इतिहास की चुनौती: अपनी तैयारी को धार दें
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! समय के विशाल सागर में एक रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए। हर दिन, हम अतीत की गहराइयों से चुनिंदा सवालों के साथ आपकी ज्ञान की लौ को प्रज्वलित करेंगे। यह सिर्फ़ एक परीक्षा नहीं, बल्कि ज्ञान को निखारने और अपनी तैयारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का अवसर है। आइए, आज के इतिहास के इस महा-अभ्यास में कूद पड़ें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से घोड़े के अवशेष मिले हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- सुरकोटडा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सुरकोटडा (गुजरात) वह पुरातात्विक स्थल है जहाँ से सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित घोड़े के अस्थि-पंजर के अवशेष मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सुरकोटडा का उत्खनन जे.पी. जोशी ने किया था। यहाँ से घोड़े के कंकाल के टुकड़े प्राप्त हुए हैं, जो इस पालतू जानवर की उपस्थिति का प्रमाण देते हैं, हालांकि इस पर कुछ विद्वानों में मतभेद भी है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो महत्वपूर्ण हड़प्पाकालीन शहर थे जहाँ से मानव आकृतियाँ, मुहरें, और नगर नियोजन के साक्ष्य मिले हैं। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था जहाँ से गोदी (dockyard) के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी उपाधि समुद्रगुप्त को उसके विजयों के उपरांत प्राप्त हुई थी?
- विक्रमादित्य
- विक्रमचरित
- पराक्रमांक
- सर्वराजोच्छेदक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: समुद्रगुप्त को उसके विजयों के उपलक्ष्य में ‘पराक्रमांक’ की उपाधि से विभूषित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त, गुप्त वंश का एक महान शासक था, जिसने अपने साम्राज्य का अत्यधिक विस्तार किया। उसे ‘भारत का नेपोलियन’ भी कहा जाता है। उसके सिक्कों पर उसे ‘पराक्रम’ उपाधि के साथ उत्कीर्ण किया गया है।
- गलत विकल्प: ‘विक्रमादित्य’ उपाधि चंद्रगुप्त द्वितीय (समुद्रगुप्त के पुत्र) से जुड़ी है। ‘विक्रमचरित’ एक साहित्यिक रचना का नाम हो सकता है, किसी उपाधि का नहीं। ‘सर्वराजोच्छेदक’ उपाधि चंद्रगुप्त मौर्य से संबंधित मानी जाती है, जिन्होंने नंद वंश का उन्मूलन किया था।
प्रश्न 3: ‘अर्थशास्त्र’ का लेखक कौन था?
- कालिदास
- विष्णुगुप्त
- बाणभट्ट
- तुलसीदास
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अर्थशास्त्र’ का लेखक विष्णुगुप्त था, जिसे चाणक्य या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: विष्णुगुप्त चंद्रगुप्त मौर्य का प्रधानमंत्री और मुख्य सलाहकार था। ‘अर्थशास्त्र’ शासन, राजनीति, कूटनीति, अर्थव्यवस्था और सैन्य रणनीति पर एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है।
- गलत विकल्प: कालिदास एक महान संस्कृत कवि और नाटककार थे (जैसे ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’)। बाणभट्ट हर्षवर्धन का दरबारी कवि था (जैसे ‘हर्षचरित’, ‘कादंबरी’)। तुलसीदास 16वीं शताब्दी के एक प्रमुख संत और कवि थे (जैसे ‘रामचरितमानस’)।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत का वह शासक था जिसने कठोर बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने सेना के लिए रसद (supply) की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने और महंगाई रोकने के उद्देश्य से खाद्यान्न, कपड़े और अन्य वस्तुओं के मूल्यों को नियंत्रित किया था। उसने ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक एक अधिकारी नियुक्त किया था जो बाजार की देखरेख करता था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने सल्तनत की नींव रखी और ‘चालीसा’ (चालीस सरदारों का समूह) की स्थापना की। गयासुद्दीन तुगलक तुगलक वंश का संस्थापक था। फिरोजशाह तुगलक ने नहरों का निर्माण और गुलामों की देखभाल के लिए ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की।
प्रश्न 5: ‘तत्वाबोधनी सभा’ की स्थापना इनमें से किस समाज सुधारक ने की थी?
- राजा राममोहन राय
- केशव चंद्र सेन
- देवेंद्रनाथ टैगोर
- स्वामी विवेकानंद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: देवेंद्रनाथ टैगोर, जो रवींद्रनाथ टैगोर के पिता थे, ने 1839 में ‘तत्त्वबोधिनी सभा’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह सभा ब्रह्म समाज के सिद्धांतों के प्रसार और उपनिषदों की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी। यह 1828 में राजा राममोहन राय द्वारा स्थापित ब्रह्म समाज के साथ जुड़ गई थी।
- गलत विकल्प: राजा राममोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे। केशव चंद्र सेन ने बाद में ब्रह्म समाज से अलग होकर ‘भारतीय ब्रह्म समाज’ की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और वे अद्वैत वेदांत के प्रबल समर्थक थे।
प्रश्न 6: 1905 में बंगाल के विभाजन के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो II
- लॉर्ड हार्डिंग II
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1905 में बंगाल का विभाजन लॉर्ड कर्जन द्वारा किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन का मानना था कि बंगाल का प्रशासन बहुत बड़ा है और इसे अलग-अलग प्रशासकीय इकाइयों में बांटना आवश्यक है। हालांकि, विभाजन का असली उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को कमजोर करना था। इस विभाजन ने स्वदेशी और बहिष्कार जैसे आंदोलनों को जन्म दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड मिंटो II ने 1909 के मार्ले-मिंटो सुधारों में भूमिका निभाई। लॉर्ड हार्डिंग II के कार्यकाल में राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित हुई।
प्रश्न 7: प्रथम विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ?
- 1917
- 1918
- 1919
- 1920
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध 11 नवंबर, 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: युद्ध की समाप्ति जर्मनी द्वारा युद्धविराम पर हस्ताक्षर के साथ हुई। इसके बाद 28 जून, 1919 को वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर किए गए, जिसने औपचारिक रूप से युद्ध का अंत किया और जर्मनी पर कड़ी शर्तें लगाईं।
- गलत विकल्प: 1917 में अमेरिका प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ था। 1919 में वर्साय की संधि हुई, लेकिन युद्ध 1918 में ही समाप्त हो गया था।
प्रश्न 8: बौद्ध धर्म की चौथी संगीति (परिषद) किस स्थान पर हुई थी?
- राजगृह
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
- कुंडलवन (कश्मीर)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: बौद्ध धर्म की चौथी संगीति कुंडलवन (वर्तमान कश्मीर) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगीति राजा कनिष्क के संरक्षण में हुई थी, जो कुषाण वंश का शासक था। इस परिषद में बौद्ध धर्म को हीनयान और महायान में विभाजित किया गया था, जिसमें महायान शाखा का प्रभाव बढ़ा।
- गलत विकल्प: पहली संगीति राजगृह में (अजातशत्रु के संरक्षण में) हुई थी। दूसरी संगीति वैशाली में (कालशोक के संरक्षण में) हुई थी। तीसरी संगीति पाटलिपुत्र में (अशोक के संरक्षण में) हुई थी।
प्रश्न 9: प्रसिद्ध ‘कनिष्क’ किस राजवंश का शासक था?
- मौर्य
- गुप्त
- कुषाण
- सातवाहन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: कनिष्क कुषाण राजवंश का एक महान शासक था।
- संदर्भ और विस्तार: कनिष्क का शासनकाल लगभग 78 ईस्वी से 101 ईस्वी तक माना जाता है। वह बौद्ध धर्म का एक प्रमुख संरक्षक था और उसने चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन करवाया था। उसने ‘शक संवत्’ (78 ईस्वी) की शुरुआत भी की, जो भारत का राष्ट्रीय पंचांग है।
- गलत विकल्प: मौर्य राजवंश की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। गुप्त राजवंश की स्थापना श्रीगुप्त ने की थी। सातवाहन राजवंश दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण था।
प्रश्न 10: भक्ति आंदोलन के निम्नलिखित संतों में से किसने ‘निर्गुण भक्ति’ पर जोर दिया?
- चैतन्य महाप्रभु
- वल्लभाचार्य
- कबीर
- तुलसीदास
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: कबीर दास भक्ति काल के एक प्रमुख संत थे जिन्होंने ‘निर्गुण भक्ति’ (ईश्वर के निराकार रूप की उपासना) पर सबसे अधिक जोर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: कबीर ने ईश्वर को किसी विशिष्ट रूप, जाति या धर्म से परे माना। उन्होंने मूर्ति पूजा, कर्मकांड और धार्मिक आडंबरों का कड़ा विरोध किया। उनकी शिक्षाएं ‘बीजक’ में संकलित हैं।
- गलत विकल्प: चैतन्य महाप्रभु और वल्लभाचार्य दोनों ‘सगुण भक्ति’ (ईश्वर के साकार रूप की उपासना) के समर्थक थे, विशेषकर कृष्ण भक्ति के। तुलसीदास ने राम भक्ति पर जोर दिया, जो सगुण भक्ति का ही एक रूप है।
प्रश्न 11: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- 12वीं शताब्दी
- 13वीं शताब्दी
- 14वीं शताब्दी
- 15वीं शताब्दी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 14वीं शताब्दी में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में की थी। यह साम्राज्य दक्षिण भारत में स्थापित हुआ और अपने वैभव, कला, वास्तुकला और धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता था।
- गलत विकल्प: 12वीं शताब्दी में चोल साम्राज्य का पतन हो रहा था। 15वीं शताब्दी में विजयनगर अपने चरम पर था।
प्रश्न 12: ‘ग़दर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1913, बर्लिन
- 1907, पेरिस
- 1913, सैन फ्रांसिस्को
- 1914, लंदन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ग़दर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: ग़दर पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति लाना था। इसके सदस्यों में मुख्य रूप से कनाडा और अमेरिका में रहने वाले भारतीय अप्रवासी शामिल थे।
- गलत विकल्प: बर्लिन में सुभाष चंद्र बोस ने आज़ाद हिंद फ़ौज से संबंधित कार्य किए थे, लेकिन ग़दर पार्टी की स्थापना वहाँ नहीं हुई। पेरिस और लंदन में भी क्रांतिकारी गतिविधियाँ हुईं, लेकिन ग़दर पार्टी का मूल केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।
प्रश्न 13: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सरदार वल्लभभाई पटेल और वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इस समझौते के फलस्वरूप सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था और कांग्रेस ने दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय लिया।
- गलत विकल्प: 1929 में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का लक्ष्य घोषित किया था। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था। 1932 में पूना पैक्ट हुआ था।
प्रश्न 14: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ कब हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति का प्रारंभ बास्तील के पतन (14 जुलाई, 1789) से माना जाता है। इसने राजशाही का अंत किया और ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के नारे को बुलंद किया। इसने पूरे यूरोप और दुनिया पर गहरा प्रभाव डाला।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष है। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसने नेपोलियन युग का अंत किया। 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं।
प्रश्न 15: ‘सोमनाथ मंदिर’ पर किस महमूद गजनवी ने आक्रमण किया था?
- 1001 ईस्वी
- 1018 ईस्वी
- 1025 ईस्वी
- 1030 ईस्वी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: महमूद गजनवी ने 1025 ईस्वी में प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आक्रमण महमूद गजनवी के भारत पर हुए 17 आक्रमणों में से सबसे महत्वपूर्ण और विनाशकारी था। उसने मंदिर की अपार संपत्ति लूटी और उसे ध्वस्त कर दिया। इस आक्रमण का मुख्य उद्देश्य धन प्राप्त करना था।
- गलत विकल्प: अन्य वर्ष महमूद गजनवी के अन्य महत्वपूर्ण आक्रमणों के वर्ष हो सकते हैं, लेकिन सोमनाथ पर उसका आक्रमण 1025 ईस्वी में हुआ था।
प्रश्न 16: ‘आर्य समाज’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: आर्य समाज की स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद का मूल नाम मूलशंकर था। उन्होंने ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया और हिंदू धर्म में सुधारवादी आंदोलन चलाया। उन्होंने मूर्ति पूजा, कर्मकांड और जाति प्रथा का विरोध किया और एकेश्वरवाद पर बल दिया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। राजा राममोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह और बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई।
प्रश्न 17: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ किस वर्ष प्रारंभ हुआ?
- 1940
- 1941
- 1942
- 1943
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में प्रारंभ हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना था। मुंबई में आयोजित कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक में 8 अगस्त, 1942 को इस आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया था। गांधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया।
- गलत विकल्प: 1940 में गांधीजी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू किया था। 1941 में यह आंदोलन स्थगित रहा। 1943 में आंदोलन का दमन कर दिया गया था।
प्रश्न 18: ‘पानीपत का प्रथम युद्ध’ (1526) किनके बीच लड़ा गया था?
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- अकबर और हेमू
- अकबर और राणा प्रताप
- बाबर और राणा सांगा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में बाबर की विजय हुई और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी गई। बाबर ने ‘तुलुगमा’ युद्ध नीति का प्रयोग किया था। इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत का अंतिम सुल्तान था।
- गलत विकल्प: अकबर और हेमू के बीच पानीपत का दूसरा युद्ध (1556) हुआ था। अकबर और राणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध (1576) हुआ था। बाबर और राणा सांगा के बीच खानवा का युद्ध (1527) हुआ था।
प्रश्न 19: ‘अष्टप्रधान’ किस साम्राज्य की मंत्रिपरिषद थी?
- मौर्य
- गुप्त
- मुगल
- मराठा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ मराठा साम्राज्य की मंत्रिपरिषद थी।
- संदर्भ और विस्तार: छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी शासन व्यवस्था के लिए अष्टप्रधान का गठन किया था। इसमें आठ मंत्री होते थे, जिनमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धार्मिक मामले), न्यायाधीश (न्याय व्यवस्था) और पंडितराव (धर्म और दान) शामिल थे।
- गलत विकल्प: मौर्य और गुप्त साम्राज्यों में भी मंत्रिपरिषदें थीं, लेकिन उन्हें ‘अष्टप्रधान’ नहीं कहा जाता था। मुगल काल में ‘वकील’ प्रमुख पद होता था और उनके अधीन विभिन्न दीवान और अधिकारी होते थे।
प्रश्न 20: ‘सिराज-उद-दौला’ और रॉबर्ट क्लाइव के बीच ‘प्लासी का युद्ध’ किस वर्ष हुआ था?
- 1757
- 1764
- 1765
- 1772
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्लासी का युद्ध 23 जून, 1757 को सिराज-उद-दौला (बंगाल का नवाब) और रॉबर्ट क्लाइव (ईस्ट इंडिया कंपनी का कमांडर) के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में रॉबर्ट क्लाइव की जीत हुई, जिसने भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व की नींव रखी। धोखे और विश्वासघात के कारण सिराज-उद-दौला को हार का सामना करना पड़ा। इस युद्ध के परिणामस्वरूप बंगाल पर कंपनी का नियंत्रण बढ़ा।
- गलत विकल्प: 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था। 1765 में इलाहाबाद की संधि हुई थी। 1772 में वारेन हेस्टिंग्स भारत का गवर्नर बना था।
प्रश्न 21: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1885, कलकत्ता
- 1885, बंबई
- 1890, मद्रास
- 1906, कलकत्ता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को बंबई (अब मुंबई) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना स्कॉटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम द्वारा की गई थी। प्रथम अधिवेशन गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। इसका प्रारंभिक उद्देश्य भारतीयों को ब्रिटिश शासन में अधिक प्रतिनिधित्व दिलाना था।
- गलत विकल्प: कलकत्ता कांग्रेस का महत्वपूर्ण अधिवेशन स्थल रहा है, लेकिन स्थापना बंबई में हुई थी।
प्रश्न 22: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन था?
- अबू फजल
- बदायूनी
- फैजी
- इनाम खान
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अकबरनामा’ का लेखन अकबर के दरबारी इतिहासकार अबू फजल ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक फारसी इतिहास है जो मुगल सम्राट अकबर के जीवन और शासनकाल का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। इसे तीन खंडों में विभाजित किया गया है, जिसमें तीसरे खंड को ‘दीन-ए-अकबरी’ कहा जाता है, जो अकबर की प्रशासनिक व्यवस्था का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: बदायूनी और फैजी भी अकबर के दरबार से जुड़े थे, लेकिन ‘अकबरनामा’ के लेखक अबू फजल थे।
प्रश्न 23: ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ किसे कहा जाता है?
- स्वामी विवेकानंद
- रामकृष्ण परमहंस
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: राजा राममोहन राय को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ और ‘आधुनिक भारत का जनक’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने 19वीं सदी में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सती प्रथा के उन्मूलन, महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए। ब्रह्म समाज की स्थापना उनकी प्रमुख उपलब्धियों में से एक थी।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता को पश्चिम में लोकप्रिय बनाया। रामकृष्ण परमहंस उनके गुरु थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक महान समाज सुधारक थे, लेकिन पुनर्जागरण के व्यापक अर्थ में अग्रदूत राजा राममोहन राय को माना जाता है।
प्रश्न 24: ‘भारतीय संविधान’ कब अपनाया गया था?
- 26 जनवरी 1950
- 26 नवंबर 1949
- 15 अगस्त 1947
- 9 दिसंबर 1946
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया। यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
- गलत विकल्प: 26 जनवरी 1950 वह दिन है जब संविधान लागू हुआ। 15 अगस्त 1947 भारत की स्वतंत्रता का दिन है। 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी।
प्रश्न 25: ‘साइमन कमीशन’ का गठन किस वर्ष किया गया था?
- 1927
- 1928
- 1929
- 1930
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: साइमन कमीशन का गठन 1927 में किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश सरकार ने 1919 के भारत सरकार अधिनियम के तहत भारत में संवैधानिक सुधारों की समीक्षा के लिए 1927 में सात सदस्यीय साइमन कमीशन का गठन किया था। इस कमीशन के सभी सदस्य ब्रिटिश थे, जिसके कारण भारत में इसका व्यापक विरोध हुआ और ‘साइमन वापस जाओ’ के नारे लगे। यह 1928 में भारत आया था।
- गलत विकल्प: 1928 में कमीशन भारत आया था, लेकिन उसका गठन 1927 में ही हो गया था। 1929 में नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन अपने चरम पर था।