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इतिहास की गहराइयों में उतरें: दैनिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी!

इतिहास की गहराइयों में उतरें: दैनिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी!

साथियों, समय के रथ पर सवार होकर आज फिर इतिहास के पन्नों को पलटते हैं! भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला से लेकर प्राचीन सभ्यताओं के रहस्यों तक, हर कोने से लाए गए ये 25 प्रश्न आपकी तैयारी को धार देंगे। तो तैयार हो जाइए, इस ज्ञानवर्धक यात्रा के लिए!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। यहाँ से प्राप्त ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ हड़प्पा सभ्यता की कलात्मक उन्नति का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह प्रतिमा लगभग 4 इंच ऊँची है और आत्मविश्वास से भरी एक सजीव मुद्रा में चित्रित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: मोहनजोदड़ो (सिंधु नदी के तट पर स्थित) सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा शहर था। यहाँ से विशाल स्नानागार, अन्नागार, पक्की ईंटों के मकान और सीलें भी मिली हैं। यह प्रतिमा पिघलकर साँचे में ढालने (lost-wax casting) की विधि से बनाई गई थी।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘सार्वजनिक स्नानागार’ और ‘ताँबे का पैमाना’ मिला है। लोथल से ‘गोदीवाड़ा’ (डॉकयार्ड) प्राप्त हुआ है। कालीबंगन से ‘हल से जुते हुए खेत’ के प्रमाण मिले हैं।

प्रश्न 2: मौर्य वंश के किस शासक ने ‘अभिलेखों के माध्यम से जनता तक संदेश पहुँचाने की परंपरा’ की शुरुआत की?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. बिंदुसार
  3. अशोक
  4. बृहद्रथ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अशोक। सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल के दौरान शिलाओं, स्तंभों और गुफाओं पर उत्कीर्ण अभिलेखों के माध्यम से अपने धम्म (धर्म) और लोक कल्याणकारी नीतियों का प्रचार किया। यह प्राचीन भारत में जनसंचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अशोक के अभिलेखों में उसके शासनकाल की घटनाओं, राज्य विस्तार, प्रजा के प्रति उसके उत्तरदायित्व और बौद्ध धर्म के प्रति उसकी निष्ठा का वर्णन मिलता है। ये अभिलेख मुख्य रूप से ब्राह्मी, खरोष्ठी, अरामाइक और ग्रीक लिपियों में हैं।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे, लेकिन अभिलेखों का व्यापक प्रयोग उनके शासनकाल में नहीं हुआ। बिंदुसार अशोक के पिता थे। बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान को ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू करने के लिए जाना जाता है?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी। खिलजी वंश के इस शासक ने अपनी विशाल सेना के लिए खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने हेतु एक प्रभावी बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने ‘सराह-ए-अनाज’ (अनाज बाजार), ‘सराह-ए-डेढ़’ (वस्त्र बाजार) आदि विभिन्न बाजारों की स्थापना की और प्रत्येक बाजार के लिए एक अधिकारी (‘शहना-ए- मंडी’) नियुक्त किया। उसने जमाखोरी पर भी कठोर दंड का प्रावधान किया था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीस सरदारों का समूह’ (तुर्कान-ए-चहलगानी) बनाया। बलबन ने ‘लौह एवं रक्त की नीति’ अपनाई। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी ‘राजधानी परिवर्तन’ और ‘सांकेतिक मुद्रा’ के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘आमुक्तमाल्यद’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की?

  1. हरिहर प्रथम
  2. बुक्का प्रथम
  3. कृष्ण देवराय
  4. सदाशिव राय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्ण देवराय। तुलुव वंश के सबसे महान शासक कृष्ण देवराय न केवल एक कुशल प्रशासक और योद्धा थे, बल्कि वे एक विद्वान कवि भी थे। उन्होंने तेलुगु साहित्य को महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ‘आमुक्तमाल्यद’ एक महाकाव्य है जो विष्णु के 12 आलवारों में से एक, आंडाल की कहानी कहता है। कृष्ण देवराय ने ‘जाम्बवती कल्याणम’ नामक एक संस्कृत नाटक भी लिखा था। उनके दरबार में तेलुगु के आठ महान विद्वान रहते थे, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था।
  • गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे। सदाशिव राय के शासनकाल में साम्राज्य का पतन शुरू हुआ।

प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. तात्या टोपे
  3. नाना साहेब
  4. बेगम हजरत महल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: नाना साहेब। पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किया और स्वयं को पेशवा घोषित कर दिया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: कानपुर में विद्रोहियों ने नाना साहेब के नेतृत्व में ब्रिटिशों को खदेड़ दिया और उन्हें शहर छोड़ने पर मजबूर किया। हालाँकि, बाद में जनरल हैवेलॉक और सर कॉलिन कैम्पबेल ने इस क्षेत्र को पुनः प्राप्त कर लिया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी से, तात्या टोपे ने ग्वालियर और कानपुर के आसपास के क्षेत्रों से, और बेगम हजरत महल ने लखनऊ से विद्रोह का नेतृत्व किया।

प्रश्न 6: पुर्तगाली गवर्नर अल्बुकर्क ने गोवा पर कब अधिकार किया?

  1. 1505 ईस्वी
  2. 1509 ईस्वी
  3. 1510 ईस्वी
  4. 1511 ईस्वी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1510 ईस्वी। अल्बुकर्क, जो पुर्तगाली गवर्नर (1509-1515) थे, ने बीजापुर सल्तनत के शासक आदिल शाह से गोवा छीनकर उस पर अधिकार कर लिया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: गोवा पर अधिकार पुर्तगालियों के लिए भारत में अपनी शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। गोवा उनकी प्रमुख व्यापारिक चौकी बन गया और कई वर्षों तक उनके नियंत्रण में रहा।
  • गलत विकल्प: 1505 ईस्वी में फ्रांसिस्को डी अलमेडा पहले पुर्तगाली गवर्नर बनकर आए थे। 1509 ईस्वी में अल्बुकर्क ने गवर्नर का पद संभाला। 1511 ईस्वी में उन्होंने मलक्का पर अधिकार किया था।

प्रश्न 7: ‘लॉर्ड कर्जन’ किस घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माने जाते हैं?

  1. भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1904
  2. बंगाल का विभाजन, 1905
  3. पुलिस सुधार
  4. पुरातत्व संबंधी संरक्षण अधिनियम, 1904

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बंगाल का विभाजन, 1905। लॉर्ड कर्जन, जो 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय रहे, ने प्रशासनिक सुविधा का बहाना बनाकर बंगाल का विभाजन किया, जिसने भारतीय राष्ट्रवाद को भड़काया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: बंगाल के विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन और बहिष्कार आंदोलन चलाए गए। यह कदम भारतीय राष्ट्रवाद के उदय में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
  • गलत विकल्प: भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम और पुरातत्व संबंधी संरक्षण अधिनियम भी उनके कार्यकाल में पारित हुए थे, लेकिन बंगाल विभाजन भारतीय जनमानस पर सबसे गहरा और नकारात्मक प्रभाव डालने वाली घटना थी।

प्रश्न 8: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल शासक ने की थी?

  1. हुमायूँ
  2. अकबर
  3. जहांगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अकबर। मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की स्थापना की, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक सार्वभौमिक धर्म बनाना था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह एक एकेश्वरवादी धर्म था जिसमें सभी प्रमुख धर्मों के सिद्धांतों का समावेश था। अकबर ने स्वयं इसे स्वीकार किया था। हालाँकि, यह ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो सका और केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: हुमायूँ, जहांगीर और शाहजहाँ अकबर के उत्तराधिकारी थे और उन्होंने इस धर्म को आगे नहीं बढ़ाया।

प्रश्न 9: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. कला, विज्ञान और साहित्य में हुई अभूतपूर्व प्रगति के कारण
  2. साम्राज्य के विस्तार के कारण
  3. विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा के कारण
  4. लोहे के औजारों के विकास के कारण

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कला, विज्ञान और साहित्य में हुई अभूतपूर्व प्रगति के कारण। गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और वास्तुकला के क्षेत्र में महान उपलब्धियाँ हासिल हुईं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों ने अपने उत्कृष्ट साहित्य की रचना की, आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली और सूर्य सिद्धांत का प्रतिपादन किया, और गुप्तकालीन मूर्तिकला व चित्रकला (जैसे अजंता की गुफाएँ) अपने चरम पर थीं।
  • गलत विकल्प: यद्यपि साम्राज्य का विस्तार हुआ और विदेशी आक्रमणों से तुलनात्मक रूप से सुरक्षा रही, लेकिन ‘स्वर्ण युग’ की संज्ञा मुख्य रूप से सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियों को दर्शाती है। लोहे के औजारों का विकास पहले ही हो चुका था।

प्रश्न 10: ‘हड़प्पा लिपि’ को पढ़ने का पहला सफल प्रयास किसने किया?

  1. सर जॉन मार्शल
  2. R.D. Banerji
  3. C.J. Bleeker
  4. John F. Fleet

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: C.J. Bleeker। हालांकि हड़प्पा लिपि को अभी तक पूरी तरह से पढ़ा नहीं जा सका है, 1925 में C.J. Bleeker ने इसे पढ़ने का पहला प्रयास किया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: 1920 के दशक में जब हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई हुई, तो सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित मुहरों पर एक अज्ञात लिपि पाई गई। कई विद्वानों ने इसे पढ़ने का प्रयास किया, जिनमें सर जॉन मार्शल, R.D. Banerji, और बाद में इरावती कर्वे और अन्य शामिल हैं, लेकिन कोई भी सर्वमान्य समाधान प्रस्तुत नहीं कर सका।
  • गलत विकल्प: सर जॉन मार्शल सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई के महानिदेशक थे, R.D. Banerji ने मोहनजोदड़ो की खुदाई का नेतृत्व किया, और John F. Fleet गुप्तकालीन अभिलेखों के विशेषज्ञ थे। इन सभी ने सभ्यता पर कार्य किया, लेकिन लिपि को पढ़ने का पहला प्रयास Bleeker ने किया।

प्रश्न 11: किस यात्री ने भारत यात्रा के समय ‘इब्न बतूता’ के विवरण का अध्ययन किया?

  1. फाह्यान
  2. ह्वेन त्सांग
  3. मार्को पोलो
  4. निकोलो कोंटी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: निकोलो कोंटी। यह यात्री 15वीं शताब्दी की शुरुआत में विजयनगर साम्राज्य की यात्रा पर आया था और उसने अपने यात्रा वृत्तांत में तत्कालीन भारतीय समाज और संस्कृति का वर्णन किया है। हालाँकि, प्रश्न थोड़ा भ्रामक है क्योंकि कोंटी ने इब्न बतूता के विवरण का अध्ययन किया या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। यदि प्रश्न यह पूछना चाह रहा है कि कौन सा यात्री इब्न बतूता के समयकाल के आस-पास भारत आया था, तो यह संदर्भ उपयोगी है। इब्न बतूता 14वीं शताब्दी में भारत आए थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: निकोलो कोंटी एक इतालवी व्यापारी थे जिन्होंने देवराय प्रथम के शासनकाल में विजयनगर का दौरा किया था। वे इब्न बतूता के भारत आने के कुछ दशकों बाद आए थे।
  • गलत विकल्प: फाह्यान (गुप्त काल) और ह्वेन त्सांग (हर्षवर्धन काल) इब्न बतूता से बहुत पहले भारत आए थे। मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में भारत आए थे, लेकिन उन्होंने इब्न बतूता के विवरण का अध्ययन किया, इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है।

प्रश्न 12: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किसने पूरा करवाया?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: इल्तुतमिश। कुतुब मीनार का निर्माण कार्य कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था, लेकिन इसे पूरा करवाया इल्तुतमिश ने।
  • संदर्भ एवं विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक ने सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में इसका निर्माण शुरू करवाया था। इल्तुतमिश ने इसकी तीसरी मंजिल का निर्माण पूरा करवाया और फिरोजशाह तुगलक ने 1368 में पाँचवी और अंतिम मंजिल का पुनर्निर्माण करवाया, जो बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गई थी।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने नींव डाली थी, लेकिन पूरा नहीं करवाया। अलाउद्दीन खिलजी ने कुतुब मीनार से संबंधित कोई बड़ा निर्माण कार्य नहीं करवाया। फिरोजशाह तुगलक ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था, न कि मूल निर्माण पूरा करवाया।

प्रश्न 13: ‘जजिया’ कर को पुनः लागू करने वाला मध्यकालीन शासक कौन था?

  1. सिकंदर लोदी
  2. शेरशाह सूरी
  3. फिरोजशाह तुगलक
  4. इब्राहिम लोदी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फिरोजशाह तुगलक। दिल्ली सल्तनत के शासक फिरोजशाह तुगलक (1351-1388) ने गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया और इसे अधिक व्यवस्थित रूप दिया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: फिरोजशाह तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगाया, जबकि पहले यह उनसे वसूल नहीं किया जाता था। उसने राजस्व बढ़ाने के लिए नहरों के निर्माण और सार्वजनिक कार्यों पर भी ध्यान दिया।
  • गलत विकल्प: सिकंदर लोदी ने भी कुछ कर लगाए थे, लेकिन जजिया को पुनः लागू करने में फिरोजशाह तुगलक का नाम प्रमुख है। शेरशाह सूरी ने भी कृषि सुधारों के लिए जाना जाता है। इब्राहिम लोदी लोदी वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 14: ‘सिखों के पांचवें गुरु’ अर्जुन देव को किस मुगल बादशाह ने फाँसी दिलवाई?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: जहांगीर। मुगल सम्राट जहांगीर ने अपने पुत्र खुसरो मिर्जा के विद्रोह में गुरु अर्जुन देव द्वारा मदद करने के आरोप में उन्हें 1606 ईस्वी में फाँसी की सजा दी थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: गुरु अर्जुन देव ने ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ का संकलन किया और अमृतसर में हरमिंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) का निर्माण शुरू करवाया। उनकी शहादत ने सिख समुदाय को मुगल शासन के प्रति अधिक मुखर बनाया।
  • गलत विकल्प: अकबर धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता था और उसने सिखों के प्रति उदार नीति अपनाई थी। शाहजहाँ और औरंगजेब बाद के शासक थे जिन्होंने धार्मिक मामलों में और अधिक कठोर नीतियां अपनाईं।

प्रश्न 15: ‘प्रथम कर्नाटक युद्ध’ का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. फ्रांसीसियों का पांडिचेरी पर अधिकार
  2. अंग्रेजों का मद्रास पर कब्जा
  3. ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार का युद्ध
  4. ब्रिटिश और फ्रांसीसी कंपनियों के बीच व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार का युद्ध (1740-1748)। प्रथम कर्नाटक युद्ध (1744-1748) वास्तव में यूरोप में चल रहे ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार के युद्ध का ही भारतीय उपमहाद्वीप पर प्रभाव था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: जब यूरोप में फ्रांस और ब्रिटेन युद्धरत थे, तो इसका सीधा असर उनकी कंपनियों पर भी पड़ा। फ्रांसीसियों ने मद्रास पर कब्जा कर लिया, जो अंग्रेजों के नियंत्रण में था, जिससे युद्ध शुरू हुआ। युद्ध की समाप्ति यूरोप में ‘एक्स-ला-शैपल की संधि’ (1748) से हुई, जिसके तहत अंग्रेजों को मद्रास वापस मिल गया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प युद्ध के कुछ परिणाम या सामान्य कारण हो सकते हैं, लेकिन ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार का युद्ध वह बाहरी घटना थी जिसने सीधे तौर पर प्रथम कर्नाटक युद्ध को जन्म दिया।

प्रश्न 16: ‘सहायक संधि प्रणाली’ का प्रयोग सर्वप्रथम किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल ने किया?

  1. लॉर्ड कॉर्नवालिस
  2. लॉर्ड वेलेस्ली
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  4. लॉर्ड डलहौजी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड वेलेस्ली। सहायक संधि प्रणाली का आविष्कार लॉर्ड वेलेस्ली ने किया था, जिसका उद्देश्य भारतीय राज्यों को ब्रिटिश प्रभाव में लाना और उन्हें फ्रांस या अन्य यूरोपीय शक्तियों से स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोकना था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी, ब्रिटिश सेना का खर्च उठाना पड़ता था, और ब्रिटिश रेजिडेंट को अपने दरबार में रखना पड़ता था। बदले में, ब्रिटिश सरकार उनकी बाहरी सुरक्षा की गारंटी देती थी। हैदराबाद पहला राज्य था जिसने 1798 में सहायक संधि स्वीकार की।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस स्थायी बंदोबस्त के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का उन्मूलन किया। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 17: 1905 में ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना किसने की?

  1. महात्मा गाँधी
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. गोपाल कृष्ण गोखले
  4. लाला लाजपत राय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गोपाल कृष्ण गोखले। गोपाल कृष्ण गोखले, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नरमपंथी नेता थे, ने 1905 में पुणे में ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संस्था का मुख्य उद्देश्य भारत के लोगों के लिए राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बढ़ावा देना, राष्ट्रीय भावना का विकास करना और सार्वजनिक जीवन में सेवा और समर्पण की भावना का प्रसार करना था। यह संस्था भारतीय राष्ट्रवाद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: महात्मा गाँधी ने ‘सर्वोदय समाज’ और ‘हरिजन सेवक संघ’ जैसे संगठनों की स्थापना की। बाल गंगाधर तिलक गरमपंथी नेता थे और उन्होंने ‘दक्कन एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना में भूमिका निभाई। लाला लाजपत राय ‘पंजाब नेशनल बैंक’ और ‘लोक सेवा मंडल’ से जुड़े थे।

प्रश्न 18: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

  1. 1929
  2. 1930
  3. 1931
  4. 1932

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1931। गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने के बदले में किया गया था। इस समझौते में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें नमक सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तार लोगों की रिहाई और आंदोलन के दौरान जब्त की गई संपत्तियों की वापसी शामिल थी। इसने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ जहाँ पूर्ण स्वराज का लक्ष्य घोषित किया गया। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1932 में पूना पैक्ट हुआ।

प्रश्न 19: ‘भागवत गीता’ का फारसी अनुवाद किसने करवाया था?

  1. अकबर
  2. दारा शिकोह
  3. औरंगजेब
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अकबर। मुगल सम्राट अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति के तहत संस्कृत के कई महत्वपूर्ण ग्रंथों का फारसी में अनुवाद करवाया, जिनमें ‘भागवत गीता’ भी शामिल थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ‘भागवत गीता’ का फारसी अनुवाद ‘रज़्मनामा’ (अर्थात युद्ध की पुस्तक) के नाम से जाना जाता है, जिसे फैजी और अब्दुल कादिर बदायूँनी ने मिलकर किया था। अकबर ने ‘रामायण’, ‘महाभारत’ और ‘अथर्ववेद’ जैसे अन्य ग्रंथों का अनुवाद भी करवाया था।
  • गलत विकल्प: दारा शिकोह ने ‘भगवद गीता’ और ‘उपनिषदों’ का फारसी में अनुवाद करवाया था, जिसे ‘सर-ए-अकबर’ कहा जाता है। हालाँकि, अकबर के समय में ही इसका पहला अनुवाद शुरू हो गया था। औरंगजेब और शाहजहाँ ने इस दिशा में कोई विशेष कार्य नहीं किया।

प्रश्न 20: ‘रॉलेट एक्ट’ कब पारित हुआ?

  1. 1918
  2. 1919
  3. 1920
  4. 1921

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1919। ब्रिटिश सरकार ने 1919 में ‘रॉलेट एक्ट’ पारित किया, जिसे ‘बिना दलील, बिना वकील, बिना अपील’ का कानून भी कहा जाता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस कानून ने सरकार को राजनीतिक कैदियों को बिना किसी मुकदमे के अनिश्चित काल तक जेल में रखने की शक्ति दी। यह अधिनियम प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारत में बढ़ते राष्ट्रवाद को दबाने के उद्देश्य से लाया गया था। इसके विरोध में महात्मा गांधी ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जो जलियांवाला बाग हत्याकांड का कारण बनी।
  • गलत विकल्प: 1918 में युद्ध समाप्त हुआ, 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, और 1921 में विभिन्न राष्ट्रीय आंदोलन सक्रिय थे।

प्रश्न 21: ‘फ्रांस की क्रांति’ का प्रमुख नारा क्या था?

  1. ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’
  2. ‘धर्म, राष्ट्र, नेता’
  3. ‘शांति, ब्रेड, लैंड’
  4. ‘सभी शक्तियाँ राष्ट्रीय सभा को’

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité)। यह नारा 1789 की फ्रांसीसी क्रांति का केंद्रीय आदर्श वाक्य बन गया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य के प्रतीकों में से एक है और आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। यह क्रांति के मूलभूत सिद्धांतों को दर्शाता है, जिसमें पुरानी राजशाही और सामंती व्यवस्था को उखाड़ फेंकने और एक ऐसे समाज का निर्माण करना शामिल था जहाँ सभी नागरिक स्वतंत्र, समान और बंधुत्व के बंधन से बंधे हों।
  • गलत विकल्प: ‘शांति, ब्रेड, लैंड’ रूसी क्रांति (1917) का नारा था। अन्य विकल्प क्रांति के कुछ तत्वों से संबंधित हो सकते हैं, लेकिन वे मुख्य नारा नहीं थे।

प्रश्न 22: ‘पुनर्जागरण काल’ का प्रारंभ कहाँ से माना जाता है?

  1. फ्रांस
  2. इंग्लैंड
  3. इटली
  4. जर्मनी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: इटली। पुनर्जागरण (Renaissance) का अर्थ है ‘पुनर्जन्म’। यह वह काल था जब यूरोप में कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में प्राचीन यूनानी और रोमन सभ्यताओं के विचारों का पुनरुद्धार हुआ। इसका प्रारंभ 14वीं शताब्दी में इटली के फ्लोरेंस शहर से हुआ।
  • संदर्भ एवं विस्तार: लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे महान कलाकारों; दांते, पेट्रार्क, बोकासियो जैसे लेखकों; और मैकियावेली जैसे विचारकों ने इस काल को समृद्ध किया। इटली के समृद्ध शहर-राज्य, व्यापार और प्राचीन रोमन अवशेषों की उपस्थिति ने इसे पुनर्जागरण का केंद्र बनाया।
  • गलत विकल्प: पुनर्जागरण की लहर बाद में फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों में फैली, लेकिन इसका उद्गम स्थल इटली ही था।

प्रश्न 23: ‘प्रथम विश्व युद्ध’ का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी का आक्रामक विस्तारवाद
  2. ऑस्ट्रिया-हंगरी के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
  3. साम्राज्यवादी प्रतिस्पर्धा
  4. राष्ट्रवाद की भावना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ऑस्ट्रिया-हंगरी के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या। 28 जून, 1914 को साराजेवो में सर्बियाई राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण बनी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस हत्या के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसे सर्बिया पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर सका। इसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की, और इसके साथ ही विभिन्न देशों के बीच बने गठबंधन सक्रिय हो गए, जिससे यह एक वैश्विक संघर्ष में बदल गया।
  • गलत विकल्प: जर्मनी का विस्तारवाद, साम्राज्यवादी प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रवाद की भावना जैसे कारक युद्ध के मूल कारण थे, लेकिन हत्या वह चिंगारी थी जिसने तत्काल युद्ध भड़का दिया।

प्रश्न 24: ‘महान आर्थिक मंदी’ (Great Depression) कब शुरू हुई?

  1. 1914
  2. 1929
  3. 1939
  4. 1945

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1929। 1929 के अंत में अमेरिकी शेयर बाजार में आई भयानक गिरावट (Wall Street Crash of 1929) ने ‘महान आर्थिक मंदी’ की शुरुआत को चिह्नित किया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह मंदी 1930 के दशक तक जारी रही और इसने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। उत्पादन में भारी गिरावट, बेरोजगारी में अभूतपूर्व वृद्धि, और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में ठहराव इसके प्रमुख लक्षण थे। इस मंदी के राजनीतिक और सामाजिक परिणाम भी बड़े हुए, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के कारणों में योगदान दिया।
  • गलत विकल्प: 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ, 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ, और 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ।

प्रश्न 25: ‘क्रिप्स मिशन’ भारत कब आया था?

  1. 1940
  2. 1941
  3. 1942
  4. 1945

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1942। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश सरकार ने युद्ध में भारतीयों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से सर स्टैफ़ोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में एक मिशन 1942 में भारत भेजा था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: क्रिप्स मिशन ने भारत को डोमिनियन स्टेटस देने और युद्ध के बाद संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव दिया था। हालाँकि, यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को पूरा नहीं कर सका, जिसके कारण मिशन असफल रहा और कांग्रेस ने इसे अस्वीकार कर दिया।
  • गलत विकल्प: 1940 में ‘अगस्त प्रस्ताव’ आया था। 1941 में ब्रिटिश सरकार ने अधिक घोषणाएं की थीं। 1945 में ‘ शिमला सम्मेलन’ और ‘कैबिनेट मिशन’ आया था।

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