इतिहास की गूंज: आज की निर्णायक प्रश्नोत्तरी!
तैयार हो जाइए ज्ञान के महासागर में गोता लगाने के लिए! हम आपके लिए लाए हैं इतिहास के झरोखे से 25 चुनिंदा प्रश्न, जो आपकी तैयारी को एक नई दिशा देंगे। सिंधु घाटी की सरसराहट से लेकर विश्व युद्धों की आहट तक, हर कालखंड को छूने का प्रयास किया गया है। तो चलिए, शुरू करते हैं यह रोमांचक सफ़र और देखते हैं अतीत के कितने राज़ आप खोल पाते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से स्टेडियम जैसी संरचना के साक्ष्य मिले हैं?
- लोथल
- धौलावीरा
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुजरात में स्थित धौलावीरा, हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है, जहाँ से एक बड़ी सार्वजनिक सभा या खेल आयोजनों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्टेडियम जैसी संरचना के साक्ष्य मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह संरचना हड़प्पावासियों की सामाजिक और संगठनात्मक क्षमताओं का प्रमाण है। धौलावीरा जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए भी प्रसिद्ध है, जहाँ तीन विशिष्ट रूप से संरक्षित जल भंडार पाए गए हैं।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, हड़प्पा सभ्यता का मूल स्थान था, और मोहनजोदड़ो अपने विशाल स्नानागार के लिए जाना जाता है, लेकिन स्टेडियम जैसी संरचना के स्पष्ट साक्ष्य धौलावीरा से ही मिलते हैं।
प्रश्न 2: ‘अमुक्तमाल्यदा’ की रचना किसने की थी, जिसे तमिल साहित्य का ‘ताज’ भी कहा जाता है?
- तिरुवल्लुवर
- कंबन
- कृष्णदेवराय
- नयानर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अमुक्तमाल्यदा’ की रचना विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेवराय ने की थी। यह तेलुगु भाषा में लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह रचना भगवान विष्णु के भक्त अलवर संत गोदा (आंडाल) के जीवन और उनकी प्रेम कहानी पर आधारित है। कृष्णदेवराय स्वयं एक महान विद्वान और कवि थे, जिन्होंने तेलुगु और संस्कृत में कई रचनाएँ कीं।
- गलत विकल्प: तिरुवल्लुवर ने ‘तिरुक्कुरल’ की रचना की, कंबन ने तमिल रामायण (कंब रामायण) लिखी, और नयनार शैव संत थे जिन्होंने भक्ति गीतों की रचना की।
प्रश्न 3: 1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- मोतीलाल नेहरू और चित्तरंजन दास
- सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: स्वराज पार्टी (कांग्रेस खिलाफत स्वराज पार्टी) की स्थापना 1923 में मोतीलाल नेहरू और चित्तरंजन दास (सी.आर. दास) ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) के निलंबन के बाद, कांग्रेस के भीतर कुछ नेताओं का मानना था कि विधायी परिषदों में भाग लेकर ब्रिटिश सरकार की नीतियों को बाधित करना अधिक प्रभावी होगा। इसी विचार से स्वराज पार्टी का गठन हुआ।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी असहयोग आंदोलन के नेता थे और परिषदों में भाग लेने के विरोधी थे। सरदार पटेल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी कांग्रेस के प्रमुख नेता थे लेकिन स्वराज पार्टी के संस्थापक सदस्यों में नहीं थे। सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थे।
प्रश्न 4: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) किसने लागू किया था?
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: स्थायी बंदोबस्त (जमींदारी प्रणाली) को 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा बंगाल, बिहार, ओडिशा और बनारस जैसे क्षेत्रों में लागू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उनसे यह अपेक्षा की गई कि वे सरकार को एक निश्चित राशि निश्चित करें, चाहे उनकी उपज कितनी भी हो। इसका उद्देश्य राजस्व एकत्र करने की एक स्थिर और निश्चित प्रणाली स्थापित करना था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेस्ली ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए, और लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सामाजिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया था।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत की थी?
- अकबर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
- जहाँगीर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नया धर्म या पंथ शुरू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विभिन्न धार्मिक विश्वासों और दार्शनिक विचारों का एक संश्लेषण था, जिसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सद्भाव स्थापित करना था। हालांकि, इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली और यह अकबर के जीवनकाल तक ही सीमित रहा। बीरबल इस धर्म को अपनाने वाले एकमात्र प्रमुख दरबारी थे।
- गलत विकल्प: शाहजहाँ, औरंगजेब और जहाँगीर सभी अकबर के उत्तराधिकारी थे, लेकिन उन्होंने दीन-ए-इलाही की शुरुआत या उसे आगे नहीं बढ़ाया।
प्रश्न 6: भारत में पहली बार जनगणना कब हुई थी?
- 1872
- 1881
- 1901
- 1911
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत में पहली बार जनगणना 1872 में लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक पूर्ण, व्यवस्थित जनगणना नहीं थी, बल्कि विभिन्न अवधियों में की गई जनगणनाओं का सिलसिला था। व्यवस्थित और देशव्यापी जनगणना की शुरुआत 1881 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई, जो हर दस साल में आयोजित की जाती है।
- गलत विकल्प: 1881 में पहली पूर्ण जनगणना हुई थी, न कि पहली जनगणना। 1901 और 1911 बाद के दशक के आंकड़े प्रदान करते हैं।
प्रश्न 7: अशोक के शिलालेखों को पहली बार किसने पढ़ा था?
- चार्ल्स विल्किंस
- जेम्स प्रिंसेप
- अलेक्जेंडर कनिंघम
- जॉन मार्शल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: जेम्स प्रिंसेप, एक ब्रिटिश पुरातत्वविद् और औपनिवेशिक अधिकारी, ने 1837 में ब्राह्मी लिपि में लिखे अशोक के शिलालेखों को पहली बार सफलतापूर्वक पढ़ा और समझा।
- संदर्भ और विस्तार: प्रिंसेप की यह उपलब्धि प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिससे मौर्य साम्राज्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने शिलालेखों में वर्णित ‘देवानांपिय दासी’ (प्रियदर्शियों में प्रिय) की पहचान सम्राट अशोक के रूप में की।
- गलत विकल्प: चार्ल्स विल्किंस ने भगवद गीता और हितोपदेश का अंग्रेजी में अनुवाद किया। अलेक्जेंडर कनिंघम को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का जनक माना जाता है, और जॉन मार्शल ने हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसी सिंधु घाटी सभ्यताओं की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाहियों का विद्रोह’ किसने कहा था?
- कार्ल मार्क्स
- लॉर्ड कैनिंग
- सर जॉन लॉरेंस
- सय्यद अहमद ख़ान
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सर जॉन लॉरेंस और सी.ई. टूट ने 1857 के विद्रोह को केवल ‘सिपाहियों का विद्रोह’ (Sepoy Mutiny) कहा था, जो इसके राष्ट्रीय और जनवादी चरित्र को कम करके आंकता था।
- संदर्भ और विस्तार: यह दृष्टिकोण ब्रिटिश औपनिवेशिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो विद्रोह को केवल सेना के भीतर एक असंतोष का परिणाम मानता था, न कि भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक व्यापक राष्ट्रीय आंदोलन का।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘राष्ट्रीय विद्रोह’ कहा था। लॉर्ड कैनिंग उस समय भारत के गवर्नर-जनरल थे। सर सैयद अहमद ख़ान ने इस विद्रोह के कारणों का विश्लेषण किया और अपनी पुस्तक ‘असबाब-ए-बग़ावत-ए-हिंद’ में इसके कारणों पर प्रकाश डाला।
प्रश्न 9: भारत के किस राज्य में ‘लोकतंत्रीय विकेन्द्रीकरण’ (Panchayati Raj) को पहली बार लागू किया गया था?
- गुजरात
- राजस्थान
- महाराष्ट्र
- उत्तर प्रदेश
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत में पंचायती राज प्रणाली की शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गाँव में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में उल्लिखित राज्य के नीति निदेशक तत्वों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसका उद्घाटन किया था।
- गलत विकल्प: जबकि पंचायती राज अन्य राज्यों में भी लागू किया गया, राजस्थान पहला राज्य था जिसने इसे लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाई।
प्रश्न 10: सिकंदर महान (Alexander the Great) ने भारत पर कब आक्रमण किया था?
- 326 ईसा पूर्व
- 300 ईसा पूर्व
- 261 ईसा पूर्व
- 250 ईसा पूर्व
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सिकंदर महान ने 326 ईसा पूर्व में पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया था।
- संदर्भ और विस्तार: उसने व्यास नदी तक अपना विजय अभियान चलाया, जहाँ उसके सैनिकों ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया। इस अभियान के दौरान उसकी राजा पोरस के साथ प्रसिद्ध झेलम (हाइडैस्पेस) नदी के तट पर लड़ाई हुई थी।
- गलत विकल्प: 300 ईसा पूर्व के आसपास चंद्रगुप्त मौर्य का शासनकाल था, 261 ईसा पूर्व में कलिंग का युद्ध हुआ था, और 250 ईसा पूर्व अशोक के शासनकाल का एक महत्वपूर्ण समय था।
प्रश्न 11: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ यह प्रसिद्ध नारा किसने दिया था?
- भगत सिंह
- महात्मा गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: यह नारा बाल गंगाधर तिलक ने दिया था, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे।
- संदर्भ और विस्तार: तिलक ने इस नारे के माध्यम से लोगों में राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाई और ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध की भावना को मजबूत किया। उन्होंने ‘केसरी’ और ‘मराठा’ समाचार पत्रों के माध्यम से अपने विचारों का प्रसार किया।
- गलत विकल्प: भगत सिंह एक क्रांतिकारी नेता थे, महात्मा गांधी अहिंसा के समर्थक थे, और सुभाष चंद्र बोस आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक थे। इन सभी नेताओं के अपने विशिष्ट नारे और योगदान थे।
प्रश्न 12: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रसिद्ध इतिहासकार ए.एल. श्रीवास्तव ने समुद्रगुप्त की सैन्य विजयों और उसके विशाल साम्राज्य के कारण उसे यह उपाधि दी थी। उसने उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को जीता और कई दक्षिणात्य राज्यों को भी अपने अधीन किया। उसकी विजयों का उल्लेख प्रयाग प्रशस्ति में मिलता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त साम्राज्य की स्थापना की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) का शासनकाल कला और साहित्य का स्वर्ण युग था। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 13: असहयोग आंदोलन कब शुरू हुआ?
- 1919
- 1920
- 1922
- 1923
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार की सहयोग न करके स्वराज्य प्राप्त करना था। इसमें उपाधियों का त्याग, सरकारी अदालतों, स्कूलों और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार शामिल था। यह आंदोलन चौरी-चौरा की घटना के बाद 1922 में स्थगित कर दिया गया था।
- गलत विकल्प: 1919 में रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था, जिसने असहयोग आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार की। 1922 में आंदोलन स्थगित हुआ और 1923 में स्वराज पार्टी का गठन हुआ।
प्रश्न 14: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का नखलिस्तान’ (Gibraltar of Indus) कहलाता था?
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- चन्हुदड़ो
- रोपड़
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंधु का नखलिस्तान’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाम मोहनजोदड़ो के विशाल टीलों और उसके विस्तृत नगरीय योजना के कारण पड़ा, जो सिंधु नदी के किनारे स्थित होने के बावजूद एक उपजाऊ और महत्वपूर्ण केंद्र था। यह स्थल अपनी वृहत स्नानागार, विशाल अन्नागार और कांश प्रतिमा ‘नर्तकी’ के लिए प्रसिद्ध है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सभ्यता का मूल स्थल था। चन्हुदड़ो एकमात्र हड़प्पा स्थल है जहाँ से वक्राकार ईंटें मिली हैं और यह मनका बनाने का प्रमुख केंद्र था। रोपड़ पंजाब में स्थित एक हड़प्पा स्थल है।
प्रश्न 15: द्वितीय विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1935-1940
- 1941-1945
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चला।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध 1 सितंबर 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ और 2 सितंबर 1945 को जापान के आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ। यह मानव इतिहास का सबसे विनाशकारी युद्ध था, जिसमें धुरी राष्ट्र (Axis powers) और मित्र राष्ट्र (Allied powers) शामिल थे।
- गलत विकल्प: 1914-1918 प्रथम विश्व युद्ध का काल था। 1935-1940 युद्ध की पूर्ववर्ती अवधि थी, और 1941-1945 युद्ध का अंतिम चरण था जब अमेरिका युद्ध में शामिल हुआ।
प्रश्न 16: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- लंदन
- बर्लिन
- सैन फ्रांसिस्को
- टोक्यो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गदर पार्टी, जिसकी स्थापना 1913 में हुई थी, का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। इसके सदस्य मुख्य रूप से प्रवासी भारतीय थे, जिन्होंने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जो क्रांतिकारी विचारों को फैलाता था। लाला हरदयाल इसके प्रमुख नेताओं में से एक थे।
- गलत विकल्प: लंदन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य राष्ट्रवादी समूहों की गतिविधियाँ होती थीं, बर्लिन में गदर पार्टी की एक शाखा थी, और टोक्यो में भी कुछ प्रवासी भारतीय सक्रिय थे, लेकिन मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को ही था।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा जैन धर्म का त्रिरत्न नहीं है?
- सम्यक दर्शन (सही विश्वास)
- सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान)
- सम्यक चरित्र (सही आचरण)
- सम्यक दृष्टि (सही दृष्टिकोण)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: जैन धर्म के त्रिरत्न (तीन रत्न) सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र हैं। ‘सम्यक दृष्टि’ त्रिरत्नों में से एक नहीं है, बल्कि ‘सम्यक दर्शन’ का ही एक पर्यायवाची या अंग माना जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये त्रिरत्न मोक्ष प्राप्ति के लिए आवश्यक माने जाते हैं। सम्यक दर्शन का अर्थ है तत्त्वों में विश्वास, सम्यक ज्ञान का अर्थ है आत्मा के स्वरूप का सही ज्ञान, और सम्यक चरित्र का अर्थ है इन ज्ञान और विश्वासों के अनुसार आचरण करना।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) जैन धर्म के वास्तविक त्रिरत्न हैं।
प्रश्न 18: ‘सिद्धांत शिरोमणि’ नामक खगोल विज्ञान पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ के लेखक कौन हैं?
- आर्यभट्ट
- ब्रह्मगुप्त
- भास्कराचार्य द्वितीय
- वराहमिहिर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘सिद्धांत शिरोमणि’ ग्रंथ के लेखक महान भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री भास्कराचार्य द्वितीय थे, जिन्हें भास्कराचार्य-II भी कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ 12वीं शताब्दी में लिखा गया था और इसमें अंकगणित, बीजगणित, त्रिकोणमिति और खगोल विज्ञान जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा है। इसमें ‘लीलावती’ नामक अंकगणित का एक प्रसिद्ध खंड भी शामिल है।
- गलत विकल्प: आर्यभट्ट (5वीं शताब्दी) ने ‘आर्यभटीय’ लिखा, ब्रह्मगुप्त (7वीं शताब्दी) ने ‘ब्रह्मस्फुट सिद्धांत’ लिखा, और वराहमिहिर (6ठी शताब्दी) ने ‘पंचसिद्धांतिका’ और ‘बृहत्संहिता’ जैसे ग्रंथ लिखे।
प्रश्न 19: कांग्रेस की किस बैठक में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
- कराची अधिवेशन, 1931
- त्रिपुरी अधिवेशन, 1939
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस प्रस्ताव का अर्थ था कि भारत अब ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर स्वशासन (Dominion Status) से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करेगा। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का भी निर्णय लिया गया।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन को मंजूरी मिली। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों का प्रस्ताव पारित हुआ। त्रिपुरी अधिवेशन (1939) में सुभाष चंद्र बोस की पुनः अध्यक्षता और उसके बाद के घटनाक्रम महत्वपूर्ण थे।
प्रश्न 20: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ (Vernacular Press Act) किस वायसराय के कार्यकाल में पारित हुआ था?
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878 में लॉर्ड लिटन के कार्यकाल में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाना और उनकी आलोचना को दबाना था। इसने प्रेस की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से सीमित कर दिया। लॉर्ड रिपन ने बाद में 1882 में इस अधिनियम को रद्द कर दिया था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड रिपन ने इस एक्ट को रद्द किया, लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया, और लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत लागू किया।
प्रश्न 21: गुप्तकालीन प्रसिद्ध खगोलशास्त्री ‘आर्यभट्ट’ ने किस वर्ष में ‘आर्यभट्टीय’ की रचना की थी?
- 476 ईस्वी
- 499 ईस्वी
- 505 ईस्वी
- 510 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: आर्यभट्ट ने अपनी प्रसिद्ध कृति ‘आर्यभट्टीय’ की रचना 499 ईस्वी में की थी, जब वे 23 वर्ष के थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह महत्वपूर्ण खगोलीय और गणितीय ग्रंथ है जिसमें गणित की विभिन्न शाखाएँ, जैसे अंकगणित, बीजगणित, त्रिकोणमिति और खगोल विज्ञान शामिल हैं। आर्यभट्ट ने पृथ्वी की परिधि, पाई (π) के मान और सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण के कारणों का भी सही अनुमान लगाया था।
- गलत विकल्प: 476 ईस्वी उनका जन्म वर्ष माना जाता है। 505 ईस्वी और 510 ईस्वी उनके कार्य के अन्य संभावित वर्ष हो सकते हैं, लेकिन 499 ईस्वी व्यापक रूप से स्वीकृत वर्ष है।
प्रश्न 22: ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना कब हुई?
- 1876
- 1880
- 1885
- 1890
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: इंडियन एसोसिएशन की स्थापना 1876 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना सुरेंद्रनाथ बनर्जी और आनंद मोहन बोस ने मिलकर कलकत्ता में की थी। यह भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध राजनीतिक जनमत तैयार करने वाली प्रारंभिक महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक थी। इसने बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठन में भी योगदान दिया।
- गलत विकल्प: 1880 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना से पहले कई अन्य राजनीतिक संस्थाएँ बनीं। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। 1890 बाद का दशक है।
प्रश्न 23: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1830
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांस में सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल का एक युग था, जिसने राजशाही का अंत किया और गणराज्य की स्थापना की। बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) को क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस क्रांति ने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के नारे को जन्म दिया, जिसने पूरे विश्व को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई थी। 1815 में वाटरलू की लड़ाई हुई, जिसने नेपोलियन युग का अंत किया। 1830 में भी यूरोप में कुछ क्रांतियाँ हुईं।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस वेद का संबंध ‘जादू-टोना’ और ‘वशीकरण’ से है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अथर्ववेद का संबंध जादू-टोना, वशीकरण, चिकित्सा, तंत्र-मंत्र और दैनिक जीवन से संबंधित मंत्रों से है।
- संदर्भ और विस्तार: यह चारों वेदों में से अंतिम वेद है और इसमें विभिन्न प्रकार के उपचार, शुभ-अशुभ शक्तियों को नियंत्रित करने के उपाय, और सामाजिक रीति-रिवाजों का वर्णन है। यह वेदों के आध्यात्मिक और दार्शनिक पहलुओं के विपरीत, अधिक व्यावहारिक और लोक-कल्याणकारी प्रकृति का है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें देवताओं की स्तुति में श्लोक हैं। यजुर्वेद में यज्ञों के विधान का वर्णन है। सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्र हैं।
प्रश्न 25: 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ था?
- दिल्ली
- बॉम्बे
- कलकत्ता
- लखनऊ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के बॉम्बे (अब मुंबई) अधिवेशन में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिवेशन 8 अगस्त 1942 को हुआ था, जिसकी अध्यक्षता अबुल कलाम आजाद ने की थी। महात्मा गांधी ने इसमें ‘करो या मरो’ का नारा दिया था, जो इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य बन गया। इस आंदोलन का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना था।
- गलत विकल्प: दिल्ली, कलकत्ता और लखनऊ में भी कांग्रेस के महत्वपूर्ण अधिवेशन हुए थे, लेकिन ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव बॉम्बे अधिवेशन में ही पारित हुआ था।