इतिहास की परीक्षा: ज्ञान का महासंग्राम!
तैयार हो जाइए इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए! क्या आप अपनी ऐतिहासिक सूझबूझ को परखने के लिए तैयार हैं? यह दैनिक क्विज आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग और विश्व की महत्वपूर्ण घटनाओं तक ले जाएगा। हर सवाल आपके ज्ञान की गहराई को मापेगा। आइए, अतीत की परतों को खोलें और अपनी तैयारी को मजबूत करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक विशाल अन्नागार (granary) प्राप्त हुआ है?
- लोथल
- कालीबंगा
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो, सिन्धु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था, जहाँ से एक विशाल अन्नागार के अवशेष मिले हैं। यह संरचना आकार में काफी बड़ी थी और अन्न के भंडारण के लिए उपयोग की जाती थी।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) की खोज 1922 में राखालदास बनर्जी ने की थी। यहाँ से प्राप्त अन्नागार, सीढ़ीदार कुआं (Great Bath), और कांस्य नर्तकी की मूर्ति महत्वपूर्ण खोजें हैं। यह शहर अपनी सुनियोजित नगर रचना के लिए जाना जाता है।
- गलत विकल्प: लोथल एक गोदी (dockyard) के लिए प्रसिद्ध है। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं। हड़प्पा से भी अन्नागार मिले हैं, लेकिन मोहनजोदड़ो का अन्नागार अपनी विशालता के लिए अधिक जाना जाता है।
प्रश्न 2: “अष्टध्यायी” के लेखक कौन हैं, जो संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है?
- पतंजलि
- पाणिनि
- कात्यायन
- वररुचि
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: “अष्टध्यायी” के रचयिता महर्षि पाणिनि थे। यह पुस्तक 5वीं या 4थी शताब्दी ईसा पूर्व में लिखी गई थी और यह संस्कृत भाषा के व्याकरण का एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक अध्ययन प्रस्तुत करती है।
- संदर्भ और विस्तार: पाणिनि का कार्य इतना मौलिक और पूर्ण था कि इसे आज भी संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। इसमें लगभग 4,000 सूत्र (नियम) हैं, जो ध्वन्यात्मकता, रूप-रचना (morphology), और वाक्य-विन्यास (syntax) को कवर करते हैं।
- गलत विकल्प: पतंजलि ने “महाभाष्य” लिखा, जो पाणिनि के “अष्टध्यायी” पर एक महत्वपूर्ण टीका है। कात्यायन और वररुचि भी प्राचीन भारतीय विद्वान थे, लेकिन “अष्टध्यायी” के लेखक पाणिनि ही हैं।
प्रश्न 3: गुप्त काल में चीन से भारत आने वाला प्रसिद्ध चीनी यात्री कौन था?
- ह्वेन त्सांग
- इत्सिंग
- फाहियान
- सुंग युन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फाहियान (Fa-Hien) वह चीनी बौद्ध भिक्षु था जो गुप्त काल के दौरान (लगभग 399-414 ईस्वी) भारत आया था। उसने अपने यात्रा वृतांत ‘फो-कुओ-की’ (Records of Buddhist Kingdoms) में तत्कालीन भारतीय समाज, धर्म और संस्कृति का विस्तृत वर्णन किया है।
- संदर्भ और विस्तार: फाहियान चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के शासनकाल के दौरान भारत आया था। उसने मुख्य रूप से बौद्ध धर्म की जानकारी प्राप्त करने और पवित्र बौद्ध ग्रंथों को इकट्ठा करने के उद्देश्य से भारत की यात्रा की थी।
- गलत विकल्प: ह्वेन त्सांग (629-645 ईस्वी) हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था। इत्सिंग भी हर्षवर्धन के काल के बाद आया था। सुंग युन 518 ईस्वी में भारत आया था, फाहियान से काफी बाद में।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान “बाजार नियंत्रण” नीति के लिए जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ईस्वी) ने अपने साम्राज्य में महंगाई को नियंत्रित करने और सेना के लिए सस्ते रसद की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु कठोर बाजार नियंत्रण व्यवस्था लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने खाद्यान्न, कपड़े, और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए निश्चित मूल्य तय किए थे। उसने बाजार निरीक्षक (सहना-ए-मंडी) नियुक्त किए और मूल्य उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान था। उसने सेना के लिए ‘दस्तक’ (सैन्य वेतन के बदले रसद) का भी प्रचलन किया था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश और बलबन अपने प्रशासनिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन बाजार नियंत्रण उनकी मुख्य नीति नहीं थी। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी सांकेतिक मुद्रा और दोआब कर वृद्धि जैसी योजनाओं के लिए जाना जाता है, जिनका परिणाम अक्सर नकारात्मक रहा।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- 1336 ईस्वी
- 1347 ईस्वी
- 1400 ईस्वी
- 1300 ईस्वी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का राय प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थापित हुआ था और इसका केंद्र हम्पी था। विजयनगर साम्राज्य ने दक्षिण भारत में राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने अपने काल में कला, साहित्य और वास्तुकला को बहुत बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: 1347 ईस्वी में बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई थी। 1400 ईस्वी और 1300 ईस्वी अन्य प्रमुख घटनाओं से जुड़े नहीं हैं।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के भारतीय विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग थे।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) वह गवर्नर-जनरल थे जिनके कार्यकाल में 1857 का महान विद्रोह हुआ। विद्रोह के बाद, 1858 में ब्रिटिश ताज ने सीधे भारत का शासन अपने हाथ में ले लिया और भारत सरकार अधिनियम 1858 के तहत भारत का वायसराय पद सृजित किया गया, जिसमें लॉर्ड कैनिंग ही भारत के प्रथम वायसराय बने।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारण (जैसे ‘व्यपगत का सिद्धांत’ – Doctrine of Lapse) के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं, लेकिन वे विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल नहीं थे। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड कर्जन बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 7: “द फ्री इंडियन लीजन” की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- सुभाष चंद्र बोस
- भगत सिंह
- लाला लाजपत राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: “द फ्री इंडियन लीजन” (The Azad Hind Fauj का एक भाग) की स्थापना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: सुभाष चंद्र बोस ने जर्मनी में रहते हुए ‘इंडियन लीग’ की स्थापना की और उसके सदस्यों को मिलाकर ‘फ्री इंडियन लीजन’ का गठन किया, जिसमें मुख्य रूप से ब्रिटिश सेना के भारतीय युद्धबंदियों को शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। बाद में, वे सिंगापुर चले गए और वहाँ आज़ाद हिन्द फ़ौज का पुनर्गठन किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, भगत सिंह और लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे, लेकिन उन्होंने “द फ्री इंडियन लीजन” की स्थापना नहीं की।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ऋग्वेद के बारे में सत्य नहीं है?
- यह सबसे प्राचीन वेद है।
- इसमें 10 मंडल और 1028 सूक्त हैं।
- इसमें जादू-टोने से संबंधित सूक्तों को ‘अथर्ववेद’ कहा जाता है।
- इसे ‘संगीत का वेद’ भी कहा जाता है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है, जिसमें 10 मंडल और 1028 सूक्त हैं। इसमें प्रारंभिक काल के आर्यों के धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन का वर्णन मिलता है। जादू-टोने और तंत्र-मंत्र से संबंधित सूक्त अथर्ववेद का हिस्सा हैं, न कि ऋग्वेद का।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद के मंडल 2-7 को ‘वंशमंडल’ या ‘गोत्रमंडल’ कहा जाता है क्योंकि ये ऋषियों के वंश से संबंधित हैं। ऋग्वेद में इंद्र, अग्नि, सोम जैसे देवताओं की स्तुति की गई है। ‘संगीत का वेद’ सामवेद को कहा जाता है, क्योंकि इसमें गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) और (b) सत्य हैं। विकल्प (c) भी सत्य है क्योंकि यह ऋग्वेद से संबंधित गलत जानकारी को इंगित करता है (जादू-टोना अथर्ववेद में है)। विकल्प (d) गलत है क्योंकि सामवेद को संगीत का वेद कहा जाता है, ऋग्वेद को नहीं।
प्रश्न 9: प्रसिद्ध बौद्ध स्थल ‘सारनाथ’ किस नदी के तट पर स्थित है?
- गंगा
- यमुना
- गोदावरी
- वरुणा
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सारनाथ, जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था, वाराणसी के निकट वरुणा नदी के तट पर स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: बुद्ध ने लुम्बिनी में जन्म लिया, बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया, सारनाथ में पहला उपदेश (धर्मचक्रप्रवर्तन) दिया और कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया। सारनाथ का प्राचीन नाम ‘ऋषिपतन मृगदाव’ था।
- गलत विकल्प: गंगा भारत की प्रमुख नदी है, लेकिन सारनाथ उसके तट पर नहीं है। यमुना भी एक प्रमुख नदी है, जो गंगा से मिलती है। गोदावरी दक्षिण भारत की नदी है। वरुणा नदी ही सारनाथ के पास बहती है।
प्रश्न 10: “कुतुबमीनार” का निर्माण कार्य किसने शुरू करवाया था?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कुतुबमीनार का निर्माण कार्य दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक (1193-1199 ईस्वी) ने शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक ने सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में इसका निर्माण शुरू कराया था। हालांकि, वह केवल इसकी पहली मंजिल का निर्माण पूरा कर सका। इल्तुतमिश ने इसमें तीन और मंजिलें जुड़वाईं, और फिरोज शाह तुगलक ने इसके क्षतिग्रस्त ऊपरी मंजिलों की मरम्मत करवाई और एक और मंजिल जुड़वाई।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने निर्माण जारी रखा, लेकिन शुरू नहीं किया। अलाउद्दीन खिलजी और फिरोजशाह तुगलक ने इसमें बाद में योगदान दिया।
प्रश्न 11: भारत में “भूमि सुधार” का श्रेय किस मध्यकालीन शासक को दिया जाता है?
- शेरशाह सूरी
- अकबर
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शेरशाह सूरी (शासनकाल 1540-1545 ईस्वी) ने एक प्रभावी भूमि व्यवस्था प्रणाली लागू की, जिसमें भूमि का सर्वेक्षण, माप और ‘रैयतवाड़ी’ (किसानों से सीधा लगान वसूली) व्यवस्था शामिल थी।
- संदर्भ और विस्तार: शेरशाह सूरी ने लगान की दर को उपज का 1/3 भाग निश्चित किया और किसानों को पट्टा (दस्तावेज जिसमें लगान की राशि लिखी होती थी) और ‘कबूलियत’ (समझौता) की व्यवस्था शुरू की। उसने ‘सार’ (मुद्रा) का भी प्रचलन किया और सड़क-ए-आज़म (ग्रांड ट्रंक रोड) का निर्माण करवाया।
- गलत विकल्प: अकबर ने भी भूमि सुधार किए, जैसे ‘दहसाला’ व्यवस्था, लेकिन शेरशाह सूरी का कार्य अधिक मौलिक और जमीनी स्तर पर था। अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद बिन तुगलक की नीतियां भिन्न थीं।
प्रश्न 12: “ईस्ट इंडिया एसोसिएशन” की स्थापना 1866 में लंदन में किसने की थी?
- दादाभाई नौरोजी
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
- गोपाल कृष्ण गोखले
- फिरोजशाह मेहता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दादाभाई नौरोजी, जिन्हें ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है, ने 1866 में लंदन में “ईस्ट इंडिया एसोसिएशन” की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का उद्देश्य ब्रिटिश जनता और सरकार का ध्यान भारत की समस्याओं की ओर आकर्षित करना और भारत के प्रति ब्रिटिश नीतियों की आलोचना करना था। इसका गठन ब्रिटिश भारत संघ (British Indian Association) के बाद हुआ, जो अपने उद्देश्यों में असफल रहा था।
- गलत विकल्प: सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन नेशनल एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। गोपाल कृष्ण गोखले ने ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की। फिरोजशाह मेहता भी एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, लेकिन उन्होंने इस संस्था की स्थापना नहीं की।
प्रश्न 13: भारत का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान, “जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क”, किस राज्य में स्थित है?
- उत्तराखंड
- हिमाचल प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना 1936 में “हैली नेशनल पार्क” के नाम से हुई थी। इसका नाम प्रसिद्ध शिकारी और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट के सम्मान में रखा गया है। यह उद्यान बाघों के संरक्षण के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
- गलत विकल्प: अन्य राज्य भी राष्ट्रीय उद्यानों के लिए जाने जाते हैं, जैसे कान्हा (मध्य प्रदेश), रणथंभौर (राजस्थान), लेकिन जिम कॉर्बेट उत्तराखंड में है।
प्रश्न 14: “रेगुलेटिंग एक्ट 1773” के तहत किस शहर को भारत की राजधानी बनाया गया?
- दिल्ली
- मुंबई
- कलकत्ता
- मद्रास
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: रेगुलेटिंग एक्ट 1773 के तहत, कलकत्ता (कोलकाता) को ब्रिटिश भारत की राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने बंगाल के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर-जनरल के पद पर पदोन्नत किया और मद्रास और बंबई प्रेसीडेंसी को बंगाल प्रेसीडेंसी के अधीन कर दिया। इसका उद्देश्य कंपनी के प्रशासनिक और राजनीतिक कार्यों को एक केंद्रीयकृत रूप देना था।
- गलत विकल्प: दिल्ली बाद में राजधानी बनी। मुंबई (तब बंबई) और मद्रास प्रमुख प्रेसीडेंसी शहर थे, लेकिन इस अधिनियम ने कलकत्ता को प्रधानता दी।
प्रश्न 15: द्वितीय विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1941-1945
- 1935-1940
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चला।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध 1 सितंबर 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ और 2 सितंबर 1945 को जापान के आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ। यह इतिहास का सबसे घातक संघर्ष था।
- गलत विकल्प: 1914-1918 प्रथम विश्व युद्ध का समय था। 1941 में अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुआ था।
प्रश्न 16: सम्राट अशोक का राज्याभिषेक किस वर्ष हुआ था?
- 273 ईसा पूर्व
- 269 ईसा पूर्व
- 250 ईसा पूर्व
- 232 ईसा पूर्व
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सम्राट अशोक का राज्याभिषेक 269 ईसा पूर्व में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक का शासनकाल 273 ईसा पूर्व में शुरू हुआ था, लेकिन उनका राज्याभिषेक चार साल बाद 269 ईसा पूर्व में हुआ। उनके शासनकाल के 8वें वर्ष (लगभग 261 ईसा पूर्व) में कलिंग का युद्ध हुआ, जिसने उन्हें बौद्ध धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: 273 ईसा पूर्व उनके शासनकाल की शुरुआत थी, राज्याभिषेक नहीं। 250 ईसा पूर्व में तीसरी बौद्ध संगति हुई थी। 232 ईसा पूर्व में अशोक की मृत्यु हुई थी।
प्रश्न 17: “भारत छोड़ो आंदोलन” का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- त्रिपुरी अधिवेशन (1939)
- बम्बई अधिवेशन (1942)
- फैजपुर अधिवेशन (1936)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: “भारत छोड़ो आंदोलन” (Quit India Movement) का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को बंबई (अब मुंबई) में हुए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अधिवेशन में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने “करो या मरो” का नारा दिया था। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना था। इस आंदोलन को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने ऑपरेशन ‘जीरो आवर’ चलाया और प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था। त्रिपुरी अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घटना हुई थी। फैजपुर अधिवेशन पहला कांग्रेस अधिवेशन था जो किसी गांव में आयोजित हुआ था।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से किसे “दक्षिण की गंगा” कहा जाता है?
- कावेरी
- कृष्णा
- गोदावरी
- महानदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गोदावरी नदी को ‘दक्षिण की गंगा’ के रूप में जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: गोदावरी भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है और दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी है। यह महाराष्ट्र के नासिक जिले से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसकी लंबाई और धार्मिक महत्व के कारण इसे ‘दक्षिण की गंगा’ कहा जाता है।
- गलत विकल्प: कावेरी, कृष्णा और महानदी भी महत्वपूर्ण दक्षिण भारतीय नदियाँ हैं, लेकिन ‘दक्षिण की गंगा’ का उपनाम गोदावरी को दिया गया है।
प्रश्न 19: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
- ब्रिटेन का जर्मनी पर युद्ध की घोषणा
- रूस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो (बोस्निया) में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की सर्बियाई राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसे सर्बिया ने पूरी तरह स्वीकार नहीं किया। इससे प्रथम विश्व युद्ध की श्रृंखला शुरू हो गई, जिसमें विभिन्न यूरोपीय शक्तियां अपनी संधियों के अनुसार शामिल होती गईं।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था। अन्य विकल्प युद्ध की घोषणाओं से संबंधित हैं, जो हत्या के बाद हुई घटनाओं का परिणाम थे।
प्रश्न 20: “सती प्रथा” को प्रतिबंधित करने वाले गवर्नर-जनरल कौन थे?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) ने 1829 में राजा राममोहन राय के प्रयासों से सती प्रथा को प्रतिबंधित करने वाला कानून (Regulation XVII of 1829) पारित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस कानून द्वारा बंगाल के सभी प्रदेशों में सती प्रथा को गैरकानूनी और दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया। बाद में इसे मद्रास और बंबई प्रेसीडेंसी में भी लागू किया गया। यह भारत में समाज सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली सहायक संधि के लिए, लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ के लिए और लॉर्ड कर्जन बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 21: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में “पूर्ण स्वराज” का प्रस्ताव पारित किया गया?
- कलकत्ता अधिवेशन (1920)
- नागपुर अधिवेशन (1920)
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कराची अधिवेशन (1931)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में “पूर्ण स्वराज” (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का लक्ष्य पूर्ण स्वराज प्राप्त करना होगा और 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया। इसी अधिवेशन में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने का भी निर्णय लिया गया।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ था। नागपुर अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन को अंतिम रूप दिया गया। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकार और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम का प्रस्ताव पारित हुआ।
प्रश्न 22: “गुप्त संवत” की शुरुआत कब हुई मानी जाती है?
- 300 ईस्वी
- 319-320 ईस्वी
- 325 ईस्वी
- 350 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गुप्त संवत की शुरुआत 319-320 ईस्वी में चंद्रगुप्त प्रथम द्वारा की गई मानी जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का पहला शासक था जिसने ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की और अपने राज्यरोहण के उपलक्ष्य में इस संवत का प्रारंभ किया। यह संवत गुप्त साम्राज्य के राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: अन्य वर्ष गुप्त काल के शासनकाल से संबंधित नहीं हैं, लेकिन यह वर्ष चंद्रगुप्त प्रथम के राज्याभिषेक से जुड़ा है।
प्रश्न 23: “फॉरवर्ड ब्लॉक” का गठन किसने किया था?
- महात्मा गांधी
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- सुभाष चंद्र बोस
- लाला हरदयाल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद “फॉरवर्ड ब्लॉक” नामक एक नए दल का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: बोस का उद्देश्य फॉरवर्ड ब्लॉक के माध्यम से कांग्रेस के भीतर वामपंथी और राष्ट्रवादी ताकतों को एकजुट करना और ब्रिटिश विरोधी संघर्ष को तेज करना था। यह दल गांधीवादी विचारधारा से अलग, अधिक क्रांतिकारी और समाजवादी नीतियों का समर्थक था।
- गलत विकल्प: गांधीजी, सरदार पटेल और लाला हरदयाल (गदर पार्टी के संस्थापक) के राजनीतिक दृष्टिकोण और स्थापित दलों से यह भिन्न था।
प्रश्न 24: ‘वेदांग’ (Vedanga) की कुल संख्या कितनी है, जो वेदों के अध्ययन और व्याख्या के लिए आवश्यक माने जाते हैं?
- 3
- 4
- 5
- 6
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: वेदांग की कुल संख्या छह है। ये हैं – शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष।
- संदर्भ और विस्तार: वेदांग वे सहायक विषय हैं जो वेदों के अर्थ को समझने, उनके उच्चारण को सही करने और उनकी व्याख्या करने में मदद करते हैं। प्रत्येक वेदांग का अपना विशिष्ट कार्य है, जैसे शिक्षा उच्चारण के लिए, कल्प कर्मकांड के लिए, व्याकरण भाषा की संरचना के लिए, निरुक्त व्युत्पत्ति के लिए, छंद पद्य की संरचना के लिए और ज्योतिष खगोलीय घटनाओं के लिए।
- गलत विकल्प: अन्य संख्याएं वेदों के अंगों की संख्या से मेल नहीं खातीं।
प्रश्न 25: “इल्बर्ट बिल” विवाद किस वायसराय के कार्यकाल में उत्पन्न हुआ?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इल्बर्ट बिल विवाद लॉर्ड रिपन (1880-1884) के कार्यकाल में उत्पन्न हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह बिल 1883 में पेश किया गया था और इसका उद्देश्य भारतीय न्यायाधीशों को भी उन्हीं अधिकार क्षेत्रों में सुनवाई का अधिकार देना था, जो यूरोपीय न्यायाधीशों को प्राप्त थे। बिल के यूरोपीय लोगों द्वारा व्यापक विरोध के कारण, इसमें संशोधन किया गया, जिससे भारतीय न्यायाधीशों को यूरोपीय अपराधियों पर मुकदमा चलाने का अधिकार तो मिला, लेकिन कुछ प्रतिबंधों के साथ। इस विवाद ने भारतीय राष्ट्रवाद को और मजबूत किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी, लिटन और कर्जन अलग-अलग कालखंडों के वायसराय थे जिनके कार्यकाल में अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जैसे इल्बर्ट बिल विवाद लॉर्ड रिपन से जुड़ा है।