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इतिहास के रणक्षेत्र में अपना ज्ञान परखें: दैनिक योद्धा अभ्यास

इतिहास के रणक्षेत्र में अपना ज्ञान परखें: दैनिक योद्धा अभ्यास

तैयार हो जाइए, योद्धाओं! आज का दिन इतिहास के गर्त में उतरकर अपने ज्ञान की धार को तेज करने का है। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक राष्ट्रों के उदय तक, हर कालखंड के रहस्यों को उजागर करने के लिए यह मॉक टेस्ट आपका इंतज़ार कर रहा है। तो आइए, कलम उठाइए और समय के इस सफर पर निकल पड़िए!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से अग्नि वेदिकाएँ (fire altars) प्राप्त हुई हैं?

  1. लोथल
  2. कालीबंगा
  3. हड़प्पा
  4. मोहनजोदड़ो

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: कालीबंगा, जो वर्तमान राजस्थान में स्थित है, एक ऐसा हड़प्पा स्थल है जहाँ से अग्नि वेदिकाओं (fire altars) के प्रमाण मिले हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: कालीबंगा में सात अग्नि वेदिकाओं की पंक्ति मिली है, जो धार्मिक अनुष्ठानों या यज्ञों के संचालन का संकेत देती हैं। यह खोज हड़प्पा सभ्यता में धार्मिक प्रथाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। यहाँ से हल से जुते हुए खेत के प्राचीनतम प्रमाण भी मिले हैं।
  • गलत विकल्प: लोथल गुजरात में एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, हड़प्पा पंजाब (पाकिस्तान) में सिंधु सभ्यता का सबसे पहला खोजा गया स्थल था, और मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान) में विशाल स्नानागार और अन्नागार जैसे महत्वपूर्ण निर्माण मिले हैं, लेकिन अग्नि वेदिकाएँ विशेष रूप से कालीबंगा से जुडी हैं।

प्रश्न 2: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किसने किया था?

  1. अशोक
  2. चंद्रगुप्त मौर्य
  3. समुद्रगुप्त
  4. शिवाजी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘अष्टप्रधान’ का गठन मराठा शासक शिवाजी महाराज ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान शिवाजी के शासनकाल में आठ मंत्रियों की एक परिषद थी, जो राज्य के प्रशासन में उनकी सहायता करती थी। इन आठ मंत्रियों में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (विदेशी मामले), सुमंत (विदेश सचिव), पंडितराव (धर्माध्यक्ष),मंत्री (गृह सचिव), सेनापति (सेना प्रमुख), और न्यायाधीश (न्यायाधीश) शामिल थे। यह परिषद शिवाजी के सुचारू प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग थी।
  • गलत विकल्प: अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य और समुद्रगुप्त मौर्य राजवंश के शक्तिशाली शासक थे, लेकिन उन्होंने इस प्रकार की ‘अष्टप्रधान’ परिषद का गठन नहीं किया था। उनके प्रशासनिक ढाँचे भिन्न थे।

प्रश्न 3: सिन्धु सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंध का नखलिस्तान’ (The Gibraltar of Indus) कहा जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. कालीबंगा
  4. लोथल

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो को ‘सिंध का नखलिस्तान’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका सिंधी भाषा में अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक था। इसकी व्यवस्थित शहरी योजना, विशाल सार्वजनिक भवन (जैसे ग्रेट बाथ), और मजबूत किलेबंदी इसे एक महत्वपूर्ण और सुरक्षित स्थल बनाती थी, जिसके कारण इसे यह उपनाम दिया गया।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा, कालीबंगा और लोथल भी महत्वपूर्ण स्थल थे, लेकिन ‘सिंध का नखलिस्तान’ विशेष रूप से मोहनजोदड़ो के लिए प्रयोग किया जाता है, जो अपनी भव्यता और किलेबंदी के लिए जाना जाता था।

प्रश्न 4: किस अभिलेख में अशोक को ‘मगध का राजा’ कहा गया है?

  1. मास्की अभिलेख
  2. गुर्जर अभिलेख
  3. बराबर गुहा लेख
  4. शाहबाजगढ़ी अभिलेख

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: गुर्जर अभिलेख में अशोक को ‘मगध का राजा’ कहा गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अभिलेख (जो वर्तमान मध्य प्रदेश में स्थित है) सम्राट अशोक के कुछ सबसे पुराने व्यक्तिगत उल्लेखों में से एक है। इसमें अशोक के व्यक्तिगत नाम का भी उल्लेख है, जो इसे ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है।
  • गलत विकल्प: मास्की अभिलेख (कर्नाटक) में भी अशोक का व्यक्तिगत नाम मिलता है, लेकिन ‘मगध का राजा’ की उपाधि गुर्जर अभिलेख से संबंधित है। बराबर गुहा लेख (बिहार) में अशोक द्वारा आजीविकों को दान दिए जाने का उल्लेख है, और शाहबाजगढ़ी अभिलेख (पाकिस्तान) खरोष्ठी लिपि में लिखा गया है।

प्रश्न 5: सल्तनत काल में ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नया कृषि विभाग की स्थापना किसने की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351 ई.) ने कृषि के विकास और विस्तार के उद्देश्य से इस विभाग की स्थापना की थी। इसका मुख्य कार्य भूमि को खेती के अधीन लाना और किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। इस योजना का उद्देश्य राज्य की आय बढ़ाना और साम्राज्य में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘दीवान-ए-विजारत’ (वित्त विभाग) को सुदृढ़ किया, बलबन ने ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) का गठन किया, और फिरोजशाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) और ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) जैसे विभागों की स्थापना की।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य में ‘कुटिर’ (Kutir) शब्द का क्या अर्थ था?

  1. भूमि कर का एक प्रकार
  2. एक प्रकार का हथियार
  3. एक प्रशासनिक अधिकारी
  4. एक धार्मिक अनुष्ठान

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य में ‘कुटिर’ एक प्रकार का भूमि कर था।
  • संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य की राजस्व प्रणाली में विभिन्न प्रकार के कर शामिल थे, और ‘कुटिर’ उस समय के भूमि करों में से एक था। यह कर भूमि के उपजाऊपन और उसके उपयोग के आधार पर लगाया जाता था।
  • गलत विकल्प: ‘कुटिर’ का संबंध किसी हथियार, प्रशासनिक अधिकारी या धार्मिक अनुष्ठान से नहीं था, बल्कि यह सीधे तौर पर कृषि और भूमि से जुड़े करों से संबंधित था।

प्रश्न 7: ‘इबादत खाना’ का निर्माण किसने करवाया था?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘इबादत खाना’ (House of Worship) का निर्माण मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर ने फतेहपुर सीकरी में 1575 ई. में इबादत खाना का निर्माण करवाया था। यहाँ वह विभिन्न धर्मों के विद्वानों और धार्मिक नेताओं को आमंत्रित कर धार्मिक चर्चाएँ आयोजित करता था। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के विचारों को समझना और अपने सुलह-ए-कुल (सार्वभौमिक शांति) की नीति को बढ़ावा देना था।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने भी महत्वपूर्ण निर्माण कार्य करवाए, लेकिन इबादत खाना का निर्माण विशेष रूप से अकबर के धार्मिक प्रयोगों और सहिष्णुता की नीति से जुड़ा है।

प्रश्न 8: 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में चलाए गए स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व किसने किया?

  1. बाल गंगाधर तिलक
  2. लाला लाजपत राय
  3. बिपिन चंद्र पाल
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में चलाए गए स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल (जिन्हें ‘लाल-बाल-पाल’ के नाम से जाना जाता है) सहित अनेक नेताओं ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन द्वारा 1905 में बंगाल का विभाजन किया गया, जिसके विरोध में पूरे देश में स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन चलाया गया। इस आंदोलन में न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर भी जोर दिया गया। तिलक, लाजपत राय और पाल इस आंदोलन के प्रमुख अग्रदूत थे, जिन्होंने जन-जन तक इस आंदोलन को पहुँचाया।
  • गलत विकल्प: यद्यपि ये तीनों नेता प्रमुख थे, लेकिन यह कहना गलत होगा कि केवल किसी एक ने नेतृत्व किया। यह एक सामूहिक नेतृत्व का आंदोलन था।

प्रश्न 9: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?

  1. लंदन
  2. सैन फ्रांसिस्को
  3. न्यूयॉर्क
  4. बर्लिन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना मुख्य रूप से भारतीय क्रांतिकारियों द्वारा की गई थी जो उस समय उत्तरी अमेरिका में रह रहे थे। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों को संगठित करना था। इसके प्रमुख नेताओं में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और राम चंद्र शामिल थे।
  • गलत विकल्प: लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन में भी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े केंद्र थे, लेकिन गदर पार्टी का प्रमुख गठन स्थल सैन फ्रांसिस्को था।

प्रश्न 10: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?

  1. अमीर खुसरो
  2. जियाउद्दीन बरनी
  3. मिनहाज-उस-सिराज
  4. सम्स-ए-सिराज अफीफ

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के लेखक जियाउद्दीन बरनी हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: जियाउद्दीन बरनी एक इतिहासकार थे जिन्होंने मुहम्मद बिन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल का विस्तृत वर्णन किया है। उनकी यह कृति सल्तनत काल के इतिहास को समझने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसमें तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन का चित्रण है।
  • गलत विकल्प: अमीर खुसरो एक प्रसिद्ध कवि और विद्वान थे, मिनहाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ लिखी, और सम्स-ए-सिराज अफीफ ने भी ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ लिखी, लेकिन जो संस्करण अधिक प्रसिद्ध है और सामान्यतः इसी नाम से जाना जाता है, वह बरनी का है। (हालांकि, यह प्रश्न थोड़ा भ्रामक हो सकता है क्योंकि अफीफ की कृति का नाम भी समान है, लेकिन परीक्षा के संदर्भ में बरनी अधिक प्रासंगिक उत्तर माने जाते हैं।)

प्रश्न 11: भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन किस गवर्नर-जनरल के समय में हुआ?

  1. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड डलहौजी
  4. लॉर्ड लिटन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन शुरू हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) ने भारत में डाक सेवाओं में सुधार करते हुए 1854 में पहली बार डाक टिकट जारी किए। इसके साथ ही, उन्होंने पोस्ट ऑफिस अधिनियम भी पारित किया, जिसने डाक व्यवस्था को केंद्रीकृत और व्यवस्थित बनाया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने शिक्षा और समाज सुधार पर ध्यान केंद्रित किया, लॉर्ड कैनिंग पहले वायसराय बने, और लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट जैसे विवादास्पद कानून लाए।

प्रश्न 12: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. इस काल में सोने के सिक्कों का सर्वाधिक प्रचलन था।
  2. कला, साहित्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व विकास हुआ।
  3. साम्राज्य का विस्तार बहुत अधिक हुआ।
  4. बौद्ध धर्म का व्यापक प्रसार हुआ।

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व विकास हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: गुप्त काल (लगभग 320-550 ई.) भारतीय इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण काल था। इस दौरान कालिदास जैसे महान साहित्यकारों, आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञों और खगोलविदों, और वास्तुकला तथा मूर्तिकला के उत्कृष्ट नमूनों का उदय हुआ। चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में नवरत्न रहते थे।
  • गलत विकल्प: यद्यपि सोने के सिक्कों का प्रचलन बढ़ा, और साम्राज्य का विस्तार भी हुआ, लेकिन ‘स्वर्ण युग’ की उपाधि मुख्य रूप से सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियों के कारण दी गई है। बौद्ध धर्म का प्रसार पहले के कालों में अधिक हुआ था।

प्रश्न 13: 1929 में लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने किस उद्देश्य की घोषणा की?

  1. पूर्ण स्वराज
  2. डोमिनियन स्टेट्स
  3. भारत छोड़ो
  4. स्वराज

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1929 में लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की।
  • संदर्भ और विस्तार: जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुए इस ऐतिहासिक अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के लिए पूर्ण स्वराज को अपना अंतिम लक्ष्य घोषित किया। यहीं पर रावी नदी के तट पर 31 दिसंबर 1929 को तिरंगा झंडा फहराया गया और 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया।
  • गलत विकल्प: ‘डोमिनियन स्टेट्स’ की मांग पहले की जाती रही थी, ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन 1942 में शुरू हुआ, और ‘स्वराज’ एक व्यापक शब्द है जिसका अर्थ स्वतंत्रता से है, लेकिन 1929 का विशेष लक्ष्य ‘पूर्ण स्वराज’ था।

प्रश्न 14: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) का प्रयोग करने वाला पहला भारतीय शासक कौन था?

  1. हैदराबाद का निजाम
  2. अवध का नवाब
  3. मैसूर का शासक
  4. तंजौर का राजा

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: सहायक संधि को स्वीकार करने वाला पहला भारतीय शासक हैदराबाद का निजाम था।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड वेलेस्ली, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे, ने इस नीति को लागू किया। इसके तहत, भारतीय रियासतें ब्रिटिश सेना को बनाए रखने के लिए भुगतान करेंगी और अपने दरबार में एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखेंगी। बदले में, ब्रिटिश उस रियासत को बाहरी हमलों से सुरक्षा प्रदान करेंगे। हैदराबाद के निजाम ने 1798 में इस संधि को स्वीकार किया।
  • गलत विकल्प: अवध के नवाब, मैसूर के शासक और तंजौर के राजा ने भी बाद में सहायक संधि स्वीकार की, लेकिन हैदराबाद के निजाम पहले थे।

प्रश्न 15: प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1767-1769) में कौन विजयी हुआ?

  1. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
  2. हैदर अली
  3. मराठा
  4. निजाम

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध में हैदर अली विजयी हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मद्रास की संधि (1769) के साथ समाप्त हुआ, जिसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को हैदर अली की शक्ति को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। हैदर अली ने ब्रिटिश सेना को निर्णायक रूप से हराया और कंपनी को अपनी शर्तों पर संधि करने के लिए मजबूर किया।
  • गलत विकल्प: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी इस युद्ध में पराजित हुई। मराठे और निजाम ने विभिन्न चरणों में भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन युद्ध का परिणाम हैदर अली के पक्ष में रहा।

प्रश्न 16: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की?

  1. बाबर
  2. हुमायूँ
  3. अकबर
  4. जहाँगीर

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही, जिसे ‘ईश्वरीय धर्म’ भी कहा जाता है, अकबर द्वारा 1582 ई. में शुरू किया गया एक धार्मिक-दार्शनिक दृष्टिकोण था। इसका उद्देश्य सभी प्रमुख धर्मों के सार को एक साथ लाना और एक सार्वभौमिक धर्म बनाना था, जो अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सुलह-ए-कुल की नीति का हिस्सा था। हालांकि, यह अधिक प्रचलित नहीं हुआ और केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: बाबर, हुमायूँ और जहाँगीर महान मुगल सम्राट थे, लेकिन दीन-ए-इलाही की अवधारणा अकबर की अपनी थी।

प्रश्न 17: किस एक्ट के द्वारा भारत में कंपनी शासन का अंत हुआ और ब्रिटिश क्राउन का शासन शुरू हुआ?

  1. 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट
  2. 1813 का चार्टर एक्ट
  3. 1858 का भारत सरकार अधिनियम
  4. 1909 का मार्ले-मिंटो सुधार

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1858 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा भारत में कंपनी शासन का अंत हुआ और ब्रिटिश क्राउन का शासन शुरू हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत का शासन सीधे अपने हाथों में लेने का निर्णय लिया। 1858 के अधिनियम ने ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग कर दिया और भारत के गवर्नर-जनरल को ‘वायसराय’ के पदनाम के साथ ब्रिटिश सम्राट का प्रतिनिधि घोषित किया।
  • गलत विकल्प: 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट ने कंपनी के प्रशासन को विनियमित किया, 1813 का चार्टर एक्ट ने कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त किया (चीन और चाय को छोड़कर), और 1909 का मार्ले-मिंटो सुधार सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली लाया।

प्रश्न 18: ‘तैन-ए-तान’ (Pain-e-Tan) नामक कर किसने लगाया था?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘तैन-ए-तान’ या ‘तन्का’ नामक कर फिरोजशाह तुगलक ने लगाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक (1351-1388) ने अपनी प्रजा के कल्याण के लिए कई करों को माफ किया और चार नए कर लगाए: खराज (भूमि कर), खुम्स (लूट का माल), जजिया (गैर-मुस्लिमों पर लगने वाला कर) और जकात (मुस्लिमों पर लगने वाला धार्मिक कर)। ‘तैन-ए-तान’ या ‘तन्का’ उनके द्वारा लगाए गए करों में से एक था, जिसे प्रायः ‘इंसान प्रति व्यक्ति’ कर के रूप में समझा जाता है, लेकिन इसका सटीक स्वरूप विवादास्पद है। हालाँकि, फिरोज तुगलक को ऐसे करों के लिए जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश, बलबन और अलाउद्दीन खिलजी ने भी अपनी कर नीतियाँ लागू की थीं, लेकिन ‘तैन-ए-तान’ का संबंध फिरोजशाह तुगलक से है।

प्रश्न 19: प्रथम विश्व युद्ध का तत्कालीन कारण क्या था?

  1. साम्राज्यवाद
  2. सैन्यवाद
  3. फ्रांस और जर्मनी का द्वंद्व
  4. आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध का तत्कालीन (तत्काल) कारण ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या थी।
  • संदर्भ और विस्तार: 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की साराजेवो (बोस्निया) में एक सर्बियाई राष्ट्रवादी द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने यूरोप में तनाव को और बढ़ा दिया और जुलाई 1914 में ऑस्ट्रिया-हंगरी द्वारा सर्बिया पर युद्ध की घोषणा का कारण बनी, जिसके परिणामस्वरूप जल्द ही प्रमुख यूरोपीय शक्तियाँ युद्ध में शामिल हो गईं।
  • गलत विकल्प: साम्राज्यवाद, सैन्यवाद और फ्रांस-जर्मनी का द्वंद्व जैसे कारक लंबे समय से तनाव बढ़ा रहे थे, लेकिन ये युद्ध के मूल कारण (underlying causes) थे, जबकि फर्डिनेंड की हत्या तत्कालीन कारण (immediate cause) थी।

प्रश्न 20: ‘रयतवाड़ी’ व्यवस्था की शुरुआत किसने की?

  1. लॉर्ड कार्नवालिस
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. सर थॉमस मुनरो
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘रयतवाड़ी’ व्यवस्था की शुरुआत सर थॉमस मुनरो ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: रयतवाड़ी व्यवस्था 1820 के दशक में मद्रास प्रेसीडेंसी में लागू की गई थी। इसके तहत, किसानों (रयतों) को सीधे भूमि का मालिक माना गया और उनसे सीधे लगान वसूल किया जाता था। यह व्यवस्था ब्रिटिश भारत के लगभग 51% क्षेत्र में लागू हुई, जिसमें मद्रास, असम और कुर्ग शामिल थे।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कार्नवालिस ने ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) लागू किया था। लॉर्ड डलहौजी और लॉर्ड विलियम बेंटिंक भी महत्वपूर्ण गवर्नर-जनरल थे, लेकिन रयतवाड़ी व्यवस्था की शुरुआत मुनरो से जुड़ी है।

प्रश्न 21: कांग्रेस की स्थापना के समय भारत का वायसराय कौन था?

  1. लॉर्ड डफरिन
  2. लॉर्ड कर्जन
  3. लॉर्ड कैनिंग
  4. लॉर्ड लिटन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी, और उस समय भारत के वायसराय लॉर्ड डफरिन थे।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डफरिन (1884-1888) के कार्यकाल में ही कांग्रेस की स्थापना हुई थी। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने कांग्रेस की स्थापना को अपनी सुरक्षा के लिए एक ‘सुरक्षा वाल्व’ (safety valve) के रूप में देखा था, जिससे उभरते असंतोष को एक सुरक्षित मंच मिल सके।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड कैनिंग पहले वायसराय थे, और लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट जैसे कानून लाए थे।

प्रश्न 22: किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि प्राप्त थी?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: चंद्रगुप्त द्वितीय को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि प्राप्त थी।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय (लगभग 375-415 ई.) गुप्त वंश के सबसे प्रतापी शासकों में से एक थे। उन्होंने शकों को पराजित किया था और उसी उपलक्ष्य में ‘विक्रमादित्य’ (पराक्रम का स्वामी) की उपाधि धारण की थी। उनके दरबार में कालिदास जैसे नवरत्न निवास करते थे।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी, समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।

प्रश्न 23: ‘सती प्रथा’ के विरुद्ध सर्वप्रथम किस अधिनियम द्वारा कानून बनाया गया?

  1. 1813 का चार्टर एक्ट
  2. 1829 का बंगाल सती नियम (Regulation XVII)
  3. 1833 का चार्टर एक्ट
  4. 1856 का हिंदू विवाह अधिनियम

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: सती प्रथा के विरुद्ध सर्वप्रथम 1829 के बंगाल सती नियम (Regulation XVII) द्वारा कानून बनाया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय के अथक प्रयासों और लॉर्ड विलियम बेंटिंक के सक्रिय सहयोग से 1829 में यह कानून पारित किया गया, जिसने सती प्रथा को गैर-कानूनी घोषित कर दिया। इस कानून को बनाने का श्रेय मुख्य रूप से लॉर्ड विलियम बेंटिंक को जाता है, जिन्होंने इसे लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: अन्य अधिनियमों का सती प्रथा से सीधा संबंध नहीं था। 1856 का हिंदू विवाह अधिनियम विधवा पुनर्विवाह से संबंधित था।

प्रश्न 24: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन किस गवर्नर-जनरल के समय में हुआ?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड एलेनबरो
  4. लॉर्ड डफरिन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: दास प्रथा का उन्मूलन लॉर्ड एलेनबरो के समय में हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: 1843 के भारतीय दासता अधिनियम (Indian Slavery Act, 1843) द्वारा भारत में दासता को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया। इस अधिनियम के तहत, किसी भी भारतीय अदालत द्वारा दासता को लागू नहीं किया जा सकता था। लॉर्ड एलेनबरो (1842-1844) गवर्नर-जनरल थे जब यह महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार लागू किया गया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत के सिद्धांत (Doctrine of Lapse) जैसी नीतियों को लागू किया, लॉर्ड कैनिंग पहले वायसराय बने, और लॉर्ड डफरिन कांग्रेस की स्थापना के समय वायसराय थे।

प्रश्न 25: ‘कन्फ्यूशियस’ कौन थे?

  1. एक चीनी दार्शनिक और शिक्षक
  2. एक प्राचीन भारतीय संत
  3. एक यूनानी इतिहासकार
  4. एक रोमन सम्राट

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: कन्फ्यूशियस एक प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक और शिक्षक थे।
  • संदर्भ और विस्तार: कन्फ्यूशियस (551-479 ईसा पूर्व) का जन्म चीन में हुआ था। उनके विचारों और शिक्षाओं ने पूर्वी एशिया की संस्कृति, नैतिकता, सामाजिक व्यवस्था और राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला। उनके दर्शन में परिवार, न्याय, ईमानदारी, नैतिकता और सद्भाव जैसे मूल्य प्रमुख थे।
  • गलत विकल्प: कन्फ्यूशियस का संबंध भारत, यूनान या रोम से नहीं था; वह चीन के एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक व्यक्ति थे।

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