इतिहास की धुरी: 25 प्रश्न – ज्ञान की कसौटी!
क्या आप इतिहास के अथांग सागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान को परखने के लिए तैयार हैं? हर दिन, हम आपके लिए लाते हैं एक विशेष परीक्षा, जो प्राचीनता से लेकर आधुनिकता तक, भारतीय और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ावों को कवर करती है। आइए, आज के इस ज्ञानवर्धक सफर पर निकल पड़ें और खुद को प्रतियोगिता के लिए और भी सुदृढ़ बनाएं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख ‘सती प्रथा’ के प्रचलन का प्रथम पुरातात्विक प्रमाण प्रस्तुत करता है?
- जूनागढ़ अभिलेख
- एहोल अभिलेख
- मंदसौर अभिलेख
- एरण अभिलेख
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: एरण अभिलेख, जो गुप्त काल (510 ईस्वी) का है, राजा भानुगुप्त से संबंधित है। इस अभिलेख में उनके एक मित्र गोपराज की मृत्यु का उल्लेख है, जिसके पश्चात उसकी पत्नी सती हो गई थी। यह सती प्रथा के प्रचलन का सबसे पहला पुरातात्विक प्रमाण माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अभिलेख मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एरण नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। यह उस समय समाज में प्रचलित एक दुखद प्रथा का संकेत देता है।
- गलत विकल्प: जूनागढ़ अभिलेख (रुद्रदामन), एहोल अभिलेख (पुलकेशिन द्वितीय) और मंदसौर अभिलेख (गुप्त शासकों व रेशम बुनकरों से संबंधित) सती प्रथा के प्रथम पुरातात्विक प्रमाण के रूप में मान्य नहीं हैं।
प्रश्न 2: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक का लेखक कौन था?
- रूसो
- जॉन लॉक
- मोंटेस्क्यू
- एडम स्मिथ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘The Spirit of Laws’ (1748) के लेखक चार्ल्स लुई डी सेकोन्डैट, बैरन डी ला ब्रेडे एट डी मोंटेस्क्यू थे। यह पुस्तक शक्ति पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत के लिए प्रसिद्ध है।
- संदर्भ और विस्तार: मोंटेस्क्यू का यह विचार कि सरकार की शक्तियाँ (विधायी, कार्यकारी और न्यायिक) अलग-अलग संस्थाओं में विभाजित होनी चाहिए, आधुनिक लोकतांत्रिक सरकारों के निर्माण में एक महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है।
- गलत विकल्प: रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखा, जॉन लॉक ने ‘Two Treatises of Government’ लिखा, और एडम स्मिथ ने ‘The Wealth of Nations’ लिखा।
प्रश्न 3: किस शासक ने ‘दीवान-ए-कोह’ (कृषि विभाग) की स्थापना की थी?
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- मुहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351) ने कृषि के विकास और विस्तार के उद्देश्य से ‘दीवान-ए-कोह’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य कार्य किसानों को अग्रिम (advance) देना, नई भूमि को कृषि के तहत लाना, और फसल चक्र (crop rotation) को बढ़ावा देना था। यह उसके कई महत्वाकांक्षी सुधारों में से एक था, हालांकि कई सफल नहीं हो सके।
- गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की, गयासुद्दीन तुगलक ने नहरें खुदवाईं, और फिरोजशाह तुगलक ने कई नहरें, कुएं और सार्वजनिक निर्माण करवाए, लेकिन ‘दीवान-ए-कोह’ की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक ने की थी।
प्रश्न 4: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के भारतीय विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। विद्रोह के दमन के बाद, 1858 में भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश ताज के हाथों में चला गया और वे भारत के पहले वायसराय बने।
- संदर्भ और विस्तार: कैनिंग ने विद्रोह के दौरान संयम दिखाया और विद्रोह के बाद कुछ नीतियों में बदलाव किए, जैसे कि ब्रिटिश ताज के अधीन भारत को सीधा शासन सौंपना और कंपनी के शासन को समाप्त करना।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1856 में अपने कार्यकाल से हट गए थे, इसलिए वे विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल नहीं थे। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड कर्जन बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 5: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु घाटी की सूती नगरी’ के रूप में जाना जाता था?
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- लोथल
- रंगपुर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, एक प्रमुख हड़प्पा स्थल था। यहां से प्राप्त पुरातात्विक साक्ष्यों में बड़ी मात्रा में सूती वस्त्रों के अवशेष मिले हैं, जिससे इसे ‘सिंधु घाटी की सूती नगरी’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो में विशाल स्नानागार, अन्नागार और सुनियोजित सड़कें मिली हैं। यहाँ से प्राप्त नर्तकी की कांस्य प्रतिमा भी बहुत प्रसिद्ध है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक बंदरगाह शहर था, और रंगपुर भी एक महत्वपूर्ण स्थल था, लेकिन मोहनजोदड़ो सूती वस्त्रों के उत्पादन और व्यापार के कारण विशेष रूप से जाना जाता था।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- देवराय द्वितीय
- हरिहर और बुक्का
- वीर नरसिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी। उन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे इस साम्राज्य की नींव रखी थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य दक्षिण भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और अपनी कला, वास्तुकला, साहित्य और सैन्य शक्ति के लिए जाना जाता था। हरिहर प्रथम ने साम्राज्य की बागडोर संभाली और बुक्का ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, और वीर नरसिंह ने तुलुव राजवंश की शुरुआत की थी।
प्रश्न 7: ‘सबैधानिक सुधारों का अग्रदूत’ किसे कहा जाता है?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) को ‘संवैधानिक सुधारों का अग्रदूत’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारतीय समाज में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिनमें सती प्रथा का उन्मूलन (1829), ठगी प्रथा का दमन और बाल विवाह पर रोक जैसे कार्य शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: बेंटिंक ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे कि अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाना। उनके प्रशासनिक सुधारों ने भारतीय समाज को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया, लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया, और लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। इन सभी के सुधार कार्य बेंटिंक के कार्यों से भिन्न प्रकृति के थे।
प्रश्न 8: अशोक का कौन सा शिलालेख कलिंग युद्ध के बाद उसके हृदय परिवर्तन और बौद्ध धर्म अपनाने का उल्लेख करता है?
- पहला शिलालेख
- आठवां शिलालेख
- तेरहवां शिलालेख
- चौदहवां शिलालेख
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अशोक का तेरहवां शिलालेख कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के भयावह परिणाम और उसके बाद अशोक के हृदय परिवर्तन का विस्तृत वर्णन करता है। इस युद्ध के बाद अशोक ने अहिंसा और बौद्ध धर्म को अपनाया।
- संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक अपने कलिंग के प्रति किए गए अत्याचारों पर पश्चाताप व्यक्त करता है और बताता है कि इस युद्ध के बाद उसने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को अपनाने का निश्चय किया। यह अशोक के धम्म विजय के संकल्प को भी दर्शाता है।
- गलत विकल्प: पहले शिलालेख में पशु बलि का निषेध है, आठवें शिलालेख में अशोक की तीर्थयात्राओं का उल्लेख है, और चौदहवें शिलालेख में नैतिक उपदेशों का वर्णन है।
प्रश्न 9: ‘दोहरी शासन प्रणाली’ (Diarchy) किस अधिनियम द्वारा लागू की गई थी?
- 1858 का भारत सरकार अधिनियम
- 1909 का भारत परिषद अधिनियम
- 1919 का भारत सरकार अधिनियम
- 1935 का भारत सरकार अधिनियम
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1919 का भारत सरकार अधिनियम (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार) द्वारा प्रांतों में ‘दोहरी शासन प्रणाली’ लागू की गई थी। इस प्रणाली के तहत, प्रांतों की शक्तियों को दो भागों में बाँट दिया गया था: आरक्षित (Reserved) और हस्तांतरित (Transferred)।
- संदर्भ और विस्तार: आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर और उसकी कार्यकारी परिषद के पास होता था, जबकि हस्तांतरित विषयों का प्रशासन मंत्रियों (भारतीयों) द्वारा किया जाता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी होते थे। इस प्रणाली का उद्देश्य भारतीयों को शासन में अधिक भागीदारी देना था, लेकिन यह पूरी तरह सफल नहीं रही।
- गलत विकल्प: 1858 का अधिनियम ब्रिटिश ताज के अधीन भारत का सीधा शासन शुरू करता है। 1909 का अधिनियम ‘मार्ले-मिंटो सुधार’ के नाम से जाना जाता है और इसने सांप्रदायिक निर्वाचन का आरंभ किया। 1935 का अधिनियम केंद्र में द्वैध शासन (Diarchy at the Centre) का प्रावधान करता था, न कि प्रांतों में।
प्रश्न 10: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त (लगभग 335-375 ईस्वी) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उनकी विशाल विजयों और दिग्विजय के कारण दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान योद्धा और विजेता थे जिन्होंने उत्तरी भारत के लगभग सभी राज्यों को अपने अधीन कर लिया था और दक्षिण भारत में भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख (प्रयाग प्रशस्ति) उनके विजयों का विस्तृत विवरण देता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त साम्राज्य की स्थापना की और महाराजाधिराज की उपाधि धारण की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी महत्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं और कला एवं साहित्य को संरक्षण दिया। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण का सफलतापूर्वक सामना किया था।
प्रश्न 11: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे, जिसमें नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा को दर्शाया गया था?
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- दिनबंधु मित्र
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
- माइकेल मधुसूदन दत्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था और इसने नील विद्रोह (1859-60) के दौरान नील उत्पादक किसानों पर यूरोपीय नील बागान मालिकों द्वारा किए गए अत्याचारों को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक ने जनता की चेतना को झकझोरा और नील विद्रोह को काफी समर्थन दिलाया। यह उस समय के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर प्रकाश डालता है।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंद मठ’ लिखा, ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक महान समाज सुधारक और शिक्षाविद् थे, और माइकेल मधुसूदन दत्त एक प्रसिद्ध कवि थे।
प्रश्न 12: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1192
- 1206
- 1210
- 1290
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ईस्वी में हुई थी, जब कुतुबुद्दीन ऐबक ने मुहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थापित की और गुलाम वंश की नींव रखी।
- संदर्भ और विस्तार: 1206 से 1526 तक, दिल्ली सल्तनत पर पाँच राजवंशों – गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैयद वंश और लोदी वंश – का शासन रहा। यह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण काल था जिसने उत्तर भारत पर मुस्लिम शासन को स्थायी बनाया।
- गलत विकल्प: 1192 तराइन का दूसरा युद्ध था, 1210 में इल्तुतमिश गद्दी पर बैठा, और 1290 में जलालुद्दीन खिलजी ने खिलजी वंश की स्थापना की।
प्रश्न 13: ऋग्वैदिक काल में ‘जन’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त होता था?
- वंश
- गांव
- राज्य
- समूह
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ऋग्वैदिक काल में ‘जन’ शब्द का प्रयोग एक ‘समूह’ या ‘कबीले’ के लिए किया जाता था। यह उस समय की सामाजिक-राजनीतिक संरचना की सबसे छोटी इकाई थी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘जन’ का एक अपना ‘ग्राम’ (गांव) या ‘विष’ (आगे का विभाजन) हो सकता था, और कई ‘जन’ मिलकर ‘जनपद’ (राज्य) बनाते थे। ‘जन’ का मुखिया ‘जनपति’ कहलाता था।
- गलत विकल्प: ‘ग्राम’ एक छोटी इकाई थी, ‘वंश’ परिवार को इंगित करता है, और ‘राज्य’ (जनपद) एक बड़ी राजनीतिक इकाई थी। ‘जन’ एक व्यापक समूह को दर्शाता था।
प्रश्न 14: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार करने का पहला अधिकार पत्र (Charter) किसने प्रदान किया था?
- रानी एलिजाबेथ प्रथम
- किंग जेम्स प्रथम
- किंग चार्ल्स प्रथम
- किंग विक्टोरिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को 31 दिसंबर 1600 को इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम द्वारा एक रॉयल चार्टर (राजकीय अधिकार पत्र) प्रदान किया गया था, जिसने उन्हें पूर्वी देशों के साथ 15 वर्षों तक व्यापार करने का विशेष अधिकार दिया।
- संदर्भ और विस्तार: यह चार्टर कंपनी को पूर्व में व्यापार करने का एकाधिकार देता था। इस कंपनी ने धीरे-धीरे भारत में अपना राजनीतिक प्रभाव भी बढ़ाया, जो अंततः भारत के ब्रिटिश उपनिवेशीकरण का कारण बना।
- गलत विकल्प: किंग जेम्स प्रथम, चार्ल्स प्रथम और रानी विक्टोरिया बाद के शासक थे; कंपनी का मूल अधिकार पत्र एलिजाबेथ प्रथम द्वारा दिया गया था।
प्रश्न 15: प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किस स्थान पर हुआ था?
- सारनाथ
- बोधगया
- राजगृह
- वैशाली
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन लगभग 483 ईसा पूर्व में राजगृह (आधुनिक राजगीर) में हुआ था। इसका आयोजन मगध के शासक अजातशत्रु के संरक्षण में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (विनय पिटक और सुत्त पिटक) को संकलित करना था।
- गलत विकल्प: सारनाथ वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया। बोधगया वह स्थान है जहाँ उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। वैशाली में द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन हुआ था।
प्रश्न 16: 1946 में गठित अंतरिम सरकार का उपाध्यक्ष (Vice-President) कौन था?
- राजेंद्र प्रसाद
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- सर सी. राजगोपालाचारी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1946 में गठित अंतरिम सरकार में जवाहरलाल नेहरू उपाध्यक्ष थे। वे कार्यकारी परिषद के भी प्रमुख थे।
- संदर्भ और विस्तार: अंतरिम सरकार का गठन भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था। लॉर्ड वेवेल भारत के वायसराय और सरकार के मुखिया थे, लेकिन जवाहरलाल नेहरू कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में सरकार के दिन-प्रतिदिन के कार्यों का नेतृत्व करते थे।
- गलत विकल्प: राजेंद्र प्रसाद खाद्य एवं कृषि मंत्री थे, सरदार वल्लभभाई पटेल गृह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे, और सी. राजगोपालाचारी उद्योग, आपूर्ति, शिक्षा एवं कला मंत्री थे।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा मध्यकालीन भारत का एक प्रमुख बंदरगाह शहर था?
- पाटलिपुत्र
- दिल्ली
- कन्नौज
- कैम्बे (खंभात)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कैम्बे (खंभात) मध्यकालीन भारत का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, जो गुजरात में स्थित था। यह अरब सागर के माध्यम से विदेशी व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था।
- संदर्भ और विस्तार: खंभात से भारत का सूती वस्त्र, नील, मसाले और अन्य वस्तुएं मध्य पूर्व और यूरोप तक निर्यात की जाती थीं। यह शहर अपने जहाज निर्माण और व्यापारिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: पाटलिपुत्र प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण राजधानी शहर था, लेकिन बंदरगाह नहीं। दिल्ली एक भूमि-आबद्ध शहर थी। कन्नौज गंगा के तट पर स्थित एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और राजनीतिक केंद्र था, लेकिन एक प्रमुख समुद्री बंदरगाह नहीं।
प्रश्न 18: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन ब्रिटिश भारत में किस अधिनियम द्वारा किया गया था?
- 1813 का चार्टर अधिनियम
- 1833 का चार्टर अधिनियम
- 1853 का चार्टर अधिनियम
- 1858 का भारत सरकार अधिनियम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा भारत में दास प्रथा (slavery) को समाप्त कर दिया गया था। हालांकि, इसका पूर्ण उन्मूलन 1843 के अधिनियम द्वारा किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: 1833 के चार्टर अधिनियम ने भारत में दासता को कानूनी रूप से समाप्त करने का आदेश दिया, लेकिन यह तत्काल प्रभावी नहीं हुआ। 1843 में, लॉर्ड एलनबरो के कार्यकाल में, कानून बनाकर भारत में दासता को अवैध घोषित कर दिया गया और दासों को मुक्त कर दिया गया।
- गलत विकल्प: 1813 के अधिनियम ने कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त किया (चीन और चाय को छोड़कर)। 1853 के अधिनियम ने कंपनी के शासन का विस्तार किया और सिविल सेवाओं की शुरुआत की। 1858 के अधिनियम ने कंपनी के शासन को समाप्त कर भारत को ब्रिटिश ताज के अधीन किया।
प्रश्न 19: हर्यक वंश के किस शासक को ‘पितृहंता’ के रूप में जाना जाता है?
- बिम्बिसार
- अजातशत्रु
- उदायिन
- अनिरुद्ध
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: हर्यक वंश के शासक अजातशत्रु को ‘पितृहंता’ कहा जाता है क्योंकि उसने अपने पिता बिम्बिसार को गद्दी के लिए कैद कर मार डाला था।
- संदर्भ और विस्तार: अजातशत्रु (लगभग 492-460 ईसा पूर्व) ने अपने पिता बिम्बिसार को अपदस्थ कर सत्ता हासिल की। वह मगध के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला एक शक्तिशाली राजा था। हर्यक वंश को ‘पितृहंता वंश’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके कई शासकों ने अपने पूर्ववर्तियों को मारकर सत्ता प्राप्त की थी।
- गलत विकल्प: बिम्बिसार वंश का संस्थापक था। उदायिन ने अपने पिता अजातशत्रु को मारकर सत्ता प्राप्त की थी, इसलिए वह भी पितृहंता था, लेकिन प्रश्न में सबसे प्रमुख रूप से अजातशत्रु को जाना जाता है। अनिरुद्ध आगे का शासक था।
प्रश्न 20: किस यूरोपीय यात्री ने मुगल सम्राट शाहजहाँ के शासनकाल में भारत का दौरा किया था?
- वास्को डी गामा
- निकोलस मनुची
- मार्को पोलो
- अल्फांसो अल्बुकर्क
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: निकोलस मनुची, एक इतालवी यात्री, शाहजहाँ (1627-1658) और औरंगजेब (1658-1707) के शासनकाल के दौरान भारत आया था। उसने ‘स्टोरियो डू मोगोर’ (Storia do Mogor) नामक अपनी यात्रा वृत्तांत में तत्कालीन भारत का विस्तृत वर्णन किया है।
- संदर्भ और विस्तार: मनुची एक चिकित्सक और यात्री था, और उसका विवरण उस समय के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन की जानकारी देता है। वह एक आम यूरोपीय की तरह भारत आया था और विभिन्न स्थानों पर काम किया।
- गलत विकल्प: वास्को डी गामा 1498 में भारत आया था। मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में आया था। अल्फांसो अल्बुकर्क पुर्तगाली गवर्नर था जिसने भारत में पुर्तगाली शक्ति को स्थापित किया।
प्रश्न 21: ‘अकाल तख्त’ की स्थापना किसने की थी?
- गुरु नानक
- गुरु रामदास
- गुरु हरगोविंद
- गुरु तेग बहादुर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अकाल तख्त (ईश्वर का सिंहासन) की स्थापना सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोविंद ने 1606 में अमृतसर में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोविंद ने सिखों को सैन्य प्रशिक्षण और हथियार धारण करने का आदेश दिया था, और अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च धार्मिक और अस्थायी सत्ता का केंद्र बन गया। यह उनकी सैन्य और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक है।
- गलत विकल्प: गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु रामदास ने अमृतसर शहर की स्थापना की। गुरु तेग बहादुर को मुगल बादशाह औरंगजेब ने शहीद कर दिया था।
प्रश्न 22: किस वायसराय के कार्यकाल में साइमन कमीशन भारत आया था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड रीडिंग
- लॉर्ड इरविन
- लॉर्ड विलिंगडन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: साइमन कमीशन 1928 में भारत आया था, जो उस समय वायसराय लॉर्ड इरविन (1926-1931) का कार्यकाल था।
- संदर्भ और विस्तार: साइमन कमीशन का उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करना था, लेकिन इसमें किसी भी भारतीय सदस्य को शामिल नहीं किए जाने के कारण इसका भारत में व्यापक विरोध हुआ। ‘साइमन वापस जाओ’ का नारा इसी विरोध का प्रतीक था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905) ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड रीडिंग (1921-1926) के कार्यकाल में प्रिंस ऑफ वेल्स की भारत यात्रा हुई। लॉर्ड विलिंगडन (1931-1936) के कार्यकाल में गोलमेज सम्मेलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन हुआ।
प्रश्न 23: संगम साहित्य का संबंध किस प्राचीन भारतीय राजवंश से है?
- मौर्य
- गुप्त
- चोल, चेर, पांड्य
- कुषाण
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: संगम साहित्य का संबंध मुख्य रूप से दक्षिण भारत के प्राचीन राजवंशों – चोल, चेर और पांड्य – से है। यह साहित्य 300 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी के बीच रचा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: संगम साहित्य में तत्कालीन समाज, संस्कृति, धर्म, शासन, युद्ध और प्रेम जीवन का विस्तृत वर्णन मिलता है। यह तमिल भाषा के साहित्य का एक अमूल्य निधि है, जो तत्कालीन दक्षिण भारत की जानकारी का प्रमुख स्रोत है।
- गलत विकल्प: मौर्य और गुप्त राजवंश उत्तर भारत के थे, और कुषाण भी मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय थे। इन राजवंशों का संगम साहित्य से सीधा संबंध नहीं है।
प्रश्न 24: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किसने किया था?
- बिरसा मुंडा
- सिद्धू और कान्हू
- रानी लक्ष्मी बाई
- तात्या टोपे
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1855-56 का संथाल विद्रोह का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो भाइयों ने किया था। यह विद्रोह संथाल परगना (वर्तमान झारखंड) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस विद्रोह का मुख्य कारण साहूकारों, जमींदारों और ब्रिटिश सरकार द्वारा संथालों पर किए जा रहे अत्याचार और शोषण था। सिद्धू और कान्हू ने संथाल समुदाय को संगठित किया और ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका।
- गलत विकल्प: बिरसा मुंडा का संबंध उलगुलान विद्रोह से था। रानी लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे 1857 के विद्रोह के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 25: फाह्यान किस गुप्त शासक के शासनकाल में भारत आया था?
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त प्रथम
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चीनी बौद्ध यात्री फाह्यान (Fa-hien) गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य, शासनकाल 380-415 ईस्वी) के शासनकाल में भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: फाह्यान लगभग 399 ईस्वी में भारत आया और 414 ईस्वी तक यहाँ रहा। उसने अपने यात्रा वृत्तांत ‘फो-कुओ-की’ (A Record of Buddhist Kingdoms) में तत्कालीन भारतीय समाज, संस्कृति, धर्म और विशेष रूप से गुप्तकाल की राजनीतिक स्थिति का विस्तृत वर्णन किया है। उसने गुप्तकालीन भारत की समृद्धि और शांति का उल्लेख किया है।
- गलत विकल्प: समुद्रगुप्त एक महान विजेता था, लेकिन फाहियान उसके बाद आया। कुमारगुप्त प्रथम (415-455 ईस्वी) और स्कंदगुप्त (455-467 ईस्वी) बाद के गुप्त शासक थे।