इतिहास के महारथी: 25 प्रश्नों का आज का महा-अभ्यास!
नमस्कार, भविष्य के इतिहास के दिग्गजों! समय के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए। आज हम प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत और विश्व इतिहास के खजाने से 25 चुनिंदा सवालों के साथ आपके ज्ञान की परख करेंगे। कलम उठाइए, दिमाग को तेज कीजिए और साबित कर दीजिए कि आप इतिहास के सच्चे पारखी हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित में से किस स्थल को ‘मोहनजोदड़ो का जुड़वां’ कहा जाता है?
- लोथल
- हड़प्पा
- कालीबंगन
- चन्हुदड़ो
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: हड़प्पा को ‘मोहनजोदड़ो का जुड़वां’ कहा जाता है क्योंकि यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे पहला खोजा गया स्थल था और इसकी संरचना तथा महत्व मोहनजोदड़ो के समान ही था।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा की खोज 1921 में दयाराम साहनी ने की थी, जबकि मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में आर.डी. बनर्जी ने की थी। दोनों ही स्थल रावी और सिंधु नदी के किनारे स्थित थे और शहरी नियोजन, जल निकासी प्रणाली, ईंटों के निर्माण तथा मुहरों के उपयोग जैसी समान विशेषताओं को प्रदर्शित करते थे।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, कालीबंगन एक कृषि स्थल था जहाँ हल चलाने के प्रमाण मिले, और चन्हुदड़ो एक औद्योगिक केंद्र था जहाँ मनके बनाने का काम होता था।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ऋग्वैदिक काल के संबंध में सही नहीं है?
- समाज चार वर्णों में विभाजित था।
- राजा की शक्ति असीमित थी।
- गायें संपत्ति का मुख्य रूप थीं।
- युद्धों का उद्देश्य गौधन प्राप्त करना था।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ऋग्वैदिक काल में राजा की शक्ति असीमित नहीं थी। राजा वंशानुगत होता था, लेकिन उसकी शक्ति सभा और समिति जैसी लोकप्रिय संस्थाओं द्वारा सीमित थी, जो राजा को सलाह देती थीं और उसके निर्णयों को प्रभावित कर सकती थीं।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक समाज में वर्ण व्यवस्था थी, लेकिन यह जन्म पर आधारित न होकर कर्म पर आधारित थी। गायों को ‘अघन्या’ (न मारने योग्य) कहा जाता था और वे संपत्ति का मुख्य आधार थीं। युद्धों का मुख्य उद्देश्य गौधन (पशुधन) प्राप्त करना होता था, जिसे ‘गविष्टि’ कहा जाता था।
- गलत विकल्प: अन्य सभी कथन (a), (c), और (d) ऋग्वैदिक काल के बारे में सही हैं।
प्रश्न 3: अशोक का निम्नलिखित में से कौन सा शिलालेख कलिंग युद्ध के बाद उसके पश्चाताप और धर्म परिवर्तन का स्पष्ट प्रमाण देता है?
- पहला शिलालेख
- तीसरा शिलालेख
- बारहवाँ शिलालेख
- तेरहवाँ शिलालेख
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अशोक का तेरहवाँ शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के बाद हुए उसके पश्चाताप और बौद्ध धर्म के प्रति उसके झुकाव का सबसे स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक कलिंग युद्ध के भयानक विनाश का वर्णन करता है और बताता है कि इस युद्ध ने उसे कितना विचलित कर दिया था। इसके बाद उसने ‘धम्म’ (धर्म) का प्रचार करने का निश्चय किया और बौद्ध धर्म को अपनाया। यह शिलालेख अशोक की हृदय परिवर्तन की कहानी कहता है।
- गलत विकल्प: अन्य शिलालेखों में अशोक की नीतियों, दान, और धार्मिक सहिष्णुता के बारे में जानकारी है, लेकिन कलिंग युद्ध का सीधा संबंध और उससे उपजा पश्चाताप विशेष रूप से तेरहवें शिलालेख में वर्णित है।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान को ‘लाख बख्श’ (लाखों का दान देने वाला) कहा जाता था?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कुतुबुद्दीन ऐबक, जो दिल्ली सल्तनत का संस्थापक था, अपनी उदारता और दानशीलता के लिए ‘लाख बख्श’ के नाम से विख्यात था।
- संदर्भ और विस्तार: ऐबक दिल्ली का पहला मुस्लिम शासक था और उसने गुलाम वंश की स्थापना की। उसे अपनी प्रजा के प्रति दयालुता और दान करने की आदत के कारण यह उपाधि दी गई थी। उसने अजमेर में ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ और दिल्ली में कुतुब मीनार का निर्माण भी शुरू करवाया था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश, बलबन और अलाउद्दीन खिलजी अपने-अपने शासनकाल में महत्वपूर्ण थे, लेकिन ‘लाख बख्श’ की उपाधि विशेष रूप से कुतुबुद्दीन ऐबक से जुड़ी है।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य का सबसे महान शासक कौन माना जाता है?
- हरिहर प्रथम
- देवराय द्वितीय
- कृष्णदेवराय
- सदाशिवराय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ई.) को विजयनगर साम्राज्य का सबसे महान और प्रसिद्ध शासक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय के शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग कहा जाता है। उन्होंने साम्राज्य का विस्तार किया, कला, साहित्य और वास्तुकला को संरक्षण दिया। वह स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की। उनके दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वान, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था, शोभा बढ़ाते थे।
- गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम ने साम्राज्य की नींव रखी थी, जबकि देवराय द्वितीय भी एक सक्षम शासक थे, लेकिन कृष्णदेवराय की ख्याति और उपलब्धियां सर्वाधिक हैं।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की लैप्स की नीति
- सहायक संधि प्रणाली
- कॅाप में गाय और सुअर की चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग
- भारतीयों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण ब्रिटिश सेना में नए एनफील्ड राइफलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी के प्रयोग की अफवाह थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन कारतूसों को उपयोग से पहले दांतों से खोलना पड़ता था। गाय हिंदुओं के लिए पूजनीय है, और सूअर मुसलमानों के लिए अपवित्र है। इस प्रकार, इन कारतूसों ने हिंदू और मुस्लिम दोनों सैनिकों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया, जिससे असंतोष भड़क उठा और विद्रोह की शुरुआत हुई।
- गलत विकल्प: डलहौजी की लैप्स की नीति और सहायक संधि प्रणाली विद्रोह के पूर्ववर्ती कारणों में से थे, लेकिन तात्कालिक कारण कारतूसों से संबंधित था। ईसाइयत में परिवर्तन का प्रयास भी एक कारण था, पर कारतूसों का मुद्दा अधिक ज्वलनशील साबित हुआ।
प्रश्न 7: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन थे?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- स्वामी विवेकानंद
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ की रचना स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी, जो आर्य समाज के संस्थापक थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक हिंदी में लिखी गई थी और यह आर्य समाज के मूल सिद्धांतों, हिंदू धर्म की व्याख्या और पाखंडों की आलोचना का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया और उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए अथक प्रयास किए।
- गलत विकल्प: राजा राममोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे, स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक प्रमुख समाज सुधारक थे जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।
प्रश्न 8: भारत में पहली रेलवे लाइन लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में बिछाई गई थी। यह किन दो शहरों के बीच थी?
- कोलकाता और दिल्ली
- मुंबई और ठाणे
- दिल्ली और मुंबई
- चेन्नई और बैंगलोर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत में पहली रेलवे लाइन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) और ठाणे के बीच बिछाई गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत एक महत्वपूर्ण विकास थी, जिसे लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल (1848-1856) के दौरान अंजाम दिया गया। इस लाइन का उद्घाटन तीन इंजनों द्वारा किया गया था: साहिब, सिंध और सुल्तान। इस रेलवे लाइन का उद्देश्य भारत में संचार और माल परिवहन को बेहतर बनाना था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प उस समय भारत में रेलवे लाइन बिछाने के शुरुआती चरणों से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उनकी सैन्य विजयों और साम्राज्य विस्तार की विस्तृतता के कारण दी थी। समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के अनेक राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी विजय प्राप्त की। उन्होंने अश्वमेध यज्ञ भी किया था और अपने सिक्कों पर अश्वमेध का चित्र अंकित करवाया था।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी और ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा को जीता और उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की।
प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?
- 1920, नागपुर
- 1929, लाहौर
- 1931, कराची
- 1937, फैजपुर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1929 में लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य अब पूर्ण स्वराज प्राप्त करना है। 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाया गया।
- गलत विकल्प: नागपुर अधिवेशन (1920) असहयोग आंदोलन के प्रस्ताव के लिए महत्वपूर्ण था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति पर प्रस्ताव पारित हुए। फैजपुर अधिवेशन (1937) गाँव में आयोजित पहला अधिवेशन था।
प्रश्न 11: पुनर्जागरण काल का प्रारंभ कहाँ हुआ?
- फ्रांस
- इटली
- इंग्लैंड
- जर्मनी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: पुनर्जागरण (Renaissance) का प्रारंभ इटली में हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच इटली के नगर-राज्यों, विशेषकर फ्लोरेंस, वेनिस और रोम में, प्राचीन ग्रीक और रोमन कला, साहित्य तथा विचारों के प्रति एक नई रुचि उत्पन्न हुई। इसने मध्ययुगीन सोच से हटकर मानववाद, व्यक्तिवाद और तर्कवाद को बढ़ावा दिया, जिसने कला, विज्ञान, साहित्य और दर्शन के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन लाए।
- गलत विकल्प: पुनर्जागरण की लहर बाद में अन्य यूरोपीय देशों में फैली, लेकिन इसकी जड़ें इटली में ही थीं।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
- संदर्भ और विस्तार: प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था और इसका मुख्य कार्य भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करना था। डॉ. अम्बेडकर, जिन्होंने कानून में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी, इस समिति के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य थे और उन्होंने भारतीय संविधान को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे, पंडित जवाहरलाल नेहरू एक प्रमुख कांग्रेसी नेता और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे, और सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 13: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ई. में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धर्म की शुरुआत की।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषणवादी धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों (इस्लाम, हिंदू, पारसी, ईसाई, जैन) के तत्वों को शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और सद्भाव को बढ़ावा देना था। अकबर ने स्वयं इस धर्म को स्वीकार किया था, लेकिन यह जनता में व्यापक रूप से कभी नहीं फैला और उसके बाद यह समाप्त हो गया।
- गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस धर्म को नहीं अपनाया और न ही इसका प्रसार किया।
प्रश्न 14: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस के भीतर नीतियों को लेकर मतभेद के चलते, विशेष रूप से द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार का समर्थन करने के मुद्दे पर, सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। इसका उद्देश्य भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने हेतु वामपंथी और राष्ट्रवादी शक्तियों को एकजुट करना था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की।
प्रश्न 15: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई।
- संदर्भ और विस्तार: 14 जुलाई 1789 को बैस्टिल के पतन के साथ शुरू हुई इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के विचारों को जन्म दिया, जिसने न केवल फ्रांस बल्कि पूरे यूरोप और दुनिया को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसने नेपोलियन युग का अंत किया। 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं, जिन्हें ‘राष्ट्रों का वसंत’ कहा जाता है।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा वेद सबसे प्राचीन है?
- यजुर्वेद
- सामवेद
- ऋग्वेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद की रचना लगभग 1500-1000 ईसा पूर्व के बीच मानी जाती है। इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10,600 से अधिक ऋचाएँ हैं। यह वैदिक काल के आर्यों के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन का ज्ञान का प्राथमिक स्रोत है। इसमें देवताओं की स्तुति में मंत्र दिए गए हैं।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों से संबंधित मंत्र, सामवेद में गायन योग्य मंत्र (जो ऋग्वेद से लिए गए हैं), और अथर्ववेद में जादू, टोना, वशीकरण और चिकित्सा से संबंधित मंत्र हैं। ये बाद के कालों में संकलित हुए।
प्रश्न 17: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1866, लंदन
- 1875, मद्रास
- 1857, दिल्ली
- 1885, बंबई
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का उद्देश्य ब्रिटिश जनता और सरकार को भारत की वास्तविक स्थिति से अवगत कराना, भारत के प्रति सहानुभूति पैदा करना और भारत के शासन में सुधार की मांग करना था। यह भारत में ब्रिटिश शासन की आलोचना करने और राष्ट्रीय चेतना को जगाने वाले शुरुआती संगठनों में से एक था।
- गलत विकल्प: मद्रास (1875) में इंडियन लीग की स्थापना हुई थी। दिल्ली (1857) से संबंधित कोई प्रमुख संगठन नहीं था। बंबई (1885) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी।
प्रश्न 18: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) प्रणाली किसने लागू की थी?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने 1793 ई. में बंगाल, बिहार और उड़ीसा में ‘स्थायी बंदोबस्त’ प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उन्हें किसानों से लगान वसूल कर सरकार को निश्चित राशि जमा करनी होती थी। लगान की दर स्थायी कर दी गई थी, जिससे सरकार को भविष्य में आय की निश्चितता हुई, लेकिन इससे किसानों का शोषण बढ़ा। इसे ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ भी कहा जाता है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली सहायक संधि प्रणाली के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड डलहौजी लैप्स की नीति के लिए, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा उन्मूलन जैसे सुधार किए।
प्रश्न 19: किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से विभूषित किया गया था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से विभूषित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय (लगभग 375-415 ई.) गुप्त वंश के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे। उन्होंने शकों पर विजय प्राप्त कर विक्रमादित्य की उपाधि धारण की। उनके काल में कला, साहित्य और विज्ञान का अभूतपूर्व विकास हुआ। कालिदास जैसे महान कवि उनके दरबार की शोभा बढ़ाते थे।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे, समुद्रगुप्त एक महान विजेता थे, और स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण का सफलतापूर्वक सामना किया था।
प्रश्न 20: भारत में ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1925
- 1930
- 1931
- 1935
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते पर महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हस्ताक्षर हुए थे। यह समझौते सविनय अवज्ञा आंदोलन को समाप्त करने के संबंध में हुआ था। इसके तहत, सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्ति वापस करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि गांधीजी ने आंदोलन को निलंबित करने का वादा किया।
- गलत विकल्प: 1925 में काकोरी कांड हुआ था। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई थी। 1935 में भारत सरकार अधिनियम आया था।
प्रश्न 21: मेसोपोटामिया की सभ्यता किन दो नदियों के बीच विकसित हुई?
- नील और कांगो
- सिंधु और गंगा
- टाइगरिस और यूफ्रेट्स
- यांगत्ज़ी और पीली नदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मेसोपोटामिया की सभ्यता टाइगरिस (दजला) और यूफ्रेट्स (फरात) नदियों के बीच के उपजाऊ क्षेत्र में विकसित हुई।
- संदर्भ और विस्तार: ‘मेसोपोटामिया’ शब्द का अर्थ ही ‘दो नदियों के बीच की भूमि’ है। यह सभ्यता प्राचीन सुमेर, अक्कद, बेबीलोनिया और असीरिया जैसे साम्राज्यों की भूमि थी। इन नदियों ने इस क्षेत्र को उपजाऊ बनाया, जिससे कृषि का विकास हुआ और मानव सभ्यता के प्रारंभिक महान शहरों और साम्राज्यों का उदय हुआ।
- गलत विकल्प: नील नदी मिस्र की सभ्यता से, सिंधु नदी सिंधु घाटी सभ्यता से, और यांगत्ज़ी व पीली नदी चीनी सभ्यता से संबंधित हैं।
प्रश्न 22: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- गुरु नानक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती, जिन्होंने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की, का मानना था कि वेद ही सच्चा ज्ञान और आदर्श हैं। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, कुरीतियों और मूर्ति पूजा का विरोध किया और प्राचीन वैदिक सिद्धांतों को पुनः स्थापित करने पर जोर दिया। यह नारा उनके विचारों का सार था।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन से जुड़े थे और उनकी शिक्षाएं उपनिषदों और भगवद्गीता पर आधारित थीं। राजा राममोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे। गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक थे।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘सिजदा’ (घुटनों के बल झुकना) और ‘पाइबोस’ (पैरों को चूमना) जैसी प्रथाएं शुरू कीं?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- गयासुद्दीन बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गयासुद्दीन बलबन (1266-1287 ई.) ने अपनी राजत्व की धारणा को मजबूत करने के लिए ‘सिजदा’ और ‘पाइबोस’ जैसी फारसी प्रथाएं शुरू कीं।
- संदर्भ और विस्तार: बलबन ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि वह केवल ईश्वर का प्रतिनिधि है और उसे असीमित शक्ति प्राप्त है। सिजदा (शासक के सामने घुटनों के बल झुककर अभिवादन करना) और पाइबोस (शासक के पैरों को चूमना) सुल्तान के प्रति पूर्ण समर्पण का प्रतीक था। इन प्रथाओं ने सुल्तान की प्रतिष्ठा और अधिकार को बढ़ाया।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक गुलाम वंश का संस्थापक था। इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार का निर्माण पूरा किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी व्यवस्थाएं लागू कीं।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ (Directive Principles of State Policy) का वर्णन है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
- भाग VI
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत भारतीय संविधान की एक अनूठी विशेषता हैं, जो आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। ये वे निर्देश हैं जो राज्य को कानून बनाते समय ध्यान में रखने चाहिए। इनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित हो। हालांकि ये न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, परंतु देश के शासन में इनके महत्व को रेखांकित किया गया है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से, भाग V संघ की कार्यपालिका से, और भाग VI राज्यों की कार्यपालिका से संबंधित है।
प्रश्न 25: ‘स्वदेशी आंदोलन’ का प्रारंभ मुख्य रूप से किस घटना के विरोध में हुआ था?
- साइमन कमीशन का आगमन
- जलियांवाला बाग हत्याकांड
- बंगाल का विभाजन
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: स्वदेशी आंदोलन का प्रारंभ मुख्य रूप से 1905 में बंगाल के विभाजन के विरोध में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन, तत्कालीन वायसराय, ने प्रशासनिक सुविधा के बहाने बंगाल का विभाजन कर दिया था, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को कुचलना था। इस विभाजन के विरोध में पूरे देश में, विशेषकर बंगाल में, स्वदेशी (अपने देश के उत्पादों का उपयोग) और बहिष्कार (विदेशी उत्पादों का बहिष्कार) का जोरदार आंदोलन चला। इस आंदोलन ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा दी।
- गलत विकल्प: साइमन कमीशन 1927 में आया था। जलियांवाला बाग हत्याकांड 1919 में हुआ था। द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 1931 में हुआ था। इन घटनाओं के लिए अलग-अलग आंदोलन हुए।
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