Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

इतिहास की गहराइयों में गोता लगाएँ: आज का महा-अभ्यास!

इतिहास की गहराइयों में गोता लगाएँ: आज का महा-अभ्यास!

क्या आप इतिहास के धागों को सुलझाने के लिए तैयार हैं? आज का यह प्रश्नोत्तरी आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं और विश्व के अहम पड़ावों तक ले जाएगा। अपनी तैयारी को परखें और ऐतिहासिक ज्ञान के इस रोमांचक सफर का हिस्सा बनें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल गुजरात में स्थित था और उसे ‘नदी के मुहाने’ पर बसा एक महत्वपूर्ण बंदरगाह माना जाता है?

  1. मोहनजोदड़ो
  2. हड़प्पा
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लोथल, आधुनिक गुजरात में स्थित, एक प्रमुख हड़प्पा स्थल था जिसे एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर माना जाता है। यह भोगावा नदी के किनारे स्थित था, जो खंभात की खाड़ी के पास थी।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था, जहाँ से मेसोपोटामिया जैसी सभ्यताओं के साथ व्यापार होता था। यहाँ डॉकयार्ड के साक्ष्य मिले हैं, जो इसके बंदरगाह के रूप में महत्व को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान में), हड़प्पा (पाकिस्तान में) और कालीबंगा (राजस्थान में) अन्य महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल हैं, लेकिन वे लोथल की तरह गुजरात में स्थित बंदरगाह नहीं थे।

प्रश्न 2: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: समुद्रगुप्त (लगभग 335-380 ईस्वी) को भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उनकी विजयों और सैन्य उपलब्धियों के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया और उत्तर भारत के लगभग सभी शासकों को परास्त किया। उन्होंने दक्षिणापथ के कई राजाओं को भी हराया था, जिनकी अधीनता उन्होंने स्वीकार की। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन करती है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी महत्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं और साम्राज्य का विस्तार किया, लेकिन समुद्रगुप्त की सैन्य प्रतिभा अधिक प्रशंसनीय मानी जाती है। कुमारगुप्त को नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय दिया जाता है।

प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गयासुद्दीन बलबन (1266-1287 ईस्वी) ने ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: बलबन ने मंगोल आक्रमणों से साम्राज्य की रक्षा के लिए अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने पर बहुत जोर दिया। उसने एक स्थायी सेना का गठन किया और इस विभाग को सुसंगठित किया, जिसका मुख्य उद्देश्य सेना की भर्ती, प्रशिक्षण और व्यवस्था सुनिश्चित करना था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘तुर्क-ए-चहलगानी’ (40 तुर्की सरदारों का समूह) की स्थापना की थी। अलाउद्दीन खिलजी ने सेना के लिए बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की और ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (वित्तीय मामलों का विभाग) स्थापित किया। फिरोज शाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का विभाग) की स्थापना की।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की थी?

  1. कृष्णदेवराय
  2. देवराय द्वितीय
  3. बुक्क प्रथम
  4. वीर नरसिंह

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: कृष्णदेवराय (1509-1529 ईस्वी) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे और उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यद’ की रचना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘अमुक्तमाल्यद’ एक तेलुगु काव्य है जो भगवान विष्णु और उनकी प्रेयसी गोदा देवी (अंडाल) के विवाह से संबंधित है। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान और कवि थे और उन्होंने तेलुगु साहित्य को बहुत संरक्षण दिया। उन्होंने ‘जाम्बवती कल्याणम’ की भी रचना की थी।
  • गलत विकल्प: देवराय द्वितीय, बुक्क प्रथम और वीर नरसिंह अन्य महत्वपूर्ण विजयनगर शासक थे, लेकिन वे ‘अमुक्तमाल्यद’ के लेखक नहीं थे।

प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के दौरान, निम्नलिखित में से किसने कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. कुँवर सिंह
  3. नाना साहेब
  4. बेगम हजरत महल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान, नाना साहेब ने कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र, नाना साहेब ने अंग्रेजों द्वारा अपनी पेंशन रोकने और उनके राज्य को हड़पने के विरोध में विद्रोह किया। उन्होंने कानपुर में ब्रिटिश सेना को हराया और खुद को पेशवा घोषित किया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, कुँवर सिंह ने बिहार (आरा) से और बेगम हजरत महल ने लखनऊ से नेतृत्व किया था।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी घटना सबसे पहले घटित हुई?

  1. बंगाल का विभाजन
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
  3. जलियांवाला बाग हत्याकांड
  4. प्रथम विश्व युद्ध का आरंभ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी, जो अन्य विकल्पों में दी गई घटनाओं से पहले हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस की स्थापना का उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक अधिकार दिलाना और ब्रिटिश सरकार में उनकी भागीदारी बढ़ाना था।
  • गलत विकल्प: बंगाल का विभाजन 1905 में हुआ था, जलियांवाला बाग हत्याकांड 1919 में हुआ था, और प्रथम विश्व युद्ध 1914 में शुरू हुआ था।

प्रश्न 7: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ मिली है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. धौलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो से प्राप्त ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ सिंधु घाटी सभ्यता की कला का एक उत्कृष्ट नमूना है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह लगभग 4 इंच ऊंची प्रतिमा लगभग 4,500 साल पुरानी मानी जाती है और अपनी सजीवता और कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध है। यह उस समय की उन्नत धातु-कार्य कला को दर्शाती है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘पुरुष धड़’ की प्रतिमा मिली है। लोथल और धौलावीरा से अन्य महत्वपूर्ण कलाकृतियाँ और पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं, लेकिन यह विशेष प्रतिमा मोहनजोदड़ो से ही मिली है।

प्रश्न 8: ‘सप्तवर्षीय युद्ध’ (Seven Years’ War) किन यूरोपीय शक्तियों के बीच लड़ा गया था?

  1. फ्रांस और स्पेन
  2. ब्रिटेन और फ्रांस
  3. ऑस्ट्रिया और प्रशिया
  4. नीदरलैंड और पुर्तगाल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: सप्तवर्षीय युद्ध (1756-1763) मुख्य रूप से ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच लड़ा गया था, हालांकि इसमें अन्य यूरोपीय शक्तियाँ और उनके उपनिवेश भी शामिल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध यूरोपीय वर्चस्व और वैश्विक औपनिवेशिक नियंत्रण के लिए लड़ा गया था। इसने भारत, उत्तरी अमेरिका और कैरिबियन में ब्रिटिश वर्चस्व स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण भारत में प्लासी (1757) और बक्सर (1764) की लड़ाईयाँ ब्रिटिशों के पक्ष में गईं।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प यूरोपीय शक्तियों के बीच हुए अन्य संघर्षों को दर्शाते हैं, लेकिन सप्तवर्षीय युद्ध का मुख्य संघर्ष ब्रिटेन और फ्रांस के बीच था।

प्रश्न 9: किस मगध शासक को ‘श्रेणिक’ के नाम से जाना जाता था?

  1. बिम्बिसार
  2. अजातशत्रु
  3. उदयीन
  4. नागदशक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: बिम्बिसार, हर्यंक वंश का एक प्रारंभिक मगध शासक, ‘श्रेणिक’ (यानी सेना रखने वाला) के नाम से जाना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: बिम्बिसार ने अपने शासनकाल में मगध को एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया। उसने वैवाहिक संबंधों और सैन्य शक्ति के माध्यम से अपने साम्राज्य का विस्तार किया। वह बौद्ध धर्म का संरक्षक भी था।
  • गलत विकल्प: अजातशत्रु, बिम्बिसार का पुत्र था और उसने भी साम्राज्य विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उदयीन ने पाटलिपुत्र की स्थापना की। नागदशक हर्यंक वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 10: ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में किस गवर्नर-जनरल की महत्वपूर्ण भूमिका थी?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  3. लॉर्ड कैनिंग
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) ने राजा राम मोहन राय के प्रयासों से 1829 में ‘सती प्रथा’ को कानूनन प्रतिबंधित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: विनियमन XVII (Regulation XVII) द्वारा सती प्रथा को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। यह भारतीय समाज सुधार के इतिहास में एक मील का पत्थर था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी विलय की नीतियों के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।

प्रश्न 11: ‘आल-इ-सफा’ (Aal-e-Safa) नामक संस्था की स्थापना किस सूफी संत ने की थी?

  1. शेख निजामुद्दीन औलिया
  2. शेख सलीम चिश्ती
  3. शेख नसीरुद्दीन चिराग-ए-दिल्ली
  4. शेख हमीदुद्दीन नागौरी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्रसिद्ध चिश्ती संप्रदाय के सूफी संत, शेख हमीदुद्दीन नागौरी (जिन्हें ‘सुल्तान-ए-तारक़ीन’ भी कहा जाता था) ने ‘आल-इ-सफा’ नामक एक आध्यात्मिक समूह की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: नागौरी, मोईनुद्दीन चिश्ती के प्रमुख शिष्यों में से एक थे और उन्होंने नागौर (राजस्थान) में रह कर सूफीवाद का प्रसार किया। ‘आल-इ-सफा’ का अर्थ ‘ईश्वर का समुदाय’ था और यह आध्यात्मिक शिक्षाओं पर केंद्रित एक समूह था।
  • गलत विकल्प: शेख निजामुद्दीन औलिया दिल्ली में सबसे प्रसिद्ध चिश्ती संत थे। शेख सलीम चिश्ती फतेहपुर सीकरी में अकबर के समकालीन थे। शेख नसीरुद्दीन चिराग-ए-दिल्ली भी दिल्ली सल्तनत के एक प्रमुख चिश्ती संत थे।

प्रश्न 12: अशोक के किस शिलालेख में कलिंग युद्ध के परिणामों का वर्णन है और उसमें अशोक द्वारा बौद्ध धर्म स्वीकार करने की ओर संकेत किया गया है?

  1. पहला शिलालेख
  2. आठवां शिलालेख
  3. तेरहवां शिलालेख
  4. चौदहवां शिलालेख

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: अशोक का तेरहवां शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के विनाशकारी परिणामों का विशद वर्णन करता है और युद्ध के पश्चताप तथा बौद्ध धर्म अपनाने की दिशा में अशोक के झुकाव को दर्शाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने लिखा है कि कलिंग युद्ध के बाद उन्होंने लाखों लोगों की मृत्यु और पीड़ा देखी, जिससे उन्हें गहरा दुख हुआ और उन्होंने भविष्य में कभी युद्ध न करने का संकल्प लिया। यह शिलालेख उनके धम्म विजय के सिद्धांत को भी स्पष्ट करता है।
  • गलत विकल्प: पहले शिलालेख में पशु बलि पर रोक लगाने का उल्लेख है। आठवां शिलालेख धम्म महामात्रों की नियुक्ति से संबंधित है। चौदहवां शिलालेख में सभी शिलालेखों का सार और विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के प्रति सहिष्णुता का उल्लेख है।

प्रश्न 13: ‘सूफीवाद’ के किस संप्रदाय का भारत में सबसे अधिक प्रभाव रहा और यह विशेष रूप से भारत की स्थानीय संस्कृति से घुलमिल गया?

  1. कादिरी
  2. नक्शबंदी
  3. चिश्ती
  4. सुहरवर्दी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चिश्ती संप्रदाय, जिसकी स्थापना ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने की थी, का भारत में सबसे अधिक प्रभाव रहा और यह भारतीय समाज में गहराई से समाहित हो गया।
  • संदर्भ और विस्तार: चिश्ती संतों ने भारतीय समाज के सभी वर्गों के लोगों को आकर्षित किया और उन्होंने अक्सर स्थानीय भाषाओं और रीति-रिवाजों को अपनाया। अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन गई।
  • गलत विकल्प: कादिरी, नक्शबंदी और सुहरवर्दी संप्रदाय भी महत्वपूर्ण थे, लेकिन उनका प्रभाव चिश्ती संप्रदाय जितना व्यापक और गहरा नहीं था, विशेष रूप से सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर।

प्रश्न 14: साइमन कमीशन का गठन किस उद्देश्य से किया गया था?

  1. भारत को पूर्ण स्वतंत्रता देना
  2. भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करना
  3. भारत में संवैधानिक सुधारों की जाँच करना
  4. भारत में शिक्षा का प्रसार करना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: साइमन कमीशन (1927-28) का गठन भारत सरकार अधिनियम 1919 के प्रावधानों के कामकाज की जांच करने और भविष्य में भारत के लिए संवैधानिक सुधारों का प्रस्ताव देने के लिए किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आयोग में कोई भी भारतीय सदस्य शामिल नहीं था, जिसके कारण भारतीयों ने इसका बहिष्कार किया और ‘साइमन वापस जाओ’ के नारे लगाए।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प आयोग के उद्देश्यों से संबंधित नहीं थे। यह पूर्ण स्वतंत्रता देने या संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए नहीं था, बल्कि सुधारों की समीक्षा के लिए था।

प्रश्न 15: ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषित धर्म था जो विभिन्न धर्मों (इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म, जैन धर्म) के सार तत्वों को मिलाकर बनाया गया था। इसका उद्देश्य सभी धर्मों के अनुयायियों को एक मंच पर लाना और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना था। हालाँकि, यह बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने धार्मिक नीतियों में अकबर से भिन्न मार्ग अपनाया। जहाँगीर ने धार्मिक कट्टरता के कुछ संकेत दिए, जबकि औरंगजेब अत्यधिक रूढ़िवादी था।

प्रश्न 16: चोल साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने गंगा नदी तक अपनी विजय का अभियान चलाया था?

  1. राजराज प्रथम
  2. राजेंद्र प्रथम
  3. विजयालय
  4. परांतक प्रथम

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: राजेंद्र प्रथम (1014-1044 ईस्वी) चोल साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार उत्तर भारत तक किया और गंगा नदी तक अभियान चलाया।
  • संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र प्रथम ने ‘गंगईकोंडचोलपुरम’ (गंगा घाटी के विजेता) की उपाधि धारण की। उन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना का भी निर्माण किया और दक्षिण-पूर्व एशिया (श्रीविजय साम्राज्य) पर भी विजय प्राप्त की। उनके शासनकाल में चोल साम्राज्य अपने चरम पर था।
  • गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने भी विजयें प्राप्त कीं और तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया। विजयालय चोल वंश का संस्थापक था। परांतक प्रथम ने पांड्य राजाओं को हराया था।

प्रश्न 17: 1916 का लखनऊ समझौता किन दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच हुआ था?

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और स्वराज दल
  3. मुस्लिम लीग और भारत सरकार
  4. गदर पार्टी और कांग्रेस

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1916 का लखनऊ समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, दोनों दलों ने संयुक्त रूप से ब्रिटिश सरकार से भारत के लिए स्वशासन की मांग की। इसने सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर भी सहमति व्यक्त की, जिससे मुस्लिम लीग का कांग्रेस में अधिक जुड़ाव हुआ।
  • गलत विकल्प: स्वराज दल 1923 में बना था। गदर पार्टी एक क्रांतिकारी संगठन था। भारत सरकार के साथ कोई समझौता नहीं हुआ था।

प्रश्न 18: वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना ​​था कि वेद प्राचीन भारतीय ज्ञान का स्रोत हैं और वे सभी सत्य समाहित करते हैं। उन्होंने पाखंड, मूर्तिपूजा और अन्य सामाजिक बुराइयों का खंडन किया और वेदों पर आधारित शुद्ध हिंदू धर्म की वापसी का समर्थन किया।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और उन्होंने पश्चिमी देशों में भारतीय दर्शन को लोकप्रिय बनाया। राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया।

प्रश्न 19: किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का विभाग) की स्थापना की थी?

  1. अलाउद्दीन खिलजी
  2. गयासुद्दीन तुगलक
  3. फिरोज शाह तुगलक
  4. मोहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फिरोज शाह तुगलक (1351-1388 ईस्वी) ने ‘दीवान-ए-खैरात’ और ‘दीवान-ए-बंदगान’ जैसे जन कल्याणकारी विभागों की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘दीवान-ए-खैरात’ जरूरतमंदों, विधवाओं और बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करता था। ‘दीवान-ए-बंदगान’ गुलामों के प्रबंधन के लिए था, जो उस समय राज्य के लिए महत्वपूर्ण श्रम शक्ति थे। फिरोज ने कई शहर भी बसाए और सिंचाई के लिए नहरें खुदवाईं।
  • गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और सैन्य सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी। मोहम्मद बिन तुगलक अपनी सांकेतिक मुद्रा जैसी अव्यवहारिक योजनाओं के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 20: कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?

  1. कोलकाता अधिवेशन, 1920
  2. अहमदाबाद अधिवेशन, 1921
  3. लाहौर अधिवेशन, 1929
  4. कराची अधिवेशन, 1931

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने लाहौर अधिवेशन (1929) में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह प्रस्ताव भारत के अंतिम राजनीतिक लक्ष्य के रूप में पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा थी। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का भी निर्णय लिया गया।
  • गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति से संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए थे।

प्रश्न 21: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

  1. 1925
  2. 1929
  3. 1931
  4. 1935

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि ब्रिटिश सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और कुछ विरोध प्रदर्शनों की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की। इसका उद्देश्य गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सुनिश्चित करना था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प समझौते के वर्ष से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 22: प्राचीन भारत के इतिहास में ‘रजत मुद्रा’ (चांदी के सिक्के) चलाने की शुरुआत किसने की थी?

  1. मौर्य
  2. शुंग
  3. इंडो-ग्रीक (यवन)
  4. कुषाण

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: इंडो-ग्रीक (यवन) शासकों ने प्राचीन भारत में सबसे पहले शुद्ध चांदी के सिक्के (रजत मुद्रा) जारी किए थे, जिन पर शासकों के चित्र बने होते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इन सिक्कों पर राजाओं के चित्र और उनके नाम ग्रीक और खरोष्ठी लिपि में अंकित होते थे, जो उस समय की कला और वाणिज्यिक विकास को दर्शाते हैं। यह भारतीय मुद्रा प्रणाली के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: मौर्य काल में पण (तांबे के सिक्के) चलते थे। शुंग और कुषाणों ने भी सिक्के जारी किए, लेकिन इंडो-ग्रीकों का योगदान विशेष रूप से चांदी के शुद्ध सिक्कों के प्रचलन में अग्रणी था।

प्रश्न 23: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद किस साम्राज्य के प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग थी?

  1. गुप्त साम्राज्य
  2. चोल साम्राज्य
  3. मुगल साम्राज्य
  4. मराठा साम्राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज के मराठा साम्राज्य के प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग था।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में आठ मंत्री होते थे, जिनमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धार्मिक मामले), न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) और मंत्री (लिखित पत्राचार का प्रभारी) शामिल थे। यह प्रणाली मराठा प्रशासन को सुव्यवस्थित करती थी।
  • गलत विकल्प: गुप्त, चोल और मुगल साम्राज्यों की अपनी प्रशासनिक व्यवस्थाएँ थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शब्द विशेष रूप से मराठा प्रशासन से जुड़ा है।

प्रश्न 24: ‘रॉलेट एक्ट’, जिसे ‘बिना दलील, बिना वकील, बिना अपील’ का कानून कहा गया, किस वर्ष पारित किया गया था?

  1. 1915
  2. 1917
  3. 1919
  4. 1920

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: रॉलेट एक्ट (या अराजक और क्रांतिकारी अपराध अधिनियम) 1919 में पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने ब्रिटिश सरकार को किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमे के गिरफ्तार करने और जेल में डालने का अधिकार दिया। इसने भारतीयों के नागरिक स्वतंत्रता को गंभीर रूप से सीमित कर दिया, जिसके विरोध में महात्मा गांधी ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जो जलियांवाला बाग नरसंहार का कारण बनी।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प इस अधिनियम के पारित होने के वर्ष से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 25: द्वितीय विश्व युद्ध में ‘एक्सिस पॉवर्स’ (धुरी शक्तियों) में प्रमुख देश कौन से थे?

  1. जर्मनी, इटली और जापान
  2. जर्मनी, सोवियत संघ और जापान
  3. इटली, सोवियत संघ और जर्मनी
  4. जापान, चीन और जर्मनी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: द्वितीय विश्व युद्ध में प्रमुख धुरी शक्तियाँ जर्मनी, इटली और जापान थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: इन देशों ने एक्सिस पॉवर्स संधि पर हस्ताक्षर किए और मित्र राष्ट्रों (जैसे ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, फ्रांस, चीन) के खिलाफ युद्ध लड़ा। इन देशों की विस्तारवादी और राष्ट्रवादी महत्वाकांक्षाएं युद्ध के प्रमुख कारणों में से थीं।
  • गलत विकल्प: सोवियत संघ युद्ध के शुरुआती चरण में जर्मनी के साथ गैर-आक्रामकता संधि में था, लेकिन बाद में मित्र राष्ट्रों में शामिल हो गया। चीन मित्र राष्ट्रों का हिस्सा था।

Leave a Comment