इतिहास की दौड़: 25 प्रश्न, 25 रणनीतियाँ!
ज्ञान की एक रोमांचक यात्रा पर निकलें और अपने इतिहास के ज्ञान को परखें! आज का हमारा दैनिक मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत की गहराइयों से लेकर आधुनिक विश्व की उथल-पुथल तक ले जाएगा। क्या आप परीक्षा के लिए तैयार हैं? आइए, इन 25 चुनिंदा प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को मजबूत करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
- मेसोपोटामिया के साथ व्यापारिक संबंध थे।
- पहिया का ज्ञान था।
- घोड़े का पहली बार उपयोग किया गया था।
- उनकी नगर नियोजन प्रणाली उन्नत थी।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: हड़प्पा सभ्यता (सिंधु घाटी सभ्यता) को घोड़ों के व्यापक उपयोग का साक्ष्य नहीं मिला है। जबकि कुछ अवशेष मिले हैं, यह अभी भी पुरातात्विक रूप से बहस का विषय है कि वे उन्हें पालतू बना कर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते थे या नहीं, जैसा कि बाद के वैदिक काल में था।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पावासियों के मेसोपोटामिया (जैसे सुमेरिया) के साथ व्यापारिक संबंध थे, जैसा कि मुहरों और अन्य कलाकृतियों से पता चलता है। उन्होंने पहिया का उपयोग किया, जो उनके बर्तनों और गाड़ियों में देखा गया है। उनकी जल निकासी व्यवस्था, ग्रिड पैटर्न वाली सड़कें और सार्वजनिक स्नानघर उनकी उन्नत नगर नियोजन प्रणाली के प्रमाण हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) सत्य हैं। हड़प्पावासियों का मेसोपोटामिया से व्यापार, पहिये का उपयोग, और उत्कृष्ट नगर नियोजन उनके विशिष्ट लक्षण थे।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस अशोक के शिलालेख में कलिंग युद्ध का वर्णन है?
- शिलालेख I
- शिलालेख V
- शिलालेख XIII
- शिलालेख XIV
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अशोक का 13वां शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) का सबसे विस्तृत वर्णन प्रदान करता है। इस युद्ध ने अशोक के जीवन को गहराई से प्रभावित किया और उसे बौद्ध धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में, अशोक कलिंग युद्ध में हुई भयंकर हिंसा और रक्तपात का उल्लेख करता है और पश्चाताप व्यक्त करता है। इसने उसे धम्म (धर्म) की ओर मोड़ दिया। यह अशोक के नीतिगत बदलावों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: अन्य शिलालेखों में अलग-अलग विषय हैं। उदाहरण के लिए, शिलालेख I में पशु बलि पर प्रतिबंध का उल्लेख है, जबकि शिलालेख V धम्म महामात्रों की नियुक्ति के बारे में बताता है।
प्रश्न 3: ‘अष्टप्रधान’ व्यवस्था का संबंध किस साम्राज्य से है?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- चोल साम्राज्य
- मराठा साम्राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित एक प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसमें आठ मंत्रियों की एक परिषद शामिल थी।
- संदर्भ और विस्तार: ये आठ मंत्री राजा को सलाह देते थे और राज्य के विभिन्न कार्यों का निर्वहन करते थे। इनमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडित राव (धार्मिक मामलों के मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), न्यायाधीश (न्याय मंत्री) और पंडित राव (मुख्य पुरोहित) शामिल थे।
- गलत विकल्प: मौर्य, गुप्त और चोल साम्राज्यों की अपनी प्रशासनिक संरचनाएँ थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ विशेष रूप से मराठा प्रशासन की पहचान है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त को इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने ‘भारत का नेपोलियन’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त (लगभग 335-375 ईस्वी) ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया, उत्तर भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी सफलतापूर्वक अभियान चलाए। उसकी विजयों और सैन्य प्रतिभा ने उसे यह उपाधि अर्जित कराई, जो फ्रांसीसी सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट की सैन्य विजयों के समान थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा को जीत कर अपनी शक्ति बढ़ाई और विक्रम संवत चलाया, जबकि स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।
प्रश्न 5: ‘कुतुब-उल-इस्लाम मस्जिद’ और ‘अढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ का निर्माण किस शासक ने करवाया था?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दिल्ली की कुतुब-उल-इस्लाम मस्जिद और अजमेर में ‘अढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ दोनों का निर्माण गुलाम वंश के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: कुतुब-उल-इस्लाम मस्जिद दिल्ली की पहली मुस्लिम मस्जिद है, जिसे दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक पृथ्वीराज चौहान के राय पिथौरा किले के अवशेषों पर बनाया गया था। ‘अढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ एक संस्कृत महाविद्यालय को तोड़कर बनाया गया था। ये दोनों संरचनाएं भारत में इस्लामी वास्तुकला की शुरुआती मिसालें हैं।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार का निर्माण पूरा करवाया, बलबन ने अपने शासन में लौह और रक्त की नीति अपनाई, और अलाउद्दीन खिलजी ने अलाई दरवाजा जैसे निर्माण करवाए।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की?
- देवराय द्वितीय
- कृष्ण देवराय
- अच्युत देवराय
- सदाशिव राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक, कृष्ण देवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) ने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक प्रसिद्ध तेलुगु काव्य की रचना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह काव्य तेलुगु साहित्य के ‘अष्टदिग्गज’ (आठ महान कवि) में से एक, अल्लसानी पेद्दन की सहायता से लिखा गया था। ‘आमुक्तमाल्यदा’ वैष्णव संत पेरियल्वार की बेटी अंडाल की कहानी पर आधारित है। कृष्ण देवराय स्वयं एक महान विद्वान और कवि थे।
- गलत विकल्प: अन्य शासकों ने भी कला और साहित्य को संरक्षण दिया, लेकिन ‘आमुक्तमाल्यदा’ की रचना विशेष रूप से कृष्ण देवराय से जुड़ी है।
प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के दौरान, लखनऊ में विद्रोहियों का नेतृत्व किसने किया?
- तात्या टोपे
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान, लखनऊ में विद्रोहियों का नेतृत्व अवध की बेगम हजरत महल ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: जब अंग्रेजों ने अवध पर कब्जा कर लिया और नवाब वाजिद अली शाह को निर्वासित कर दिया, तो बेगम हजरत महल ने अपने नाबालिग बेटे बिरजिस कादिर को गद्दी पर बिठाया और विद्रोह का नेतृत्व संभाला। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सफलतापूर्वक संघर्ष किया, हालांकि अंततः उन्हें नेपाल भागना पड़ा।
- गलत विकल्प: तात्या टोपे कानपुर और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय थे, रानी लक्ष्मीबाई झांसी में विद्रोह की प्रतीक थीं, और कुंवर सिंह आरा (बिहार) में लड़ाई का नेतृत्व कर रहे थे।
प्रश्न 8: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ (Vernacular Press Act) किस वायसराय के कार्यकाल में पारित हुआ था?
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878 में लॉर्ड लिटन के वायसराय काल में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों पर सेंसरशिप लगाना था, ताकि वे ब्रिटिश सरकार की नीतियों की आलोचना न कर सकें। इसने प्रेस की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से प्रतिबंधित कर दिया था। लॉर्ड लिटन को ‘रचनात्मक निष्क्रियता’ की नीति और इल्बर्ट बिल विवाद जैसे कारणों से भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ, लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया, और लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे।
प्रश्न 9: भारत में ‘स्वतंत्रता का अग्रदूत’ किसे कहा जाता है?
- महात्मा गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
- सुभाष चंद्र बोस
- लाला लाजपत राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को अक्सर ‘भारतीय अशांति का जनक’ (Father of Indian Unrest) और ‘स्वतंत्रता का अग्रदूत’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: तिलक ने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ का नारा दिया। उन्होंने जनता को संगठित करने के लिए गणपति और शिवाजी उत्सवों का शुभारंभ किया। उनकी उग्रवादी राष्ट्रवादी विचारधारा और जनता को प्रेरित करने की क्षमता ने उन्हें यह उपाधि दिलाई।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी अहिंसक आंदोलन के प्रमुख नेता थे, सुभाष चंद्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की और आजाद हिंद फौज का नेतृत्व किया, और लाला लाजपत राय ‘पंजाब केसरी’ के नाम से जाने जाते थे।
प्रश्न 10: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) में कौन सा देश शामिल नहीं था?
- जर्मनी
- ऑस्ट्रिया-हंगरी
- तुर्की (ऑटोमन साम्राज्य)
- इटली
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में इटली केंद्रीय शक्तियों के साथ एक गुप्त संधि का हिस्सा था, लेकिन युद्ध शुरू होने पर वह तटस्थ रहा और बाद में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) की ओर से युद्ध में शामिल हो गया।
- संदर्भ और विस्तार: केंद्रीय शक्तियों में मुख्य रूप से जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, बुल्गारिया और तुर्की (ऑटोमन साम्राज्य) शामिल थे। मित्र राष्ट्रों में फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली (1915 के बाद), जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका (1917 के बाद) शामिल थे।
- गलत विकल्प: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की केंद्रीय शक्तियों के प्रमुख सदस्य थे।
प्रश्न 11: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘मोहनजोदड़ो’ के नाम से जाना जाता है?
- हड़प्पा
- लोथल
- धौलावीरा
- मृतकों का टीला
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो का सिंधी भाषा में अर्थ ‘मृतकों का टीला’ (Mound of the Dead) है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण शहरी केंद्रों में से एक था। यह अपने उत्कृष्ट टाउन प्लानिंग, ग्रेट बाथ, सील और तांबे की नृत्यांगना की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहली खोजी गई सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल था, लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, और धौलावीरा जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस बौद्ध संगीति में अभिधम्म पिटक को संकलित किया गया था?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: तृतीय बौद्ध संगीति, जो पाटलिपुत्र में सम्राट अशोक के संरक्षण में 250 ईसा पूर्व के आसपास आयोजित हुई थी, में अभिधम्म पिटक को संकलित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्स ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य बौद्ध संघ से अवसरवादी और भ्रष्ट गुटों को हटाकर आंदोलन को शुद्ध करना था। अभिधम्म पिटक त्रिपिटक का तीसरा भाग है, जिसमें बुद्ध की शिक्षाओं का दार्शनिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण है।
- गलत विकल्प: पहली संगीति राजगृह में हुई थी और इसमें विनय पिटक और सुत्त पिटक का संकलन हुआ था। दूसरी संगीति वैशाली में हुई थी, और चौथी संगीति कश्मीर में हुई थी, जिसमें बौद्ध धर्म के हीनयान और महायान संप्रदायों में विभाजन स्पष्ट हो गया था।
प्रश्न 13: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दासों का विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के शासक फिरोज शाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की थी, जो गुलामों (बंधुआ मजदूरों) के प्रबंधन के लिए एक विशेष विभाग था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक बड़ी संख्या में गुलामों की खरीद और उनके प्रशिक्षण पर जोर देता था, जिन्हें राज्य के विभिन्न कार्यों में लगाया जाता था। इस विभाग का उद्देश्य कुशल प्रशासनिक और सैन्य अधिकारियों की आपूर्ति सुनिश्चित करना था। तुगलक राजवंश के शासक अपने बड़े गुलामों के बेड़े के लिए जाने जाते थे।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने तुर्काने-चहलगानी (चालीसा दल) की स्थापना की, बलबन ने राजत्व के दैवीय सिद्धांत का समर्थन किया, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी नीतियां लागू कीं।
प्रश्न 14: ‘मनसबदारी प्रणाली’ का प्रचलन सर्वप्रथम किस शासक ने किया?
- हुमायूं
- अकबर
- जहांगीर
- औरंगजेब
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मुगल बादशाह अकबर ने मनसबदारी प्रणाली को सुव्यवस्थित और व्यापक रूप से लागू किया था, जो उसकी प्रशासनिक और सैन्य सुधारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
- संदर्भ और विस्तार: मनसबदारी प्रणाली एक पदक्रम प्रणाली थी जिसमें अधिकारियों को ‘मनसब’ (रैंक) प्रदान किए जाते थे। यह पद उनके सैन्य उत्तरदायित्वों (घुड़सवारों की संख्या) और नागरिक भूमिकाओं को निर्धारित करता था। इसके माध्यम से साम्राज्य में एक पदानुक्रमित प्रशासनिक और सैन्य ढांचा तैयार किया गया था।
- गलत विकल्प: हालांकि इस प्रणाली की जड़ें मध्य एशिया में थीं, अकबर ने इसे भारतीय संदर्भ में प्रभावी ढंग से लागू किया। हुमायूं के शासनकाल में इसका प्रारंभिक रूप था, लेकिन अकबर ने इसे पूरी तरह से स्थापित किया।
प्रश्न 15: 1905 में बंगाल विभाजन के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड मिंटो द्वितीय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1905 में बंगाल का विभाजन लॉर्ड कर्जन के वायसराय काल में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए बंगाल का विभाजन किया था, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय आंदोलन को कमजोर करना था। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन चलाए गए, जिसने भारतीय राष्ट्रवाद को नई गति दी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत लागू किया, लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे, और लॉर्ड मिंटो द्वितीय ने 1909 में मार्ले-मिंटो सुधार लागू किए।
प्रश्न 16: ‘पुणे पैक्ट’ (Poona Pact) किन दो नेताओं के बीच हुआ था?
- गांधीजी और जिन्ना
- गांधीजी और अंबेडकर
- तिलक और गोखले
- नेहरू और पटेल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पुणे पैक्ट 24 सितंबर, 1932 को महात्मा गांधी और डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता सांप्रदायिक पंचाट (Communal Award) के प्रतिक्रिया स्वरूप हुआ था, जिसमें दलितों को पृथक निर्वाचिका (separate electorate) का अधिकार दिया गया था। गांधीजी ने इसका विरोध करते हुए यरवदा जेल में अनशन शुरू कर दिया था। पुणे पैक्ट के तहत, दलितों को केंद्रीय विधानमंडल में संयुक्त निर्वाचिका में सीटें आरक्षित करने का अधिकार मिला, लेकिन वे सामान्य हिंदुओं के साथ ही मतदान करते थे।
- गलत विकल्प: गांधीजी और जिन्ना के बीच कई राजनीतिक समझौते हुए, लेकिन पुणे पैक्ट दलितों के अधिकारों से संबंधित था। तिलक और गोखले राजनीतिक विचारधारा में भिन्न थे, और नेहरू-पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 17: फ्रांस की क्रांति (1789) का क्या तात्कालिक कारण था?
- वाष्प इंजन का आविष्कार
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव
- शाही खजाने का खाली होना और अत्यधिक करों का बोझ
- फ्रांस में औद्योगिक क्रांति का उदय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांस की क्रांति का तात्कालिक और प्रमुख कारण शाही खजाने का लगभग खाली होना और आम जनता पर अत्यधिक करों का बोझ था, जबकि कुलीन वर्ग और पादरी वर्ग को विशेष रियायतें प्राप्त थीं।
- संदर्भ और विस्तार: फ्रांस ने अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के साथ-साथ अपनी राजसी शान-ओ-शौकत पर भारी खर्च किया था, जिससे देश आर्थिक रूप से दिवालिया हो गया था। राजा लुई सोलहवें द्वारा नए कर लगाने के प्रस्ताव के बाद, एस्टेट-जनरल (Estates-General) का अधिवेशन बुलाया गया, जो अंततः क्रांति का मंच बन गया।
- गलत विकल्प: वाष्प इंजन का आविष्कार औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था, अमेरिकी क्रांति ने स्वतंत्रता के विचारों को बढ़ावा दिया, और औद्योगिक क्रांति फ्रांस में क्रांति का कारण बनने वाले सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों में से एक थी, लेकिन तात्कालिक कारण आर्थिक संकट था।
प्रश्न 18: ‘तबाकात-ए-नासिरी’ का लेखक कौन है?
- अबुल फजल
- बदायुनी
- मिन्हाज-उस-सिराज
- जियाउद्दीन बरनी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘तबाकात-ए-नासिरी’ के लेखक मिन्हाज-उस-सिराज हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ 13वीं शताब्दी के मध्य में लिखा गया था और इसमें 1260 तक के दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक इतिहास का विस्तृत विवरण है। विशेष रूप से, इसमें नसीरुद्दीन महमूद (मिन्हाज-उस-सिराज के संरक्षक) के शासनकाल का महत्वपूर्ण उल्लेख है, जिनके नाम पर इस पुस्तक का नाम रखा गया। यह प्रारंभिक दिल्ली सल्तनत के इतिहास को समझने के लिए एक प्रमुख स्रोत है।
- गलत विकल्प: अबुल फजल ने ‘अकबरनामा’ लिखी, बदायुनी ने ‘मुंतखब-उत-तवारीख’ लिखी, और जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ लिखी।
प्रश्न 19: मराठा साम्राज्य के संस्थापक किसे माना जाता है?
- शिवाजी महाराज
- बाजीराव प्रथम
- बाजीराव द्वितीय
- मल्हार राव होलकर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: छत्रपति शिवाजी महाराज को मराठा साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: शिवाजी महाराज ने 17वीं शताब्दी में बीजापुर के आदिलशाही सुल्तानों और मुगलों के खिलाफ संघर्ष करके एक स्वतंत्र मराठा राज्य की नींव रखी। उन्होंने एक शक्तिशाली सेना और कुशल प्रशासन का निर्माण किया। 1674 में राज्याभिषेक के साथ उन्होंने ‘छत्रपति’ की उपाधि धारण की और मराठा साम्राज्य की विधिवत स्थापना की।
- गलत विकल्प: बाजीराव प्रथम और द्वितीय मराठा साम्राज्य के पेशवा थे, और मल्हार राव होलकर एक प्रमुख मराठा सरदार थे, लेकिन साम्राज्य की स्थापना का श्रेय शिवाजी महाराज को जाता है।
प्रश्न 20: 1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू
- मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास
- सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद
- लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: स्वराज पार्टी की स्थापना 1923 में मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास (सी.आर. दास) द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) के स्थगित होने के बाद, कांग्रेस के भीतर दो गुट उभर आए: एक जो विधानमंडलों में प्रवेश कर अंग्रेजों का विरोध करना चाहता था (जिन्हें ‘प्रो-चेंजर’ कहा गया) और दूसरा जो बहिष्कार नीति पर कायम रहना चाहता था। मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास प्रो-चेंजर थे और उन्होंने स्वराज पार्टी (कांग्रेस-खिलाफत स्वराज पार्टी) का गठन किया, जिसका उद्देश्य विधानमंडलों में प्रवेश कर सरकारी नीतियों को बाधित करना था।
- गलत विकल्प: गांधीजी कांग्रेस के सर्वमान्य नेता थे, जवाहरलाल नेहरू शुरू में प्रो-चेंजर नहीं थे, पटेल और प्रसाद बहिष्कार नीति के समर्थक थे, और तिलक की मृत्यु 1920 में हो गई थी।
प्रश्न 21: ‘हर्षचरित’ का लेखक कौन था?
- कालिदास
- बाणभट्ट
- ह्वेन त्सांग
- कवि कालिदास
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘हर्षचरित’ के लेखक प्रसिद्ध संस्कृत कवि बाणभट्ट थे।
- संदर्भ और विस्तार: बाणभट्ट सम्राट हर्षवर्धन (7वीं शताब्दी ईस्वी) के दरबारी कवि थे। ‘हर्षचरित’ हर्षवर्धन के जीवन और उपलब्धियों का एक विस्तृत ऐतिहासिक वृत्तांत है, जो संस्कृत गद्य की उत्कृष्ट कृति मानी जाती है। यह उस काल की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जीवन की जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: कालिदास प्राचीन भारत के महानतम कवियों में से एक थे, लेकिन उनकी कृतियाँ हर्ष से बहुत पहले की हैं। ह्वेन त्सांग एक चीनी यात्री था जिसने भारत का भ्रमण किया था और ‘सि-यू-की’ लिखी थी।
प्रश्न 22: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) के दौरान, महात्मा गांधी को गिरफ्तार कर कहाँ रखा गया था?
- तिहाड़ जेल, दिल्ली
- आगा खां पैलेस, पुणे
- अलमोड़ा जेल, उत्तराखंड
- सेल्यूलर जेल, अंडमान
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) की शुरुआत में गिरफ्तार किए जाने पर महात्मा गांधी को पुणे के आगा खां पैलेस में नजरबंद रखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: 9 अगस्त, 1942 को आंदोलन के शुरू होते ही गांधीजी और कांग्रेस के अधिकांश प्रमुख नेताओं को ऑपरेशन जीरो आवर के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। गांधीजी ने आगा खां पैलेस में लगभग दो साल बिताए, जहाँ उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई थी। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ अंतिम बड़े जन आंदोलनों में से एक था।
- गलत विकल्प: तिहाड़ जेल दिल्ली में है, अलमोड़ा जेल उत्तराखंड में है, और सेल्यूलर जेल अंडमान में है, जहाँ कई स्वतंत्रता सेनानियों को बंदी बनाया गया था।
प्रश्न 23: ‘तैमूरी राजवंश’ की स्थापना किसने की थी?
- चंगेज खान
- तैमूर लंग
- बाबर
- अकबर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: तैमूरी राजवंश की स्थापना तैमूर लंग (Timur the Lame) ने 14वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: तैमूर मध्य एशिया का एक तुर्क-मंगोल विजेता था, जिसने विशाल साम्राज्य की स्थापना की। उसने 1398 में भारत पर आक्रमण किया और दिल्ली को लूटा। उसका पोता बाबर भारत में मुगल साम्राज्य का संस्थापक बना, जिसने तैमूरी वंश की विरासत को आगे बढ़ाया।
- गलत विकल्प: चंगेज खान मंगोल साम्राज्य का संस्थापक था, बाबर ने मुगल साम्राज्य की स्थापना की, और अकबर चंगेज खान और तैमूर लंग दोनों का वंशज था।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा जोड़ा सही सुमेलित नहीं है?
- रॉलेट एक्ट – 1919
- जलियांवाला बाग हत्याकांड – 1919
- चौरी-चौरा कांड – 1922
- साइमन कमीशन – 1928
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: साइमन कमीशन 1927 में नियुक्त किया गया था, न कि 1928 में। यह भारत 1928 में पहुँचा था, इसलिए यह विकल्प गलत सुमेलित है।
- संदर्भ और विस्तार: रॉलेट एक्ट (1919) ने सरकार को बिना किसी मुकदमे के संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और नजरबंद करने का अधिकार दिया था। जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919) इसी एक्ट के विरोध में अमृतसर में आयोजित एक शांतिपूर्ण सभा पर जनरल डायर द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी थी। चौरी-चौरा कांड (फरवरी 1922) असहयोग आंदोलन के दौरान हुआ, जिसके कारण गांधीजी ने आंदोलन स्थगित कर दिया। साइमन कमीशन का उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करना था, लेकिन इसके सभी सदस्य अंग्रेज होने के कारण इसका बहिष्कार किया गया।
- गलत विकल्प: बाकी सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।
प्रश्न 25: ‘आर्य समाज’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: आर्य समाज की स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को ईश्वर का सच्चा ज्ञान माना और ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया। उन्होंने मूर्ति पूजा, कर्मकांडों और पाखंड का विरोध किया। आर्य समाज ने शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह और छुआछूत के उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधारों पर भी जोर दिया। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ है।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, राजा राम मोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक महान समाज सुधारक थे जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा दिया।