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इतिहास के महासागर में डुबकी: 25 प्रश्न, 25 ज्ञानवर्धक रहस्य!

इतिहास के महासागर में डुबकी: 25 प्रश्न, 25 ज्ञानवर्धक रहस्य!

आओ, समय की यात्रा पर निकल पड़ें और प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग की उथल-पुथल तक, अपने ज्ञान को परखें! आज का यह विशेष क्विज़ आपको इतिहास के उन महत्वपूर्ण पलों से रूबरू कराएगा, जो हर प्रतियोगी परीक्षा की नींव हैं। क्या आप चुनौती के लिए तैयार हैं?

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल को ‘सिंधु का बाग’ कहा जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। इसकी जल निकासी प्रणाली, विशाल स्नानागार और अन्नागार इसकी उन्नत शहरी योजना के प्रमाण हैं। इसे ‘सिंधु का बाग’ कहा जाता है क्योंकि यह अपने समय में एक अत्यंत समृद्ध और विकसित शहर था, जो कृषि और व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में आर.डी. बनर्जी द्वारा की गई थी। यहाँ मिली “पुजारी-राजा” की मूर्ति और कांस्य नर्तकी की मूर्ति विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला स्थल था जहाँ से इस सभ्यता के अवशेष मिले। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था, और कालीबंगन अपनी अग्नि वेदिकाओं के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद का संबंध ‘यज्ञों’ के विधि-विधान से है?

  1. ऋग्वेद
  2. सामवेद
  3. यजुर्वेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: यजुर्वेद वह वेद है जिसमें यज्ञों (बलिदानों) के मंत्र और उनके अनुष्ठानों की विधियों का वर्णन है। यह गद्य और पद्य दोनों में है।
  • संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद को दो मुख्य शाखाओं में बांटा गया है: कृष्ण यजुर्वेद (जिसमें मंत्र और कर्मकांड एक साथ हैं) और शुक्ल यजुर्वेद (जिसमें केवल मंत्र हैं)।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें देवताओं की स्तुति में श्लोक हैं। सामवेद गायन से संबंधित है और अथर्ववेद में जादू-टोना, औषधि और विवाह जैसे लौकिक विषयों का वर्णन है।

प्रश्न 3: मौर्य वंश का संस्थापक कौन था?

  1. अशोक
  2. बिंदुसार
  3. चंद्रगुप्त मौर्य
  4. बृहद्रथ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। उसने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य को भारतीय इतिहास का एक महान शासक माना जाता है जिसने एक एकीकृत भारत की नींव रखी। उसके शासनकाल की जानकारी हमें ‘इंडिका’ (मेगस्थनीज द्वारा लिखित) और ‘अर्थशास्त्र’ (चाणक्य द्वारा लिखित) जैसे ग्रंथों से मिलती है।
  • गलत विकल्प: बिंदुसार चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र और अशोक का पिता था। अशोक एक महान मौर्य शासक था जिसने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया। बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 4: ‘पंचतंत्र’ का लेखक कौन है?

  1. कालिदास
  2. बाणभट्ट
  3. विष्णु शर्मा
  4. तुलसीदास

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: पंचतंत्र प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध कथा संग्रह है, जिसके लेखक विष्णु शर्मा हैं। इसमें जानवरों की कहानियों के माध्यम से मानवीय व्यवहार और नीति-विषयक उपदेश दिए गए हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: पंचतंत्र का अनुवाद कई भाषाओं में हुआ है और यह विश्व के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले ग्रंथों में से एक है। यह राजनीतिक कूटनीति और नैतिक जीवन जीने के तरीके सिखाता है।
  • गलत विकल्प: कालिदास एक महान संस्कृत कवि और नाटककार थे, बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ लिखी, और तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ की रचना की।

प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नया कृषि विभाग स्थापित किया था?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मोहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहम्मद बिन तुगलक (एमबीटी) ने 14वीं शताब्दी में ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक कृषि विभाग की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य कृषि का विस्तार करना और किसानों की सहायता करना था, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ खेती कम होती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: एमबीटी ने इस विभाग के माध्यम से किसानों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान की, जैसे कि बीज, उपकरण और ऋण देना। हालांकि, उसकी कुछ नीतियाँ, जैसे कि दोआब में कर वृद्धि और राजधानी का स्थानांतरण, असफल रहीं।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चिहलगानी) की स्थापना की। बलबन ने राजत्व सिद्धांत पर बल दिया और ‘लह-ओ-इश्क’ की नीति अपनाई। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक किसे माना जाता है?

  1. बुक्का प्रथम
  2. देवराय द्वितीय
  3. कृष्ण देव राय
  4. राम राय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: कृष्ण देव राय (शासनकाल 1509-1529 ई.) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे। उन्होंने कला, साहित्य और वास्तुकला को बढ़ावा दिया और साम्राज्य को अपनी चरम सीमा तक पहुँचाया।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देव राय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने तेलुगु में ‘आमुक्तमाल्यदा’ की रचना की। उनके शासनकाल में ही प्रसिद्ध ‘विट्ठल मंदिर’ का निर्माण कार्य हुआ। वे एक कुशल प्रशासक और योद्धा भी थे।
  • गलत विकल्प: बुक्का प्रथम ने हरिहर प्रथम के साथ मिलकर विजयनगर की स्थापना की थी। देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे। राम राय ने तालीकोटा के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

प्रश्न 7: ‘नील दर्पण’ नामक नाटक के लेखक कौन थे, जिसने नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा को दर्शाया?

  1. बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
  2. दीनबंधु मित्र
  3. हरिश्चंद्र
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: दीनबंधु मित्र ने 1859 में ‘नील दर्पण’ नाटक लिखा था, जिसने बंगाल में नील विद्रोह (1859-60) के दौरान किसानों की भयानक पीड़ा और यूरोपीय नील उत्पादकों के अत्याचारों का मार्मिक चित्रण किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नाटक इतना प्रभावशाली था कि इसने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार का ध्यान आकर्षित किया और इसने नील विद्रोह को और अधिक बल प्रदान किया। इस नाटक के कारण ही ब्रिटिश सरकार को नील किसानों के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ा।
  • गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंदमठ’ की रचना की। हरिश्चंद्र ने ‘भारतेन्दु हरिश्चंद्र’ के नाम से जाना जाता है और वे हिंदी साहित्य के पितामह माने जाते हैं। ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक महान समाज सुधारक थे।

प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह को ‘भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा था?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. वी.डी. सावरकर
  3. सर जॉन लॉरेंस
  4. आर.सी. मजूमदार

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: विनायक दामोदर सावरकर (वी.डी. सावरकर) ने अपनी पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ में 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम सुनियोजित स्वतंत्रता संग्राम कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इस विद्रोह को सिपाही विद्रोह से आगे बढ़कर एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप दिया, जिसमें आम जनता और विभिन्न वर्गों की भागीदारी थी। उनके इस विचार ने भारतीय राष्ट्रवाद को प्रेरित किया।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘सामंती व्यवस्था का अंत’ कहा था। सर जॉन लॉरेंस और आर.सी. मजूमदार जैसे इतिहासकारों ने इसे केवल एक सैनिक विद्रोह माना था।

प्रश्न 9: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन थे?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राम मोहन राय
  4. केशव चंद्र सेन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘सत्यार्थ प्रकाश’ नामक ग्रन्थ की रचना की। यह ग्रन्थ आर्य समाज के सिद्धांतों और विचारों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें वेदों के महत्व और प्राचीन भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान पर बल दिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में स्वामी दयानंद ने एकेश्वरवाद, मूर्तिपूजा का खंडन, वेदों की ओर लौटो जैसे विचारों को प्रमुखता से प्रस्तुत किया। यह हिंदी भाषा में लिखी गई है।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘कर्मयोग’, ‘ज्ञानयोग’, ‘भक्तियोग’ जैसी पुस्तकें लिखीं। राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्मवाद’ का प्रचार किया और केशव चंद्र सेन ब्रह्म समाज से जुड़े थे।

प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?

  1. कलकत्ता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. फैजपुर अधिवेशन, 1936

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस अपना लक्ष्य पूर्ण स्वराज को घोषित करती है और 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1928) में साइमन कमीशन के बहिष्कार का प्रस्ताव था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों का प्रस्ताव पारित हुआ। फैजपुर अधिवेशन (1936) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला ग्रामीण अधिवेशन था।

प्रश्न 11: ‘हड़प नीति’ (Doctrine of Lapse) किस गवर्नर-जनरल से संबंधित थी?

  1. लॉर्ड विलियम बेंटिक
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड कैनिंग
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘हड़प नीति’ या ‘व्यपगत सिद्धांत’ लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) की एक नीति थी। इस नीति के तहत, यदि किसी भारतीय शासक की मृत्यु बिना किसी प्राकृतिक उत्तराधिकारी के हो जाती थी, तो उस राज्य को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नीति का प्रयोग सबसे पहले सतारा (1848), जयपुर (1849), संभलपुर (1850), उदयपुर (1852), झांसी (1853) और नागपुर (1854) जैसे राज्यों को मिलाने के लिए किया गया था। इस नीति ने 1857 के विद्रोह के कारणों में से एक की भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड विलियम बेंटिक सती प्रथा के उन्मूलन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय थे और उनके समय में 1857 का विद्रोह हुआ। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।

प्रश्न 12: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन भारत में पहली बार जनगणना कब हुई?

  1. 1835
  2. 1857
  3. 1872
  4. 1881

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में, 1872 में भारत में पहली गैर-समकालिक जनगणना लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह जनगणना व्यवस्थित नहीं थी और इसके आँकड़े भी उतने विश्वसनीय नहीं थे। भारत में व्यवस्थित दशकीय जनगणना की शुरुआत 1881 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई, जिसके बाद से यह हर दस वर्ष में नियमित रूप से आयोजित की जा रही है।
  • गलत विकल्प: 1835 में मैकाले की शिक्षा नीति आई। 1857 में विद्रोह हुआ। 1881 में नियमित दशकीय जनगणना शुरू हुई।

प्रश्न 13: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. भगत सिंह
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा प्रमुख क्रांतिकारी भगत सिंह ने दिया था। यह नारा विशेष रूप से 1929 में दिल्ली की केंद्रीय विधानसभा में बम फेंकते समय और बाद में अपने मुकदमे के दौरान गूंजा था।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि इस नारे का मूल उपयोग मौलाना हसरत मोहानी ने किया था, लेकिन इसे लोकप्रिय बनाने और क्रांति का प्रतीक बनाने का श्रेय भगत सिंह को जाता है। इसका अर्थ है ‘क्रांति जीवित रहे’।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ‘करो या मरो’ और ‘भारत छोड़ो’ जैसे नारे से जुड़े हैं। जवाहरलाल नेहरू ने ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा दिया। सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन साइमन कमीशन का बहिष्कार करने वाला प्रमुख राजनीतिक दल था?

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  2. मुस्लिम लीग
  3. हिंदू महासभा
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: साइमन कमीशन, जिसका गठन 1927 में हुआ था, का भारत में व्यापक रूप से बहिष्कार किया गया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा सहित लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों और वर्गों ने इसका बहिष्कार किया क्योंकि इसमें एक भी भारतीय सदस्य नहीं था।
  • संदर्भ और विस्तार: साइमन कमीशन का उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करना था, लेकिन भारतीयों को इस प्रक्रिया से बाहर रखने के कारण इसका कड़ा विरोध हुआ। “साइमन वापस जाओ” (Simon Go Back) का नारा इस विरोध का प्रतीक बन गया।
  • गलत विकल्प: उपरोक्त सभी दल इस आयोग के विरुद्ध थे, इसलिए यह विकल्प सही है।

प्रश्न 15: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता कौन हैं?

  1. कल्हण
  2. जयदेव
  3. कंबन
  4. भरत मुनि

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘गीत गोविंद’ एक संस्कृत महाकाव्य है जिसकी रचना 12वीं शताब्दी में कवि जयदेव ने की थी। यह राधा और कृष्ण के प्रेम का काव्यात्मक वर्णन है।
  • संदर्भ और विस्तार: जयदेव बंगाल के अंतिम सेन राजा लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। ‘गीत गोविंद’ भारतीय साहित्य में भक्ति और प्रेम के चित्रण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और इसे संगीत तथा नृत्य के लिए भी उपयोग किया गया है।
  • गलत विकल्प: कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ लिखी, जो कश्मीर का इतिहास है। कंबन ने तमिल में ‘रामचरित’ (कंब रामायण) लिखी। भरत मुनि ने ‘नाट्यशास्त्र’ की रचना की।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से किस सिख गुरु ने ‘स्वयं को सच्चा बादशाह’ कहा था?

  1. गुरु नानक देव
  2. गुरु अंगद देव
  3. गुरु हरगोबिंद
  4. गुरु गोबिंद सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गुरु हरगोबिंद, छठे सिख गुरु, ने अपने अनुयायियों को सैन्य प्रशिक्षण देना शुरू किया और ‘मिरी’ (राजनीतिक अधिकार) और ‘पीरी’ (आध्यात्मिक अधिकार) की दो तलवारें धारण कीं। उन्होंने स्वयं को ‘सच्चा बादशाह’ घोषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोबिंद का उद्देश्य सिखों को केवल आध्यात्मिक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और सैन्य शक्ति के रूप में भी स्थापित करना था। उन्होंने अमृतसर में ‘अकाल तख्त’ (ईश्वर का सिंहासन) का निर्माण भी करवाया।
  • गलत विकल्प: गुरु नानक देव ने सिख धर्म की स्थापना की। गुरु अंगद देव ने गुरुमुखी लिपि का विकास किया। गुरु गोबिंद सिंह दसवें और अंतिम मानव गुरु थे जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।

प्रश्न 17: ‘फुतूह-उस-सलातीन’ का लेखक कौन था?

  1. जियाउद्दीन बरनी
  2. अमीर खुसरो
  3. इब्न बतूता
  4. ईसामी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘फुतूह-उस-सलातीन’ (राज्यों की विजय) नामक इतिहास की रचना 14वीं शताब्दी के मध्य में कवि ईसामी ने की थी। यह दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक काल का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
  • संदर्भ और विस्तार: ईसामी ने अपने ग्रंथ में गजनवियों से लेकर मुहम्मद बिन तुगलक के समय तक के शासकों का वर्णन किया है। यह फ़ारसी भाषा में लिखा गया है और उस समय के राजनीतिक और सामाजिक जीवन की जानकारी प्रदान करता है।
  • गलत विकल्प: जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ लिखी। अमीर खुसरो एक प्रसिद्ध कवि और इतिहासकार थे। इब्न बतूता एक मोरक्को का यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखी।

प्रश्न 18: शेरशाह सूरी के बचपन का नाम क्या था?

  1. अब्दुल फजल
  2. फरीद खान
  3. रामचंद्र सिंह
  4. जमाल खान

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: शेरशाह सूरी, जिन्होंने हुमायूँ को हराकर कुछ समय के लिए मुगल शासन को बाधित किया था, उनके बचपन का नाम फरीद खान था।
  • संदर्भ और विस्तार: फरीद खान को यह उपाधि एक शेर को तलवार से दो टुकड़ों में काटने के कारण मिली थी। उन्होंने अपने शासनकाल में डाक व्यवस्था, सड़क निर्माण (विशेषकर ग्रैंड ट्रंक रोड) और रुपये की शुरुआत जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार किए।
  • गलत विकल्प: अब्दुल फजल अकबर के दरबारी इतिहासकार थे। रामचंद्र सिंह विजयनगर साम्राज्य से संबंधित व्यक्ति थे।

प्रश्न 19: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद की व्यवस्था किस साम्राज्य में थी?

  1. मौर्य साम्राज्य
  2. गुप्त साम्राज्य
  3. चोल साम्राज्य
  4. मराठा साम्राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज के शासनकाल में स्थापित एक आठ सदस्यीय मंत्रिपरिषद थी। यह मराठा साम्राज्य के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान के सदस्यों में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सर-ए-नौबत (सेनापति), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायाधीश (न्याय मंत्री) और सुमंत (गुप्तचर मंत्री) शामिल थे।
  • गलत विकल्प: मौर्य और गुप्त साम्राज्यों में भी मंत्रिपरिषदें थीं, लेकिन उनके नाम और संरचना भिन्न थे। चोल साम्राज्य में भी प्रशासनिक व्यवस्था थी, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ मराठा विशेषता है।

प्रश्न 20: भारत में ‘नील आंदोलन’ (Indigo Revolt) किस वर्ष हुआ था?

  1. 1857
  2. 1859-60
  3. 1920
  4. 1930

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारत में नील आंदोलन (Indigo Revolt) 1859-1860 में बंगाल के नादिया जिले में हुआ था। यह आंदोलन किसानों द्वारा यूरोपीय नील बागान मालिकों के अत्याचारों के विरुद्ध एक अहिंसक विद्रोह था।
  • संदर्भ और विस्तार: किसानों को अपनी जमीन के एक निश्चित हिस्से पर नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जाता था, जिसके बदले में उन्हें बहुत कम कीमत मिलती थी। दीनबंधु मित्र के नाटक ‘नील दर्पण’ ने इस आंदोलन के दुखद पहलुओं को उजागर किया।
  • गलत विकल्प: 1857 भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम था। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ और 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन।

प्रश्न 21: प्रथम विश्व युद्ध में केन्द्रीय शक्तियों (Central Powers) में कौन सा देश शामिल नहीं था?

  1. जर्मनी
  2. ऑस्ट्रिया-हंगरी
  3. तुर्की
  4. फ्रांस

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में फ्रांस मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) की ओर से लड़ रहा था, न कि केन्द्रीय शक्तियों का हिस्सा था। केन्द्रीय शक्तियों के प्रमुख देशों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन तुर्की (तुर्की) और बुल्गारिया शामिल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध दो प्रमुख गठबंधनों के बीच लड़ा गया था: मित्र राष्ट्र (जैसे फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, बाद में अमेरिका) और केन्द्रीय शक्तियाँ। युद्ध का मुख्य कारण साम्राज्यवाद, राष्ट्रवाद और गुप्त संधियाँ थीं।
  • गलत विकल्प: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की प्रथम विश्व युद्ध में केन्द्रीय शक्तियों के मुख्य सदस्य थे।

प्रश्न 22: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. जॉन लॉक
  2. जीन-जैक्स रूसो
  3. चार्ल्स-लुई डी सेकंडा, बैरन डी मोंटेस्क्यू
  4. वोल्टेयर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘The Spirit of Laws’ (मूल फ्रांसीसी में ‘De l’esprit des lois’) 1748 में प्रकाशित हुई थी और इसके लेखक फ्रांसीसी दार्शनिक बैरन डी मोंटेस्क्यू थे। इस पुस्तक ने शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत को प्रतिपादित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: मोंटेस्क्यू ने तर्क दिया कि सरकार की शक्तियों को तीन स्वतंत्र शाखाओं – विधायिका (legislative), कार्यपालिका (executive) और न्यायपालिका (judicial) – में विभाजित किया जाना चाहिए ताकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा हो सके। यह सिद्धांत आधुनिक लोकतंत्रों के लिए अत्यंत प्रभावशाली रहा है।
  • गलत विकल्प: जॉन लॉक ने ‘Two Treatises of Government’ लिखी, रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखी, और वोल्टेयर अपने निबंधों और आलोचनात्मक लेखन के लिए प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 23: भारत में ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ कब मनाया जाता है?

  1. 24 अप्रैल
  2. 15 अगस्त
  3. 26 जनवरी
  4. 14 नवंबर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारत में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसने भारतीय संविधान में पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने भाग IX को संविधान में जोड़ा, जिसमें पंचायतों के बारे में प्रावधान हैं। यह दिन ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के प्रयासों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।
  • गलत विकल्प: 15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है, 26 जनवरी भारत का गणतंत्र दिवस है, और 14 नवंबर बाल दिवस है।

प्रश्न 24: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) का लेखक कौन है?

  1. एडम स्मिथ
  2. कार्ल मार्क्स
  3. फ्रेडरिक एंगेल्स
  4. जॉन मेनार्ड कीन्स

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital), जिसका पूरा शीर्षक ‘पूंजी: एक राजनीतिक अर्थव्यवस्था की आलोचना’ (Capital: A Critique of Political Economy) है, का लेखक कार्ल मार्क्स है। यह पुस्तक पूंजीवाद की आलोचना और मार्क्सवादी सिद्धांत का आधार है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘दास कैपिटल’ के तीन खंड हैं, जिनमें से पहला खंड 1867 में प्रकाशित हुआ था। इसमें मार्क्स ने पूंजीवादी उत्पादन की प्रक्रिया, श्रम के अतिरिक्त मूल्य (surplus value) के सिद्धांत और वर्ग संघर्ष की विवेचना की है।
  • गलत विकल्प: एडम स्मिथ को ‘अर्थशास्त्र का जनक’ माना जाता है और उन्होंने ‘The Wealth of Nations’ लिखी। फ्रेडरिक एंगेल्स ने मार्क्स के साथ मिलकर ‘The Communist Manifesto’ लिखी। जॉन मेनार्ड कीन्स 20वीं सदी के प्रमुख अर्थशास्त्री थे।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316) दिल्ली सल्तनत के पहले शासक थे जिन्होंने एक व्यापक और कठोर बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की। इसका उद्देश्य अपनी विशाल सेना के लिए वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और कीमतों को नियंत्रित करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को निर्धारित किया, व्यापारियों पर कड़ी निगरानी रखी, और कालाबाजारी या मिलावट करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया। उन्होंने ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक एक बाजार अधीक्षक नियुक्त किया।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ की स्थापना की। बलबन ने राजत्व सिद्धांत पर जोर दिया। फिरोजशाह तुगलक ने नहरों का निर्माण और सिंचाई कर (हक़-ए-सर्ब) की शुरुआत की।

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