इतिहास की गहराइयों में उतरें: 25 प्रश्न, 25 पड़ाव!
तैयारी के इस रोमांचक सफर में आपका स्वागत है! आज हम इतिहास के गलियारों से 25 चुनिंदा सवालों के साथ आपके ज्ञान को परखने के लिए तैयार हैं। प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक भारत के संघर्षों और विश्व की महत्वपूर्ण घटनाओं तक, यह क्विज आपको समय के आर-पार ले जाएगा। तो, क्या आप इतिहास के अपने ज्ञान को आज़माने के लिए तैयार हैं?
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ या ‘मेसोपोटामिया का प्रवेश द्वार’ कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- चैनुदड़ो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लोथल, जो आधुनिक गुजरात में स्थित है, एक प्रमुख बंदरगाह शहर था और मेसोपोटामिया के साथ व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी था। इसकी सामरिक स्थिति के कारण इसे ‘सिंधु का बाग’ या ‘मेसोपोटामिया का प्रवेश द्वार’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल अपने डॉकयार्ड के लिए प्रसिद्ध था, जो सिंधु घाटी सभ्यता की उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का प्रमाण है। यहाँ से प्राप्त मोहरें और अन्य वस्तुएँ मेसोपोटामिया के साथ व्यापारिक संबंधों को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सबसे बड़े और महत्वपूर्ण शहर थे, लेकिन उनका यह विशेष उपनाम नहीं था। चनहुदड़ो एक शिल्प केंद्र था, जो मुख्य रूप से मनके बनाने के लिए जाना जाता था।
प्रश्न 2: ‘The Discovery of India’ नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘The Discovery of India’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक उन्होंने 1942-46 के दौरान अहमदनगर जेल में नजरबंद रहते हुए लिखी थी। इसमें उन्होंने भारत के गौरवशाली अतीत, उसकी विविध संस्कृति और राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास पर प्रकाश डाला है।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘हिंद स्वराज’ जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं। सरदार पटेल भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे।
प्रश्न 3: बौद्ध धर्म की किस संगीति में ‘विनय पिटक’ को संकलित किया गया था?
- प्रथम संगीति
- द्वितीय संगीति
- तृतीय संगीति
- चतुर्थ संगीति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: बौद्ध धर्म की प्रथम संगीति (राजगृह, 483 ईसा पूर्व) में ‘विनय पिटक’ का संकलन किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी और इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं को व्यवस्थित करना था। आनंद ने ‘सुत्त पिटक’ का पाठ किया, जिसमें बुद्ध के उपदेश शामिल हैं।
- गलत विकल्प: द्वितीय संगीति (वैशाली) में भिक्षुओं के बीच अनुशासन को लेकर मतभेद सुलझाने का प्रयास हुआ। तृतीय संगीति (पाटलिपुत्र) में ‘अभिधम्म पिटक’ का संकलन हुआ और अशोक का संरक्षण प्राप्त था। चतुर्थ संगीति (कुंडलवन) में हीनयान और महायान संप्रदाय का विभाजन स्पष्ट हुआ।
प्रश्न 4: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच एकता स्थापित करना था। यह एक एकेश्वरवादी धर्म था जिसमें सभी प्रमुख धर्मों की अच्छी बातों को शामिल करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ। बीरबल इस धर्म को स्वीकार करने वाले एकमात्र प्रमुख हिंदू दरबारी थे।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने अपनी-अपनी नीतियों और धार्मिक विचारों के अनुसार शासन किया, लेकिन उन्होंने ‘दीन-ए-इलाही’ को आगे नहीं बढ़ाया।
प्रश्न 5: 1906 में कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘स्वराज’ को कांग्रेस का लक्ष्य घोषित किया गया?
- बनारस अधिवेशन
- कलकत्ता अधिवेशन
- सूरत अधिवेशन
- लखनऊ अधिवेशन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1906 में कलकत्ता अधिवेशन में दादाभाई नौरोजी की अध्यक्षता में ‘स्वराज’ को कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य घोषित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिवेशन भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने पूर्ण स्वराज की मांग का बीजारोपण किया। इसी अधिवेशन में स्वदेशी, बहिष्कार और राष्ट्रीय शिक्षा जैसे प्रस्ताव भी पारित किए गए।
- गलत विकल्प: बनारस अधिवेशन (1905) में गोपाल कृष्ण गोखले की अध्यक्षता में स्वदेशी आंदोलन का समर्थन किया गया था। सूरत अधिवेशन (1907) में कांग्रेस नरम दल और गरम दल में विभाजित हो गई थी। लखनऊ अधिवेशन (1916) में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता हुआ था।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त शासक समुद्रगुप्त को उनके विजय अभियानों और विशाल साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनके सैन्य विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उन्होंने उत्तर भारत के नौ राज्यों को जीता और दक्षिणापथ के कई राजाओं को भी अपने अधीन किया।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त की थी और कला व साहित्य का संरक्षण किया था। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण का सफलतापूर्वक सामना किया था।
प्रश्न 7: प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1767-1769) में कौन विजयी हुआ?
- ईस्ट इंडिया कंपनी
- हैदर अली
- टीपू सुल्तान
- निजाम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध में मैसूर के शासक हैदर अली विजयी हुए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध का अंत मद्रास की संधि (1769) के साथ हुआ, जिसने कंपनी को मैसूर की संप्रभुता का सम्मान करने के लिए मजबूर किया। हैदर अली ने अपनी सैन्य रणनीति से कंपनी को चौंका दिया था।
- गलत विकल्प: टीपू सुल्तान हैदर अली के पुत्र थे और उन्होंने तीसरे और चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईस्ट इंडिया कंपनी इस युद्ध में विजयी नहीं हुई थी। निजाम हैदराबाद का शासक था और इस युद्ध में उसकी भूमिका परिस्थितियों के अनुसार बदलती रही।
प्रश्न 8: किस गुप्त शासक ने चांदी के सिक्के जारी किए, जिन्हें ‘रूपक’ कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने बड़े पैमाने पर चांदी के सिक्के जारी किए, जिन्हें ‘रूपक’ या ‘रूपक शतमान’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: इन सिक्कों पर अक्सर उनके उपाधि ‘विक्रमादित्य’ या ‘नरेंद्रचन्द्र’ अंकित होता था। गुप्तकाल में सोने के सिक्कों (दिनार) का भी व्यापक प्रचलन था, लेकिन चांदी के सिक्के विशेष रूप से व्यापार और दैनिक लेन-देन के लिए महत्वपूर्ण थे।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने अपने विवाह के उपलक्ष्य में सोने के सिक्के जारी किए। समुद्रगुप्त ने भी सोने के सिक्कों पर अपनी विजयों का अंकन कराया। कुमारगुप्त ने भी सिक्के जारी किए, लेकिन चांदी के ‘रूपक’ का श्रेय मुख्य रूप से चंद्रगुप्त द्वितीय को जाता है।
प्रश्न 9: ‘आARDAS’ (आर्मी रेजिंग एंड डिसिप्लिनरी एक्ट) किस वर्ष लागू किया गया था?
- 1909
- 1911
- 1913
- 1915
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘आARDAS’ (Army Regimental Fund Regulations and Discipline Act) 1913 में लागू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम भारतीय सेना के नियमों और अनुशासन से संबंधित था। हालांकि यह प्रश्न आधुनिक भारतीय इतिहास के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से प्रमुख राष्ट्रीय आंदोलन की घटनाओं से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है। यह ब्रिटिश काल में सैन्य प्रशासन से संबंधित एक उपचारात्मक कानून था।
- गलत विकल्प: 1909 में मार्ले-मिंटो सुधार आए थे। 1911 में दिल्ली दरबार और बंगाल विभाजन रद्द हुआ। 1915 में प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था।
प्रश्न 10: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक नए विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- फिरोज शाह तुगलक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फिरोजशाह तुगलक ने 1352 ईस्वी में ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक नए विभाग की स्थापना की थी, जो दासों (गुलामों) के कल्याण और प्रबंधन के लिए था।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग के माध्यम से हजारों गुलामों को विभिन्न सरकारी विभागों और शिल्पों में प्रशिक्षित कर नियोजित किया जाता था। फिरोजशाह तुगलक ने कई अन्य कल्याणकारी कार्य भी किए, जैसे नहरों का निर्माण, सराय और अस्पतालों की स्थापना।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) की स्थापना की थी। बलबन ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना की। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना की शुरुआत की।
प्रश्न 11: प्रसिद्ध ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1928
- 1929
- 1930
- 1931
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने के बदले में हुआ था। इस समझौते के तहत, गांधीजी ने आंदोलन को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की और ब्रिटिश सरकार ने कैदियों को रिहा करने और जब्त की गई संपत्ति वापस करने का वादा किया। इस समझौते ने गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने का मार्ग भी प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन का विरोध हुआ। 1929 में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की घोषणा हुई। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ।
प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?
- सरोजिनी नायडू
- एनी बेसेंट
- नलिनी सेन गुप्ता
- इन्दिरा गांधी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: एनी बेसेंट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं, जिन्होंने 1917 में कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: आयरिश मूल की एनी बेसेंट एक प्रमुख समाज सुधारक, थिओसोफिस्ट और भारतीय स्वशासन आंदोलन की नेता थीं। उन्होंने कांग्रेस की अध्यक्ष बनकर महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष थीं (1925, कानपुर अधिवेशन)। नलिनी सेन गुप्ता 1933 में अध्यक्ष बनीं। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं, कांग्रेस अध्यक्ष नहीं।
प्रश्न 13: ‘The Communist Manifesto’ के लेखक कौन हैं?
- कार्ल मार्क्स
- फ्रेडरिक एंजल्स
- दोनों (a) और (b)
- लेनिन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘The Communist Manifesto’ (कम्युनिस्ट घोषणापत्र) का लेखन कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजल्स ने मिलकर किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह 1848 में प्रकाशित हुआ था और साम्यवाद के इतिहास में एक अत्यंत प्रभावशाली पुस्तक है। इसमें वर्ग संघर्ष और पूंजीवाद के अंत की भविष्यवाणी की गई है, और यह वैश्विक कम्युनिस्ट आंदोलनों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत बन गया।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजल्स दोनों ने मिलकर यह कार्य किया था, इसलिए केवल एक को चुनना गलत है। लेनिन एक रूसी क्रांतिकारी नेता थे जिन्होंने मार्क्सवाद को रूस में लागू किया।
प्रश्न 14: गुप्त काल में ‘पंचसिद्धांतिका’ नामक खगोलशास्त्रीय ग्रंथ के लेखक कौन हैं?
- आर्यभट्ट
- वराहमिहिर
- ब्रह्मगुप्त
- भास्कराचार्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: वराहमिहिर, जो एक महान खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे, ने ‘पंचसिद्धांतिका’ नामक ग्रंथ की रचना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ उस समय प्रचलित पांच खगोलशास्त्रीय सिद्धांतों का एक संकलन है। वराहमिहिर को भारतीय ज्योतिष के प्रमुख विद्वानों में गिना जाता है।
- गलत विकल्प: आर्यभट्ट ने ‘आर्यभटीय’ लिखा, जिसमें गणित और खगोल विज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांत थे। ब्रह्मगुप्त ने ‘ब्रह्मस्फुटसिद्धांत’ की रचना की। भास्कराचार्य एक बाद के महान गणितज्ञ थे जिन्होंने ‘लीलावती’ लिखी।
प्रश्न 15: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित हुई?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में 1911 में यह घोषणा की गई थी कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की जाएगी। 1912 में यह स्थानांतरण प्रभावी हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह निर्णय 1911 के दिल्ली दरबार में सम्राट जॉर्ज पंचम द्वारा घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के केंद्र के करीब होना और बंगाल के विभाजन को रद्द करने के बाद पूर्वी बंगाल में असंतोष को शांत करना था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड मिंटो मार्ले-मिंटो सुधारों से जुड़े हैं। लॉर्ड चेम्सफोर्ड रोलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड के दौरान वायसराय थे।
प्रश्न 16: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक में से एक, कृष्णदेव राय, किस वंश से संबंधित थे?
- संगम
- सलुव
- तुलुव
- अराविडु
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कृष्णदेव राय विजयनगर साम्राज्य के तुलुव वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक थे।
- संदर्भ और विस्तार: उनका शासनकाल (1509-1529) विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। वे अपनी सैन्य विजयों, प्रशासनिक दक्षता और तेलुगु साहित्य के संरक्षक के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यता’ नामक तेलुगु महाकाव्य की भी रचना की।
- गलत विकल्प: संगम वंश विजयनगर का पहला राजवंश था। सलुव वंश तुलुव से पहले आया था। अराविडु वंश सबसे अंतिम राजवंश था।
प्रश्न 17: ‘रेड शर्ट्स’ (लाल कुर्ती) आंदोलन का नेतृत्व किसने किया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- खान अब्दुल गफ्फार खान
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘रेड शर्ट्स’ (खुदाई खिदमतगार) नामक आंदोलन का नेतृत्व खान अब्दुल गफ्फार खान ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत (अब पाकिस्तान में) में एक अहिंसक, पठान-आधारित राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन था, जो भारत छोड़ो आंदोलन के समानांतर चला। खान अब्दुल गफ्फार खान, जिन्हें ‘सीमांत गांधी’ भी कहा जाता है, गांधीजी के कट्टर अनुयायी थे।
- गलत विकल्प: अन्य सभी प्रमुख कांग्रेसी नेता थे, लेकिन इस विशिष्ट अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व खान अब्दुल गफ्फार खान ने किया था।
प्रश्न 18: अशोक ने अपने शासनकाल में बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को कहाँ भेजा था?
- इंडोनेशिया
- श्रीलंका
- म्यांमार
- थाईलैंड
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा था, जहाँ उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
- संदर्भ और विस्तार: तीसरी बौद्ध संगीति के बाद, अशोक ने बौद्ध धर्म को भारत से बाहर फैलाने का निर्णय लिया। महेंद्र और संघमित्रा की यात्रा का बौद्ध धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है, और उन्होंने श्रीलंका को बौद्ध राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: अन्य देश बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं, लेकिन अशोक के मिशन के तहत महेंद्र और संघमित्रा को विशेष रूप से श्रीलंका भेजा गया था।
प्रश्न 19: मराठा साम्राज्य में ‘अष्टप्रधान’ का क्या अर्थ था?
- आठ प्रमुख सैनिक अधिकारी
- आठ प्रमुख सलाहकार परिषद
- आठ प्रमुख भूमि कर
- आठ प्रमुख शहर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मराठा साम्राज्य में ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी द्वारा स्थापित आठ प्रमुख मंत्रियों की एक सलाहकार परिषद थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह सचिव), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), सेनापति (सेना प्रमुख), सुमंत (विदेश मंत्री) और न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) जैसे पद शामिल थे। यह शिवाजी के सुशासन का एक महत्वपूर्ण अंग था।
- गलत विकल्प: यह आठ प्रमुख अधिकारियों की परिषद थी, न कि केवल सैनिक अधिकारी, न कोई कर या शहर।
प्रश्न 20: किसने कहा था, “The state has no religion, it is neutral”?
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
- महात्मा गांधी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: जवाहरलाल नेहरू ने भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के बारे में कहा था कि “राज्य का कोई धर्म नहीं होता, वह तटस्थ होता है।”
- संदर्भ और विस्तार: यह कथन भारत के धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के सिद्धांत को दर्शाता है, जहाँ राज्य किसी भी धर्म को विशेष महत्व नहीं देता और सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार करता है। नेहरू भारत के धर्मनिरपेक्षता के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे।
- गलत विकल्प: अन्य नेताओं ने भी धर्मनिरपेक्षता का समर्थन किया, लेकिन इस विशेष कथन का श्रेय नेहरू को दिया जाता है।
प्रश्न 21: सिपाही विद्रोह (1857) की शुरुआत कहाँ से हुई?
- मेरठ
- दिल्ली
- कानपुर
- झांसी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सिपाही विद्रोह की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ छावनी से हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: विद्रोह का तात्कालिक कारण चर्बी लगे कारतूसों का उपयोग था, जिन्हें गाय और सूअर की चर्बी से बनाया गया था। मेरठ से शुरू होने के बाद, विद्रोही सैनिक दिल्ली की ओर बढ़े और बहादुर शाह जफर को अपना नेता घोषित किया।
- गलत विकल्प: दिल्ली, कानपुर और झांसी बाद में विद्रोह के महत्वपूर्ण केंद्र बने, लेकिन शुरुआत मेरठ से हुई थी।
प्रश्न 22:IISc (Indian Institute of Science) की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1905
- 1909
- 1911
- 1915
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु की स्थापना 1915 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना जमशेदजी टाटा के दूरदर्शी विचारों और भारत सरकार के सहयोग से हुई थी। यह भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान है।
- गलत विकल्प: 1905 में बंग-भंग आंदोलन हुआ। 1909 में मार्ले-मिंटो सुधार आए। 1911 में राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित हुई।
प्रश्न 23: चीनी यात्री फाहियान किसके शासनकाल में भारत आया था?
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चीनी यात्री फाहियान गुप्त काल में चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के शासनकाल के दौरान भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: फाहियान 399 ईस्वी से 414 ईस्वी तक भारत में रहा और उसने अपने यात्रा वृत्तांत में तत्कालीन भारतीय समाज, धर्म और संस्कृति का विस्तृत विवरण दिया है। उसने गुप्त साम्राज्य की समृद्धि और शांति का वर्णन किया है।
- गलत विकल्प: अन्य गुप्त शासक थे, लेकिन फाहियान का आगमन चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में हुआ था। ह्वेन त्सांग एक अन्य चीनी यात्री थे जो हर्षवर्धन के शासनकाल में आए थे।
प्रश्न 24: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ किस वर्ष हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस की राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के आदर्शों को बढ़ावा दिया, जिनका दुनिया भर में राजनीतिक आंदोलनों पर गहरा प्रभाव पड़ा। इस क्रांति की शुरुआत बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) से मानी जाती है।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई। 1815 में वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन युग का अंत हुआ। 1848 को यूरोप में क्रांतियों का वर्ष कहा जाता है।
प्रश्न 25: किस भारतीय वायसराय ने ‘सांप्रदायिक निर्वाचन’ (Separate Electorate) की व्यवस्था को लागू किया?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड मिंटो (द्वितीय), जो 1905-1910 तक भारत के वायसराय थे, ने 1909 के मार्ले-मिंटो सुधारों के तहत सांप्रदायिक निर्वाचन की व्यवस्था लागू की।
- संदर्भ और विस्तार: इस सुधार का उद्देश्य मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचक मंडल बनाना था, जिससे वे अपने प्रतिनिधियों का चुनाव स्वयं कर सकें। हालाँकि इसे ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति के रूप में भी देखा जाता है, इस व्यवस्था ने भारत के राजनीतिक भविष्य पर गहरा प्रभाव डाला और बाद में धर्म के आधार पर राजनीतिक विभाजन को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल विभाजन किया। लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ने राजधानी स्थानांतरण किया। लॉर्ड चेम्सफोर्ड के समय रोलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुए।