें कानपुर छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद विद्रोह में भाग लिया। उन्होंने कानपुर पर कब्जा कर लिया और खुद को पेशवा घोषित कर दिया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से नेतृत्व किया, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से नेतृत्व किया, और कुंवर सिंह ने आरा (बिहार) से नेतृत्व किया।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस वायसराय ने ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना के समय भारत पर शासन किया था?

  1. लॉर्ड डफरिन
  2. लॉर्ड लिटन
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी। उस समय भारत के वायसराय लॉर्ड डफरिन (1884-1888) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डफरिन ने कांग्रेस की स्थापना को शुरू में समर्थन दिया था, लेकिन बाद में वे इसके आलोचक बन गए। उनके शासनकाल में दूसरा आंग्ल-अफगान युद्ध भी समाप्त हुआ और बर्मा का एकीकरण पूरा हुआ।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन 1876-1880 तक वायसराय थे और उन्होंने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट जैसे विवादास्पद कानून लागू किए। लॉर्ड कर्जन 1899-1905 तक वायसराय थे और वे बंगाल के विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1856-1862 तक वायसराय थे और उन्होंने 1857 के विद्रोह का सामना किया।

प्रश्न 5: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंध का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ कहा जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. कालीबंगा
  4. धौलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: मोहनजोदड़ो, जिसका सिंधी भाषा में अर्थ ‘मृतकों का टीला’ होता है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख और विशाल शहर था। इसे ‘सिंध का बाग’ भी कहा जाता है क्योंकि यह अपेक्षाकृत बड़ा और नियोजित शहर था, और यहाँ से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भवन, जैसे महान स्नानागार, पाए गए हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। इसके उत्खनन से प्राप्त कलाकृतियों और सार्वजनिक ढांचों ने इस सभ्यता की परिष्कृत शहरी नियोजन और संस्कृति पर प्रकाश डाला।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला सिंधु स्थल था जिसे खोजा गया था। कालीबंगा राजस्थान में स्थित है और यहाँ से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं। धौलावीरा गुजरात में स्थित है और यह जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 6: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है क्योंकि उनके विजय अभियानों और विस्तृत साम्राज्य विस्तार के कारण। यह उपाधि उन्हें इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक कुशल योद्धा और प्रशासक थे। उन्होंने अपनी विजयों का विस्तृत विवरण प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में खुदवाया है, जिसमें उनके द्वारा उत्तर भारत के अनेक राजाओं और दक्षिण के राजाओं को पराजित करने का उल्लेख है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी महत्वपूर्ण विजयें हासिल कीं और कला एवं साहित्य का संरक्षण किया। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा वेद ‘साम’ गान से संबंधित है?

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: सामवेद, चारों वेदों में से एक है, जिसका अर्थ है ‘साम (गान) का वेद’। इसमें मुख्य रूप से यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामवेद के मंत्र ज्यादातर ऋग्वेद से लिए गए हैं, लेकिन उन्हें गाए जाने वाले रूप में व्यवस्थित किया गया है। भारतीय शास्त्रीय संगीत की उत्पत्ति सामवेद से मानी जाती है।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है जिसमें मंत्रों का संग्रह है। यजुर्वेद में यज्ञों के मंत्रों और अनुष्ठानों का वर्णन है। अथर्ववेद में जादू-टोना, औषधि और रोगों के निवारण से संबंधित मंत्र हैं।

  • प्रश्न 8: ‘गीत गोविंद’ के रचनाकार कौन थे?

    1. कल्हण
    2. जयदेव
    3. चंद्रबरदाई
    4. विद्यापति

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: ‘गीत गोविंद’ संस्कृत भाषा का एक प्रसिद्ध काव्य है, जिसकी रचना 12वीं शताब्दी के महान कवि जयदेव ने की थी। यह भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का काव्यात्मक वर्णन करता है।
    • संदर्भ और विस्तार: जयदेव बंगाल के लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। ‘गीत गोविंद’ भारतीय साहित्य और कला पर गहरा प्रभाव डालने वाली रचनाओं में से एक है, और इसके पद कई भारतीय शास्त्रीय संगीत शैलियों में गाए जाते हैं।
    • गलत विकल्प: कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ लिखी, चंद्रबरदाई ने ‘पृथ्वीराज रासो’ लिखी, और विद्यापति ने मैथिली भाषा में अनेक भक्ति और श्रृंगार की रचनाएँ कीं।

    प्रश्न 9: चौरी-चौरा कांड किस वर्ष हुआ था?

    1. 1919
    2. 1920
    3. 1922
    4. 1924

    उत्तर: (c)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: चौरी-चौरा कांड 4 फरवरी 1922 को गोरखपुर जिले (उत्तर प्रदेश) के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुआ था। इसमें असहयोग आंदोलन के प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
    • संदर्भ और विस्तार: इस घटना के परिणामस्वरूप, महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को अचानक निलंबित कर दिया, जिससे कई राष्ट्रवादी नेताओं में निराशा फैल गई। गांधीजी ने कहा कि आंदोलन अपनी अहिंसक प्रकृति से भटक गया था।
    • गलत विकल्प: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी। 1924 में गांधीजी जेल से रिहा हुए थे।

    प्रश्न 10: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन था?

    1. अबुल फजल
    2. फैजी
    3. बदायूनी
    4. टी.एन. डे’

    उत्तर: (a)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: ‘अकबरनामा’ मुगल सम्राट अकबर के जीवन और शासनकाल का विस्तृत इतिहास है, जिसे उनके दरबारी विद्वान अबुल फजल ने लिखा था। यह फारसी भाषा में लिखा गया है।
    • संदर्भ और विस्तार: अबुल फजल अकबर के नौ रत्नों (नवरत्नों) में से एक थे। ‘अकबरनामा’ तीन खंडों में विभाजित है, जिसमें पहले दो खंड अकबर के पूर्वजों और अकबर के शासनकाल का विवरण देते हैं, जबकि तीसरा खंड ‘आइना-ए-अकबरी’ कहलाता है, जो अकबर के प्रशासन, भूगोल, अर्थव्यवस्था और संस्कृति का विस्तृत वर्णन करता है।
    • गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई था और वह भी अकबर के दरबार का एक महत्वपूर्ण कवि था। बदायूनी एक इतिहासकार था जिसने ‘मुंतखब-उत-तवारिख’ लिखी थी, जो अकबर की नीतियों की आलोचना करती है। टी.एन. डे’ एक आधुनिक इतिहासकार हैं।

    प्रश्न 11: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक अलग विभाग की स्थापना की थी?

    1. इल्तुतमिश
    2. बलबन
    3. अलाउद्दीन खिलजी
    4. फिरोज शाह तुगलक

    उत्तर: (d)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388 ई.) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विभाग की स्थापना की, जो दासों (बंदगान) के कल्याण और प्रबंधन के लिए समर्पित था। यह उस समय तक का सबसे बड़ा दास विभाग था।
    • संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक को उनके सार्वजनिक कार्यों और जन कल्याणकारी नीतियों के लिए जाना जाता है। उन्होंने नहरों का निर्माण, सड़कों का जाल बिछाना, और कई शहरों की स्थापना जैसे काम करवाए। दास प्रथा को बढ़ावा देना भी उनकी नीतियों का एक हिस्सा था।
    • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) नामक दरबारी गुट का गठन किया। बलबन ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) का गठन किया और शाही शक्ति को केंद्रीकृत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (राजस्व विभाग) की स्थापना की।

    प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस यूरोपीय शक्ति ने भारत में सबसे पहले अपना व्यापारिक केंद्र स्थापित किया?

    1. अंग्रेज
    2. फ्रांसीसी
    3. पुर्तगाली
    4. डच

    उत्तर: (c)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: पुर्तगालियों ने 1498 में वास्को डी गामा के भारत आगमन के बाद सबसे पहले भारत में अपना व्यापारिक केंद्र स्थापित किया। उन्होंने कोचीन में अपना पहला किला (फोर्ट कोच्चि) 1503 में बनाया।
    • संदर्भ और विस्तार: पुर्तगाली भारत में मसाले के व्यापार पर एकाधिकार स्थापित करने में सफल रहे। बाद में, अन्य यूरोपीय शक्तियाँ जैसे डच, अंग्रेज और फ्रांसीसी भी व्यापार के लिए भारत आए और उन्होंने अपने व्यापारिक चौकियाँ स्थापित कीं।
    • गलत विकल्प: डच 1605 में भारत आए, अंग्रेज 1608 में आए, और फ्रांसीसी 1668 में भारत में स्थापित हुए। इसलिए, पुर्तगाली सबसे पहले थे।

    प्रश्न 13: ‘हरित क्रांति’ का संबंध भारत में किससे था?

    1. कृषि उत्पादकता में वृद्धि
    2. जनसंख्या नियंत्रण
    3. शहरीकरण
    4. औद्योगिक विकास

    उत्तर: (a)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: ‘हरित क्रांति’ 1960 के दशक में भारत में कृषि क्षेत्र में हुए बड़े पैमाने पर उत्पादन में वृद्धि को संदर्भित करती है। इसके तहत उच्च उपज वाली किस्मों (HYV) के बीजों, रासायनिक उर्वरकों, सिंचाई और आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग किया गया।
    • संदर्भ और विस्तार: हरित क्रांति का मुख्य उद्देश्य खाद्यान्न की कमी को दूर करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाना था। इसने गेहूं और चावल जैसे फसलों की पैदावार में अभूतपूर्व वृद्धि की। एम.एस. स्वामीनाथन को अक्सर भारतीय हरित क्रांति का जनक कहा जाता है।
    • गलत विकल्प: हरित क्रांति का सीधा संबंध जनसंख्या नियंत्रण, शहरीकरण या औद्योगिक विकास से नहीं था, बल्कि यह विशेष रूप से कृषि उत्पादन को बढ़ाने पर केंद्रित थी।

    प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन ‘गदर पार्टी’ का संस्थापक नहीं था?

    1. लाला हरदयाल
    2. बाबा सोहन सिंह भकना
    3. मुहम्मद अली जिन्नाह
    4. राम चंद्र

    उत्तर: (c)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: मुहम्मद अली जिन्नाह, जो पाकिस्तान के संस्थापक थे, कभी भी गदर पार्टी के संस्थापक या सदस्य नहीं रहे। गदर पार्टी एक क्रांतिकारी संगठन था जिसकी स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा की गई थी।
    • संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी का उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। इसके प्रमुख संस्थापक सदस्यों में लाला हरदयाल (जो इसके प्रमुख आयोजक थे), बाबा सोहन सिंह भकना (पहले अध्यक्ष), और राम चंद्र शामिल थे।
    • गलत विकल्प: लाला हरदयाल, बाबा सोहन सिंह भकना और राम चंद्र गदर पार्टी के प्रमुख संस्थापक और नेता थे।

    प्रश्न 15: ईसा मसीह को सूली पर कब चढ़ाया गया था?

    1. 25 ईस्वी
    2. 30 ईस्वी
    3. 33 ईस्वी
    4. 35 ईस्वी

    उत्तर: (c)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: पारंपरिक ईसाई मान्यता के अनुसार, ईसा मसीह को 33 ईस्वी में रोमन गवर्नर पोंटियस पिलाट के आदेश पर यरूशलेम में सूली पर चढ़ाया गया था।
    • संदर्भ और विस्तार: यह घटना ईसाई धर्म के इतिहास में केंद्रीय मानी जाती है, क्योंकि ईसा मसीह के बलिदान को मानवता के पापों का प्रायश्चित माना जाता है। बाइबिल में इसका विस्तृत वर्णन है।
    • गलत विकल्प: अन्य विकल्प ईसा मसीह के जीवनकाल के संदर्भ में गलत हैं, और 33 ईस्वी वह वर्ष माना जाता है जब उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था।

    प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा कथन **गलत** है?

    1. महात्मा गांधी ने दांडी मार्च 12 मार्च 1930 को शुरू किया।
    2. सविनय अवज्ञा आंदोलन 6 अप्रैल 1930 को नमक कानून के उल्लंघन के साथ शुरू हुआ।
    3. गांधी-इर्विन समझौता 1931 में हुआ था।
    4. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 1932 में हुआ था।

    उत्तर: (d)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: कथन (d) गलत है। द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 1931 में हुआ था, न कि 1932 में। प्रथम गोलमेज सम्मेलन 1930-31 में, द्वितीय 1931 में और तृतीय 1932 में हुआ था।
    • संदर्भ और विस्तार: (a) सही है, गांधीजी ने 78 साथियों के साथ साबरमती आश्रम से दांडी के लिए नमक सत्याग्रह मार्च शुरू किया। (b) सही है, 6 अप्रैल 1930 को गांधीजी ने दांडी में नमक कानून तोड़ा और सविनय अवज्ञा आंदोलन को विधिवत शुरू किया। (c) सही है, गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च 1931 को वायसराय लॉर्ड इर्विन और महात्मा गांधी के बीच हुआ था, जिसने सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित कर दिया था।
    • गलत विकल्प: केवल कथन (d) में वर्ष की त्रुटि है।

    प्रश्न 17: ‘तक्षशिला’ का प्राचीन विश्वविद्यालय वर्तमान में किस देश में स्थित है?

    1. भारत
    2. पाकिस्तान
    3. अफगानिस्तान
    4. बांग्लादेश

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: प्राचीन तक्षशिला विश्वविद्यालय, जो प्राचीन भारत का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र था, वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावलपिंडी के पास स्थित है।
    • संदर्भ और विस्तार: तक्षशिला, गांधार राज्य की राजधानी थी और मौर्य काल (चन्द्रगुप्त मौर्य) तथा गुप्त काल के दौरान यह ज्ञान का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ कौटिल्य (चाणक्य) ने पढ़ाया था, और बौद्ध धर्म के महान विद्वान नागार्जुन भी यहाँ से जुड़े थे।
    • गलत विकल्प: भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में ऐसे प्राचीन विश्वविद्यालय के अवशेष वर्तमान में नहीं हैं।

    प्रश्न 18: ‘अष्टप्रधान’ का गठन निम्नलिखित में से किस मराठा शासक ने किया था?

    1. शिवाजी
    2. संभाजी
    3. बाजीराव प्रथम
    4. बाजीराव द्वितीय

    उत्तर: (a)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन में सहायता के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था।
    • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान के सदस्यों में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), सेनापति (सैन्य कमांडर), सरी-ए-नौबत (सेना प्रमुख) और न्यायाधीश (न्याय मंत्री) शामिल थे। यह प्रणाली शिवाजी के कुशल प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग थी।
    • गलत विकल्प: संभाजी, बाजीराव प्रथम और बाजीराव द्वितीय ने भी मराठा साम्राज्य पर शासन किया, लेकिन अष्टप्रधान व्यवस्था का गठन शिवाजी ने ही किया था।

    प्रश्न 19: भारत में ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति किसने अपनाई?

    1. लॉर्ड कर्जन
    2. लॉर्ड डलहौजी
    3. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
    4. ब्रिटिश सरकार

    उत्तर: (d)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: ‘फूट डालो और राज करो’ (Divide and Rule) एक व्यापक राजनीतिक रणनीति थी जिसे ब्रिटिश सरकार ने भारतीय समाज की विभिन्न धार्मिक, जातीय और सामाजिक इकाइयों के बीच मतभेद पैदा करके अपने शासन को मजबूत करने के लिए अपनाया था। यह किसी एक वायसराय की नीति नहीं थी, बल्कि ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की एक मुख्य नीति थी।
    • संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, ब्रिटिशों ने अक्सर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन को बढ़ावा दिया, जैसे कि लॉर्ड कर्जन द्वारा 1905 में बंगाल का विभाजन। इस विभाजन ने राष्ट्रवादी आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास किया।
    • गलत विकल्प: हालांकि लॉर्ड कर्जन ने इस नीति का एक प्रमुख उदाहरण प्रस्तुत किया, लेकिन यह केवल उनकी व्यक्तिगत नीति नहीं थी, बल्कि पूरे ब्रिटिश सरकार द्वारा अपनाई गई नीति थी। लॉर्ड डलहौजी (विलय की नीति) और लॉर्ड विलियम बेंटिंक (सामाजिक सुधार) की नीतियां अलग थीं।

    प्रश्न 20: **साइमन कमीशन** का भारत आगमन कब हुआ?

    1. 1927
    2. 1928
    3. 1929
    4. 1930

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: साइमन कमीशन, जिसका उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करना था, फरवरी 1928 में भारत आया था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस कमीशन में सभी सदस्य ब्रिटिश थे, जिसमें कोई भी भारतीय शामिल नहीं था। इस कारण, भारत में इसके आगमन का व्यापक विरोध हुआ और “साइमन वापस जाओ” के नारे लगे। इस विरोध के दौरान ही लाला लाजपत राय पर लाठीचार्ज हुआ, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।
    • गलत विकल्प: साइमन कमीशन की घोषणा 1927 में हुई थी, लेकिन उसका भारत आगमन 1928 में हुआ था। 1929 में नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ।

    प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किसे ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ माना जाता है?

    1. स्वामी विवेकानंद
    2. राजा राममोहन राय
    3. दयानंद सरस्वती
    4. रामकृष्ण परमहंस

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: राजा राममोहन राय को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’, ‘आधुनिक भारत का जनक’ और ‘नव-जागरण के पिता’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 19वीं शताब्दी में भारत में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों की शुरुआत की।
    • संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय ने सती प्रथा के उन्मूलन, बाल विवाह के विरोध और महिलाओं की शिक्षा के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना भी की, जिसने एकेश्वरवाद और तर्कसंगतता पर जोर दिया।
    • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद एक महान समाज सुधारक और दार्शनिक थे जिन्होंने भारत की आध्यात्मिक विरासत को पश्चिम में प्रचारित किया। दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की और वेदों को सर्वोच्च ज्ञान माना। रामकृष्ण परमहंस एक महान संत थे।

    प्रश्न 22: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?

    1. 1910-1914
    2. 1914-1918
    3. 1918-1922
    4. 1939-1945

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: प्रथम विश्व युद्ध (जिसे ‘महान युद्ध’ भी कहा जाता है) 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
    • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में दुनिया के अधिकांश महान शक्तियों को दो विरोधी सैन्य गठबंधनों में विभाजित किया गया था: मित्र राष्ट्र (मुख्यतः फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान और बाद में अमेरिका) और केंद्रीय शक्तियाँ (मुख्यतः जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य और बुल्गारिया)। यह इतिहास के सबसे बड़े और विनाशकारी युद्धों में से एक था।
    • गलत विकल्प: 1910-1914 का समय प्रथम विश्व युद्ध से पहले का था। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है।

    प्रश्न 23: भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत कब हुई?

    1. 1940
    2. 1941
    3. 1942
    4. 1945

    उत्तर: (c)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे अगस्त आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है, की शुरुआत 8 अगस्त 1942 को हुई थी। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम बड़े आंदोलनों में से एक था।
    • संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने ग्वालिया टैंक मैदान, मुंबई (तत्कालीन बंबई) में “करो या मरो” का नारा देते हुए इस आंदोलन का आह्वान किया था। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना था। आंदोलन के तुरंत बाद, ब्रिटिश सरकार ने कई प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
    • गलत विकल्प: 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू हुआ था। 1941 में भारत की स्थिति द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में बदल रही थी। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ।

    प्रश्न 24: “वेदों की ओर लौटो” का नारा किसने दिया था?

    1. स्वामी विवेकानंद
    2. राजा राममोहन राय
    3. स्वामी दयानंद सरस्वती
    4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

    उत्तर: (c)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: “वेदों की ओर लौटो” का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883) ने दिया था। वे आर्य समाज के संस्थापक थे।
    • संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि प्राचीन वैदिक काल में भारतीय समाज अधिक उन्नत और शुद्ध था। उन्होंने वेदों को ज्ञान का अंतिम स्रोत बताया और उस ओर लौटने का आह्वान किया ताकि सामाजिक बुराइयों और अंधविश्वासों को दूर किया जा सके।
    • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रतीक थे। राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की और सामाजिक सुधार पर जोर दिया। ईश्वर चंद्र विद्यासागर भी एक प्रमुख समाज सुधारक थे जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा दिया।

    प्रश्न 25: **फ्रांसीसी क्रांति** किस वर्ष हुई थी?

    1. 1776
    2. 1789
    3. 1815
    4. 1848

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सही होने का कारण: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी और इसका एक प्रमुख प्रतीक 14 जुलाई 1789 को बैस्टिल के पतन को माना जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को उखाड़ फेंका और गणतंत्र की स्थापना की। इसने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व (Liberté, égalité, fraternité) के आदर्शों को जन्म दिया, जिन्होंने आधुनिक दुनिया को गहराई से प्रभावित किया। इस क्रांति ने यूरोप और दुनिया भर में राष्ट्रवादी और लोकतांत्रिक आंदोलनों को प्रेरित किया।
    • गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1815 में नेपोलियन की हार हुई (वाटरलू का युद्ध)। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।

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