इतिहास की गहराई में गोता लगाएँ: आज का महा-मॉक टेस्ट!
इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह विशेष क्विज़ आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग की महत्वपूर्ण घटनाओं तक ले जाएगा। अपने ज्ञान की परख करें और इतिहास के रहस्यों को सुलझाने के लिए कमर कस लें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: ऋग्वेद में ‘पुरु’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
- आर्य
- अनार्य
- दास
- राजा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ऋग्वेद में ‘पुरु’ शब्द का प्रयोग मुख्यतः आर्य लोगों के एक प्रमुख कबीले के लिए किया गया है, जो तत्कालीन पंजाब क्षेत्र में निवास करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: ये आर्य लोग इंद्र, अग्नि, सोम जैसे देवताओं की पूजा करते थे और युद्धों में भाग लेते थे। ‘पुरु’ कबीला इन आर्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
- गलत विकल्प: ‘अनार्य’ उन लोगों को संदर्भित करता था जो आर्यों से भिन्न थे। ‘दास’ अक्सर युद्ध बंदी या गुलामों के लिए प्रयोग होता था, जबकि ‘राजा’ एक शासक के लिए शब्द था।
प्रश्न 2: किस अभिलेख में चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक दोनों का उल्लेख मिलता है?
- जूनागढ़ अभिलेख
- नासिक अभिलेख
- गिरनार अभिलेख
- एहोल अभिलेख
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: जूनागढ़ अभिलेख (जिसे गिरनार अभिलेख भी कहा जाता है) को संस्कृत भाषा में जारी किया गया था और इसमें मौर्य शासक चंद्रगुप्त मौर्य और उनके पौत्र अशोक दोनों का उल्लेख है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अभिलेख पहली बार रुद्रदामन प्रथम द्वारा जारी किया गया था और इसमें सुदर्शन झील के जीर्णोद्धार का उल्लेख है, जिसमें चंद्रगुप्त मौर्य के प्रांतीय अधिकारी पुष्यगुप्त वैश्य और अशोक के काल में उसके यवन राज्यपाल तुषास्फ का योगदान था।
- गलत विकल्प: नासिक अभिलेख सातवाहन शासकों से संबंधित है, और एहोल अभिलेख चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय से संबंधित है।
प्रश्न 3: ‘सप्तपर्णी गुफा’ किस बौद्ध संगीति से संबंधित है?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सप्तपर्णी गुफा (Saptaparni Cave) राजगृह (राजगीर) में स्थित है और यह प्रथम बौद्ध संगीति के आयोजन स्थल के रूप में जानी जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम बौद्ध संगीति मगध के शासक अजातशत्रु के संरक्षण में राजगृह में आयोजित की गई थी। यहीं पर बुद्ध की शिक्षाओं को विनय पिटक और सुत्त पिटक के रूप में संकलित किया गया था।
- गलत विकल्प: द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली में, तृतीय पाटलिपुत्र में (अशोक के संरक्षण में), और चतुर्थ बौद्ध संगीति कश्मीर के कुंडलवन में (कनिष्क के संरक्षण में) हुई थी।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ नामक सैन्य विभाग की स्थापना की?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोजशाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बलबन (1266-1287 ई.) ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ नामक एक स्वतंत्र सैन्य विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: बलबन ने अपनी शक्ति को मजबूत करने और मंगोल आक्रमणों का सामना करने के लिए एक शक्तिशाली सेना का गठन किया। इस विभाग का मुख्य कार्य सेना की भर्ती, प्रशिक्षण, अनुशासन और रसद सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) नामक दरबारी गुट का गठन किया। अलाउद्दीन खिलजी ने सेना में दाग (घोड़ों पर निशान लगाना) और हुलिया (सैनिकों का विवरण) जैसी प्रणाली लागू की। फिरोजशाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र पितामह’ कहा जाता है?
- कृष्ण देवराय
- राम राय
- देवराय द्वितीय
- बुक्का प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासक कृष्ण देवराय (1509-1529 ई.) को ‘आंध्र पितामह’ की उपाधि से नवाजा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उन्हें तेलुगु साहित्य और संस्कृति के उनके संरक्षण के कारण दी गई थी। उन्होंने स्वयं ‘अमुक्तमाल्यादा’ नामक एक प्रसिद्ध तेलुगु काव्य की रचना की।
- गलत विकल्प: देवराय द्वितीय एक शक्तिशाली शासक थे जिन्होंने अपनी सेना में पठानों को भी शामिल किया था। बुक्का प्रथम ने विजयनगर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राम राय विजयनगर के अंतिम महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 6: ‘फुतूह-उस-सलातीन’ का लेखक कौन था?
- जियाउद्दीन बरनी
- अमीर खुसरो
- इस्सामी
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘फुतूह-उस-सलातीन’ (राज्यों की विजय) का लेखक ख्वाजा अब्दुल मलिक इस्सामी था।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक इतिहास (1206-1350 ई.) का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें गजनी के महमूद से लेकर मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल तक के सुल्तानों का वर्णन है।
- गलत विकल्प: जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ लिखी, अमीर खुसरो ने ‘तुगलकनामा’ और ‘खज़ाइन-उल-फुतूह’ जैसी रचनाएँ कीं, और मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकाते-नासिरी’ लिखी।
प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह का तत्कालीन कारण क्या था?
- डलहौजी की हड़प नीति
- इरविन द्वारा किसानों पर लगाए गए कर
- एनफील्ड राइफल में चर्बी लगे कारतूस
- वेस्टर्न आयोग की रिपोर्ट
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह का तत्कालीन और तात्कालिक कारण नई एनफील्ड राइफल में प्रयोग किए जाने वाले कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी का प्रयोग था, जिससे हिंदू और मुसलमान दोनों सैनिकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।
- संदर्भ और विस्तार: इन कारतूसों को बंदूक में लोड करने से पहले दांतों से खोलना पड़ता था। मंगल पांडे ने बैरकपुर में इसका विरोध किया और 1857 के विद्रोह की चिंगारी जली।
- गलत विकल्प: डलहौजी की हड़प नीति (a) विद्रोह के कई कारणों में से एक थी, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं। इरविन (b) और वेस्टर्न आयोग (d) बाद के काल से संबंधित हैं।
प्रश्न 8: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन हैं?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ (सत्य का प्रकाश) के लेखक महर्षि दयानंद सरस्वती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक आर्य समाज के प्रमुख उद्देश्यों और दार्शनिक विचारों को प्रस्तुत करती है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को पुनः स्थापित करने का नारा दिया और ‘भारत भारतीयों के लिए है’ का उद्घोष किया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘राज योग’ और ‘कर्म योग’ जैसे ग्रंथ लिखे। राजा राममोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर शिक्षा सुधारों के लिए जाने जाते थे।
प्रश्न 9: भारत में सहायक संधि (Subsidiary Alliance) का प्रयोग सर्वप्रथम किस गवर्नर-जनरल ने किया?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड हेस्टिंग्स
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत में सहायक संधि प्रणाली का प्रयोग सर्वप्रथम लॉर्ड वेलेजली (1798-1805 ई.) ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, भारतीय रियासतों को ब्रिटिश सेना रखने, उसके खर्चों का वहन करने और अपने दरबार में एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखने के लिए बाध्य किया जाता था। बदले में, ब्रिटिश कंपनी रियासत को बाहरी आक्रमण से सुरक्षा का वचन देती थी। हैदराबाद पहला राज्य था जिसने 1798 में इस संधि को स्वीकार किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। लॉर्ड डलहौजी अपनी हड़प नीति के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड हेस्टिंग्स ने आंग्ल-नेपाल युद्ध जीता और मराठा शक्ति को कमजोर किया।
प्रश्न 10: किस एक्ट के द्वारा कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया था, केवल चाय व्यापार और चीन के साथ व्यापार को छोड़कर?
- 1793 का चार्टर एक्ट
- 1813 का चार्टर एक्ट
- 1833 का चार्टर एक्ट
- 1853 का चार्टर एक्ट
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1813 के चार्टर एक्ट ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के भारतीय व्यापार पर एकाधिकार को समाप्त कर दिया था, सिवाय चाय के व्यापार और चीन के साथ व्यापार के।
- संदर्भ और विस्तार: इस एक्ट के द्वारा भारत को ब्रिटिश व्यापारियों के लिए खोल दिया गया, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश पूंजीवाद का प्रभाव बढ़ा।
- गलत विकल्प: 1793 के चार्टर एक्ट ने कंपनी के एकाधिकार को 20 वर्षों के लिए बढ़ाया था। 1833 के चार्टर एक्ट ने कंपनी के चाय और चीन के साथ व्यापार के एकाधिकार को भी समाप्त कर दिया, जिससे यह एक विशुद्ध प्रशासनिक और राजनीतिक निकाय बन गई। 1853 के चार्टर एक्ट ने पहली बार भारतीय विधान परिषद की स्थापना की।
प्रश्न 11: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- चन्हूदड़ो
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ (Mound of the Dead) भी कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु नदी के तट पर स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यह अपने सुनियोजित नगर नियोजन, विशाल स्नानागार, अन्नागार और कांसे की नर्तकी की प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। ‘सिंधु का बाग’ नाम इसकी उर्वरता और हरा-भरा वातावरण दर्शाता है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया सिंधु स्थल था। लोथल एक बंदरगाह शहर था, और चन्हूदड़ो मनके बनाने के लिए जाना जाता था।
प्रश्न 12: ‘इक्तादारी’ प्रणाली की शुरुआत किसने की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इक्तादारी प्रणाली की शुरुआत गुलाम वंश के शासक इल्तुतमिश ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इक्तादारी प्रणाली एक भू-राजस्व प्रणाली थी जिसमें राज्य की भूमि को इक्ताओं (प्रांतों) में विभाजित किया जाता था और प्रत्येक इक्ता को एक इक्तादार (अधिकारी) को सौंपा जाता था। इक्तादार उस इक्ता से राजस्व एकत्र करता था और उसी से अपनी सेना का भरण-पोषण करता था। इस प्रणाली का उद्देश्य प्रशासन को विकेंद्रीकृत करना और सैन्य शक्ति को बनाए रखना था।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की नींव रखी, लेकिन इक्ता प्रणाली को व्यवस्थित रूप से लागू नहीं किया। बलबन ने इक्ता प्रणाली को समाप्त करने या उसकी शक्तियों को कम करने का प्रयास किया। अलाउद्दीन खिलजी ने इस प्रणाली को और अधिक केंद्रीकृत किया।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा ‘अष्टप्रधान’ का सदस्य नहीं था?
- सुमंत
- पंडित राव
- सर-ए-नौबत
- अमात्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज के मंत्रिमंडल के आठ सदस्यों की एक परिषद थी। इसमें ‘अमात्य’ (अर्थमंत्री) शामिल नहीं थे, बल्कि ‘मजूमदार’ (वित्तमंत्री) शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान के सदस्य थे: पेशवा (प्रधानमंत्री), सर-ए-नौबत (सेनापति), आमात्य/मजूमदार (वित्तमंत्री), वाक्यानवीस (गृहमंत्री/सूचना मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडित राव (मुख्य न्यायाधीश/धार्मिक मामले), सचिव (सरकारी पत्र व्यवहार) और न्यायाधीश (न्याय व्यवस्था)।
- गलत विकल्प: सुमंत (विदेश मंत्री), पंडित राव (धार्मिक मामले), और सर-ए-नौबत (सेनापति) अष्टप्रधान के सदस्य थे। अमात्य या मजूमदार ही वित्तमंत्री होते थे, इसलिए प्रश्न के संदर्भ में, यदि ‘अमात्य’ को अलग माना जाए (जो कि गलत है क्योंकि वे एक थे), तो इसका अर्थ है कि प्रश्न में त्रुटि हो सकती है। पर सामान्यतः अमात्य/मजूमदार को एक ही पद माना जाता है। यदि दिए गए विकल्पों में से चुनना हो, तो सभी सदस्य हैं, लेकिन अक्सर ‘अमात्य’ को ‘मजूमदार’ के पर्याय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रश्न में संभवतः एक विकल्प दिया जाना था जो सदस्य नहीं था, जैसे ‘पंडित’ (धर्म गुरु) या ‘दूध’ (राजकीय प्रतिनिधि)। लेकिन दिए गए विकल्पों में से, चारों सदस्य हैं। मान लेते हैं कि ‘अमात्य’ को अलग रखा गया है।
संशोधित स्पष्टीकरण (मान्य विकल्प के आधार पर):
- सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज के मंत्रिमंडल के आठ सदस्यों की एक परिषद थी। दिए गए विकल्पों में से, ‘अमात्य’ (वित्तमंत्री) इस परिषद का सदस्य था। प्रश्न के रूप में यदि कोई सदस्य नहीं पूछा गया है, तो विकल्प में एक ऐसे पद का उल्लेख होना चाहिए जो अष्टप्रधान का हिस्सा न हो। दिए गए चारों विकल्प अष्टप्रधान के सदस्य हैं। लेकिन अगर हमें यह मानना है कि प्रश्न में ‘अमात्य’ को ‘मजूमदार’ से अलग करके पूछा गया है, तो यह भ्रमित करने वाला हो सकता है। सामान्यतः अमात्य ही वित्तमंत्री होते थे।
- अन्य विकल्प: सुमंत (विदेश मंत्री), पंडित राव (धार्मिक मामले/मुख्य न्यायाधीश), और सर-ए-नौबत (सेनापति) सभी अष्टप्रधान के सदस्य थे।
टिप्पणी: प्रश्न में संभावित त्रुटि है क्योंकि चारों दिए गए विकल्प शिवाजी के अष्टप्रधान के सदस्य हैं। यदि किसी एक को चुनना पड़े, तो यह प्रश्न के निर्माण पर निर्भर करता है।
प्रश्न 14: 1857 के विद्रोह के दौरान ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया ने भारत का वायसराय किसे नियुक्त किया?
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लॉरेंस
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय, लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। विद्रोह के दमन के बाद, 1858 में ब्रिटिश ताज ने सीधे भारत का शासन अपने हाथ में ले लिया और भारत सरकार अधिनियम, 1858 के तहत गवर्नर-जनरल के पद को ‘वायसराय’ में बदल दिया गया। लॉर्ड कैनिंग ही भारत के पहले वायसराय बने।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने कंपनी शासन को समाप्त कर दिया और भारत को ब्रिटिश क्राउन के अधीन ला दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल के अंत में विद्रोह शुरू हुआ था। लॉर्ड लॉरेंस और लॉर्ड लिटन बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 15: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता कौन थे?
- कल्हण
- जयदेव
- कालिदास
- बाणभट्ट
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘गीत गोविंद’ (Gita Govinda) के रचयिता कवि जयदेव थे।
- संदर्भ और विस्तार: जयदेव पाल वंश के शासक लक्ष्मण सेन के राजकवि थे। ‘गीत गोविंद’ राधा और कृष्ण के प्रेम का वर्णन करने वाली एक प्रसिद्ध संस्कृत काव्य रचना है, जिसे संगीत और नृत्य के लिए लिखा गया था।
- गलत विकल्प: कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ लिखी, कालिदास ने ‘मेघदूत’ और ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’ जैसे कई ग्रंथ लिखे, और बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादम्बरी’ लिखी।
प्रश्न 16: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1890
- 1905
- 1919
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ब्रिटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम ने की थी और इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। कांग्रेस की स्थापना का उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक अधिकार दिलाना और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प महत्वपूर्ण वर्षों से संबंधित हैं (1890 में दूसरा सत्र, 1905 में बंगाल विभाजन, 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड), लेकिन कांग्रेस की स्थापना का वर्ष 1885 है।
प्रश्न 17: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने अपनी पुस्तक ‘Early History of India’ में दी थी। समुद्रगुप्त एक महान विजेता था जिसने उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों को जीता और दक्षिण में भी विजय प्राप्त की। उसकी सैन्य उपलब्धियों के कारण उसकी तुलना यूरोपीय इतिहास के महानतम सेनापतियों में से एक, नेपोलियन बोनापार्ट से की गई।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के काल में कला और साहित्य का स्वर्ण युग था। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की।
प्रश्न 18: ‘खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी’ कहाँ स्थित है?
- दिल्ली
- मुंबई
- पटना
- लखनऊ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी बिहार की राजधानी पटना में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक सार्वजनिक संस्था है जो हस्तलिखित पांडुलिपियों और दुर्लभ पुस्तकों के विशाल संग्रह के लिए प्रसिद्ध है, विशेष रूप से अरबी, फारसी और उर्दू भाषाओं में। इसकी स्थापना 1891 में मौलवी खुदाबख्श खान ने की थी।
- गलत विकल्प: दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में भी महत्वपूर्ण पुस्तकालय हैं, लेकिन खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी का विशिष्ट स्थान पटना है।
प्रश्न 19: सिन्धु सभ्यता का कौन सा स्थल अफगानिस्तान में स्थित है?
- लोथल
- कालीबंगन
- सुरकोटदा
- शर्तुघई
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शर्तुघई (Shortughai) सिंधु घाटी सभ्यता का एक स्थल है जो वर्तमान अफगानिस्तान में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्थल सिंधु घाटी सभ्यता के विस्तार का प्रमाण है और यह दर्शाता है कि यह सभ्यता मध्य एशिया तक फैली हुई थी। यहां से प्राप्त अवशेषों में सिंधु लिपि के मुहरें और बाट पाए गए हैं।
- गलत विकल्प: लोथल गुजरात में, कालीबंगन राजस्थान में, और सुरकोटदा गुजरात में स्थित महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल हैं।
प्रश्न 20: ‘फतेहपुर सीकरी’ की स्थापना किसने की थी?
- बाबर
- हुमायूं
- अकबर
- जहांगीर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फतेहपुर सीकरी की स्थापना मुगल बादशाह अकबर ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने इसे अपनी नई राजधानी बनाया था और इसका निर्माण 1571 में शुरू हुआ था। यह शहर सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के सम्मान में बनाया गया था, जिनके आशीर्वाद से अकबर के पुत्र जहांगीर का जन्म हुआ था। फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा, जामा मस्जिद, पंच महल और दीवान-ए-आम जैसी प्रसिद्ध इमारतें हैं।
- गलत विकल्प: बाबर ने मुगल साम्राज्य की नींव रखी, हुमायूं ने उसका उत्तराधिकार संभाला, और जहांगीर अकबर का पुत्र और उत्तराधिकारी था।
प्रश्न 21: फ्रांस की क्रांति कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांस की क्रांति 1789 में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांसीसी राजशाही के अंत, सामंतवाद के उन्मूलन और गणतंत्र की स्थापना का कारण बनी। इसके प्रमुख नारे ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) थे। क्रांति ने पूरे यूरोप और दुनिया को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1815 में नेपोलियन का अंत हुआ (वाटरलू का युद्ध)। 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं।
प्रश्न 22: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी?
- शेरशाह सूरी
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहां
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वरीय धर्म) की शुरुआत मुगल बादशाह अकबर ने 1582 में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक धर्म-निरपेक्ष, सर्वधर्म समन्वयवादी धर्म था जिसका उद्देश्य सभी धर्मों के अनुयायियों को एक सूत्र में पिरोना था। इसमें हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी और अन्य धर्मों के सिद्धांतों का मिश्रण था। हालांकि, यह अधिक लोकप्रिय नहीं हुआ और कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
- गलत विकल्प: शेरशाह सूरी ने ‘कबूलियत’ और ‘पट्टा’ जैसी प्रथाएं शुरू कीं। जहांगीर और शाहजहां क्रमशः अकबर के पुत्र और पौत्र थे।
प्रश्न 23: भारतीय इतिहास में ‘स्वर्ण युग’ किस काल को कहा जाता है?
- मौर्य काल
- गुप्त काल
- मुगल काल
- हर्षवर्धन काल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ई.) को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और वास्तुकला में अभूतपूर्व प्रगति हुई। आर्यभट्ट, वराहमिहिर, कालिदास जैसे महान विद्वान इसी काल में हुए। प्रशासन कुशल था और व्यापार-वाणिज्य फला-फूला।
- गलत विकल्प: मौर्य काल ने भारतीय उपमहाद्वीप को एकीकृत किया और बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया। मुगल काल ने भी कला, वास्तुकला और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रगति के व्यापक आधार के कारण गुप्त काल को स्वर्ण युग माना जाता है। हर्षवधन का काल भी कला और साहित्य का संरक्षक काल था।
प्रश्न 24: इटली का एकीकरण कब पूरा हुआ?
- 1848
- 1861
- 1871
- 1914
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इटली का एकीकरण 1861 में पूरा हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: 1861 में सार्डिनिया-पीडमोंट के राजा विक्टर इमैनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया। हालांकि, रोम 1870 में इटली में शामिल हुआ और 1871 में रोम को इटली की राजधानी बनाया गया। इस प्रक्रिया में गैरीबाल्डी, कावूर और मैजिनी जैसे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
- गलत विकल्प: 1848 यूरोपीय क्रांतियों का वर्ष था। 1871 रोम के एकीकरण के साथ पूर्ण हुआ। 1914 प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत का वर्ष था।
प्रश्न 25: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- भगत सिंह
- मौलाना हसरत मोहानी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ (क्रांति अमर रहे) का नारा प्रसिद्ध क्रांतिकारी भगत सिंह ने लोकप्रिय बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा मूल रूप से मौलाना हसरत मोहानी द्वारा तैयार किया गया था, लेकिन भगत सिंह और उनकी पार्टी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) ने इसे ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने संघर्ष में पहचान दिलाई, खासकर 1929 में दिल्ली की केंद्रीय विधानमंडल में बम फेंकने के बाद।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। जवाहरलाल नेहरू ने ‘पूर्ण स्वराज’ जैसे नारे दिए। मौलाना हसरत मोहानी ने यह नारा गढ़ा था, लेकिन इसे लोकप्रिय बनाने का श्रेय भगत सिंह को जाता है।