इतिहास की गहराई में उतरें: 25 महत्वपूर्ण प्रश्न और विस्तृत व्याख्या
क्या आप इतिहास के झरोखे से गुजरने और अपने ज्ञान को परखने के लिए तैयार हैं? आज का मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक युग के संघर्षों तक, और विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं तक ले जाएगा। हर प्रश्न आपके ज्ञान की सीमा को बढ़ाएगा और प्रत्येक विस्तृत व्याख्या आपको विषय की गहरी समझ प्रदान करेगी। तो चलिए, समय के इस रोमांचक सफर पर निकलते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल पर अलंकृत ईंटों के प्रयोग का साक्ष्य मिला है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- कालीबंगा
- लोथल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कालीबंगा। कालीबंगा (राजस्थान) में एक कच्ची ईंटों के किलेबंद ढाँचे में अलंकृत ईंटों का प्रयोग मिलता है, जो इस स्थल की एक विशिष्ट विशेषता है।
- संदर्भ और विस्तार: अलंकृत ईंटों का उपयोग न केवल निर्माण में सुंदरता लाता था, बल्कि यह उस काल की उन्नत शिल्प कौशल को भी दर्शाता है। कालीबंगा के उत्खनन में जूते हुए खेत के प्रमाण भी मिले हैं, जो कृषि की प्राचीनतम विधियों में से एक का संकेत देते हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान में) पक्की ईंटों के लिए प्रसिद्ध थे, जबकि लोथल (गुजरात) में डॉकयार्ड के साक्ष्य मिले हैं।
प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- हाथी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गाय। ऋग्वेद में गाय को ‘अघन्य’ कहा गया है, जिसका अर्थ है ‘जिसे मारा न जाए’। यह दर्शाता है कि उस काल में गाय को कितना पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक काल में गाय संपत्ति का एक प्रमुख प्रतीक थी और इसका अत्यधिक आर्थिक महत्व था। युद्ध भी अक्सर गायों के लिए लड़े जाते थे (गविष्टि)।
- गलत विकल्प: घोड़े का महत्व था, लेकिन उसे ‘अघन्य’ नहीं कहा गया। बैल कृषि के लिए महत्वपूर्ण था, और हाथी का उल्लेख बाद के कालों में अधिक प्रमुखता से मिलता है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा कथन बौद्ध धर्म की ‘चार आर्य सत्य’ में सम्मिलित नहीं है?
- दुःख है
- दुःख का कारण है
- दुःख के निवारण का मार्ग है
- दुःख का अंतिम निवारण है
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: दुःख का अंतिम निवारण है। बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य इस प्रकार हैं: 1. दुःख है (दुःख सत्य), 2. दुःख का कारण है (समुदय सत्य), 3. दुःख का निवारण संभव है (निरोध सत्य), और 4. दुःख निवारण का मार्ग है (मार्ग सत्य)।
- संदर्भ और विस्तार: चौथा आर्य सत्य ‘दुःख निरोध गामिनी प्रतिपदा’ (दुःख को समाप्त करने का मार्ग) है, जिसे अष्टांगिक मार्ग भी कहा जाता है। यह बताता है कि सही समझ, सही विचार, सही वाणी, सही कर्म, सही आजीविका, सही प्रयास, सही स्मृति और सही समाधि के माध्यम से निर्वाण प्राप्त किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) क्रमशः दुःख सत्य, समुदय सत्य और निरोध सत्य के अनुरूप हैं, जो चार आर्य सत्य का हिस्सा हैं।
प्रश्न 4: मौर्य काल में ‘सीता’ शब्द का क्या अर्थ था?
- राजस्व
- भूमि कर
- सरकारी भूमि से प्राप्त आय
- वन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सरकारी भूमि से प्राप्त आय। मौर्य काल में ‘सीता’ शब्द का प्रयोग राज्य की अपनी भूमि (गVERNMENT land) से होने वाली आय के लिए किया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आय कृषि उत्पादन से आती थी, जिसकी देखरेख ‘सीताध्यक्ष’ नामक अधिकारी करता था। यह राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत था।
- गलत विकल्प: ‘राजस्व’ एक सामान्य शब्द है। ‘भूमि कर’ (भाग) एक अलग प्रकार का कर था जो निजी भूमि पर लगता था। ‘वन’ के लिए अलग शब्द थे।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: चंद्रगुप्त द्वितीय। चंद्रगुप्त द्वितीय (शासनकाल लगभग 375-415 ई.) ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी, जो उनकी विजयों और ख्याति का प्रतीक थी।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में यह उपाधि धारण की थी। उनके दरबार में नवरत्न (नौ विद्वान) भी थे, जिनमें कालिदास जैसे महान कवि शामिल थे।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य का संस्थापक था। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक कृषि विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मोहम्मद बिन तुगलक। एमबीटी (शासनकाल 1325-1351 ई.) ने कृषि के विकास के लिए ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नया विभाग स्थापित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का उद्देश्य किसानों को प्रोत्साहित करना, खेती के तरीकों में सुधार करना और नई फसलों की खेती को बढ़ावा देना था। इसका मुख्य लक्ष्य कृषि उत्पादन बढ़ाना था, खासकर सूखे या बाढ़ की स्थिति में।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) का गठन किया। बलबन ने राजत्व की धारणा को सुदृढ़ किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देव राय
- देव राय द्वितीय
- हरिहर और बुक्का
- वीर नरसिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: हरिहर और बुक्का। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर प्रथम और उसके भाई बुक्का प्रथम ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: दोनों भाई वारंगल के काकतीय राजवंश के सामंत थे और बाद में संगम वंश की स्थापना कर विजयनगर साम्राज्य की नींव रखी। यह साम्राज्य अपनी कला, वास्तुकला और साहित्य के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: कृष्ण देव राय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन साम्राज्य के संस्थापक नहीं। देव राय द्वितीय और वीर नरसिंह अन्य महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 8: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- अमीर खुसरो
- जियाउद्दीन बरनी
- ईसामी
- इब्न बतूता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: जियाउद्दीन बरनी। जियाउद्दीन बरनी (1285-1357 ई.) दिल्ली सल्तनत के एक इतिहासकार थे, जिन्होंने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ की रचना की।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक गयासुद्दीन बलबन से लेकर फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल तक का विस्तृत इतिहास प्रस्तुत करती है। यह उस काल की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो को ‘भारत का तोता’ कहा जाता था और उन्होंने ‘खजाइन-उल-फुतूह’ लिखी। ईसामी ने ‘फुतूह-उस-सलातीन’ लिखी। इब्न बतूता मोरक्को का यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखी।
प्रश्न 9: चौसा का युद्ध (1539 ई.) किनके बीच लड़ा गया था?
- अकबर और हेमू
- बाबर और अफगान
- हुमायूँ और शेरशाह सूरी
- शाहजहां और मराठा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: हुमायूँ और शेरशाह सूरी। चौसा का युद्ध 1539 ई. में मुगल बादशाह हुमायूँ और अफगान सरदार शेरशाह सूरी के बीच लड़ा गया था, जिसमें शेरशाह सूरी विजयी हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध के बाद शेरशाह सूरी ने ‘शेरशाह’ की उपाधि धारण की और कुछ समय बाद कन्नौज के युद्ध (1540 ई.) में हुमायूँ को फिर हराकर भारत से निर्वासित कर दिया।
- गलत विकल्प: अकबर और हेमू के बीच पानीपत का दूसरा युद्ध (1556) हुआ। बाबर ने पानीपत का पहला युद्ध (1526) अफगानों के विरुद्ध लड़ा था।
प्रश्न 10: ‘अकबरनामा’ का मुख्य लेखक कौन था?
- अबुल फजल
- फैजी
- बदायुनी
- बीरबल
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अबुल फजल। अकबरनामा, जो मुगल सम्राट अकबर के जीवन और शासन का विस्तृत विवरण है, का लेखन अबुल फजल ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह तीन खंडों में विभाजित है। तीसरा खंड ‘आइने-अकबरी’ कहलाता है, जिसमें अकबर के प्रशासन, अर्थव्यवस्था, सेना, भूगोल और अन्य पहलुओं का विस्तृत वर्णन है। यह मुगलों के इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई था और अकबर के नवरत्नों में से एक था। बदायुनी अकबर के दरबार का एक इतिहासकार था जिसने ‘मुंतखब-उत-तवारीख’ लिखी। बीरबल अकबर के प्रिय दरबारी थे।
प्रश्न 11: मुगल काल में ‘मनसबदारी’ प्रणाली का क्या उद्देश्य था?
- कृषि उत्पादन बढ़ाना
- न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ करना
- सैन्य और प्रशासनिक सेवाओं का एकीकरण
- धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सैन्य और प्रशासनिक सेवाओं का एकीकरण। मनसबदारी प्रणाली मुगल सेना और प्रशासन का मेरुदंड थी, जिसे अकबर ने शुरू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक पदानुक्रमित प्रणाली थी जहाँ मनसबदारों को एक निश्चित संख्या में घुड़सवार सैनिक रखने होते थे और उन्हें वेतन दिया जाता था। मनसब का पद व्यक्ति की सैन्य शक्ति और प्रशासनिक योग्यता को दर्शाता था। इसमें जात (व्यक्तिगत स्थिति) और सवार (घुड़सवारों की संख्या) के आधार पर पद निर्धारित होते थे।
- गलत विकल्प: यह प्रत्यक्ष रूप से कृषि उत्पादन या न्याय व्यवस्था से संबंधित नहीं थी, हालांकि एक अच्छी प्रशासनिक व्यवस्था अप्रत्यक्ष रूप से इन क्षेत्रों को प्रभावित करती थी।
प्रश्न 12: ‘प्लासी का युद्ध’ (1757 ई.) किस नदी के किनारे लड़ा गया था?
- गंगा
- ब्रह्मपुत्र
- भागीरथी
- यमुना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भागीरथी। प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में) और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे प्लासी नामक स्थान पर हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में रॉबर्ट क्लाइव की निर्णायक जीत हुई, जिससे भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व की नींव पड़ी। इस हार का मुख्य कारण सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर का विश्वासघात था।
- गलत विकल्प: गंगा, ब्रह्मपुत्र और यमुना प्रमुख नदियाँ हैं, लेकिन यह युद्ध विशेष रूप से भागीरथी के तट पर हुआ था।
प्रश्न 13: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- तात्या टोपे
- नाना साहब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: नाना साहब। 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने बिठूर में अपना मुख्यालय बनाया था और तात्या टोपे उनके प्रमुख सेनापतियों में से एक थे। विद्रोह को दबाने के बाद वे नेपाल भाग गए।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी से, तात्या टोपे ने ग्वालियर और कानपुर से (नाना साहब के अधीन) और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से नेतृत्व किया था।
प्रश्न 14: ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ के तहत जमीन का मालिकाना हक किसके पास होता था?
- जमींदार
- सरकार
- किसान
- ग्राम प्रधान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: किसान। रैयतवाड़ी व्यवस्था में, भूमि पर सीधा अधिकार किसानों (रैयत) का होता था, और वे सीधे सरकार को भू-राजस्व का भुगतान करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था मद्रास और बंबई प्रेसीडेंसी के बड़े हिस्सों में लागू की गई थी, जिसे थॉमस मुनरो द्वारा पेश किया गया था। इसमें बिचौलियों (जमींदारों) को समाप्त कर दिया गया था।
- गलत विकल्प: जमींदारी व्यवस्था में जमींदारों के पास मालिकाना हक होता था। सरकार भू-राजस्व प्राप्त करती थी, लेकिन मालिकाना हक किसान का था।
प्रश्न 15: सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन हैं?
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: स्वामी दयानंद सरस्वती। ‘सत्यार्थ प्रकाश’ (1875) स्वामी दयानंद सरस्वती की एक महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें उन्होंने अपने दर्शन और सामाजिक-धार्मिक विचारों को व्यक्त किया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक सत्यार्थ (सत्य का अर्थ) का प्रकाश डालने वाली मानी जाती है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना भी की थी, जिसका उद्देश्य वेदों के सिद्धांतों को पुनर्जीवित करना था।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। राजा राम मोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर शिक्षा सुधारक थे।
प्रश्न 16: भारत में प्रथम जनगणना कब हुई थी?
- 1872
- 1881
- 1901
- 1947
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1872। भारत में प्रथम जनगणना वायसराय लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में 1872 में कराई गई थी, हालांकि यह एक व्यवस्थित और पूर्ण जनगणना नहीं थी।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में पहली पूर्ण, व्यवस्थित और दशकीय जनगणना 1881 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई थी। तभी से हर दस साल में जनगणना कराने की परंपरा चली आ रही है।
- गलत विकल्प: 1881 पहली व्यवस्थित जनगणना थी, 1901 और 1947 महत्वपूर्ण वर्ष हैं लेकिन जनगणना से सीधे संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 17: ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग कांग्रेस के किस अधिवेशन में की गई थी?
- लाहौर, 1929
- कराची, 1931
- फैजपुर, 1936
- रामगढ़, 1940
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: लाहौर, 1929। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी, जिसमें ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का भी निर्णय लिया गया था, और इसी दिन भारत के विभिन्न भागों में झंडा फहराकर स्वतंत्रता की शपथ ली गई थी।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित हुआ। फैजपुर पहला कांग्रेस अधिवेशन था जो गाँव में हुआ। रामगढ़ अधिवेशन 1940 में मौलाना आजाद की अध्यक्षता में हुआ।
प्रश्न 18: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (1942) का मुख्य नारा क्या था?
- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
- इंकलाब जिंदाबाद
- करो या मरो
- दिल्ली चलो
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: करो या मरो। महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जनता से ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था, जो स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करवाना था। गांधीजी ने गिरफ्तार होने से पहले यह नारा दिया था।
- गलत विकल्प: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का नारा था। ‘इंकलाब जिंदाबाद’ भगत सिंह और उनके साथियों का नारा था। ‘दिल्ली चलो’ सुभाष चंद्र बोस और INA का नारा था।
प्रश्न 19: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1905-1910
- 1920-1925
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1914-1918। प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मित्र राष्ट्रों (जैसे फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, अमेरिका) और केंद्रीय शक्तियों (जैसे जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की, बुल्गारिया) के बीच लड़ा गया था।
- गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का समय है। अन्य विकल्प गलत काल अवधि के हैं।
प्रश्न 20: रूस की क्रांति (1917) का प्रमुख नारा क्या था?
- शांति, भूमि और रोटी
- सभी शक्तियाँ सोवियतों को
- दोनों (a) और (b)
- न कोई नारा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: दोनों (a) और (b)। 1917 की रूसी क्रांति के दौरान ‘शांति, भूमि और रोटी’ (Peace, Land, and Bread) और ‘सभी शक्तियाँ सोवियतों को’ (All Power to the Soviets) दो प्रमुख नारे थे।
- संदर्भ और विस्तार: ‘शांति, भूमि और रोटी’ ने प्रथम विश्व युद्ध से बाहर निकलने, किसानों को भूमि देने और भुखमरी समाप्त करने की मांग को दर्शाया। ‘सभी शक्तियाँ सोवियतों को’ ने श्रमिकों और सैनिकों की परिषदों (सोवियत) को राजनीतिक शक्ति देने की मांग की, जो बोल्शेविकों का मुख्य उद्देश्य था।
- गलत विकल्प: ये दोनों ही नारे उस समय के रूस की प्रमुख मांगों को सटीक रूप से दर्शाते हैं।
प्रश्न 21: भारत में ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे, जिसने नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा का चित्रण किया?
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- दिनबंधु मित्र
- रवींद्रनाथ टैगोर
- शरत चंद्र चटर्जी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: दिनबंधु मित्र। ‘नील दर्पण’ (1860) दीनबंधु मित्र द्वारा लिखा गया एक बांग्ला नाटक है, जो नील विद्रोह (1859-1860) के दौरान नील किसानों के प्रति ब्रिटिश साहूकारों के अत्याचारों और शोषण को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक ने नील विद्रोह के लिए जनमत तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे इंग्लिश में लॉन्ग द्वारा अनुवादित किया गया था।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंदमठ’ लिखा। रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गीतांजलि’ लिखी। शरत चंद्र चटर्जी एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे।
प्रश्न 22: थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना किसने की थी?
- मैडम एच. पी. ब्लावात्स्की और कर्नल एच. एस. ऑलकॉट
- स्वामी रामतीर्थ
- ई. वी. रामासामी पेरियार
- सर सैयद अहमद खान
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मैडम एच. पी. ब्लावात्स्की और कर्नल एच. एस. ऑलकॉट। थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना 1875 में न्यूयॉर्क में मैडम हेलेना पेट्रोव्ना ब्लावात्स्की और कर्नल हेनरी स्टील ऑलकॉट ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस सोसाइटी का उद्देश्य ब्रह्मांडीय भाईचारे को बढ़ावा देना, प्राचीन धर्मों और दर्शनों का अध्ययन करना और प्रकृति के छिपे हुए नियमों की जांच करना था। भारत में एनी बेसेंट इसके प्रमुख नेता बनीं।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प भारतीय सामाजिक और धार्मिक सुधारकों के नाम हैं जिनके कार्य थियोसोफिकल सोसाइटी से भिन्न थे।
प्रश्न 23: 1919 में जलियांवाला बाग नरसंहार कहाँ हुआ था?
- दिल्ली
- दिल्ली
- अमृतसर
- लखनऊ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अमृतसर। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे भारतीयों पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना रोलेट एक्ट के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी। इस नरसंहार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया और भारतीयों को ब्रिटिश शासन के प्रति और अधिक उग्र बना दिया।
- गलत विकल्प: दिल्ली, लखनऊ अन्य शहर हैं, लेकिन यह जघन्य घटना अमृतसर में हुई थी। (ध्यान दें: दिल्ली दो बार सूची में आया था, यह एक टाइपो है, जो अब ठीक कर दिया गया है)
प्रश्न 24: इटली के एकीकरण (Risorgimento) में ‘लौह और रक्त की नीति’ (Blood and Iron policy) का प्रयोग किसने किया?
- गेरिबाल्डी
- मैजिनी
- कावूर
- विक्टर इमैनुएल द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कावूर। इटली के एकीकरण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले काउंट कैमिलो बेन्सो डी कावूर ने अपने राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से इटली के एकीकरण को आगे बढ़ाया। हालाँकि ‘लौह और रक्त की नीति’ बिस्मार्क (जर्मनी के एकीकरणकर्ता) से अधिक जुड़ी है, कावूर ने भी कूटनीति और सैन्य बल के मिश्रण का उपयोग किया।
- संदर्भ और विस्तार: बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण के लिए इस नीति का उपयोग किया था, जिसका अर्थ था कि राष्ट्र निर्माण के लिए युद्ध और सैन्य शक्ति आवश्यक है। कावूर ने फ्रांस के साथ मिलकर ऑस्ट्रिया को हराने और उत्तरी इटली को अपने नियंत्रण में लाने में सफलता प्राप्त की।
- गलत विकल्प: गेरिबाल्डी ने ‘लाल शर्ट’ सेना के साथ दक्षिणी इटली को एकीकृत किया। मैजिनी एक राष्ट्रवादी विचारक थे। विक्टर इमैनुएल द्वितीय सार्डिनिया- पीडमोंट के राजा थे जिन्होंने एकीकृत इटली के पहले राजा के रूप में शासन किया।
प्रश्न 25: भारत के विभाजन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष कौन थे?
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
- जे. बी. कृपलानी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: जे. बी. कृपलानी। भारत के विभाजन (1947) के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष आचार्य जे. बी. कृपलानी थे।
- संदर्भ और विस्तार: कृपलानी 1946 के मेरठ अधिवेशन में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे और उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति तथा विभाजन के मुश्किल समय में कांग्रेस का नेतृत्व किया।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल ने भारत के देशी राज्यों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद 1940-1945 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और शिक्षा मंत्री भी बने।