इतिहास की रणभेरी: 25 प्रश्नों के साथ करें अपने ज्ञान का अभूतपूर्व मूल्यांकन!
आइए, इतिहास के विशाल सागर में एक रोमांचक यात्रा पर चलें! आज हम समय के गलियारों से गुज़रते हुए, प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग की निर्णायक घटनाओं तक, अपने ज्ञान की परख करेंगे। यह 25 प्रश्नों का अनूठा संगम आपको न केवल अपनी तैयारियों को मज़बूत करने का अवसर देगा, बल्कि हर उत्तर के पीछे छिपे गहन ऐतिहासिक संदर्भों से भी आपको परिचित कराएगा। तो कमर कस लीजिए, यह आपके ऐतिहासिक ज्ञान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का समय है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से एक बंदरगाह (डॉकयार्ड) के अवशेष प्राप्त हुए हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धोलावीरा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लोथल, जो गुजरात में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जहाँ से एक कृत्रिम ईंटों से निर्मित बंदरगाह (डॉकयार्ड) के साक्ष्य मिले हैं। यह स्थल अपनी उन्नत शहरी नियोजन और व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल का बंदरगाह उस समय के समुद्री व्यापार के महत्व को दर्शाता है। यहाँ से प्राप्त एक विशाल ईंटों की संरचना को डॉकयार्ड माना जाता है। यह मेसोपोटामिया और मिस्र जैसी समकालीन सभ्यताओं के साथ व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो महानगरीय शहर थे, लेकिन उनके पास लोथल जैसे विशिष्ट बंदरगाह के साक्ष्य नहीं हैं। धोलावीरा भी एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो अपने जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन बंदरगाह के लिए नहीं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहां
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल: 1556-1605) ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन की शुरुआत की, जिसे वे सभी धर्मों के सार को मिलाकर एक सार्वभौमिक धर्म बनाना चाहते थे।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दीन-ए-इलाही’ का शाब्दिक अर्थ है ‘ईश्वर का धर्म’। अकबर ने इसे 1582 में शुरू किया था। यह विभिन्न धर्मों, जैसे इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म आदि के सिद्धांतों का एक संयोजन था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और अपने साम्राज्य में एकता स्थापित करना था। हालांकि, यह अधिक लोकप्रिय नहीं हुआ और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी।
- गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब ने अकबर की इस धार्मिक नीति का पालन नहीं किया; बल्कि, औरंगजेब ने इस्लामी कट्टरता को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 3: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड किस शहर में हुआ था?
- दिल्ली
- मुंबई
- कोलकाता
- अमृतसर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था। यह ब्रिटिश भारतीय सेना के ब्रिगेडियर-जनरल रेजिनाल्ड डायर के आदेश पर हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: उस दिन, अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा आयोजित की गई थी, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। ब्रिटिश सरकार द्वारा रोलेट एक्ट के विरोध में लोग एकत्रित हुए थे। ब्रिगेडियर डायर ने अपने सैनिकों को बिना किसी चेतावनी के भीड़ पर गोलियां चलाने का आदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप हजारों लोग मारे गए और घायल हुए। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।
- गलत विकल्प: दिल्ली, मुंबई और कोलकाता उस समय ब्रिटिश भारत के प्रमुख शहर थे, लेकिन जलियांवाला बाग नरसंहार अमृतसर में ही घटित हुआ था।
प्रश्न 4: मेसोपोटामिया सभ्यता किन दो नदियों के बीच विकसित हुई?
- नील और कांगो
- सिंधु और झेलम
- टाइगरिस और यूफ्रेट्स
- यांग्त्ज़ी और पीली नदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मेसोपोटामिया, जिसका अर्थ है ‘दो नदियों के बीच की भूमि’, प्राचीन काल में टाइगरिस (दजला) और यूफ्रेट्स (फरात) नदियों के बीच के उपजाऊ क्षेत्र में विकसित हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्षेत्र आज के इराक का हिस्सा है। इस क्षेत्र में सुमेरियन, अक्कादियन, बेबीलोनियन और एसिरियन जैसी प्रमुख सभ्यताएं फली-फूलीं। इन नदियों ने कृषि के लिए आवश्यक पानी और उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी प्रदान की, जो सभ्यता के विकास के लिए महत्वपूर्ण थी।
- गलत विकल्प: नील नदी मिस्र की सभ्यता से जुड़ी है, सिंधु और झेलम नदियां भारतीय उपमहाद्वीप से, और यांग्त्ज़ी और पीली नदी चीन से जुड़ी हैं।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेवराय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय प्रथम
- मलिकार्जुन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ये तुंगभद्रा नदी के तट पर विजयनगर शहर की स्थापना करके दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य की नींव रखना चाहते थे, जो उत्तर से आने वाले मुस्लिम आक्रमणों का मुकाबला कर सके। विजयनगर साम्राज्य अपनी कला, वास्तुकला, साहित्य और समृद्ध व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। कृष्णदेवराय इस वंश के सबसे प्रतापी शासकों में से एक थे।
- गलत विकल्प: कृष्णदेवराय विजयनगर के एक महान शासक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय प्रथम और मलिकार्जुन अन्य महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?
- कार्ल मार्क्स
- सर जॉन लॉरेंस
- सर सैयद अहमद खान
- विनायक दामोदर सावरकर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विनायक दामोदर सावरकर (जिन्हें वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है) ने अपनी पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ में 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ के रूप में वर्णित किया।
- संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इस विद्रोह को केवल एक सिपाही विद्रोह मानने से इनकार कर दिया और इसे सुनियोजित राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए पहला संगठित प्रयास बताया। यह संज्ञा ऐतिहासिक लेखन में महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह विद्रोह को व्यापक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करती है।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘पूर्वी व्यवस्था का अंतिम महान विद्रोह’ कहा था। सर जॉन लॉरेंस और सर सैयद अहमद खान जैसे तत्कालीन इतिहासकारों ने इसे केवल एक सैनिक विद्रोह के रूप में देखा।
प्रश्न 7: कौटिल्य का ‘अर्थशास्त्र’ मुख्य रूप से किस विषय पर केंद्रित है?
- कला और वास्तुकला
- सैन्य रणनीति
- शासन कला और अर्थशास्त्र
- धार्मिक अनुष्ठान
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है) द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो मुख्य रूप से शासन कला, कूटनीति, राज्य-व्यवस्था, कानून और आर्थिक नीति जैसे विषयों पर केंद्रित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में उनके प्रधानमंत्री कौटिल्य द्वारा लिखा गया था। इसमें राज्य की नीतियों, प्रशासन, न्याय व्यवस्था, नागरिक और सैन्य गतिविधियों, वित्त, व्यापार और विदेशी संबंधों सहित शासन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है। इसे अक्सर प्राचीन भारत का ‘राजनीतिक विज्ञान’ का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
- गलत विकल्प: यद्यपि इसमें सैन्य रणनीति का भी उल्लेख है, यह इसका प्राथमिक या एकमात्र विषय नहीं है। यह कला, वास्तुकला या धार्मिक अनुष्ठानों पर विस्तृत रूप से केंद्रित नहीं है।
प्रश्न 8: ‘गांधी-इरविन समझौता’ किस वर्ष हुआ था?
- 1928
- 1929
- 1930
- 1931
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन और महात्मा गांधी के बीच हुआ था। यह सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) के संदर्भ में महत्वपूर्ण था। समझौते के तहत, कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि सरकार ने कुछ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और समुद्र तटों पर नमक बनाने की अनुमति देने जैसे उपायों पर सहमत हुई। इस समझौते ने दूसरे गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में कांग्रेस की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन भारत आया था, 1929 में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी, और 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था।
प्रश्न 9: हड़प्पा सभ्यता में विशाल स्नानागार (Great Bath) कहाँ से प्राप्त हुआ है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित) से हड़प्पा सभ्यता का विशाल स्नानागार प्राप्त हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सार्वजनिक स्नान के लिए एक बड़ा, जलरोधक टैंक था, जो ईंटों से बना था और जिसमें सीढ़ियाँ थीं। इसे संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों या सामूहिक स्नान के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके चारों ओर कमरे और गलियारे भी थे। मोहनजोदड़ो के ‘ग्रेट बाथ’ को हड़प्पा सभ्यता की उन्नत इंजीनियरिंग और शहरी नियोजन का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा, लोथल और कालीबंगन अन्य महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल हैं, लेकिन विशाल स्नानागार का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध उदाहरण मोहनजोदड़ो से ही मिला है।
प्रश्न 10: ‘सप्तवर्षीय युद्ध’ (Seven Years’ War) किन प्रमुख यूरोपीय शक्तियों के बीच लड़ा गया था?
- फ्रांस और स्पेन
- ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस
- जर्मनी और ऑस्ट्रिया
- रूस और ओटोमन साम्राज्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सप्तवर्षीय युद्ध (1756-1763) मुख्य रूप से ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच लड़ा गया था, हालांकि इसमें यूरोप, उत्तरी अमेरिका और भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में अन्य देश भी शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध को अक्सर ‘पहला विश्व युद्ध’ कहा जाता है क्योंकि यह वास्तव में वैश्विक स्तर पर लड़ा गया था। यह युद्ध औपनिवेशिक प्रभुत्व, विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका (जहां इसे फ्रांसीसी और भारतीय युद्ध के रूप में जाना जाता है) और भारत में ब्रिटिश और फ्रांसीसी विस्तार की प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित था। इस युद्ध में ब्रिटेन की निर्णायक जीत हुई, जिसने उसे विश्व की प्रमुख औपनिवेशिक शक्ति बना दिया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प ऐतिहासिक युद्धों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन सप्तवर्षीय युद्ध ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच संघर्ष का मुख्य केंद्र था।
प्रश्न 11: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गुप्त वंश के शासक समुद्रगुप्त (लगभग 335-380 ई.) को उनकी विजयों और साम्राज्य विस्तार के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने दी थी। समुद्रगुप्त ने एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया था, जिसमें उत्तर भारत के अधिकांश भाग और दक्षिण भारत के कुछ राज्य भी शामिल थे। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनकी सैन्य उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन मिलता है, जिसमें उनकी असंख्य लड़ाइयों और विजयों का उल्लेख है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य के संस्थापक थे, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) एक महान शासक थे, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया, लेकिन ‘भारत का नेपोलियन’ उपाधि समुद्रगुप्त से जुड़ी है।
प्रश्न 12: ‘स्वराज पार्टी’ की स्थापना कब हुई थी?
- 1919
- 1920
- 1922
- 1923
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: स्वराज पार्टी (जिसे कांग्रेस-खिलाफत स्वराज पार्टी भी कहा जाता है) की स्थापना 1923 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना मोतीलाल नेहरू और सी. आर. दास ने की थी। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर एक राजनीतिक दल था जिसने परिषदों (Legislative Councils) में प्रवेश करने और विधायी निकायों के भीतर से सरकार की नीतियों का विरोध करने की वकालत की। असहयोग आंदोलन (1920-22) के स्थगित होने के बाद यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना थी।
- गलत विकल्प: 1919 में रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुए थे, 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था, और 1922 में चौरी-चौरा की घटना के कारण आंदोलन स्थगित हुआ था।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन वैदिक काल में ‘सभा’ और ‘समिति’ नामक दो प्रमुख जनसभाओं का उल्लेख करता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अथर्ववेद में ‘सभा’ और ‘समिति’ नामक दो प्रमुख जनसभाओं का उल्लेख मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल (लगभग 1500-1000 ईसा पूर्व) में ‘सभा’ को बुजुर्गों या कुलीन लोगों की परिषद के रूप में और ‘समिति’ को आम लोगों की सभा के रूप में समझा जाता है। ये दोनों सभाएं राजनीतिक और सामाजिक मामलों पर चर्चा करती थीं और राजा को सलाह देती थीं। अथर्ववेद, जो उत्तर-वैदिक काल की रचना है, इन संस्थाओं की भूमिका और महत्व को इंगित करता है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद में इन दोनों के कुछ उल्लेख मिलते हैं, लेकिन अथर्ववेद में इन्हें अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है और उनके कार्यों का विस्तृत वर्णन है। यजुर्वेद और सामवेद मुख्य रूप से कर्मकांडों पर केंद्रित हैं।
प्रश्न 14: 1905 में बंगाल के विभाजन के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो II
- लॉर्ड हार्डिंग्ज
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1905 में बंगाल के विभाजन के समय भारत के वायसराय लॉर्ड कर्जन थे।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने 16 अक्टूबर 1905 को बंगाल का विभाजन किया था, जिसके पीछे प्रशासनिक सुविधा का तर्क दिया गया था, लेकिन इसका असली उद्देश्य राष्ट्रीय आंदोलन को कमजोर करना और बंगाल को धार्मिक आधार पर बांटना था। इस विभाजन ने पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया, जिसने स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड मिंटो II मार्ले-मिंटो सुधार (1909) से जुड़े थे, लॉर्ड हार्डिंग्ज ने दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने की घोषणा की थी, और लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 15: ‘इक्ता प्रणाली’ किसने शुरू की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इक्ता प्रणाली को दिल्ली सल्तनत में शमसुद्दीन इल्तुतमिश (1211-1236) द्वारा व्यवस्थित रूप से शुरू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: ‘इक्ता’ का अर्थ है भूमि का एक टुकड़ा या राजस्व का अधिकार जो एक अधिकारी को उसके वेतन के बदले या सैन्य सेवा के बदले में दिया जाता था। इल्तुतमिश ने इक्ता प्रणाली को प्रशासनिक और सैन्य संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया, जिससे राज्य की राजस्व प्रणाली को केंद्रीकृत करने और सैन्य शक्ति को मजबूत करने में मदद मिली। इसने भारतीय उपमहाद्वीप में सामंतवाद जैसी व्यवस्था की शुरुआत की।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक संस्थापक थे, बलबन ने राजत्व के दैवीय सिद्धांत पर बल दिया, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की।
प्रश्न 16: इटली के एकीकरण (Unification of Italy) का मुख्य सूत्रधार कौन माना जाता है?
- ज्यूसेप गैरीबाल्डी
- काउंट कैमिलो डी कैवोर
- किंग विक्टर इमैनुएल II
- ज्यूसेप मैज़िनी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: काउंट कैमिलो डी कैवोर, जो पीडमोंट-सार्डिनिया के प्रधानमंत्री थे, को इटली के एकीकरण का मुख्य राजनीतिक और कूटनीतिक सूत्रधार माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: कैवोर ने 19वीं शताब्दी के मध्य में इटली के विभिन्न राज्यों को एक एकल राष्ट्र के रूप में एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पीडमोंट-सार्डिनिया की आर्थिक और सैन्य शक्ति को मजबूत किया और फ्रांस जैसे शक्तिशाली देशों के साथ कूटनीतिक गठबंधन बनाए, जिससे ऑस्ट्रिया के प्रभाव को कम किया जा सके। गैरीबाल्डी ने सैन्य अभियानों के माध्यम से दक्षिणी इटली को एकजुट करने में मदद की, जबकि मैज़िनी ने राष्ट्रवादी विचारों का प्रसार किया।
- गलत विकल्प: गैरीबाल्डी और मैज़िनी महत्वपूर्ण थे, लेकिन कैवोर की कूटनीति और राजनीतिक कौशल के बिना एकीकरण संभव नहीं था। विक्टर इमैनुएल II एकीकृत इटली के पहले राजा बने।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘सूफीवाद’ के बारे में सही नहीं है?
- यह इस्लाम का एक रहस्यवादी दृष्टिकोण है।
- सूफी ईश्वर की भक्ति और प्रेम पर जोर देते हैं।
- सूफी कठोरतापूर्वक शरिया का पालन करते हैं।
- सूफी अक्सर एकांतवास और ध्यान करते थे।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: यह कहना कि सूफी कठोरतापूर्वक शरिया का पालन करते थे, पूरी तरह सही नहीं है, हालांकि वे उसका आदर करते थे। सूफीवाद का मूल सार ईश्वर के प्रति प्रेम, व्यक्तिगत अनुभव और आत्मा की शुद्धि पर केंद्रित है, जो कभी-कभी शरिया की शाब्दिक व्याख्या से परे जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: सूफीवाद इस्लाम के भीतर एक आध्यात्मिक और रहस्यवादी आंदोलन है जो ईश्वर की निकटता प्राप्त करने के लिए आंतरिक शुद्धि, ध्यान, प्रेम और भक्ति पर जोर देता है। जबकि अधिकांश सूफी विद्वानों ने इस्लामी कानून (शरिया) का पालन किया, उनका मुख्य ध्यान ईश्वर से सीधा, व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना था, जो अक्सर बाहरी अनुष्ठानों से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता था। कुछ सूफी फकीरों ने शरिया की पारंपरिक व्याख्या को चुनौती भी दी।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सूफीवाद की प्रमुख विशेषताओं का सटीक वर्णन करते हैं।
प्रश्न 18: ‘फ्रेंच क्रांति’ का क्या तात्कालिक कारण था?
- अमेरिकी क्रांति का प्रभाव
- अमीर और गरीब के बीच बढ़ता सामाजिक तनाव
- गंभीर वित्तीय संकट और बढ़ते राष्ट्रीय ऋण
- लुई XVI का निरंकुश शासन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण देश का गंभीर वित्तीय संकट और उस पर बढ़ता हुआ राष्ट्रीय ऋण था।
- संदर्भ और विस्तार: कई वर्षों के युद्धों (विशेषकर अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी) और शाही खर्चों के कारण फ्रांस का खजाना खाली हो गया था। राजा लुई XVI को इस संकट से निपटने के लिए नए कर लगाने के लिए एस्टेट्स-जनरल (Estates-General) की बैठक बुलानी पड़ी, जो लगभग 175 वर्षों से नहीं बुलाई गई थी। इस बैठक ने क्रांति की चिंगारी सुलगाई, क्योंकि तीसरे एस्टेट (आम लोगों) ने अधिक राजनीतिक अधिकार की मांग की।
- गलत विकल्प: अमेरिकी क्रांति का प्रभाव, सामाजिक तनाव और राजा का निरंकुश शासन भी क्रांति के कारण थे, लेकिन वित्तीय संकट वह तात्कालिक कारण बना जिसने अभूतपूर्व स्थिति को जन्म दिया।
प्रश्न 19: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर इस राजनीतिक दल का गठन किया था। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक कट्टरपंथी राष्ट्रवादी समूह था, जो प्रत्यक्ष कार्रवाई और सैन्य संघर्ष के माध्यम से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने में विश्वास रखता था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, बोस ने धुरी शक्तियों (Axis Powers) के साथ मिलकर भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने का प्रयास किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, और उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना में कोई भूमिका नहीं निभाई।
प्रश्न 20: प्रथम बौद्ध संगीति (First Buddhist Council) का आयोजन किस स्थान पर हुआ था?
- सारनाथ
- राजगृह
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन ईसा पूर्व छठी शताब्दी में राजगृह (वर्तमान राजगीर) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगीति बुद्ध के महापरिनिर्वाण (मृत्यु) के तुरंत बाद आयोजित की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (धम्म) और भिक्षुओं के अनुशासनात्मक नियमों (विनय) को संकलित करना था। इस संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी, और मगध के राजा अजातशत्रु ने इसका संरक्षण प्रदान किया था।
- गलत विकल्प: सारनाथ वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। वैशाली में दूसरी बौद्ध संगीति हुई थी, और पाटलिपुत्र में तीसरी।
प्रश्न 21: ‘दास प्रथा’ (Slavery) का उन्मूलन किस ब्रिटिश वायसराय के कार्यकाल में हुआ?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत में दास प्रथा का उन्मूलन 1843 में गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिंक के कार्यकाल में हुआ था, हालांकि इस संबंध में कानून 1833 के चार्टर एक्ट के तहत पारित किया गया था और इसे पूरी तरह से लागू होने में कुछ समय लगा।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) भारत के उन गवर्नरों में से एक थे जिन्होंने सामाजिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया। 1833 के चार्टर एक्ट ने भारत में दासता को समाप्त करने का प्रावधान किया। 1843 में, अधिनियम V (Act V of 1843) पारित किया गया, जिसने भारत में दासता को कानूनी रूप से समाप्त कर दिया और दास व्यापार को अवैध घोषित कर दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856), लॉर्ड कैनिंग (1856-1862), और लॉर्ड लिटन (1876-1880) ने अन्य महत्वपूर्ण कार्य किए, लेकिन दासता का उन्मूलन बेंटिंक के कार्यकाल से जुड़ा है।
प्रश्न 22: ‘मराठा संघ’ (Maratha Confederacy) का अंतिम पेशवा कौन था?
- बाजीराव प्रथम
- बाजीराव द्वितीय
- माधवराव
- शिवाजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बाजीराव द्वितीय (शासनकाल: 1796-1818) मराठा संघ के अंतिम पेशवा थे।
- संदर्भ और विस्तार: बाजीराव द्वितीय के कमजोर शासन और आंतरिक कलह ने मराठा संघ को कमजोर कर दिया, जिसका लाभ उठाकर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने तीसरा आंग्ल-मराठा युद्ध (1817-1818) में उन्हें पराजित किया। इस युद्ध के बाद, मराठा संघ का अंत हो गया और बाजीराव द्वितीय को पेंशन देकर कानपुर के पास बिठूर भेज दिया गया।
- गलत विकल्प: बाजीराव प्रथम एक शक्तिशाली पेशवा थे जिन्होंने मराठा शक्ति का विस्तार किया। माधवराव एक सक्षम पेशवा थे, और शिवाजी मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे, न कि संघ के पेशवा।
प्रश्न 23: 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित किया गया था?
- लाहौर
- फैजपुर
- रामगढ़
- दिल्ली
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) का प्रस्ताव 1940 में रामगढ़ (वर्तमान झारखंड) में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: रामगढ़ अधिवेशन (1940) की अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने की थी। इसी अधिवेशन में महात्मा गांधी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह की योजना प्रस्तुत की थी, जो बाद में भारत छोड़ो आंदोलन का आधार बनी। हालांकि, ‘भारत छोड़ो’ का नारा और आंदोलन 1942 में बॉम्बे अधिवेशन में औपचारिक रूप से शुरू किया गया था, लेकिन प्रस्ताव का बीज रामगढ़ अधिवेशन में ही बोया गया था। (स्पष्टीकरण में सुधार: प्रश्न 1942 के प्रस्ताव के बारे में है, जो बॉम्बे अधिवेशन में पारित हुआ था, लेकिन अक्सर इसे रामगढ़ से जोड़ा जाता है क्योंकि उस समय की राजनीतिक दिशा वहीं तय हुई थी। स्पष्टीकरण को बॉम्बे पर केंद्रित करना अधिक सटीक होगा।)
- सही स्पष्टीकरण: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को मुंबई (तब बॉम्बे) में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष अधिवेशन में पारित किया गया था। इसी अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का प्रसिद्ध नारा दिया था।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन 1929 में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था, फैजपुर अधिवेशन 1936 में हुआ था, और दिल्ली में कोई विशेष अधिवेशन नहीं हुआ था जिसने इस आंदोलन को जन्म दिया हो।
प्रश्न 24: ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ को किस मुगल सम्राट ने भारत में व्यापार करने की अनुमति दी थी?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहां
- औरंगजेब
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार करने की प्रारंभिक अनुमति मुगल सम्राट जहांगीर ने प्रदान की थी।
- संदर्भ और विस्तार: 1612 में, कैप्टन विलियम हॉकिन्स को जहांगीर के दरबार में भेजा गया था, जिसने सूरत में एक फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति प्राप्त की। बाद में, 1615 में, सर थॉमस रो जहांगीर के दरबार में राजदूत के रूप में आए और उन्होंने भारत के कई हिस्सों में व्यापार करने की विस्तृत अनुमति प्राप्त की, जिससे कंपनी की भारत में स्थिति मजबूत हुई।
- गलत विकल्प: अकबर के समय में यूरोपीय संपर्क शुरू हुए थे, लेकिन कंपनी को औपचारिक अनुमति जहांगीर ने दी थी। शाहजहां और औरंगजेब के शासनकाल में कंपनी का प्रभाव बढ़ा, लेकिन शुरुआत जहांगीर के समय से हुई।
प्रश्न 25: ‘बी. आर. अम्बेडकर’ द्वारा बहिष्कृत भारत (Bahishkrit Bharat) नामक पत्रिका का प्रकाशन कब शुरू किया गया था?
- 1925
- 1927
- 1929
- 1932
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘बहिष्कृत भारत’ (Bahishkrit Bharat) नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन 1927 में शुरू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह पत्रिका दलितों (जिन्हें बहिष्कृत कहा जाता था) के अधिकारों के लिए लड़ने और उनके सामाजिक बहिष्कार के विरुद्ध जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। अम्बेडकर ने अपने लेखों और संपादकीय के माध्यम से समाज में व्याप्त असमानताओं, जाति व्यवस्था की क्रूरता और दलितों के उत्थान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। यह उनकी पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: अम्बेडकर ने अन्य पत्रिकाएं जैसे ‘मूकनायक’ (1920) और ‘जनता’ (1930) का भी प्रकाशन किया, लेकिन ‘बहिष्कृत भारत’ का प्रकाशन 1927 में हुआ था।