इतिहास की रणभेरी: 25 प्रश्नों का महासंग्राम!
काल के महासागर में डुबकी लगाइए और अपने ज्ञान के मोती बटोरिए! आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में, हम प्राचीन भारत की गलियों से लेकर मध्यकालीन राज्यों के वैभव, आधुनिक भारत के संघर्षों और विश्व इतिहास के निर्णायक मोड़ों तक की यात्रा करेंगे। क्या आप इतिहास के इन अहम पड़ावों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तैयार हैं? आइए, इस ज्ञानवर्धक चुनौती का सामना करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: ऋग्वैदिक काल में ‘अघन्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त होता था?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- भेड़
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ऋग्वैदिक काल में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया जाता था। इसका अर्थ है “जिसे मारा न जा सके”।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक समाज में गाय को अत्यंत पवित्र माना जाता था और वह अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार थी। धन को भी ‘गोधन’ के रूप में ही मापा जाता था। गाय का महत्व इतना अधिक था कि उसे कोई नुकसान पहुंचाना या मारना एक गंभीर अपराध माना जाता था।
- गलत विकल्प: घोड़ा रथों और युद्ध में महत्वपूर्ण था, बैल कृषि कार्य के लिए उपयोगी थे, और भेड़ ऊन और मांस के स्रोत थे, लेकिन ‘अघन्य’ विशेषण केवल गाय के लिए ही आरक्षित था।
प्रश्न 2: निम्न में से कौन सा एक अशोक द्वारा निर्मित स्तूप नहीं है?
- सांची का स्तूप
- सारनाथ का धमेख स्तूप
- बड़ौदा का स्तूप
- अमरावती का स्तूप
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अमरावती का स्तूप मुख्य रूप से सातवाहन काल में निर्मित और विस्तारित हुआ था, हालांकि अशोक के काल में भी इस स्थान पर बौद्ध संरचनाओं का प्रारंभिक चरण मौजूद हो सकता है, लेकिन बड़े पैमाने पर इसका विकास बाद में हुआ। सांची, सारनाथ और बड़ौदा (संभवतः देव-निर्मोरिया का स्तूप) के स्तूप अशोक के शासनकाल से जुड़े हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए बड़े पैमाने पर स्तूपों का निर्माण करवाया था। सांची (मध्य प्रदेश) का स्तूप सबसे प्रसिद्ध है, जिसे अशोक ने स्वयं बनवाया था। सारनाथ (उत्तर प्रदेश) में स्थित धमेख स्तूप का निर्माण भी अशोक के समय का माना जाता है।
- गलत विकल्प: अमरावती का स्तूप आंध्र प्रदेश में स्थित है और इसका निर्माणकाल सातवाहन राजवंश के अधीन अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
प्रश्न 3: ‘जजिया’ कर को पुनः लागू करने वाला मुगल बादशाह कौन था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: औरंगजेब ने 1679 ईस्वी में जजिया कर को पुनः लागू किया था।
संदर्भ और विस्तार: जजिया एक प्रकार का धार्मिक कर था जो गैर-मुस्लिमों पर लगाया जाता था। अकबर ने 1564 ईस्वी में इसे समाप्त कर दिया था, लेकिन औरंगजेब ने अपनी धार्मिक नीतियों के तहत इसे फिर से लागू किया। इस नीति का उद्देश्य राज्य की इस्लामीकरण की नीति को मजबूत करना था।
गलत विकल्प: अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई और जजिया समाप्त किया। जहाँगीर और शाहजहाँ ने भी जजिया लागू नहीं किया था।
प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम
- देवराय द्वितीय
- सदाशिव राय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और उनके भाई बुक्का प्रथम ने की थी।
संदर्भ और विस्तार: ये दोनों भाई संगम वंश के थे और तुंगभद्रा नदी के किनारे एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य की स्थापना करना चाहते थे, जो उत्तर भारत से बढ़ते मुस्लिम आक्रमणों का सामना कर सके। विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक प्रमुख सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति केंद्र बना।
गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय द्वितीय और सदाशिव राय भी बाद के शासक थे।
प्रश्न 5: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ या ‘ईश्वरीय धर्म’ की शुरुआत मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
संदर्भ और विस्तार: यह एक ऐसा धार्मिक-दार्शनिक विचार था जो विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक नया पंथ बनाने का प्रयास था, जिसका उद्देश्य अकबर की प्रजा में एकता और सहिष्णुता को बढ़ावा देना था। हालांकि, यह अधिक सफल नहीं हो सका और इसे मानने वालों की संख्या बहुत कम थी।
गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब अपनी धार्मिक नीतियों में अधिक रूढ़िवादी थे और उन्होंने अकबर के इस प्रयोग को आगे नहीं बढ़ाया।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- तात्या टोपे
- नाना साहेब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने किया था।
संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अपनी पेंशन रोके जाने और राज्य को हड़प लिए जाने के कारण विद्रोह में भाग लिया। उन्होंने कानपुर पर कब्जा कर लिया और स्वयं को पेशवा घोषित किया। तात्या टोपे ने भी नाना साहेब का साथ दिया था।
गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से नेतृत्व किया था।
प्रश्न 7: भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर कौन था?
- वास्को डी गामा
- अल्फांसो डी अल्बुकर्क
- फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
- नीनो डी कुन्हा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: फ्रांसिस्को डी अल्मेडा (1505-1509) भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर थे।
संदर्भ और विस्तार: वास्को डी गामा 1498 में भारत पहुंचने वाले पहले यूरोपीय थे, लेकिन उन्होंने कोई गवर्नर पद नहीं संभाला। अल्बुकर्क ने अपनी कूटनीति और सैन्य शक्ति से पुर्तगाली शक्ति को मजबूत किया और गोवा पर कब्जा किया, वे अल्मेडा के बाद दूसरे गवर्नर थे।
गलत विकल्प: वास्को डी गामा केवल खोजकर्ता थे। अल्बुकर्क ने पुर्तगाली शक्ति को बढ़ाया लेकिन वे पहले गवर्नर नहीं थे। नीनो डी कुन्हा बाद के गवर्नर थे।
प्रश्न 8: ‘इब्न बतूता’ किसके शासनकाल में भारत आया था?
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- मोहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: मोरक्को का प्रसिद्ध यात्री इब्न बतूता 1333 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में भारत आया था।
संदर्भ और विस्तार: मोहम्मद बिन तुगलक ने इब्न बतूता को दिल्ली का काजी (न्यायाधीश) नियुक्त किया था और बाद में उसे अपना दूत बनाकर चीन भी भेजा। इब्न बतूता ने अपनी यात्रा वृत्तांत ‘रेहला’ में तत्कालीन भारतीय समाज, संस्कृति और प्रशासन का विस्तृत वर्णन किया है।
गलत विकल्प: अन्य तीनों शासक भी दिल्ली सल्तनत के थे, लेकिन इब्न बतूता का आगमन मोहम्मद बिन तुगलक के समय ही हुआ था।
प्रश्न 9: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंध का नखलिस्तान’ (Nakhlistan of Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंध का नखलिस्तान’ कहा जाता है।
संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो (सिंध प्रांत, पाकिस्तान में स्थित) सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण और विशाल शहरी केंद्र था। इसके विशालHBO, जल निकासी प्रणाली और विशाल भंडारगृहों को देखकर ऐसा प्रतीत होता था जैसे यह मरुस्थल में एक नखलिस्तान (मरुद्यान) हो, जो जीवन और समृद्धि का केंद्र हो।
गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक महत्वपूर्ण स्थल था, लेकिन ‘सिंध का नखलिस्तान’ विशेषण मोहनजोदड़ो से अधिक जुड़ा है। लोथल एक बंदरगाह शहर था और कालीबंगा कृषि से संबंधित प्रमाणों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कलकत्ता अधिवेशन, 1928
- कराची अधिवेशन, 1931
- फैजपुर अधिवेशन, 1936
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया था।
संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का अंतिम लक्ष्य पूर्ण स्वराज प्राप्त करना है और 26 जनवरी, 1930 को ‘स्वाधीनता दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया।
गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1928) में मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट पर विचार हुआ। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकार और आर्थिक नीति का प्रस्ताव पारित हुआ। फैजपुर अधिवेशन (1936) पहला ग्रामीण अधिवेशन था।
प्रश्न 11: ‘सती प्रथा’ का अंत किस गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुआ?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: सती प्रथा का अंत भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1829 में राजा राममोहन राय के प्रयासों से किया।
संदर्भ और विस्तार: बेंटिंक ने ‘बंगाल सती रेगुलेशन एक्ट’ पारित किया, जिसने बंगाल प्रेसीडेंसी में सती प्रथा को अवैध घोषित किया। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार था जिसने भारत में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया।
गलत विकल्प: लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 12: भारत के किस वायसराय ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: लॉर्ड कर्जन, जो 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय रहे, ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया।
संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश सरकार ने इस विभाजन का कारण प्रशासनिक सुविधा बताया, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और आम जनता ने इसे ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का हिस्सा माना। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन चलाया गया।
गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने विलय की नीतियां लागू कीं। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट जैसे कड़े कानून लागू किए। लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ने बंगाल विभाजन को रद्द किया था।
प्रश्न 13: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1905, अमेरिका
- 1913, कनाडा
- 1913, अमेरिका
- 1914, जर्मनी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में हुई थी।
संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों ने मिलकर इसकी स्थापना की। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक पत्र भी प्रकाशित किया, जो क्रांति का संदेश फैलाता था।
गलत विकल्प: 1905 में बंग-भंग आंदोलन हुआ। कनाडा में भी गदर से जुड़े लोग थे, लेकिन स्थापना अमेरिका में हुई। जर्मनी में भी क्रांतिकारी गतिविधियां हुईं, लेकिन गदर पार्टी का संबंध अमेरिका से है।
प्रश्न 14: सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल कौन सा है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धौलावीरा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: ऐतिहासिक रूप से, मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान में) को सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा शहर माना जाता रहा है।
संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो अपने सुनियोजित नगर नियोजन, ग्रेट बाथ, और विशाल स्नानागार जैसी संरचनाओं के लिए जाना जाता है। हालांकि, हाल के कुछ शोधों में राखीगढ़ी (भारत) को भी एक बहुत बड़ा स्थल बताया गया है, लेकिन पारंपरिक और सर्वाधिक स्वीकृत उत्तर मोहनजोदड़ो ही है।
गलत विकल्प: हड़प्पा दूसरा सबसे बड़ा स्थल था। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था। धौलावीरा एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, लेकिन मोहनजोदड़ो से बड़ा नहीं।
प्रश्न 15: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद का गठन किस साम्राज्य में किया गया था?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- चालुक्य साम्राज्य
- मराठा साम्राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद का गठन मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज ने किया था।
संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान शिवाजी के प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग थी, जिसमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (राजकीय पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धार्मिक कार्य), सेनापति (सेना प्रमुख), न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) और सुमंत (गुप्तचर प्रमुख) जैसे पद शामिल थे।
गलत विकल्प: मौर्य और गुप्त साम्राज्यों में भी मंत्री परिषदें होती थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शब्द विशेष रूप से मराठा प्रशासन से जुड़ा है।
प्रश्न 16: प्रथम गोलमेज सम्मेलन कहाँ आयोजित हुआ था?
- दिल्ली
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- पेरिस
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930-1931) लंदन में आयोजित हुआ था।
संदर्भ और विस्तार: यह सम्मेलन भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था। भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन ने इस सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को देखते हुए इसमें भाग नहीं लिया।
गलत विकल्प: अन्य शहर महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय केंद्र थे, लेकिन गोलमेज सम्मेलन लंदन में हुए थे।
प्रश्न 17: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था।
संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इसके तहत कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया और दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए सहमत हुई, जबकि सरकार ने कुछ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और नमक सत्याग्रह की कुछ मांगों को मानने पर सहमति व्यक्त की।
गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ, और 1932 में पूना पैक्ट हुआ।
प्रश्न 18: सिकंदर महान का भारत पर आक्रमण कब हुआ?
- 326 ईसा पूर्व
- 320 ईसा पूर्व
- 330 ईसा पूर्व
- 315 ईसा पूर्व
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: महान सिकंदर (Alexander the Great) ने 326 ईसा पूर्व में पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया था।
संदर्भ और विस्तार: उसने झेलम नदी (हाइडespaces) के तट पर राजा पोरस (पौरव) के साथ प्रसिद्ध ‘हाइडespaces का युद्ध’ लड़ा था, जिसमें सिकंदर विजयी हुआ था। हालाँकि, भीषण गर्मी और सैनिकों की थकान के कारण उसे भारत से वापस लौटना पड़ा।
गलत विकल्प: अन्य तिथियाँ सिकंदर के भारत अभियान से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 19: ‘दासबोध’ नामक ग्रंथ के रचनाकार कौन थे?
- तुकाराम
- रामदास
- एकनाथ
- समर्थ रामदास
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: ‘दासबोध’ नामक महत्वपूर्ण ग्रंथ के रचनाकार समर्थ रामदास थे, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु थे।
संदर्भ और विस्तार: दासबोध एक आध्यात्मिक और व्यावहारिक जीवन दर्शन पर आधारित पुस्तक है, जो मराठी भाषा में लिखी गई है। यह भक्ति, कर्म और ज्ञान के समन्वय पर जोर देती है।
गलत विकल्प: तुकाराम, एकनाथ और अन्य संत कवि थे जिनकी अपनी रचनाएँ थीं, लेकिन दासबोध समर्थ रामदास की विशिष्ट रचना है।
प्रश्न 20: भारत में ‘प्रथम कारखाना अधिनियम’ कब पारित हुआ?
- 1881
- 1883
- 1885
- 1890
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: भारत में पहला कारखाना अधिनियम 1881 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में पारित हुआ था।
संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम को नियंत्रित करना और औद्योगिक श्रमिकों की काम करने की स्थितियों में सुधार करना था। इसने सात वर्ष से कम आयु के बच्चों के कारखानों में काम करने पर प्रतिबंध लगाया और सात से बारह वर्ष के बच्चों के लिए कार्य दिवस को सीमित किया।
गलत विकल्प: अन्य विकल्प या तो बहुत बाद के हैं या किसी अन्य प्रकार के कानून से जुड़े हैं।
प्रश्न 21: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- भगत सिंह
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का प्रसिद्ध नारा क्रांतिकारी नेता भगत सिंह ने लोकप्रिय बनाया था।
संदर्भ और विस्तार: यह नारा असल में मौलाना हसरत मोहानी द्वारा उर्दू में लिखा गया था। 1929 में केंद्रीय विधानमंडल में बम फेंकने के बाद भगत सिंह और उनके साथियों ने इसी नारे को बुलंद किया था। इस नारे का अर्थ है ‘क्रांति की जय हो’ या ‘सर्वहारा क्रांति की जय हो’।
गलत विकल्प: गांधीजी, नेहरू और बोस के अपने प्रसिद्ध नारे थे, लेकिन इंकलाब जिंदाबाद भगत सिंह के आंदोलन से सबसे अधिक जुड़ा है।
प्रश्न 22: प्रसिद्ध ‘दास प्रथा’ (Slave Dynasty) की स्थापना किसने की थी?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- रजिया सुल्तान
- बलबन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: दिल्ली सल्तनत की पहली राजवंश, जिसे ‘दास राजवंश’ या ‘गुलाम राजवंश’ के नाम से जाना जाता है, की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी।
संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक मोहम्मद गोरी का एक गुलाम था, जिसने गोरी की मृत्यु के बाद 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की नींव रखी। उसका राजवंश इसलिए दास राजवंश कहलाता है क्योंकि उसके प्रारंभिक शासक या तो गुलाम थे या गुलामों के गुलाम।
गलत विकल्प: इल्तुतमिश ऐबक का गुलाम और उत्तराधिकारी था। रजिया सुल्तान इल्तुतमिश की पुत्री थी। बलबन भी गुलाम वंश का ही शासक था, लेकिन स्थापना ऐबक ने की थी।
प्रश्न 23: ‘पानीपत का प्रथम युद्ध’ किनके बीच हुआ था?
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- अकबर और हेमू
- शेरशाह सूरी और हुमायूँ
- अकबर और बहादुर शाह जफर
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 ईस्वी में मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर और दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था।
संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में बाबर ने अपनी ‘तुलगमा’ युद्ध रणनीति का प्रयोग करके इब्राहिम लोदी को निर्णायक रूप से हराया। इस विजय ने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
गलत विकल्प: पानीपत का द्वितीय युद्ध अकबर और हेमू के बीच (1556) और तृतीय युद्ध अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच (1761) हुआ था। शेरशाह सूरी और हुमायूँ के बीच चौसा और कन्नौज के युद्ध हुए थे।
प्रश्न 24: ‘गयासुद्दीन तुगलक’ ने किस उपाधि के साथ सल्तनत पर शासन किया?
- सैय्यद
- खान
- गाजी मालिक
- सुल्तान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: गयासुद्दीन तुगलक, जिसने तुगलक वंश की स्थापना की, मूल रूप से ‘गाजी मलिक’ के नाम से जाना जाता था।
संदर्भ और विस्तार: जब उसने 1320 ईस्वी में दिल्ली की गद्दी संभाली, तो उसने ‘गाजी मलिक’ उपाधि के साथ शासन करना शुरू किया, जिसका अर्थ है ‘विधर्मी का हत्यारा’। उसने सल्तनत को मजबूत किया और तुगलक वंश की शुरुआत की।
गलत विकल्प: ‘सैय्यद’ और ‘खान’ अन्य उपाधियाँ थीं, और ‘सुल्तान’ सामान्य उपाधि थी, लेकिन उसकी व्यक्तिगत पहचान और प्रारंभिक उपाधि ‘गाजी मलिक’ थी।
प्रश्न 25: भारत के किस वायसराय ने ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ पारित किया था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
सटीकता: वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878 में वायसराय लॉर्ड लिटन द्वारा पारित किया गया था।
संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले समाचार-पत्रों पर नियंत्रण रखना था, क्योंकि सरकार को डर था कि वे ब्रिटिश विरोधी भावना को भड़का सकते हैं। इस अधिनियम ने प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर अंकुश लगाए और इसकी आलोचना भी हुई।
गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड डलहौजी ने विलय की नीतियां लागू कीं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सामाजिक सुधार किए थे।
Post Views: 24