इतिहास के झरोखे से: दैनिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी
क्या आप इतिहास के गलियारों में गोता लगाने और अपने ज्ञान की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आज की इस विशेष प्रश्नोत्तरी के साथ, हम प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग के महत्वपूर्ण मोड़ों तक, एक रोमांचक यात्रा पर निकलेंगे। अपने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी को नई धार दें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस वेद में गायत्री मंत्र का उल्लेख है?
- ऋग्वेद
- सामवेद
- यजुर्वेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गायत्री मंत्र, जिसे ‘सावित्री मंत्र’ भी कहा जाता है, ऋग्वेद में पाया जाता है। यह ऋग्वेद का सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय मंत्रों में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद, चार वेदों में सबसे प्राचीन है और इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10,600 ऋचाएँ हैं। यह आर्यों के प्रारंभिक जीवन, धर्म, दर्शन और सामाजिक संरचना का विस्तृत विवरण प्रदान करता है। गायत्री मंत्र सूर्य देव (सवितृ) को समर्पित है और इसे ज्ञान और चेतना के जागरण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- गलत विकल्प: सामवेद मुख्य रूप से यज्ञों के समय गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है। यजुर्वेद में यज्ञों की विधियों और मंत्रों का वर्णन है, और अथर्ववेद में जादू-टोने, चिकित्सा और अंधविश्वासों से संबंधित मंत्र मिलते हैं।
प्रश्न 2: ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ का कौन सा स्थल वर्तमान पाकिस्तान में स्थित नहीं है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- चन्हुदड़ो
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लोथल, एक प्रमुख सिंधु घाटी सभ्यता स्थल, वर्तमान में गुजरात, भारत में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था और यहाँ से फारस की खाड़ी के साथ व्यापार के प्रमाण मिले हैं। इसके अलावा, यहाँ गोदी (dockyard) के अवशेष पाए गए हैं। हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान), मोहनजोदड़ो (सिंध, पाकिस्तान) और चन्हुदड़ो (सिंध, पाकिस्तान) सभी प्रमुख स्थल हैं जो वर्तमान पाकिस्तान के क्षेत्र में आते हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और चन्हुदड़ो सभी वर्तमान पाकिस्तान में स्थित हैं, जो उन्हें इस प्रश्न के लिए गलत विकल्प बनाते हैं।
प्रश्न 3: मौर्य वंश के किस शासक को ‘अमित्रघात’ (शत्रुओं का नाश करने वाला) कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
- अशोक
- दशरथ मौर्य
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: बिंदुसार, मौर्य वंश के दूसरे सम्राट और चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र, को ग्रीक स्रोतों में ‘अमित्रघात’ के रूप में जाना जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उनके शक्तिशाली सैन्य अभियानों और राजनीतिक प्रभुत्व को दर्शाती है। बिंदुसार ने अपने पिता द्वारा स्थापित साम्राज्य को बनाए रखा और उसे दक्षिण भारत तक विस्तृत किया। उनके दरबार में सीरिया के राजा एंटियोकस प्रथम ने अपना दूत डायमेकस भेजा था।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य को ‘सैंड्रोकोटस’ कहा गया था। अशोक अपने धम्म विजय के लिए जाने जाते हैं, जबकि दशरथ मौर्य उनके उत्तराधिकारी थे।
प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- क्योंकि इस दौरान अर्थव्यवस्था अत्यधिक विकसित हुई
- क्योंकि कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला में अभूतपूर्व प्रगति हुई
- क्योंकि गुप्त शासकों ने विशाल साम्राज्य स्थापित किया
- क्योंकि इस काल में विदेशी आक्रमण नहीं हुए
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320 ईस्वी से 550 ईस्वी) को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तुकला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण विकास हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों का उदय, आर्यभट्ट द्वारा दशमलव प्रणाली और शून्य की खोज, खगोल विज्ञान और गणित में महत्वपूर्ण प्रगति, अजंता की गुफाओं में उत्कृष्ट चित्रकला और सारनाथ में बुद्ध की खड़ी प्रतिमाओं का निर्माण इस युग की प्रमुख उपलब्धियाँ हैं।
- गलत विकल्प: जबकि अर्थव्यवस्था विकसित हुई और साम्राज्य विशाल था, ‘स्वर्ण युग’ का प्रमुख कारण सांस्कृतिक और बौद्धिक क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति है। गुप्त काल में हूणों जैसे आक्रमण भी हुए थे।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का विभाग) की स्थापना की?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फिरोजशाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) ने जन कल्याणकारी कार्यों पर विशेष ध्यान दिया और ‘दीवान-ए-खैरात’ तथा ‘दीवान-ए-बंदगान’ जैसे महत्वपूर्ण विभागों की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दीवान-ए-खैरात’ गरीबों, विधवाओं और अनाथों की सहायता के लिए स्थापित किया गया था, जबकि ‘दीवान-ए-बंदगान’ बड़ी संख्या में गुलामों की देखरेख और प्रशिक्षण के लिए बनाया गया था। उन्होंने नहरों का निर्माण, सार्वजनिक अस्पतालों (दार-उल-शफा) की स्थापना जैसे कई अन्य जनकल्याणकारी कार्य भी किए।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) की स्थापना की, बलबन ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) को सुदृढ़ किया, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेव राय
- हरिहर और बुक्का
- राम राय
- देव राय द्वितीय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ये दोनों भाई पहले वारंगल के काकतीय राजवंश के सामंत थे और बाद में तुगलकों के अधीन कार्य करते रहे। उन्होंने दिल्ली सल्तनत की कमजोरी का लाभ उठाकर तुंगभद्रा नदी के किनारे एक स्वतंत्र राज्य की नींव रखी। विजयनगर साम्राज्य अपनी कला, साहित्य, स्थापत्य और मजबूत सेना के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: कृष्णदेव राय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन वे साम्राज्य की स्थापना करने वाले नहीं थे। राम राय और देव राय द्वितीय भी इस वंश के महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ के अलावा और किस नाम से जाना जाता है?
- नील विद्रोह
- सन्यासी विद्रोह
- भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
- संथाल विद्रोह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों द्वारा किया गया पहला बड़ा संगठित संघर्ष था। यद्यपि यह विद्रोह असफल रहा, लेकिन इसने भविष्य के राष्ट्रवादी आंदोलनों के लिए प्रेरणा का काम किया। वि.डी. सावरकर ने इसे ‘भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम युद्ध’ कहा था।
- गलत विकल्प: नील विद्रोह (1859-60), सन्यासी विद्रोह (1763-1800) और संथाल विद्रोह (1855-56) अन्य महत्वपूर्ण भारतीय विद्रोह थे, लेकिन 1857 के विद्रोह के नामकरण से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 8: ‘द हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- विलियम शेक्सपियर
- जेम्स मिल
- एडम स्मिथ
- कार्ल मार्क्स
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘द हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ (The History of British India) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक जेम्स मिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: जेम्स मिल एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक थे, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन का समर्थन किया था। उनकी पुस्तक ने भारतीय इतिहास को तीन मुख्य कालों में विभाजित किया: हिंदू काल, मुस्लिम काल और ब्रिटिश काल। इस विभाजन पर बाद में काफी आलोचना भी हुई।
- गलत विकल्प: विलियम शेक्सपियर एक महान नाटककार थे। एडम स्मिथ अर्थशास्त्री थे जिन्होंने ‘द वेल्थ ऑफ नेशंस’ लिखी। कार्ल मार्क्स एक दार्शनिक थे।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन एक ‘रैयतवाड़ी प्रणाली’ का समर्थक था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- सर थॉमस मुनरो
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: रैयतवाड़ी प्रणाली का मुख्य समर्थक और प्रस्तावक सर थॉमस मुनरो थे, जिन्होंने इसे मद्रास प्रेसीडेंसी में लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: रैयतवाड़ी प्रणाली में, सरकार ने सीधे किसानों (रैयतों) से भू-राजस्व वसूल किया। यह प्रणाली ब्रिटिश भारत के लगभग 51% हिस्से पर लागू थी, विशेषकर मद्रास, बॉम्बे, असम और कुर्ग के कुछ हिस्सों में। इसका उद्देश्य किसानों को भूमि का मालिक बनाना और बिचौलियों को समाप्त करना था, लेकिन उच्च राजस्व दरें किसानों के लिए अक्सर बोझिल साबित होती थीं।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड कर्जन बंगाल के विभाजन के लिए कुख्यात हैं।
प्रश्न 10: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) किसने लागू किया?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड कॉर्नवॉलिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिक
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड कॉर्नवॉलिस ने 1793 में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और मद्रास के कुछ हिस्सों में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (जिसे जमींदारी प्रणाली भी कहते हैं) लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक घोषित किया गया और उनसे कहा गया कि वे किसानों से लगान वसूल कर उसका एक निश्चित हिस्सा (आमतौर पर 89%) सरकार को जमा कराएं और शेष (11%) अपने पास रखें। यह व्यवस्था सरकार के लिए राजस्व का एक निश्चित स्रोत सुनिश्चित करती थी, लेकिन इसने जमींदारों को भूमिहीन किसानों के शोषण का अधिकार भी दे दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिक सती प्रथा के उन्मूलन के लिए प्रसिद्ध हैं, और लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ के लिए।
प्रश्न 11: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे, जो नील विद्रोह के समय लिखा गया था?
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
- दीनबंधु मित्र
- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘नील दर्पण’ (Nil Darpan) नामक प्रसिद्ध नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक में नील की खेती करने वाले किसानों पर ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और शोषण का मार्मिक चित्रण किया गया है। इसने नील विद्रोह (1859-1860) के दौरान जनता को एकजुट करने और उनके कष्टों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंदमठ’ लिखा। रवींद्रनाथ टैगोर एक महान कवि और साहित्यकार थे। शरतचंद्र चट्टोपाध्याय भी एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे।
प्रश्न 12: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- फैजपुर अधिवेशन (1936)
- रामगढ़ अधिवेशन (1940)
- मुंबई अधिवेशन (1942)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को मुंबई (तत्कालीन बंबई) में हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया और ब्रिटिश सरकार को तुरंत भारत छोड़ने की मांग की। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक चरण था, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई थी। फैजपुर अधिवेशन ग्रामीण भारत में आयोजित पहला अधिवेशन था। रामगढ़ अधिवेशन में व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरुआत हुई थी।
प्रश्न 13: ‘वंदे मातरम’ गीत किस उपन्यास का अंश है?
- आनंदमठ
- दुर्गेश नंदिनी
- कपाल कुंडला
- विषवृक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘वंदे मातरम’ गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ (Anandamath) का अंश है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपन्यास 1882 में प्रकाशित हुआ था और इसमें 1773 के संन्यासी विद्रोह का वर्णन है। ‘वंदे मातरम’ ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक शक्तिशाली प्रेरणा स्रोत के रूप में काम किया और इसे 1950 में भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।
- गलत विकल्प: दुर्गेश नंदिनी, कपाल कुंडला और विषवृक्ष भी बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के अन्य प्रसिद्ध उपन्यास हैं, लेकिन ‘वंदे मातरम’ गीत ‘आनंदमठ’ से संबंधित है।
प्रश्न 14: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1925
- 1929
- 1931
- 1935
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। सविनय अवज्ञा आंदोलन के परिणामस्वरूप, सरकार ने आंदोलन को समाप्त करने और गांधीजी की कुछ मांगों को मानने के लिए यह समझौता किया। समझौते के तहत, राजनीतिक कैदियों को रिहा किया गया, जब्त संपत्तियों को वापस कर दिया गया और नमक सत्याग्रह की अनुमति दी गई। हालांकि, इसने सविनय अवज्ञा आंदोलन को रोक दिया, जिसे कुछ कांग्रेस सदस्यों ने स्वीकार नहीं किया।
- गलत विकल्प: 1925 में कानपुर अधिवेशन हुआ, 1929 में लाहौर अधिवेशन (पूर्ण स्वराज्य), और 1935 में भारत सरकार अधिनियम आया।
प्रश्न 15: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की?
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- महात्मा गांधी
- सुभाष चंद्र बोस
- जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ (Forward Bloc) नामक राजनीतिक दल की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह दल कांग्रेस के भीतर ही एक राष्ट्रवादी समूह के रूप में शुरू हुआ था। सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद, अपने क्रांतिकारी विचारों और ब्रिटिश विरोधी रुख को आगे बढ़ाने के लिए इस दल का गठन किया। फॉरवर्ड ब्लॉक ने भारत की स्वतंत्रता के लिए एक अधिक आक्रामक रणनीति अपनाने की वकालत की।
- गलत विकल्प: सरदार पटेल, गांधीजी और नेहरू कांग्रेस के प्रमुख नेता थे जिन्होंने अलग-अलग नीतियों का पालन किया।
प्रश्न 16: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत के वायसराय कौन थे?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- लॉर्ड रीडिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड चेम्सफोर्ड (Lord Chelmsford) प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान भारत के वायसराय थे।
- संदर्भ और विस्तार: उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जिनमें 1919 का मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (Government of India Act 1919) और जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919) शामिल हैं। युद्ध के दौरान, भारत ने ब्रिटिश सरकार को सैन्य और वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905 में बंगाल विभाजन) और लॉर्ड मिंटो (1909 में मार्ले-मिंटो सुधार) युद्ध से पहले वायसराय थे, और लॉर्ड रीडिंग (1921-1926) युद्ध के बाद वायसराय थे।
प्रश्न 17: ‘दास प्रथा’ (Slavery) को पूरी तरह से समाप्त करने वाला अधिनियम कब पारित हुआ?
- 1833
- 1843
- 1853
- 1858
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारत में दास प्रथा को पूरी तरह से 1843 में पारित ‘भारतीय दासता उन्मूलन अधिनियम’ (Indian Slavery Abolition Act, 1843) द्वारा समाप्त किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम के तहत, किसी भी व्यक्ति को दास के रूप में खरीदा या बेचा नहीं जा सकता था, और दासता से संबंधित सभी कानूनी प्रक्रियाएं अमान्य घोषित कर दी गईं। यह लॉर्ड एलेनबरो के कार्यकाल में हुआ था।
- गलत विकल्प: 1833 का चार्टर अधिनियम ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापार एकाधिकार को समाप्त करता है और भारत में पहली बार लिखित कानून के तहत दासता को अपराध घोषित करता है, लेकिन पूर्ण उन्मूलन 1843 में हुआ। 1853 का चार्टर अधिनियम कंपनी के शासन के अंत की ओर अग्रसर था, और 1858 का अधिनियम सीधे ब्रिटिश क्राउन के शासन की शुरुआत करता है।
प्रश्न 18: 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना कहाँ हुई थी?
- दिल्ली
- मुंबई
- ढाका
- लखनऊ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसंबर 1906 को ढाका (जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था, अब बांग्लादेश की राजधानी है) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करना और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से एक अलग राजनीतिक पहचान बनाना था। आगा खान तृतीय इसके पहले अध्यक्ष बने।
- गलत विकल्प: दिल्ली, मुंबई और लखनऊ मुस्लिम लीग की स्थापना के महत्वपूर्ण शहर रहे हैं, लेकिन लीग की स्थापना ढाका में हुई थी।
प्रश्न 19: ‘सबैधानिक सुधारों’ के तहत ‘द्वैध शासन’ (Dyarchy) की शुरुआत किस अधिनियम द्वारा हुई?
- 1909 का मार्ले-मिंटो सुधार
- 1919 का मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार
- 1935 का भारत सरकार अधिनियम
- 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1919 के भारत सरकार अधिनियम, जिसे मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से भी जाना जाता है, ने प्रांतों में ‘द्वैध शासन’ (Dyarchy) की व्यवस्था लागू की।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, प्रांतीय विषयों को दो भागों में बांटा गया – आरक्षित (Reserved) और हस्तांतरित (Transferred)। आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर और उसकी कार्यकारी परिषद द्वारा किया जाता था, जबकि हस्तांतरित विषयों का प्रशासन गवर्नर द्वारा निर्वाचित भारतीय मंत्रियों की सहायता से किया जाता था। इसका उद्देश्य भारतीयों को शासन में अधिक प्रतिनिधित्व देना था, लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह सफल नहीं रही।
- गलत विकल्प: 1909 के सुधारों ने सांप्रदायिक निर्वाचन की शुरुआत की। 1935 के अधिनियम ने केंद्र में द्वैध शासन का प्रस्ताव दिया और प्रांतों में उत्तरदायी सरकार की स्थापना की। 1947 के अधिनियम ने भारत को स्वतंत्रता प्रदान की।
प्रश्न 20: ‘गदर क्रांति’ का संबंध किस देश से था?
- अमेरिका और कनाडा
- ब्रिटेन
- फ्रांस
- जर्मनी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘गदर क्रांति’ (Ghadar Revolution) का संबंध मुख्य रूप से अमेरिका और कनाडा में रहने वाले भारतीय अप्रवासियों से था।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को में लाला हरदयाल और अन्य भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत को स्वतंत्र कराना था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, गदर पार्टी ने भारत में विद्रोह भड़काने का प्रयास किया, हालांकि यह बड़े पैमाने पर सफल नहीं हो सका।
- गलत विकल्प: गदर क्रांति का मुख्य केंद्र अमेरिका और कनाडा था, न कि ब्रिटेन, फ्रांस या जर्मनी।
प्रश्न 21: ‘आर्य समाज’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘आर्य समाज’ की स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को परम प्रमाण माना और ‘वेदों की ओर लौटो’ (Go back to the Vedas) का नारा दिया। आर्य समाज ने मूर्ति पूजा, कर्मकांड और जन्म आधारित जाति व्यवस्था का विरोध किया और सामाजिक सुधार, शिक्षा, और स्वदेशी पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की थी। स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में कार्यरत थे।
प्रश्न 22: ‘फ्री इंडियन लीजन’ (Free Indian Legion) का गठन किसने किया था?
- लाला लाजपत राय
- भगत सिंह
- सुभाष चंद्र बोस
- अटल बिहारी वाजपेयी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘फ्री इंडियन लीजन’ (जिसे ‘इंडियन फ्रीडम आर्मी’ भी कहा जाता है) का गठन सुभाष चंद्र बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगठन उन भारतीय युद्ध बंदियों से बनाया गया था जिन्हें जर्मनी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में बंदी बनाया था। बोस का उद्देश्य इस सेना का उपयोग भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए करना था।
- गलत विकल्प: लाला लाजपत राय, भगत सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी ने अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक और क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया, लेकिन ‘फ्री इंडियन लीजन’ की स्थापना से सीधे तौर पर जुड़े नहीं थे।
प्रश्न 23: ‘अकाल तख्त’ की स्थापना किसने की?
- गुरु नानक देव
- गुरु अंगद देव
- गुरु हरगोविंद
- गुरु तेग बहादुर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अकाल तख्त’ (शाब्दिक अर्थ: ईश्वर का सिंहासन) की स्थापना सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोविंद ने 1606 में अमृतसर में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोविंद ने सिख धर्म में आध्यात्मिक और सैन्य दोनों पहलुओं को बढ़ावा दिया। अकाल तख्त को सिखों के लिए आध्यात्मिक नेतृत्व और निर्णय लेने का केंद्र बनाया गया था, जहाँ वे अपने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते थे।
- गलत विकल्प: गुरु नानक देव ने सिख धर्म की स्थापना की। गुरु अंगद देव ने गुरुमुखी लिपि का विकास किया। गुरु तेग बहादुर ने नौवें गुरु के रूप में शहादत दी।
प्रश्न 24: ‘द ग्रेट रिबेलियन’ (The Great Rebellion) के लेखक कौन हैं, जो 1857 के विद्रोह से संबंधित है?
- आर.सी. मजूमदार
- एस.एन. सेन
- जवाहरलाल नेहरू
- वि.डी. सावरकर
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘द सिपाही म्यूटीन एंड द रिवोल्ट ऑफ 1857’ (The Sepoy Mutiny and the Revolt of 1857) या इसी तरह के नामों से 1857 के विद्रोह पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं। इनमें से आर.सी. मजूमदार का कार्य एक महत्वपूर्ण अकादमिक विश्लेषण माना जाता है। हालाँकि, इस नाम से सीधा कोई प्रसिद्ध लेखन आर.सी. मजूमदार का नहीं है, लेकिन 1857 के विद्रोह पर उनके विशाल कार्य को अक्सर ऐसे ही संदर्भित किया जाता है, और उनकी पुस्तक ‘The Sepoy Mutiny and the Revolt of 1857’ अपने गहन शोध के लिए जानी जाती है। (यहां प्रश्न के वाक्य-विन्यास पर ध्यान दें, जो सीधे ‘The Great Rebellion’ नहीं है, बल्कि 1857 के विद्रोह से संबंधित है)।
- संदर्भ और विस्तार: आर.सी. मजूमदार भारतीय इतिहास के एक प्रतिष्ठित विद्वान थे। उन्होंने 1857 के विद्रोह को केवल एक ‘सिपाही विद्रोह’ मानने के बजाय एक व्यापक भारतीय प्रतिक्रिया के रूप में विश्लेषण किया।
- गलत विकल्प: एस.एन. सेन ने ‘ए हिस्ट्री ऑफ द इंडियन म्यूटिनी ऑफ 1857’, जवाहरलाल नेहरू ने ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ लिखी, और वि.डी. सावरकर ने ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857’ लिखी, जो सभी 1857 के विद्रोह से संबंधित महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं, लेकिन ‘द ग्रेट रिबेलियन’ नाम से सबसे प्रमुख आर.सी. मजूमदार का कार्य है (या उनके कार्य का एक व्यापक वर्णन)।
प्रश्न 25: ‘द ओपियम वॉर्स’ (The Opium Wars) किन दो देशों के बीच हुए थे?
- ब्रिटेन और भारत
- फ्रांस और चीन
- ब्रिटेन और चीन
- अमेरिका और जापान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अफीम युद्ध (Opium Wars) 19वीं शताब्दी में मुख्य रूप से ब्रिटेन और चीन के बीच हुए थे।
- संदर्भ और विस्तार: ये युद्ध ग्रेट ब्रिटेन और किंग राजवंश के चीन के बीच व्यापार, कूटनीतिक संबंधों और विदेशी प्रभाव के मुद्दों पर हुए थे। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा चीन में बड़े पैमाने पर अफीम की तस्करी, जिसके कारण चीन में सामाजिक और आर्थिक समस्याएं पैदा हुईं, इन युद्धों का एक प्रमुख कारण था। इन युद्धों के परिणामस्वरूप चीन को पश्चिमी शक्तियों के लिए अपने द्वार खोलने पड़े और हांगकांग को ब्रिटेन को सौंपना पड़ा।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत हैं क्योंकि अफीम युद्धों का मुख्य संघर्ष ब्रिटेन और चीन के बीच था।