इतिहास के महारथी: 25 प्रश्नों का दैनिक रणक्षेत्र
आइए, समय की गलियों में एक रोमांचक यात्रा पर चलें और अपने ऐतिहासिक ज्ञान की गहराई को परखें! आज का यह अभ्यास सत्र आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक ले जाएगा, जहाँ हर प्रश्न आपकी समझ को और पैना करेगा। क्या आप इतिहास के इस रणक्षेत्र के लिए तैयार हैं?
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से घोड़े के अवशेष पाए गए हैं?
- लोथल
- कालीबंगा
- सुरकोटदा
- हड़प्पा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सुरकोटदा (Surkotada) गुजरात में स्थित एक हड़प्पा स्थल है जहाँ से घोड़े के अस्थि अवशेष मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सुरकोटदा से मिले अवशेषों में घोड़े की खुरों के निशान और कुछ अस्थि खंड शामिल हैं। यह खोज सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के घोड़ों से संबंध का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है, हालांकि इस पर बहस जारी है कि क्या वे वास्तव में पालतू थे या जंगली। अन्य स्थलों जैसे कालीबंगा से भी घोड़े से संबंधित कुछ प्रमाण मिले हैं, लेकिन सुरकोटदा के निष्कर्ष सबसे स्पष्ट माने जाते हैं।
- गलत विकल्प: लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था जहाँ से गोदी (dockyard) के प्रमाण मिले हैं। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं। हड़प्पा स्थल से बड़े पैमाने पर कब्रिस्तान (Cemetery R-37) और ईंटों के ढेर मिले हैं।
प्रश्न 2: “सिद्धांतों के विघटन” (Doctrine of Lapse) की नीति किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल द्वारा लागू की गई थी?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: “सिद्धांतों के विघटन” (Doctrine of Lapse) की नीति लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhousie) द्वारा लागू की गई थी, जो 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, यदि किसी भारतीय शासक की मृत्यु बिना किसी प्राकृतिक उत्तराधिकारी के हो जाती थी, तो उसके राज्य को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया जाता था। इस नीति के तहत सतारा, जयपुर, संभलपुर, नागपुर और झांसी जैसे कई राज्यों का विलय किया गया, जिसने 1857 के विद्रोह के कारणों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल के विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड वेलेस्ली ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) की नीति से जुड़े थे। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे और 1857 के विद्रोह के दौरान गवर्नर-जनरल थे।
प्रश्न 3: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- इस काल में विदेशी आक्रमणों की कमी थी
- कला, साहित्य, विज्ञान और धर्म में अभूतपूर्व प्रगति हुई
- कृषि व्यवस्था अत्यधिक उन्नत हो गई थी
- साम्राज्य का विस्तार बहुत अधिक हुआ था
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320 ई. से 550 ई. तक) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और दर्शन जैसे क्षेत्रों में व्यापक और महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों का उदय, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञों और खगोलविदों का कार्य (जिन्होंने शून्य का सिद्धांत और पृथ्वी की सूर्य की परिक्रमा का प्रतिपादन किया), गुप्तकालीन वास्तुकला और मूर्तिकला का विकास (जैसे अजंता की गुफाएँ) इस काल की प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। इसके अतिरिक्त, यह काल अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण और समृद्ध था, जिसने सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: हालांकि इस काल में विदेशी आक्रमण कम थे, यह ‘स्वर्ण युग’ का प्राथमिक कारण नहीं था। कृषि और साम्राज्य विस्तार महत्वपूर्ण थे, लेकिन कला और विज्ञान में हुई अभूतपूर्व प्रगति ने इसे ‘स्वर्ण युग’ की उपाधि दिलाई।
प्रश्न 4: चौरी-चौरा कांड किस वर्ष हुआ था?
- 1920
- 1922
- 1925
- 1928
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चौरी-चौरा कांड 5 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना असहयोग आंदोलन (1920-22) के दौरान हुई थी। एक भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी जिंदा जल गए थे। इस हिंसक घटना के कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को तुरंत स्थगित कर दिया था, जिससे आंदोलनकारियों में निराशा फैल गई थी।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था। 1925 में चौरी-चौरा कांड के बाद कई घटनाएँ हुईं, जैसे कि काकोरी ट्रेन डकैती। 1928 में साइमन कमीशन भारत आया था।
प्रश्न 5: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा दिया गया?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- लखनऊ अधिवेशन, 1916
- त्रिपुरी अधिवेशन, 1939
उत्तर: (a)
Detailed Explanation:
- सटीकता: ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन, 1929 में लिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यहीं पर कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की माँग करने का निर्णय लिया और 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की। इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नया, अधिक निर्णायक मोड़ दिया।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन, 1931 में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों पर प्रस्ताव पारित किए गए थे। लखनऊ अधिवेशन, 1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच ‘लखनऊ समझौते’ पर हस्ताक्षर हुए थे। त्रिपुरी अधिवेशन, 1939 में सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था, लेकिन बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
प्रश्न 6: मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में भारतीय समाज को कितने वर्गों में विभाजित किया है?
- तीन
- चार
- पाँच
- सात
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: यूनानी राजदूत मेगस्थनीज (Megasthenes), जिसने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेवा की, ने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ (Indica) में भारतीय समाज को सात वर्गों में विभाजित किया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सात वर्ग थे: दार्शनिक (Philosophers), कृषक (Farmers), सैनिक (Soldiers), चरवाहे (Shepherds), कारीगर (Artisans), निरीक्षक (Overseers), और सभासद (Councillors)। यह विभाजन उस समय के भारतीय समाज की संरचना और व्यवसायों का एक प्रारंभिक विदेशी विवरण प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: भारतीय वर्ण व्यवस्था को पारंपरिक रूप से चार वर्गों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र) में विभाजित किया गया है, लेकिन मेगस्थनीज का विभाजन इससे भिन्न था और व्यवसायों पर आधारित था।
प्रश्न 7: पानीपत का दूसरा युद्ध कब हुआ था?
- 1526
- 1556
- 1761
- 1576
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर 1556 को मुगल सम्राट अकबर और हेमू (पश्चिम में राजा विक्रमादित्य) के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर के संरक्षक बैरम खान की सेना ने हेमू को निर्णायक रूप से हराया। इस जीत ने भारत में मुगल शासन की नींव को मजबूत किया और अकबर के शासनकाल को स्थिरता प्रदान की। हेमू ने दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया था और उसे हराकर मुगल सेना ने उसे फिर से हासिल कर लिया।
- गलत विकल्प: 1526 में पानीपत का पहला युद्ध हुआ था, जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया था। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था, जिसमें अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को हराया था। 1576 में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था।
प्रश्न 8: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (Din-i Ilahi), जिसका अर्थ है ‘ईश्वर का धर्म’, की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक एकेश्वरवादी धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों (इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म आदि) के प्रमुख सिद्धांतों का समावेश था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और साम्राज्य में एकता स्थापित करना था। हालांकि, इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली और यह जल्द ही लुप्त हो गया। यह अकबर की धार्मिक उदारता और प्रयोगों का एक उदाहरण था।
- गलत विकल्प: हुमायूँ दिल्ली सल्तनत के बाद मुगल साम्राज्य के संस्थापक थे। जहाँगीर और शाहजहाँ कला और वास्तुकला के संरक्षक के रूप में जाने जाते हैं।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ कहकर किसने संबोधित किया?
- कार्ल मार्क्स
- सर सैयद अहमद खान
- विनायक दामोदर सावरकर
- जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विनायक दामोदर सावरकर (V.D. Savarkar) ने अपनी पुस्तक “The Indian War of Independence, 1857” में 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इस विद्रोह को केवल एक सैनिक विद्रोह के बजाय ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक संगठित राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इस विद्रोह को भारत की स्वतंत्रता की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम बताया।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘सामंती विद्रोह’ कहा था। सर सैयद अहमद खान ने विद्रोह को केवल एक ‘धार्मिक युद्ध’ कहा था जो मुस्लिमों और ईसाइयों के बीच शुरू हुआ था। जवाहरलाल नेहरू ने इसे ‘सामंतवाद के खिलाफ किसानों और सिपाहियों का विद्रोह’ कहा था।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से किस ग्रंथ की रचना हर्षवर्धन ने की थी?
- मुद्राराक्षस
- रत्नावली
- भागवत पुराण
- अर्थशास्त्र
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: हर्षवर्धन (Harshavardhana), जो 7वीं शताब्दी ईस्वी में उत्तर भारत के एक प्रमुख सम्राट थे, ने तीन संस्कृत नाटक लिखे थे: ‘प्रियदर्शिका’, ‘रत्नावली’, और ‘नागानन्द’।
- संदर्भ और विस्तार: ‘रत्नावली’ एक प्रेम कहानी है जिसमें उद्यान राजाओं के बीच के रिश्तों और नाटकीय घटनाओं का वर्णन है। हर्षवर्धन न केवल एक शासक थे बल्कि स्वयं एक कुशल नाटककार और विद्वान भी थे, जो उनके काल को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाता है।
- गलत विकल्प: ‘मुद्राराक्षस’ विशाखदत्त द्वारा लिखी गई थी। ‘भागवत पुराण’ एक महत्वपूर्ण वैष्णव ग्रंथ है, जिसकी रचना का श्रेय व्यास को दिया जाता है। ‘अर्थशास्त्र’ चाणक्य (कौटिल्य) द्वारा लिखी गई थी।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांत‘ (Directive Principles of State Policy) से संबंधित है?
- अनुच्छेद 12-35
- अनुच्छेद 36-51
- अनुच्छेद 52-62
- अनुच्छेद 320-323
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांतों (DPSPs) का वर्णन किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत भारतीय संविधान की एक अनूठी विशेषता हैं, जो आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। ये ऐसे निर्देश हैं जिनका पालन राज्य को कानून बनाते समय करना चाहिए ताकि सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना हो सके। ये न्यायोचित (justiciable) नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि इनका उल्लंघन होने पर नागरिक सीधे अदालत नहीं जा सकते।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 12-35 मौलिक अधिकारों से संबंधित हैं। अनुच्छेद 52-62 राष्ट्रपति के पद से संबंधित हैं। अनुच्छेद 320-323 संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से संबंधित हैं।
प्रश्न 12: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1913, कनाडा
- 1915, संयुक्त राज्य अमेरिका
- 1917, लंदन
- 1920, बर्लिन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी, लेकिन इसका मुख्य कार्यालय वैंकूवर, कनाडा में था, जहाँ से इसके शुरुआती कार्य शुरू हुए।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी का गठन मुख्य रूप से भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किया गया था जो अमेरिका और कनाडा में रह रहे थे। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में विद्रोह भड़काना था। लाला हरदयाल इसके प्रमुख नेताओं में से एक थे। पार्टी ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र भी प्रकाशित करती थी, जो स्वतंत्रता की भावना को फैलाने में सहायक था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत वर्ष या स्थान दर्शाते हैं।
प्रश्न 13: इल्तुतमिश ने किस वर्ष ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चिहलगानी) का गठन किया था?
- 1206
- 1210
- 1220
- 1236
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: इल्तुतमिश (Iltutmish), दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण शासक, ने लगभग 1220 ईस्वी में ‘चालीसा’ (Chihalgani) नामक 40 तुर्क सरदारों का एक समूह गठित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समूह इल्तुतमिश को शासन में सहायता करता था और राज्य की स्थिरता सुनिश्चित करने में भूमिका निभाता था। हालाँकि, बाद में यह समूह स्वयं अत्यधिक शक्तिशाली हो गया और उसने इल्तुतमिश के उत्तराधिकारियों को प्रभावित करना शुरू कर दिया। यह समूह बलबन द्वारा समाप्त किया गया था।
- गलत विकल्प: 1206 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की थी। 1210 में ऐबक की मृत्यु हुई थी। 1236 में इल्तुतमिश की मृत्यु हुई थी।
प्रश्न 14: प्रथम विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ?
- 1914
- 1916
- 1918
- 1919
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध (World War I) 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: युद्ध का अंत जर्मन सम्राट कैसर विल्हेम द्वितीय के पदत्याग और मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) के साथ जर्मनी द्वारा युद्धविराम पर हस्ताक्षर के साथ हुआ। युद्ध का औपचारिक अंत 28 जून 1919 को वर्साय की संधि (Treaty of Versailles) पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिसने युद्ध के अंत को कानूनी रूप दिया और जर्मनी पर भारी शर्तें लगाईं।
- गलत विकल्प: 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ था। 1916 और 1919 अन्य महत्वपूर्ण वर्ष हैं, लेकिन युद्ध की समाप्ति 1918 में हुई थी।
प्रश्न 15: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) प्रणाली किसने लागू की थी?
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की प्रणाली 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis) द्वारा बंगाल, बिहार और उड़ीसा में लागू की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उनसे यह अधिकार लिया गया कि वे सरकार को एक निश्चित राशि (लगान) का भुगतान करेंगे, जो हमेशा के लिए तय कर दी गई थी। इससे ब्रिटिश सरकार को एक स्थिर राजस्व स्रोत मिला, लेकिन जमींदारों को किसानों का शोषण करने की शक्ति मिल गई, और किसानों को जमीन से बेदखल करना आसान हो गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेस्ली ‘सहायक संधि’ से जुड़े थे। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लाए थे। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का अंत किया था।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा जोड़ा सुमेलित नहीं है?
- भरतनाट्यम – तमिलनाडु
- कथकली – केरल
- ओडिसी – ओडिशा
- कुचिपुड़ी – कर्नाटक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कुचिपुड़ी शास्त्रीय नृत्य का एक रूप आंध्र प्रदेश से संबंधित है, कर्नाटक से नहीं।
- संदर्भ और विस्तार: भरतनाट्यम तमिलनाडु का प्रसिद्ध नृत्य है। कथकली केरल का पारंपरिक नृत्य है। ओडिसी, जैसा कि नाम से पता चलता है, ओडिशा राज्य का शास्त्रीय नृत्य है। कुचिपुड़ी की उत्पत्ति आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के कुचिपुड़ी नामक गांव में हुई थी।
- गलत विकल्प: अन्य सभी जोड़े सुमेलित हैं।
प्रश्न 17: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन किस वर्ष किया गया था?
- 1833
- 1843
- 1858
- 1861
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारत में दास प्रथा (Slavery) का उन्मूलन 1843 में अधिनियम V, 1843 के तहत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम लॉर्ड एलेनबरो के कार्यकाल के दौरान पारित किया गया था। हालांकि, भारतीय दंड संहिता, 1861 में दासता से संबंधित कानूनों को और स्पष्ट किया गया था, जिससे यह कानूनी रूप से समाप्त हो गई। 1833 का चार्टर अधिनियम ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के अधीन भारत में दासता को धीरे-धीरे समाप्त करने का प्रावधान करता है।
- गलत विकल्प: 1833 का चार्टर अधिनियम दासता को समाप्त करने का प्रारंभिक कदम था, लेकिन पूर्ण उन्मूलन 1843 में हुआ। 1858 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ था। 1861 में भारतीय दंड संहिता लागू हुई थी।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी ‘प्रमुख河流 और उनके संगम’ के अनुसार सही नहीं है?
- भागीरथी और अलकनंदा – देवप्रयाग
- अलकनंदा और मंदाकिनी – रुद्रप्रयाग
- भागीरथी और मंदाकिनी – कर्णप्रयाग
- धौलीगंगा और अलकनंदा – विष्णुप्रयाग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भागीरथी और मंदाकिनी का संगम कर्णप्रयाग में नहीं होता है।
- संदर्भ और विस्तार: देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदियों का संगम होता है, जिसके बाद यह संयुक्त धारा गंगा कहलाती है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम होता है। विष्णुप्रयाग में धौलीगंगा और अलकनंदा का संगम होता है। मंदाकिनी नदी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है, जबकि भागीरथी नदी देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (c) गलत है क्योंकि भागीरथी और मंदाकिनी का संगम नहीं होता, बल्कि भागीरथी देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है, और मंदाकिनी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है।
प्रश्न 19: 1930 में दांडी मार्च का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- पूर्ण स्वतंत्रता की माँग
- सरकारी नौकरियों का बहिष्कार
- नमक कानून को तोड़ना
- भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1930 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया दांडी मार्च (Dandi March) या नमक सत्याग्रह का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून को तोड़ना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस मार्च की शुरुआत साबरमती आश्रम से हुई थी और यह दांडी तक चला था, जहाँ गांधीजी ने समुद्र के पानी से नमक बनाकर ब्रिटिश एकाधिकार को चुनौती दी। इस घटना ने सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) का शुभारंभ किया और ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ जन-आंदोलन को तेज किया।
- गलत विकल्प: पूर्ण स्वतंत्रता की माँग लाहौर अधिवेशन में की गई थी। सरकारी नौकरियों का बहिष्कार असहयोग आंदोलन का हिस्सा था। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ था।
प्रश्न 20: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त हुआ है?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- हाथी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ (Aghanya) शब्द गाय के लिए प्रयुक्त हुआ है, जिसका अर्थ है “जो वध के योग्य न हो”।
- संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था। वह न केवल आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण थी (दूध, घी, दही आदि का स्रोत) बल्कि सामाजिक और धार्मिक अनुष्ठानों में भी उसका महत्व था। ऋग्वेद में कई स्थानों पर गायों की रक्षा और उनके महत्व पर जोर दिया गया है।
- गलत विकल्प: घोड़े का महत्व वैदिक काल में था, लेकिन ‘अघन्य’ शब्द गाय के लिए ही विशेष रूप से प्रयुक्त हुआ है। बैल और हाथी का भी उल्लेख मिलता है, लेकिन वे ‘अघन्य’ नहीं कहलाए।
प्रश्न 21: ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ किसे कहा जाता है?
- स्वामी विवेकानंद
- महात्मा गांधी
- राजा राम मोहन राय
- बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: राजा राम मोहन राय (Raja Ram Mohan Roy) को ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ (Prophet of Modern India) और ‘नवजागरण के अग्रदूत’ (Father of Modern India’s Renaissance) कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने 19वीं शताब्दी में भारत में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने सती प्रथा के उन्मूलन, बाल विवाह के विरोध, और स्त्री शिक्षा के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रह्म समाज की भी स्थापना की, जिसने एकेश्वरवाद और तर्कसंगतता पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद एक महान सुधारक और आध्यात्मिक नेता थे, महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे, और बाल गंगाधर तिलक एक उग्र राष्ट्रवादी नेता थे। हालांकि सभी महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, राजा राम मोहन राय को विशेष रूप से ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ कहा जाता है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा हड़प्पा स्थल गुजरात में स्थित नहीं है?
- लोथल
- धौलावीरा
- सुरकोटदा
- कालीबंगा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कालीबंगा (Kalibangan) हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है जो वर्तमान राजस्थान राज्य में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल, धौलावीरा और सुरकोटदा तीनों प्रमुख हड़प्पा स्थल हैं जो गुजरात राज्य में स्थित हैं। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था, धौलावीरा अपनी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है, और सुरकोटदा से घोड़े के अवशेष मिले हैं। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण और अग्निकुंड मिले हैं, और यह घग्गर नदी के किनारे स्थित है।
- गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प गुजरात में स्थित हड़प्पा स्थल हैं।
प्रश्न 23: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- युसुफ मेहर अली
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) का नारा युसुफ मेहर अली (Yusuf Meherally) ने दिया था, जो एक समाजवादी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने इस नारे को अपनाया और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इसे लोकप्रिय बनाया। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तत्काल समाप्त करना था। गांधीजी ने करो या मरो (Do or Die) का प्रसिद्ध नारा भी इसी आंदोलन के दौरान दिया था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी आंदोलन के प्रमुख नेता थे और उन्होंने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस भी स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख व्यक्ति थे, लेकिन ‘भारत छोड़ो’ का नारा युसुफ मेहर अली ने दिया था।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस वायसराय को ‘भारत का उद्धारक’ कहा गया है?
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड कैनिंग (Lord Canning) को ‘भारत का उद्धारक’ (Saviour of India) कहा जाता है, विशेष रूप से 1857 के विद्रोह के दौरान उनके शासनकाल के लिए।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग 1856 से 1862 तक भारत के गवर्नर-जनरल और पहले वायसराय रहे। उन्होंने 1857 के विद्रोह को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालाँकि वे विद्रोह को दबाने में सफल रहे, लेकिन उन्होंने विद्रोह के बाद ब्रिटिश भारत में महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार भी किए, जैसे कि भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act), और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (Indian Criminal Procedure Code) लागू करना। कुछ इतिहासकार उन्हें उनके शांत और संयमित दृष्टिकोण के लिए ‘उद्धारक’ मानते हैं।
- गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन को वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड डलहौजी व्यपगत के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 25: ‘गयासुद्दीन तुगलक’ ने किस वर्ष ‘तुगलकाबाद’ की स्थापना की थी?
- 1300
- 1321
- 1325
- 1330
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गयासुद्दीन तुगलक (Ghiyas-ud-din Tughlaq), जो तुगलक वंश का संस्थापक था, ने 1321 ईस्वी में तुगलकाबाद (Tughlaqabad) शहर की नींव रखी थी।
- संदर्भ और विस्तार: गयासुद्दीन तुगलक दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण शासक था जिसने 1320 से 1325 तक शासन किया। उसने साम्राज्य को मजबूत किया और एक कुशल प्रशासक के रूप में जाना जाता है। तुगलकाबाद का निर्माण उसके शासनकाल की एक बड़ी उपलब्धि थी। यह दिल्ली का तीसरा शहर था।
- गलत विकल्प: 1325 में गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु हो गई थी। 1330 में मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दौलताबाद से दिल्ली स्थानांतरित की थी।