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इतिहास के रणक्षेत्र में अपनी जीत पक्की करें: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी

इतिहास के रणक्षेत्र में अपनी जीत पक्की करें: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी

नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! क्या आप बीते हुए कल की घटनाओं में गोता लगाने और अपने ज्ञान की धार को तेज करने के लिए तैयार हैं? आज हम इतिहास के विशाल सागर में एक रोमांचक यात्रा पर निकल रहे हैं, जहाँ 25 अद्वितीय प्रश्न आपके ज्ञान की परीक्षा लेंगे। हर प्रश्न अतीत की एक खिड़की है, जो आपको न केवल जानकारी देगी बल्कि परीक्षा हॉल में आपकी सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। तो, कमर कस लीजिए और इस ज्ञानवर्धक सफ़र का आनंद लीजिए!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से विशाल स्नानागार (Great Bath) के प्रमाण मिले हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो (जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था, जहाँ से सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक ‘विशाल स्नानागार’ है। यह संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित, अपनी सुनियोजित शहरी व्यवस्था, जल निकासी प्रणाली और सार्वजनिक भवनों के लिए जाना जाता है। विशाल स्नानागार का निर्माण ईंटों से किया गया था और इसमें सीढ़ियाँ और कमरे शामिल थे।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा एक अन्य महत्वपूर्ण स्थल था, लेकिन स्नानागार का मुख्य प्रमाण मोहनजोदड़ो से मिला। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था, और कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले थे।

प्रश्न 2: “सर्वे पपप्त्प” (सभी को नमस्कार) किस सम्राट के शिलालेखों में अंकित है?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. अशोक
  3. समुद्रगुप्त
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अशोक। सम्राट अशोक के कई शिलालेखों में “सर्वे पपप्त्प” (सभी सुखी हों) का भाव मिलता है, जो उनके धम्म (धार्मिक नीति) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह उनके सार्वभौमिक कल्याण की इच्छा को दर्शाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अशोक, मौर्य साम्राज्य के एक महान शासक थे, जिन्होंने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया और धम्म का प्रचार किया। उनके शिलालेख, जो पत्थर के स्तंभों और शिलाखंडों पर पाए जाते हैं, उस समय के सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक जीवन की जानकारी देते हैं।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है और वे अपनी सैन्य विजयों के लिए प्रसिद्ध थे। हर्षवर्धन उत्तर भारत के एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उनके अभिलेखों में इस विशिष्ट वाक्यांश का उल्लेख नहीं है।

प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक कृषि विभाग की स्थापना की?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मुहम्मद बिन तुगलक। मुहम्मद बिन तुगलक, जो अपने महत्वाकांक्षी और अक्सर असफल प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं, ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए विभाग की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का उद्देश्य परती भूमि को आबाद करना, किसानों को बीज और उपकरण प्रदान करना और नई फसलें उगाना था। हालांकि, उनकी नीतियों के कार्यान्वयन में कई समस्याएं आईं।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश को ‘गुलाम वंश’ का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। बलबन अपनी ‘रक्त और लौह’ की नीति के लिए जाना जाता है। फिरोजशाह तुगलक ने कई नहरों का निर्माण करवाया और ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) की स्थापना की।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘आष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वानों को आश्रय दिया?

  1. हरिहर
  2. बुक्का
  3. देवराय द्वितीय
  4. कृष्णदेवराय

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्णदेवराय। विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529) स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने तेलुगु साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ‘आष्टदिग्गज’ (आठ महान हाथी) के रूप में जाने जाने वाले आठ तेलुगु कवियों और विद्वानों के एक समूह को संरक्षण दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: इन विद्वानों में अल्लसानी पेद्दाना, नंदी तिम्मन्ना और धुरजति प्रमुख थे। कृष्णदेवराय की अपनी रचना ‘अमुक्तमाल्यदा’ को तेलुगु साहित्य का रत्न माना जाता है।
  • गलत विकल्प: हरिहर और बुक्का विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे। देवराय द्वितीय भी एक सक्षम शासक थे, लेकिन ‘आष्टदिग्गज’ का काल कृष्णदेवराय से जुड़ा है।

प्रश्न 5: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन के निर्णय का मुख्य उद्देश्य क्या था?

  1. बंगाल में शिक्षा का प्रसार
  2. राष्ट्रवाद की भावना को कमजोर करना
  3. आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
  4. प्रशासनिक सुविधा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: राष्ट्रवाद की भावना को कमजोर करना। हालांकि आधिकारिक तौर पर विभाजन का कारण प्रशासनिक सुविधा बताया गया था, लेकिन इसका वास्तविक उद्देश्य बंगाल में तेजी से फैल रहे राष्ट्रवाद को विभाजित करना और कमजोर करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: बंगाल उस समय भारतीय राष्ट्रवाद का केंद्र था। विभाजन ने बंगाल को पूर्वी और पश्चिमी बंगाल में बाँट दिया, जिसमें पूर्वी बंगाल में एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र बनाया गया। इस कदम ने भारतीयों को नाराज कर दिया और स्वदेशी आंदोलन को जन्म दिया।
  • गलत विकल्प: विभाजन का उद्देश्य शिक्षा या आर्थिक विकास से संबंधित नहीं था, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत करने के नाम पर राष्ट्रवाद को दबाना था।

प्रश्न 6: ‘तखत-ए-ताउस’ (मोर सिंहासन) का निर्माण किस मुगल बादशाह ने करवाया था?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: शाहजहाँ। शाहजहाँ, जो अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध थे (जैसे ताजमहल), ने 1635 में प्रसिद्ध ‘तखत-ए-ताउस’ का निर्माण करवाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिंहासन बहुमूल्य रत्नों और सोने से जड़ा हुआ था और इसके ऊपर एक मोर की आकृति बनी थी, इसलिए इसे ‘मोर सिंहासन’ कहा जाता था। इसे फारस के शासक नादिर शाह ने 1739 में भारत पर आक्रमण के दौरान लूट लिया था।
  • गलत विकल्प: अकबर अपनी धार्मिक सहिष्णुता और साम्राज्य विस्तार के लिए जाने जाते थे। जहांगीर कला और चित्रकला के संरक्षक थे। औरंगजेब एक रूढ़िवादी शासक थे और उन्होंने स्थापत्य कला पर कम ध्यान दिया।

प्रश्न 7: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?

  1. 1929 लाहौर अधिवेशन
  2. 1931 कराची अधिवेशन
  3. 1936 लखनऊ अधिवेशन
  4. 1942 बम्बई अधिवेशन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1929 लाहौर अधिवेशन। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में, जिसकी अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह भी तय किया गया कि 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने स्वतंत्रता की मांग को औपनिवेशिक सरकार के समक्ष और मजबूती से रखा।
  • गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों पर प्रस्ताव पारित हुए थे। लखनऊ अधिवेशन (1936) में कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने संयुक्त रूप से काम करने का प्रस्ताव पारित किया। बम्बई अधिवेशन (1942) ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का स्थल था।

प्रश्न 8: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. जॉन लॉक
  2. जीन-जैक्स रूसो
  3. मोंटेस्क्यू
  4. वॉल्टेयर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोंटेस्क्यू। फ्रांसीसी दार्शनिक चार्ल्स-लुईस डी सेकोन्डैट, बैरन डी ला ब्रेडे एट डी मोंटेस्क्यू ने 1748 में ‘The Spirit of Laws’ प्रकाशित की।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में, मोंटेस्क्यू ने शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसमें सरकार की तीन शाखाओं – विधायी, कार्यकारी और न्यायिक – के बीच शक्तियों का विभाजन शामिल था। यह सिद्धांत आधुनिक लोकतांत्रिक सरकारों की संरचना के लिए मौलिक बन गया।
  • गलत विकल्प: जॉन लॉक ने ‘Two Treatises of Government’ लिखी, जिसमें प्राकृतिक अधिकारों और सरकार की सहमति पर जोर दिया गया। रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखी। वॉल्टेयर एक प्रमुख ज्ञानोदय विचारक थे जिन्होंने धार्मिक सहिष्णुता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की वकालत की।

प्रश्न 9: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग किस पशु के लिए किया गया है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. बैल
  4. भेड़

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गाय। ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है, जिसका अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’। यह दर्शाता है कि वैदिक काल में गाय को कितना पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: गायों का महत्व न केवल आर्थिक (दूध, घी, दही) था, बल्कि सामाजिक और धार्मिक रूप से भी था। गायों के खो जाने पर युद्ध भी किए जाते थे, जैसा कि ‘गवेष्टि’ (गाय की खोज) जैसे शब्दों से पता चलता है।
  • गलत विकल्प: वैदिक काल में घोड़े का महत्व था, लेकिन ‘अघन्य’ विशेष रूप से गाय के लिए प्रयुक्त होता था। बैल कृषि कार्यों में महत्वपूर्ण थे, और भेड़ भी उपयोगी पशु थे, लेकिन उन्हें ‘अघन्य’ नहीं कहा गया।

प्रश्न 10: ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ के तहत भूमि का सीधा लगान कृषकों से वसूल किया जाता था। इस व्यवस्था को सर्वप्रथम कहाँ लागू किया गया?

  1. बंगाल प्रेसीडेंसी
  2. मद्रास प्रेसीडेंसी
  3. पंजाब
  4. उत्तर प्रदेश

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मद्रास प्रेसीडेंसी। ब्रिटिश भारत में लागू की गई रैयतवाड़ी व्यवस्था, जहाँ किसान स्वयं भूमि के मालिक माने जाते थे और सीधे सरकार को लगान देते थे, को मद्रास प्रेसीडेंसी में सबसे पहले लागू किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था 1792 में मद्रास प्रेसीडेंसी के बारामहल जिले में कैप्टन अलेक्जेंडर रीड द्वारा शुरू की गई थी और बाद में थॉमस मुनरो द्वारा इसे विस्तारित किया गया। यह व्यवस्था बंगाल में लागू स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) से भिन्न थी, जिसमें जमींदारों से लगान वसूला जाता था।
  • गलत विकल्प: बंगाल प्रेसीडेंसी में स्थायी बंदोबस्त लागू था। पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में भी बाद में यह व्यवस्था लागू हुई, लेकिन सर्वप्रथम मद्रास इसका केंद्र था।

  • प्रश्न 11: कंबन की ‘रामवतारम्’ किस भाषा में लिखी गई थी?

    1. संस्कृत
    2. तमिल
    3. कन्नड़
    4. तेलुगु

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: तमिल। कंबन, जो 12वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध तमिल कवि थे, ने ‘रामवतारम्’ (जिसे ‘कंब रामायण’ भी कहा जाता है) की रचना की।
    • संदर्भ और विस्तार: यह कृति वाल्मीकि की संस्कृत रामायण का तमिल रूपांतरण है, लेकिन अपनी मौलिकता, काव्यात्मक सौंदर्य और स्थानीय रंगत के लिए यह अत्यंत प्रसिद्ध है। इसने तमिल साहित्य को समृद्ध किया और आज भी इसका अत्यधिक सम्मान किया जाता है।
    • गलत विकल्प: रामायण के अन्य प्रमुख रूपांतरण संस्कृत (वाल्मीकि), तेलुगु (रंगनाथ रामायण) और कन्नड़ (पंप भारत) में भी हुए, लेकिन कंबन की कृति विशेष रूप से तमिल में है।

    प्रश्न 12: ‘The Communist Manifesto’ (कम्युनिस्ट घोषणापत्र) किसके द्वारा लिखा गया था?

    1. कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स
    2. व्लादिमीर लेनिन
    3. लेनिन और स्टालिन
    4. लियो टॉल्स्टॉय

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स। ‘The Communist Manifesto’, जो साम्यवाद के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक पर्चों में से एक है, 1848 में कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा लिखा गया था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस घोषणापत्र में वर्ग संघर्ष, सर्वहारा क्रांति और साम्यवादी समाज के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है। इसका प्रसिद्ध वाक्य है: “दुनिया के मज़दूरों, एक हो!” (Workers of the world, unite!)।
    • गलत विकल्प: व्लादिमीर लेनिन एक प्रमुख रूसी क्रांतिकारी थे जिन्होंने बोल्शेविक क्रांति का नेतृत्व किया। लियो टॉल्स्टॉय एक रूसी उपन्यासकार थे।

    प्रश्न 13: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

    1. उस काल में सोने की खानें बहुतायत में थीं।
    2. उस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
    3. गुप्त शासकों ने सोने के सिक्के बड़े पैमाने पर जारी किए।
    4. उस काल में भारत का एक विशाल साम्राज्य था।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: उस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ। गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य (कालिदास), खगोल विज्ञान (आर्यभट्ट), गणित (शून्य की अवधारणा) और मंदिर वास्तुकला में महान प्रगति हुई।
    • संदर्भ और विस्तार: इस काल में स्थापित सांस्कृतिक और बौद्धिक परंपराओं का प्रभाव सदियों तक बना रहा। साहित्य में कालिदास की कृतियाँ, विज्ञान में आर्यभट्ट का योगदान और कला में अजंता की गुफाओं के भित्तिचित्र इस युग की महान उपलब्धियाँ हैं।
    • गलत विकल्प: हालांकि सोने के सिक्कों का प्रचलन था और साम्राज्य विशाल था, ये ‘स्वर्ण युग’ कहने के प्राथमिक कारण नहीं थे। सोने की खानों की बहुतायत प्रमुख कारण नहीं थी।

    प्रश्न 14: ‘इल्बर्ट बिल’ विवाद किस वायसराय के कार्यकाल से संबंधित है?

    1. लॉर्ड डलहौजी
    2. लॉर्ड लिटन
    3. लॉर्ड रिपन
    4. लॉर्ड कर्जन

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: लॉर्ड रिपन। इल्बर्ट बिल विवाद 1883-1884 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल के दौरान हुआ था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस बिल का उद्देश्य भारतीय न्यायाधीशों को भी यूरोपीय या ब्रिटिश व्यक्तियों पर मुकदमों की सुनवाई का अधिकार देना था। उस समय, यूरोपीय जूरी के अभाव में, भारतीय न्यायाधीशों को ऐसी सुनवाई का अधिकार नहीं था। बिल का यूरोपीय समुदाय द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिससे यह विवाद उत्पन्न हुआ। अंततः, बिल में संशोधन किया गया।
    • गलत विकल्प: डलहौजी को विलय की नीति के लिए जाना जाता है। लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया था। कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।

    प्रश्न 15: प्राचीन भारत में ‘गणराज्यों’ का वर्णन किस ग्रंथ में मिलता है?

    1. अर्थशास्त्र
    2. महाभाष्य
    3. बृहत् संहिता
    4. जातक कथाएँ

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: अर्थशास्त्र। कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ में प्राचीन भारत के गणराज्यों (जैसे लिच्छवि) और उनके शासन तंत्र का विस्तृत वर्णन मिलता है।
    • संदर्भ और विस्तार: अर्थशास्त्र केवल अर्थशास्त्र से संबंधित नहीं है, बल्कि यह राजनीति, कूटनीति, सैन्य रणनीति और लोक प्रशासन पर एक व्यापक ग्रंथ है। इसमें विभिन्न प्रकार की राज्य प्रणालियों का उल्लेख है, जिसमें गणराज्य भी शामिल हैं।
    • गलत विकल्प: महाभाष्य पतंजलि द्वारा रचित है और यह व्याकरण से संबंधित है। बृहत् संहिता वराहमिहिर की खगोल विज्ञान पर आधारित पुस्तक है। जातक कथाएँ बुद्ध के पूर्व जन्मों से संबंधित हैं।

    प्रश्न 16: ‘दोहरी शासन प्रणाली’ (Dual Government) किसने लागू की थी?

    1. रॉबर्ट क्लाइव
    2. वारेन हेस्टिंग्स
    3. लॉर्ड कॉर्नवालिस
    4. लॉर्ड वेलेस्ली

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: रॉबर्ट क्लाइव। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव ने 1765 में बक्सर के युद्ध के बाद मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय से अधिकार प्राप्त कर बंगाल में दोहरी शासन प्रणाली लागू की।
    • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, कंपनी ने दीवानी (राजस्व वसूली) का अधिकार अपने पास रखा, जबकि निजामत (प्रशासनिक और सैन्य शक्ति) बंगाल के नवाब के हाथों में रही। इसका परिणाम यह हुआ कि वास्तविक शक्ति कंपनी के पास आ गई, जबकि उत्तरदायित्व नवाब का था, जिससे जनता को भारी नुकसान हुआ।
    • गलत विकल्प: वारेन हेस्टिंग्स ने 1772 में दोहरी शासन प्रणाली को समाप्त कर दिया। कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। वेलेस्ली सहायक संधि के लिए जाने जाते हैं।

    प्रश्न 17: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किसने की थी?

    1. अकबर
    2. जहांगीर
    3. शाहजहाँ
    4. औरंगजेब

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: अकबर। मुगल बादशाह अकबर ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धर्म की स्थापना की थी।
    • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक ऐसा धर्म बनाना था जो सभी के लिए स्वीकार्य हो। यह एक सूफीवाद और अन्य धार्मिक विचारों का मिश्रण था। हालांकि, इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी। बीरबल एकमात्र प्रमुख व्यक्ति थे जिन्होंने इसे अपनाया था।
    • गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस धर्म को आगे नहीं बढ़ाया; बल्कि औरंगजेब ने इस्लाम को सख्ती से लागू करने की कोशिश की।

    प्रश्न 18: महात्मा गांधी ने किस गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था?

    1. प्रथम गोलमेज सम्मेलन
    2. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
    3. तृतीय गोलमेज सम्मेलन
    4. सभी गोलमेज सम्मेलनों में

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: द्वितीय गोलमेज सम्मेलन। महात्मा गांधी ने 1931 में लंदन में आयोजित द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था।
    • संदर्भ और विस्तार: गांधी-इरविन समझौते के बाद गांधीजी ने इस सम्मेलन में भाग लिया था, जिसका उद्देश्य भारत के संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करना था। हालांकि, सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों पर असहमति के कारण यह सम्मेलन असफल रहा।
    • गलत विकल्प: गांधीजी ने प्रथम और तृतीय गोलमेज सम्मेलनों में भाग नहीं लिया था। प्रथम गोलमेज सम्मेलन का बहिष्कार किया गया था, और तृतीय गोलमेज सम्मेलन में भी भारतीयों की भागीदारी कम थी।

    प्रश्न 19: ‘1857 की क्रांति’ के किस आंदोलन को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ कहा गया है?

    1. संबलपुर विद्रोह
    2. संथाल विद्रोह
    3. 1857 की क्रांति
    4. मोपला विद्रोह

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: 1857 की क्रांति। 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इस विद्रोह की शुरुआत मेरठ छावनी से हुई थी और यह जल्द ही उत्तर भारत के बड़े हिस्से में फैल गया। इसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों के असंतोष को एक बड़े पैमाने पर व्यक्त किया, हालांकि यह अंततः दबा दिया गया। इसे वीडी सावरकर ने अपनी पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा।
    • गलत विकल्प: संबलपुर, संथाल और मोपला विद्रोह महत्वपूर्ण क्षेत्रीय विद्रोह थे, लेकिन वे 1857 के क्रांति जितने व्यापक नहीं थे और उन्हें समग्र रूप से प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम नहीं कहा जाता।

    प्रश्न 20: मौर्य काल में ‘इंडिका’ नामक पुस्तक किसने लिखी थी?

    1. फाह्यान
    2. ह्वेन त्सांग
    3. मेगस्थनीज
    4. टॉलेमी

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: मेगस्थनीज। यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आने के बाद ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी थी।
    • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक मौर्य साम्राज्य की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का प्रत्यक्षदर्शी विवरण प्रस्तुत करती है। दुर्भाग्यवश, मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके अंश अन्य यूनानी लेखकों के कार्यों में उद्धृत पाए जाते हैं।
    • गलत विकल्प: फाह्यान और ह्वेन त्सांग चीनी यात्री थे जिन्होंने बाद के कालों में भारत की यात्रा की और अपनी यात्रा वृत्तांत लिखे। टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता और खगोलशास्त्री थे।

    प्रश्न 21: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

    1. जवाहरलाल नेहरू
    2. सरदार वल्लभभाई पटेल
    3. सुभाष चंद्र बोस
    4. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: सुभाष चंद्र बोस। सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक अपनी पार्टी की स्थापना की थी।
    • संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना का उद्देश्य कांग्रेस के भीतर एक अधिक उग्र और राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा देना था। बोस का मानना था कि ब्रिटिशों से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अधिक सक्रिय संघर्ष की आवश्यकता है।
    • गलत विकल्प: अन्य विकल्प कांग्रेस के प्रमुख नेता थे जिन्होंने अपनी-अपनी भूमिका निभाई, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी।

    प्रश्न 22: किस नदी को ऋग्वेद में ‘माते तमा’ (सर्वश्रेष्ठ माता) और ‘नदीतमा’ (सर्वश्रेष्ठ नदी) कहा गया है?

    1. सिंधु
    2. यमुना
    3. सरस्वती
    4. गोदावरी

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: सरस्वती। ऋग्वेद में सरस्वती नदी को अत्यंत पवित्र माना गया है और उसे ‘माते तमा’ (सर्वश्रेष्ठ माता) और ‘नदीतमा’ (सर्वश्रेष्ठ नदी) जैसे विशेषणों से विभूषित किया गया है।
    • संदर्भ और विस्तार: सरस्वती नदी का उल्लेख कई मंत्रों में मिलता है, जो इसकी पवित्रता और महत्व को दर्शाता है। यह माना जाता है कि यह वर्तमान में विलुप्त हो चुकी है या भौगोलिक रूप से इसका स्वरूप बदल गया है।
    • गलत विकल्प: सिंधु एक महत्वपूर्ण नदी थी, लेकिन सरस्वती को अधिक पवित्रता दी गई। यमुना का भी उल्लेख है, लेकिन सरस्वती जितना नहीं। गोदावरी दक्षिण भारत की नदी है और इसका ऋग्वैदिक उल्लेख नहीं मिलता।

    प्रश्न 23: ‘सहायक संधि प्रणाली’ (Subsidiary Alliance) को किसने विकसित किया?

    1. लॉर्ड कॉर्नवालिस
    2. लॉर्ड वेलेस्ली
    3. लॉर्ड डलहौजी
    4. लॉर्ड हेस्टिंग्स

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: लॉर्ड वेलेस्ली। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर-जनरल लॉर्ड वेलेस्ली ने 1798 में सहायक संधि प्रणाली को एक व्यवस्थित रूप से विकसित किया और लागू किया।
    • संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेनाएँ भंग करनी पड़ती थीं, ब्रिटिश सेना की टुकड़ी को अपने राज्य में रखना पड़ता था और उसके खर्च का वहन करना पड़ता था। साथ ही, वे किसी अन्य यूरोपीय शक्ति से संबंध नहीं रख सकते थे। इस संधि के माध्यम से अंग्रेजों ने भारतीय राज्यों पर अपना नियंत्रण बढ़ाया।
    • गलत विकल्प: कॉर्नवालिस स्थायी बंदोबस्त के लिए जाने जाते हैं। डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया। हेस्टिंग्स ने सहायक संधि का विस्तार किया, लेकिन इसे विकसित करने का श्रेय वेलेस्ली को जाता है।

    प्रश्न 24: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?

    1. लाहौर, 1929
    2. कराची, 1931
    3. लखनऊ, 1936
    4. बम्बई, 1942

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: बम्बई, 1942। 8 अगस्त 1942 को बम्बई (अब मुंबई) में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव पारित किया गया था।
    • संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था, जिसका नारा था ‘करो या मरो’। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बीच ब्रिटिश शासन को भारत से उखाड़ फेंकना था। इस आंदोलन के कारण बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
    • गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन (1929) में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था। कराची अधिवेशन (1931) मौलिक अधिकारों पर था। लखनऊ अधिवेशन (1936) कांग्रेस-लीग सहयोग पर केंद्रित था।

    प्रश्न 25: ‘कुतुबमीनार’ का निर्माण किसने शुरू करवाया था?

    1. इल्तुतमिश
    2. कुतुबुद्दीन ऐबक
    3. अलाउद्दीन खिलजी
    4. फिरोजशाह तुगलक

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: कुतुबुद्दीन ऐबक। दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 ईस्वी में कुतुबमीनार का निर्माण कार्य शुरू करवाया था।
    • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने इसका पहला मंजिल बनवाया था, और इसका नाम प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था। बाद में इल्तुतमिश ने इसमें तीन और मंजिलें जुड़वाईं, और पांचवीं मंजिल का निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था।
    • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने निर्माण पूरा करवाया, लेकिन शुरू कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया था। अलाउद्दीन खिलजी ने कुतुबमीनार के पास एक मीनार बनवाने का प्रयास किया था, लेकिन वह अधूरा रहा। फिरोजशाह तुगलक ने इसे क्षतिपूर्ति के बाद फिर से बनवाया था।

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