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इतिहास की गहराई में उतरें: ज्ञान की परीक्षा!

इतिहास की गहराई में उतरें: ज्ञान की परीक्षा!

स्वागत है, इतिहास के योद्धाओं! क्या आप अपने ज्ञान की सीमाओं को परखने और अतीत की गहराइयों में गोता लगाने के लिए तैयार हैं? आज का यह विशेष अभ्यास सत्र आपको भारतीय और विश्व इतिहास के विभिन्न कालों में ले जाएगा। अपनी तैयारी को मजबूत करने और अपनी ऐतिहासिक समझ को पैना करने के लिए इन 25 चुनिंदा प्रश्नों को हल करें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sind) के रूप में जाना जाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है। इसकी भव्यता और सुनियोजित नगर रचना के कारण इसे ‘सिंधु का बाग’ या ‘मरुभूमि का नखलिस्तान’ भी कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्थल वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। यहाँ प्राप्त विशाल स्नानागार, अन्नागार और उत्कृष्ट जल निकासी प्रणाली इसे प्राचीन विश्व की सबसे उन्नत सभ्यताओं में से एक बनाती है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, और कालीबंगन अपनी अग्नि वेदिकाओं के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल के दौरान ‘पुरोहित’ की क्या भूमिका थी?

  1. सेनापति
  2. प्रजा का न्यायाधीश
  3. धार्मिक अनुष्ठानों का प्रमुख
  4. राज्य का मुख्य प्रशासक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: ऋग्वैदिक काल में पुरोहित सामाजिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनकी मुख्य भूमिका धार्मिक अनुष्ठानों, यज्ञों और मंत्रोच्चारण का संचालन करना था, जिसके माध्यम से देवताओं को प्रसन्न किया जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: पुरोहित राजा को सलाह भी देते थे और समाज में ज्ञान और परंपरा के वाहक माने जाते थे। वे देवताओं और मनुष्यों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते थे।
  • गलत विकल्प: सेनापति युद्ध का नेतृत्व करता था, न्यायाधीश न्याय प्रदान करता था, और राज्य का मुख्य प्रशासक राजा का सलाहकार होता था, लेकिन पुरोहित का प्राथमिक कार्य धार्मिक था।

प्रश्न 3: अशोक का ‘धम्म’ किस सिद्धांत पर आधारित था?

  1. सभी के प्रति सहिष्णुता और अहिंसा
  2. सैनिक विजय और विस्तार
  3. व्यक्तिगत मोक्ष के लिए तपस्या
  4. वर्ण व्यवस्था का कठोर पालन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: सम्राट अशोक का ‘धम्म’ एक नैतिक और सामाजिक आचरण संहिता थी, जिसका आधार सभी जीवों के प्रति करुणा, सहिष्णुता, अहिंसा, बड़ों का सम्मान और सामाजिक सद्भाव था।
  • संदर्भ और विस्तार: कलिंग युद्ध के विनाशकारी परिणामों से प्रभावित होकर, अशोक ने धम्म विजय को अपनाया। उन्होंने अपने शिलालेखों के माध्यम से धम्म के सिद्धांतों का प्रचार किया, जिसमें सत्य, परोपकार और सार्वभौमिक प्रेम पर जोर दिया गया था।
  • गलत विकल्प: सैनिक विजय और विस्तार अशोक के धम्म का हिस्सा नहीं थे। तपस्या व्यक्तिगत मोक्ष का मार्ग थी, और वर्ण व्यवस्था का पालन धम्म के समावेशी दृष्टिकोण से भिन्न था।

प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. गुप्तों द्वारा सोने के सिक्कों का अत्यधिक प्रचलन
  2. कला, विज्ञान, साहित्य और वास्तुकला में उत्कृष्ट विकास
  3. साम्राज्य का विशाल विस्तार
  4. लगातार सैन्य विजयें

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, विज्ञान, साहित्य, खगोल विज्ञान, गणित, चिकित्सा और वास्तुकला के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलविदों और गणितज्ञों, और धनवंतरि जैसे चिकित्सकों ने इसी युग में योगदान दिया। अजंता की गुफाओं की उत्कृष्ट चित्रकला और नालंदा विश्वविद्यालय का विकास भी इसी काल की देन है।
  • गलत विकल्प: सोने के सिक्कों का प्रचलन था, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है। साम्राज्य का विस्तार हुआ, पर कलात्मक और बौद्धिक उपलब्धियाँ अधिक महत्वपूर्ण थीं। सैन्य विजयें भी हुई, लेकिन उनका प्रभाव स्वर्ण युग के रूप में स्थापित होने के लिए कला और विज्ञान जितनी व्यापक नहीं थी।

प्रश्न 5: ‘चचनामा’ किस क्षेत्र के इतिहास का विवरण देता है?

  1. सिंध
  2. बंगाल
  3. दक्कन
  4. कन्नौज

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: ‘चचनामा’ (या ‘फुतूह-अल-बुलदान’) एक फारसी ऐतिहासिक ग्रंथ है जो 712-713 ईस्वी में मुहम्मद बिन कासिम द्वारा सिंध की विजय का विस्तृत विवरण देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ सिंध क्षेत्र की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति पर प्रकाश डालता है और भारतीय उपमहाद्वीप पर प्रारंभिक मुस्लिम विजयों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • गलत विकल्प: यह ग्रंथ बंगाल, दक्कन या कन्नौज के इतिहास से संबंधित नहीं है।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस वर्ष हुई?

  1. 1192 ईस्वी
  2. 1206 ईस्वी
  3. 1210 ईस्वी
  4. 1227 ईस्वी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ईस्वी में हुई, जब मुहम्मद गोरी के गुलाम और सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने भारत में गुलाम वंश की नींव रखी।
  • संदर्भ और विस्तार: 1192 ईस्वी में तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद, मुहम्मद गोरी ने भारत में अपना शासन स्थापित करना शुरू किया, और उनकी मृत्यु के बाद कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाकर सल्तनत की शुरुआत की।
  • गलत विकल्प: 1192 ईस्वी में तराइन का द्वितीय युद्ध हुआ। 1210 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु हुई। 1227 ईस्वी इल्तुतमिश के शासनकाल का एक महत्वपूर्ण वर्ष है।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य का संस्थापक कौन था?

  1. कृष्ण देवराय
  2. देवराय द्वितीय
  3. हरिहर और बुक्का
  4. राम राय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी, जो मूल रूप से वारंगल के काकतीय शासकों के सामंत थे।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर शहर की स्थापना की और इसे अपनी राजधानी बनाया। यह साम्राज्य अपनी कला, साहित्य, वास्तुकला और मजबूत प्रशासन के लिए प्रसिद्ध हुआ, खासकर कृष्ण देवराय के शासनकाल में।
  • गलत विकल्प: कृष्ण देवराय साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से थे, लेकिन संस्थापक नहीं। देवराय द्वितीय और राम राय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की।

प्रश्न 8: ‘तुलसीदास’ किस मुगल सम्राट के समकालीन थे?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: महान हिंदी कवि और संत तुलसीदास (लगभग 1532-1623 ईस्वी) मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ईस्वी) के समकालीन थे।
  • संदर्भ और विस्तार: तुलसीदास ने अपनी कालजयी कृति ‘रामचरितमानस’ की रचना की, जो भक्ति आंदोलन का एक प्रमुख स्तंभ है। उनकी रचनाओं ने भारतीय जनमानस पर गहरा प्रभाव डाला।
  • गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब तुलसीदास के जीवनकाल के बाद के शासक थे।

प्रश्न 9: किस सिख गुरु ने ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की?

  1. गुरु नानक देव
  2. गुरु अंगद देव
  3. गुरु अर्जुन देव
  4. गुरु गोबिंद सिंह

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 ईस्वी में बैसाखी के दिन ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: खालसा का अर्थ है ‘शुद्ध’ या ‘ईश्वर का’। गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा को एक योद्धा समुदाय के रूप में संगठित किया, जिसने अन्याय के विरुद्ध लड़ने और धर्म की रक्षा करने का संकल्प लिया। उन्होंने पंच ककार (केश, कड़ा, कृपाण, कंघा, कछहरा) धारण करना अनिवार्य किया।
  • गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु अंगद देव ने गुरुमुखी लिपि का विकास किया। गुरु अर्जुन देव ने आदि ग्रंथ का संकलन किया और स्वयं को शहीद करवाया।

प्रश्न 10: प्लासी का युद्ध किस वर्ष लड़ा गया था?

  1. 1757 ईस्वी
  2. 1761 ईस्वी
  3. 1764 ईस्वी
  4. 1857 ईस्वी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 ईस्वी को लड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की सेना के बीच हुआ था। इस युद्ध में नवाब की सेना के एक बड़े हिस्से के विश्वासघात के कारण कंपनी की विजय हुई, जिसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखी।
  • गलत विकल्प: 1761 ईस्वी में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ। 1764 ईस्वी में बक्सर का युद्ध हुआ। 1857 ईस्वी भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था।

प्रश्न 11: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) का मुख्य उद्देश्य क्या था?

  1. भारतीय राज्यों को बाहरी आक्रमणों से बचाना
  2. ब्रिटिश सेना के लिए भारतीय राज्यों से धन और सैनिक प्राप्त करना
  3. भारतीय राज्यों को पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करना
  4. भारत में व्यापार को बढ़ावा देना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: लॉर्ड वेलेजली द्वारा शुरू की गई ‘सहायक संधि’ का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सेना के रखरखाव के लिए भारतीय राज्यों से धन प्राप्त करना और उनके माध्यम से ब्रिटिश प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी और ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था, जिसका खर्च उन्हें उठाना पड़ता था। इसके बदले में, ब्रिटिश कंपनी उनकी रक्षा करने का वादा करती थी। धीरे-धीरे, ये राज्य ब्रिटिश नियंत्रण में आ गए।
  • गलत विकल्प: सहायक संधि भारतीय राज्यों की स्वतंत्रता को कम करती थी, न कि बढ़ाती थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य ब्रिटिश सैन्य और राजनीतिक शक्ति को बढ़ाना था, न कि केवल व्यापार को।

प्रश्न 12: 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. सर जॉन सीले
  4. विनायक दामोदर सावरकर

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ में 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ के रूप में वर्णित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: सावरकर का यह दृष्टिकोण इस विद्रोह को केवल सैनिक विद्रोह के बजाय ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सुनियोजित राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में प्रस्तुत करता है।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘पूर्वी सेना का विद्रोह’ कहा था। लॉर्ड कैनिंग उस समय भारत के गवर्नर-जनरल थे। सर जॉन सीले ने इसे ‘सांप्रदायिक या धार्मिक विद्रोह’ के रूप में देखा।

प्रश्न 13: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?

  1. भगत सिंह
  2. मोहनदास करमचंद गांधी
  3. जवाहरलाल नेहरू
  4. सुभाष चंद्र बोस

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ (क्रांति अमर रहे) का प्रसिद्ध नारा भगत सिंह और उनके साथियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोकप्रिय बनाया।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि यह नारा मूल रूप से उर्दू कवि मौलाना हसरत मोहानी द्वारा गढ़ा गया था, लेकिन भगत सिंह ने इसे अपने भाषणों और गतिविधियों में व्यापक रूप से उपयोग किया, जिससे यह स्वतंत्रता आंदोलन का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ जैसे नारे दिए। जवाहरलाल नेहरू ने ‘आराम हराम है’ का नारा दिया। सुभाष चंद्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा दिया।

प्रश्न 14: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई?

  1. 1885 ईस्वी
  2. 1905 ईस्वी
  3. 1919 ईस्वी
  4. 1947 ईस्वी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 ईस्वी को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना स्कॉटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम द्वारा की गई थी, और इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। इस संगठन का उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के लिए संगठित करना था।
  • गलत विकल्प: 1905 ईस्वी में बंगाल का विभाजन हुआ। 1919 ईस्वी में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। 1947 ईस्वी में भारत को स्वतंत्रता मिली।

प्रश्न 15: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ यह कथन किसका है?

  1. महात्मा गांधी
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. लाला लाजपत राय
  4. बिपिन चंद्र पाल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: यह प्रसिद्ध नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का था, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में ‘गरम दल’ का नेतृत्व किया।
  • संदर्भ और विस्तार: तिलक ने अपने समाचार पत्र ‘केसरी’ और सार्वजनिक भाषणों के माध्यम से इस नारे को लोकप्रिय बनाया, जिसने लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को जागृत किया और पूर्ण स्वराज की मांग को बल दिया।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्याग्रह पर जोर दिया। लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल भी गरम दल के प्रमुख नेता थे, लेकिन यह विशिष्ट नारा तिलक से जुड़ा है।

प्रश्न 16: ‘बंगाल का विभाजन’ किस वायसराय ने किया था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कर्जन
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: लॉर्ड कर्जन, जो 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय रहे, ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कर्जन के अनुसार, यह प्रशासनिक सुविधा के लिए किया गया था, लेकिन इसे राष्ट्रवादी आंदोलन को कमजोर करने के एक राजनीतिक चाल के रूप में देखा गया। इस विभाजन ने स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन को जन्म दिया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट पारित किया था। लॉर्ड विलियम बेंटिंक भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे जिन्होंने सती प्रथा उन्मूलन जैसे सुधार किए।

प्रश्न 17: ‘दांडी मार्च’ (The Salt March) कब शुरू हुआ?

  1. 1920 ईस्वी
  2. 1930 ईस्वी
  3. 1935 ईस्वी
  4. 1942 ईस्वी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 ईस्वी को ‘दांडी मार्च’ की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सविनय अवज्ञा आंदोलन का हिस्सा था, जिसमें गांधीजी और उनके अनुयायियों ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से गुजरात के दांडी तक 240 मील की दूरी तय की। इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून का विरोध करना था। 6 अप्रैल 1930 को, गांधीजी ने समुद्र तट पर नमक बनाकर कानून तोड़ा।
  • गलत विकल्प: 1920 ईस्वी में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ। 1935 ईस्वी में भारत सरकार अधिनियम आया। 1942 ईस्वी में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ।

प्रश्न 18: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?

  1. 1914-1918 ईस्वी
  2. 1939-1945 ईस्वी
  3. 1917-1921 ईस्वी
  4. 1870-1871 ईस्वी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: प्रथम विश्व युद्ध (World War I) 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की, बुल्गारिया) और मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका) के बीच लड़ा गया था। इसने वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को नाटकीय रूप से बदल दिया।
  • गलत विकल्प: 1939-1945 ईस्वी द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है। 1917-1921 ईस्वी में रूसी क्रांति और उसके बाद के गृहयुद्ध का समय था। 1870-1871 ईस्वी में फ्रैंको-प्रशिया युद्ध हुआ था।

प्रश्न 19: अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा (Declaration of Independence) किस वर्ष अपनाई गई?

  1. 1775 ईस्वी
  2. 1776 ईस्वी
  3. 1783 ईस्वी
  4. 1789 ईस्वी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा 4 जुलाई 1776 ईस्वी को अपनाई गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह घोषणा तेरह अमेरिकी उपनिवेशों द्वारा ग्रेट ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा थी। थॉमस जेफरसन इसके मुख्य लेखक थे। यह दिन आज भी संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • गलत विकल्प: 1775 ईस्वी में अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध शुरू हुआ। 1783 ईस्वी में पेरिस की संधि के साथ युद्ध समाप्त हुआ। 1789 ईस्वी में अमेरिकी संविधान लागू हुआ।

प्रश्न 20: फ्रांस की राज्य क्रांति (French Revolution) कब शुरू हुई?

  1. 1776 ईस्वी
  2. 1789 ईस्वी
  3. 1815 ईस्वी
  4. 1848 ईस्वी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: फ्रांस की राज्य क्रांति 1789 ईस्वी में बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) के साथ शुरू हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस की राजशाही को समाप्त कर दिया और ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के विचारों को बढ़ावा दिया, जिसने दुनिया भर में राजनीतिक विचारों को प्रभावित किया।
  • गलत विकल्प: 1776 ईस्वी अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष है। 1815 ईस्वी में नेपोलियन की हार हुई और वियना कांग्रेस हुई। 1848 ईस्वी यूरोप में क्रांति का वर्ष था।

प्रश्न 21: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि वेद ही सभी ज्ञान का मूल स्रोत हैं और वेदों में उल्लिखित सिद्धांतों में ही सच्चा मार्गदर्शन निहित है। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों का खंडन करते हुए वेदों के अध्ययन पर बल दिया।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको नहीं’ का नारा दिया। राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक प्रमुख समाज सुधारक थे।

प्रश्न 22: रैयतवाड़ी व्यवस्था में भूमि का लगान कौन चुकाता था?

  1. जमींदार
  2. गांव का मुखिया
  3. किसान (रैयत)
  4. भूमिहार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: रैयतवाड़ी व्यवस्था में, सीधे भूमि पर खेती करने वाले किसान, जिन्हें ‘रैयत’ कहा जाता था, सरकार को सीधे भू-राजस्व का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था मद्रास, बॉम्बे और असम जैसे क्षेत्रों में लागू की गई थी। इसमें जमींदारी व्यवस्था के विपरीत, बिचौलियों को हटा दिया गया था और किसानों को अपनी भूमि का मालिक माना जाता था, बशर्ते वे लगान चुकाते रहें।
  • गलत विकल्प: जमींदार जमींदारी व्यवस्था में लगान वसूलते थे। गांव का मुखिया और भूमिहार भी इस व्यवस्था में सीधे लगानदाता नहीं थे।

प्रश्न 23: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) कब शुरू हुआ?

  1. 1930 ईस्वी
  2. 1935 ईस्वी
  3. 1942 ईस्वी
  4. 1946 ईस्वी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 ईस्वी को गांधीजी द्वारा मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में शुरू किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का नारा ‘करो या मरो’ था। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना और भारत को आजाद कराना था। इस आंदोलन में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुईं और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण चरण था।
  • गलत विकल्प: 1930 ईस्वी में दांडी मार्च और सविनय अवज्ञा आंदोलन हुआ। 1935 ईस्वी में भारत सरकार अधिनियम आया। 1946 ईस्वी में कैबिनेट मिशन भारत आया था।

प्रश्न 24: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) शब्द का संबंध किस महाद्वीप से है?

  1. एशिया
  2. अफ्रीका
  3. यूरोप
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: ‘पुनर्जागरण’ या ‘रेनेसां’ शब्द मुख्य रूप से यूरोप में 14वीं से 16वीं शताब्दी तक हुए सांस्कृतिक, कलात्मक, बौद्धिक और आर्थिक उत्थान से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अवधि में प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं की कला, साहित्य और दर्शन में नई रुचि जागृत हुई। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे कलाकारों ने इस युग में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसने मध्ययुगीन सामंतवाद के अंत और आधुनिक युग की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: पुनर्जागरण की मुख्य भूमि यूरोप थी, न कि एशिया, अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया।

प्रश्न 25: कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु कैसे हुई?

  1. युद्ध में लड़ते हुए
  2. जहर दिए जाने से
  3. पोलो खेलते समय घोड़े से गिरकर
  4. बीमारी के कारण

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सहीता: दिल्ली सल्तनत के संस्थापक और गुलाम वंश के पहले सुल्तान, कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु 1210 ईस्वी में लाहौर में चौगान (पोलो) खेलते समय घोड़े से गिरने के कारण हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: वह दिल्ली सल्तनत की स्थापना के बाद केवल चार साल ही शासन कर सका। उसकी मृत्यु के बाद इल्तुतमिश दिल्ली का सुल्तान बना, जिसने सल्तनत को और मजबूत किया।
  • गलत विकल्प: हालांकि वह एक योद्धा था, उसकी मृत्यु युद्ध में नहीं हुई। जहर दिए जाने या सामान्य बीमारी के बजाय, उसकी मृत्यु खेल के दौरान एक दुर्घटना थी।

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