इतिहास के महारथी बनें: 25 प्रश्नों का दैनिक रण!
समय की गहराइयों में उतरने और अपने ज्ञान की धार तेज करने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह इतिहास का महा-अभ्यास आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग तक की यात्रा पर ले जाएगा। हर प्रश्न एक चुनौती है, और हर व्याख्या एक अवसर है, अपने आप को एक बेहतर योद्धा बनाने का। चलिए, देखते हैं इतिहास के पन्नों में आप कितनी गहराई तक पहुँच पाते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से एक विशाल स्नानागार (Great Bath) के साक्ष्य मिले हैं?
- लोथल
- कालीबंगा
- मोहनजोदड़ो
- धौलावीरा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था, जहाँ से एक विशाल स्नानागार के अवशेष मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह विशाल स्नानागार लगभग 13 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा और 2.4 मीटर गहरा था। इसकी दीवारों को जिप्सम के प्लास्टर से ढका गया था और जलरोधन के लिए बिटुमेन का इस्तेमाल किया गया था। इसके दोनों सिरों पर सीढ़ियाँ थीं। यह संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, कालीबंगा से जुते हुए खेत और पक्की ईंटों के प्रमाण मिले हैं, और धौलावीरा से जल प्रबंधन प्रणाली और स्टेडियम जैसे संरचनात्मक तत्व पाए गए हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा वेद ‘गद्य’ और ‘पद्य’ दोनों में रचा गया है?
- ऋग्वेद
- सामवेद
- यजुर्वेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: यजुर्वेद एकमात्र ऐसा वेद है जो गद्य और पद्य दोनों शैलियों में रचा गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद का शाब्दिक अर्थ है ‘यज्ञ का मंत्र’। यह वैदिक काल के कर्मकांडों और यज्ञों से संबंधित है। इसके मंत्रों का उच्चारण यज्ञ करते समय किया जाता था। यजुर्वेद को दो मुख्य भागों में बाँटा गया है: शुक्ल (शुद्ध) यजुर्वेद, जो केवल मंत्रों का संग्रह है, और कृष्ण (मिश्रित) यजुर्वेद, जिसमें मंत्रों के साथ-साथ गद्य में उनकी व्याख्याएं भी शामिल हैं।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद मुख्य रूप से पद्य में रचा गया है और इसमें देवताओं की स्तुति में मंत्र हैं। सामवेद का संबंध गायन (साम) से है और इसके अधिकांश मंत्र ऋग्वेद से लिए गए हैं। अथर्ववेद में जादू-टोने, तंत्र-मंत्र और सामान्य जनजीवन से संबंधित श्लोक हैं, जो अधिकतर पद्य में हैं।
प्रश्न 3: ‘सैन्य-प्रशासन’ (Military Administration) के लिए जिम्मेदार दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर-कोही’ नामक एक नया विभाग स्थापित किया?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- गयासुद्दीन बलबन
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल: 1325-1351 ई.) ने कृषि के विकास और विस्तार के उद्देश्य से ‘दीवान-ए-अमीर-कोही’ नामक एक कृषि विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य कार्य बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाना, किसानों को बीज, औजार और ऋण (तकावी ऋण) प्रदान करना था, ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी महत्वाकांक्षी और अक्सर अव्यवहारिक योजनाओं के लिए जाना जाता है, और यह विभाग उसकी कृषि सुधार की एक ऐसी ही योजना थी, जिसका उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और अकाल जैसी आपदाओं से निपटना था।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की नींव रखी। इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) जैसे महत्वपूर्ण सैन्य और प्रशासनिक सुधार किए। गयासुद्दीन बलबन ने ‘चालीसा’ को समाप्त किया और राजत्व सिद्धांत को मजबूत किया।
प्रश्न 4: 1857 के विद्रोह के दौरान, अवध (Awadh) में विद्रोह का नेतृत्व निम्नलिखित में से किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- तात्या टोपे
- कुंवर सिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान, अवध की बेगम हजरत महल ने विद्रोह का नेतृत्व किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अवध को 1856 में डलहौजी द्वारा ‘कुशासन’ के बहाने ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया गया था। इससे वहाँ के नवाब वाजिद अली शाह को गद्दी से उतार दिया गया और उनकी पत्नी बेगम हजरत महल ने अपने नाबालिग पुत्र बिर्जिस कादिर को गद्दी पर बिठाकर ब्रिटिश विरोधी संघर्ष का नेतृत्व संभाला। उन्होंने लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में विद्रोहियों को संगठित किया।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने कानपुर के पास झांसी से, तात्या टोपे ने कानपुर और ग्वालियर से, और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
प्रश्न 5: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ (French Revolution) के प्रमुख नारे क्या थे?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- स्वतंत्रता, न्याय, शांति
- समानता, बंधुत्व, समृद्धि
- न्याय, बंधुत्व, स्वतंत्रता
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के मूलभूत आदर्शों को दर्शाता है। ‘स्वतंत्रता’ का अर्थ था राजशाही और निरंकुश शासन से मुक्ति। ‘समानता’ का अर्थ था सभी नागरिकों के लिए कानून के समक्ष समान अधिकार और विशेषाधिकारों का अंत। ‘बंधुत्व’ का अर्थ था राष्ट्रीय एकता और आपसी सहयोग की भावना। यह नारा आधुनिक लोकतांत्रिक आदर्शों का आधार बना।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प भ्रामक हैं और क्रांति के मुख्य आदर्शों को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं करते हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा गुप्तकालीन शासक ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से प्रसिद्ध था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त प्रथम
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चंद्रगुप्त द्वितीय (शासनकाल: 380-415 ई.) को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘विक्रमादित्य’ का अर्थ है ‘पराक्रम का सूर्य’। चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपनी विजयों और सांस्कृतिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में यह उपाधि धारण की थी। उनके दरबार में कालिदास जैसे महान विद्वान थे, और यह काल गुप्त साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने शकों को पराजित कर अपनी स्थिति मजबूत की थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। कुमारगुप्त प्रथम ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 7: ‘बुद्धचरितम्’ के लेखक कौन हैं, जिसे ‘बौद्ध धर्म का रामायण’ भी कहा जाता है?
- नागार्जुन
- आचार्य वसुमित्र
- अश्वघोष
- दिग्नाग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘बुद्धचरितम्’ के लेखक अश्वघोष हैं, जो कुषाण शासक कनिष्क के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: बुद्धचरितम् भगवान बुद्ध के जीवन और उपदेशों पर आधारित एक महाकाव्य है। इसे बौद्ध साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में से एक माना जाता है और इसकी काव्यात्मक शैली के कारण इसे ‘बौद्ध धर्म का रामायण’ भी कहा जाता है। अश्वघोष प्रथम शताब्दी ईस्वी के एक महान विद्वान, कवि और दार्शनिक थे।
- गलत विकल्प: नागार्जुन एक प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक थे, जिन्होंने शून्यवाद का सिद्धांत दिया। आचार्य वसुमित्र चतुर्थ बौद्ध संगीति के अध्यक्ष थे। दिंनाग एक प्रसिद्ध बौद्ध तर्कशास्त्री थे।
प्रश्न 8: 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में हुए आंदोलन का क्या नाम था?
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- स्वदेशी आंदोलन
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा किए गए बंगाल विभाजन के विरोध में ‘स्वदेशी आंदोलन’ चलाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार करना और स्वदेशी वस्तुओं तथा उद्योगों को बढ़ावा देना था। इसने ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने के लिए जन-आंदोलन का रूप धारण किया। रविंद्रनाथ टैगोर ने इस आंदोलन के दौरान ‘आमार शोनार बांग्ला’ (मेरा सोना बंगाल) गीत की रचना की, जो बाद में बांग्लादेश का राष्ट्रगान बना।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में, सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में, और भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुए थे।
प्रश्न 9: किस मुगल बादशाह के शासनकाल में ‘मंसFoi’ प्रणाली का व्यापक रूप से प्रयोग किया गया?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अकबर (शासनकाल: 1556-1605 ई.) ने ‘मंसFoi’ प्रणाली का पुनर्गठन और व्यापक प्रसार किया।
- संदर्भ और विस्तार: मंसFoi प्रणाली एक नौकरशाही और सैन्य व्यवस्था थी, जिसे मुगलों ने दशमलव प्रणाली पर आधारित किया था। इसमें अधिकारियों को उनकी सैन्य टुकड़ी के आकार और वेतन के आधार पर ‘जात’ (व्यक्तिगत स्थिति) और ‘सवार’ (घोड़ों की संख्या) की इकाइयों में पदोन्नत किया जाता था। यह साम्राज्य की प्रशासनिक और सैन्य संरचना का आधार थी, जिसने साम्राज्य को कुशलतापूर्वक चलाने में मदद की।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने भी इस प्रणाली का उपयोग किया, लेकिन इसका पुनर्गठन और व्यापक विस्तार अकबर के शासनकाल में ही हुआ था।
प्रश्न 10: ‘दास प्रथा’ (Slavery) का उन्मूलन भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश शासन के दौरान कब हुआ?
- 1773
- 1813
- 1833
- 1858
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा भारत में दास प्रथा को अवैध घोषित किया गया और इसका उन्मूलन किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि अधिनियम 1833 में पारित हुआ था, लेकिन इसका पूर्ण कार्यान्वयन 1843 में हुआ। लॉर्ड विलियम बेंटिंक, जो उस समय भारत के गवर्नर-जनरल थे, ने दास प्रथा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अधिनियम ने भारत में कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया और गवर्नर-जनरल की परिषद में एक विधि सदस्य को शामिल किया।
- गलत विकल्प: 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट कंपनी के शासन को विनियमित करने के लिए था। 1813 का चार्टर अधिनियम कंपनी के व्यापार एकाधिकार को समाप्त करने से संबंधित था। 1858 का अधिनियम 1857 के विद्रोह के बाद भारत सरकार अधिनियम था, जिसने भारत का शासन ब्रिटिश क्राउन को हस्तांतरित कर दिया।
प्रश्न 11: ऋग्वेदिक काल में ‘जन’ का क्या अर्थ था?
- एक ग्राम
- एक कबीला या जनजाति
- एक राज्य
- एक व्यवसाय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ऋग्वेदिक काल में ‘जन’ शब्द का प्रयोग एक बड़े कबीले या जनजाति के लिए किया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेदिक समाज कबीलाई व्यवस्था पर आधारित था, जहाँ ‘जन’ सबसे बड़ी सामाजिक और राजनीतिक इकाई थी। ‘जन’ का मुखिया ‘जनापति’ या ‘राजन’ कहलाता था। ‘विष’ (एक छोटा कबीला) और ‘ग्राम’ (सबसे छोटी इकाई) जैसी छोटी इकाइयां भी थीं। ‘राष्ट्र’ शब्द का प्रयोग बाद के काल में अधिक हुआ।
- गलत विकल्प: ‘ग्राम’ सबसे छोटी इकाई थी, और ‘राज्य’ जैसी संगठित राजनीतिक इकाई ऋग्वेदिक काल में इतनी विकसित नहीं थी। ‘व्यवसाय’ एक आर्थिक गतिविधि थी, न कि एक राजनीतिक इकाई।
प्रश्न 12: चौरी-चौरा (Chauri-Chaura) की घटना, जिसने असहयोग आंदोलन को अचानक स्थगित करने पर मजबूर किया, कब हुई थी?
- 1919
- 1920
- 1922
- 1924
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चौरी-चौरा की घटना 5 फरवरी, 1922 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: गोरखपुर जिले (वर्तमान उत्तर प्रदेश) के चौरी-चौरा नामक स्थान पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए। इस हिंसक घटना से आहत होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन (जो अहिंसक आंदोलन था) को तुरंत स्थगित करने का निर्णय लिया, जिससे कई कांग्रेसी नेता निराश हुए।
- गलत विकल्प: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था। 1924 में स्वराज पार्टी का गठन हुआ था।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस विजयनगर सम्राट को ‘आंध्र कविता पितामह’ कहा जाता है?
- कृष्ण देवराय
- देवराय द्वितीय
- बुक्का प्रथम
- हरिहर प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक कृष्ण देवराय (शासनकाल: 1509-1529 ई.) को ‘आंध्र कविता पितामह’ (तेलुगु साहित्य के पिता) की उपाधि से विभूषित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय स्वयं एक महान विद्वान और तेलुगु भाषा के कवि थे। उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की। उनके दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ नामक आठ महान तेलुगु विद्वान और कवि थे। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है, जो कला, साहित्य और वास्तुकला के विकास के लिए जाना जाता है।
- गलत विकल्प: अन्य शासक भी महत्वपूर्ण थे, लेकिन कृष्ण देवराय का साहित्यिक योगदान सबसे अधिक उल्लेखनीय है।
प्रश्न 14: ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ (A History of British India) नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- विलियम ब्लेक
- जेम्स मिल
- थॉमस मैकाले
- जॉर्ज डनलॉप
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ (1817) के लेखक जेम्स मिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: जेम्स मिल एक स्कॉटिश इतिहासकार, अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक थे। उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन कालों में विभाजित किया: हिंदू काल, मुस्लिम काल और ब्रिटिश काल। उनका विभाजन पूर्वाग्रहों से ग्रस्त था और इसे पाश्चात्य सभ्यता को श्रेष्ठ मानने वाले दृष्टिकोण के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। उनकी पुस्तक ने ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों को सैद्धांतिक आधार प्रदान करने में भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: विलियम ब्लेक एक कवि थे। थॉमस मैकाले ने ‘भारतीय शिक्षा का मैकाले मिनट’ (1835) लिखा था, जो शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण था, लेकिन उन्होंने भारत का इतिहास नहीं लिखा। जॉर्ज डनलॉप एक अर्थशास्त्री थे।
प्रश्न 15: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंध का नखलिस्तान’ (Mecca of the Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- रोपड़
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंध का नखलिस्तान’ या ‘मृतकों का टीला’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: ‘नखलिस्तान’ का अर्थ है रेगिस्तान में एक हरा-भरा और उपजाऊ क्षेत्र। मोहनजोदड़ो, सिंधु नदी के किनारे स्थित एक विशाल और समृद्ध शहर था, जो अपने सुनियोजित शहरी नियोजन, विशाल स्नानागार, अन्नागारों और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं के लिए जाना जाता था। यह उस समय के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र था, और इसकी समृद्धि इसे रेगिस्तानी क्षेत्र में एक नखलिस्तान जैसा बनाती थी।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था। रोपड़ पंजाब में सतलुज नदी के किनारे स्थित एक स्थल था।
प्रश्न 16: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ (Vernacular Press Act) किस वायसराय के कार्यकाल में पारित हुआ था, जिसे ‘समाचार पत्रों का गला घोंटने वाला अधिनियम’ भी कहा जाता है?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878 में लॉर्ड लिटन के वायसराय काल में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों पर सख्त नियंत्रण लगाना था। इसने सरकार को यह अधिकार दिया कि वह किसी भी प्रकाशक को बिना किसी मुकदमे के चेतावनी दे सकती है या उसकी जमानत जब्त कर सकती है, अगर वह सरकार की नीतियों की आलोचना करे। इस अधिनियम को भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा ‘गला घोंटने वाला अधिनियम’ कहा गया। सौभाग्य से, लॉर्ड रिपन ने 1882 में इसे रद्द कर दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी विलय की नीति के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड रिपन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट को रद्द किया और स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा दिया। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया।
प्रश्न 17: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- साम्राज्य का विस्तार और राजनीतिक स्थिरता
- कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास
- धार्मिक सहिष्णुता और बौद्ध धर्म का उत्कर्ष
- ये सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ई.) को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहने के सभी कारण सही हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय जैसे शक्तिशाली शासकों के अधीन साम्राज्य का अभूतपूर्व विस्तार हुआ और राजनीतिक स्थिरता बनी रही। कला और साहित्य का चर्मोत्कर्ष हुआ, जिसमें कालिदास जैसे कवियों की रचनाएं, अजंता की चित्रकला और विभिन्न मंदिरों का निर्माण शामिल है। विज्ञान में आर्यभट्ट द्वारा शून्य का आविष्कार और दशमलव प्रणाली का विकास उल्लेखनीय है। धार्मिक सहिष्णुता बनी रही, यद्यपि हिंदू धर्म का पुनरुत्थान हुआ, और बौद्ध व जैन धर्म को भी संरक्षण मिला।
- गलत विकल्प: यह तीनों बिंदु गुप्त काल की महानता के प्रमुख कारण हैं।
प्रश्न 18: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?
- बाबर
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही अकबर का एक धर्मनिरपेक्ष, एकेश्वरवादी धर्म था, जो विभिन्न धर्मों के आदर्शों का मिश्रण था। इसका उद्देश्य सभी धर्मों के लोगों को एक सूत्र में पिरोना था। यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों के प्रति उसके सम्मान को दर्शाता है। हालाँकि, यह धर्म लोकप्रिय नहीं हुआ और अकबर की मृत्यु के बाद यह लुप्त हो गया। बीरबल इसका एकमात्र प्रमुख अनुयायी था।
- गलत विकल्प: बाबर ने मुगल साम्राज्य की नींव रखी। हुमायूँ ने अपना साम्राज्य पुनः प्राप्त किया। जहाँगीर कला और चित्रकला का संरक्षक था।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से किस अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ (Complete Independence) की मांग को अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किया?
- 1920, नागपुर
- 1929, लाहौर
- 1931, कराची
- 1942, बम्बई
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग को अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यहीं पर यह निर्णय लिया गया कि भारत को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करनी है और ब्रिटिश शासन के अधीन किसी भी प्रकार के डोमिनियन स्टेटस को स्वीकार नहीं किया जाएगा। 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसके उपलक्ष्य में भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा।
- गलत विकल्प: 1920 का नागपुर अधिवेशन असहयोग आंदोलन के प्रस्ताव के लिए महत्वपूर्ण था। 1931 का कराची अधिवेशन मौलिक अधिकारों और आर्थिक कार्यक्रमों से संबंधित था। 1942 का बम्बई अधिवेशन भारत छोड़ो आंदोलन के प्रस्ताव के लिए प्रसिद्ध है।
प्रश्न 20: ‘पलासी का युद्ध’ (Battle of Plassey) कब हुआ था?
- 1757
- 1764
- 1772
- 1789
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पलासी का युद्ध 23 जून, 1757 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में) और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था। नवाब के सेनापति मीर जाफ़र के विश्वासघात के कारण कंपनी की जीत हुई। इस युद्ध ने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रखी और बंगाल पर ब्रिटिश राजनीतिक नियंत्रण की शुरुआत की।
- गलत विकल्प: 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था, जिसने ब्रिटिश प्रभुत्व को और मजबूत किया। 1772 में रेगुलेटिंग एक्ट का मसौदा तैयार हुआ। 1789 में फ्रांस में क्रांति हुई।
प्रश्न 21: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से घोड़े के अवशेष मिले हैं, हालांकि इस पर विवाद है?
- लोथल
- सुरकोटदा
- हड़प्पा
- मांडा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सुरकोटदा (गुजरात) नामक स्थल से घोड़े के जीवाश्म या अवशेष मिले हैं, हालांकि इस पर विद्वानों में मतभेद है कि वे असली घोड़े के थे या नहीं।
- संदर्भ और विस्तार: सुरकोटदा से प्राप्त अस्थि-पंजरों को कुछ विद्वानों ने घोड़े के अवशेष माना है, जो सिंधु घाटी सभ्यता के काल के माने जाते हैं। यदि यह सही है, तो यह दर्शाता है कि उस काल में घोड़े पालतू जानवर के रूप में मौजूद थे। हालाँकि, अन्य स्थल जैसे हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और लोथल से भी घोड़े से संबंधित कुछ पुरावशेष मिले हैं, लेकिन उनकी व्याख्या विवादास्पद है।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह था। हड़प्पा और मांडा अन्य महत्वपूर्ण स्थल हैं, लेकिन सुरकोटदा से मिले साक्ष्य घोड़े से संबंधित सबसे प्रमुख माने जाते हैं।
प्रश्न 22: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ (East India Association) की स्थापना 1866 में लंदन में किसने की थी?
- दादाभाई नौरोजी
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
- गोपाल कृष्ण गोखले
- फिरोजशाह मेहता
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में लंदन में दादाभाई नौरोजी ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश जनमत को भारतीय मामलों से अवगत कराना और ब्रिटिश संसद में भारतीय हितों की वकालत करना था। दादाभाई नौरोजी, जिन्हें ‘भारत का ग्रैंड ओल्ड मैन’ कहा जाता है, ने भारत में ब्रिटिश शासन के आर्थिक दुष्परिणामों का विश्लेषण किया और ‘धन के निष्कासन सिद्धांत’ (Drain of Wealth theory) को प्रस्तुत किया।
- गलत विकल्प: सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। गोपाल कृष्ण गोखले और फिरोजशाह मेहता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन उन्होंने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना नहीं की।
प्रश्न 23: प्राचीन भारत में ‘गोत्र’ प्रथा का क्या उद्देश्य था?
- वैवाहिक संबंधों को नियंत्रित करना
- भूमि स्वामित्व का विभाजन
- सैन्य संगठन का आधार
- व्यापारिक संघों का गठन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्राचीन भारत में ‘गोत्र’ प्रथा का मुख्य उद्देश्य वैवाहिक संबंधों को नियंत्रित करना था।
- संदर्भ और विस्तार: गोत्र एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें समान पूर्वज से उत्पन्न व्यक्तियों के समूह को एक ही गोत्र का माना जाता था। ऋग्वेदिक काल के उत्तरार्ध में विकसित हुई इस प्रथा के अनुसार, एक ही गोत्र के लोगों को आपस में विवाह करने की अनुमति नहीं थी। यह अंतर्विवाह (endogamy) को हतोत्साहित करता था और अंतर-गोत्र (exogamy) विवाह को बढ़ावा देता था, जिससे सामाजिक संरचना में विभिन्न समूहों के बीच संबंध स्थापित होते थे।
- गलत विकल्प: गोत्र का संबंध सीधे भूमि स्वामित्व, सैन्य संगठन या व्यापारिक संघों से नहीं था, यद्यपि यह सामाजिक संगठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
प्रश्न 24: ‘तैमूर लंग’ (Timur the Lame) ने भारत पर आक्रमण कब किया था?
- 1398 ई.
- 1498 ई.
- 1526 ई.
- 1556 ई.
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: तैमूर लंग (Timur) ने 1398 ई. में भारत पर आक्रमण किया था।
- संदर्भ और विस्तार: तैमूर, एक तुर्क-मंगोल विजेता, ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया और भारी लूटपाट मचाई। उसने नसीरुद्दीन महमूद तुगलक को हराया और दिल्ली को बुरी तरह से तबाह कर दिया। इस आक्रमण के बाद तुगलक वंश का पतन और भी तेज हो गया और दिल्ली सल्तनत कमजोर पड़ गई। इसके परिणामस्वरूप भारत में सैयद वंश और लोदी वंश जैसे नए राजवंशों का उदय हुआ।
- गलत विकल्प: 1498 में वास्को डी गामा भारत आया। 1526 में पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ, जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी। 1556 में पानीपत का द्वितीय युद्ध हुआ।
प्रश्न 25: 1946 में भारत के संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा (Constituent Assembly) का गठन किस योजना के तहत किया गया था?
- साइमन कमीशन
- क्रीप्स मिशन
- कैबिनेट मिशन
- मोंटagu-चेम्सफोर्ड सुधार
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1946 में भारत के संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन ‘कैबिनेट मिशन’ योजना के तहत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश सरकार ने भारत में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए तीन सदस्यों (लॉर्ड पैथिक लॉरेंस, सर स्टेफ़ोर्ड क्रीप्स और ए.वी. अलेक्जेंडर) के एक कैबिनेट मिशन को भारत भेजा। इस मिशन ने एक संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव रखा, जिसके सदस्यों का चुनाव प्रांतीय विधानमंडलों के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाना था। इस संविधान सभा ने ही भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया।
- गलत विकल्प: साइमन कमीशन (1927) भारत में संवैधानिक सुधारों के अध्ययन के लिए आया था और इसका बहिष्कार किया गया था। क्रीप्स मिशन (1942) भी युद्ध के बाद भारत को स्व-शासन का वादा करने आया था, लेकिन सफल नहीं हुआ। मोंटagu-चेम्सफोर्ड सुधार (1919) ने भारत सरकार अधिनियम, 1919 पारित किया था।
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