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इतिहास के रणक्षेत्र में विजय: दैनिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी

इतिहास के रणक्षेत्र में विजय: दैनिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी

ज्ञान की मशाल जलाकर इतिहास के गलियारों में एक नई यात्रा पर निकल पड़िए! आज की प्रश्नोत्तरी आपके ऐतिहासिक ज्ञान की गहराई और विस्तार को परखने के लिए डिज़ाइन की गई है। क्या आप कल के योद्धाओं, महान साम्राज्यों और युगांतरकारी घटनाओं के रहस्यों को उजागर करने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस ज्ञानवर्धक युद्ध में अपने कौशल का प्रदर्शन करें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस अभिलेख से अशोक के शिलालेखों की द्विभाषी प्रकृति का पता चलता है?

  1. शाहबाजगढ़ी शिलालेख
  2. कालसी शिलालेख
  3. मानसेहरा शिलालेख
  4. कंधार द्विभाषी अभिलेख

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कंधार द्विभाषी अभिलेख (जिसे यूनानी-अरामाईक अभिलेख भी कहा जाता है) अशोक के उन शिलालेखों में से एक है जो दो भाषाओं में उत्कीर्ण थे। यह अभिलेख अरामाईक और यूनानी भाषाओं में पाया गया है, जो उस समय कंधार क्षेत्र में प्रचलित थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अभिलेख सम्राट अशोक की धार्मिक सहिष्णुता और उसकी प्रशासनिक पहुँच को दर्शाता है। अशोक ने अपने शिलालेखों को उन भाषाओं में उत्कीर्ण करवाया था जिन्हें स्थानीय लोग समझ सकें, इस प्रकार उसने व्यापक जनसंपर्क स्थापित किया।
  • गलत विकल्प: शाहबाजगढ़ी, कालसी और मानसेहरा शिलालेख मुख्य रूप से खरोष्ठी लिपि में थे, जो ब्राह्मी से भिन्न है, लेकिन वे द्विभाषी प्रकृति के नहीं थे जैसा कि कंधार अभिलेख है।

प्रश्न 2: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?

  1. शिवाजी महाराज
  2. संभाजी
  3. राजाराम
  4. बाजीराव प्रथम

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ का गठन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए किया था। यह आठ मंत्रियों की एक परिषद थी जो राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों का कार्य देखती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सर-ए-नौबत (सेनापति), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायाधीश (न्याय मंत्री), और सुमंत (गृहसचिव) जैसे पद शामिल थे। इस व्यवस्था ने मराठा प्रशासन को कुशल बनाया।
  • गलत विकल्प: संभाजी, राजाराम और बाजीराव प्रथम ने भी प्रशासन में सुधार किए, लेकिन अष्टप्रधान की मूल संरचना और विचार शिवाजी महाराज से जुड़ा है।

प्रश्न 3: भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा दिया गया प्रसिद्ध नारा क्या था?

  1. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
  2. सारे जहाँ से अच्छा
  3. करो या मरो
  4. आराम हराम है

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान महात्मा गांधी ने “करो या मरो” (Do or Die) का प्रसिद्ध नारा दिया था। यह नारा स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम और निर्णायक चरण का प्रतीक बन गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नारे का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता के लिए अंतिम प्रयास करने के लिए प्रेरित करना था, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी बलिदान क्यों न देना पड़े। यह आंदोलन गांधी के नेतृत्व में चलाया गया सबसे बड़ा जन आंदोलन था।
  • गलत विकल्प: “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” बाल गंगाधर तिलक का नारा था, “सारे जहाँ से अच्छा” मोहम्मद इकबाल की रचना है, और “आराम हराम है” जवाहरलाल नेहरू का नारा था।

प्रश्न 4: किस शासक को ‘भारतीय नेपोलियन’ के रूप में जाना जाता है?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. समुद्रगुप्त
  3. अशोक
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: समुद्रगुप्त, गुप्त वंश का एक प्रमुख शासक, को ‘भारतीय नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें उनके सैन्य विजयों और विशाल साम्राज्य विस्तार के कारण दी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के कई राज्यों को जीत लिया था और दक्षिण भारत में भी कई राज्यों पर विजय प्राप्त की थी। उनकीMilitary prowess और राजनीतिक कुशलता की तुलना नेपोलियन बोनापार्ट से की जाती है। उनके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की, अशोक ने अपने शासनकाल में शांति और बौद्ध धर्म का प्रसार किया, और हर्षवर्धन ने उत्तर भारत में एक बड़े साम्राज्य पर शासन किया, लेकिन समुद्रगुप्त के सैन्य अभियानों की व्यापकता अद्वितीय थी।

प्रश्न 5: सिन्धु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंध का नखलिस्तान’ (The Oasis of Sindh) कहलाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंध का नखलिस्तान’ कहा जाता था। यह नाम इस शहर के विशाल आकार, सुनियोजित शहरी विकास और उस समय की उन्नत जल प्रबंधन प्रणालियों को दर्शाता है, जो इसे रेगिस्तानी क्षेत्र में एक नखलिस्तान जैसा बनाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिन्धु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा शहर था। यहाँ विशाल स्नानागार (Great Bath), अन्नागार, और सुनियोजित सड़कें पाई गई हैं। इसकी खोज 1922 में आर. डी. बनर्जी द्वारा की गई थी।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा सिन्धु घाटी सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था, लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, और कालीबंगा एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल था, लेकिन ‘सिंध का नखलिस्तान’ उपाधि विशेष रूप से मोहनजोदड़ो से जुड़ी है।

प्रश्न 6: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने किस युद्ध के बाद भारत में अपना राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित किया?

  1. प्लासी का युद्ध
  2. बक्सर का युद्ध
  3. वांडीवाश का युद्ध
  4. पानीपत का प्रथम युद्ध

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बक्सर का युद्ध (1764) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए निर्णायक सिद्ध हुआ, जिसके पश्चात् कंपनी ने भारत में अपना राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: बक्सर के युद्ध में कंपनी की सेनाओं ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला, बंगाल के नवाब मीर कासिम और मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना को हराया। इस विजय के परिणामस्वरूप, कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (राजस्व वसूली का अधिकार) प्राप्त हुई, जिसने कंपनी को एक राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया।
  • गलत विकल्प: प्लासी का युद्ध (1757) ने कंपनी की सैन्य श्रेष्ठता स्थापित की थी, लेकिन वास्तविक राजनीतिक प्रभुत्व बक्सर के युद्ध के बाद आया। वांडीवाश का युद्ध (1760) फ्रांसीसियों को हराया, और पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखता है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा वेद ‘गद्य’ और ‘पद्य’ दोनों में लिखा गया है?

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: यजुर्वेद ही एकमात्र ऐसा वेद है जो गद्य और पद्य दोनों शैलियों में लिखा गया है। इसमें यज्ञों और अनुष्ठानों से संबंधित मंत्रों का संग्रह है।
  • संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद के दो मुख्य भाग हैं: शुक्ल (शुद्ध) यजुर्वेद, जिसमें केवल पद्य (मंत्र) हैं, और कृष्ण (काला) यजुर्वेद, जिसमें मंत्रों के साथ-साथ गद्य (ब्राह्मण) भी शामिल हैं, जो यज्ञों के नियमों और विधियों की व्याख्या करते हैं।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद मुख्य रूप से पद्य (ऋचाओं) में है, सामवेद भी पद्य (गायन योग्य मंत्र) में है, और अथर्ववेद मुख्य रूप से पद्य में है।

प्रश्न 8: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?

  1. हुमायूँ
  2. अकबर
  3. जहाँगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी। यह एक सार्वभौमिक धर्म या एक पंथ था जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक नया विश्वास बनाना था।
  • संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही को ‘तौहीद-ए-इलाही’ (ईश्वरीय एकेश्वरवाद) के रूप में भी जाना जाता है। यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों को एक साथ लाने की इच्छा का प्रतीक था। हालांकि, यह आम जनता में लोकप्रिय नहीं हुआ और केवल कुछ चुनिंदा लोगों ने ही इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: हुमायूँ, जहाँगीर और शाहजहाँ ने भी अपने-अपने शासनकाल में महत्वपूर्ण कार्य किए, लेकिन दीन-ए-इलाही अकबर की एक विशिष्ट पहल थी।

प्रश्न 9: बौद्ध धर्म की पहली परिषद (First Buddhist Council) कहाँ आयोजित की गई थी?

  1. सारनाथ
  2. बोधगया
  3. राजगृह
  4. वैशाली

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बौद्ध धर्म की पहली परिषद (First Buddhist Council) ईसा पूर्व 483 में राजगृह (वर्तमान राजगीर) में आयोजित की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह परिषद भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद मगध के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में आयोजित हुई थी। इस परिषद में आनंद ने बुद्ध के उपदेशों (सूत्र) का पाठ किया और उपाली ने विनय (भिक्षुओं के लिए अनुशासन नियम) का पाठ किया। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन करना था।
  • गलत विकल्प: सारनाथ वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था, बोधगया वह स्थान है जहाँ उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था, और वैशाली दूसरी बौद्ध परिषद का स्थल था।

प्रश्न 10: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. तात्या टोपे
  3. नाना साहेब
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व नाना साहेब ने किया था। वे पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे और अंग्रेजों द्वारा उनकी पेंशन रोके जाने से नाराज थे।
  • संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने कानपुर पर कब्जा कर लिया और खुद को पेशवा घोषित कर दिया। उन्होंने तात्या टोपे जैसे अपने विश्वसनीय जनरलों की मदद से विद्रोह को प्रभावी ढंग से संचालित किया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, तात्या टोपे ने मध्य भारत के कुछ हिस्सों से, और कुंवर सिंह ने बिहार के आरा जिले से विद्रोह का नेतृत्व किया था।

प्रश्न 11: किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: चंद्रगुप्त द्वितीय को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था। यह उपाधि उनकी विजयों और साहित्यिक योगदान को दर्शाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल गुप्त साम्राज्य के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है। उन्होंने शकों पर विजय प्राप्त की और अपनी राजधानी को पाटलिपुत्र से उज्जैन स्थानांतरित कर दिया। उनके दरबार में नवरत्न (नौ विद्वानों का समूह) निवास करते थे, जिनमें कालिदास प्रमुख थे।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था, समुद्रगुप्त एक महान विजेता था, और स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया था, लेकिन ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि चंद्रगुप्त द्वितीय से विशेष रूप से जुड़ी है।

प्रश्न 12: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

  1. 1928
  2. 1929
  3. 1930
  4. 1931

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। यह वायसराय लॉर्ड इरविन और महात्मा गांधी के बीच एक राजनीतिक समझौता था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया और दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए सहमति व्यक्त की। बदले में, इरविन ने आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए राजनीतिक बंदियों को रिहा करने और कुछ सरकारी नीतियों में ढील देने का वादा किया।
  • गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन भारत आया, 1929 में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया, और 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1931 में ही यह समझौता हुआ।

प्रश्न 13: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ का क्या अर्थ था?

  1. बड़े शहर
  2. विशाल वन क्षेत्र
  3. छोटे राज्य या गणराज्य
  4. शाही उपाधि

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ का अर्थ था बड़े क्षेत्र वाले राज्य या गणराज्य। ईसा पूर्व छठी शताब्दी तक, भारत में 16 महाजनपदों का उदय हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: ये महाजनपद बड़े और शक्तिशाली राज्य थे, जिनमें मगध, कोशल, वत्स, अवंति आदि प्रमुख थे। इनमें से कई महाजनपद राजशाही थे, जबकि कुछ गणराज्य थे। इन महाजनपदों का विकास लोहे के बढ़ते उपयोग, कृषि में उन्नति और व्यापारिक केंद्रों के विकास से संभव हुआ था।
  • गलत विकल्प: महाजनपद बड़े शहर, वन क्षेत्र या उपाधि नहीं थे, बल्कि ये एक राजनीतिक और प्रशासनिक इकाई थे।

प्रश्न 14: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन था?

  1. अबुल फजल
  2. फैजी
  3. बदायूँनी
  4. ईश्वरदास नागर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अकबरनामा’ का लेखक अबुल फजल था। वह मुगल सम्राट अकबर के दरबार के नौ रत्नों (नवरत्नों) में से एक प्रमुख विद्वान और इतिहासकार था।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबरनामा अकबर के शासनकाल का एक विस्तृत ऐतिहासिक वृत्तांत है। यह दो खंडों में विभाजित है: पहला खंड अकबर के पूर्वजों और उसके बचपन की कहानी बताता है, जबकि दूसरा खंड (जिसे ‘आईन-ए-अकबरी’ भी कहा जाता है) अकबर के प्रशासन, भू-राजस्व प्रणाली, सैन्य संगठन, संस्कृति और सामाजिक जीवन का व्यापक विवरण देता है।
  • गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई और अकबर का दरबारी कवि था, बदायूँनी एक इतिहासकार था जिसने अकबर के प्रति एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, और ईश्वरदास नागर एक बाद के इतिहासकार थे।

प्रश्न 15: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, निम्नलिखित में से किस देश को ‘धुरी राष्ट्र’ (Central Powers) में शामिल नहीं किया गया था?

  1. जर्मनी
  2. ऑस्ट्रिया-हंगरी
  3. तुर्की
  4. इटली

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: इटली प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में ‘धुरी राष्ट्र’ (Central Powers) का सदस्य था, लेकिन उसने 1915 में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) की ओर से युद्ध में प्रवेश किया। इसलिए, जब हम आम तौर पर धुरी राष्ट्रों का उल्लेख करते हैं, तो उसमें जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की (ओटोमन साम्राज्य) प्रमुख थे।
  • संदर्भ और विस्तार: धुरी राष्ट्रों का मुख्य गठबंधन जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, बुल्गारिया और ओटोमन साम्राज्य के बीच था। मित्र राष्ट्रों में फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान और बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे।
  • गलत विकल्प: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की प्रथम विश्व युद्ध में धुरी राष्ट्रों के प्रमुख सदस्य थे। इटली की स्थिति बदल गई थी, लेकिन युद्ध की शुरुआत में वह धुरी राष्ट्रों के साथ था। हालाँकि, प्रश्न के संदर्भ में, यदि हम युद्ध के दौरान प्रमुख गठबंधन की बात करें तो इटली मित्र राष्ट्रों की ओर चला गया था। (यह प्रश्न थोड़ा ट्रिकी है, संदर्भ महत्वपूर्ण है।)

प्रश्न 16: ‘विजयनगर साम्राज्य’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

  1. 1336
  2. 1347
  3. 1398
  4. 1405

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना वर्ष 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुकका प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य दक्षिण भारत में स्थापित हुआ था और इसने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया। विजयनगर अपनी समृद्ध संस्कृति, वास्तुकला और व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। इसके शासकों ने कला, साहित्य और धर्म के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: 1347 में बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई, 1398 में तैमूर का भारत पर आक्रमण हुआ, और 1405 के आसपास अन्य क्षेत्रीय परिवर्तन हो रहे थे।

प्रश्न 17: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड मिंटो
  3. लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
  4. लॉर्ड चेम्सफोर्ड

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: वायसराय लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में (1911 में) भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: 1911 में दिल्ली दरबार के अवसर पर, सम्राट जॉर्ज पंचम ने घोषणा की कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली ले जाई जाएगी। यह निर्णय भारत में बंगाल विभाजन (1905) के विरोध के बाद लिया गया था, जो बंगाल के राष्ट्रवादी आंदोलन को कमजोर करने में विफल रहा था। दिल्ली को एक अधिक केंद्रीय स्थान माना गया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ था, लॉर्ड मिंटो ने मार्ले-मिंटो सुधार (1909) लाए थे, और लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919) आए थे।

प्रश्न 18: ‘धम्म’ की अवधारणा किस धर्म से संबंधित है?

  1. हिंदू धर्म
  2. बौद्ध धर्म
  3. जैन धर्म
  4. सिख धर्म

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘धम्म’ की अवधारणा मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित है। यह बुद्ध की शिक्षाओं, नैतिक आचरण और जीवन के सही मार्ग का प्रतिनिधित्व करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सम्राट अशोक ने अपने शिलालेखों में ‘धम्म’ को प्रजा के नैतिक कल्याण और सामाजिक सामंजस्य के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया। यह दान, अहिंसा, सत्य, सहनशीलता और सभी प्राणियों के प्रति दया जैसे गुणों पर जोर देता है।
  • गलत विकल्प: यद्यपि अन्य धर्मों में भी नैतिक सिद्धांत हैं, ‘धम्म’ शब्द और इसकी विशिष्ट व्याख्या बौद्ध धर्म की केंद्रीय शिक्षाओं का हिस्सा है।

प्रश्न 19: खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व निम्नलिखित में से किसने किया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
  3. अली बंधु (मोहम्मद अली और शौकत अली)
  4. मोहम्मद अली जिन्नाह

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व मुख्य रूप से अली बंधुओं (मोहम्मद अली और शौकत अली) ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के ओटोमन साम्राज्य के विघटन के विरोध में शुरू हुआ था। भारतीय मुसलमान खलीफा के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए ब्रिटिश सरकार से खलीफा के अधिकारों को बहाल करने की मांग कर रहे थे। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ जोड़ने का प्रयास किया ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा मिल सके।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने आंदोलन का समर्थन किया, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भी एक प्रमुख समर्थक थे, लेकिन अली बंधु इसके मुख्य नेता थे। मोहम्मद अली जिन्नाह का दृष्टिकोण बाद में खिलाफत आंदोलन से भिन्न हो गया।

प्रश्न 20: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु के आठ महान विद्वानों को संरक्षण दिया था?

  1. हरिहर प्रथम
  2. बुक्का प्रथम
  3. देवराय द्वितीय
  4. कृष्ण देवराय

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक कृष्ण देवराय ने ‘अष्टदिग्गज’ (आठ महान विद्वान) को संरक्षण दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने तेलुगु साहित्य को बहुत बढ़ावा दिया। उनके दरबार में रहने वाले अष्टदिग्गज में अल्लसानी पेद्दाना, नंदी तिम्मन्ना, धुरजति, पिंगाली सुरन्ना आदि शामिल थे, जिन्होंने तेलुगु साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम ने साम्राज्य की स्थापना की, और देवराय द्वितीय भी एक शक्तिशाली शासक थे, लेकिन अष्टदिग्गज विशेष रूप से कृष्ण देवराय के संरक्षण से जुड़े हैं।

प्रश्न 21: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना किसने की थी?

  1. दादाभाई नौरोजी
  2. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  3. फिरोजशाह मेहता
  4. गोपाल कृष्ण गोखले

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना दादाभाई नौरोजी ने 1866 में लंदन में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का उद्देश्य ब्रिटिश जनता और संसद को भारत की वास्तविक स्थिति से अवगत कराना और भारत के प्रति ब्रिटिश नीति में सुधार के लिए प्रेरित करना था। दादाभाई नौरोजी ने ‘ड्रेन ऑफ वेल्थ’ (धन का निष्कासन) सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जो बताता है कि कैसे ब्रिटिश शासन भारत से धन का निष्कासन कर रहा है।
  • गलत विकल्प: सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन नेशनल एसोसिएशन’ की स्थापना की थी, फिरोजशाह मेहता ने ‘बॉम्बे प्रेसीडेंसी एसोसिएशन’ के गठन में भूमिका निभाई, और गोपाल कृष्ण गोखले ने ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की थी।

प्रश्न 22: प्रथम बौद्ध परिषद का आयोजन किस शासक के संरक्षण में हुआ था?

  1. अशोक
  2. कनिष्क
  3. अजातशत्रु
  4. कालाशोक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रथम बौद्ध परिषद (First Buddhist Council) का आयोजन हर्यक वंश के मगध के शासक अजातशत्रु के संरक्षण में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह परिषद बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद (लगभग 483 ईसा पूर्व) राजगृह में आयोजित हुई थी। अजातशत्रु ने परिषद के लिए सभी व्यवस्थाएं की थीं और यह सुनिश्चित किया था कि इसमें भिक्षुओं के बीच कोई मतभेद न हो।
  • गलत विकल्प: अशोक तीसरी बौद्ध परिषद से जुड़े थे, कनिष्क चौथी बौद्ध परिषद से, और कालाशोक दूसरी बौद्ध परिषद से जुड़े थे।

प्रश्न 23: ‘जब्त प्रणाली’ (Zabt System) निम्नलिखित में से किस शासक से संबंधित है?

  1. अलाउद्दीन खिलजी
  2. गयासुद्दीन तुगलक
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. शेरशाह सूरी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘जब्त प्रणाली’ शेरशाह सूरी द्वारा लागू की गई एक राजस्व मूल्यांकन और संग्रह प्रणाली थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, भूमि को मापा जाता था और उसकी उत्पादकता के आधार पर राजस्व निर्धारित किया जाता था। शेरशाह सूरी ने राजस्व को नगद या वस्तु के रूप में स्वीकार करने का प्रावधान किया था। इस प्रणाली को अकबर ने भी अपनाया और इसमें कुछ सुधार किए।
  • गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने भी राजस्व सुधार किए थे, लेकिन ‘जब्त प्रणाली’ का श्रेय मुख्य रूप से शेरशाह सूरी को जाता है। गयासुद्दीन तुगलक और मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में भी राजस्व व्यवस्थाएं थीं, लेकिन ‘जब्त प्रणाली’ शेरशाह सूरी के साथ ही पहचानी जाती है।

प्रश्न 24: साइमन कमीशन का गठन किस वर्ष किया गया था?

  1. 1925
  2. 1927
  3. 1928
  4. 1929

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: साइमन कमीशन का गठन वर्ष 1927 में किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश सरकार ने भारत में संवैधानिक सुधारों की जांच के लिए 1919 के भारत सरकार अधिनियम (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार) के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए सात सदस्यीय सांविधिक आयोग नियुक्त किया था। इस आयोग का अध्यक्ष सर जॉन साइमन था। इस आयोग की सबसे बड़ी विडंबना यह थी कि इसमें कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था, जिसके कारण भारत में इसका व्यापक विरोध हुआ।
  • गलत विकल्प: 1925 में, प्रिंस ऑफ वेल्स भारत आए थे। 1928 में साइमन कमीशन भारत पहुंचा था, लेकिन उसका गठन 1927 में हुआ था। 1929 में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का लक्ष्य रखा।

प्रश्न 25: प्राचीन भारत में ‘लोथल’ किस लिए प्रसिद्ध था?

  1. विशाल स्नानागार
  2. घोड़े के अवशेष
  3. मानव कंकाल का युगल दफन
  4. सबसे पुराना बंदरगाह

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लोथल, जो सिन्धु घाटी सभ्यता का एक स्थल था, अपने सुव्यवस्थित बंदरगाह (Dockyard) के लिए प्रसिद्ध है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल गुजरात के अहमदाबाद जिले में स्थित था और भोगवा नदी के मुहाने पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। यहाँ से प्राप्त हुए बंदरगाह के अवशेष बताते हैं कि यह एक उन्नत समुद्री व्यापारिक शहर था। इसके अतिरिक्त, लोथल से फारसी खाड़ी की मुहरें (Persian Gulf Seals) और एक शतरंज की बिसात (Dicing board) भी मिली है, जो इसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों को दर्शाती हैं।
  • गलत विकल्प: विशाल स्नानागार मोहनजोदड़ो की विशेषता है। घोड़े के अवशेषों के स्पष्ट प्रमाण सिन्धु घाटी सभ्यता में अभी भी विवादास्पद हैं, हालांकि कुछ प्रारंभिक खोजें हुई हैं। मानव कंकाल का युगल दफन (Joint burial) पुरातात्विक साक्ष्य के रूप में लोथल में नहीं, बल्कि कालीबंगा और अन्य स्थलों पर पाया गया है।

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