इतिहास की गहरी पड़ताल: आज की 25 प्रश्नोत्तरी
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! आज हम समय की गहराइयों में उतरेंगे और अपनी ऐतिहासिक समझ को परखेंगे। यह 25 प्रश्नों की श्रृंखला प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक दुनिया तक फैले महत्वपूर्ण घटनाओं, व्यक्तित्वों और साम्राज्यों को कवर करती है। तो, अपनी तैयारी को अंतिम रूप दें और देखें कि आप अतीत के इन पन्नों को कितनी अच्छी तरह समझते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सैंधव सभ्यता के किस स्थल को ‘सिंधु घाटी का हड़प्पा’ कहा जाता है?
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- हड़प्पा
- कालीबंगा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: हड़प्पा सैंधव सभ्यता का वह पहला स्थल था जिसकी खोज 1921 में रायबहादुर दयाराम साहनी द्वारा की गई थी। इसी कारण इसे ‘सिंधु घाटी का हड़प्पा’ भी कहा जाता है, और इसी के नाम पर इस सभ्यता का नामकरण किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह रावी नदी के तट पर स्थित था। यहां से मिली प्रमुख वस्तुओं में अन्नागार, हड़प्पाई लिपि युक्त मुहरें, और तांबे का पैमाना शामिल हैं।
- गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) सैंधव सभ्यता का एक और महत्वपूर्ण स्थल था, लेकिन हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक बंदरगाह शहर था, और कालीबंगा जूते हुए खेतों के प्रमाण के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 2: प्रसिद्ध ‘गायकवाड़XRD’ का संबंध भारत के किस क्षेत्र से था?
- बंगाल
- मराठा साम्राज्य
- मैसूर
- अवध
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘गायकवाड़’ भारत के एक प्रमुख मराठा शासक वंश थे, जिन्होंने मुख्य रूप से बड़ौदा (वर्तमान वडोदरा) रियासत पर शासन किया। वे मराठा परिसंघ के महत्वपूर्ण सदस्य थे।
- संदर्भ और विस्तार: गायकवाड़ वंश की स्थापना सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय के पूर्वज मल्हार राव गायकवाड़ ने की थी। मराठा साम्राज्य के विस्तार में गायकवाड़ों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: गायकवाड़ का संबंध बंगाल (पाल, सेन, या ब्रिटिश शासक), मैसूर (हैदर अली, टीपू सुल्तान), या अवध (नवाब) से नहीं था।
प्रश्न 3: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल विभाजन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- बंगाल में शिक्षा का प्रसार
- प्रशासनिक सुविधा के बहाने बंगाली राष्ट्रवाद को कमजोर करना
- भूमि सुधार लागू करना
- व्यापार को बढ़ावा देना
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड कर्जन ने 1905 में प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए बंगाल का विभाजन किया, लेकिन इसका वास्तविक उद्देश्य बंगाल में बढ़ते राष्ट्रवाद और हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन और बहिष्कार आंदोलन चलाए गए, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को गति दी।
- गलत विकल्प: विभाजन का उद्देश्य शिक्षा, भूमि सुधार या व्यापार को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित था।
प्रश्न 4: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट द्वारा की गई थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धर्म की स्थापना सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एक साथ लाना था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने विभिन्न धर्मों के विद्वानों के साथ चर्चा के बाद यह सिद्धांत प्रतिपादित किया था। यह एक प्रकार का सूफीवाद-आधारित सर्वधर्म समभाव का प्रयास था।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस दीन-ए-इलाही का अनुसरण या विस्तार नहीं किया; बल्कि, औरंगजेब की नीतियां अधिक रूढ़िवादी थीं।
प्रश्न 5: द्वितीय विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1929-1935
- 1945-1950
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध 1 सितंबर 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ और 2 सितंबर 1945 को जापान के आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह इतिहास का सबसे विनाशकारी युद्ध था, जिसमें धुरी राष्ट्र (मुख्यतः जर्मनी, इटली, जापान) और मित्र राष्ट्र (मुख्यतः ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ, अमेरिका, चीन) शामिल थे।
- गलत विकल्प: 1914-1918 प्रथम विश्व युद्ध का समय था। अन्य विकल्प द्वितीय विश्व युद्ध के कालखंड से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 6: मौर्य वंश का संस्थापक कौन था?
- सम्राट अशोक
- बिंदुसार
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बृहद्रथ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से एक विशाल साम्राज्य की नींव रखी, जो भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को एकीकृत करने वाला पहला साम्राज्य था।
- गलत विकल्प: सम्राट अशोक चंद्रगुप्त मौर्य के पोते थे, बिंदुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे, और बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse)
- ईसाई मिशनरियों का बढ़ता प्रभाव
- नए कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी का प्रयोग
- ब्रिटिशों द्वारा भारतीय संस्कृति का अनादर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफल के नए कारतूस थे, जिनके बारे में कहा जाता था कि उनमें गाय और सुअर की चर्बी लगी होती थी, जिससे हिंदू और मुसलमान दोनों सैनिकों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
- संदर्भ और विस्तार: मंगल पांडे द्वारा चर्बी लगे कारतूसों का विरोध इस विद्रोह की पहली चिंगारी साबित हुआ। हालाँकि, इस विद्रोह के पीछे ब्रिटिश नीतियों, आर्थिक शोषण, प्रशासनिक अन्याय और सामाजिक-धार्मिक हस्तक्षेप जैसे कई गहरे कारण भी थे।
- गलत विकल्प: डलहौजी की व्यपगत का सिद्धांत, ईसाई मिशनरियों का प्रभाव और ब्रिटिशों द्वारा सांस्कृतिक अनादर जैसे कारण भी विद्रोह के लिए उत्तरदायी थे, लेकिन तात्कालिक कारण कारतूसों का मुद्दा था।
प्रश्न 8: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1857
- 1885
- 1905
- 1947
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को ए.ओ. ह्यूम नामक एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका पहला अधिवेशन बंबई (अब मुंबई) में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। कांग्रेस का गठन शुरू में भारतीयों को एक मंच प्रदान करने और ब्रिटिश सरकार के प्रति अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए किया गया था।
- गलत विकल्प: 1857 विद्रोह का वर्ष है, 1905 बंगाल विभाजन का वर्ष है, और 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।
प्रश्न 9: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- क्योंकि इस काल में सोने के सिक्के बहुत अधिक ढाले गए थे।
- क्योंकि इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- क्योंकि इस काल में गुप्तों ने अपना साम्राज्य सोने से बनाया था।
- क्योंकि इस काल में व्यापार बहुत अधिक फला-फूला।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य (कालिदास, विष्णु शर्मा), विज्ञान (आर्यभट्ट), गणित (शून्य की अवधारणा) और खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: इस युग में अजंता की गुफाओं की चित्रकला, सारनाथ में बुद्ध की खड़ी प्रतिमा और देवगढ़ का दशावतार मंदिर जैसे कला के उत्कृष्ट नमूने देखने को मिलते हैं।
- गलत विकल्प: हालांकि इस काल में व्यापार समृद्ध था और सोने के सिक्के भी ढाले गए थे, लेकिन ‘स्वर्ण युग’ का मुख्य कारण समग्र सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास था। साम्राज्य को सोने से बनाने जैसी बात गलत है।
प्रश्न 10: ‘इंडिका’ का लेखक कौन है?
- प्लिनी
- टॉलेमी
- मेगस्थनीज
- फाह्यान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘इंडिका’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक मेगस्थनीज हैं, जो एक यूनानी राजदूत था और चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक में मौर्यकालीन भारत, विशेषकर पाटलिपुत्र के समाज, संस्कृति, प्रशासन और राजनीतिक व्यवस्था का विस्तृत वर्णन किया है। यद्यपि मूल ‘इंडिका’ अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके अंश अन्य लेखकों जैसे एरियन, प्लूटार्क आदि के कार्यों में मिलते हैं।
- गलत विकल्प: प्लिनी (प्राकृतिक इतिहास), टॉलेमी (भूगोल), और फाह्यान (चीनी यात्री, भारत यात्रा का विवरण) अन्य महत्वपूर्ण प्राचीन लेखक और यात्री हैं, लेकिन ‘इंडिका’ मेगस्थनीज ने लिखी थी।
प्रश्न 11: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- बुक्का राय प्रथम
- हरिहर प्रथम
- हरिहर और बुक्का
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का राय प्रथम, जो दो भाई थे, द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस साम्राज्य ने दक्षिण भारत पर लगभग 250 वर्षों तक शासन किया और अपनी कला, साहित्य, वास्तुकला और व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। हरिहर प्रथम को अक्सर पहला शासक माना जाता है, जबकि बुक्का राय प्रथम ने साम्राज्य को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी।
प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान ‘लाल, बाल, पाल’ कौन थे?
- क्रांतिकारी नेता
- उदारवादी नेता
- चरमपंथी नेता
- समाज सुधारक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘लाल, बाल, पाल’ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर राष्ट्रवादी विचारधारा के तीन प्रमुख नेताओं – लाला लाजपत राय (लाल), बाल गंगाधर तिलक (बाल), और बिपिन चंद्र पाल (पाल) – का प्रतिनिधित्व करते थे। ये तीनों नेता कांग्रेस के गरमपंथी (चरमपंथी) दल से जुड़े थे।
- संदर्भ और विस्तार: ये नेता कांग्रेस के भीतर स्वदेशी, बहिष्कार और पूर्ण स्वराज जैसे अधिक मुखर राजनीतिक साधनों की वकालत करते थे।
- गलत विकल्प: ये नेता उदारवादी नहीं थे, जो निवेदन और याचिका पर विश्वास करते थे। वे क्रांतिकारी गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे, बल्कि राजनीतिक आंदोलन के माध्यम से परिवर्तन चाहते थे।
प्रश्न 13: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धोलावीरा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो से प्राप्त ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे प्रसिद्ध कलाकृतियों में से एक है। यह प्रतिमा अपनी सजीवता और कलात्मकता के लिए जानी जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 4 इंच लंबी है और इसमें एक युवा लड़की को त्रिपंकीय मुद्रा में खड़ी दिखाया गया है। यह लॉस्ट-वैक्स (लुप्त मोम) तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से मातृ देवी की मूर्ति, टेराकोटा बैल, और तांबे का पैमाना मिला था। लोथल से जहाज और युग्म समाधि मिली थी, जबकि धोलावीरा से जल प्रबंधन की अनूठी व्यवस्था मिली थी।
प्रश्न 14: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ईस्वी) को उसकी कुशल बाजार नियंत्रण प्रणाली के लिए जाना जाता है। उसने आवश्यक वस्तुओं के मूल्य निश्चित किए, मुनाफाखोरी को रोका और व्यापारियों के लिए सख्त नियम बनाए।
- संदर्भ और विस्तार: उसका उद्देश्य अपनी विशाल सेना को कम वेतन पर बनाए रखना और जनता को सुलभ मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराना था। इसके लिए उसने दीवान-ए-रियासत और शहना-ए-मंडी जैसे अधिकारियों की नियुक्ति की।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने सल्तनत को संगठित किया, बलबन ने राजत्व सिद्धांत पर जोर दिया, और गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी।
प्रश्न 15: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई और 1799 तक चली। इसके सबसे प्रतीकात्मक घटना 14 जुलाई 1789 को बास्तील के पतन को माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति का नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था। इसने राजशाही का अंत किया और गणतंत्र की स्थापना की, जिसने पूरे यूरोप और दुनिया में राजनीतिक विचारों को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष था। 1815 वाटरलू का युद्ध (नेपोलियन की हार) और वियना कांग्रेस का वर्ष था। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।
प्रश्न 16: अशोक के शिलालेखों में किस लिपि का प्रयोग किया गया है?
- देवनागरी
- खरोष्ठी और ब्राह्मी
- फारसी
- ग्रीक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अशोक के अधिकांश शिलालेखों में ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया गया है, जो प्राचीन भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि थी। पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित शिलालेखों में खरोष्ठी लिपि का भी प्रयोग मिलता है, जो अरामाईक से व्युत्पन्न है।
- संदर्भ और विस्तार: कुछ शिलालेखों में यूनानी और अरामाईक लिपियों का भी प्रयोग हुआ है, जो तत्कालीन साम्राज्य की विशालता और विभिन्न सांस्कृतिक संपर्कों को दर्शाता है। इन शिलालेखों के माध्यम से अशोक की धार्मिक और राजनीतिक नीतियों की जानकारी मिलती है।
- गलत विकल्प: देवनागरी लिपि का प्रयोग अशोक के समय में नहीं होता था। फारसी और ग्रीक का प्रयोग कुछ शिलालेखों में हुआ, लेकिन मुख्य रूप से ब्राह्मी और खरोष्ठी का प्रयोग हुआ।
प्रश्न 17: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- अमीर खुसरो
- जियाउद्दीन बरनी
- इब्न बतूता
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ नामक महत्वपूर्ण ग्रंथ के लेखक जियाउद्दीन बरनी हैं। उन्होंने इस पुस्तक में गयासुद्दीन तुगलक से लेकर फिरोजशाह तुगलक तक के शासकों के इतिहास का वर्णन किया है।
- संदर्भ और विस्तार: बरनी ने इस पुस्तक में तत्कालीन सुल्तानों की नीतियों, सामाजिक-आर्थिक दशा और प्रशासनिक व्यवस्था पर विस्तार से प्रकाश डाला है। यह सल्तनत काल के इतिहास के अध्ययन के लिए एक प्रमुख स्रोत है।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो (तबकात-ए-नासिरी के लेखक नहीं, बल्कि अन्य ग्रंथ), इब्न बतूता (रेहला के लेखक), और मिन्हाज-उस-सिराज (तबकात-ए-नासिरी के लेखक) अन्य महत्वपूर्ण मध्यकालीन लेखक हैं।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ के बारे में सही है?
- इसमें जमींदारों से सीधे कर वसूल किया जाता था।
- इसमें काश्तकारों (किसानों) से सीधे कर वसूला जाता था।
- यह केवल बंगाल प्रेसीडेंसी में लागू थी।
- इसमें सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए तालुकदार होते थे।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: रैयतवाड़ी व्यवस्था में, सरकार सीधे व्यक्तिगत किसानों (रैयत) से राजस्व का एक निश्चित हिस्सा एकत्र करती थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था मद्रास, बंबई, असम और कुर्ग के कुछ हिस्सों में लागू की गई थी। इसके प्रस्तावक सर थॉमस मुनरो और कैप्टन अलेक्जेंडर रीड थे। इसमें ज़मींदार मध्यस्थ नहीं होते थे, बल्कि किसान स्वयं अपनी भूमि का स्वामी होता था।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) स्थायी बंदोबस्त (जमींदारी व्यवस्था) से संबंधित है। विकल्प (c) गलत है क्योंकि यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में लागू थी। विकल्प (d) महलवाड़ी व्यवस्था से कुछ हद तक मिलता-जुलता है।
प्रश्न 19: भारत में ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक नामक एक राजनीतिक दल की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह कदम उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उठाया था, जब त्रिपुरी अधिवेशन में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधीजी की पसंद पट्टाभि सीतारमैया के स्थान पर चुना गया था, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। फॉरवर्ड ब्लॉक का उद्देश्य कट्टरपंथी और समाजवादी नीतियों को बढ़ावा देना था।
- गलत विकल्प: अन्य तीनों नेता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना बोस द्वारा की गई थी।
प्रश्न 20: ‘सप्तवर्षीय युद्ध’ (Seven Years’ War) मुख्य रूप से किन दो यूरोपीय शक्तियों के बीच लड़ा गया था?
- फ्रांस और स्पेन
- ब्रिटेन और फ्रांस
- जर्मनी और ऑस्ट्रिया
- ब्रिटेन और नीदरलैंड
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सप्तवर्षीय युद्ध (1756-1763) मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यूरोप में यह युद्ध प्रशिया (अब जर्मनी का हिस्सा) और ऑस्ट्रिया के बीच भी था, लेकिन वैश्विक संघर्ष में ब्रिटिशों ने फ्रांसीसियों को उत्तर अमेरिका (कनाडा), भारत और अफ्रीका में प्रमुखता से हराया, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत में यह युद्ध ‘तीसरा कर्नाटक युद्ध’ के रूप में भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प यूरोपीय शक्तियों के बीच संघर्ष के अन्य उदाहरणों से जुड़े हैं, लेकिन सप्तवर्षीय युद्ध का मुख्य द्वंद्व ब्रिटेन और फ्रांस के बीच था।
प्रश्न 21: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ काल का अनुमानित समय क्या है?
- ईसा पूर्व 1000-600
- ईसा पूर्व 600-300
- ईसा पूर्व 300-100
- ईसा पूर्व 100-200
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: महाजनपदों का उदय छठी शताब्दी ईसा पूर्व (लगभग 600 ईसा पूर्व) में हुआ और यह काल लगभग 300 ईसा पूर्व तक चला, जब मगध का साम्राज्य स्थापित हो गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में भारत में 16 प्रमुख महाजनपदों का उदय हुआ, जिनमें मगध, कोशल, वत्स, अवंती, कंबोज आदि प्रमुख थे। यह बौद्ध और जैन धर्मों के उदय का भी काल था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प इस कालखंड से मेल नहीं खाते। ईसा पूर्व 1000-600 वैदिक काल का उत्तरार्ध था, और ईसा पूर्व 300-100 मौर्योत्तर काल था।
प्रश्न 22: ‘मुद्रा राक्षस’ नामक प्रसिद्ध नाटक का लेखक कौन है?
- कालिदास
- विशाखदत्त
- बाणभट्ट
- भवभूति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘मुद्रा राक्षस’ नामक प्रसिद्ध संस्कृत नाटक के लेखक विशाखदत्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक मौर्य काल के राजनीतिक षड्यंत्रों पर आधारित है, जिसमें चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा नंदों को उखाड़ फेंकने की कहानी का वर्णन है। इस नाटक में चाणक्य की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: कालिदास (अभिज्ञानशाकुंतलम), बाणभट्ट (हर्षचरित), और भवभूति (उत्तररामचरित) अन्य प्रमुख संस्कृत नाटककार और कवि हैं।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से किस गवर्नर-जनरल ने ‘सहायक संधि प्रणाली’ (Subsidiary Alliance System) की शुरुआत की थी?
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड वेलेजली, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे, ने सहायक संधि प्रणाली की शुरुआत की।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना को भंग कर ब्रिटिश सेना को बनाए रखना पड़ता था, ब्रिटिश रेजिडेंट को अपने दरबार में रखना पड़ता था, और किसी अन्य यूरोपीय शक्ति से संबंध नहीं रखने का वादा करना पड़ता था। बदले में, ब्रिटिश उन्हें बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करते थे। हैदराबाद, मैसूर, तंजौर, अवध आदि राज्यों ने यह संधि स्वीकार की।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया, लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत लागू किया, और लॉर्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा का उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधार किए।
प्रश्न 24: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर का नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- तात्या टोपे
- नाना साहेब
- कुँवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व नाना साहेब ने किया था, जो पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे।
- संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने कानपुर पर कब्जा कर लिया और स्वयं को पेशवा घोषित किया। उनके प्रमुख सेनापति तात्या टोपे थे, जिन्होंने विद्रोह के विभिन्न चरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी से, तात्या टोपे ने कई स्थानों से (विशेषकर ग्वालियर), और कुँवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
प्रश्न 25: ‘विश्व व्यापार संगठन’ (WTO) की स्थापना कब हुई थी?
- 1948
- 1957
- 1995
- 2001
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization – WTO) की स्थापना 1 जनवरी 1995 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: डब्ल्यूटीओ वैश्विक व्यापार नियमों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) का उत्तराधिकारी है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित हुआ था। डब्ल्यूटीओ का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार को सुचारू, अनुमानित और मुक्त बनाना है।
- गलत विकल्प: 1948 में गैट (GATT) की स्थापना हुई थी। 1957 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) की स्थापना हुई। 2001 में दोहा विकास एजेंडा वार्ता शुरू हुई।