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इतिहास की महा-परीक्षा: 25 प्रश्नों का दैनिक रणक्षेत्र

इतिहास की महा-परीक्षा: 25 प्रश्नों का दैनिक रणक्षेत्र

नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! समय के गलियारों में एक और रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए। आज हम प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक दुनिया के उथल-पुथल भरे दौर तक, इतिहास के विस्तृत फलक पर अपनी समझ का परीक्षण करेंगे। अपनी कलम उठाइए, ज्ञान की मशाल जलाइए और इन 25 प्रश्नों के साथ अपने ऐतिहासिक ज्ञान को निखारें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से पक्की ईंटों का निर्माण और उपयोग के स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं?

  1. मोहनजोदड़ो
  2. हड़प्पा
  3. कालीबंगन
  4. लोथल

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसे ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है, सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक है। यहाँ से प्राप्त हुए भवनों और सड़कों में पक्की ईंटों का व्यापक और सुनियोजित उपयोग स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जो उस समय की उन्नत वास्तुकला का प्रतीक है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो से प्राप्त महास्नानागार, ग्रेट ग्रिड पैटर्न वाली सड़कें और ईंटों से बने विशाल भवन तत्कालीन शहरी नियोजन और निर्माण कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। यहाँ मिली ईंटें एक निश्चित अनुपात (आमतौर पर 4:2:1) में होती थीं, जो जलरोधी निर्माण में सहायक थीं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा भी पक्की ईंटों के उपयोग के लिए जाना जाता है, लेकिन मोहनजोदड़ो में इसका पैमाना और गुणवत्ता अधिक प्रभावशाली है। कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं, और लोथल से गोदी (डॉकयार्ड) के।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ ‘वेदांग’ का हिस्सा नहीं है?

  1. शिक्षा
  2. कल्प
  3. अर्थशास्त्र
  4. निरुक्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘अर्थशास्त्र’ एक प्राचीन भारतीय राजनीतिक ग्रंथ है, जिसे कौटिल्य (चाणक्य) ने लिखा था। यह राज्य कला, आर्थिक नीति और सैन्य रणनीति से संबंधित है, लेकिन यह वेदांग का हिस्सा नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: वेदांग वेदों को समझने में सहायक माने जाने वाले छह सहायक विषयों का समूह है: शिक्षा (उच्चारण), कल्प (कर्मकांड), व्याकरण (व्याकरण), निरुक्त (व्युत्पत्ति), छन्द (छंद), और ज्योतिष (खगोल विज्ञान)।
  • गलत विकल्प: शिक्षा, कल्प और निरुक्त तीनों वेदांग के अंग हैं। शिक्षा उच्चारण के नियमों से संबंधित है, कल्प कर्मकांडों का वर्णन करता है, और निरुक्त शब्दों की व्युत्पत्ति का अध्ययन है।

प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘सीताध्यक्ष’ का पद क्या था?

  1. भूमिकर विभाग का प्रमुख
  2. कृषि विभाग का प्रमुख
  3. वन विभाग का प्रमुख
  4. जल विभाग का प्रमुख

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मौर्य काल में ‘सीताध्यक्ष’ कृषि विभाग का प्रमुख अधिकारी होता था। ‘सीता’ शब्द का प्रयोग राजकीय भूमि से प्राप्त आय के लिए किया जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: कौटिल्य के अर्थशास्त्र में विभिन्न अध्यक्षों का उल्लेख है, जो विभिन्न विभागों के प्रभारी थे। सीताध्यक्ष का कार्य राजकीय कृषि भूमि की देखरेख करना, उसमें उत्पादन बढ़ाना और उनसे आय सुनिश्चित करना था।
  • गलत विकल्प: भूमिकर विभाग का प्रमुख ‘समाहर्ता’ कहलाता था। वन विभाग या जल विभाग के लिए विशिष्ट अध्यक्षों के नाम विभिन्न संदर्भों में मिलते हैं, लेकिन सीताध्यक्ष का सीधा संबंध कृषि से था।

प्रश्न 4: गुप्त काल में ‘रजत मुद्रा’ का सामान्य नाम क्या था?

  1. दीनार
  2. रूपक
  3. कार्षापण
  4. पणा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गुप्त काल में चाँदी के सिक्कों को ‘रूपक’ या ‘रूप्यक’ कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: गुप्त काल को भारत का ‘स्वर्ण युग’ माना जाता है, और इस दौरान सोने (दिनार), चाँदी (रूपक) और तांबे के सिक्के जारी किए गए थे। रूपक का वजन लगभग 3.37 ग्राम होता था और यह शुद्ध चाँदी से बना होता था।
  • गलत विकल्प: दीनार सोने के सिक्के थे। कार्षापण और पण प्राचीन भारत में विभिन्न धातुओं (मुख्यतः चाँदी) के सिक्कों के लिए प्रयुक्त होने वाले सामान्य शब्द थे, जो गुप्त काल से पहले भी प्रचलित थे।

प्रश्न 5: प्रसिद्ध ‘राजतरंगिणी’ के लेखक कौन हैं?

  1. बाणभट्ट
  2. कल्हण
  3. हर्षवर्धन
  4. चंद्रबरदाई

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘राजतरंगिणी’ के लेखक कल्हण हैं। यह कश्मीर का एक ऐतिहासिक ग्रंथ है।
  • संदर्भ और विस्तार: राजतरंगिणी (जिसका अर्थ है ‘राजाओं की नदी’) 12वीं शताब्दी में लिखी गई थी और यह कश्मीर के शासकों के इतिहास का विशद वर्णन करती है, जिसमें पौराणिक काल से लेकर 12वीं शताब्दी तक का इतिहास शामिल है। इसे भारतीय इतिहास लेखन में एक महत्वपूर्ण कृति माना जाता है।
  • गलत विकल्प: बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ लिखी। हर्षवर्धन स्वयं एक लेखक था और उसने ‘प्रियदर्शिका’, ‘रत्नावली’ और ‘नागानन्द’ लिखी। चंद्रबरदाई ने ‘पृथ्वीराज रासो’ लिखा।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ नामक एक नए विभाग की स्थापना की थी?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. गयासुद्दीन तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ विभाग की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विभाग भू-राजस्व (Revenue) की वसूली से संबंधित था, विशेष रूप से उन बकायादारों से जिनसे कर वसूलना बाकी था। इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय अनुशासन स्थापित करना और कर राजस्व को बढ़ाना था।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत का संस्थापक था। इल्तुतमिश ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) और ‘दीवान-ए-गुलाम’ (दास विभाग) जैसे विभाग स्थापित किए। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य का कौन सा शासक ‘गजBetker’ (हाथियों का शिकारी) के नाम से जाना जाता था?

  1. कृष्णदेवराय
  2. देवराय प्रथम
  3. देवराय द्वितीय
  4. बुक्का प्रथम

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: देवराय द्वितीय (शासनकाल 1422-1446 ई.) विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी शासकों में से एक था और उसे ‘गजBetker’ (अर्थात हाथियों का झुंड या बड़ा हाथी) के नाम से भी जाना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उसकी सैन्य शक्ति, विशेषकर हाथियों के प्रयोग में निपुणता को दर्शाती है। उसने अपनी सेना को मजबूत किया और कई युद्ध जीते। उसके शासनकाल में विजयनगर का वैभव चरम पर था।
  • गलत विकल्प: कृष्णदेवराय विजयनगर के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे, जिन्होंने कला और साहित्य को बढ़ावा दिया। देवराय प्रथम ने अपनी बहन का विवाह बहमनी सुल्तान फ़िरोज शाह से किया था। बुक्का प्रथम ने विजयनगर साम्राज्य की नींव रखने में हरिहर प्रथम का साथ दिया था।

प्रश्न 8: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किसने किया था?

  1. अकबर
  2. शिवाजी
  3. कृष्णदेवराय
  4. राजराज चोल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ का गठन मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान शिवाजी के मंत्रिमंडल की आठ मंत्रियों की एक परिषद थी, जो राज्य के विभिन्न प्रशासनिक और सैन्य कार्यों को संभालती थी। इन आठ मंत्रियों में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), पंडितराव (धार्मिक मामले), न्यायाधीश (न्यायाधीश), सेनापति (सैन्य कमांडर) और मंत्री (शाही पत्राचार) शामिल थे।
  • गलत विकल्प: अकबर ने ‘नवरत्न’ (नौ रत्न) की व्यवस्था की थी। कृष्णदेवराय के दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ कवि रहते थे। राजराज चोल एक महान चोल शासक था जिसने प्रशासनिक सुधार किए थे।

प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिक
  4. लॉर्ड लिटन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1857 के विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: विद्रोह के बाद, 1857 में ही भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया और कैनिंग भारत के पहले वाइसरॉय बने। उनके कार्यकाल में ही विद्रोह हुआ था, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी थी।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल (1848-1856) में ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया गया था, जिसे विद्रोह का एक प्रमुख कारण माना जाता है। लॉर्ड विलियम बेंटिक पहले गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड लिटन 1876-1880 तक वाइसरॉय रहे।

प्रश्न 10: ‘नील दर्पण’ नामक नाटक के लेखक कौन हैं?

  1. बंकिम चंद्र चटर्जी
  2. दिनबंधु मित्र
  3. सुब्रमण्यम भारती
  4. रवींद्रनाथ टैगोर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था और इसने बंगाल में नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों के शोषण और अत्याचारों को मार्मिक ढंग से चित्रित किया। इस नाटक ने नील विद्रोह (1859-60) के प्रति जनसमर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंद मठ’ लिखा, जिसमें ‘वंदे मातरम’ गीत था। सुब्रमण्यम भारती एक तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे। रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गीतांजलि’ लिखी, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला।

प्रश्न 11: चौरी-चौरा की घटना कब हुई थी?

  1. 1919
  2. 1920
  3. 1922
  4. 1923

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चौरी-चौरा की घटना 5 फरवरी 1922 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित चौरी-चौरा नामक स्थान पर, असहयोग आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इस हिंसक घटना से आहत होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
  • गलत विकल्प: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था। 1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 12: ‘होमरूल लीग’ की स्थापना बाल गंगाधर तिलक ने किस स्थान पर की थी?

  1. पूना
  2. मद्रास
  3. कोलकाता
  4. मुंबई

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: बाल गंगाधर तिलक ने अप्रैल 1916 में पूना में ‘इंडियन होमरूल लीग’ की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के तहत भारत के लिए स्व-शासन (होम रूल) प्राप्त करना था। एनी बेसेंट ने मद्रास में एक और होमरूल लीग की स्थापना की थी, और दोनों लीगों ने मिलकर भारत में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया। तिलक का नारा था, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।”
  • गलत विकल्प: एनी बेसेंट ने मद्रास में होमरूल लीग की स्थापना की थी। कोलकाता और मुंबई प्रमुख राजनीतिक केंद्र थे, लेकिन तिलक की होमरूल लीग का मुख्यालय पूना में था।

प्रश्न 13: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. मोतीलाल नेहरू

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद, सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के भीतर की राजनीतिक गतिविधियों से असंतुष्ट होकर फॉरवर्ड ब्लॉक नामक एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना की। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ अधिक आक्रामक और क्रांतिकारी रणनीति अपनाना था।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। मोतीलाल नेहरू भी एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता थे।

प्रश्न 14: किस वायसराय के कार्यकाल में प्रसिद्ध ‘रॉलेट एक्ट’ पारित हुआ था?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड मिंटो
  3. लॉर्ड चेम्सफोर्ड
  4. लॉर्ड डफरिन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) के कार्यकाल में 1919 में रॉलेट एक्ट पारित हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: रॉलेट एक्ट को ‘बिना दलील, बिना वकील, बिना अपील’ वाला कानून भी कहा जाता था। इसका उद्देश्य क्रांतिकारी गतिविधियों को दबाना था, लेकिन इसने भारतीयों के नागरिक अधिकारों का हनन किया, जिसके कारण पूरे देश में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए, जो बाद में जलियांवाला बाग हत्याकांड का कारण बना।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905) ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड मिंटो (1905-1910) ने मार्ले-मिंटो सुधार पेश किए थे। लॉर्ड डफरिन (1884-1888) के कार्यकाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 15: ‘तारीख-ए-अलाई’ (तारीख-ए-अलाई) का लेखक कौन है?

  1. अमीर खुसरो
  2. जियाउद्दीन बरनी
  3. इब्न बतूता
  4. अल-बिरूनी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘तारीख-ए-अलाई’ (या ‘किताब-अल-हिन्द’ के साथ-साथ ‘तुगलकनामा’ आदि) के लेखक अमीर खुसरो हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अमीर खुसरो मध्यकालीन भारत के एक महान कवि, विद्वान और इतिहासकार थे। उन्होंने अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल और विजयों का वर्णन ‘तारीख-ए-अलाई’ में किया है। वह अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं और उन्हें ‘भारत का तोता’ (तोता-ए-हिंद) भी कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ लिखी। इब्न बतूता मोरक्को का यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखी। अल-बिरूनी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था और उसने ‘किताब-अल-हिन्द’ लिखी।

प्रश्न 16: किस मुगल बादशाह ने ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: औरंगजेब ने 1679 ई. में जजिया कर को पुनः लागू किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: जजिया एक गैर-मुस्लिमों पर लगने वाला एक प्रकार का कर था। अकबर ने इसे समाप्त कर दिया था, लेकिन औरंगजेब ने धार्मिक कट्टरता के कारण इसे फिर से लागू कर दिया, जिससे हिंदुओं में असंतोष फैला।
  • गलत विकल्प: अकबर ने 1564 ई. में जजिया कर समाप्त कर दिया था। जहांगीर और शाहजहाँ ने भी इसे लागू नहीं किया था।

प्रश्न 17: ‘दो अस्पा’ और ‘सिंह अस्पा’ प्रणाली की शुरुआत किसने की थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘दो अस्पा’ (दो घोड़े वाले) और ‘सिंह अस्पा’ (तीन घोड़े वाले) प्रणाली की शुरुआत मुगल बादशाह जहांगीर ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह मनसबदारी व्यवस्था में एक सुधार था। इसके तहत, मनसबदारों को उनकी क्षमता के अनुसार घोड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे सेना की युद्ध क्षमता में वृद्धि हुई। यह प्रणाली जहांगीर के शासनकाल में बहुत महत्वपूर्ण हो गई थी।
  • गलत विकल्प: अकबर ने मनसबदारी प्रणाली की शुरुआत की थी, लेकिन इस विशेष सुधार को जहांगीर ने लागू किया। शाहजहाँ और औरंगजेब ने बाद में इस व्यवस्था को जारी रखा।

प्रश्न 18: ‘बक्सर का युद्ध’ कब हुआ था?

  1. 1761
  2. 1764
  3. 1765
  4. 1757

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: बक्सर का युद्ध 1764 ई. में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की निर्णायक जीत हुई, जिसने भारत में कंपनी के राजनीतिक प्रभुत्व की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ था, जिसने ब्रिटिश वर्चस्व की शुरुआत की। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था। 1765 में इलाहाबाद की संधि हुई थी, जिसने बक्सर के युद्ध के बाद की राजनीतिक व्यवस्था को औपचारिक रूप दिया।

प्रश्न 19: ‘The Spirit of Laws’ (द स्पिरिट ऑफ लॉज़) पुस्तक का लेखक कौन है, जिसका प्रभाव फ्रांसीसी क्रांति पर पड़ा?

  1. जॉन लॉक
  2. जीन-जैक्स रूसो
  3. वॉल्टेयर
  4. मोंटेस्क्यू

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘The Spirit of Laws’ (विधि की आत्मा) पुस्तक के लेखक बैरन डी मोंटेस्क्यू हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक 1748 में प्रकाशित हुई थी और इसमें मोंटेस्क्यू ने शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार सरकार की विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शक्तियाँ अलग-अलग संस्थाओं में निहित होनी चाहिए। इस विचार ने अमेरिकी और फ्रांसीसी क्रांतियों के विचारकों को गहराई से प्रभावित किया।
  • गलत विकल्प: जॉन लॉक ने ‘टू ट्रीटीज़ ऑफ गवर्नमेंट’ लिखी, जिसमें प्राकृतिक अधिकारों और सामाजिक अनुबंध का सिद्धांत था। जीन-जैक्स रूसो ने ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ लिखी। वॉल्टेयर ने धार्मिक सहिष्णुता और स्वतंत्रता की वकालत की।

प्रश्न 20: ‘मैग्ना कार्टा’ पर कब हस्ताक्षर किए गए थे, जिसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता की दिशा में पहला कदम माना जाता है?

  1. 1215
  2. 1258
  3. 1300
  4. 1485

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘मैग्ना कार्टा’ पर 15 जून 1215 को इंग्लैंड के राजा जॉन ने हस्ताक्षर किए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक शाही अधिकार पत्र (charter) था, जिस पर तत्कालीन राजा जॉन की शक्ति को सीमित करने के लिए बैरनों द्वारा दबाव डाला गया था। इसमें राजा को कानून के अधीन माना गया और कुछ निश्चित व्यक्तिगत स्वतंत्रताएं दी गईं, जैसे कि निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार। इसे आधुनिक संवैधानिक कानून की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है।
  • गलत विकल्प: अन्य तिथियाँ विभिन्न महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं से संबंधित हैं, लेकिन मैग्ना कार्टा 1215 में ही जारी हुआ था।

प्रश्न 21: ‘ऑल इंडिया हरिजन संघ’ की स्थापना किसने की थी?

  1. ज्योतिबा फुले
  2. डॉ. बी. आर. अंबेडकर
  3. महात्मा गांधी
  4. ई.वी. रामासामी पेरियार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘ऑल इंडिया हरिजन संघ’ की स्थापना महात्मा गांधी ने 1932 में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संघ का मुख्य उद्देश्य समाज में अस्पृश्यता (छुआछूत) का उन्मूलन करना और दलितों (जिन्हें गांधीजी ‘हरिजन’ कहते थे, अर्थात ईश्वर के लोग) के उत्थान के लिए कार्य करना था। गांधीजी ने इसके लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया और सार्वजनिक सभाओं में भाग लिया।
  • गलत विकल्प: ज्योतिबा फुले ने ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की थी। डॉ. बी. आर. अंबेडकर दलितों के प्रमुख नेता थे और उन्होंने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ जैसे संगठनों की स्थापना की। पेरियार ने ‘आत्मसम्मान आंदोलन’ चलाया।

प्रश्न 22: ‘आजाद हिंद फौज’ की स्थापना कहाँ हुई थी?

  1. दिल्ली
  2. सिंगापुर
  3. बैंकॉक
  4. लंदन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘आजाद हिंद फौज’ (Indian National Army – INA) की स्थापना मूल रूप से मोहन सिंह ने 1942 में सिंगापुर में की थी, लेकिन बाद में सुभाष चंद्र बोस ने इसका नेतृत्व संभाला और इसे पुनर्जीवित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, सुभाष चंद्र बोस ने जापानियों द्वारा पकड़े गए भारतीय युद्धबंदियों और मलाया व सिंगापुर में रहने वाले भारतीयों की सहायता से आजाद हिंद फौज का गठन किया। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था।
  • गलत विकल्प: बैंकॉक भी महत्वपूर्ण था, जहाँ बोस ने दौरा किया था, लेकिन स्थापना सिंगापुर में हुई थी। दिल्ली और लंदन प्रमुख केंद्र थे, लेकिन फौज की स्थापना बाहरी क्षेत्रों में हुई थी।

प्रश्न 23: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?

  1. न्यूयॉर्क
  2. लंदन
  3. सैन फ्रांसिस्को
  4. टोक्यो

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में स्थित था।
  • संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल जैसे भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा अमेरिका और कनाडा में रहने वाले भारतीय प्रवासियों को संगठित करने के लिए की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति को बढ़ावा देना था। ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया जाता था।
  • गलत विकल्प: न्यूयॉर्क, लंदन और टोक्यो भी प्रवासी भारतीय समुदायों के केंद्र थे, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य संगठनात्मक और प्रकाशन केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।

प्रश्न 24: किस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?

  1. कोलकाता अधिवेशन 1920
  2. लाहौर अधिवेशन 1929
  3. कराची अधिवेशन 1931
  4. त्रिपुरी अधिवेशन 1939

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का भी निश्चय किया गया था। यह प्रस्ताव भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ, जिसने भारत के अंतिम लक्ष्य को स्पष्ट कर दिया।
  • गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन 1920 में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था। कराची अधिवेशन 1931 में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति पर प्रस्ताव पारित हुआ था। त्रिपुरी अधिवेशन 1939 में सुभाष चंद्र बोस और गांधीजी के बीच मतभेद उभरे थे।

प्रश्न 25: ‘ट्रॉमन सिद्धांत’ (Truman Doctrine) की घोषणा कब की गई थी?

  1. 1945
  2. 1947
  3. 1949
  4. 1950

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘ट्रॉमन सिद्धांत’ की घोषणा 12 मार्च 1947 को अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रॉमन ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत शीत युद्ध की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण प्रतीक था। इसके तहत, अमेरिका ने उन देशों को आर्थिक और सैन्य सहायता देने का वादा किया जो साम्यवादी विस्तारवाद के खतरे का सामना कर रहे थे, विशेष रूप से ग्रीस और तुर्की को। इसने अमेरिका की विदेश नीति को ‘नियंत्रण’ (Containment) की नीति की ओर अग्रसर किया।
  • गलत विकल्प: 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ था। 1949 में नाटो (NATO) की स्थापना हुई थी। 1950 में कोरियाई युद्ध शुरू हुआ था।

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